Main Teri Heer – 20

Main Teri Heer – 20

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

वंश से बात करके मुन्ना ने फोन रखा तब तक गौरी का फोन फिर से आ गया। मुन्ना ने फोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हाँ जी”
“हाये ! दिनभर की थकान के बाद तुम्हारे मुंह से ये हाँ जी सुनना दिल को कितना सुकून पहुंचा देता है,,,,,,,,!!”,गौरी ने आहे भरते हुए कहा
“तुम अभी तक जाग रही हो ?”,मुन्ना ने पूछा
“क्या करे मिश्रा जी आपकी यादे हमे सोने ही नहीं देती है,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने बड़े प्यार से कहा तो मुन्ना मुस्कुरा उठा
“हमे तुम्हे कुछ बताना है,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने शांत लहजे में कहा


“हम्म्म बताओ ना , मैं तो जिंदगीभर तुम्हारी सुनने के लिए तैयार हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने बिस्तर से उठकर खिड़की के पास आकर कहा और खिड़की के दरवाजे खोल दिए। ठंडी हवा के झोंके गौरी के गालो को सहलाने लगे।
मुन्ना भी अपने बिस्तर से उठा और खिड़की के पास आकर उसके दरवाजे बाहर खोलते हुए कहा,”हम जो बताने जा रहे है उसे ध्यान से सुनना और समझने की कोशिश करना,,,,,,,,,,,,,!!”


मुन्ना अपनी बात पूरी करता उस से  पहले बोल पड़ी,”ओह्ह्ह मान कही तुम शादी से इंकार तो नहीं करने वाले , मैं जानती हूँ तुम्हे अपने करियर पर फोकस करना है , बहुत काम करना है लेकिन हमारी शादी से ये सब इफ़ेक्ट नहीं होगा ट्रस्ट मी,,,,,,,ओह्ह्ह्ह मैं तुम्हे कैसे समझाऊ ? शादी के बाद तुम अपना काम करते रहना मैं तुम्हे डिसट्रब नहीं करुँगी तुम कहोगे तो मैं तुम्हारे कमरे में भी नहीं आउंगी , मैं मम्मी जी के साथ रह लुंगी बट प्लीज ये मत कहना कि तुम ये शादी नहीं करोगे,,,,,,,,,,,,

अक्सर ऐसा ही होता है लड़के सगाई तो कर लेते है लेकिन जैसे जैसे शादी के दिन नजदीक आने लगते है जिम्मेदारियों के डर से वे दूर भागने लगते है , प्लीज कह दो कि तुम मुझसे ऐसा कुछ नहीं कहना चाहते”
गौरी का ख्याली पुलाव सुनकर मुन्ना मुस्कुराया और धीरे से कहा,”क्या ही होगा हमारा गौरी”  
“हेलो , हेलो , मान मैं तुमसे बात कर रही हूँ तुम सुन रहे हो ना ?”,मुन्ना को खामोश पाकर गौरी ने कहा


“श्श्श्श्श्श्श बिल्कुल चुप , अभी हम जो कह रहे है वो सुनो”,मुन्ना ने कहा , गौरी शांत हो गयी और मुन्ना के आगे बोलने का इंतजार करने लगी
मुन्ना ने एक गहरी साँस ली और कहा,”हम इस साल बनारस में युवा नेता के लिए इलेक्शन लड़ने जा रहे है , हम जानते है ये सुनकर बाकि सबकी तरह तुम्हे भी शॉक लगेगा लेकिन,,,,,,,,,,,!!”


बेचारा मुन्ना अपनी बात भी पूरी नहीं कर पाया कि गौरी ने उछलते हुए कहा,”अरे नहीं ! बल्कि मुझे तो ये सुनकर डांस करने का दिल कर रहा है,,,,,,,पापा से मिलने के बाद तो आई ऑलवेज थॉट कि तुम राजनीती में क्यों नहीं हो ? हाह कितने अच्छे लगोगे तुम सफ़ेद कुर्ते पाजामे में , आँखों पर काले रंग का चश्मा , बनारस के सड़क पर दौड़ती तुम्हारी जीप और उसके बाहर नारे लगेंगे “मानवेन्द्र मिश्रा जिंदाबाद , मानवेन्द्र मिश्रा जिंदाबाद” उस मोमेंट पर कितना प्राउड फील होगा मुझे आई कांट टेल यू,,,,,,,,,मैं तो शादी के बाद पुरे बनारस में सबको ये कहकर धौंस चलाऊंगी कि “ए सुनो ! उह विधायक है हमारे” ओह्ह्ह आई ऍम सो एक्साइटेड,,,,,,,,,,!!”


मुन्ना ने सुना तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया। उसे लगा गौरी उसके राजनीती में आने को लेकर ऑब्जेक्शन करेगी लेकिन यहाँ तो गौरी मुन्ना से भी ज्यादा एक्साइटेड थी। मुन्ना ने जैसे तैसे थूक निगला और कहा,”गौरी , गौरी हमारी बात सुनो रिलेक्स,,,,,,,,,,,,हम अभी इलेक्शन जीते नहीं है बस टिकट मिला है हमे”
“मान तुम ही जीतोगे,,,,,,,,और बनारस को तुम्हारे जैसा शांत , सुन्दर हॉट नेता मिल रहा है , कोई गधा ही होगा जो तुम्हे वोट नहीं देगा,,,,,,,,,मैं अगर वहा से होती तो अपना वोट तुम्हे ही देती,,,,,,,पापा तो खुश हो गए होंगे ये सुनकर,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने ख़ुशी भरे स्वर में कहा


“हाँ बहुत ! उन्हें तो अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि हम राजनीती में आ रहे है,,,,,,,,,,हम सोच रहे है बाकि सब को पता चलेगा तो क्या होगा ?”,मुन्ना ने कहा
“होना क्या है सब खुश होंगे , काशी को तो मैं कल ही बता देती हूँ,,,,,,,,,,,नानाजी नानी माँ , शक्ति सब कितने खुश हो जायेंगे,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“काशी को तुम नहीं बताओगी,,,,,,,,,,,इन्फेक्ट किसी को भी नहीं”,मुन्ना ने थोड़ा गंभीर होकर कहा
“क्यों नहीं बताना ?”,गौरी ने पूछा


“अह्ह्ह वो क्या है ना शक्ति जीजाजी हमारे दिल के कुछ ज्यादा ही करीब है , और हमारी सगाई के बाद तो वो हमारे और फेवरेट हो गए है तो हम ये खुशखबरी खुद उन्हें देंगे वो भी बनारस आने के बाद,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“ठीक है लेकिन काशी को क्यों नहीं ?”,गौरी ने खिड़की के पास बैठते हुए कहा
“तुम सच में अजीब हो गौरी , अगर काशी को बताया तो वह तो शक्ति को बता देगी न जैसे तुम अपनी हर बात हमे बताया करती हो”,मुन्ना ने गौरी को समझाते हुए कहा तो गौरी को समझ आया


“ठीक है बाबा , अच्छा सुनो मैंने तुम्हे कुछ बताने के लिए फोन किया था,,,,,,,,,,!!”,गौरी को याद आया कि उसने मुन्ना को फोन क्यों किया था ?
“हाँ बताओ ना,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने प्यार से कहा
“अगर मैं शादी के बाद जॉब नहीं करू तो चलेगा , एक्चुली मम्मा चाहती है मैं उनके बैंक में ट्रेनिंग लू और फिर उनकी रिकमेंडेशन से बनारस में जॉब करू,,,,,,,,,,,तुम्हे तो पता है जॉब कितनी बोरिंग होती है , मुझसे नहीं होगा”,गौरी ने मायूसी से कहा


“तुम क्या चाहती हो गौरी ? हमारे लिए बस वही मेटर करता है,,,,,,,,,,,,,क्या तुम शादी के बाद सिर्फ मानवेन्द्र मिश्रा की पत्नी कहलाना चाहती हो या फिर चाहती हो लोग तुम्हे तुम्हारे नाम से पहचाने ?”,मुन्ना ने गौरी से सवाल किया
गौरी कुछ देर शांत रही और फिर कहा,”जिंदगीभर तुम्हारी वाइफ के नाम से बुलाया जाना इतना भी बोरिंग नहीं होगा लेकिन हाँ मैं अपना कुछ करना चाहती हूँ”
“राजनीती छोड़कर तुम जो चाहे कर सकती हो,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा


“और राजनीती क्यों नहीं मिश्रा जी ? तुम्हे डर है कही सब तुम्हे छोड़कर अपना वोट मुझे न दे दे,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने मुन्ना को छेड़ते हुए कहा
“एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकती ना गौरी मैडम,,,,,,!”,मुन्ना ने भी गौरी के अंदाज में ही जवाब दिया
“मुझे तुम्हारी राजनीती में कोई दिलचस्पी नहीं है , मैं तो युवा नेता की पत्नी बनकर ही खुश हूँ,,,,,,,,,लेकिन मैंने जो करने का सोचा है वो मैं करुँगी,,,,,,!!”,गौरी ने कहा


“हाँ गौरी तुम कर सकती हो , हम हमेशा तुम्हारे साथ है। बड़े पापा ने कल सुबह सबको घर बुलाया है,,,,,,,शादी की तैयारियों के लिए , तुम्हारी सब तैयारी हो गयी ?”,मुन्ना ने पूछा
“मुझे क्या ही तैयारी करनी है एक बैग पैक करना है और बनारस चले आना है , मुझे तो सोचकर ही कितना अच्छा लग रहा है हमारी शादी बनारस में होगी,,,,,,,!!”,गौरी ने ख़ुशी भरे स्वर में कहा


“हम हमेशा चाहते थे हमारी शादी बनारस में हो और हम हमेशा यही रहे कभी यहाँ से बाहर ना जाये और देखो हमारी किस्मत हमे बनारस की राजनीती में ले आयी”,मुन्ना ने कहा और फिर गौरी से अपनी आने वाली नयी जिंदगी के बारे में बाते करने लगा। 

मुंबई , वंश का फ्लेट
मुन्ना से बात करने के बाद वंश ने फोन साइड में रखा और उठकर बिस्तर से नीचे आया और किचन की तरफ चला आया। वंश ने फ्रीज खोला और उसमे रखा कोल्ड ड्रिंक का केन निकालकर उसे खोलने लगा। वंश ने फ्रीज का दरवाजा बंद किया और केन मुंह से लगाए बालकनी की तरफ जाने लगा। ठंडी हवाएं चल रही थी और इस वक्त मुंबई का मौसम काफी अच्छा था। वंश ने बस शॉर्ट्स पहना था बाकि ऊपर के सारे कपडे गायब थे। वंश जैसे ही बालकनी में आया उसके फोन की मेसेज रिंग बजी।

रात के 11 बज रहे थे और इतनी रात में उसे कौन मैसेज करेगा सोचकर वंश ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और ड्रिंक पीने लगा। ठंडी हवा के झोंके उसे सुकून पहुंचा रहे थे। वंश मौसम के मजे ले ही रहा था कि फ़ोन पर फिर एक मैसेज आया।
“इस वक्त कौन हो सकता है ? ओह्ह्ह कही ये निशि तो नहीं”,खुद से कहते हुए वंश बालकनी से बिस्तर की तरफ आया और बिस्तर पर कूदते हुए कहा। वंश ने बिस्तर पर पड़ा अपना फोन उठाया और मैसेज देखा।
” मायरा इस वक्त मुझे मैसेज क्यों कर रही है ?”,कहते हुए वंश ने मैसेज खोलकर देखा


मायरा ने ब्लैक नाईटी में अपने फोटो भेजे थे जिनमे वह बहुत ही हॉट लग रही थी लेकिन वंश ने जैसे ही उन तस्वीरों को देखा उसके चेहरे पर गुस्से के भाव उभर आते। वह बिस्तर से उठा और तुरंत मायरा को फोन लगाया। एक रिंग में ही मायरा ने फोन उठा लिया और बहुत ही प्यार से कहा,”फोटोज इतने पसंद आ गए कि तुमने सीधा फोन लगा दिया,,,,,ऍम आई लुकिंग हॉट ?”
“ये क्या बदतमीजी है मायरा ? ऐसी फोटोज भेजने का क्या मतलब है ?”,वंश ने कठोरता से कहा


“ओह्ह्ह कम ऑन वंश तुम बच्चे नहीं हो,,,,,,,,,,,,क्या तुम्हे नहीं पता इस वक्त एक खूबसूरत लड़की तुम्हे अपने इतने हॉट फोटोज क्यों भेजेगी”,मायरा ने इतरा कर कहा
“मैं बच्चा नहीं हूँ लेकिन मैं इतना बड़ा भी नहीं हूँ कि ऐसी घटिया चीजे इंजॉय करू,,,,,,,,,,दोबारा ऐसी हरकत की तो ब्लॉक कर दूंगा”,वंश ने गुस्से से कहा
“तुमने मुझे घटिया कहा ?”,मायरा गुस्से से उबल पड़ी


“तुम्हे नहीं तुम्हारी हॉट फोटोज को और नेक्स्ट टाइम ऐसी हरकत की तो सबके सामने बोलूंगा,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा और फोन काट दिया
मायरा ने गुस्से से अपना फोन बिस्तर पर फेंक दिया।

वंश ने फोन काटा और बालकनी में चला आया। उसने अपना इंस्टाग्राम खोला और स्क्रॉल करने लगा। मायरा का ख्याल उसके जहन में चलने लगा आखिर उसने इतनी बेकार फोटोज वंश को क्यों भेजी ? वंश उसके बारे में सोचते हुए चिढ रहा था और अपना इंस्टाग्राम स्क्रॉल कर रहा था तभी उसकी नजर स्क्रीन पर रुक गयी। स्क्रॉल करते करते निशि की एक प्यारी सी तस्वीर वंश के सामने आयी। वंश प्यार भरी नजरो से निशि की उस तस्वीर को देखने लगा।

सफ़ेद और गुलाबी रंग की कुर्ती और साथ में हलकी नीली जींस , खुले बाल , कानो में छोटे छोटे झुमके , ललाट पर काली बिंदी , आँखों में गहरा काजल , होंठो पर हलकी लिपस्टिक के साथ प्यारी सी मुस्कान ,, निशि इस तस्वीर में बहुत ही प्यारी लग रही थी। वंश उसे जूम करके देखने लगा और देखते हुए मुस्कुराने लगा। पास वाले फ्लेट में बज रहे गाने की आवाज वंश के कानो में पड़ी और वंश उसके साथ साथ निशि की तस्वीर को देखते हुए गुनगुनाने लगा


ये मदहोशियाँ , ये तन्हाईया , तस्स्वुर में है किसकी परछाईया
ये भीगा समा , उमंगे जवा , मुझे इश्क़ ले जा रहा है कहा ?
क्यों गुम है हर दिशा , क्यों होता है नशा , क्यों आता है मजा ?
ना तुम जानो ना हम , ना तुम जानो ना हम,,,,,,,,,,,,!!”


वंश को निशि से प्यार हो चुका था और वह हर जगह अब निशि की मौजूदगी को महसूस करने लगा था। निशि की तस्वीर को देखते , गुनगुनाते हुए वह बिस्तर की तरफ चला आया और बिस्तर पर आ लेटा। उसने हाथ में पकड़ा फोन अपने सीने पर रखा और आँखे मूंद ली।

इंदौर , अधिराज जी का घर
शक्ति काशी से मिलने आया था और दोनों बाते करते हुए वही घर के बाहर सड़क पर टहल रहे थे। शक्ति जब से आया था बहुत कम बात कर रहा था बस काशी ही कुछ न कुछ बोले जा रही थी। शक्ति को खामोश देखकर काशी ने कहा,”क्या हुआ शक्ति तुम कुछ सोच रहे हो क्या ?”
“अह्ह्ह नहीं काशी ! हम बस मुन्ना के बारे में सोच रहे थे,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने काशी के साथ चलते हुए कहा
“मुन्ना भैया के बारे में ? क्या सोच रहे हो ?”,काशी ने पूछा


“हमे लगता है हमने सच में उसके साथ गलत किया , उसके भरोसे का गलत फायदा उठाया ,, ये जानते हुए भी कि मुन्ना को राजनीती से नफरत है हमने झूठ बोलकर मुन्ना को उसी राजनीती के लिए काम करने को मजबूर किया,,,,,,,,,,,,,उसका हम से नाराज होना जायज है काशी लेकिन हम अपने किये पर बहुत शर्मिन्दा है। हम मुन्ना से माफ़ी मांगना चाहते है लेकिन वो हम से इतना नाराज है कि बात तक करना नहीं चाहता,,,,,,,,,समझ नहीं आ रहा उसे कैसे मनाये ? उस वक्त हम भी मजबूर थे और सच सामने लाने के लिए हमे जो सही लगा हमने वही किया काशी,,,,,,,,,,हम जान बूझकर मुन्ना की भावनाओ से नहीं खेले है”


काशी ने शक्ति की बात सुनी और उसके सामने आकर उसके हाथो को थामकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”हम समझ सकते है शक्ति लेकिन मुन्ना भैया को तुम्हारी वजह से बहुत हर्ट हुआ है , ये सब भूलने में उन्हें वक्त लगेगा पर हमे पूरा विश्वास है वो तुम्हे माफ़ कर देंगे,,,,,,,,,,!!”
“हम सोच रहे है बनारस जाकर एक बार उस से मिल ले,,,,,,,,,आमने सामने बात करेंगे तो ज्यादा सही रहेगा”,शक्ति ने कहा


“हाँ शक्ति , अगर तुम्हे तुम्हारी नौकरी से कुछ दिन की छुट्टी मिल जाये तो तुम बनारस चले जाओ,,,,,,,,,,,मुन्ना भैया तुम से मिलेंगे तो उनकी सारी ग़लतफ़हमी दूर हो जाएगी,,,,,,,,,,!!”,काशी ने मुस्कुरा कर कहा
शक्ति ने आगे बढ़कर काशी को गले लगाया और कहा,”थैंक्यू काशी ! हमारी परेशानी इतनी आसानी से हल करने के लिए,,,,,,,,,,!!”
“हम हमेशा तुम्हारे साथ है शक्ति,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
शक्ति काशी से दूर हटा ,”लेकिन तुम्हारे उस दूसरे भाई ने हमारी कोई मदद नहीं की”


शक्ति को वंश के लिए मुंह बनाते देखकर काशी ने कहा,”कौन वंश भैया ? अरे उनकी छोडो वो बेचारे तो खुद मुंबई जाकर इतना बिजी हो गए है कि पिछले एक हफ्ते से नयी फोटो पोस्ट नहीं की,,,,,,,,,,,,,,,,हहहह लगता है कुछ ज्यादा ही काम मिल गया है उन्हें वहा वो क्या किसी की मदद करेंगे,,,,,,,,,!!”


शक्ति मुस्कुराया , काशी की बातो से उसे निशि जो याद आ चुकी थी इसलिए उसने मुस्कुराते हुए कहा,”तुम्हारे वंश भैया ने हमारी मदद नहीं की लेकिन जल्दी ही उसे हमारी मदद की जरूरत जरूर पड़ेगी,,,,,,,,,,,,,और तब हम उसे बताएँगे भाव खाना क्या होता है ? आखिर है तो वो हमारा साला ही,,,,,,,,,,,!!”
शक्ति की बात काशी के सर के ऊपर से गयी फिर अम्बिका जी के आवाज देने पर वह शक्ति को गुड नाईट बोलकर चली गयी और शक्ति भी अपनी बाइक लेकर घर के लिए निकल गया

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संजना किरोड़ीवाल 

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal
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Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

हमे लगता है हमने सच में उसके साथ गलत किया , उसके भरोसे का गलत फायदा उठाया ,, ये जानते हुए भी कि मुन्ना को राजनीती से नफरत है हमने झूठ बोलकर मुन्ना को उसी राजनीती के लिए काम करने को मजबूर किया,,,,,,,,,,,,,उसका हम से नाराज होना जायज है काशी लेकिन हम अपने किये पर बहुत शर्मिन्दा है। हम मुन्ना से माफ़ी मांगना चाहते है लेकिन वो हम से इतना नाराज है कि बात तक करना नहीं चाहता,,,,,,,,,समझ नहीं आ रहा उसे कैसे मनाये ? उस वक्त हम भी मजबूर थे और सच सामने लाने के लिए हमे जो सही लगा हमने वही किया काशी,,,,,,,,,,हम जान बूझकर मुन्ना की भावनाओ से नहीं खेले है”

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