“मैं तेरी हीर” – 90 (अंतिम भाग)

Main Teri Heer – 90

Main Teri Heer
Main Teri Heer

मुन्ना गौरी को अपनी मजबूत बांहो में सम्हाले किचन में खड़ा था। दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। बाहर बारिश हो रही थी जैसे ही बिजली कड़की मुन्ना को अहसास हुआ और उसने गौरी से दूर होकर कहा,”माफ़ करना”
गौरी ने मुन्ना की तरफ देखा और प्लेटफॉर्म पर रखा कप उसकी ओर बढ़ाकर कहा,”तुम्हारी कॉफी”
“शुक्रिया”,मुन्ना ने कॉफी ली और किचन से बाहर चला आया। उसका दिल अभी भी जोरो से धड़क रहा था और वह अपनी धड़कनो को नार्मल करने की कोशिश कर रहा था। आज से पहले मुन्ना कभी किसी लड़की के इतना करीब नहीं आया था शायद यही वजह थी की जब भी वह गौरी के करीब होता उसका दिल जोरो से धड़कने लगता। गौरी अपनी कॉफी लेकर बाहर चली आयी मुन्ना ने देखा तो वापस सोफे पर आ बैठा और कॉफी पीने लगा। मुन्ना को असहज देखकर गौरी ने उसका ध्यान बटाने के लिए कहा,”वैसे वंश कहा गया है ?”
“मुंबई,,,,,,कल सुबह उसका ऑडिशन है”,मुन्ना ने कहा
“वाओ मतलब उसे बॉलीवुड में जाना था,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे वो दिखता भी हीरो जैसा है,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने शरारत से कहा वह बस देखना चाहती थी मुन्ना को जलन होती है या नहीं लेकिन मुन्ना मुस्कुराने लगा और कहा,”हाँ वो अच्छा दिखता है और दिल का भी बहुत अच्छा है”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,मुझे लगा ये सुनकर तुम्हे जलन होगी,,,,,,,,,,,,आहहह तुम इतने अजीब क्यों हो ?”,गौरी ने कुढ़ते हुए कहा
“हमे किसी से जलन नहीं होती , हम जानते है हमारे पास जो है वो बेहतरीन है और जो नहीं है वो हमारे लिए सही नहीं है”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“लेकिन मेरे पास तुम हो,,,,,,,,,,,,और इस वक्त मेरा गाना गाने का दिल कर रहा है”,गौरी ने खाली कप टेबल पर रखते हुए कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना चौंककर कहता है
गौरी उठी और जोर जोर से गाना गाने लगी,”हम तुम एक कमरे में बंद हो,,,,,,,और चाबी खो जाये”
मुन्ना ने सूना तो उठा और गौरी का मुंह बंद करते हुए कहा,”क्या कर रही हो तुम्हारे पडोसी जाग जायेंगे ?”
“तो जागने दो,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने मुन्ना की आँखों में झांकते हुए कहा
“तुम्हारे इरादे हमे कुछ ठीक नहीं लग रहे है मिस गौरी गुप्ता”,मुन्ना ने अपनी टीशर्ट सही करते हुए कहा
“मुझे भी,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने मुस्कुराते हुए कहा और जैसे ही वह मुन्ना के करीब आने वाली थी मुन्ना का फोन बजा। मुन्ना ने जेब से फोन निकालकर देखा मुरारी का फोन था। मुन्ना ने गौरी को साइड कीया और फोन उठाते हुए कहा,”जी पापा”
“कहा हो तुम ? हमने फोन किया ससुराल में वो कह रहे तुम अभी तक पहुंचे नहीं”,मुरारी ने कहा
“किसके ससुराल ?”,मुन्ना ने हैरानी से पूछा
“तुम्हरी शादी हो गई ?”,मुरारी ने सवाल किया
“नहीं,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने झिझकते हुए कहा
“हाँ तो फिर तुम्हारे ससुराल की बात तो करेंगे नहीं , तुम्हारे नाना की बात कर रहे है ,, घर क्यों नहीं पहुंचे अभी तक ?”,मुरारी ने कहा तो मुन्ना की नजर सामने दिवार घर पर चली गयी जिसमे रात के 11 बज रहे थे।
“वो पापा हम बस जा ही रहे है , वो फ्लाइट ज़रा देरी से थी इसलिए लेट हो गया”,मुन्ना को झूठ बोलना पड़ा क्योकि इतनी रात में मुरारी के सवालो का सामना करने की हिम्मत उसमे बिल्कुल नहीं थी।
“ठीक है पहुंचकर फोन करना”,मुरारी ने कहा और फोन काट दिया
मुन्ना ने चैन की साँस की और फोन वापस जेब में रख लिया। वह जैसे ही गौरी की तरफ पलटा गौरी ने कहा,”तुम अपने पापा से इतना डरते क्यों हो ?”
“हम उनसे डरते नहीं बल्कि उनके सवालो से बचते है , अभी हमने किसी को तुम्हारे बारे में नहीं बताया है”,मुन्ना ने कहा
“वो इतने बुरे भी नहीं है , मुझे तो वो बड़े कूल लगते है”,गौरी ने खुश होकर कहा
“अच्छा और हम ?”,मुन्ना ने पूछा
“तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम थोड़े से अकड़ू हो”,गौरी ने अपनी आँखों को छोटा कर मुंह बनाते हुए कहा
“अच्छा,,,,,,,,,,,,!!”,कहकर मुन्ना ने उसे घुरा और उसकी तरफ आया तो गौरी भागने लगी और मुन्ना उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे। दोनों पुरे घर में यहाँ वहा भाग रहे थे। भागते हुए गौरी एकदम से घर के कोने में आ गयी और वह से निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला।
“अब कहा जाओगी ?”,मुन्ना ने उसके सामने आकर कहा।
“मैं तो बस मजाक कर रही थी”,गौरी ने हिचकिचाते हुए कहा
मुन्ना उसकी आँखों में देखते हुए उसके करीब आने लगा , इस बार दिल धड़कने की बारी गौरी की थी। मुन्ना उसके एकदम करीब चला आया। गौरी ने साइड से निकलने की कोशिश की तो मुन्ना ने अपना हाथ दिवार से लगा दिया। गौरी ने दूसरी तरफ से जाने की कोशिश की तो मुन्ना ने दूसरा हाथ भी दिवार से लगा दिया। गौरी मुन्ना के दोनों हाथो के बीच थी और मुन्ना उसके बिल्कुल सामने खड़ा उसे प्यार भरी नजरो से देखे जा रहा था। गौरी का गला सूखने लगा , वह मुन्ना से नजरे चुराने लगी , मुन्ना का करीब आना उसके दिल को और ज्यादा धड़कने पर मजबूर कर रहा था। गौरी की नजरे जैसे ही मुन्ना से मिली मुन्ना ने अपने होंठो को गौरी के होंठो की तरफ बढ़ा दिया , जिनके बीच बस कुछ ही फासला था। गौरी अपनी सांसे रोके खड़ी थी मुन्ना को उसकी इस हालात पर हंसी भी आ रही थी और प्यार भी , उसने अपने होंठो को गौरी के कान के पास लाकर धीरे से कहा,”हमे आजमाना बंद करो”
“हाँ,,,,,,,,,,,,!”,गौरी ने हैरानी से मुन्ना की तरफ देखा तो मुन्ना एकदम से पीछे हट गया और कहा,”हम अपनी मर्यादा समझते है , तुम्हारी मर्जी के बिना हम कभी करीब नहीं आएंगे। तुम्हारी माँ से हम पहली बार मिले है और उन्होंने हम पर इतना भरोसा भी कर लिया की हमे तुम्हारे साथ यहाँ अकेले छोड़ दिया , उनके भरोसे को तोड़ना हमारे लिए हमारे नियम तोड़ने जैसा ही होगा,,,,,,,,,,,अगर हमने तुम्हे ठेस पहुंचाई हो तो माफ़ी चाहते है”
गौरी ने सूना तो ख़ामोशी से मुन्ना को देखते रही , मुन्ना हॉल की तरफ जाने के लिए पलट गया तो गौरी ने अपने दोनों हाथो से उसकी बलाये ली और साथ में उसे फलाइंग किस भी दे दिया। गौरी भी मुन्ना के पीछे पीछे चली आयी एक बार फिर दोनों सोफों पर आ बैठे और इस बार भी दोनों आमने सामने थे। मुन्ना माहौल को ठीक करने के लिए गौरी से बातें करने लगा लेकिन आज गौरी सिर्फ मुन्ना को सुनना चाहती थी इसलिए कहा,”मैं तुम्हे और जानना चाहती हूँ कुछ अपने बारे में बताओ”
मुन्ना जो की कम ही बात करता था वह सोफे पर आलथी पालथी मारकर बैठ गया और गौरी को अपने बारे में बताने लगा। गौरी भी बड़े ध्यान से मुन्ना की बातें सुनने लगी। मुन्ना वो सब बताते हुए इतना क्यूट लग रहा था की गौरी ने अपना सर सोफे से लगा लिया और प्यार भरी नजरो से उसे देखते रही।

मुंबई , एयरपोर्ट
कनेक्टिंग फ्लाइट होने की वजह से वंश देर रात मुंबई पहुंचा। सारिका ने पहले ही नवीन से सारी बातें कर ली थी और नवीन ये जानकर बहुत खुश भी था की शिवम् और सारिका का बेटा उसके घर रुकने वाला है। नवीन तय समय पर ही एयरपोर्ट पहुँच गया और साथ ही वंश के नाम का बोर्ड लेकर खड़ा हो गया। वंश दिनभर के सफर से काफी थक चुका था उसने नवीन के हाथ में अपना बोर्ड देखा तो उस ओर चला आया और कहा,”वो आप ही है जो मुझे लेने आये है ?”
“हाँ , सारिका मैडम का फोन आया था उन्होंने बताया की तुम आने वाले हो , आओ चलते है”,नवीन ने बोर्ड नीचे करते हुए कहा
“हम्म्म !”,वंश ने कहा और मुंह लटकाये नवीन के पीछे चल पड़ा , आखिर उसे अपने दोस्तों के साथ जाने का मौका जो नहीं मिला। एयरपोर्ट से बाहर आकर नवीन ने वंश का सामान पिछली सीट पर रखा और खुद ड्राइवर सीट की तरफ बढ़ गया। वंश भी उनके बगल वाली सीट पर आ बैठा और सीट बेल्ट लगा लिया। नवीन ने गाड़ी स्टार्ट की और दोनों वहा से घर के लिए निकल गए। वंश चुपचाप बैठा बाहर के नज़ारे देख रहा था , मुंबई की सड़को , ऊँची इमारतों , वहा के लोग , चमचमाती गाड़ियां और रौशनी से भरा शहर वंश को काफी आकर्षक लग रहा था। उसकी आँखों में ख़ुशी की चमक थी और होंठो पर प्यारी सी मुस्कराहट ,, उसने गाड़ी का शीशा थोड़ा सा नीचे कर लिया और मुंबई की हवा को महसूस करने लगा। हवा से उसके बाल उड़कर आँखों और माथे पर लहराने लगे। नवीन ने देखा तो मुस्कुरा कर कहा,”कैसा रहा तुम्हारा सफर ?”
“हाँ,,,,,,,,,,,हाँ ठीक था”,वंश ने सुना तो नवीन की ओर पलटकर कहा
“तुम बिल्कुल अपनी माँ जैसे हो”,नवीन ने कहा
“आप उन्हें कैसे जानते है ?”,वंश ने सवाल किया
“मैं काफी सालो तक यहाँ मुंबई में उनके ऑफिस में मैनेजर की पोस्ट पर रहा था। मैं आज भी उनकी बहुत रिस्पेक्ट करता हूँ अपने समय में वो यूथ के लिए आइडियल थी , उन्होंने अपनी कम्पनी के लिए काफी मेहनत की थी और उसके बाद उन्होंने शादी कर ली। मुंबई वाली कम्पनी आज भी उन्ही के नाम से चलती है”,नवीन ने सारिका की तारीफ में कहा तो वंश मुस्कुराने लगा। अपनी माँ की तारीफ सुनकर उसे काफी प्राउड फील हो रहा था। कुछ देर बाद वंश ने कहा,”आगे जाकर किसी शॉप पर गाड़ी रोकेंगे , मुझे प्यास लगी है”
“हाँ स्योर”,नवीन ने कहा और कुछ दूर चलकर गाड़ी रोक दी। वंश उतरा और दुकान की तरफ चला गया उसने दो कोक लिए और वापस चला आया। गाड़ी में आकर उसने एक कोक नवीन की तरफ बढ़ा दिया तो उसने कहा,”मैं ये सब नहीं पीता”
वंश ने अपनी भँवे उचकाई और कोक का एक केन गाड़ी के डेशबोर्ड पर रख दिया और दुसरा खोलकर खुद पीने लगा। कुछ देर बाद ही गाड़ी घर के सामने पहुंची। मुंबई ने नवीन का खुद का घर था वह गाड़ी अंदर ले आया। वंश नीचे उतरा , अपना सामान लिया और नवीन के पीछे चल पड़ा। नवीन ने बेल बजायी दरवाजा नवीन की पत्नी ने खोला। वंश को देखकर वह मुस्कुराई जैसे उसे उसके आने की खबर पहले से हो। जवाब में वंश भी जबरदस्ती मुस्कुरा दिया। उन्होंने वंश को अंदर आने को कहा। रात का 1 बज रहा था और वंश काफी थका हुआ था इसलिए उसने खाने से मना कर दिया और कहा की वह बस आराम करना चाहता है। गेस्ट रूम में सफाई बाकि थी इसलिए नवीन उसे लेकर ऊपर के कमरे में चला आया और कमरे की लाइट ऑन करके कहा,”आज रात के लिए तुम इस कमरे में सो जाओ”
“गुड नाईट”,वंश ने कमरे में जाते हुए कहा वो इतना थका हुआ था की उसने ये भी नहीं देखा की उस कमरे में काफी कुछ अजीब था !
वह बिना कपडे बदले ही बिस्तर पर आ गिरा और कुछ देर बाद ही उसे नींद आ गयी।
नवीन निचे आया और अपनी पत्नी से पूछा,”निशि अभी तक घर नहीं आयी ?”
“उसने कहा था पार्टी के बाद वो अपनी दोस्त के घर ही रुकेगी”,नवीन की पत्नी ने कहा
“ये ठीक है , मैंने वंश को निशि के कमरे में सुला दिया है तुम कल सुबह गेस्ट रूम तैयार करवा देना प्लीज”,नवीन ने कहा और वाशबेसिन की तरफ चला गया। निशि नवीन की इकलौती बेटी थी जो की वंश के हमउम्र ही थी और आज अपनी दोस्त की बर्थडे पार्टी में गयी हुई थी। इस से बेखबर वंश उसके कमरे में बेपरवाह होकर सो रहा था।

इंदौर , मध्य प्रदेश
मुन्ना की बातें सुनते हुए गौरी की कब आँख लगी उसे पता ही नहीं चला। मुन्ना की नजर सोई हुयी गौरी पर पड़ी तो वह मुस्कुरा उठा। सोते हुए गौरी बड़ी मासूम लग रही थी। मुन्ना वही बैठा उसे देखता रहा। बारिश की वजह से ठण्ड बढ़ गयी थी और गौरी अपने आप में ही सिमटती चली जा रही थी। मुन्ना ने देखा तो उठकर जय के कमरे में गया और एक कंबल ले आया। उसने गौरी को अच्छे से कंबल ओढ़ाया और बड़े ही आहिस्ता से उसके सर के नीचे तकिया लगा दिया। गौरी के चेहरे पर एक सुकून उभर आया। मुन्ना वहा से उठकर दिवार के पास लगे टेबल की तरफ चला आया जहा कुछ बुक्स रखे थे और शायद वो गौरी की मम्मी के थे क्योकि गौरी से उसे इतनी उम्मीद नहीं थी। मुन्ना ने उनमे से एक बुक उठायी और लेकर गौरी के सामने वाले सोफे पर आ बैठा। मुन्ना बैठकर उस किताब को पढ़ने लगा क्योकि उसे नींद नहीं आ रही थी और अभी तक गौरी की मम्मी भी वापस नहीं आयी थी। मुन्ना को पढ़ने का शौक था इसलिए वह बैठकर किताब पढ़ते हुए गौरी की मम्मी का इंतजार करने लगा। आधे घंटे के बाद ही गौरी की मम्मी आयी , उन्होंने देखा मुन्ना किताब पढ़ने में बिजी है और गौरी उसके सामने सोफे पर ही सो रही है तो उन्होंने गौरी को उठाते हुए कहा,”आह्ह्ह्ह गन्दी लड़की वो बेचारा जाग रहा है और तुम यहाँ घोड़े बेचकर सो रही हो , उठो”
गौरी हड़बड़ा कर उठी और मुन्ना की तरफ देखकर मासूमियत से कहा,”मैं सो गयी थी क्या ?”
मुन्ना ने देखा गौरी की मम्मी और जय आ चुके है तो उसने उठते हुए कहा,”आप आ गयी , हमे अब चलना चाहिए”
“अरे बेटा रात बहुत हो गयी है तुम यही रुक जाओ सुबह चले जाना”,गौरी की मम्मी ने कहा
“जी शुक्रिया लेकिन हमे नहीं लगता इस वक्त हमारा यहाँ रुकना बेहतर होगा , घर पर नानाजी इंतजार कर रहे है , पापा के भी काफी फोन आ चुके है तो हमे जाना ही पडेगा,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने अपनी परेशानी बताई
“वैसे तुम्हारा बहुत बहुत थैंक्यू बेटा तुम यहाँ रुके,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम कल दोपहर का लंच हमारे साथ करोगे ? मुझे अच्छा लगेगा”,गौरी की मम्मी ने प्यार से कहा
“कल तो नहीं हो पायेगा आंटी वैसे हम कुछ दिन इंदौर में ही है तो फिर कभी,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“ओके कोई बात नहीं , तुम कैसे जाओगे ? एक काम करो जय की स्कूटी ले जाओ”,गौरी की मम्मी ने चाबी मुन्ना की तरफ बढ़ा दी
“हम कपडे चेंज करके आते है”,मुन्ना ने कहा और जय के कमरे की तरफ चला गया
कुछ देर बाद मुन्ना कपडे बदलकर आया और सबको गुड नाईट बोलकर वहा से चला गया। जय भी अपने कमरे में सोने चला गया गया। गौरी की मम्मी की नजर वहा रेंक में टँगे जैकेट पर गयी तो उन्होंने गौरी से कहा,”ये जैकेट ?”
“ये उसी का है मैं देकर आती हूँ”,गौरी ने रेंक से जैकेट उठाते हुए कहा और दरवाजे की तरफ चली आयी। मुन्ना बस निकल ही रहा था की गौरी ने कहा,”मान”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना रुक गया और गौरी की तरफ पलटकर कहा
“वो तुम अपना जैकेट लेना भूल गए थे , बाहर बहुत ठंड है ना इसे पहन लो”,गौरी ने मुन्ना का जैकेट उसकी और बढ़ाकर कहा
“हम ठीक है”,कहते हुए मुन्ना ने जैकेट को हाथ पर डाल लिया गौरी नींद भरी आँखों से मुन्ना को देखते रही और फिर धीरे से कहा,”मान”
“हम्म्म !”,मुन्ना ने कहा
“यहाँ आने के तुम्हारा शुक्रिया”,गौरी ने कहा तो मुन्ना मुस्कुरा उठा वह मुस्कुराते हुए इतना अच्छा लग रहा था की गौरी खुद को रोक नहीं पायी , उसने जल्दी से मुन्ना के होंठो को अपने होंठो से छुआ और कहा,”कल मिलते है , गुड़ नाईट”
मुन्ना कुछ कहता इस पहले ही गौरी वहा से भाग गयी। मुन्ना ने अपने होंठो को अपने उंगलियों से छुआ और बड़बड़ाया,”सच में ये लड़की पागल है”
मुन्ना जय की स्कूटी लेकर वहा से घर के लिए निकल गया।

मुंबई , सुबह 9 बजे
फोन के वायब्रेशन की वजह से वंश की नींद टूटी वह कुनमुनाते हुए उठा और फोन उठाकर कान से लगा लिया।
“मिस्टर वंश गुप्ता मैं ड्रीम वर्ल्ड प्रोडक्शन हॉउस से बात कर रही हूँ , आज 11 बजे आपका ऑडिशन है आप वक्त से पहुँच जाईयेगा , अड्रेस आपके कॉल लेटर में है , बेस्ट ऑफ़ लक सर”,दूसरी तरफ से किसी लड़की की खूबसूरत आवाज आयी
“थैंक्यू”,वंश ने कहा उसकी नींद एकदम से उड़ गयी। उसने फोन काटकर बिस्तर पर फेंका और जल्दी से बैग से कपडे निकाले और बाथरूम की तरफ भागा। वंश जल्दी से फ्रेश हुआ , ब्रश किया और नहाकर बाथरूम से बाहर आया। वह इतनी जल्दी में था की उसने ध्यान ही नहीं दिया की वो कमरा किसी लड़की का था। शीशे के सामने आकर वह तैयार हुआ और जल्दी से अपना फोन और जरुरी सामान लेकर कमरे से बाहर चला आया। वंश ने देखा उसके पास ज्यादा वक्त नहीं है तो उसने नवीन से कहा,”अंकल क्या मुझे आपकी गाड़ी की चाबी मिलेगी ? मुझे ऑडिशन के लिए जाना है और मेरे पास ज्यादा वक्त भी नहीं है”
“तुम्हे ड्राइविंग आती है ?”,नवीन ने सवाल किया
“मेरा ड्राइविंग लायसेंस भी बना है , आप चाबी दीजिये ना”,वंश ने कहा
“ठीक है ध्यान से जाना और ये मेरा कार्ड है कोई भी जरूरत हो मुझे फोन करना”,नवीन ने गाड़ी की चाबी के साथ साथ अपना कार्ड भी उसे दे दिया। वंश चाबी लेकर बाहर आया बैग गाड़ी में फेंका और गाड़ी स्टार्ट कर वहा से निकल गया। उसने गूगल मैप ऑन किया और चल पड़ा। वंश बहुत खुश था और साथ ही एक्साइटेड भी की आज उसका सपना शुरु होने जा रहा था। गाड़ी ट्रेफिक में आकर रुकी , वंश की गाड़ी के जस्ट आगे ही एक स्कूटी थी जिस पर दो लड़किया थी। वंश को जल्दी थी इसलिए वह बार बार हॉर्न बजा रहा था। पीछे बैठी लड़की ने घूमकर वंश को घूरते हुए देखा लेकिन वंश साइड में देख रहा था उसने ध्यान नहीं दिया। वह हॉर्न बजाता रहा। स्कूटी वाली लड़किया उतरी जो आगे बैठी थी वह वंश के पास आयी और गाड़ी का शीशा नॉक करते हुए कहा,”ए बाहर निकल”
वंश गाड़ी से बाहर आया तो लड़की उस पर बरस पड़ी और उसे सुनाने लगी। वंश एक तो पहले से लेट था उस पर उस लड़की ने उसे और लेट कर दिया। वह भी लड़की से उलझ गया और दोनों वही सड़क पर एक दूसरे से बहस करने लगे। दूसरी लड़की ने देखा वंश उसकी दोस्त को इतना सब सूना रहा है तो वह आयी और वंश को पीछे करते हुए कहा,”ओह्ह हेलो क्या प्रॉब्लम है तुम्हारी हाँ ?”
“इस वक्त मेरी प्रॉब्लम तुम दोनों हो , निकलो यहाँ से”,वंश ने अपने सामने खड़ी लड़की को घूरते हुए कहा
“तुम तो ऐसे उड़ रहे हो जैसे किसी रियासत के राजकुमार हो , ए पूर्वी तू क्यों इसके मुंह लग रही है चल यहाँ से”,लड़की ने वंश की बात सुनकर लड़की ने अपनी दोस्त की तरफ पलटकर कहा
“मुझे भी कोई शौक नहीं है तुम दोनों के मुंह लगने का,,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा तो दोनों लड़किया वहा से चली गयी। जाते जाते पूर्वी की दोस्त ने पलटकर घूरते हुए वंश को देखा और अपनी स्कूटी लेकर आगे बढ़ गयी। वंश गाड़ी में आ बैठा और जैसे ही गाड़ी स्टार्ट की उसकी नजर सामने पड़ी। फिर से रेड सिग्नल हो चुका था और वंश को फिर रुकना पड़ा , उसने खीजते हुए अपना हाथ स्टेयरिंग पर मारा और कहा,“आई हॉप मैं तुमसे फिर कभी ना मिलू , तुम्हारी वजह से मैं लेट हो गया आई जस्ट हेट यू”

समाप्त

“मैं तेरी हीर” का 1st सीजन यही खत्म होता है और मैं जानती हूँ यू अचानक इसे खत्म करना पाठको को शायद पसंद ना आये। सबसे पहले आप सभी का तहे-दिल से शुक्रिया “मैं तेरी हीर” को आप सभी का इतना प्यार और वक्त मिला,,,,,,,,,,,,,!!! इस कहानी का पहला सीजन मैंने 90 पार्ट्स पर खत्म कर दिया क्योकि कहानी थोड़ी लम्बी जाने वाली थी और इसे कन्टीन्यूए रखना थोड़ा मुश्किल था इसलिए मैंने 1st सीजन एक अच्छे अंत के साथ खत्म करने की कोशिश की है।
नवंबर महीने मैं थोड़ा बिजी रहने रहने वाली हूँ इसलिए कहानी को आगे जारी रखना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल होगा , इस महीने मैं सोशल मिडिया पर भी शायद कम ही नजर आउ क्योकि कुछ अधूरे काम है जिन्हे मुझे पूरा करना है , साथ ही फेस्टिवल और फॅमिली फंक्शन है जिन्हे वक्त देना मेरे लिए बहुत जरुरी हो जाएगा।
मैं कोशिश करुँगी की इसी साल दिसम्बर की शुरुआत में “मैं तेरी हीर” का 2nd सीजन मेरे चैनल और वेबसाइट पर आए और आप लोगो का प्यार और वक्त मुझे यू ही मिलता रहे ! सीजन 1st ने खत्म होने के साथ ही काफी सारे सवाल छोड़े है जिनका जवाब आपको सीजन 2 में मिलेगा और साथ ही काफी मजेदार भी होगा।

दीपावली की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाये , आप सभी के जीवन में प्यार और खुशियों की जगमगाहट यू ही बनी रहे। आप सभी खुश रहे और स्वस्थ रहे ऐसी मेरी दिल से आप सभी को दुआए है।

thankyou so much and i love you guys ,,, !!! 🙂

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संजना किरोड़ीवाल

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