“मैं तेरी हीर” – 31
Main Teri Heer – 31
निशि ने जब अनजाने में वंश को छुआ तो वंश को एक सिहरन सी होने लगी , जबकि गौरी के छूने से ऐसा कभी नहीं हुआ था। निशि ने देखा वंश अभी भी वही खड़ा है तो उसने कहा,”अब चलो भी”
“हाँ हाँ चलो”,वंश की तंद्रा टूटी। वह एक बैग लिए गाड़ी की तरफ आया उसने डिग्गी में बैग रखा और फिर निशि से दुसरा बैग लेकर भी रख दिया। निशि पीछे अंजलि के साथ बैठ गयी और वंश अगर ड्राइवर सीट पर आ बैठा। उसने गाड़ी स्टार्ट की और घर के लिए निकल गया। रास्तेभर निशि और अंजलि खुसर फुसर करके वंश की बुराई कर रही थी और हंस रही थी। वंश आगे बैठा कुढ़ रहा था उसने गाड़ी के अंदर लगे मिरर में हंसती हुई निशि को देखा और बड़बड़ाते हुए कहा,”अभी जितना हँसना है हंस लो अगर मैंने तुम्हे इस से ज्यादा नहीं रुलाया तो मेरा नाम भी वंश गुप्ता नहीं”
“तो कब बदल रहे हो अपना नाम ?”,निशि ने एकदम से कहा
“तुमने सुन लिया क्या ?”,वंश ने हैरानी से कहा
“हाँ तुम्हारी तरह मेरे कान ख़राब नहीं है , आगे जाकर कही गाड़ी दिखे तो रोकना”,निशि ने चिढ़ते हुए कहा
“क्यों वापस जा रही हो ?”,वंश ने खुश होकर कहा
“मुझे भूख लगी है इसलिए”,निशि ने कहा
“इतनी बड़ी प्लेन में खाना नहीं मिला तुम्हे,,,,,,,,,,,,,भुक्कड़ कही की”,वंश फिर बड़बड़ाया
“अरे निशि दी आप भी किसे बोल रही है ? वंश भैया तो खुद इतने बड़े भुक्कड़ है एक बार तो ये अपना रिजल्ट भी खा गए,,,,,,,,,,,,,,,हां हाँ हाँ”,अंजलि ने वंश का मजाक उड़ाते हुए कहा तो वंश ने उसे घुरा
“पूअर गाय , देखो वहा वो शॉप है गाड़ी रोको”,निशि ने वंश का कंधा थपथपाते हुए कहा वही सिहरन वंश को हुई उसने जल्दी से अपना कंधा झटका और कहा,”हाँ हाँ जा रहा हूँ ना”
वंश ने गाड़ी को साइड लगाया और उठकर दुकान की तरफ चला गया। उसने दो जूस के बोतल लिए और दो चिप्स के बड़े पैकेट लेकर सोचने लगा,”ये मेरे साथ क्या हो रहा है मैं उस छिपकली की हर बात क्यों मान रहा हूँ और ये उसके छूने से मुझे अजीब क्यों लग रहा है,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह मैं सच में पागल हो जाऊंगा”
“भैया ये लीजिये आपके पैसे”,दुकानवाले ने कहा तो वंश की तंद्रा टूटी उसने पैसे लिए और वापस गाड़ी की तरफ चला आया।
वंश ने चिप्स और जूस निशि को दिए और गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ गया। निशि और अंजलि मजे से जूस पिने लगी और चिप्स खाने लगी। वंश ने देखा दोनों उसे पूछ तक नहीं रही है बस खाये जा रही है , वह मिरर में देखकर घूरने लगा तो निशि की नजर उस पर चली गयी। वंश को ऐसे घूरते पाकर निशि ने कहा,”ऐसे क्या देख रहे हो तुम्हे खाना है तो तुम भी खा लो”
“तुम्हे ये भी दिखाई दे रहा होगा मेरे दोनों हाथ बिजी है , अब मैं गाड़ी चलाऊ या चिप्स खाऊ ?”,वंश ने चिढ़ते हुए कहा
निशि ने सूना तो एक बड़ा सा चिप्स निकाला और वंश के मुंह की तरफ बढ़ा दिया , वंश को यकीन नहीं हुआ उस पर इतना चिल्लाने वाली निशि एकदम से इतने प्यार से पेश आ रही थी। उसने चिप्स तो खाया लेकिन साथ में निशि की ऊँगली को भी काट दिया।
“आउच,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने जल्दी से अपना हाथ पीछे करके कहा
“ओह्ह सॉरी वो मुझे लगा चिप्स है”,वंश ने अनजान बनते हुए कहा
“ये लो तुम ही ठूस लो”,कहते हुए निशि ने चिप्स का पैकेट उसकी गोद में डाल दिया। वंश भी मजे से चिप्स खाते हुए गाड़ी चलाने लगा।
बेचारी निशि उसने सोचा अंजलि के साथ मिलकर वंश को परेशान करेगी लेकिन इन दोनों में से कौन किस पे भारी पडेगा ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा
वंश निशि और अंजलि को लेकर घर पहुंचा। निशि गाड़ी से नीचे उतरी उसने देखा पूरा घर दुल्हन की तरह सजा था और वहा काफी चहल पहल थी। शिवम ने देखा तो उनकी तरफ चला आया। वह निशि के सामने आया और कहा,”सफर में कोई परेशानी तो नहीं हुई बेटा ?”
“नहीं अंकल , आप शिवम् अंकल है ,, पापा आपकी बहुत तारीफ करते है”,निशि ने मुस्कुरा कर कहा
“झूठी कही की मैंने तो कभी नहीं सुनी , अंकल तो हमेशा माँ की तारीफ करते थे”,वंश बड़बड़ाया तो निशि ने उसकी तरफ देखा वंश ने वहा से चले जाना ही बेहतर समझा।
“अंजलि बेटा इन्हे अंदर लेकर जाओ”,शिवम् ने कहा तो अंजलि निशि के साथ अंदर चली गयी। अंदर आकर निशि सारिका से मिली , आखरी बार सारिका निशि से तब मिली थी जब वो 12 साल की थी और आज कितने सालो बाद वो उसे देख रही थी। सारिका ने निशि के हाथो को थामते हुए कहा,”हमे अच्छा लगा तुम यहाँ आयी , पता है इतनी सी थी जब हमने तुम्हे आखरी बार देखा था और अब देखो कितनी सुंदर हो गयी हो”
“माँ आपको तो हर कोई सुन्दर ही नजर आता है , कभी इसका चुड़ैल वाला रूप देखना फिर नहीं कहोगी ऐसे”,सोफे पर बैठी राधिका के गले में बाँहे डाले खड़े वंश ने सामने निशि और सारिका को देखकर मन ही मन कहा
सारिका निशि को लेकर उधर ही चली आयी और सबसे मिलवाया। वंश भी वही था निशि ने उसे देखा की वह राधिका भुआ के कुछ ज्यादा ही करीब है तो वह आकर एकदम से राधिका के बगल में बैठी और उसकी साड़ी देखते हुए कहा,”वाओ आंटी ये साड़ी तो आप पर बहुत अच्छी लग रही है , और ये झुमके तो इस पर और भी अच्छे लग रहे है ,, आप काशी की बड़ी बहन है शायद ?”
“अरे नहीं नहीं मैं काशी की भुआ हूँ”,राधिका ने हँसते हुए कहा
“सच्ची ? यकीन नहीं हो रहा , आपने खुद को कितना अच्छे से मेंटेन किया है 25 से ज्यादा नहीं लग रही आप,,,,,,,,,,,,,वैसे अगर आप इस साड़ी पर ब्लू स्टोन पहने ना तो बहुत ही अच्छा लगेगा”,निशि ने राधिका को चने के झाड़ पर चढ़ाते हुए कहा
“हाँ मैंने ढूँढा पर मार्किट में मिला नहीं”,राधिका ने निशि की बातो में इंट्रेस्ट दिखाते हुए कहा और वंश की बाँहे अभी भी अपनी प्यारी भुआ के गले में थी। राधिका को निशि से बात करने में दिक्कत हो रही थी तो उसने वंश को हाथो को अपने कंधो से हटाते हुए कहा,”वंश जा ना यहा से,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
निशि ने सूना तो उसे हंसी आ गयी। वंश का मुंह बन गया उसने निशि को देखा और बड़बड़ाते हुए वहा से चला गया,”इसने तो आते घरवालों को अपनी बातों में फंसा लिया,,,,,,,देख लूंगा इसे तो मैं”
“अरे अरे देख कर”,सामने से आते मुन्ना ने कहा जिसे वंश अभी अभी टकराया था
“ओह्ह तुम हो मुन्ना , अच्छा हुआ तुम आ गए मैं तुम्हे ही फोन करने वाला था,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए वंश ने फिर से निशि की तरफ देखा जो की हँसते मुस्कुराते सबसे बाते कर रही थी।
“वो सब तो ठीक है लेकिन ये लड़की कौन है ?”,मुन्ना ने पूछा उसने पहली बार निशि को देखा था
“तू उसके चक्कर में मत पड़ना मुन्ना वो बहुत ही बवाल लड़की है,,,,,,,,,,,,चल मेरे साथ आ”,कहते हुए वंश ने मुन्ना का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ अपने कमरे में ले गया।
वंश के कमरे में आकर वंश और मुन्ना दोनों ही सगाई के लिए तैयार होने लगे। काले रंग का मेहरून किनारी वाला कुर्ता और पठानी सलवार में दोनों आज बहुत सुंदर लग रहे थे। वंश ने मुन्ना के बाल बनाये , शिवम् के डर से आज मुन्ना ने भी अपनी दाढ़ी को ट्रिम करवा लिया था और इस कुर्ते पजामे में वह बहुत जच भी रहा था। वंश मुन्ना को साथ लेकर शीशे के सामने आया और कहा,”लग रहे है ना दोनों जहर टाइप , आज तो लड़किया हमे देखकर गिरने वाली है मुन्ना”
मुन्ना ने सूना तो मुस्कुराने लगा और कहा,”अब नीचे चले मेहमान आते ही होंगे”
वंश मुन्ना के साथ निचे चला आया। दोनों को साथ साथ एक जैसे कपड़ो में देखकर सबकी नज़रे उन पर ही थी। दोनों लग भी इतने प्यारे जो रहे थे। वंश और मुन्ना बाहर सगाई वाली जगह चले आये। कुछ देर बाद 2-3 गाड़ियां आकर रुकी। आगे वाली गाड़ी से कुछ लोग उतरे और दूसरी गाड़ी से शक्ति अपने दोस्तों के साथ नीचे उतरा। उसने शगुन में भेजे कपडे पहने हुए थे। क्रीम कलर का कुर्ता उसके निचे सफेद धोती , सलीके से बने बाल , दाढ़ी में शक्ति बहुत ही प्यारा लग रहा था। शिवम् ने देखा तो मुरारी , अपने जीजाजी और कुछ मेहमानों के साथ शक्ति के स्वागत के लिए आ गया। सभी मेहमानों से मिलकर शिवम् ने वंश से उन सबको टेंट में ले जाने को कहा जहा सगाई का सारा बंदोबस्त था।
शिवम् ने फोन निकाला और नंबर डायल करने लगा , इतने में ही एक बड़ी सी गाड़ी आकर रुकी। मुरारी भी वही खड़ा था। गाड़ी से अधिराज जी और अम्बिका जी उतरे उन्हें देखते ही शिवम् का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा उसने अपना फोन वापस जेब में रख लिया शायद उन्हें ही फोन कर रहा था। अधिराज जी और अम्बिका शिवम् की तरफ चले आये शिवम् ने उनके पैर छुए और कहा,”हम कबसे आप दोनों की राह देख रहे थे , आपने आने में इतनी देर क्यों की ? आपकी काशी की सगाई है और आप सबसे आखिर में पहुंचे है”
“अरे सबसे लास्ट ही सबसे बेस्ट होता है क्यों छोटे दामाद जी ?”,अधिराज जी ने हँसते हुए पास खड़े मुरारी से कहा
“अरे बिल्कुल पापा भौकाल है आपका,,,,,,,,,आईये आपको आपके नए दामाद से मिलवाते है , सुने है इंदौर में पुलिस में है,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा और अधिराज जी के साथ आगे बढ़ गया। शिवम् भी अम्बिका जी से बात करते हुए आगे चल पड़ा।
टेंट में आकर मुरारी अपने सास ससुर को शक्ति से मिलवाने लगा। शिवम् ने वही मेहमानो के साथ खड़े मुन्ना को आवाज दी।
“जी बड़े पापा”,मुन्ना ने आकर कहा
“मुन्ना अंदर जाकर देखो सब तैयार हुए की नहीं , और राधिका को तिलक का थाल लेकर जल्दी यहाँ भेजो”,शिवम् ने कहा तो मुन्ना वहा से चला गया। मुन्ना घर में आया देखा आधे से ज्यादा लोग तैयार थे। उसने उन सबको सगाई वाली जगह जाने को कहा। मुन्ना ने देखा आई अभी भी अपने कमरे में है तो मुन्ना उनके पास आया और कहा,”अरे आई आप अभी तक तैयार ना हुयी बाहर सब मेहमान आ चुके है”
“अरे मुन्ना जे पिन ना लग रहा हमसे”,आई ने कहा तो मुन्ना ने उनके हाथ से पिन लिया और पीछे उनकी साड़ी से पिन लगाते हुए कहा,”ये लीजिए हो गया अब आप चलिए हम बाकि सबको बोलकर आते है”
मुन्ना ने कुछ सामान रखवाने में दीना भैया की मदद की और उन्हें भी बाहर चलने को कहा। सारिका अनु तैयार होकर पहले ही राधिका के साथ बाहर जा चुकी थी। घूमते हुए मुन्ना काशी के कमरे में आया और कहा,”काशी तुम तैयार हो ?”
काशी मुन्ना की तरफ पीठ करके खड़ी थी मुन्ना की आवाज सुनकर वह उसकी तरफ पलटी और कहा,”हम कैसे लग रहे है ?”
मुन्ना ने देखा तो बस देखता ही रह गया। गहरे लाल रंग के बॉर्डर वाली क्रीम कलर की साड़ी , गले ने बहुत ही प्यारा नेकलेस , बालो में जुड़ा बनाकर सफेद गजरा लगाया हुआ था , हाथो में रंग बिरंगी चुडिया , होंठो पर लाली , आँखों में काजल और माथे पर लाल बिंदी,,,,,,,,,,,,,,,इन सब में काशी इतनी सुन्दर लग रही थी की मुन्ना अपलक उसे देखता रहा। वह काशी के पास आया और उसका सर चूमते हुए कहा,”बहुत सुन्दर लग रही हो तुम्हे किसी की नजर ना लगे”
काशी ने सूना तो मुस्कुराने लगी। काशी के अलावा कमरे में ऋतू , प्रिया , अंजलि और निशि मौजूद थे। गौरी कही दिखाई नहीं दे रही थी। मुन्ना की नजर काशी की साड़ी के सलवटों पर गयी तो वह नीचे बैठा और उसकी साड़ी की सलवटों को सही करते हुए कहा,”आज तुम इतनी सुंदर लग रही हो की अगर शक्ति तुम्हे देखेगा तो उसे तुम से फिर से प्यार हो जायेगा”
काशी ने सूना तो शरमाकर अपना चेहरा हाथो से ढक लिया। निशि ने मुन्ना को पहली बार देखा था और पहली बार में ही वह मुन्ना की सादगी से इम्प्रेस हो गयी उसने धीरे से अंजलि से पूछा,”ये कौन है ?”
“ये हमारे मुन्ना भैया है , हमारी जो छोटी मामीजी है ना उनके बेटे और सबके फेवरेट,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अंजलि ने कहा तो निशि मुस्कुरा उठी। मुन्ना ने काशी की दोस्तों से काशी को बाहर लेकर जाने को कहा और खुद वही रूक गया। सभी वहा से चली गयी प्रिया चलते चलते रुकी और पलटकर मुन्ना से कहा,”तुम किसी को ढूंढ रहे हो क्या ?”
“नहीं ! आप चलिए हम आते है”,मुन्ना ने कहा तो प्रिया वहा से चली गयी। मुन्ना गौरी को ही ढूंढ रहा था जब वो उसे नहीं दिखी तो वह जाने के लिए वापस मुड़ गया। जैसे ही मुन्ना पलटा किसी के चुटकी बजाने की आवाज उसके कानो में पड़ी। मुन्ना पलटा तो परदे के पीछे से निकलकर बाहर आयी और कहा,”क्या तुम मुझे ढूंढ रहे थे ?”
“हम तुम्हे क्यों ढूंढेंगे ?”,मुन्ना ने गौरी से नजरे चुराते हुए कहा
“हाये ! तुम झूठ बोलते हुए भी कितने प्यारे लगते हो”,गौरी ने प्यार भरी नजरो से मुन्ना को देखते हुए कहा
“सब बाहर है तुम्हे भी जाना चाहिए”,मुन्ना ने अपनी भावनाओ को कंट्रोल में रखते हुए कहा
“मैं चली जाती लेकिन वो मेरी कुर्ती का लेस खुला है , तुम बांधने में हेल्प कर दो ना”,गौरी ने कहा और एकदम से पलट गयी। मुन्ना ने देखा गौरी ने लहंगा और कुर्ती पहनी थी और उसकी कुर्ती पीछे से बस चार लेस से बंधी हुई थी और पांचवा खुला था जिसे बांधने के लिए गौरी कह रही थी। मुन्ना ने देखा तो उसकी धड़कने बढ़ गयी , बेचारा मुन्ना जो कभी आज तक लड़कियों के करीब नहीं गया गौरी उस से अपनी कुर्ती का लेस बांधने को कह रही थी। मुन्ना को खामोश खड़े देखकर गौरी ने कहा,”ठीक है फिर मैं ऐसे ही चली जाती हूँ”
मुन्ना ने सूना तो गौरी का हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”हम कर देते है”
मुन्ना ने कुर्ती के लेस हाथो में पकडे और उन्हें बांधने लगा हालाँकि उसके हाथ काँप रहे थे लेकिन वह गौरी को ऐसे बाहर जाने भी नहीं दे सकता था। उसने जल्दी से लेस बांधे और वहा से चला गया। गौरी मुस्कुरा उठी और फिर बाहर चली आयी। गौरी भी आकर अपनी दोस्तों में शामिल हो गयी। वंश ने गौरी को देखा तो देखते ही रह गया आज गौरी बला की खूबसूरत लग रही थी। निशि ने भी लाइट पिंक और आसमानी प्लाजो और उस पर स्लीवलेस कुर्ती पहनकर गले में फैशनेबल दुपट्टा डाला हुआ था।
पंडित जी आ चुके थे , उन्होंने काशी और शक्ति को साथ बैठाकर पूजा की और फिर दोनों से एक दूसरे को अंगूठी पहनाने को कहा
शक्ति और काशी अपनी अपनी जगह खड़े हुए और एक दूसरे को अंगूठी पहनाई। सारा माहौल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज था। काशी को उसकी दोस्तों ने गले लगकर बधाई दी। शक्ति के दोस्तों ने भी उसे बधाई दी और दोनों वहा लगे सोफे पर बैठे। हल्का अन्धेरा हो चुका था और इसी के साथ घर की सभी लाइट्स भी जल उठी , काफी खूबसूरत नजारा था , सभी मेहमान काशी और शक्ति के साथ फोटो खिंचवा रहे थे , कुछ हंसी ठिठोली कर रहे थे और साथ ही बाकि लोग खाने पीने का लुफ्त उठा रहे थे। मुरारी ने देखा माहौल काफी फीका फीका लग रहा है तो वह खुद में ही बड़बड़ाया,”यार जे आजकल के नए ज़माने के फंक्शन कितने बोरिंग होती है हमाये जमाने में अगर किसी का मुंडन भी हो तो जे धमाका हो हल्ला होता लगता जैसे कोनो की सादी है,,,,,,,,,,,,पर जे काशी की सगाई में तो सब फीका फीका लग रहा”
“है ना अंकल ! मुझे भी ऐसा ही लग रहा है , अरे सगाई है थोड़ा नाच गाना , मस्ती तो बनती है ना”,पास खड़ी गौरी ने कहा तो मुरारी ने उसकी और देखा और फिर कहने लगा,”और का शिवम् भैया के टेस्ट को पता नहीं का हो गया है ?”
“अरे तो अंकल हम लोग है ना , हम किसलिए है ? आप गाना बजवाईये फिर देखिये कैसे जमता है रंग”,गौरी ने कहा
“अरे लेकिन नाचेगा कौन ?”,मुरारी ने पूछा
“अरे कौन से क्या मतलब काशी के दोनों भाई नाचेंगे , मैं नाचूंगी,,,,,,,,,,,,,,,,आप नाचेंगे”, गौरी ने थोड़ा शरारत से कहा
“देखो वंश की गारंटी हम लेते है लेकिन जे मुन्ना थोड़ा टेढ़ा आदमी है नहीं नाचेंगे”,मुरारी ने कहा
“अरे हम भी इंदौर वाले है बड़े बड़ो को सीधा किया है हमने , वो नहीं नाचे तो हम है ना”,गौरी ने फ्लो फ्लो में अपनी कोहनी मुरारी के कंधे पर रखते हुए कहा
मुरारी ने अपने कंधे की तरफ देखा तो गौरी ने खिंसियाते हुए,”सॉरी वो थोड़ा ज्यादा ही फ्रेंक हो गए आपके साथ आप गाना लगवाइये ना”
गौरी की बात सुनकर मुरारी म्युजिक वाले की तरफ चला गया और गाना बजाने को कहा। सभी मेहमान और घरवाले बातो में लगे थे तभी गौरी सबके बीच आयी और म्यूजिक सिस्टम पर गाना बजने लगा। गौरी ने भी साथ साथ गाना शुरू कर दिया,”आज है सगाई , सुन लड़की के भाई,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए गौरी ने पास से गुजरते हुए मुन्ना का हाथ पकड़ा और उसकी तरफ देखते हुए फिर से गया,””आज है सगाई , सुन लड़की के भाई,,,,,,,,,,,,,जरा नाच के हमको दिखा,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना अपना हाथ छुड़ाकर जैसे ही जाने लगा एक तरफ से ऋतू प्रिया ने उसे घेर लिया और दूसरी तरफ से अंजलि निशि ने और गाने लगी,”कुड़ी की तरह ना शरमा , कुड़ी की तरह ना शरमा,,,,,,,,,,होये तू मेरी गल मान जा , तू मेरी गल मान जा”
“अच्छा मेरे मुन्ना को परेशान करती है अभी बताता हूँ”,कहते हुए वंश एकदम से उन सबके बीच आ कूदा और नाचते हुए गाने लगा,”सब को नचाऊँ नच नच के दिखाऊँ , आ मुझ को गले से लगा ,मुंडे से ज़रा आँख लड़ा , होय, तू मेरी गल मान जा”
सभी साथ साथ डांस करने लगे , मुन्ना वहा से चला गया वंश इन लड़कियों के बीच पूरा कृष्ण-कन्हैया लग रहा था। गौरी भी सब भूलकर फूल इंजॉय करने लगी। आखिर में सब घरवाले , शक्ति , काशी , उनके दोस्त सब नाचने लगे और मुन्ना उन सबके बीच से निकलकर चला गया।
Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31
क्रमश – Main Teri Heer – 32
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संजना किरोड़ीवाल
Very nice
Nishi Munna se sirf impressed hi rhe… aage kuch na ho….
Vaise accha part tha… aaj yaha Munna (hero) ki behen Kashi ki sagai thi aur vaha (Haan ye mohabbat hai) Akshat (hero) ki behen Nidhi ki sagai … good coincidence..
Fantastic part tha ekdum mazedaar
Nice one
Bhut hi pyaara part tha masm
🆎 je munna ko kya ho gya
Ese kyu naraz hai
Ya apne emosation ko kabu me n rakh pa rha
Hai
Beautiful❤❤❤❤, ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Superb part ❤️❤️,and long too🤣🤣🤣🤣
ये निशि वंश की मन बात कैसे जान लेती है…
Nishi khi Munna se pyar na Kar baithe nhi to bada bawal ho jayega vase nice and dhamakedar part
Haye … Bhole Bhandari Munna Babu ..💕💕💕
Ye part such me bhot acha tha dii 😊😊
And jaisa ki ap likh rhe ho lg rha h nishi ko bhi munna se hi pyar hoga I may 😄😄
Next part…
Nice story
Bechare vansh ko ab munna or gori ka sach pata lagna chahiye
Vansh or nishi cross connection se impress hh bs nishi tum impress tk hi rho🤣🤣🤣
Hayee vansh ki jgh kash munna nachta 😍😍😍