Main Teri Heer Season 5 – 56
Main Teri Heer Season 5 – 56

निशि और वंश दोनों सारिका के सामने खड़े थे , दोनों के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था और दोनो के दिल तेजी से धड़क रहे थे। सामने सोफे पर बैठी सारिका उन दोनों को एकटक देखे जा रही थी। निशि आयी थी वंश को सबक सिखाने और खुद ही फंस गयी ऊपर से लोनावला में उसके और वंश के बीच जो कुछ हुआ वो भी निशि ने खुद ही सारिका के सामने उगल दिया। वंश को काटो तो खून नहीं , ऐसे वह बड़ा कूल था लेकिन सारिका को यू एकटक देखते पाकर उसकी भी हिम्मत जवाब दे गयी।
“वंश निशि क्या हम जान सकते है ये सब क्या चल रहा है और कब से चल रहा है ?”,सारिका ने दोनों को खामोश देखकर पूछा
वंश तो कुछ बोलने की हालत में था नहीं इसलिए निशि ने ही डरते डरते कहा,”आई ऍम सो सॉरी , आप जैसा समझ रही है,,,,,,,!!”
“वंश हमे निशि से अकेले में बात करनी है तब तुम जाकर हमारे लिए चाय बनाओगे ?”,सारिका ने वंश की बात बीच में काटकर कहा निशि का तो गला ही सूख गया ,
वंश चुपचाप किचन एरिया की तरफ चला गया और सबके लिए चाय बनाने लगा। सारिका उठी और बालकनी की तरफ चली गयी। अवनि ने एक नजर वंश को देखा और फिर डरी सहमी सारिका की तरफ बढ़ गयी। निशि सारिका के पास चली आयी और चुपचाप खड़ी हो गयी। सारिका ने निशि को देखा वह बहुत घबराई हुई थी , ये देखकर सारिका ने हॉल में रखी टेबल पर पड़े जग से गिलास में पानी डाला और निशि की तरफ बढाकर कहा,”लो पी लो”
निशि ने पानी लिया और एक साँस में पी गयी , उसने गिलास सारिका की तरफ बढ़ा दिया और कहा,”थैंक्यू !”
“नवीन को ये सब के बारे में पता है ?”,सारिका ने अपने हाथो को बांधकर निशि की तरफ देखकर कहा
निशि ने सारिका की तरफ देखा और कहा,”मॉम-डेड को सब पता है आंटी बस लोनावला के बारे में आई ऍम सो सॉरी”
“तुम सॉरी क्यों बोल रही हो ? हम अपने बेटे को बहुत अच्छे से जानते है वो कभी ऐसा कुछ नहीं करेगा जिस से हमे शर्मिंदा होना पड़े”,सारिका ने बड़े प्यार से कहा। सारिका को नार्मल देखकर निशि को थोड़ी राहत मिली और उसने कहा,”हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं हुआ है आंटी , शूटिंग का एक पार्ट लोनावला में था और मैं और वंश साथ वहा थे,,,,,,,,!!”
निशि को घबराया हुआ देखकर सारिका ने उसके गाल को छुआ और प्यार से कहा,”रिलेक्स ! हमे तो मुन्ना की सगाई में ही समझ आ गया था कि वंश और तुम्हारे बीच क्या चल रहा है ? हम नवीन से मिलकर तुम्हारे और वंश के रिश्ते की बात भी करने वाले थे लेकिन तुमने तो हमे ही सरप्राइज कर दिया”
निशि ने सुना तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा , उसके और वंश के रिश्ते से सारिका को कोई ऐतराज नहीं था।
वंश किचन से झांककर सुनने की कोशिश कर रहा था कि आखिर सारिका और निशि के बीच क्या बाते हो रही है ? किचन से जब साफ सुनाई नहीं दिया तो वह अदरक कूटने के बहाने से हॉल में चला आया और कान लगाकर सुनने की कोशिश करने लगा। निशि से बात करते हुए सारिका की नजर जब वंश पर पड़ी तो उसने कहा,”वंश ! क्या चाहिए तुम्हे ?”
“अह्ह्ह्ह कुछ नहीं ! मैं तो बस पूछने आया था कि आप मीठा कम लेंगी या ज्यादा ?”,वंश ने झेंपते हुए कहा
“नार्मल,,,,,,,,,अब जाओ यहाँ से”,सारिका ने उसी कठोरता से कहा
वंश किचन की तरफ चला आया और बड़बड़ाने लगा,”पता नहीं ये छिपकली और माँ के बीच कौनसी बाते चल रही है ? माँ को देखकर लग रहा है पक्का उस निशि ने उन्हें सब बता दिया होगा , बचा लेना भगवान्”
वंश ने चाय बनाई और निशि सारिका को देकर खुद भी अपनी चाय पकडे वही खड़े हो गया तो सारिका ने कहा,”तुम यहाँ क्यों खड़े हो ? अंदर जाओ”
वंश चुपचाप अंदर चला आया और सोफे पर आ बैठा।
निशि को लेकर वंश का शक अब पक्का होने लगा था। सारिका और निशि ने अपनी चाय खत्म की और फिर हॉल में चले आये।
सारिका को नार्मल देखकर वंश को थोड़ी राहत मिली और सारिका से कहा,”माँ आप जैसा सोच रही है वैसे कुछ नहीं है , हम दोनों बस अच्छे दोस्त है”
सारिका ने सुना तो हैरानी से उसकी तरफ देखा और फिर निशि की तरफ जो कि वंश के बगल में ही बैठी थी। वंश की बात सुनकर निशि थोड़ा सा उसकी तरफ झुकी और दबी आवाज में कहा,”आंटी को सब पता ही वंश”
“हाँ ! क्या ? आपको सब पता है ?”,वंश ने चौंककर कहा
“हाँ हमारे भी कई दोस्त है वंश पर हमारे किसी दोस्त ने आज तक हमारी साड़ी की सलवटे सही नहीं की , ना हमारा कोई दोस्त आधी रात में हमे चाय पिलाने बाहर लेकर गया , ना हमारे किसी दोस्त ने हमे स्टेशन छोड़ने के लिए अपनी सुबह की नींद खराब की , ना ही हमारा कोई दोस्त हमारे घर पाइप चढ़कर आया”,सारिका ने सहजता से कहा
वंश ने सुना तो हक्का बक्का रह गया और निशि की तरफ देखकर कहा,”तुमने इन्हे सब बता दया ?”
“इन्हे पहले से सब पता है वंश,,,,,,,,,!!”,निशि वैसे ही दबी आवाज में कहा
वंश ने झेंपते हुए सारिका की तरफ देखा और कहा,”अह्ह्ह्ह आप ही कहती है दोस्ती प्यार है,,,,,,,,,,,,आप और पापा भी तो पहले दोस्त थे ना माँ , फिर उन्हें और आपको एक दूसरे से प्यार हुआ और फिर आप लोगो ने शादी कर ली”
“हम्म्म्म काफी समझदार हो गए हो वंश,,,,,,,,!!”, सारिका ने वंश को ताना मारते हुए कहा तो वंश ने नजरे झुका ली।
वंश को खामोश देखकर सारिका ने कहा,”हमे तुम्हारे और निशि के रिश्ते से कोई ऐतराज नहीं है वंश बस हमे एक बार नवीन से बात करनी होगी”
“अरे उन्हें तो मैं कब का बोल चुका हूँ”,वंश ने एकदम से कहा तो निशि अफ़सोस से अपना सर खुजाने लगी और वंश को समझ आया कि उसने जवाब देने में जल्दबाजी की उसने सारिका की तरफ देखा और कहा,”मेरा मतलब नवीन अंकल और मेघना आंटी को सब पता है,,,,,,,,,!!”
“अब जब सबको पता ही है तो क्यों न इस रिश्ते को ऑफिसियल कर दिया जाए,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा
“मतलब ?”,वंश ने कहा और निशि सारिका को देखने लगी तो सारिका ने उठते हुए कहा,”मुन्ना और काशी की शादी के समय तुम दोनों की सगाई , ताकि तुम दोनों ये चूहे बिल्ली का खेल खत्म करो,,,,,,,,,हम फ्रेश होने जा रहे है। निशि आज रात का खाना तुम यही खाना”
निशि उठी और कहा,”हम जरूर खाते आंटी पर आज रात हमे अपने दोस्तों के साथ बाहर जाना है,,,,,,,,हम कल सुबह पक्का खाएंगे”
सारिका मुस्कुराई और निशि को सुबह आने का बोलकर वंश के कमरे में चली गयी।
वंश तो अभी भी हैरान सा सोफे पर बैठा था , सारिका इतनी आसानी से उसके और निशि के रिश्ते के लिए मान जाएगी उसने सोचा नहीं था। वंश को चुप देखकर निशि ने कहा,”अब तुम्हे क्या हुआ है ? तुम ऐसे क्यों बैठे हो ?”
वंश उठा और हैरानी से कहा,”तुमने सुना अभी माँ ने क्या कहा ?”
“हाँ उन्होंने कहा कि मुन्ना भैया और काशी दी की शादी के वक्त वो हमारी सगाई करके हमारा रिश्ता ऑफिसियल कर देंगी”,निशि ने कहा
“तुम्हे ये अजीब नहीं लगता ? मतलब इतनी आसानी से सब कैसे मान सकते है थोड़ा तो ड्रामा तो होना चाहिए था ना”,वंश ने कहा
“अह्ह्ह्ह तुम कितने नेगेटिव इंसान हो , मैं जा रही हूँ , आज शाम मैं और पूर्वी क्लब जा रहे है क्या तुम साथ आना चाहोगे ?”,निशि ने दरवाजे की तरफ बढ़ते हुए कहा
वंश निशि के पीछे आया और उसका हाथ पकड़कर उसकी पीठ दिवार से लगाते हुए कहा,”तुम माँ के फैसले से खुश हो ?”
“हाँ,,,,,,,,क्यों तुम नहीं हो क्या ?”,निशि ने पूछा
“मैं तो इतना खुश हूँ कि कल ही तुम्हारे हिटलर बाप से जाकर कह सकता हूँ कि अब हम दोनों शादी करने वाले है,,,,,,,,,!!”,वंश ने खुश होकर कहा
“लेकिन तुमने मुझे अभी तक आई लव यू नहीं कहा है”,निशि ने अपनी आँखों को छोटा करके वंश को घूरते हुए कहा
“वो तो पहले तुम ही कहोगी,,,,,,,,,”,वंश ने अकड़कर कहा
“कुछ नहीं हो सकता तुम्हारा , अब मुझे जाना है”,निशि ने कहा
“माँ ने हमारा रिश्ता एक्सेप्ट कर लिया तो तुम्हे नहीं लगता इस ख़ुशी के मौके पर तुम्हे मीठा खाना चाहिए”,वंश ने निशि की तरफ देखते हुए कहा
“मीठा ? लेकिन यहाँ कहा मीठा है ?”,निशि ने कहा क्योकि दोनों फ्लेट के दरवाजे से पहले बनी गेलेरी के पास खड़े थे। निशि की बात सुनकर वंश उसके करीब आया और प्यार से उसकी तरफ देखते हुए कहा,”मेरे पास है ना”
निशि कुछ समझ पाती इस से पहले वंश ने अपने होंठो को निशि के होंठो पर रख दिया और निशि की धड़कने कुछ पल के लिए रुक गयी। वंश की आँखे बंद थी और निशि की आँखे भी कुछ सेकेण्ड बाद बंद हो गयी। वंश निशि से दूर हटा और कहा,”बाय,,,,,,,,,,,!!”
निशि उसे ना रोक पायी ना कुछ बोल पायी और अगले ही पल वहा से निकल गयी। वंश भी अंदर चला गया और इसमें कोई हैरानी की बात नहीं थी कि वंश रोमांस के मामले में अपने चाचा पर गया था,,,,,,,,,,,,,हाँ वही मुरारी चाचा।
नवीन का घर , मुंबई
“मेघना आज तो कमाल हो गया , सभी शेयर होल्डर्स को सारिका मैडम का आइडिआ इतना पसंद आया कि सब कम्पनी में लाखो का इन्वेस्टमेंट करने के लिए तैयार हो गए है,,,,,,,,!!”,नवीन ने अपना ऑफिस बैग सोफे पर रखते हुए कहा
मेघना नवीन के लिए पानी का गिलास ले आयी और उसकी तरफ बढाकर कहा,”ये सब तुम्हारी मेहनत का फल है नवीन , इस नए प्रोजेक्ट के लिए तुमने बहुत मेहनत की है,,,,,,,,,,!!”
“हाँ लेकिन सारिका मैडम ने मुझे अपनी कम्पनी में मैनेजर की पोस्ट देने से मना कर दिया”,नवीन ने मायूस होकर कहा
“उन्होंने ऐसा क्यों किया ?”,मेघना ने पूछा
नवीन मुस्कुराया और ख़ुशी से भरकर मेघना के कंधो को थामकर कहा,”अरे क्योकि उन्होंने मुझे अपनी कम्पनी में शेयर होल्डर बनाया है , मेघना मैडम का दिल बहुत बड़ा है मैं जानता था पर इतना बड़ा होगा मैंने ये कभी नहीं सोचा था,,,,,,!!”
“कॉन्ग्रैचुलेशन नवीन , कम से कम अब तुम खुद को सारिका जी से अलग तो नहीं समझोगे”,मेघना ने हँसते हुए कहा
“क्या मेघना तुम भी ? वैसे निशि कहा है कही नजर नहीं आ रही ? वो लोनावला से वापस आ गयी ना सॉरी मैं उसे लेने नहीं जा पाया”,नवीन ने गले में बढ़ी अपनी
टाई ढीली करते हुए कहा
“हाँ निशि आ चुकी है पूर्वी के साथ बाहर गयी है , वंश और निशि सुबह साथ ही आये थे,,,,,,,नवीन मुझे लगता है तुम्हे अब सारिका जी से निशि और वंश के बारे में बात करनी चाहिए,,,,,,,,,,मेरा मतलब ऐसे निशि और वंश का साथ रहना घुमना अह्ह्ह्ह तुम समझ रहे हो न”,मेघना ने नवीन के बगल में बैठते हुए कहा
मेघना की बात सुनकर नवीन को एकदम से वंश की गर्दन का वो निशान याद आ गया और उसने गंभीर स्वर में कहा,”हाँ मेघना तुम सही कह रही हो,,,,,,!!”
“मुझे पूरा यकीन है नवीन सालों पहले जैसे सारिका जी ने हमारे रिश्ते को समझा था वैसे ही वे निशि और वंश के रिश्ते को भी समझेगी”,कहते हुए नवीन के बगल में बैठी मेघना ने अपना सर उसके सीने से लगा दिया।
पार्टी हॉउस , बनारस
सुबह सुबह पार्टी हॉउस खचाखच भरा हुआ था। शक्ति भी बीती रात ही बनारस पहुँच चुका था और अगली सुबह सीधा पार्टी हॉउस चला आया क्योकि आज का मुख्य मेहमान तो वही था। पिछले 2 दिन से बनारस युवा नेता के लिए बनारस में वोटिंग चल रही थी। मुन्ना और भूषण आमने सामने थे। भूषण के खास आदमी रमेश और राजन मुन्ना की तरफ थे और यही बात भूषण के दिल में मुन्ना के लिए गुस्सा बढ़ा गयी। वह आज पार्टी हॉउस पूरी तैयारी के साथ आया था और कट्टा उसने अपने कुर्ते में छुपाया हुआ था
एक बड़े से स्टेज पर पार्टी हॉउस के अधिकारी और बड़े लोग मौजूद थे , उन्ही के बीच मुरारी भी आँखों पर काला चश्मा लगाए बैठा था और आज तो मुरारी फुला नहीं समा रहा था। शिवम् और बाकि घरवाले सामने नीचे पड़ी कुर्सियों पर बैठे थे।
मुन्ना वहा नहीं था लेकिन उसके सभी लड़के वहा मौजूद थे। भूषण का परिवार भी आगे बैठा था और भूषण अपने लड़को के साथ अकड़कर खड़ा था जैसे उसे पूरा विश्वास हो कि आज वही जीतेगा। अधिकारी ने सबको आज के मुख्य अतिथि का परिचय दिया और अपनी वर्दी पहने शक्ति जैसे ही स्टेज पर आया मुरारी के साथ साथ शिवम् और बाकि घरवाले पहले हैरान हुए और बाद में बहुत ही खुश कि शक्ति के हाथो युवा नेता का नाम अनाउंस होने जा रहा है। अधिकारी ने शक्ति को एक पेपर दिया और माइक की तरफ आने का इशारा किया।
शक्ति ने सबसे पहले एक बढ़िया स्पीच दी और उसके बाद उसने पेपर आँखों के सामने लाकर कहा,”हमे ये घोषणा करते हुए बहुत ही ख़ुशी और गर्व हो रहा है कि इस साल बनारस युवा नेता के लिए बनारस की जनता ने जिन्हे चुना है उनका नाम है “मानवेन्द्र मिश्रा सन ऑफ़ मुरारी कुमार मिश्रा”
मुन्ना का पूरा नाम लेते लेते शक्ति की आवाज धीमी पड़ गयी , मुन्ना का नाम उस कागज पर देखकर उसे एक धक्का लगा , मुन्ना और राजनीती में ये शक्ति ने कभी सोचा नहीं था।
शक्ति ने पेपर को एक बार फिर देखा उस पर मुन्ना का ही नाम था उसने आगे की लाइन पढ़ी “हम उनसे स्टेज पर आने का आग्रह करते है” माहौल तालियों से गूंज उठा , शक्ति ने हाथ नीचे किया और सामने देखा तो सफ़ेद धोती कुर्ता पहने , आँखों पर चश्मा लगाये , हाथ जोड़े मुन्ना बहुत ही स्वैग के साथ स्टेज की तरफ चला आ रहा था , मुन्ना के बढ़ते कदमो के साथ ही बढ़ रही थी शक्ति की धड़कने
भूषण ने जब सुना की युवा नेता के लिए मुन्ना को चुना गया है तो उसने कुर्ते में छिपाया कट्टा निकाल लिया मुन्ना स्टेज पर आया और अपना चश्मा उतार कर शक्ति की तरफ देखा तो शक्ति को पहली बार मुन्ना की आँखों में बदले की भावना नजर आयी। मुन्ना शक्ति के सामने चला आया और एकटक उसे देखने लगा , शक्ति को मुन्ना के साथ किया अपना किया छल याद आ गया और उसने नजरे घुमा ली
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संजना किरोड़ीवाल


Aery wha Munna Yuva neta election jeet gaya…balle balle…aur Shakti ko mila jhatka omg…khar abhi lag raha hai ki Bhushan apni haat ko bardasht nhi kar pa rha hai…esa na ho ki Bhushan Munna pe goli na chala de…to uska khal to aaj hee khatam ho jayegi…quki ab Munna Banaras ka Yuva neta ban chuka hai…yeh to achchi baat hai…aur ab Banaras sahi hatho m hai…idhar Nishi aur Vansh ko bhi Sarika ki manjuri mil chuki hai…ab bas baba aur Aai se dono k rishte ko manjuri mil jaye…lakin usse phele Vansh ne Nishi ko apne rang m rang diya hai usko mita kila kar
Next chapter please
Nice chapter mam.Plzz next