Main Teri Heer Season 5 – 48

Main Teri Heer Season 5 – 48

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

मुरारी की बातें सुनकर प्रताप वहा से निकल गया मुरारी जाते हुए प्रताप को देखता रहा। लाला के बेटे ने देखा तो कहा,”अरे विधायक जी ! एक ठो बात समझ नाही आय रही जे प्रताप चचा से दोस्ती कब हो गयी आपकी ?”
मुरारी ने सुना तो उसकी तंद्रा टूटी और उसने लड़के की तरफ देखकर कहा,”सांप और नेवले मा कबो दोस्ती हो सकती है का ? बन्दर कितना भी बूढ़ा हो जाए गुलाटी मारना नाही छोड़ता है,,,,,,,,,,अब इह बताओ कितना पइसा हुआ ?”


“अरे का विधायक जी अब आपसे पैसा लेंगे का ? जाने दीजिये”,लड़के ने कहा
मुरारी मुस्कुराया और 100 रूपये का एक नोट निकालकर लड़के की तरफ बढाकर कहा,”जे रखो ! पहिले की बात और थी अब,,,,,,,,!!”
“अब भैया भाभी के साथ रह के सुधर गए है,,,,,,,,,!!”,मुरारी के बगल में खड़े किशना ने कहा


लड़के ने सुना तो मुस्कराने लगा और अपने काम में लग गया। मुरारी ने किशना का कान पकड़ा और मरोड़ते हुए कहा,”घर की बाते मार्किट मा बताकर काहे हमाई मट्टी पलीत कर रहे हो किशना,,,,,,,,,,बहुते पर निकल आये है तुम्हाये कहो तो काट दे”
“अरे भैया माफ़ कर दीजिये हमहू तो बस मजाक कर रहे थे,,,,,,,,,,!!”,किशना ने कहा
मुरारी ने किशना का कान छोड़ा और कहा,”हमहू का तुम्हायी साली है जो हमसे हंसी ठिठोली कर रहे हो,,,,,,,,बहुते कार्ड देने बाकी है , ऐस बख्त बर्बाद किये


न तो मुन्ना की सादी के कार्ड बांटते बांटते उसके बच्चो तक की शादी का बख्त हो जायेगा,,,,,,चलो”
किशना ने सुना और मुरारी के साथ चलते हुए कहा,”मुरारी भैया एक ठो बात पूछे आपसे ?”
 “हाँ पूछो”,मुरारी ने कहा
“शादी के कार्ड बाँटने तो घर से कोई भी जा सकता था , हम जा सकते थे फिर आप खुद काहे तकलीफ किये ? आप जे शहर मा इत्ते दिन विधायक रहे है आपको जे छोटे मोटे काम करना सोभा नाही देता”,किशना ने कहा


“बात तुम्हायी सही है किशना पर का है ना कि विधायक से पहिले हमहू जे शहर मा सिर्फ मुरारी बनकर रह चुके है , और इह शहर के पानवाले से लेकर कबाड़ वाले तक से हमायी ख़ास दोस्ती और उठना बैठना रहा है और मुन्ना है हमरा इकलौता लड़का तो हमहू नाही चाहते ओह्ह की शादी का न्योता हमहू किसी और के हाथो भिजवाए और वैसे भी विधायकी छोड़े हमको महीनो हो चुके है अब हमहू फिर से वही आम आदमी मुरारी मिश्रा है,,,,,अब कार्ड बाटने मा कैसी शर्म ?”,मुरारी ने किशना को समझाते हुए कहा


किशना ने सुना तो थोड़ा हैरान हुआ कि इतने बड़े ओहदे पर रहने के बाद भी मुरारी आज भी जमीन से जुड़ा था। मुरारी के लिए किशना के दिल में इज्जत और बढ़ गयी और वह मुरारी के साथ आगे बढ़ गया।

लोनावला , पुणे
बारिश अब धीमी हो चुकी थी और शाम भी हो चुकी थी। जो जो बारिश में भीगे थे सब कपडे बदलकर आ चुके थे सुमित ने सबको बस में बैठने को कहा। उसने जब वंश को अकेले बस की तरफ जाते देखा तो रोककर कहा,”निशि कहा है ?”
वंश पलटा और कहा,”बड़े भैया ! निशि आपके लिए बच्ची जैसी है मेरे लिए नहीं,,,,,,,,,आ जाएगी वो छोटी बच्ची है क्या ?”


“ओफ्फो वंश तुम कभी सीधे सीधे जवाब नहीं दे सकते क्या ? टाइम बहुत हो गया है अब हम लोगो को यहाँ से निकलना चाहिए ताकि वक्त पर सब मुंबई पहुँच सके,,,,,,,जाओ अंदर जाकर देखो निशि अभी तक क्यों नहीं आयी ?”,सुमित ने थोड़ा कठोरता से कहा
“आपको लगता है मैं आपका आर्डर फॉलो करूंगा ? बड़े भैया ! सीरीज की शूटिंग खत्म हो चुकी है अब ना मैं आपकी सीरीज का हीरो हूँ और ना आप असिस्टेंट डायरेक्टर,,,,,,,,,,इसलिए अपना काम खुद कीजिये”,कहकर वंश जाने के लिए पलट गया


सुमित जानता था वंश को कैसे कंट्रोल करना है इसलिए उसने वंश को सुनाते हुए थोड़ा ऊँची आवाज में कहा,”ठीक है मैं चला जाता हूँ , मैं बस इसलिए बोल रहा था कि निशि अभी अभी बारिश में भीगकर अंदर गयी है , गीले कपड़ो में मैंने उसे देखा और,,,,,,,,,,,,,,!!”
सुमित आगे कुछ कहता इस से पहले वंश ने उसके सामने आकर कहा,”और क्या ?”


“और अचानक मुझे अपने सामने देखकर वो घबरा जाए तो मेरा फर्ज बनता है उसे गले लगाकर मैं उसे कंसोल करू,,,,,,,,,,,,,,,छोटी बच्ची की तरह”,आखरी शब्दों पर सुमित ने थोड़ा जोर देकर कहा
वंश को भला ये कहा मंजूर था उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल गए और उसने कहा,”आपको उसे कंसोल करने की कोई जरूरत नहीं है,,,,,,,,,,मैं जाकर उसे ले आता हूँ,,,,,,!!”


सुमित ने सुना तो मुस्कुराया और वंश से अंदर जाने का इशारा किया। वंश वहा से चला गया और चलते चलते बड़बड़ाया,”हाह ! क्या टॉर्चर है सुमित सर निशि का नाम लेकर मुझे फ़ोर्स कर रहे है और मैं हो भी रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,वैसे सब बाहर आ गए है तो ये छिपकली अंदर क्या कर रही है , लगता है फिर किसी दिवार पर चिपक गयी है”

वंश निशि को ढूंढते हुए अंदर आया तो देखा निशि कमरे की दिवार से अपनी पीठ घिस रही थी और उसके दोनों हाथ पीछे पीठ पर थे। वंश ने निशि को ये अजीब हरकत करते देखा तो उसके पास आते हुए कहा,”तुम सच में एक इच्छाधारी छिपकली हो न ?”
“व्हाट ? क्या बकवास कर रहे हो ?”,निशि ने हैरानी से कहा


“अरे इच्छाधारी ! जो सबके बीच इंसान बनकर रहती है और जब आस पास लोग ना हो तो छिपकली बन जाती है”,वंश ने निशि को देखते हुए हैरानी भरे स्वर में कहा
वंश की बात सुनकर निशि ने गुस्से से उसे देखा और कहा,”बकवास बंद करो,,,,,,,,,,,मैं कोई इच्छाधारी छिकली नहीं हूँ,,,,,,,!!”
“अरे तो फिर तुम छिपकली की तरह दिवार से क्यों चिपकी हो ?”,वंश ने पूछा


निशि दिवार से दूर हटी और कहा,”वो मेरे टॉप का जीप बंद नहीं हो रहा मैं बस उसे बंद करने की कोशिश कर रही हूँ,,,,,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो एकटक निशि को देखने लगा जिस से निशि को और गुस्सा आने लगा और उसने कहा,”खड़े खड़े मेरी शक्ल क्या देख रहे हो मेरी हेल्प करो”
“कैसी हेल्प ?”,वंश ने कहा


निशि ने अपनी पीठ वंश की तरफ की और कहा,”इसकी जीप बंद करो”
“हांह ! मैं करू ?”,वंश ने चौंकते हुए कहा
“नहीं तुम थोड़े करोगे तुम तो बड़ी सी रियासत के राजकुमार हो,,,,,,,,,तुम्हे यहाँ हम दोनों के अलावा कोई और दिख रहा है ?”,निशि ने पहले प्यार से कहा और फिर चिल्ला उठी
“नहीं,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“तो फिर बंद करो इसे,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा


“तो इसमें इतना चिल्लाने की क्या जरूरत है ? प्यार से भी बोल सकती हो,,,,,,,,,,पहले प्यार से बोलो तब करूंगा वरना नहीं करूंगा”,वंश ने बच्चो की तरह मुंह बनाकर कहा  
वंश की बाते सुनकर निशि का दिल किया अभी वंश की तरफ पलटे और उसका खून कर दे लेकिन बेचारी वंश से प्यार भी तो करती थी उसने गहरी साँस लेकर खुद को संयत किया और कहा,”वंश ! क्या तुम मेरे टॉप का जीप बंद कर दोगे ? प्लीजजज”


“इतना प्यार से कहोगी तो मैं सब कर दूंगा”,वंश ने निशि के करीब आकर कहा
वंश भले ही कितना भी बोल्ड हो लेकिन निशि के करीब आकर उसे शर्म आने लगती थी। वंश ने चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया निशि के टॉप की जीप बंद करने लगा। टॉप थोड़ा टाइट था जिस से जीप लगाने में वंश को काफी मेहनत करनी पड़ी। उसने जीप बंद की और पीछे हटकर कहा,”तुम लड़किया ऐसे कपडे पहनती ही क्यों हो जिन्हे बंद करने के लिए दो लोगो की जरूरत पड़े”


“ये फैशन और स्टाइल होता है चिरकुट , तुम नहीं समझोगे”,कहकर निशि जैसे ही जाने लगी वंश ने उसकी बाँह पकड़कर उसे अपने सामने किया और अपने दूसरे हाथ को निशि की कमर से लगाकर उसे अपने करीब करके कहा,”लड़किया कितना भी फैशन और स्टाइल के नाम पर इतरा ले खूबसूरत हमेशा सादगी में ही लगती है,,,,,,,,!!”
वंश को अपने इतना करीब पाकर निशि एकटक उसकी आँखों में देखने लगी , उसका दिल धड़कने लगा और वंश की नजदीकियां उसके मन को गुदगुदाने लगी। वंश एकटक निशि को देखे जा रहा था और निशि की नजरे सहसा ही वंश के सुर्ख होंठो पर जाकर ठहर गयी ,

निशि खुद को रोक नहीं पायी उसने अपने पैरो को थोड़ा ऊपर उठाया और अपने होंठो से वंश के होंठो को छू दिया। जैसे ही निशि ने वंश के होंठो को छुआ एक सिहरन वंश को महसूस हुई , उसका हाथ निशि की कमर से हट गया और वह अपनी बढ़ी हुई धड़कनो को सामान्य करने की नाकाम कोशिश कर रहा था। निशि वंश से दूर हटी और वहा से चली गयी।

वंश बुत बना वही खड़ा रहा उसे अभी तक निशि के होंठो का अहसास अपने होंठो पर हो रहा था। आज से पहले उसके और निशि के बीच ऐसा पल अनजाने में आया था पर आज निशि ने तो सामने से उसे किस कर दिया। वह ने अपनी आँखे मूंद ली और वही खड़ा रहा जैसे वह उस अहसास से बाहर आना ही ना चाहता हो।

“ये तुमने क्या किया ? तुम्हे खुद पर कंट्रोल करना चाहिए था निशि तुमने एकदम से उसे किस कर लिया,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह पता नहीं वंश मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा ? एक तो ऐसे ही वो मुझसे चिढ़ा रहता है,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह ये मैंने क्या कर दिया”,निशि बड़बड़ाते हुए सुमित के पास चली आयी
सुमित ने निशि को अकेले आते देखा तो कहा,”मैंने वंश को तुम्हे लेकर आने को कहा था , वो कहा है ?”


वंश का नाम सुनते ही निशि को कुछ देर पहले वंश को किया किस याद आ गया और उसने आगे बढ़ते हुए कहा,”अह्ह्ह मुझे नहीं पता सर आप खुद जाकर देख लीजिये”
सुमित कुछ कहता इस से पहले निशि वहा से चली गयी। सुमित ने अपना सर झटका और खुद ही वंश को बुलाने अंदर चला गया।

अंदर आकर सुमित ने देखा कमरे मे वंश आँखे मूंदे अकेला खड़ा था। सुमित उसके सामने आया और कहा,”वंश”
वंश निशि के ख्यालो में इतना खोया हुआ था कि उसे लगा उसके सामने निशि खड़ी है उसने सुमित का चेहरा अपने हाथो में लिया और जैसे ही अपने होंठो को उसके चेहरे की तरफ़ बढ़ाया सुमित ने वंश को पीछे धकेलकर घबराये हुए स्वर में कहा,”ये क्या कर रहे हो तुम ?”


निशि की जगह सुमित की आवाज सुनकर वंश ने अपनी आँखे खोली , अपने सामने सुमित को देखकर वंश के भी होश उड़ गए और उसने कहा,”सुमित सर आप , आप यहाँ क्या कर रहे है ?”
“तुम ये बताओ कि तुम अभी मेरे साथ क्या करने वाले थे ? देखो वंश मैं वैसा नहीं हूँ जैसा तुम समझ रहे हो,,,,,,,,,,मैं एक लड़का हूँ और मुझे सिर्फ लड़कियों के लिए फीलिंग्स है,,,,,,,,,,!!”,सुमित ने घबराये हुए स्वर में कहा


“ओह्ह्ह सुमित सर क्या बोल रहे है आप ? आपको क्या मैं ऐसा लड़का लगता हूँ वो तो मुझे लगा निशि मेरे सामने,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह छोड़िये चलो चलते है”,वंश ने कहा
“हाँ चलते है,,,,,,,,,,,मुझसे दूर रहो तुम”,सुमित ने वंश से दूरी बनाकर चलते हुए कहा। सुमित को अभी भी वंश में गड़बड़ लग रही थी। वंश ने अफ़सोस में अपना सर हिलाया और दोनों वहा से निकल गए  

नवीन का घर , मुंबई
“अरे मैडम ! ये पनीर लीजिये मेघना ने स्पेशली आपके लिए बनाया है। मेघना सच मे बहुत अच्छा बनाती है”,नवीन ने सारिका की प्लेट में पनीर परोसते हुए कहा
“बस करो नवीन , ये कुछ ज्यादा ही तारीफ हो गयी,,,,,,,,,,सारिका आप खाकर बताईये कैसा बना है ?”,मेघना ने चपाती सारिका की प्लेट में रखकर कहा


 सारिका ने एक निवाला खाया और मेघना की तरफ देखकर कहा,”वैसे नवीन ने सच कह रहा है , आप बहुत अच्छा पनीर बनाती है”
मेघना ने सुना तो खुश होकर बरतन उठाया और सारिका की प्लेट में थोड़ा पनीर और परोसते हुए कहा,”अरे तो फिर और लीजिये ना,,,,,,,,!!”
“अरे बस बस मेघना हम इतना सब नहीं खा पाएंगे,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा
“इतना सब कहा है मैडम , अभी तो ये खीर खाना बाकि है”,नवीन ने बड़ा सा प्याला डायनिंग पर रखते हुए कहा जिसमे खीर थी जिसकी खुशबु से पूरा घर महक रहा था।

सारिका की प्लेट में पहले से बहुत खाना था उसने खीर देखी और फिर बेचारगी से नवीन मेघना को देखा लेकिन उसने मना नहीं किया क्योकि मेघना और नवीन ने उसके लिए ये सब इतने प्यार से जो बनाया था। सारिका नवीन और मेघना तीनो ने खाना खाया और उसके बाद सभी हॉल में बैठकर बातें करने लगे। मेघना सारिका और नवीन को अकेला छोड़कर किचन में चली आयी और काम निपटाने लगी।

सारिका पहली बार नवीन के घर आयी थी तो नवीन ने उसे अपना घर दिखाने लगा। घर देखने के बाद बातें करते हुए दोनों बालकनी में चले आये। मेघना ने देखा तो सारिका और नवीन के लिए ब्लैक कॉफी लेकर बालकनी में चली आयी। नवीन और सारिका को कॉफी देकर जैसे ही जाने लगी सारिका ने कहा,”मेघना आप भी आईये,,,,,,,,,,,,,!!”


“आप दोनों इतने दिनों बाद मिले हो और मुझे पता है आप दोनों के पास बिजनेस की ढेर सारी बाते होंगी और मुझे बिजनेस का बी तक नहीं पता इसलिए आप लोग बाते कीजिये और मैं जा रही हूँ अपना फेवरेट सीरियल देखने,,,,,,,,,!!”,मेघना ने मुस्कुराते हुए कहा और वहा से चली गयी
नवीन के लिए मेघना की समझ देखकर सारिका को अच्छा लगा

तभी नवीन ने कहा,”मैडम मुझे आपको कुछ बताना है”
नवीन के चेहरे पर गंभीर भाव देखकर सारिका ने कहा,”हाँ कहिये,,,,,,,,,!!”
“मैडम आपने नए बिजनेस के लिए ऑफिस के अकाउंट में 10 लाख रूपये ट्रांसफर किये थे , उनके अलावा उस अकाउंट में 1 करोड़ का डोनेशन और आया है वो भी 25-30 अलग अलग अकाउंट्स से,,,,,,,,,,,क्या आपको इस बारे में कुछ पता है मैंम ? ये डोनेशन किसने किये होंगे ? वो भी अचानक,,,,,,,!!”.नवीन ने हैरानी और चिंता भरे स्वर में कहा


सारिका ने सुना तो मुस्कुरा उठी उसे मुस्कुराते देखकर नवीन ने कहा ,”क्या हुआ मैम आप मुस्कुरा क्यों रही है ?”
सारिका ने नवीन की तरफ देखा और कहा,”हम जानते है ये पैसे कहा से आये है ? नवीन वो हमसे इतनी मोहब्बत करते है कि हमारे लिए कुछ भी कर जायेंगे और उनमे स्वाभिमान इतना है कि बताकर  कभी अहसान नहीं जताएंगे,,,,,,,,,,,,जो भी पैसा आया है उसे बिजनेस में लगा दीजिये,,,,,,!!”
“ठीक है मैडम नए ऑफिस के पेपर्स किस नाम से बनवाऊ ?”,नवीन ने पूछा


“शिवम शर्मा”,सारिका ने कहा और आसमान में चमकते चाँद को देखते हुए कॉफी पीने लगी। नवीन ने सुना तो मुस्कुरा उठा आखिर उसकी सारिका मैडम आज भी अपने रांझणा से इतना प्यार जो करती थी,,,,,,,,,,,!!

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संजना किरोड़ीवाल

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