Main Teri Heer Season 5 – 52
Main Teri Heer Season 5 – 52

फिल्मसिटी , मुंबई
वंश ने अपने लिए कैब बुक की और उसका इंतजार करने लगा। निशि ने उसकी गर्दन पर जो काटा था उसका निशान साफ़ दिख रहा था। वंश के बगल से गुजरने वाले वंश की गर्दन को देखते और मुस्कुराकर आगे बढ़ जाते। वंश को झुंझलाहट हुयी तो वह उन सबको देखते हुए दूसरी तरफ चला आया। चलते चलते लड़खड़ाया और निशि से जा टकराया। निशि भी नवीन को फोन लगा रही थी ताकि वह आकर उसे ले जाए लेकिन नवीन तो आज सारिका के साथ उसके नए ऑफिस की मीटिंग में बिजी था उसने निशि का फोन नहीं उठाया।
“क्या कर रहे हो ? सीधे खड़े रहो”,निशि ने खुद को वंश से बचाते हुए कहा जिस से वंश नीचे आ गिरा। वहा से गुजरते लोगो ने देखा तो हसने लगे। निशि भी हंस पड़ी वंश ने देखा तो निशि की तरफ देखकर कहा,”तुम कितनी निर्दयी हो निशि , पहले मुझे काटा और अब मुझ पर हंस रही हो,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह आई ऍम सो सॉरी”,निशि ने वंश की तरफ हाथ बढाकर कहा ताकि वंश उसका हाथ पकड़कर उठ सके लेकिन वंश तो वंश ठहरा उसने निशि का हाथ थामा जरूर लेकिन उठने के लिए नहीं बल्कि निशि को भी अपने बगल में गिराने के लिए और वही हुआ। निशि वंश की बगल में आ गिरी तो अब हसने की बारी वंश की थी।
वंश ने देखा उसकी कैब आ चुकी है तो वह उठा और निशि की तरफ हाथ बढाकर कहा,”चले ?”
निशि ने वंश के हाथ को अपने हाथ से मारकर साइड किया और खुद से उठकर अपने कपडे झाड़ते हुए कहा,”मैंने डेड को फोन कर दिया है वो मुझे लेने आ जायेगे , तुम जाओ”
“क्यों मुझमे कांटे लगे है ? या तुम्हे लगता है मैं रास्ते में तुम्हे खा जाऊंगा,,,,,,,,,,तुम्हारे डेड नहीं आएंगे वो माँ के साथ उनके नए ऑफिस की मीटिंग में बिजी है”,वंश ने अपना बैग लेकर कैब की तरफ बढ़ते हुए कहा
वंश की बात सुनकर निशि को याद आया कि आज तो सारिका आंटी और उसके डेड पूरा दिन बिजी रहने वाले है। वह अपना बैग सम्हाले वंश की तरफ आयी और कहा,”क्या तुम मुझे घर तक छोड़ दोगे ?”
वंश ने निशि की तरफ देखा तो उसने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा,”प्लीज ! मैं अकेली हूँ और मेरा बैग भी भारी है,,,,,,एंड अकेले जाना यू नो ना कितना अनसेफ है,,,,,,मुझे लेकर तुम्हे अपनी रिस्पॉन्सिब्लिटी समझनी चाहिए , आफ्टर आल तुम मुझसे प्यार करते हो”
वंश ने सुना तो मुस्कुराया और निशि के पास आकर कहा,”रियली ? तो ये प्यार तुम्हे तब याद क्यों नहीं आता जब तुम मुझे गलत समझती हो , मुझे मारती हो और मुझे हर्ट करती हो,,,,,,,,,,,,,इन्फेक्ट अभी थोड़ी देर पहले ही तुमने मेरी गर्दन पर कितनी जोर से काटा है। गर्लफ्रेंड वाली एक भी क्वालिटी है तुम्हारे अंदर”
निशि ने सुना तो उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया लेकिन फिर भी उसने अपने गुस्से को कंट्रोल में रखा और वंश की आँखों में देखकर कहा,”क्या नहीं है मुझ में ? तुम्हारी हरकते ऐसी है कि किसी को भी तुम पर गुस्सा आएगा”
“ज़रा देखो अपने आस पास लड़को की गर्लफ्रेंड कितनी स्वीट है , अपने बॉयफ्रेंड का ख्याल रखती है , उन्हें पैम्पर करती है , उन्हें स्पेशल फील करवाती है , उनकी हर बात सुनती है , तुम्हारी तरह काटने को नहीं दौड़ती”,वंश ने कहा
“हाँ तो मैं दूसरी लड़कियों जैसी नहीं हूँ,,,,,,,!!”,निशि ने चिढ़ते हुए कहा
वंश निशि के थोड़ा करीब आया और उसकी आँखों में देखकर कहा,”इसलिए तो मैं तुम्हे पसंद करता हूँ , क्योकि तुम दूसरी लड़कियों जैसी नहीं हो,,,,,,,,!!”
वंश का एकदम से यू करीब आना निशि को बैचैन कर गया। बेचारी समझ ही नहीं पा रही थी कि आखिर वंश को कैसे सम्हाले ? वंश पल में गुस्से और पल में उसके सामने अच्छा जो बन जाता था।
कैब वाला काफी टाइम से खड़ा था उसने गाड़ी का हॉर्न बजाया और कहा,”सर आप चल रहे है या मैं राइड केंसल कर दू ?”
ड्राइवर की आवाज से वंश की तंद्रा टूटी तो उसने निशि का बैग उठाते हुए कहा,”बाकी का झगड़ा रास्ते में कर लेना अब चलो,,,,,,,,,,!!”
निशि मुस्कुरा उठी और वंश के पीछे पीछे चली आयी। वंश ने दोनों का सामान रखा और पिछली सीट पर निशि के साथ आ बैठा।
कैब ड्राइवर ने गाडी आगे बढ़ा दी। निशि वंश को लेकर अपना गुस्सा भूल चुकी थी उसकी नजर वंश की गर्दन पर पड़ी तो उसने कहा,”आई ऍम सॉरी मैंने ये जान बुझकर नहीं किया”
“इट्स ओके ये ठीक हो जायेगा,,,,,,,,बस कोई इसे देखकर गलत ना समझे”,वंश ने कहा
“गलत क्यों समझेगास ?”,निशि ने मासूमियत से पूछा
“क्या तुम्हे इसका मतलब नहीं पता ?”,वंश ने निशि की तरफ पटलकर कहा तो निशि ने ना में गर्दन हिला दी
वंश ने सुना तो उसे हैरानी हुई , मुंबई में रहकर भी निशि बहुत पीछे थी
उसने निशि की तरफ देखा और कहा,”तुम सच में इनोसेंट हो या मेरे सामने बन रही हो ?”
“मुझे सच में नहीं पता,,,,,,,,अह्ह्ह कोई पूछे तो तुम कह देना कि मच्छर ने काट लिया”,निशि ने कहा
वंश मुस्कुराया और निशि के ललाट पर चपत मारकर उसे पीछे करके कहा,”मच्छर नहीं छिपकली ने,,,,,,,,,,!!”
निशि ने सुना तो मुस्कुरा उठी। वंश के फोन पर एक फोन आया और वह बात करने में बिजी हो गया। निशि को भूख का अहसास हुआ तो वह अपना बैग चेक करने लगी निशि की किस्मत अच्छी थी उसे अपने बैग में चिप्स का आधा खाली पैकेट मिला। निशि ने उसे बैग से निकाला और खाने लगी। खाते खाते निशि की नजर वंश पर गयी जो फोन को कान और कंधे के बीच रखकर बात करते हुए अपने शर्ट की बाजू फोल्ड कर रही थी। वंश ने निशि की तरफ देखा तो निशि ने हाथ में पकड़ी चिप्स वंश को खिला दी।
वंश को निशि का खिलाना अच्छा लग रहा था इसलिए वह जानबूझकर अपने बाजू फोल्ड करा , उन्हें बिगाड़ता और फिर फोल्ड करता और निशि अपने हाथो से उसे तब तक चिप्स खिलाती रही जब तक चिप खत्म नहीं हो गयी। कुछ देर पहले दोनों बच्चो की तरफ लड़ झगड़ रहे थे और अब दोनों इतना प्यार से चिप्स खा रहे थे,,,,,,,,,,,,,सच में इन दोनों का रिश्ता बाकी सब से अलग ही था।
प्रताप का घर , बनारस
आज राजन प्रताप के कहने पर सच में फैक्ट्री चला गया। राजन के जाने के बाद भूषण आया और सीधा प्रताप की तरफ चला आया। भूषण थोड़ा गुस्से में था और उसे देखकर ही समझ आ रहा था कि वह किसी जरुरी काम से यहाँ आया है। प्रताप नाश्ता करके उठा ही था और कुल्ला करने बरामदे से बाहर आया तो भूषण को देखकर कहा,”अरे आवा भूषणवा ! युवा नेता इलेक्शन का टिकट लेकर तुमहू तो ऐसे गायब हुए जैसे अमावस का चाँद,,,,,,,,,!!”
“हमहू अमावस का चाँद दिखते है आपको ?”,भूषण ने चिढ़कर कहा
“अब ईद का चाँद तो कह नहीं सकते तुमको,,,,,,,,आइना मा कबो खुद को देखे हो , घाट पर बिकने वाली चाय की केतली भी तुम से जियादा साफ मालूम पड़ती है,,,,,,,,!!”,प्रताप ने हाथ में पकड़ा लोटा बगल में खड़े नौकर को थमाकर भूषण की तरफ आते हुए कहा
“हमहू हिया अपनी बेइज्जती करवाने नाही आये है,,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने चिढ़कर कहा
“अच्छा तो तुमहू खासतौर पर अपनी बेइज्जती करवाने कहा जाते हो ?”,प्रताप ने कहा तो भूषण का चेहरा गुस्से से लाल हो उठा
“अरे मजाक कर रहे है , काहे इतना कीलसे पड़े हो बे ? बताओ कइसन आना हुआ ?”,प्रताप ने भूषण के कंधो पर अपनी बांह रखकर उसके साथ चलते हुए कहा।
“युवा नेता इलेक्शन का परिणाम है और हमहू नाही चाहते कि साला उह्ह्ह मुन्ना जे इलेक्शन जीते , आजकल बहुते हवा मा उड़ रहा है उह्ह ओह्ह का कुछो इलाज करि दयो”,भूषण ने कहा
प्रताप ने सुना तो भूषण के कंधो से अपनी बांह हटाई और कहा,”हमहू आज तक ओह्ह के बाप का इलाज नाही कर पाए तुमको लगता है ओह्ह का इलाज कर पायी है ? हमरा काम था तुमको युवा नेता इलेक्शन की टिकट दिलवाना उह्ह हमहू दिलवा दिए है इह के आगे जे डाक्टर डाक्टर हमहू तुम्हाये साथ ना खेली है”
भूषण को प्रताप से आखरी उम्मीद थी और उन्होंने ही हाथ खड़े कर दिए ये देखकर भूषण ने अपनी पेंट में छुपाया कट्टा निकाला और कहा,”तो फिर उह मुन्ना का इलाज हम करी है , कल या तो युवा नेता इलेक्शन की सीट या फिर मुन्ना की कहानी खत्म,,,,,,,,,जे इलेक्शन मुन्ना की जिंदगी का पहिला और आखरी इलेक्शन हुई है चचा”
प्रताप ने भूषण के हाथ में कट्टा देखकर कहा,”अबे पगला गए हो का भूषणवा ? एक ठो कुर्सी के खातिर तुमहू मुन्ना की जान ले लेगो,,,,,,,,,,,साले उह्ह मुरारी मिश्रा को पता चला ना तो काटकर गंगा मा बहा देंगे तुमको,,,,,,,,,,,जे पागलपंती छोडो और ईमानदारी से इलेक्शन लड़ो,,,,,,,!!”
“चोर कब से ईमानदारी की बाते करने लगा चचा , कल तक तो तुमहू भी उह मुरारी मिश्रा और शिवम् गुप्ता के दुशमन रहे फिर आज एकदम से ओह्ह के लिए हमदर्दी कैसे जग गयी तुम्हाये दिल मा ?”,भूषण ने कहा
“क्योकि उम्र के जे पड़ाव मा हमको समझा आ गवा भूषणवा की हमायी दुश्मनी शिवम् और मुरारी से नाही बल्कि खुद की अच्छाई से थी ,,,,, हमहू तुमको फिर
समझा रहे है मुन्ना को नुक्सान पहुँचाने का ख्याल अपने दिमाग से निकाल देओ”,कहकर प्रताप वहा से चला गया और भूषण चोट खाये जानवर की भांति उसे देखता रहा।
इंदौर रेलवे स्टेशन
शक्ति को अलविदा कहकर काशी और गौरी रेलवे स्टेशन से बाहर चली आयी। गौरी ने काशी को रुकने को कहा और खुद पार्किंग से अपनी स्कूटी लेने चली गयी। गौरी स्कूटी लेकर आयी और काशी से बैठने को कहा और फिर दोनों मार्किट निकल गयी। अब चूँकि दोनों को शादी एक ही दिन थी और शादी के फंक्शन भी साथ साथ थे तो काशी और गौरी ने कपडे भी एक जैसे ही लिए , दोनों अपनी शादी को लेकर बहुत खुश थी।
खरीदारी करते और बाजार घूमते घूमते दोनों को भूख लगने लगी तो दोनों एक रेस्त्रो में चली आयी। काशी ने अपने लिए सेंडविच आर्डर किया और गौरी ने अपने लिए छोले भटूरे साथ में दोनों के लिए कोल्ड ड्रिंक भी आर्डर कर दी।
“गौरी 2 हफ्ते बाद शादी है और तुम ये ऑयली खाना खा रही हो , तुम्हे शादी तक अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए”,काशी ने कहा
“मान ने कहा है मुझे कोई डाइट पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है मेरा जो मन हो मैं वो खा सकती हूँ”,गौरी ने कहा
“मुन्ना भैया सच में कितने स्वीट है,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“स्वीट और वो ? जब से हमारी सगाई हुई है ना काशी मान और ज्यादा सीरियस हो गया है,,,,और अब तो लगता है पूरा ही सीरियस हो जायेगा”,गौरी ने कहा
“ऐसा क्यों ?”,काशी ने हैरानी से पूछा
“अरे वो बनारस का युवा नेता जो बनने वाला है,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी के मुँह से निकला और अगले ही पल उसने अपनी जीभ दांतो तले दबा ली क्योकि मुन्ना ने उसे जो बात बताने से मना किया था वही बात गौरी के मुंह से निकल चुकी थी।
काशी ने सुना तो हैरान रह गयी और कहा,”क्या कहा तुमने ? मुन्ना भैया और युवा नेता ?”
“अह्ह्ह नहीं मैंने ऐसा कब कहा ? तुमने गलत सुना शायद”,गौरी ने अपनी गलती सुधारते हुए कहा
“नहीं गौरी बल्कि हमने सही सुना , हम हैरान है गौरी तुमने हमसे ये बात छुपाई और इस से भी ज्यादा हैरानी हमे इस बात की है कि मुन्ना भैया राजनीती में आना चाहते है,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“आई ऍम सॉरी काशी पर मान ने कहा कि मैं ये बात किसी को ना बताऊ,,,,,,,,,,,वो खुद सबको बताना चाहता था,,,,,,,,मान सच में तुम्हे हर्ट करना नहीं चाहता था,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने काशी के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा
काशी ने गौरी का हाथ साइड में झटका और झूठ मुठ की नाराजगी दिखाकर कहा,”अभी मुन्ना भैया से शादी हुई भी नहीं और तुमने उनकी तरफदारी करनी शुरू कर दी,,,,,,,,,!!”
गौरी ने सुना तो मुस्कुरा उठी और कहा,”तरफदारी तो मैं तुम्हारी भी करुँगी बस मान के लिए मोहब्बत थोड़ी ज्यादा है,,,,,,,,,,!!”
काशी मुस्कुराई और कहा,”अच्छा तुम्हे मुन्ना भैया के राजनीती में आने से कोई प्रॉब्लम नहीं है ?”
गौरी उठी और अपने दोनों हाथो को टेबल पर टीकाकर ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”मुझे प्रॉब्लम क्यों होगी उलटा मैं तो खुश हूँ कि मैं शादी के बाद बनारस में विधायक की वाइफ कहलाउंगी,,,,,,,,,,,वो क्या कहते है पापा ? हाँ ! “हमरे उह विधायक है”
कहते हुए गौरी ख़ुशी से जैसे ही पलटी उसका हाथ जाकर लगा वेटर के हाथ में पकड़ी ट्रे पर जिसमे वह गौरी के लिए छोले भठूरे और काशी के लिए सेंडविच लेकर आया। जैसे ही गौरी का हाथ लगा छोले बिखर गए , भठूरे हवा में उड़कर एक वेटर के सर पर तो दूसरा गौरी की टेबल पर गिरा और सेंडविच का सिर्फ ब्रेड ट्रे में बचा था।
काशी ने देखा तो अपना सर पीट लिया और कहा,”हमे पूरा विश्वास है गौरी , मुन्ना भैया राजनीती तो सम्हाल लेंगे पर तुम्हे सम्हाल पाएंगे या नहीं इस बात पर थोड़ा डाउट है”
काशी की बात सुनकर गौरी झेंपते हुए वापस अपनी जगह पर बैठी और वेटर से कहा,”भैया क्या आप दुसरा आर्डर ले आएंगे ?”
वेटर ने गौरी को घूरते हुए अपने सर और टेबल पर गिरा भटूरा उठाया और उसे ट्रे में पटककर वहा से चला गया। गौरी ने काशी को देखा और अपना मुंह छुपा लिया।
नवीन का घर , मुंबई
कैब आकर नवीन के घर के सामने रुकी , निशी का सर वंश के कंधे पर था और वह सो रही थी। वंश निशि को उसके घर छोड़कर अपने फ्लेट पर जाने वाला था ताकि आराम कर सके उसने निशि का कंधा थपथपाया और कहा,”निशि , निशि उठो तुम्हारा घर आ गया है”
वंश की आवाज से निशि की नींद खुली और उसने उठकर कहा,”क्या तुम अंदर नहीं आओगे ? तुम चाहो तो मॉम के हाथो से बनी कॉफी पीकर जा सकते हो”
वंश सोच में पड़ गया , वह काफी थका हुआ था लेकिन मेघना के हाथो से बनी कॉफी का लालच वह छोड़ नहीं पाया और निशि के साथ गाड़ी से नीचे उतर गया। उसने कैब वाले को पैसे दिए और निशि के साथ घर के अंदर चला आया। निशि ने बेल बजायी। दरवाजा मेघना की जगह पूर्वी ने खोला तो निशि और वंश दोनों ही हैरान थे।
“तुम सुबह सुबह यहाँ क्या कर रही हो ?”,निशि ने अंदर जाते हुए पूर्वी से कहा
“कैसी बेकार हो दोस्त हो तुम ? मैं यहाँ तुम से मिलने आयी हूँ और तुम मुझसे सवाल कर रही हो,,,,,,,,,!!”,पूर्वी ने कहा तभी वंश पूर्वी के बगल में आया और उसके साथ अंदर चलते हुए कहा,”हाउ रूड पूर्वी,,,,,,मेरी दोस्त होती तो मैं बात ही नहीं करता उस से”
“तुम आग मत लगाओ ठीक है,,,,,,,बेबस मैं तुम्हारे और अपने लिए लोनावला से सेम ट्यूब टॉप लेकर आयी हूँ , उसे पहनकर हम पार्टी जायेंगे”,निशि ने खुश होकर कहा तो पूर्वी अपना गुस्सा भूल गयी और निशि की तरफ बढ़कर उसे गले लगाते हुए कहा,”ओह्ह्ह आई लव यू निशि,,,,,,,!!”
“आई लव यू टू,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा और पूर्वी के साथ हॉल की तरफ चली आयी
वंश ने सुना तो उनके पीछे आते हुए बड़बड़ाया,”अह्ह्ह सिली गर्ल्स एक ट्यूब टॉप में खुश हो गयी , एंड ये छिपकली सबको आई लव यू बोल सकती है लेकिन मुझे नहीं ,,, उम्म्म आई लव यू डेड , आई लव यू बेबस , हुंह ! बस एक मेरा ही प्यार दिखाई नहीं देता इसे,,,,,,,,,,,!!”
“अरे वंश तुम भी आये हो , कैसा रहा शूट ?”,मेघना ने किचन से बाहर आते हुए कहा
वंश मेघना के पास आया और उसे साइड हग करके कहा,”इट्स अमेजिंग मॉम”
वंश के मुंह से मॉम सुनकर मेघना तो हैरान थी ही पूर्वी का मुंह भी खुला का खुला रह गया और निशि , उस बेचारी ने जब ये सुना तो उसके मुंह में भरा पानी बाहर आ गिरा उसने हैरानी से वंश की तरफ देखा तब तक पूर्वी बोल पड़ी,”ए वंश ! वो तुम्हारी मॉम कैसे हुई ?”
वंश पूर्वी की तरफ आया और कहा,”अब होने वाली सास को मॉम ही कहूंगा ना या नाम से बुलाऊ ?”
“होने वाली सास” ये सुनकर तो निशि को चक्कर ही आ गया और मेघना भी कभी वंश तो कभी निशि को देखती,,,,,,,,,,,,,,,!!
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संजना किरोड़ीवाल


Yr yeh Vansh kitna sweet banta ja rha hai ya fir yeh phele se itna Sweet hai…seedhe bol diya Nishi ki mom ko usne Mom…🤣🤣🤣 Aur upar se Nishi, Purvi aur Meghna ji ka reaction…yeh Vansh to apne iss nature se Nishi ko to haran kar hee rha hai…sath m hum pathko ko bhi…aur idhar iski crime partner Guri usne pagalpanti m Kashi ko bta diya ki Munna Yuva neta ka election lad rha hai…aur ab shayad Kashi Shakti ko bta de…fir dekhte hai ki kya hota hai election ka result…quki Bhushan to bawla ho gaya hai…iska ilaaj tabhi hoga, jab Munna yeh election jeetega aur usko sabak sikhayega