Main Teri Heer Season 5 – 63
Main Teri Heer Season 5 – 63

सारिका ने वंश से निशि से शादी की बात कही तो वंश ने कहा कि वह शादी करना नहीं चाहता। वंश की बात सुनकर सारिका हैरान थी उसने वंश की तरफ देखा और कहा,”तुम निशि से शादी करना नहीं चाहते ? हमे लगा तुम दोनों एक दूसरे को पंसद करते हो,,,,,,,,!!”
वंश ने कुछ सेकेंड सारिका को देखा और कहा,”वेट वेट वेट अपने शायद गलत समझ लिया , माँ मैंने निशि को पसंद करता हूँ और शादी भी उसी से करना चाहता हूँ , मैं बस ये कह रहा था कि मुझे अभी शादी नहीं करनी,,,,,,,,,,आप जानती है न अभी मुझे अपना सपना पूरा करना है और अभी तो मेरी सीरीज भी कम्प्लीट नहीं हुई है और निशि , उसकी अभी शादी करने की उम्र है क्या ? उसे भी अपने करियर पर फोकस करना है,,,,,,मैं हॉउस वाइफ से शादी नहीं करूंगा मुझे ऐसी लड़की चाहिए जो मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले”
सारिका ने सुना तो उसने राहत की साँस ली और कहा,”ओह्ह्ह वंश तुमने तो हमे डरा ही दिया , हमे लगा तुम निशि से शादी करना नहीं चाहते,,,,,,,,!!”
“फ़िलहाल तो मैं काशी और मुन्ना की शादी एन्जॉय करने के मूड में हूँ,,,,,क्या काशी बनारस आ चुकी है ?”,वंश ने पूछा
“काशी , तुम्हारे नाना-नानीजी के साथ कल शाम इंदौर से बनारस के लिए निकल जाएगी। शादी में सिर्फ 10 दिन बचे है और सब काम बाकि है”,सारिका ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“डोंट वरी माँ ! मैं हूँ ना अपनी बहन की शादी की सारी जिम्मेदारियां मैं अपने मजबूत कंधो पर ले लूंगा”, वंश ने अपने हाथो को उठाकर अपने बाइसेप्स दिखाते हुए कहा तो सारिका हस पड़ी और कहा,”पागल लड़का , काशी की शादी की जिम्मेदारियां शिवम् जी पहले ही अपने कंधो पर ले चुके है तुम्हे बस हमारे साथ
बनारस जाना है और शादी में एन्जॉय करना है”
“वो तो मैं करूंगा ही , वैसे हम बनारस कब जा रहे है ?”,वंश ने पूछा
“कल दोपहर तक हम अपने सारे जरुरी काम निपटा ले उसके बाद परसो अर्ली मॉर्निंग फ्लाइट से निकल जायेंगे,,,,,,,,,,तुम्हे अपना जो जो सामान पैक करना हो वो कल शाम तक रख लेना”,सारिका ने उठते हुए कहा
“हम्म्म ठीक है”,वंश ने कहा और अपना विडिओ गेम खेलने में बिजी हो गया।
शिवम् का घर , बनारस
शक्ति के जाने के बाद आई बाबा और शिवम् घर चले आये। जिस तरह मुरारी के घर में मुन्ना की शादी की तैयारियां चल रही थी वैसे ही शिवम् के घर में भी काशी की शादी की तैयारियां जोरो शोरो से चल रही थी बस काशी ही यहाँ मौजूद नहीं थी।
“शिवम् भैया ! आपसे मिलने बाहर कुछ लोग आये है”,घर के नौकर ने आकर हॉल में बैठे शिवम् से कहा तो शिवम् उठकर बाहर चला आया। शिवम् ने देखा बाहर टेंट वाले और फूलमाला वाले लोग खड़े थे। शिवम् उन्हें अंदर ले आया और सारा काम समझाने लगा। शिवम् बहुत ही ध्यान से और गंभीरता से सारी बातें बता रहा था कि कहा कैसा डेकोरशन होगा ? कौनसे रंग के फूल लगेंगे ? बाबा और आई शिवम् को देख रहे थे।
“शिवा कितने मन से सब काम करवा रहा है ना कावेरी ?”,बाबा ने शिवम् को देखकर प्यार भरे स्वर में कहा
“हाँ अपनी बिटिया के ब्याह मा जे सब हर बाप करता है , आप भी तो किये थे अपनी राधिका बिटिया के ब्याह मा”,आई ने कहा
“हाँ और उह्ह बख्त हमहू जो महसूस किये रहय आज शिवा भी वही महसूस कर रहा होगा , अभी सबके सामने बहुते कठोर बन रहा है पर देखना जब काशी बिटिया विदा होकर जे घर से जाही है तो सबसे जियादा शिवा ही रोये रहय”,बाबा ने कहा
“अरे विदा तो तब होगी ना जब उह्ह हिया होगी , आजकल के बच्चो को ब्याह शादी का कोनो चाव ही नाही रह गवा है ,, एक हमाओ जमानो रहो शादी से महीना भर पहिले ही घर मा ढोल-नगाड़े बजने लगते थे , औरतन मंगल गीत गाना शुरू कर देती थी , और मोड़ा मोढ़ी को दुइ हफ्ते पहिले ही हल्दी तेल चढ़ना शुरू हो जाता था ताकि शादी वाले दिन ओह्ह के चेहरे चाँद की तरह चमके पर देखो हिया तो दुल्हिन ही गायब है,,,,,,!!”,आई ने कहा
“अरे तो आई ढोल नगाड़े बजवाईये , मंगल गीत गाईये ना मना किसने किया है ?
और कोई भी घर शादी का घर तभी लगता है ना जब घर में मेहमान हो , हम आज ही घर की पहली मेहमान राधिका और दामाद जी को न्योता भेज देते है और गाड़ी भेज देते है ताकि काशी और मुन्ना की भुआ शादी में पधारे आखिर शादी की रस्मो की शुरुआत तो उसी को करनी है ना”,शिवम् ने आई की तरफ आते हुए कहा
“हाँ शिवा बात तो तुम्हारी भी सही है , घर मा दुइ चार मेहमान हुई है तो शादी वालो घर लगे”,बाबा ने शिवम् की बात पर सहमति जताई
“और रही बात तेल हल्दी की तो आई अब ज़माना बदल चुका है , आजकल बस मोढ़ा मोढ़ी को एक दिन तेल हल्दी चढ़ता है,,,,,,,और चाँद सा चेहरा चमकाने के लिए पार्लर वाली है ना आप काहे चिंता कर रही है ?”,शिवम् ने कहा
शिवम् के मुंह से पार्लर का नाम सुनकर आई ने उठते हुए कहा,”अरे अच्छा याद दिलाया शिवा , हमहु पार्लर वाली को फोन करके आते है ताकि परसो बख्त पर आ जाये , ओह्ह के बाद तो जे सब के लिए बख्त ना मिली है”
शिवम् और बाबा ने सुना तो हैरानी से पहले आई को देखा और फिर एक दूसरे को
“काबेरी जे उम्र मा तुमहू अब बूटी पार्लर जाही हो ?”,बाबा ने पूछा क्योकि शिवम् में तो इतनी हिम्मत नहीं थी जो आई से ऐसा सवाल कर सके
“हमाये पार्लर जाने का उम्र से का लेना देना , हमहू का बूढ़ा गए है ? अरे हमायी पोती और पोता को ब्याह है हमहू तो पूरे 16 श्रृंगार करे है इह बार,,,,,,,!!”,आई ने तुनककर कहा
बाबा ने हाथ जोड़े और कहा,”जी देवी जी जैसा आपको ठीक लगे पर इत्ता मेकअप भी नाही करवा लेना कि शादी मा हमहू पहिचान ही ना पाए तोह का”
“का आप भी”,आई ने शरमाकर कहा और वहा से चली गयी
बाबा और शिवम् दोनों ही हस पड़े और फिर बाबा ने शिवम् से कहा,”शिवा किसी तरह की कोनो जरूरत हो तो हमे बेझिझ बताना,,,,,,,,!!”
“हाँ बाबा,,,,,,,,,,,हम वो जरा हलवाई से मिल ले उन्हें सब काम बता दे,,,,,,,,!!”,शिवम् ने उठते हुए कहा
” हाँ हमहू भी अपने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन कर दे शादी में आने के लिए और “बृजमोहन” को भी खबर कर देते है ताकि उह्ह अपनी पोती के साथ शादी मा आये और सुमन बिटिया को वंश से भी मिलवा दे”,बाबा ने अपने कमरे की तरफ जाते हुए कहा
बाबा के मुंह से सुमन का नाम सुनकर शिवम् को वंश का ख्याल आया और वंश के साथ आज पहली बार शिवम् को निशि का ख्याल आया। उसकी आँखों के सामने मुन्ना की सगाई के पल आने लगे जब निशि और वंश साथ साथ खुश थे। शिवम् का मन एकदम से बेचैनी से घिर गया उसे वंश और निशि के साथ अपने जवानी के दिनों की याद आने लगी जब उसकी आँखों के सामने सारिका की सगाई किसी और से होने जा रही थी।
शिवम को एक सिहरन हुई और वह अतीत से वापस वर्तमान में आया और खुद में ही बड़बड़ाया,”बाबा ने वंश के लिए सुमन को पसंद किया है और हम बाबा को वचन दे चुके है लेकिन अगर वंश को कोई और पसंद रही तो,,,,,,,,,,,कही हमने बाबा को वचन देकर वंश के साथ गलत तो नहीं कर दिया,,,,,,,,,!!”
“शिवम् भैया वो हलवाई जी आपको बुला रहे है”,नौकर ने आकर कहा तो शिवम् की तंद्रा टूटी और वह उसके साथ चला गया।
मुरारी का घर , बनारस
शक्ति को रेलवे स्टेशन छोड़कर मुन्ना घर चला आया। घर आया तो किशना ने उसे ऑफिस रूम में जाने को कहा। मुन्ना से मिलने पार्टी हॉउस के कुछ लोग आये हुए थे। मुरारी भी ऑफिस रूम में उनके साथ ही बैठा था। मुन्ना वहा आया सबको नमस्ते किया और फिर खाली सोफे पर आ बैठा। सभी मुन्ना को युवा नेता बनने के लिए बधाई देने आये थे साथ ही मुन्ना के साथ आज जो हुआ उसके लिए सहानुभूति जताने भी। किशना सबके लिए चाय नाश्ता ले आया। सभी बाते करने लगे।
अधिकारी ने मुन्ना से जल्दी ही पार्टी हॉउस ज्वाइन करने को कहा लेकिन मुरारी ने मना कर दिया और मुन्ना की शादी के बारे में उन्हें बताया तो सभी खुश हो गए और एक बार फिर मुन्ना को बधाई देने लगे। मुन्ना बस शरमाते मुस्कुराते सबको धन्यवाद कर रहा था। चाय नाश्ते के बाद सभी उठे और मुरारी मुन्ना उन्हें बाहर तक छोड़ने चले आये। मुरारी ने सभी को मुन्ना की शादी में आने को कहा और फिर लॉन की तरफ चला आया जहा डेकोरेशन का नाप लेने लड़के आये हुए थे।
मुन्ना का फोन बजा स्क्रीन पर गौरी का नंबर देखकर मुन्ना मुस्कुरा उठा। उसने फोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हाँ गौरी”
“मान ! क्या तुम्हे नहीं लगता जैसे जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे है तुम मुझे भूलते जा रहे हो ?”,गौरी ने प्यार से शिकायती लहजे में कहा
“हम तुम्ह कभी नहीं भूलते तुम हमेशा हमारे दिमाग में रहती हो,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“अच्छा ये बताओ गोल्ड या प्लेटिनम ?”,गौरी ने पूछा
“मतलब ?”,मुन्ना ने पूछा
“अरे बाबा पहले बताओ , गोल्ड या प्लेटिनम ?”,गौरी ने कहा
“पहले हमे बताओ क्यों ?”,मुन्ना ने भी जिद करके कहा
“मैं मम्मा के साथ जेवेलर्स के यहाँ हूँ बाकि सब तो मम्मा और अंकल ने अपनी पसंद से ले लिया है और तुम्हारे लिए मुझे गिफ्ट मुझे पसंद करने को कहा है तो मैंने तुम्हारे लिए ब्रासलेट पसंद किया है अब मैं कन्फ्यूज हूँ कि गोल्ड लू या प्लेटिनम ? तो तुम मुझे बताओ तुम्हे कौनसा चाहिए ? गोल्ड या प्लेटिनम ?”,गौरी ने एक साँस में कहा
मुन्ना ने सुना तो समझ गया और कहा,”सिल्वर , हमे सिल्वर में चाहिए”
“क्या ? सिल्वर में , सिल्वर में तो ये काफी चीप लगेगा ना मान,,,,,,,,तुम गोल्ड और प्लेटिनम में से बताओ ना”,गौरी ने कहा
“नहीं गौरी ! अगर हमारी पसंद से लेना है तो फिर हम चाहेंगे की तुम सिल्वर ही लो”,मुन्ना ने कहा
“अच्छा लेकिन सिल्वर ही क्यों ?”,गौरी ने कहा
“क्योकि जिन्हे गुस्सा ज्यादा आता है उन्हें हाथ में सिल्वर पहनना चाहिए और हमे लगता है आजकल हम कुछ ज्यादा ही गुस्सा करने लगे है”,मुन्ना ने कहा
“हाह ! कुछ भी , तुम्हारे जितना स्वीट इंसान तो पुरे बनारस में नहीं है,,,,,,,,,,,पक्का तुम्हे सिल्वर ही चाहिए ?”,गौरी ने एक बार फिर पूछा
“हम्म्म,,,,,,,,हमे अच्छा लगेगा”,मुन्ना ने कहा
“गौरी ज़रा मुझे बात करवाना”,गौरी के पास बैठी नंदिता ने कहा तो गौरी ने अपना फोन उन्हें दे दिया।
नंदिता ने फोन कान से लगाया और कहा,”हेलो ! मानवेंद्र जी , आपने गोल्ड और प्लेटिनम के लिए मना करके सिल्वर के लिए कहा , बेटा शर्माने की जरूरत नहीं है आपको अगर उनमे से कोई चाहिए तो आप बेझिझ कह सकते है”
“प्रणाम”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“आयुष्मान भव , खूब खुश रहिये और तरक्की कीजिये”,नंदिता ने कहा
“फिर तो आपको हमे दो बार आशीर्वाद देना पडेगा”,मुन्ना ने कहा
“मतलब ?”,नंदिता ने पूछा
“हम बनारस के नए युवा नेता के लिए चुने गए है , शादी के कुछ दिन बाद पार्टी हॉउस ज्वाइन करेंगे”,मुन्ना ने मुस्कुरा कर कहा
नंदिता ने सुना तो मुस्कुरा उठी और कहा,”बहुत बहुत बधाई आपको”
“शुक्रिया ! अब आपकी बात पर आते है , आप हमारे लिए माँ जैसी है और माँ से कुछ भी मांगने में कैसी झिझक ,, हम जानते है गौरी की शादी का सब इंतजाम आपको अकेले करना पड़ रहा है ऐसे में कुछ भी ऐसा वैसा मांगकर हम आपकी परेशानिया बढ़ाना नहीं चाहते। गोल्ड और प्लेटिनम का भाव बहुत ज्यादा है , आपको हमे तोहफा देना है और तोहफा तो तोहफा होता है।
लेने से पहले ये नहीं देखा जाता कि वो गोल्ड में है या प्लेटिनम में बस देने वाले का भाव देखा जाता है , और आपका भाव गोल्ड और प्लेटिनम से भी महगा है। गौरी को हम ये बात समझाते तो वह शायद नहीं समझती पर हम समझते है इसलिए हमे सिल्वर ही चाहिए”
मुन्ना ने बहुत ही शांत और सहज भाव से कहा।
नंदिता ने सुना तो उसकी आँखों में नमी तैर गयी। उसने नहीं सोचा था कि उसका होने वाला दामाद इतना समझदार होगा। उन्होंने मुन्ना से कहा,”गौरी बहुत खुशनसीब है मानवेन्द्र जी , मुझे ख़ुशी है मैं उसे सही हाथो में सौंपने जा रही हूँ। आज मुझे आपकी सास होने पर गर्व महसूस हो रहा है , खुश रहिये”
मुन्ना मुस्कुरा उठा और कहा,”हमने वही किया जो हमे सही लगा , हमारे या हमारे घरवालों के लिए ऐसा कुछ भी मत कीजियेगा जिस आपको परेशानी हो , हम आपके बेटे जैसे है आप हमसे सब कह सकती है और हमारे पापा उन्हें पता चला तो वो ये सब कभी स्वीकार नहीं करेंगे,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म,,,,,,,,,एक हफ्ते पहले हम लोग वहा आ जायेंगे”,नंदिता ने कहा
“हाँ पापा ने सब इंतजाम करवा दिया है,,,,,,,,,अभी हम रखते है हमे थोड़ा काम है”,मुन्ना ने कहा
नंदिता ने फोन काट दिया और मुन्ना अंदर चला गया
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संजना किरोड़ीवाल


मुन्ना मुस्कुरा उठा और कहा,”हमने वही किया जो हमे सही लगा , हमारे या हमारे घरवालों के लिए ऐसा कुछ भी मत कीजियेगा जिस आपको परेशानी हो , हम आपके बेटे जैसे है आप हमसे सब कह सकती है और हमारे पापा उन्हें पता चला तो वो ये सब कभी स्वीकार नहीं करेंगे,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म,,,,,,,,,एक हफ्ते पहले हम लोग वहा आ जायेंगे”,नंदिता ने कहा
“हाँ पापा ने सब इंतजाम करवा दिया है,,,,,,,,,अभी हम रखते है हमे थोड़ा काम है”,मुन्ना ने कहा
नंदिता ने फोन काट दिया और मुन्ना अंदर चला गया
मुन्ना मुस्कुरा उठा और कहा,”हमने वही किया जो हमे सही लगा , हमारे या हमारे घरवालों के लिए ऐसा कुछ भी मत कीजियेगा जिस आपको परेशानी हो , हम आपके बेटे जैसे है आप हमसे सब कह सकती है और हमारे पापा उन्हें पता चला तो वो ये सब कभी स्वीकार नहीं करेंगे,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म,,,,,,,,,एक हफ्ते पहले हम लोग वहा आ जायेंगे”,नंदिता ने कहा
“हाँ पापा ने सब इंतजाम करवा दिया है,,,,,,,,,अभी हम रखते है हमे थोड़ा काम है”,मुन्ना ने कहा
नंदिता ने फोन काट दिया और मुन्ना अंदर चला गया