Main Teri Heer Season 5 – 53

Main Teri Heer Season 5 – 53

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

नवीन का घर , मुंबई
वंश के मुंह से मेघना के लिए मॉम सुनकर निशि और पूर्वी हैरान रह गयी , उस से भी ज्यादा हैरानी निशि और पूर्वी को तब हुई जब वंश ने मेघना को होने वाली सास कहा। मेघना ने सुना तो हैरानी से वंश की तरफ आकर उसका ललाट छूकर कहा,”वंश तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना बेटा ?”
“नहीं मैं बिल्कुल ठीक नहीं हूँ , क्या आप मुझे अपने हाथो से बनी कॉफी पिलाएगी ?”,वंश ने मेघना के हाथ को अपने हाथो में लेकर कहा।


वंश मेघना को बदला बदला नजर आ रहा था उसने मुस्कुराते हुए हामी में गर्दन हिलायी और निशि पूर्वी से कहा,”बेटा तुम लोग कुछ लेना चाहोगी ? चाय कॉफी ? वैसे मैंने तुम सबके लिए सेंडविच बनाया है,,,,,,!!”
निशि तो अभी भी सदमे में थी इसलिए पूर्वी ने कहा,”हाँ आंटी मुझे भी सेंडविच के साथ आपके हाथो से बनी कॉफी चाहिए,,,,,,,!!”
मेघना वहा से चली गयी। वंश ने पूर्वी की तरफ देखा और कहा,” तुम दोनों इतना खाती हो वो जाता कहा है , मैं एक एक्स्टा ब्रेड भी खा लू तो जिम में एक्सट्रा वर्क आउट करना पड़ता है”


 निशि ने सुना तो वह उठी और वंश के पास आकर गुस्से से कहा,”तुमने मॉम से क्या कहा ?”
“यही की क्या आप मुझे अपने हाथो से बनी कॉफी पिलाएगी ?”,वंश ने कहा
“उस से पहले क्या कहा ?”,निशि ने वंश पर झुकते हुए कहा
“ये कि मैं बिल्कुल ठीक नहीं हूँ”,वंश ने मासूमियत से कहा
“अह्ह्ह्ह ये नहीं इस से पहले क्या कहा जब तुम अंदर आये थे ?”,निशि ने गुस्से से अपने दाँत पीसते हुए कहा
“मैंने क्या कहा ?”,वंश ने असमझ की स्तिथि में कहा


“तुमने उन्हें मॉम कहा और फिर तुमने कहा कि वो तुम्हारी होने वाली सास है,,,,,,,,,!!”,निशि ने वंश को घूरकर कहा और पीछे हटी
वंश ने चैन की साँस ली और कहा,”हाँ तो मैंने क्या गलत कहा , अब मै उन्हें सीधा सीधा सास तो नहीं बोल सकता ना,,,बिकॉज अभी हमारी शादी नहीं हुई है”
निशि ने देखा वंश ये कहते हुए शरमा रहा है और अपने नाख़ून चबा रहा है। पूर्वी ने वंश को शरमाते देखा तो खुश होकर कहा,”ओह्ह्ह्ह ये कितना इनोसेंट है निशि,,,,,,,,,!!”


निशि ने सुना तो पूर्वी की तरफ पलटी और कहा,”इनोसेंट और ये ? तुम अभी इसे ठीक से जानती नहीं हो पूर्वी ये एक नंबर का,,,,,,,,,,,!!”
निशि आगे कुछ कहती इस से पहले वंश ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ किया और अपने करीब करके कहा,”अगर तुमने मुझे फ्लर्टी कहा तो मैं तुम्हारा मुंह तोड़ दूंगा”
निशि ने सुना तो उसकी आँखों में गुस्से के भाव झिलमिलाये और उसने कहा,”तुम कितने बद्तमीज हो,,,,,,,!!”
“सिर्फ तुम्हे लगता हूँ वरना अपनी दोस्त से पूछो मैं कितना प्यारा और मासूम लड़का हूँ,,,,,,,,,!!”,वंश निशि से दूर हटा और सोफे पर बैठते हुए कहा

 मेघना उन तीनो के लिए सेंडविच और कॉफी ले आयी। मेघना के आने से निशि चुप हो गयी वह नहीं चाहती थी वंश मेघना के सामने कुछ और बकवास करे। मेघना उन तीनो के पास आ बैठी और चारो मिलकर सेंडविच खाने लगे। निशि वंश के सामने बैठी थी और मेघना साइड सोफे पर लेकिन पूर्वी वंश के बगल में बैठी थी। सेंडविच खाते हुए पूर्वी की नजर वंश की गर्दन पर बने निशान पर गयी तो उसकी आँखे हैरानी से फ़ैल गयी। वंश ने पूर्वी को अपनी ओर देखते पाया तो अपनी भँवे उचकाई।

पूर्वी ने अपनी ऊँगली अपनी गर्दन पर लगाकर वंश से इशारो इशारो में सवाल किया। वंश को जैसे ही समझ आया उसने अपनी टीशर्ट को सही किया और ना में गर्दन हिला दी। पूर्वी उसे घूरने लगी लेकिन मेघना के सामने कुछ नहीं कहा।
निशि अपनी प्लेट उठाकर किचन से कुछ लेने चली गयी और फोन बजने की वजह से मेघना को भी उठकर जाना पड़ा। वंश और पूर्वी दोनों अकेले थे इसलिए पूर्वी ने वंश को घूरते हुए कहा,”तुम मेरी दोस्त को धोखा दे रहे हो ?”
पूर्वी को गुस्से में देखकर वंश तो डर ही गया और कहा,”मैं उसे धोखा क्यों दूंगा ?”


“तो फिर तुम्हारी गर्दन पर ये लव बाईट कैसे आया ?”,पूर्वी ने पूछा
“अह्ह्ह ये तो मुझे किसी जानवर ने काट लिया”,वंश ने पूर्वी से नजरे बचाते हुए कहा
“अच्छा ! तुम्हे मैं छोटी बच्ची दिखती हूँ , आई हेव अ बॉयफ्रेंड और मुझे पता है ये लव बाईट ही है,,,,,,,,,अब बताओ किसने दिया तुम्हे ?”,पूर्वी ने वंश की बांह पकड़कर उसे झंझोड़ते हुए कहा


“अह्ह्ह्ह मुझे शरम आ रही है,,,,,,,,तुम अपनी दोस्त से ही क्यों नहीं पूछ लेती”,वंश ने शरमाने की एक्टिंग करते हुए कहा और वहा से भाग गया। उसने अपना बैग पीठ पर टांगा , सूटकेस का हेंडल पकड़ा और प्लेट में रखा आखरी सेंडविच लेकर खाते हुए दरवाजे की तरफ बढ़ गया।

निशि अपनी प्लेट में चिप्स और सॉस लेकर आयी और पूर्वी के बगल में बैठते हुए कहा,”ये कहा गया ?”
“उसे छोडो निशि मैडम , तुम मुझे बताओ ये सब क्या चल रहा है ?”,पूर्वी ने निशि को ताना मारते हुए कहा
“क्या हुआ ?”,निशि ने चिप्स खाते हुए कहा
“सबके सामने तुम बेचारे वंश पर चिल्लाती हो , गुस्सा करती हो , उससे झगड़ती रहती हो और अकेले में उसे लव बाईट देती हो,,,,,,,,ये सब क्या है ?”,पूर्वी ने कहा तो निशि के होंठो के बीच रखा चिप्स वही रह गया और उसका हाथ रुक गया , उसकी पूर्वी से नजरे मिलाने की हिम्मत भी नहीं हुई और उसने उठते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह मैं अभी आयी”

शिवम् का घर , बनारस
सारिका के जाने के बाद शिवम् को घर काफी सुना सुना लग रहा था लेकिन वह सारिका के लिए खुश भी था। उसके और उसके परिवार के लिए सारिका ने अपना बिजनेस , अपनी ऐशो आराम की जिंदगी सब छोड़ दी थी अब शिवम् का फर्ज बनता था सारिका को वही सब वापस देने का और इसकी शुरुआत वह कर चुका था सारिका को मुंबई भेजकर,,,,,,,,,,,अब बस उसे सारिका को उसी पुराने अंदाज में देखने का इंतजार था।


शिवम् अपने कमरे में था आज बनारस में युवा नेता इलेक्शन को लेकर वोटिंग होनी थी और शिवम् को वही जाना था। हमेशा सारिका उसके कपडे प्रेस किया करती थी जब शिवम् को बाहर जाना होता था , ऐसा नहीं था कि घर में काम करने वाले लोग नहीं थे पर आज भी शिवम् के कुछ कामो पर सारिका सिर्फ अपना हक़ समझती थी। अब सारिका तो थी नहीं इसलिए शिवम् को खुद ही अपने कपडे प्रेस करने पड़े।


कमरे में बैठा शिवम् अपने सफ़ेद कुर्ते को प्रेस कर ही रहा था। आई और बाबा पहले ही मुरारी के घर चले गए क्योकि उन्हें भी तो अपने प्यारे मुन्ना के लिए वोट करना था। शिवम् ने कपडे पहने , बाल बनाये अपनी बढ़ी हुई दाढ़ी और मुछो को जमाया और हाथ में घडी पहनकर अपना जरुरी सामान लेकर कमरे से बाहर निकल गया।

शिवम् घर से बाहर आया उसने भोला से घर का ध्यान रखने को कहा और गाड़ी लेकर सीधा पार्टी हॉउस के लिए निकल गया। जब मुरारी राजनीती में था तब शिवम् ने कभी राजनीती के कामो में इतनी दिलचस्पी नहीं दिखाई लेकिन मुन्ना पहली बार राजनीती में आ रहा था और शिवम् इस बात से खुश भी था और मुन्ना के लिए चिंतित भी कि कही मुन्ना बुरी साजिशो का शिकार ना हो जाये,,,,,,,,,,!!”

मुरारी का घर , बनारस
मुरारी और आई को नाचते-गाते देखकर बाबा ने कहा,”अरे बस करा मुरारी , आज इलेक्शन है और तुम दोनों मुन्ना को हिम्मत देने के बजाय नौटंकी कर रहे हो,,,,,शादी मा अभी बख्त है तब खूब नाचना गाना फिलहाल मुन्ना पर ध्यान दो”
मुरारी ने सुना तो मुन्ना की तरफ पलटा और कहा,”अरे उसकी चिंता नाही है बाबा जे इलेक्शन हमरा मुन्ना ही जीतेंगे , आप बस कल मुन्ना को पार्टी हॉउस से धूमधाम से लाने की तैयारी करो”


“वो तो करेंगे ही पर मुन्ना के साथ भी तो कोई होना चाहिए ना,,,,,,,!”,बाबा ने कहा
“बाबा शेर का बच्चा है अकेला काफी है , झुण्ड मा तो सूअर रहते है,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“राजनीती छोड़ी देही पर तेवर नाही बदले तुम्हाये मुरारी,,,,,,,,,,,,,अब का मुन्ना को भी अपने जैसा बनाओगे ?”,इस बार आई ने कहा
“बनाने की जरूरत ना है आयी , जे मुन्ना बाहर से शांत और मासूम लगता है , अंदर कितना उत्पात भरा है जे के इह हमहू उह रात ही समझ गए थे जब किशना से कहकर हमायी बोतलों में सेब का रस भरवाया गया था”,मुरारी ने कनखियों से मुन्ना को देखकर कहा


मुन्ना समझ गया कि यहाँ से निकलने में ही उसकी भलाई है , उसने आई  बाबा के पैर छूकर कहा,”आशीर्वाद दीजिये”
“विजयी भव”,बाबा ने कहा और आई ने मुन्ना के चेहरे को अपने हाथो में लेकर उसका ललाट चूमकर कहा,”जोन रास्ता तुमहू चुने हो ना मुन्ना चाहे कुछ हो जाए पर अपने बनारस के साथ कबो गद्दारी नाही करना , अपनी नेकी पर बने रहना और ईमानदारी से काम करना , सफलता और तरक्की तुम्हाये कदम चूमी है”
मुन्ना मुस्कुराया और कहा,”हम आपकी बात याद रखेंगे आई”


मुन्ना मुरारी की तरफ पलटा और जैसे ही पैर छूने को हुआ मुरारी ने उसकी बांहो को थामकर कहा,”आज से हमहू फिर से बनारस मा अपनी छाती चौड़ी करके निकलेंगे मुन्ना , तुमको राजनीती मा काम करते देखकर हमहू एक ठो फिर से अपनी जवानी जियेंगे,,,,,,,,,,तुमहू तो कबो न कहे किसी से कि “पापा विधायक है हमाये” पर हमहू साला ख़ुशी ख़ुशी कहेंगे कि “बिटवा विधायक है हमारा” खुश रहो और जीतकर आना,,,,,!!”


कहते कहते मुरारी की आँखों में नमी तैर गयी , उसने भले खुद को राजनीती से दूर कर दिया हो लेकिन आज भी उसकी कमी मुरारी को खटकती थी और वह कमी अब मुन्ना पूरी करने वाला था।  मुन्ना का दिल किया वह अपने पापा को गले लगा ले , लेकिन लड़को के लिए ये इतना आसान कहा होता है मुन्ना बस इतना ही कह पाया,”हम आपको कभी निराश नहीं करेंगे पापा”


मुरारी मुस्कुराया और कहा,”अब जाओ , आई बाबा से तुम्हरी शादी को लेकर थोड़ा बतिया ले ओह के बाद हमहू आते है पार्टी हॉउस”
“हम्म्म्म,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा और अनु की तरफ आकर उसके पैर छुए और वहा से निकल गया। बाहर आया तो देखा रमेश कुछ लड़को के साथ बाहर खड़ा मुन्ना का ही इंतजार कर रहा है। मुन्ना को देखते ही उसने नारे लगाने शुरू कर दिए,”मुन्ना भैया”
साथ खड़े लड़को ने कहा,”जिन्दाबाद”


मुन्ना ने हाथ से इशारा कर उन्हें रुकने को कहा तो रमेश उसके पास आया और ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”सारी तैयारियां हो चुकी है मुन्ना भैया ,, बाहर लड़के बाइको और गाड़ियों पर सवार है,,,,,,,आपके लिए भी जे स्पेशल थार लेकर आये है ,,,,,,,आईये”
“हम इस गाड़ी से नहीं रमेश उस जीप से आएंगे”,मुन्ना ने कुछ ही दूर खड़ी मुरारी की जीप की तरफ इशारा करके कहा जिसे किशना चमका चुका था। रमेश ने हामी में गर्दन हिला दी और मुन्ना के साथ जीप की तरफ बढ़ गया।

मुन्ना जीप में आ बैठा और रमेश ड्राइवर सीट पर बाकि लड़के जीप में पीछे खड़े हो गए। जीप मुन्ना के घर से निकली तो मुन्ना ने रमेश से पार्टी हॉउस के बजाय दूसरे पते पर चलने को कहा
रमेश को थोड़ा अजीब लगा लेकिन अब वह मुन्ना के लिए काम जो करने लगा था इसलिए उसे मुन्ना का आर्डर मानना पड़ा और जीप उस तरफ दौड़ पड़ी जिधर मुन्ना चाहता था।

“हेलो ! हां राजन भैया ! हम बात कर रहे है भूषण , आज इलेक्शन है हमने आपसे कहा था कि आज के दिन आप हमरे साथ रहेंगे तो थोड़ी हिम्मत मिलेगी ,, आप आ रहे है ना भैया”,भूषण ने फोन कान से लगाए कहा और अपने घर से बाहर चला आया।
“तुम बुलाओ और हम ना आये ऐसा हो सकता है का भूषण , आज का चुनाव जिंदगीभर याद रही है तोह का,,,,,,,,,तुमहू पार्टी हॉउस पहुंचो हमहू वही मिलते है तुमका”,राजन ने कहा


“अरे भैया ! जे कह के ना दिल खुश कर दिया आपने , अब तो समझो हमायी जीत पक्की और उह मुन्ना का खेल ख़त्म,,,,,,,,!!”,भूषण ने कहा
“खेल तो अभी शुरू हुआ है भूषणवा बस देखते जाओ आगे आगे होता है का ?”,राजन ने कहा और फोन काट दिया
राजन भूषण के साथ है जे जानकर भूषण की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा वह जीप में आकर बैठा और लड़के से कहा,”चलो बे ! जीप पार्टी हॉउस की तरफ घुमाय ल्यो”


“भैया हमाये पास एक ठो खबर आयी है , उह्ह मुन्ना भैया भेलूपुर की तरफ से होकर आ रहे है अगर आज मुन्ना भैया पार्टी हॉउस पहुँचे ही ना तो जे इलेक्शन जीतने से आपको कोई नाही रोक सकता”,लड़के ने दबी आवाज में कहा
भूषण ने सुना तो उसकी आँखे चमक उठी और होंठो पर मुस्कान तैर गयी उसने कहा,”तो फिर जीप भेलूपुर की तरफ ही घुमाय ल्यो , का है कि युवा नेता बनने के बाद हमहू अपने हाथ गंदे नाही करना चाहते”

भूषण अपने लड़को के साथ भेलूपुर की तरफ निकल गया और मुन्ना भी अपने लड़को के साथ उसी रास्ते से पार्टी हॉउस की तरफ जा रहा था। एक पल ऐसा आया जब मुन्ना और भूषण की जीप आमने सामने आकर रुकी। मुन्ना जीप की आगे वाली सीट पर बैठा था और रमेश लड़को के साथ पीछे खड़ा था लेकिन ड्राइवर सीट पर बैठे लड़के को जब भूषण ने देखा तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया और आँखों मे बेचैनी के भाव तैरने लगे। मुन्ना के बगल में ड्राइवर सीट पर बैठा लड़का कोई और नहीं बल्कि राजन यादव था।

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संजना किरोड़ीवाल 

“वो तो करेंगे ही पर मुन्ना के साथ भी तो कोई होना चाहिए ना,,,,,,,!”,बाबा ने कहा
“बाबा शेर का बच्चा है अकेला काफी है , झुण्ड मा तो सूअर रहते है,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“राजनीती छोड़ी देही पर तेवर नाही बदले तुम्हाये मुरारी,,,,,,,,,,,,,अब का मुन्ना को भी अपने जैसा बनाओगे ?”,इस बार आई ने कहा
“बनाने की जरूरत ना है आयी , जे मुन्ना बाहर से शांत और मासूम लगता है , अंदर कितना उत्पात भरा है जे के इह हमहू उह रात ही समझ गए थे जब किशना से कहकर हमायी बोतलों में सेब का रस भरवाया गया था”,मुरारी ने कनखियों से मुन्ना को देखकर कहा

“वो तो करेंगे ही पर मुन्ना के साथ भी तो कोई होना चाहिए ना,,,,,,,!”,बाबा ने कहा
“बाबा शेर का बच्चा है अकेला काफी है , झुण्ड मा तो सूअर रहते है,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“राजनीती छोड़ी देही पर तेवर नाही बदले तुम्हाये मुरारी,,,,,,,,,,,,,अब का मुन्ना को भी अपने जैसा बनाओगे ?”,इस बार आई ने कहा
“बनाने की जरूरत ना है आयी , जे मुन्ना बाहर से शांत और मासूम लगता है , अंदर कितना उत्पात भरा है जे के इह हमहू उह रात ही समझ गए थे जब किशना से कहकर हमायी बोतलों में सेब का रस भरवाया गया था”,मुरारी ने कनखियों से मुन्ना को देखकर कहा

“वो तो करेंगे ही पर मुन्ना के साथ भी तो कोई होना चाहिए ना,,,,,,,!”,बाबा ने कहा
“बाबा शेर का बच्चा है अकेला काफी है , झुण्ड मा तो सूअर रहते है,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“राजनीती छोड़ी देही पर तेवर नाही बदले तुम्हाये मुरारी,,,,,,,,,,,,,अब का मुन्ना को भी अपने जैसा बनाओगे ?”,इस बार आई ने कहा
“बनाने की जरूरत ना है आयी , जे मुन्ना बाहर से शांत और मासूम लगता है , अंदर कितना उत्पात भरा है जे के इह हमहू उह रात ही समझ गए थे जब किशना से कहकर हमायी बोतलों में सेब का रस भरवाया गया था”,मुरारी ने कनखियों से मुन्ना को देखकर कहा

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