Main Teri Heer – 86
Main Teri Heer – 86

मुन्ना से बात करने के बाद वंश ने अपना सामान बैग में रखा और लेकर जैसे ही कमरे से बाहर आया सारिका उसके पास आयी और टिफिन वंश की तरफ बढाकर कहा,”इसमें हमने पराठे और सब्जी रखी है , ट्रेन का खाना अच्छा नही होता इसलिए भूख लगने पर तुम ये खाना,,,,,,,,,,साथ में बुकनू और थोड़ा अचार भी रखा है,,,,,,,,,!!”
“माँ आप खामखा परेशान हो रही है , मैं बाहर से कुछ खा लेता ना,,,,,,,लेकिन आपने इतनी सुबह सुबह इतने प्यार से ये सब बनाया है तो मैं इसे ले जाऊंगा,,,,,,,,!!”,वंश ने सारिका को साइड हग करके कहा और उसके हाथ से टिफिन लेकर बैग में रख लिया।
शिवम् और मुरारी सुबह सुबह ही किसी जरूरी काम से बाहर चले गए थे। अधिराज जी और अम्बिका ने देखा वंश वापस मुंबई जा रहा है तो दोनों उसके पास आये और वंश को एक लिफाफा देकर कहा,”ये हमारी तरफ से,,,,,,,,!!”
“थैंक्यू नानू,,,,,,लेकिन अब मैं खुद भी कमाने लगा हूँ तो मैं ये आपसे नहीं लूंगा बल्कि अब मेरी जिम्मेदारी बनती है आप लोगो के सपने पुरे करने की,,,,,,,,,बताईये आप लोगो को मुझसे क्या चाहिए ?”,वंश ने कहा
वंश को इतनी समझदारी वाली बातें करते देखकर सारिका जहा हैरान थी वही अम्बिका और अधिराज जी खुश थे कि मुन्ना की तरह वंश भी अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सीरियस होने लगा है।
“तुम खुश रहो और अपने सपनो को पूरा करो इस से ज्यादा हम दोनों को कुछ नहीं चाहिए,,,,,,,,,,,,!!”,अधिराज जी ने कहा तो वंश आकर उनसे गले लगा और कहा,”और आप भी मेरी डार्लिंग नानी माँ के साथ खूब खुश रहना,,,,,,,,,,!!”
आई बाबा ने देखा वंश जा रहा है तो वे भी हॉल में चले आये और आई ने कहा,”का वंश ? वापस बम्बई जा रहे हो बिटवा ?”
“हाँ आई ! कल सुबह शूटिंग है तो आज जाना पडेगा न,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने आई के पास आकर उनके पैर छूते हुए कहा
“अरे खूब खुश रहो बिटवा और खूब मेहनत करो , तुम्हारा काम खूब फले फूले और तुम्हरी बड़ी बड़ी फोटो छपे अख़बार मा जइसन हीरो हीरोइन की छपती है”,आई ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा
वंश ने आई के गालो को खींचते हुए कहा,”ऐसा ही होगा आई और फिर मैं आपको अपने साथ मुंबई लेकर चलूँगा,,,,,,,,,!!”
आई ने सुना तो ख़ुशी से उनकी आँखे चमक उठी। वंश बाबा के सामने आया और उनके पैर छूकर कहा,”अच्छा बाबा मैं चलता हूँ मेरी ट्रेन का वक्त हो रहा हैं”
“ध्यान से जाना बिटवा,,,,,,,,,,इस बार तो सब इतना व्यस्त थे कि तुम से ठीक से बात ही नहीं कर पाए”,बाबा ने कहा
“हाँ बाबा दिवाली पर बनारस आ रहा हूँ ना मैं मुन्ना की शादी में तब खूब बातें करूंगा मैं आपसे,,,,,,,,,,,अच्छा आपके लिए क्या लाऊ मुंबई से ?”,वंश ने कहा
“हम जो मांगे दोगे,,,,,,,!!”,बाबा ने उम्मीद भरे स्वर में कहा
“अरे बाबा आपको मुझसे मांगने की जरुरत नहीं,,,,,,,,,,मैं वादा करता हूँ आप जो मांगोगे मैं ख़ुशी ख़ुशी दूंगा,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने बाबा के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा
बाबा मुस्कुरा दिए लेकिन वंश नहीं जानता था बाबा उस से क्या मांगने वाले है , वह बस सबके सामने उनसे वादा कर चुका था। राधिका और उसका पति आकर वंश से मिला।
वंश जाने लगा उसे मुन्ना से ना मिल पाने का दुःख हो रहा था। सबके साथ वह जैसे ही घर से बाहर आया सामने से आती गौरी उसे दिखाई दी।
गौरी वंश के पास आयी और कहा,”तुम वापस मुंबई जा रहे हो ?”
“हाँ अब तुम्हारी और मुन्ना की सगाई तो हो चुकी , जल्दी ही शादी भी हो जाएगी,,,,,,,,,,,,,,बचा मैं अकेला मासूम लड़का तो मैं यहाँ रूककर क्या करूंगा ?”,वंश ने ड्रामा करते हुए कहा
गौरी वंश के थोड़ा सा पास आयी और कहा,”कहो तो मैं अपने लिए एक देवरानी ढूंढ लू , लगे हाथ एक ही मंडप में तुम्हारे भी फेरे हो जायेगे,,,,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो अपने हाथ जोड़े और कहा,”मुझे इतनी जल्दी हलाल होने का कोई शौक नहीं है , आप अपने मुन्ना जी को चुना लगाइये,,,,,,,,!!”
“अनु आंटी देखिये ना वंश क्या कह रहा है ?”,गौरी ने चिढ़कर अनु की तरफ आते हुए कहा
“अनु आंटी नहीं सासु माँ , ये तुम्हारी होने वाली सास है गौरी,,,,,,,,,,,,,,,बेचारा मेरा भाई कहा फंस गया”,वंश ने अफ़सोस के साथ कहा
आई ने सुना तो वंश के पास आयी और उसका कान पकड़कर कहा,”और जे गौरी नहीं तुम्हरी भाभी है , दोबारा इसे नाम से बुलाया तो पेल देंगे”
“अरे सॉरी आई,,,,,,,,,,माफ़ करना भाभीजी गलती हो गई,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने पहले आई से सॉरी कहा और फिर गौरी से माफ़ी मांगी तो गौरी ने अपनी जीभ निकालकर अंगूठा दिखाते हुए वंश को चिढ़ा दिया और सब हंसने लगे।
स्टेशन जाने के लिए वंश ने जो कैब बुक की थी वो आ चुकी थी। वंश ने सबको बाय कहा और वहा से चला गया। वंश के जाने के बाद सभी अंदर चले आये।
शिवम् को सारी सच्चाई बताने के बाद मुरारी शिवम् के साथ सुबह सुबह यादव के बताये पते पर उस से मिलने चला गया। शिवम् और मुरारी एक क्लिनिक पहुंचे जहा कबीर का इलाज चल रहा था। यादव ने उन दोनों को देखा तो कमरे से बाहर आया और मुरारी से कहा,”अच्छा हुआ आप आ गए विधायक जी , कबीर की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा उसे जल्दी से जल्दी किसी बड़े हॉस्पिटल में शिफ्ट करना होगा।”
“ये कबीर कौन है ?”,शिवम ने पूछा
“भैया इह केस से जुड़ा सबसे बड़ा सबूत वही है उसका ज़िंदा रहना बहुते जरुरी है वरना चौहान का सच कबो सामने ना आ पाई,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“तो फिर यहाँ क्यों खड़े हो उसे हॉस्पिटल लेकर चलो,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
शिवम् की बात सुनकर यादव के चेहरे पर परेशानी के भाव तैरने लगे और उसने कहा,”चौहान को पता चल चुका है मैं उसके खिलाफ हो गया हूँ , कबीर और मुझे मारने के लिए उसने अपने आदमियों को बाहर छोड़ रखा है। उसने उर्वशी को भी मार दिया है,,,,,,,,,,,,,,,मैं बहुत मुश्किल से उसकी बेटी नीलिमा को वहा से निकालकर अपने साथ लाया हूँ,,,,,,,,,,,!!”
उर्वशी मर चुकी है सुनकर मुरारी और शिवम् को एक धक्का सा लगा।
“जे का बकवास कर रहे हो तुम ? उर्वशी को उह काहे मारेगा ?”,मुरारी ने अपने दोनों हाथो से यादव की कॉलर पकड़कर गुस्से से कहा
“मुरारी छोडो इसे,,,,,,,,,जे का कर रहे हो ?”,शिवम् ने मुरारी को यादव से दूर करते हुए कहा
“अरे भैया हमे तो लगता है जे सब खेल इसी ने रचा है,,,,,,,,,,,,और अब इसमें हमको फंसा रहा है।”,मुरारी ने गुस्से से यादव को घूरते हुए कहा
यादव ने मुरारी की तरफ देखा और कठोरता से कहा,”अगर ऐसा होता ना विधायक जी तो अभी तक जेल में बैठकर सलाखें गिन रहे होते आप,,,,,,,,,,,!”
“तुम कहना क्या चाहते हो ?”,शिवम् ने गंभीरता से पूछा
“चौहान राजनीती का एक बड़ा चेहरा है लेकिन उस बड़े चेहरे के पीछे एक भयानक चेहरा भी छुपा है जो आज तक कोई नहीं देख पाया। राजनीती की आड़ में वह ड्रगस और हथियारों की सप्लाई करता है।
इंदौर में बड़े बड़े लोगो और बिजनेसमैन्स के साथ उसका उठना बैठना है। पुलिस से लेकर राजनेता तक उसके एक इशारे पर नाचते है। चौहान बनारस में भी अपना कारोबार फैलाना चाहता था लेकिन जब वह विधायक जी से मिला तो उसकी उम्मीदो पर पानी फिर गया क्योकि राजनीती में ये पहले सख्स थे जो जनता की भलाई के लिए काम करते थे पैसे और शोहरत के लिए नहीं,,,,,,,,,,,,,
जब चौहान को पता चला मुरारी इतनी आसानी से इन सब में नहीं फंसेगा तो उन्होंने उर्वशी को इस खेल का मोहरा बनाया और उसे बनारस भेजा ताकि वह इन्हे अपने हुस्न के जाल में फंसाये और इन्हे इन सब में फंसा सके,,,,,,,,,,,,हमे लगा इनसे मिलने के बाद उर्वशी बदल गयी लेकिन उसके बदलने की वजह थी इनका बेटा “मानवेन्द्र मिश्रा”,,,,,,,,,!!”
इतना कहकर यादव रुक गया तो मुरारी और शिवम् हैरानी से उसे देखने लगे , इन सब में मुन्ना का नाम सुनकर उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि मुन्ना इन सब से जुड़ा हुआ है।
यादव ने उन दोनों को देखा और आगे कहने लगा,”हाँ ये सच है उर्वशी आपके बेटे को चाहने लगी थी ये जानते हुए भी कि मुन्ना उम्र में उस से बहुत छोटा है लेकिन कहते है ना प्रेम में उम्र नहीं देखी जाती।
जब मैं बनारस चौहान की डील लेकर उर्वशी के पास आया था तब उसने साफ मना कर दिया और कहा कि वह आपको और आपके परिवार को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। आप विधायक नहीं थे लेकिन बनारस में तब भी आपका रूतबा था और सिर्फ इसलिए चौहान इसमें आपको फंसाना चाहता था ताकि खुद बच सके,,,,,,,,,,,,,,,,,,चौहान के खिलाफ कुछ सबूत थे जो आपके बेटे के पास थे और वही लेने मैं आपके घर गया था।
वहा मुझे जो मिला वो देखकर मैं हैरान रह गया। उस लिफाफे में सिर्फ आपके खिलाफ सबूत थे,,,,,,,,,,,,,,,,बाकि सब सबूत वहा से पहले ही गायब हो चुके थे। अनजाने में आप चौहान के जाल में फंस गए और आपको पता भी नहीं चला,,,,,,,,,,,,मैं नहीं चाहता था आप इन सब का शिकार हो इसलिए मैंने वो सबूत मिटा दिए,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“पर तुम्हे ऐसा काहे किया ? अगर सच में हमसे कोनो गलती हुई है तो हम उसे सुधारते,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
यादव मुरारी की तरफ पलटा और कहा,”क्योकि राजनीती में आप जैसे लोगो की जरूरत है विधायक जी,,,,,,,,,,मैं जानता था आपको इन सब में फंसाया जा रहा है इसलिए मैंने ऐसा किया,,,,,,,,,,,लेकिन चौहान के पापों का घडा अब भर चुका है ,, अब तक उसने कितने ही लोगो की जान ली है उसे उसके किये की सजा मिलनी ही चाहिए,,,,,,,,,,!!”
सच सुनकर मुरारी को एक सदमा सा लगा। अब तक वह जिन लोगो पर आँख बंद करके विश्वास कर रहा था उन्ही लोगो ने उसे धोखा दिया। मुरारी को हल्का सा चक्कर आया और वह गिरने को हुआ तो शिवम् ने उसे सम्हाला और बैठाते हुए कहा,”आराम से मुरारी , तुम ठीक हो ना ?”
“यकीं नहीं होता भैया दुनिया में ऐसे लोग भी है,,,,,,,,,,,,,,पर हमे खुद पर गुस्सा आ रहा है साला हम इतने बेवकूफ कैसे हो सकते है कि चौहान के गंदे इरादों को नहीं जान पाए ? और उर्वशी ,, उसकी इन सब में का गलती थी जो उसे भी मार दिया,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
“हमारी माँ की गलती ये थी कि वो अकेली औरत थी जिसे हर किसी ने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया,,,,,,,,,,,!!”,नीलिमा की दर्दभरी आवाज उन तीनो के कानों में पड़ी तो तीनो ने नीलिमा की तरफ देखा
नीलिमा की बात सुनकर शिवम् समझ गया कि ये उर्वशी की वही बेटी है जिसका जिक्र कुछ देर पहले यादव ने किया था। शिवम् नीलिमा के पास आया और कहा,”हम तुम्हारी माँ को तो नहीं बचा पाये लेकिन हम वादा करते है जिन लोगो की वजह से उसकी जान गयी है वो सब सलाखों के पीछे होंगे,,,,,,,,,,,,!!”
नीलिमा ने सुना तो अपना चेहरा अपने हाथो में छुपा फूट फूट कर रोने लगी। यादव ने उसे सम्हाला और अंदर जाने को कहा।
शिवम् मुरारी की तरफ देखने लगा जिसके चेहरे पर ग्लानि और अफ़सोस के भाव थे। वह मुरारी के पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”ज्यादा मत सोचो मुरारी इन सब में तुम्हारी कोई गलती नहीं है,,,,,,,,,,,!!
“हमारी गलती नहीं है भैया पर हम जे सब होने से रोक सकते थे , हम उर्वशी को बचा सकते थे”,कहते कहते मुरारी एकदम से रो पड़ा
जो कुछ हो रहा था उसमे मुरारी खुद को दोषी मान रहा था अगर वह चौहान से दोस्ती ना करता और उसके कहे कहे राजनीती में दोबारा शामिल नहीं होता तो आज उर्वशी ज़िंदा होती और सबके बीच होती।
मुरारी को रोते देखकर शिवम् उसके पास आया और उसे गले लगाकर चुप कराते हुए कहा,”मुन्ना सही कहता था मुरारी जे राजनीती उह दलदल है जिसमे इंसान कभी बाहर नहीं निकल पाता , उर्वशी को तुम नहीं बचा पाए पर चौहान का असलियत सबके सामने लाकर अब भी बहुत कुछ बचाया जा सकता है”
मुरारी ने खुद को सम्हाला और बाजू से अपने आँसू पोछकर कहा,”बहुत खेल लिया उँह लोगो की आड़ में बैठकर अब उसको सामने आना होगा,,,,,,,,,,,,,,यादव जे सब मा और कौन शामिल हमे उसका नाम चाहिए,,,,,,,,,,,,!!”
यादव ने सुना तो मुस्कुरा उठा और मुरारी को “विक्रम अरोड़ा” और “DIG सर” के बारे में बता दिया
मुरारी ने मन ही मन फैसला किया और यादव से कहा,”तुमहू भैया के साथ कबीर को लेकर हॉस्पिटल पहुंचो हम ज़रा इन लोगो से फेस टू फेस मुलाकात करके आते है,,,,,,,,,,,,!!”
“मुरारी लेकिन तुम अकेले,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने चिंतित स्वर में कहा
“भैया विधायक हमहू सिर्फ बनारस में है बनारस के बाहर आज भी हम गुंडे है,,,,,,,,,,,,,,,और गुंडों को ना गुंडों की ही भासा में समझाया जाता है,,,,,,,,,,,,,जे सब हमरी वजह से शुरू हुआ अब जे सब खत्म भी हम ही करेंगे,,,,,,,,,,,,,चलते है “हर हर महादेव”,कहकर मुरारी ने अपने हाथ जोड़े और वहा से चला गया।
शिवम् यादव और नीलिमा के साथ कबीर को लेकर हॉस्पिटल के लिए निकल गया।
DIG सर अपने घर में थे और तैयार होकर जैसे ही घर के हॉल में आये सोफे पर बैठे मुरारी को देखकर हैरानी से कहा,”मुरारी मिश्रा तुम ?”
“का बात है DIG , हमहू तुमसे पहली बार मिल रहे है और तुमको हमरा नाम भी पता है,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने सोफे पर बैठे हुए DIG सर को देखकर कहा
DIG ने सुना तो झेंप गया और कहा,”पहली बार मिल रहे है लेकिन आपके बारे में बहुत सुना है मैंने,,,,,,,,बनारस में विधायक रह चुके हो तुम और वहा बहुत नाम भी है तुम्हरा,,,,,,,,,,,,,!!”
“हमरे बारे में बताने वाला कही चौहान तो नहीं,,,,,,,,!!”,मुरारी ने DIG सर की तरफ देखते हुए कहा
मुरारी के मुंह से चौहान का नाम सुनकर DIG सर घबरा गए लेकिन अपनी घबराहट को चेहरे पर नहीं आने दिया और मुस्कुरा कर कहा,”हाँ हाँ उन्ही से तो सुना है बहुत तारीफ कर रहे थे तुम्हारी,,,,,,,,,,,,,तुम जैसा सच्चा और ईमानदार आदमी राजनीती में नहीं देखा”
मुरारी उठा और कहा,”साला इसलिये तुमने और चौहान ने मिलकर हमको इत्ते बड़े कांड में फंसा दिया,,,,,,,,,,,!!”
“कैसा कांड मुरारी ?”,DIG सर ने धड़कते दिल के साथ कहा
“ड्रग्स और हथियारों की सप्लाई में हमरा नाम कैसे आया ?”,मुरारी ने DIG की कॉलर पकड़कर गुस्से से कहा
“म म मुझे कुछ नहीं पता मुरारी , मैं इस बारे में नहीं जानता,,,,,,,,,,,,!!”,DIG सर ने गिड़गिड़ाते हुए कहा
मुरारी ने बातो में समय बर्बाद ना करके दो तीन घुसे DIG को मारे और उसकी गर्दन पकड़कर नीचे टी टेबल से उसका सर लगाकर कहा,”सुन बे DIG , सच्चे और ईमानदार तो हम है लेकिन हमरे बारे में थोड़ा और जान लेते तो ऐसी गलती ना करते,,,,,,,,,,,,,,,
हमरे प्रजेंट के साथ साथ हमरी हिस्ट्री भी पता कर लेते तो अच्छा रहता,,,,,,,,,,,जो रंगबाजी तुमहू और चौहान जे उम्र मा कर रहे हो उह हमहू 16-17 की उम्र मा करके छोड़ चुके है,,,,,,,,,,,तुम्हरे पास दो ऑप्शन है या तो चौहान के खिलाफ गवाह बन जाओ,,,,,,,,,,,या मरो”
“मैं बताता हूँ , मैं सब बताता हूँ मुरारी,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी के हाथ के नीचे दबे DIG सर ने बिलबिलाते हुए कहा
मुरारी ने उसकी गर्दन को छोड़ा और साइड होकर कहा,”पहिले ही मान जाते तो हमको इतने डायलॉग बेस्ट ना करने पड़ते,,,,,,,,,चलो बको”
DIG सर ने जैसे ही कहना चाहा दरवाजा खुला और किसी के आने की आहट सुनकर दोनों की नजरे उस तरफ चली गयी,,,,,,,,,,,,दरवाजे से अंदर आये शख्स को देखकर DIG सर के होंठो पर मुस्कान तैर गयी और मुरारी के माथे पर शिकन के भाव उभर आये।
Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86
Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86Main Teri Heer – 86
- Continue With Main Teri Heer – 87
- Read Funny Story With Sanjana Kirodiwal – 3
- Follow Me On instagram
संजना किरोड़ीवाल


Yeh Murari pagal hai kya jo akele hee DIG milne chal gaya…aur upar se usko dhamka rha hai…itna bewakoof kaise ho sakta hai Murari aur shivam ne bhi usko Jane diya…aur ab yakeenn DIG k ghar pe chauhan ya Vikram he hoga…fans gaya na Murari… umeed hai ki Munna ya Shakti Murari ko bachaye…
Ye Murari to bawal h akela hi cla gya DIG se milne aaya jo wo Chauhan hi hoga
Kya chouhan aa gya ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
Ya fir koi aur , koi aur to nhi iss bade se khel ka master mind ♥️♥️♥️♥️♥️♥️