Main Teri Heer Season 5 – 60
Main Teri Heer Season 5 – 60

नवीन और निशि हैरानी से अपने सामने बैठी सारिका को देख रहे थे। सारिका के होंठो पर एक प्यारी और शांत मुस्कान थी।
“निशि कभी सीरीज में काम करना नहीं चाहती थी” ये सुनकर नवीन ने हिरानी से निशि को देखा और निशि मन ही मन परेशान थी कि सारिका को इस बारे में कैसे पता ? नवीन सारिका के पास आया तो सारिका ने उसे केबिन में पड़े सोफे पर बैठने को कहा और खुद भी उठकर उसके पास चली आयी। निशि हैरान परेशान सी अपनी जगह पर खड़ी थी सारिका ने देखा तो निशि से कहा,”निशि ! तुम भी आओ , वहा क्यों खड़ी हो ?”
निशि आकर नवीन के बगल में बैठ गयी। नवीन ने एक नजर निशि को देखा और फिर सारिका की तरफ पलटकर कहा,”मैडम ! आपको कोई ग़लतफ़हमी हुई है , निशि ने खुद मुझसे कहा है कि वो सीरीज में काम करना चाहती है”
“निशि कभी सीरीज में काम करना चाहती ही नहीं थी नवीन , ये तो उसने वंश की वजह से चुना था।”,सारिका ने सहजता से कहा
नवीन ने सुना तो और ज्यादा हैरान हो गया और कहा,”ये आप क्या कह रही है ? निशि वंश के लिए सीरीज में काम क्यों करेगी ?”
सारिका कुछ देर शांत रही और फिर कहने लगी,”नवीन ! हम घुमा फिरा कर बात नहीं करेंगे , वंश और निशि एक दूसरे को पसंद करते है और आई थिंक की ये रिश्ता सिर्फ पसंद तक सिमित नहीं रह गया है। निशि एक होनहार लड़की है और पढाई में काफी अच्छी है इसे अकाउंट्स और मार्केटिंग में दिलचस्पी है और तुम्हारी तरह ये भी हमेशा से बिजनेस लाइन में ही जाना चाहती थी लेकिन मोहब्बत जो ना कराये वो कम है नवीन,,,,,,,,!!”
निशि तो नजरे नीचे किये चुपचाप सुन रही थी उसने सपने मे भी नहीं सोचा था सारिका नवीन के सामने ये सब कहेगी।
सारिका के मुंह से निशि और नवीन के रिश्ते की बात सुनकर नवीन को इतनी हैरानी नहीं हुई जितनी निशि के सीरीज में काम ना करने को लेकर हुई। नवीन सारिका की तरफ देखने लगा तो सारिका आगे कहने
लगी,”मोहब्बत ही तो थी नवीन जिसने हमे मुंबई छोड़कर बनारस जाने के लिए मजबूर कर दिया , निशि के साथ भी वही हुआ , वंश के साथ रह सके , उसके आस पास रह सके सोचकर निशि ने सीरीज ज्वाइन कर ली पर हम नहीं चाहते वंश के लिए निशि अपने सपनो को भूल जाए,,,,,,,इसलिए हमने निशि को एक मौका दिया है हमारी कम्पनी में अपनी काबिलियत साबित करने का,,,,,,,,,रही बात वंश और निशि के रिश्ते की तो आज शाम हम तुम्हारे घर आ रहे है तुमसे और मेघना से निशि का हाथ मांगने,,,,,,,,!!”
निशि ने सुना तो उसका मन तो ख़ुशी से झूम उठा , उसे तो अपने कानो पर यकीन ही नहीं हो रहा था कि सारिका इतनी आसानी से उसके और वंश के रिश्ते के लिए मान गयी है। उसका दिल किया अभी अपनी जगह से उठे और हवा में उछलकर अपनी ख़ुशी जाहिर करे लेकिन निशि ने खुद को रोक लिया और नवीन के
बोलने का इंतजार करने लगी। सारिका ने नवीन को खामोश देखा तो प्यार से कहा,”क्या हुआ नवीन ? क्या आपको हमारी बात पसंद नहीं आयी ?”
“अह्ह्ह्ह नहीं मैडम ! ऐसी बात नहीं है , वंश के लिए निशि का रिश्ता करके आपने मुझे बस थोड़ा उलझन में डाल दिया है”,नवीन ने कहा
“कैसी उलझन नवीन ?”,सारिका ने पूछा
“मैडम ! आप इतनी बड़ी कम्पनी की सीओ है और मैं एक मामूली बिजनेसमैन,,,,,,,,सर भी बनारस में बहुत अच्छी पोजीशन पर है। इन बड़े संपन्न घर में निशि का रिश्ता करना,,,,,आप हमेशा मेरे लिए मालकिन रही है मैडम मैं आपसे रिश्ता कैसे,,,,,,,!!”,नवीन ने इतना ही कहा
सारिका ने उसकी बात काटकर कहा,”किस जमाने में जी रहे हो नवीन ? क्या हमने कभी आपके साथ मालकिन जैसा बर्ताव किया ? अगर हम आपकी तरह सोचते तो आज शिवम् जी हमारी जिंदगी में नहीं होते , हमने उन्हें तब चुना जब उनके पास कुछ नहीं था लेकिन उनके पास सबसे बड़ी दौलत थी और वो थी हमारे लिए मोहब्बत,,,निशि और वंश भी एक दूसरे को पसंद करते है नवीन और हम नहीं चाहते जैसे हमने या आपने अपना प्यार पाने के लिए मुश्किलों का सामना किया वैसे हमारे बच्चे भी करे,,,,,,,,,,,,हमे निशि पसंद है नवीन , अब आगे का फैसला हम तुम पर छोड़ते है”
नवीन ने देखा सारिका ने बच्चो के रिश्ते में अपनी दौलत की दिवार को बीच में आने नहीं दिया। उसने हामी में सर हिला दिया तो सारिका ने मुस्कुरा कर कहा,”हम आज शाम वंश के साथ घर आते है,,,,,,,,,,अभी हमे थोड़ा काम है , आप अपना ऑफिस सम्हालिए और निशि,,,,,,,!!”
“जी आंटी,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“कल से ऑफिस आना शुरू कर दो,,,,,ये पूरा हफ्ता हम यही है मुंबई में तो सभी जरुरी काम हम तुम्हे समझा देंगे उसके बाद नवीन तो है ही ये तुम्हे सब सीखा देगा और उसके बाद तुम्हे ही ये सब सम्हालना है,,,,,,,,तो कल सुबह 10 ओ क्लॉक”,सारिका ने सधे हुए स्वर में कहा
“हम्म्म ठीक है आंटी,,,,,,,,,,,थैंक्यू”,निशि ने कहा
“माय प्लेजर,,,,,,,!!”,सारिका ने उठते हुए कहा और अपने टेबल की तरफ चली गयी। नवीन उठा और निशि के साथ केबिन से बाहर जाने के लिए बढ़ गया। निशि के मन में अभी भी किसी बात को लेकर उथल पुथल थी नवीन के साथ चलते चलते वह पलटकर सारिका के पास आयी और धीमे स्वर में पूछा,”आपको कैसे पता मैं सीरीज में काम करना नहीं चाहती थी ?”
सारिका मुस्कुराई और धीमे स्वर में कहा,”वो जो घर पर तुम्हारा चिरकुट है ना , उसके पेट में कोई बात नहीं टिकती और वो अपनी माँ से कुछ नहीं छुपाता”
निशि ने सुना तो मुस्कुराई और सारिका के गाल पर किस करके कहा,”थैंक्यू,,,,,,,,!!”
निशि दरवाजे की तरफ बढ़ गयी और सारिका मुस्कुराते हुए अपने लेपटॉप पर काम करने लगी। एक मेल टाइप करते करते सारिका के जहन में एक ख्याल कौंधा और उसकी उंगलिया धीमी पड़ गयी।
“वंश निशि एक दूसरे को पसंद करते है और हमने अकेले ही उनकी शादी का फैसला कर लिया। हमे शिवम् जी से बात करनी चाहिए थी,,,,,,,,,,,,,,नहीं अगर हमने शिवम् जी को इस बारे में बताया तो वो मना कर देंगे क्योकि वे पहले ही बाबा को वचन दे चुके है,,,,,,,,,लेकिन उनके वचन देने से क्या ? जब मुन्ना और काशी को अपनी मर्जी से अपनी पसंद से अपना जीवनसाथी चुनने का हक़ है तो वंश को क्यों नहीं ? हम वंश के साथ ये अन्याय होने नहीं दे सकते,,,,,,,,,,
बाबा वंश के लिए कोई लड़की पसंद करे इस से पहले हमे सबके सामने निशि और वंश के रिश्ते को उजागर करना होगा। बहुत देख चुके मोहब्बत में अग्नि परीक्षाएं अब सबको सबका प्यार मिलेगा,,,,,,,,,!!”,सारिका ने खुद से कहा और ये कहते हुए उसके चेहरे पर आत्मविश्वास और वही पुरानी सारिका झलक रही थी जिसने कभी गलत सहन नहीं किया।
पुलिस स्टेशन , बनारस
“हमहू कितनी बार कहे कि हमने मुन्ना पर गोली नाही चलाई , तुमहू हमायी बात का विश्वास काहे नहीं कर रहे ?”,इन्वेस्टिगेशन रूम में बैठे भूषण ने झुंझलाकर सामने बैठे शक्ति से कहा
“भूषण ! हमने अपनी आँखो से तुम्हे मुन्ना पर निशाना साधते और गोली चलाते देखा है , जो बन्दुक मिली है उस पर तुम्हारी उंगलियों के निशान है इसलिए हम से चालाकी करने की कोशिश मत करो। हमे ये बताओ तुमने मानवेन्द्र मिश्रा पर गोली क्यों चलाई ? क्यों मारना चाहते थे तुम उसे ? बताओ हमे”,शक्ति ने कठोरता से कहा
“हाँ हमहू मुन्ना को मारना चाहते थे लेकिन मार नाही पाए,,,,,,,,उह्ह साला मुन्ना हमेशा उह्ह हमाये बीच मा आया है उसके और हमाये बीच दुश्मनी आज से नाही है। एक ही दोस्त था हमारा राजन उसको भी उह्ह मुन्ना हम से छीन लिए,,,,,,,,,बचपन से हमहू बनारस मा विधायक बनने का सपना देख रहे है और आज जब युवा नेता बनने का बख्त आया तो जे भी उह्ह मुन्ना हम से छीन लिए,,,,,हम उसे मारना चाहते थे लेकिन हमने उस पर गोली नहीं चलाई,,,,,,,,,,हमरा विश्वास करो हमहू सच कह रहे है”,भूषण ने कहा और कहते कहते मायूसी उसके चेहरे पर झिलमिलाने लगी
शक्ति ने भूषण की तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुराया। शक्ति को मुस्कुराते देखकर भूषण के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये। शक्ति ने टेबल पर रखा छोटा सा कैमरा उठाया और कहा,”तुमने खुद अपने ही मुंह से अपने लिए बयान देकर हमारा और पुलिस का काम आसान कर दिया , इंस्पेकटर ले जाओ इसे”
इंस्पेक्टर आया और भूषण की हथकड़ी पकड़कर उसे वहा से ले गया। शक्ति के सामने से गुजरते हुए भूषण ने जलती आँखों से उसे देखा और कहा,”तुमहू बहुते बड़ी गलती कर रहे हो शक्ति , हम झूठ नाही बोल रहे”
“ले जाओ इसे,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कठोरता से कहा और इंस्पेक्टर भूषण को वहा से लेकर चला गया और शक्ति भी पुलिस स्टेशन से निकल गया उसे अब मुन्ना से मिलना था और जानना था कि आखिर मुन्ना ने राजनीती में कदम क्यों रखा ?
मुरारी का घर , बनारस
“अरे वाह किशना तुम्हाये हाथो का स्वाद तो बढ़ गवा है , जे कढ़ी तो बहुते स्वाद बनी है थोड़ी और दयो”,डायनिंग टेबल पर बैठी आई ने कहा।
तारीफ सुनकर किशना मुस्कुरा उठा और आई की प्लेट में पड़ी खाली कटोरी में कढ़ी परोस दी।
“अरे आई आप जे कढ़ी पर पिघल गयी , किसी दिन किशना के हाथ से बना मलाई कोफ्ता खिलाएंगे आपको उंगलिया चाटती रह जाएँगी आप,,,,,,,!!”,आई के बगल में बैठे मुरारी ने खाते हुए कहा
“अरे अब तो मुन्ना की दुल्हनिया के हाथ से बना खायी है मुरारी,,,,,,,,,,,का मुन्ना ? खाना वाना बनाना आता है ना तुम्हायी गौरी मैडम को कि अनु के जईसन हमहू सिखाये”,आई ने मुरारी से कहा और फिर पलटकर मुन्ना से पूछा
मुन्ना सोफे पर बैठा अपना खाना खा रहा था , जब भी उसकी शादी और गौरी की बाते होती थी तो वह शरमा जाता था। आई की बात का मुन्ना बेचारा क्या जवाब देता ? उसने आई को देखा और शरमाकर गर्दन झुका ली और अपना खाना खाने लगा
“अरे आई गौरी को खाना बनाने की क्या जरूरत है ? अभी तो इस घर में किशना है , मैं हूँ , अब थोड़े ना शादी के बाद रस्म के नाम पर आप गौरी से खाना बनवाएंगी , जैसे मुझसे बनवाया था ?”,अनु ने हँसते हुए कहा
“हाँ अनु बिटिया , तब जमाना और था अब कौन जे सब रस्मे करता है ? क्यों कावेरी ? गौरी जे घर मा आही है तो उह्ह भी काशी मुन्ना वंश के जईसन बच्ची ही रही है , नयी बहू को तो उसकी सास , बड़ी सास , और दादी सास बनाकर खिलाएंगी ,, अरे ओह्ह के खाना बनाने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है”,बाबा ने अनु की हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा
आई ने सुना तो बाबा की तरफ पलटी और कहा,”काहे ? जमाना कित्ता भी बदल जाए शिवा के बाबा रस्मे नाही बदली है , जोन रस्म सारिका बिटिया किये रही , अनु बिटिया किये रही उह आने वाली बहू भी निभाई है”
“अरे चिन्तियाओ नाही आई , गौरी बहुते स्मार्ट लड़की है उह्ह आपकी सारी रस्मे यू चुटकियो मा कर देगी,,,,,,,,!”,मुरारी ने अपनी होने वाली बहू की साइड लेकर कहा
“हाँ मुरारी हमहू भी देखी है कित्ती स्मार्ट है मुन्ना की दुल्हनिया ,, अनु के बख्त मा तो तुमहू मदद किये रहय देखते है गौरी की मदद मुन्ना करता है कि नाही,,,,,,,,,!!”,आई ने कहा
मुन्ना अपना खाना खा चुका था इसलिए प्लेट लेकर डायनिंग की तरफ चला आया और प्लेट किशना को देकर आई के पीछे आया और कहा,”डोंट वरी आई हम आपकी साइड है,,,,,,,हम छुपकर गौरी की मदद नहीं करेंगे जैसे पापा ने माँ की मदद की”
आई ने पलटकर दूसरे हाथ से मुन्ना का गाल छुआ और मुरारी से कहा,”देखा मुरारिया , इसे कहते है असली मर्द”
मुन्ना वहा से चला गया तो मुरारी ने कहा,”तो हमहू का औरत है ? और मुन्ना जो कहे ना ओह्ह का मतलब आप समझी नाही,,,,ओह्ह का मतलब था कि उह्ह गौरी की मदद हमायी तरह छुपकर नाही बल्कि सबके सामने करें है”
आई ने सुना तो सीढ़ियों की तरफ जाते मुन्ना की तरफ देखा और कहा,”का रे मुन्ना अभी से मुरारी ज्ञान ले लिए तुमहू,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने पलटकर आई को देखा और हँसते हुए वहा से चला गया
आई ने वापस अपना ध्यान खाना खाने में लगा लिया। मुरारी को आई को छेड़ने का मौका मिल गया तो उसने कहा,”आई कढ़ी और लो ना बहुते अच्छी बनी है”
शिवम् किसी सोच में डूबा चुपचाप खाना खा रहा था , उसका ध्यान वहा मौजूद लोगो की बातो पर नहीं था। अनु ने शिवम् को खामोश देखा तो उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”जीजू ! आप तो खा ही नहीं रहे , खाना अच्छा नहीं बना क्या ?”
अनु की आवाज से शिवम् की तंद्रा टूटी और उसने चौंककर कहा,”अह्ह्ह्ह नहीं ! हमारा मतलब अच्छा बना है , हम बस मुन्ना और काशी की शादी के बारे में सोच रहे थे 10 दिन बाद शादी है और समय कम है,,,,,,,,!!”
“अरे शिवम् भैया ! आप चिंता नाहीं करो हमहू सब बंदोबस्त कर देंगे,,,,,,,आप बस जे बताओ भाभी से बात हुई आपकी , वापस कब आ रही है उह्ह और वंश से भी कहो ओह्ह के साथ ही आ जाये,,,,,,,हिया हमायी मदद हो जाएगी”,मुरारी ने कहा
“आज सुबह ही हमारी बात हुई थी उन्होंने कहा है कि वे दो दिन में लौट आएगी”,शिवम् ने कहा
“अरे मुरारी तुमने अपनी समधन जी से बात की , वे बनारस कब आ रही है ? बहू की तरफ से आने वाले रिश्तेदारों के ठहरने का इंतजाम भी तो हमे ही करना है , अब शादी से पहिले तो गौरी जे घर मा रह नहीं सकती ना तो बाहर ही कोई अच्छा गेस्ट हॉउस बुक करवाय दयो”,बाबा ने कहा
“बाबा ! गेस्ट हॉउस की क्या जरूरत है ? गौरी और उसका परिवार यहाँ नहीं रह सकता लेकिन वो लोग हमारे घर तो रह सकते है , बाकि मेहमानो के लिए शादी वाले दिन के लिए गेस्ट हॉउस बुक कर देंगे”,शिवम् ने कहा
“हाँ जे भी ठीक है और काशी बिटिया कब आ रही है ? उसकी शादी है और वही घर से गायब है”,बाबा ने कहा
“काशी अपने नानाजी और नानीजी के साथ ही आएगी बाबा , हमने वहा कहलवा दिया है गाड़ी भेज दी है कल शाम को वे लोग वहा से निकल जायेंगे”,शिवम् ने कहा और इसके बाद सभी खाना खाते हुए बाते करने लगे
शक्ति मुन्ना से मिलने पुलिस स्टेशन से सीधा मुरारी के घर चला आया। शक्ति अंदर आया तो देखा सभी घरवाले खाना खा रहे है। बाबा ने शक्ति को देखा तो कहा,”अरे शक्ति बेटा ! आओ आओ बहुत सही बख्त पर आये हो , आओ बइठो खाना खाओ,,,,,,,,किशना शक्ति के लिए भी खाना लगाओ”,बाबा ने कहा
शक्ति ने अपने हाथ धोये और डायनिंग की तरफ चला आया। अब चूँकि शक्ति घर का होने वाला दामाद था तो अनु ने उसे बैठने को कहा और खुद उसके लिए खाना परोसने लगी।
शक्ति आकर बैठा और सबको नमस्ते किया।
“मुन्ना पर जिसने गोली चलाई वो पकड़ा गया ना शक्ति , क्या उसने कुछ बताया कि उसने मुन्ना पर गोली काहे चलाई ?”,शिवम् ने पूछा
शक्ति ने शिवम् की तरफ देखा और कहा,”पापा ! मुन्ना पर गोली भूषण ने चलाई थी और ये बस एक बदले की भावना के चलते चलाई गयी,,,,,,अभी वो पुलिस की हिरासत में है और जल्दी ही उस पर कार्यवाही शुरू हो जाएगी”
शक्ति की बात सुनकर शिवम् को थोड़ी राहत मिली लेकिन मुरारी के चेहरे पर गुस्से के भाव थे
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संजना किरोड़ीवाल

