“मैं तेरी हीर” – 20
Main Teri Heer – 20
शिवम् ने काशी को धर्मसंकट में डाल दिया। काशी ने शिवम् को चुना और अपना दिल खुद ही तोड़ दिया। शिवम् ने उसे अपने कमरे में जाने को कहा। सारिका ने जब सूना तो उसे एक धक्का सा लगा उसे शिवम् से ये उम्मीद बिल्कुल नहीं थी। वह शिवम् के पास आयी और हैरानी से कहा,”ये क्या किया आपने शिवम् जी ? हमे लगता था आप अपने बच्चो की भावनाओ को समझेंगे लेकिन आपने काशी से कहा की वो आप में से और उस लड़के में से किसी एक को चुने। शिवम् जी एक लड़के के लिए काशी ने हम सबसे झूठ बोला इसका मतलब समझते है आप ?,,,,,,,,,,,,,,,,इसका मतलब है काशी उस लड़के से बहुत प्यार करती है। क्या आप एक बार उस लड़के से मिल सकते है ? हमे विश्वास है काशी ने अपने लिए गलत लड़का नहीं चुना होगा”
“सारिका हम काशी के पिता है उसका भला बुरा हम अच्छे से समझते है। काशी जिस लड़के को पसंद करती है उसे हम जानते है , काशी अभी बच्ची है उसे प्यार और आकर्षण में फर्क नहीं पता और ये जानने के बाद हम उसे अपनी जिंदगी खराब करने नहीं दे सकते”,शिवम् ने कहा
“आप स्वार्थी बन रहे है शिवम् जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या हमारे पापा ने आपको नहीं अपनाया था ? शिवम् जी हम नहीं चाहते हमारे बच्चो की जिंदगी में वैसे पल आये , हम नहीं चाहते उनके माँ बाप की वजह से उनका दिल टूटे , आप इतने कठोर मत बन बनिए शिवम् जी,,,,,,,,,,,,,,,एक बार खुद को काशी की जगह रखकर सोचिये क्या आप उसके साथ ठीक कर रहे है ?”,सारिका ने आँखों में आँसू भरकर कहा
“सरू हम जो कर रहे है सही कर रहे है , भरोसा रखिये”,शिवम् ने सारिका के चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा तो सारिका ने नम आँखों के साथ अपनी गर्दन हाँ में हिला दी।
अगली सुबह वंश अपने कमरे में सो रहा था और सोते हुए वह कोई सपना देख रहा था।
“ए तुमने मेरी टीशर्ट क्यों पहनी है ? उतारो इसे”,वंश ने गुस्से से निशि से कहा
“मेरे सारे कपडे गंदे थे और मुझे अर्जेन्ट बाहर जाना था इसलिए मैंने ये पहन लिया , ये पकड़ो टीशर्ट के पैसे और दफा हो जाओ”,निशि ने अपने पर्स से कुछ रूपये निकालकर वंश के हाथ में थमाते हुए कहा
“ओह्ह हेलो ये पैसो का घमंड ना किसी और को दिखाना , मुझे मेरी टीशर्ट चाहिए , उतारो इसे”,वंश ने खीजते हुए पैसे वापस निशि को देकर कहा
“ठीक है उतार देती हूँ”,कहते हुए निशि ने वंश के सामने ही टीशर्ट उतारने की कोशिश की तो वंश ने अपनी आँखों पर हाथ रखते हुए कहा,”छी छी क्या कर रही हो ? तुम में जरा भी शर्म है की नहीं,,,,,,,,,,,मेरे सामने ही,,,,,,,,,,,ठीक है ठीक है इसे तुम रख लो मैं और खरीद लूंगा,,,,,,,,,,,,,अब अपने हाथ नीचे करो”
“चिरकुट कही का”,कहते हुए निशि जाने लगी। वंश ने सूना तो चिढ गया एक तो उसने अपनी टीशर्ट उसे दी ऊपर से वो उसे ही चिरकुट कह रही थी। वंश ने उसका हाथ पकड़ कर जैसे ही उसे रोकना चाहा उसका पैर फिसला वंश निशि को साथ लेकर बिस्तर पर आ गिरा।
“मेरी टीशर्ट पहनकर मुझे ही चिरकुट बोल रही हो ,, पागल कही की , अभी के अभी मेरी टीशर्ट वापस करो”,वंश अपने कमरे में जमीन पर पड़ा तकिये को निशि समझकर उसका गला दबा रहा था। दीना उसे बुलाने आया था , लेकिन ये अजीब नजारा देखकर उन्होंने कहा,”वंश बिटवा तुम जमीन पर का कर रहे हो ?”
दीना की आवाज से वंश की तंद्रा टूटी उसने पलटकर देखा और तकिया छोड़कर दीना के पास आकर कहा,”देखिये ना दीना भैया एक तो मेरी टीशर्ट पहनी उस पर मुझे ही इतना सूना रही है”
“पर तुम तो अपनी टीशर्ट पहने हो , और कमरे में हम दोनों के अलावा कोई नहीं है”,दीना ने हैरानी से कहा
“अरे वो है ना”,कहते हुए वंश ने जैसे ही जमीन की तरफ इशारा किया उसे वहा नीचे गिरा तकिया नजर आया। वंश थोड़ी देर के लिए उलझन में पड़ गया। उसे ये समझने में थोड़ा टाइम लगा की वह बस एक सपना देख रहा था उसने अपने बाल नोचे और बड़बड़ाया,”आह्ह्ह्ह ये लड़की तो मुझे पागल कर देगी , सपने में भी इसे मुझसे बस झगड़ा करना होता है”
“क्या हुआ सब ठीक है ना ?”,दीना ने पूछा
“हाँ , वैसे आप सुबह सुबह यहाँ क्या कर रहे है ?”,वंश ने तकिया उठाते हुए कहा
“शिवम् भैया ने बुलाया है तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,वैसे एक जरुरी बात बताये , रोजाना से ज्यादा गुस्से में है , थोड़ा सम्हलकर”,कहते हुए दीना वहा से चला गया
“अब मैंने क्या कर दिया ?”,वंश ने खुद से कहा और नीचे चला गया
शिवम् हॉल में पड़े सोफे पर बैठा था वंश आया और हाथ बांधकर खड़ा हो गया। शिवम् का चेहरा देखकर ही वह समझ गया था की शिवम् आज गुस्से में है उसने धीरे से कहा,”आपने मुझे बुलाया पापा ?”
“कल तुम फैक्ट्री क्यों नहीं आये ? क्या हमारी बात की अब कोई अहमियत नहीं रह गयी है ?”,शिवम् ने थोड़ा कठोर होकर कहा
“वो पापा हम किसी काम से बाहर चले गए थे , आप बताईये ना आपने क्यों बुलाया था ?”,वंश ने डरते डरते कहा
“हमे मुन्ना के बारे में तुमसे कुछ बात करनी थी , उसे कुछ हुआ है क्या ? पिछले कई दिनों से वो घर नहीं आया ना ही हमने उसे देखा है ,, तुम उसके दोस्त हो उसने तुम्हे तो जरूर बताया होगा”,शिवम् ने कहा
“नहीं पापा ऐसा तो कुछ नहीं है , मुन्ना शायद थोड़ा परेशान है मैं आज ही उस मिलता हूँ ,, वैसे आपको उस से क्या काम है ?”,वंश ने पूछा
वंश के सवाल पर शिवम् ने उसे घूरकर देखा तो वंश ने झेंपते हुए कहा,”आपका बताने का मन नहीं है तो कोई बात नहीं , मैं मैं जाता हूँ”
वंश के जाने के बाद शिवम् भी चला गया। काशी उदास सी अपने कमरे में बिस्तर पर बैठी थी उसने शिवम् से तो कह दिया की वह शक्ति की जगह उसे चुनेगी लेकिन शक्ति के बारे में सोचकर काशी बहुत उदास थी। वही शक्ति सुबह सुबह नहा-धोकर घाट चला आया , शक्ति ने फैसला कर लिया की आज वह काशी को अपने बारे में सब सच बता देगा। शक्ति वहा घाट पर बैठे पंडित जी के पास चला आया और उनके सामने आ बैठा। पंडित जी ने अपनी चार उंगलिया चन्दन में डुबाई और शक्ति के ललाट पर मलने लगा।
“हमे तुम्हारी मदद चाहिए”,एक जानी पहचानी आवाज शक्ति के कानो में पड़ी। शक्ति ने अपनी बगल में देखा उसकी बगल में मुन्ना बैठा था। शक्ति ने सामने देखते हुए कहा,”हम तुम्हारी मदद क्यों करे ?”
पंडित जी ने चंदन लगाने के बाद शक्ति के माथे पर जामुनी रंग का तिलक किया और उसके हाथ पर धागा बांधने लगा।
“क्योकि अब सिर्फ तुम ही पापा को इस मुसीबत से निकाल सकते हो”,मुन्ना ने आसभरे स्वर में लेकिन सामने देखते हुए कहा
“अकड़ बहुत है साले में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,शक्ति बुदबुदाया और फिर मुन्ना की तरफ देखकर कहा,”मदद मांगने का तुम्हारा ये अंदाज पसंद नहीं आया हमे”
पंडित जी ने मुन्ना के माथे पर चंदन लगाया और तिलक करके उसके हाथ पर धागा बांधने लगे। मुन्ना ने सूना तो सोच में पड़ गया। आज से पहले उसे इस तरह किसी से मदद मांगने की जरूरत नहीं पड़ी थी। मुन्ना को चुप देखकर शक्ति उठा और वहा से जाने लगा। मुन्ना ने पंडित जी को कुछ दक्षिणा दी और शक्ति के पीछे आते हुए कहा,”तुम ही बता दो हमे क्या करना होगा ?”
शक्ति चलते चलते रुका और पटलकर कहा,”देखो हम इतने तो स्योर है की काशी के घरवाले हमे स्वीकार कर लेंगे लेकिन तुम्हे जब भी देखते है लगता है तुम हमारे रिश्ते से खुश नहीं हो। क्या सच में ऐसा है ?”
“ऐसा कुछ भी नहीं है”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म सच में तो फिर थोड़ा प्यार से बोलो ना की जीजाजी हमारी मदद कीजिये”,शक्ति ने थोड़ा अकड़कर कहा हालाँकि वह मुन्ना को बस परेशान कर रहा था .मुन्ना ने जीजाजी सूना तो उसे अच्छा नहीं लगा लेकिन उसे इस वक्त शक्ति की मदद की जरूरत थी इसलिए उसने कहा,”सर क्या आप मेरी मदद करेंगे प्लीज”
“अच्छा ठीक आओ साथ में चाय पीते है , वही बताते है तुम्हे आगे क्या करना है ?”,शक्ति ने मुन्ना के कंधे पर अपना हाथ रखते हुए कहा। मुन्ना को ये भी पसंद नहीं आया लेकिन वह खामोश रहा और उसके साथ चल पड़ा। शक्ति ने मुन्ना को बताया की उसे आगे क्या करना है और वह किस तरह उसकी मदद करेगा। मुन्ना ने सब बात सुनी और कहा,”इस से पापा हर्ट हो जायेंगे”
“उन्हें हमेशा के लिए खोने से बेहतर है मुन्ना कि तुम उन्हें एक बार हर्ट कर दो”,कहकर शक्ति चला गया। उसे जाते देखकर मुन्ना हल्का सा मुस्कुरा दिया शक्ति इतना भी बुरा नहीं था जितना वह सोच रहा था मुन्ना घर के लिए निकल गया।
उसी शाम मुरारी अपने ऑफिस रूम में था। मुन्ना उसके पास कुछ पेपर्स लेकर आया और कहा,”पापा वो कॉलेज से नाम डिग्री के पेपर बनवाने है तो आपकी साइन चाहिए थे”
“हाँ लाओ अभी कर देते है। अच्छा उह बैंगलोर वाली नौकरी के बारे में कुछो सोचा तुमने ?”,मुरारी ने साइन करते हुए पूछा
“हमे थोड़ा सा वक्त चाहिए पापा”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“हाँ हाँ कोई जल्दी नहीं है जे लो हो गया”,मुरारी ने कागज वापस मुन्ना की ओर बढाकर कहा। मुन्ना सीधा अपने कमरे में आया और दरवाजा बंद करके मुरारी के किये साइन की नकल करने लगा। वह कोशिश करता रहा लेकिन परफेक्ट नहीं कर पा रहा था। उसने पुरे कमरे में कागज ही कागज फैला दिए लेकिन मुरारी जैसे साइन नहीं कर पाया। उधर शक्ति ने मुरारी की पार्टी के सभी कार्यकर्ताओ को अपनी तरफ कर लिया। कुछ तो ख़ुशी ख़ुशी हो गए क्योकि वो मुरारी से परेशान थे बाकि कुछ को डरा धमका के करना पड़ा। रात में वंश मुन्ना से मिलने घर आया जैसे ही वह मुन्ना के कमरे के अंदर आया उसने देखा पूरा कमरा कागजो से भरा पड़ा है।
“ये सब क्या है ?”,वंश ने अंदर आते हुए कहा
“पापा के साइन की नकल करने की कोशिश कर रहे है”,मुन्ना ने खाली पेपर पर साइन करते हुए कहा लेकिन ये भी परफेक्ट नहीं था।
“व्हाट ? तू ऐसा क्यों रहा है ? और ऐसा छोड़ ये सब तू कबसे करने लगा ?”,वंश ने हैरानी से मुन्ना के सामने बैठते हुए कहा
“वो सब हम तुम्हे अभी नहीं बता सकते , क्या तुम ये साइन कर सकते हो ?”,मुन्ना ने वंश की तरफ देखकर कहा
“ये तो मेरे बाँये हाथ का खेल है”,कहते हुए वंश ने नोटबुक को अपनी तरफ घुमाया और सेम मुरारी की तरह साइन कर दिया। मुन्ना ने देखा तो उसे बड़ी हैरानी हुई और कहा,”एक और बार करना ज़रा”
वंश ने दो तीन बार साइन किया तो मुन्ना का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा। उसने वंश की तरफ देखा और कहा,”थैंक्स”
“वो सब तो ठीक है पर तुम्हे मुरारी चाचा के साइन क्यों चाहिए ?”,वंश ने लेटते हुए कहा
“वो सब हम तुम्हे बाद में बताएँगे , अभी हमारे साथ चलो”,कहते हुए मुन्ना ने अपना जैकेट लिया और वंश को लेकर चला गया।
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क्रमश – Main Teri Heer – 21
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संजना किरोड़ीवाल
Muje BHT se parts m Sarika ka nature smj Ni ata…KY Shivam k hi bacche h vansh Kashi…kuch b ho kbi Sarika koi stand hi ni leti..itni educated modern ek company ki owner h…uska koi stand Ni h bs Shivam ne kaha Tik h…ek bar bhi abi Tak ASA point Ni Mila jaha Sarika ka koi decision dkne Mila ho…Shivam ji to tik h trust b tik h…but as a mother ya as a member of the family kbi to kuch bole….bilkul abla nari jasa feel hota h Sarika ka character …real lyf m BHT bar ASA hota h..but I hope Sarika ka stand b dkne mile…
Kya shivam judge kar raha h kashi ko isliye usne aisi shart rakhi ya fir wo ye janna chahta h ki shakti sahi h bhi ya nhi kashi k liye jo bhi ho shivam ke mann me kuch to chal raha h.
Shivam ke man me kuch chal rha h tabhi usne kashi k samne esi shart rakhi aur Shakti aur Munna mil Kar Murari ko bacha lenge aur hamare vanish bhaiyya ko to nishi se pyar ho gya h bus unhe samjh nhi aa rha h kulmilakar aaj ka part superr tha
Nice story
Aaj ka part thoda chota tha
Aur thoda tensful bhi
Fir bhi hm intjaar karenge
Thode loving❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ 💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓
Part ka
💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖
चलो कुछ तो अच्छा होगा…
Very nice
Chlo kch to acha hua vansh k mnn m Nishi k liye pyar dekh kr acha lga ab jld hi Munna or Gauri k bhich m sb thik ho jyega
Part chhota hai pr fir bhi achha hai 👌
Intresting but CBI officer aisa kyu kr rha h
Wse jeejajo wali line bhut hi shasndaar thi lekin kya idea diya h shakti n munna ko
Vansh munna ke bare kab jan payega
Sarika ka character strong independent decision making woman Raanjhna mein tha ab Main Teri Heer k dono seasons mein bilkul opposite hai…ya yoon kahe sirf ek token character jaise hi lag raha hai.. Yeh dekh kar bilkul acha nahi lag rha