Main Teri Heer – 11
Main Teri Heer – 11

नवीन के फोन से वंश की नींद उड़ चुकी थी। वह वाशबेसिन के सामने आया , ब्रश पर पेस्ट लिया और उस से अपने दाँत घिसते हुए नवीन के बारे में सोचने लगा कि उसने सुबह सुबह ये सब सामान घर पर क्यों मंगवाया है ? उसने ब्रश किया , मुंह धोया और टीशर्ट ट्राउजर में फ्लेट से निकल गया। वंश ने नवीन का बताया सामान लिया और घर के लिए निकल गया। वंश को नहीं पता था नवीन के घर क्या होने वाला है लेकिन उसने बीती रात जो चिंगारी लगाई थी उसके बाद धमाका तो होना ही था
शिवम् का घर , बनारस
“दी ! क्या आप तैयार है ?”,अनु ने घर के अंदर आते हुए कहा
“सारिका बिटिया अपने कमरे मा होगी , जाओ मिल लो”,बरामदे में रखे सोफे पर बैठे बाबा ने कहा
“हाँ बाबा , लेकिन आप ये फोन में इतना गौर से क्या देख रहे है ?”,अनु ने कहा
“अरे बिटिया वो हमारे दालमंडी वाले दोस्त है ना मिश्रा जी , उन्होंने अपनी बिटिया की तस्वीर भेजी थी , अब हमे जे फोन वोन इतना चलाना नहीं आता। फोटो तो आ गयी पर साफ नहीं है धुंधली धुँधली दिख रही है,,,,,,,,,,,,!!”,बाबा ने कहा
“लाईये मुझे दीजिये,,,,,,,!!”,अनु ने बाबा से कहा तो बाबा ने अपना फ़ोन अनु की तरफ बढ़ा दिया
अनु ने बाबा का फोन देखा और मुस्कुराते हुए कहा,”बाबा आपने फोटो को डाउनलोड नहीं किया इसलिए धुंधली दिख रही थी , लीजिये अब देखिये,,,,,,,वैसे ये लड़की है कौन ?”
“बताया ना हमारे दोस्त की बिटिया है , बैंगलोर से पढाई पूरी करके आयी है। मिश्रा अपनी बिटिया के लिए लड़का देख रहे है और शिवा ने इह बार हमसे वादा किया है कि वंश की शादी हम तय करेंगे,,,,,,,,,जे वंश के लिए कैसी रहेगी देखना ज़रा , हमे तो अच्छी लग रही है”,बाबा ने कहा
बाबा की बात सुनकर अनु के चेहरे से ख़ुशी गायब हो गयी और उसकी आँखों के सामने निशि का चेहरा आ गया , अनु वंश और निशि की भावनाओ से अनजान
नहीं थी लेकिन बाबा इस वक्त इतना खुश थे कि अनु कुछ नहीं कह पायी उसने बाबा के हाथ से फ़ोन लिया और तस्वीर देखकर कहा,”अच्छी है बाबा”
“तुम्हे अच्छी लगी मतलब सबको अच्छी लगेगी , हम ज़रा जे काबेरी को दिखाकर आते है,,,,,,,,,,,,,!!”
बाबा उठे और वहा से चले गए लेकिन अनु किसी सोच में डूबी वही खड़ी रह गयी।
सारिका अपना पर्स और फोन हाथ में लिए बरामदे में आयी उसने अनु को खोये हुए देखा तो उसके पास आकर कहा,”क्या हुआ , कहा खोयी हो ?”
“अह्ह्ह्ह कही नहीं , आप तैयार है ?’,अनु ने पूछा
“हाँ चलो चलते है,,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा और अनु के साथ घर के बाहर चली आयी
बाहर आकर सारिका ने देखा शिवम् अपनी गाड़ी घर पर ही छोड़कर गया है ताकि सारिका लेकर जा सके , शिवम् का ये बिना कहे परवाह जताना आज भी सारिका के होंठो पर मुस्कान छोड़ जाता था
“दी आज गाड़ी मैं चलाऊंगी,,,,,,,,,!!”,अनु ने गाड़ी की तरफ जाते हुए कहा
सारिका अनु के बगल में आ बैठी और दोनों वहा से निकल गयी। सारिका ने देखा अनु बहुत अच्छे से गाड़ी चला रही थी ये देखकर सारिका ने कहा,”अरे वाह अनु तुमने गाडी चलाना अच्छे से सीख लिया , अब तक मुंबई में होती तो ना जाने कितनी गाडिया उड़ा चुकी होती लेकिन बनारस की तंग गलियों में भी इतनी अच्छी गाड़ी चला रही हो,,,,,,,,,,,,,,!!”
अनु मुस्कुराई और ख़ुशी से भरकर कहा,”ये तो मैंने मुन्ना से सीखा है दी , हमारा मुन्ना जैसे शांत है उतनी ही शांति से वह सारे काम करता है,,,,,,,,,,,अच्छा दी सुनिए ना आप मुंबई से वापस कब लौटेंगी ?”
“इस हफ्ते जाना होगा उसके बाद 2 दिन मीटिंग और ऑफिस का काम रहेगा , सोच रहे है 2 दिन वंश के पास भी रुक जाए जब से वह मुंबई गया है उसके साथ कहा वक्त बिता पाते है उसके अगले दिल लौट आउंगी,,,,,,,,वैसे क्यों पूछा ?”,सारिका ने कहा
“दी दो महीने बाद दिवाली है और उसके 11 दिन बाद काशी मुन्ना की शादी है , आप भूल गयी ना,,,,,,,,,,,,,,कितनी तैयारियां करनी है दी हमे , शॉपिंग , हल्दी , मेहँदी , शगुन का सामान लेना है , घर में इतने सारे काम करवाने है ,,, मैंने तो मुरारी को बोल दिया है काशी और मुन्ना की शादी एक ही घर से करेंगे,,,,,सब साथ में रहेंगे तो आसान होगा वरना सब कितना मुश्किल हो जाएगा”,अनु एक साँस में सब कह गयी
सारिका ने सुना तो उसे याद आया काशी की शादी में बस 2 महीने बचे है उसके बाद वह हमेशा हमेशा के लिए इंदौर चली जाएगी सोचकर ही सारिका का दिल भर आया , उसने आँखों के किनारो को साफ किया और कहा,”तुम परेशान क्यों होती हो अनु , हम है ना हम सब देख लेंगे,,,,,,,,,अभी मुंबई हम सिर्फ मीटिंग के लिए जा रहे है। नए ऑफिस का काम शुरू होने में वैसे भी 2-3 महीने लग जायेंगे,,,,,,,,!!”
“हाँ दी आपके होते मैं कब से टेंशन लेने लगी,,,,,,,,आप है ना सब सम्हालने के लिए”,अनु ने कहा और गाड़ी आगे बढ़ा दी
दोनों बैंक पहुंची , सारिका बैंक मैनेजर से मिली और अपने अकउंट में जमा पैसे निकालने की बात की।
“मैडम ! आपके अकाउंट में अभी 9 लाख रूपये है,,,,,,,,,क्या आप सारे निकालना चाहती है ?”,मेनेजर ने पूछा
“जी हाँ , हमे इनकी सख्त जरूरत है,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा
“ठीक है आप ये कुछ जरुरी डिटेल्स भर दीजिये मैं आपका काम अभी करवा देता हूँ,,,,,,,,,,,!!”,मैनेजर ने कहा
सारिका ने फॉर्म भरा और पैसे लेकर बैंक से बाहर चली आयी। चलते चलते अनु ने सारिका से पूछा,”दी आपको एकदम से पैसो की जरूरत क्यों पड़ गयी ?”
“मुंबई वाली कम्पनी को फिर से शुरू करने के लिए 70-80 लाख रूपये का इन्वेस्टमेंट करना होगा तभी दूसरी कम्पनी उसमे पैसा लगा सकती है वरना नहीं ,, हमारी कुछ सेविंग्स मुंबई वाले बैंक में अभी भी है और कुछ हम लॉन लेने का सोच रहे है,,,,,,,,,,,इसलिए हमे मुंबई जाना पडेगा”,सारिका ने कहा
अनु चलते चलते रुकी और सारिका के सामने आकर कहा,”दी लॉन क्यों लेना ? आपने मुझसे कहा होता मैं मुरारी से कहकर,,,,,,,,,,,,,,!!”
“नहीं अनु ! अभी मुन्ना की सगाई में इतना खर्चा हुआ है और फिर 2 महीने बाद ही घर में शादी है ,, मुरारी भैया को इन सब में क्यों परेशान करना,,,,,,,,नवीन ने कहा है वो देख लेगा,,,,,,,,,अब चलो देर हो रही है”,सारिका ने कहा
अनु सारिका के साथ चल पड़ी लेकिन उसे इस बात का दुःख था कि वह चाहकर भी अपनी बहन की मदद नहीं कर पा रही थी। सारिका और अनु गाड़ी में आ बैठी और घर के लिए निकल गयी।
शुगर मील , सारनाथ
“शिवम् जी , एक बार फिर सोच लीजिये अगर एक साल के अंदर आप पैसे नहीं चुका पाए तो फिर हमारी कम्पनी इस शुगर मील पर कब्जा कर लेगी और इस पर हमारा हक़ होगा”,शिवम् के सामने खड़े आदमी ने कहा
“आप फ़िक्र मत कीजिये हम वक्त पर सारा पैसा लौटा देंगे,,,,,,,,,,,,हमने लिखितनामे की एक कॉपी आपको दे दी है”,शिवम् ने कहा
पास खड़े मुरारी देखा और कहा,”भैया जे का कर रहे है आप ? शुगर फैक्ट्री गिरवी रख रहे है,,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ मुरारी , माफ़ करना हमने तुमसे इस बारे में बात नहीं की और बिना तुमसे पूछे ही जे फैक्ट्री गिरवी रख दी,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
“अरे जे कैसी बाते कर रहे है भैया , फैक्ट्री तुम्हरी है इह मा हमसे का पूछना पर हमहू जे जानना चाहते है कि तुमहू जे गिरवी काहे रख रहे हो ?”,मुरारी ने पूछा
शिवम् ने फाइल पर साइन किया और फाइल आदमी को देकर उसे वहा से भेज दिया। वह मुरारी के सामने आया और कहा,”मुरारी जे पैसे की जरूरत हमे नहीं बल्कि तुम्हरी भाभी को,,,,,,,,,,सारिका मुंबई में अपने ऑफिस को फिर से शुरू करना चाहती है और उह मा बहुत पैसे लगने वाले है,,,,,,,,,,,,,अब घर और बैंक मा इत्ते पैसे है नहीं इहलीये सारिका हमरे सामने लोन लेने की बात किये रही। अब हमरे होते उह ले का बस यही दिन देखना बाकि रह गया है,,,,,,,,,,,,सारिका हमसे मदद नहीं लेगी हम जानते है ,
बहुते खुद्दार औरत है ना वो इहलिये बिना सारिका को बताये जे पैसे नवीन को भिजवाय दयो और उस से कहना सारिका की कम्पनी के लिए हमने स्पॉन्सर किया है बस उह सारिका को हमरा नाम ना बताये,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“जे सब करने की का जरूरत है भैया , आप सीध सीधा जाकर भाभी को जे दीजिये,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“तुम नहीं समझोगे मुरारी , तुमने प्रेम के बाद विवाह कर लिया हमहु विवाह के बाद भी प्रेम किये जा रहे है,,,,,,,,,,हम जो कह रहे है उह करो,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने खोये हुए स्वर में कहा
“ठीक है भैया जाते है,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा और पैसो का बैग लेकर वहा से चला गया
अधिराज जी का घर , इंदौर
“काशी जल्दी करो हमे देर हो जाएगी,,,,,,,,,,,उफ्फ्फ ये लड़की भी ना कितना वक्त लगाती है काशी,,,,,,,,,!!”,अधिराज जी के घर के बाहर अपनी स्कूटी पर बैठी गौरी ने काशी को आवाज दी लेकिन काशी बाहर नहीं आयी
“अह्ह्ह्ह लगता है मुझे ही अंदर जाना पड़ेगा,,,,,,,!”,गौरी खुद में ही बड़बड़ाई और स्कूटी बंद कर अंदर चली आयी
“गुड मॉर्निंग नानाजी , गुड मॉर्निंग नानी माँ,,,,,,,,काशी कहा है , अभी तक तैयार नहीं हुई वो,,,,,,,,,!!”,गौरी ने अंदर आकर अधिराज जी और अम्बिका जी से कहा और बिना उनका जवाब सुने ही काशी के कमरे की तरफ बढ़ गयी
अम्बिका जी मुस्कुराई और कहा,”दो महीने बाद इसकी हमारे मुन्ना से शादी होने वाली है लेकिन इसका अल्हड़पन अभी तक नहीं गया , कैसे गिलहरी की तरह घर में यहाँ से वहा भागती रहती है”
“अम्बिका जी , बच्चो के इस अल्हड़पन से ही तो घर , घर जैसा लगता है वरना तो जब ये नहीं होती है घर सूना लगता है।”,अधिराज जी ने कहा
“काशी ! मैं कब से बाहर तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ और तुम अभी तक तैयार हो रही हो,,,,,,!!”,गौरी ने कमरे में आते हुए शिकायती लहजे में कहा
काशी शीशे के सामने खड़ी अपनी आँखों में काजल लगा रही थी , उसने हाथ में पकड़ा काजल रखा और गौरी की तरफ पलटकर कहा,”कैसे लग रहे है हम ?”
गौरी ने काशी को देखा तो मुस्कुरा उठी , पीले रंग का सूट और उस पर गले में आसमानी दुपट्टा , आँखों में गहरा काजल और ललाट पर छोटी काली बिंदी , होंठो पर हलके रंग की लाली और बालों को गूंथकर चोटी बनाई थी। काशी बहुत प्यारी लग रही थी।
“क्या हुआ बताओ ना हम कैसे लग रहे है ?”,गौरी को खामोश देखकर काशी ने मचलते हुए कहा
“बहुत ज्यादा सुंदर लग रही , आज तो तुम्हारे इंटर्न्स की सारी डिशेज जलने वाली है,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“हाहाहाहाहा थैंक्यू”,काशी ने अपनी बुक्स और अपना बैग उठाते हुए कहा
“लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दू कि मिस काशी आज आपके कॉलेज का पहला दिन है और आपको वक्त से पहुंचना चाहिए”,गौरी ने कहा
काशी ने कलाई पर बंधी घडी में वक्त देखा और गौरी के साथ कमरे से बाहर चली आयी
काशी और गौरी को जाते देखकर अम्बिका जी ने कहा,”काशी , गौरी बेटा नाश्ता करके जाओ”
“ओह्ह्ह वाह आलू के पराठे , नानी माँ अभी हम दोनों बहुत जल्दी में है लेकिन मैं ये एक ले लेती हूँ रस्ते में खा लुंगी”,गौरी ने डिब्बे में रखे पराठो में से एक पराठा उठाते हुए कहा और वहा से चली गयी
बाहर आते आते गौरी आधा पराठा खा चुकी थी , बाकि आधा उसने काशी को दिया और स्कूटी पर आ बैठी।
“वाओ गौरी तुम मुझे कॉलेज छोड़ने के लिए इतनी सुबह सुबह आयी हो , आज तो सच में तुम्हे भाभी कहकर बुलाने का दिल कर रहा है”,काशी ने पराठा खाते हुए कहा और गौरी के पीछे आ बैठी
“तुम्हे लगता है मैं गौरी शर्मा , द ग्रेट गौरी शर्मा , सुबह सुबह अपनी नींद खराब करके तुम्हारे कॉलेज के लिए यहाँ आउंगी,,,,,,,हरगिज नहीं वो तो मैं बस इसलिए तुम्हे कॉलेज छोड़ने जा रही हूँ क्योकि तुम्हारे कॉलेज के बगल में ही बैंक है जहा मुझे एक महीना इंटर्नशिप के लिए जाना है,,,,,,,!!”,गौरी ने स्कूटी स्टार्ट करके आगे बढ़ते हुए कहा
“लेकिन ये क्यों ?”,काशी ने पूछा
“क्योकि मम्मा चाहती है बनारस जाकर मैं उनकी पहचान से बैंक में जॉब करू ना ताकि उनके प्यारे दामाद मानवेन्द्र मिश्रा की छाती पर बोझ ना बनू,,,,,,अह्ह्ह्ह क्या क्या सपने देखे थे मैंने , शादी करके मान के घर जाउंगी , हिंदी सीरियल की बहुओ की तरह नयी नयी साडियो और गहनों से लदी रहूंगी। मेरे आस पास नौकर होंगे एक मेरे लिए चाय लाएगा तो दुसरा मेरे नाखुनो पर नेल पेंट लगाएगा। शाम में मैं और अनु मौसी आई मीन मम्मी जी किट्टी पार्टी जायेंगे और शो ऑफ करेंगे लेकिन मेरी मम्मा ने तो सब पर पानी फेर दिया,,,,,,,,,,,,किसने बनाया ये ससुराल में इंडिपेंडेंट बहू वाला कॉन्सेप्ट,,,,,!!”,गौरी एक साँस में सब कह गयी और आखिर में चिढ़ते हुए कहा
“अरे अरे शांत हो जाओ गौरी,,,,,,,,,वैसे क्या तुम सच में नौकरी करना नहीं चाहती ? क्या तुम पूरी जिंदगी घर में रहना चाहती हो एक हाउस वाइफ की तरह ?”,पीछे बैठी काशी ने पूछा
“नहीं काशी ! मैं हॉउस वाइफ भी रहूंगी और मान के कंधे से कन्धा मिलाकर भी चलूंगी,,,,,,,,,,,मैं बनारस में अपना खुद का काम शुरू करुँगी,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“क्या तुम कोई बिजनेस करने वाली हो ?”,काशी ने पूछा
“नहीं काशी मैं कुछ अलग करना चाहती हूँ , कुछ ऐसा जो मुझे ख़ुशी दे ,, मान कहता है मैं बहुत बाते करती हूँ बस अपनी इसी आदत को मुझे अपना काम बनाना है।”,गौरी ने ख़ुशी भरे स्वर में कहा
“हम कुछ समझे नहीं,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“छोडो तुम नहीं समझोगी,,,,,,,,,तुम्हारा कॉलेज आ गया है तुम जाओ और खूब मन लगाकर पढाई करना ठीक है , शाम में मिलती हूँ।”,गौरी ने स्कूटी को काशी के कॉलेज के गेट के सामने रोककर कहा
“हम्म्म ठीक है , तुम भी मन लगाकर ट्रेनिंग लेना,,,,,,,,बीच में भाग मत जाना”,काशी ने हँसते हुए कहा और वहा से चली गयी। गौरी भी अपनी स्कूटी लिए आगे बढ़ गयी।
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Sanjana Kirodiwal


क्योकि मम्मा चाहती है बनारस जाकर मैं उनकी पहचान से बैंक में जॉब करू ना ताकि उनके प्यारे दामाद मानवेन्द्र मिश्रा की छाती पर बोझ ना बनू,,,,,,अह्ह्ह्ह क्या क्या सपने देखे थे मैंने , शादी करके मान के घर जाउंगी , हिंदी सीरियल की बहुओ की तरह नयी नयी साडियो और गहनों से लदी रहूंगी। मेरे आस पास नौकर होंगे एक मेरे लिए चाय लाएगा तो दुसरा मेरे नाखुनो पर नेल पेंट लगाएगा। शाम में मैं और अनु मौसी आई मीन मम्मी जी किट्टी पार्टी जायेंगे और शो ऑफ करेंगे लेकिन मेरी मम्मा ने तो सब पर पानी फेर दिया,,,,,,,,,,,,किसने बनाया ये ससुराल में इंडिपेंडेंट बहू वाला कॉन्सेप्ट,,,,,!!”,गौरी एक साँस में सब कह गयी और आखिर में चिढ़ते हुए कहा
Guri baat bahot krti hai to wo RJ ban sakti hai…lakin yeh kashi ne kaha par addmission liya hai aur kon se course k liye…khar Shivam aur Sarika ki prem kahani ko jitna samjhne ki koshish krte hai, utna hee achcha lagta hai…shadi k baad bhi pyar kiye ja rhi hai.. yeh hota hai pyar aur relationship ko kamyab rakhne ka tareeka… well done Shivam…. umeed hai ki Sarika yeh rajam bhi le lengi aur tum paise wapas dekar sugur company ko wapas loge….lakin yeh baba ne vansh k liye ladki dekhti hai aur udhar Vansh ne khud apne pav pe kulhadi maar lee hai… dekhna Nishi k ghar pahuch kar Vansh kya shok lagegaa
Sahi ka Sarika usse bahut accha lagta hai jab Shivam kuch keh bina uski parva karta aur ab bhi voh wahi kar raha hai Apni factory girvi rakh kar Sarika tak paise pauncharaha jisse uski company shuru ko sake..Baba ne Shivam se vada lene ke baad Vansh ke liye ladki dekhne lag gaye aur Anu unhe itna kush dekh kar kuch keh nahi payi ki Vansh aur Nisha ki jodi mast lagegi….Vash ko nahi pata ki Naveen ne uski batao ko kina serious liya aur Vansh ko pata chalega ki yeah sab Naveen se kyu mangavaya hai toh kaise react karega…Anu ko bura lag raha ki voh Sarika ki madat nahi kar pa rahi hai…Kashi ko laga ki Gauri usse lene ayi hai per jab Gouri ne usse alsi reason tab usse samajh aya ki yeah Gauri bi ussi tarah Bank me intern ki tarah work karegi per Gauri ke sapne mast hai….interesting part Maam♥♥♥♥♥
Ranjhana ki yaad aagayi