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Main Teri Heer – 82

Main Teri Heer – 82

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

ये वंश तुम्हे फोन क्यों कर रहा है ? ये स्क्रीन पर अभी वंश ही था ना,,,,,,,,,,,,,,,,!”,नवीन ने निशि से कहा
“डेड मुझसे ज्यादा तो आप वंश से ऑब्सेस्ड है,,,,,,,,,!!”,निशि ने अपना फोन लेकर कहा


“सही कहा निशि तुम्हारे डेड को आजकल हर जगह वंश ही दिखाई देता है,,,,,,,,!!”,मेघना ने निशि का साथ देते हुए कहा तो बेचारा नवीन उलझन में पड़ गया और सोचने लगा कि उसने सच में स्क्रीन पर वंश का चेहरा देखा था या फिर ये उसके मन का वहम था। नवीन ने मेघना की तरफ देखा और कहा,”अह्ह्ह्ह छोडो ये सब खाने में क्या है ? भूख लगी है,,,,,,,,,,,,!!”
“स्टेशन आने से पहले सारिका जी ने पराठे और सब्जी के साथ , पुलाव रखा था ,, रुको मैं तुम्हे देती हूँ,,,,,,,,,,,,,निशि तुम्हारे लिए भी निकाल दू ?”,मेघना ने कहा


“मैं बाद में खा लुंगी मम्मा आप लोग खाइये”,निशि ने अपने फोन में देखते हुए कहा
“सारिका मैडम कितनी अच्छी है , उन्होंने घर से खाना पैक करवा कर दिया,,,,,,,,,,वो आज भी कितनी डाउन टू अर्थ है,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा


“हाँ मुझे भी वो बहुत अच्छी लगी उनके साथ वक्त बिताया तब पता चला कि सच में कितनी सरल और सहज है उनके साथ कोई भी खुद को छोटा महसूस कर ही नहीं सकता,,,,,,,,,!!”,मेघना ने खाना नवीन की तरफ बढ़ाते हुए कहा और खुद भी खाते हुए नवीन से बाते करने लगी

“ए तुमने मुझे डायरेक्ट विडिओ कॉल क्यों किया ? पता है फोन डेड के पास था,,,,,,,,,,,!”,निशि ने वंश को मैसेज किया
दूसरी तरफ वंश अभी भी सीने पर हाथ रखे खामोश बैठा था और उसका फोन टेबल पर उल्टा पड़ा था। फोन वाइब्रेट हुआ तो वंश ने देखा निशि का मैसेज है उसने मैसेज देखा और जवाब में लिखा,”मुझे क्या पता तुम्हारे डेड तुम्हारे साथ है,,,,,,,,,!!”


निशि ने वंश का जवाब देखा और फोन पर अपना सर पटक कर लिखा,”स्टुपिड मेरे डेड मेरे साथ नहीं होंगे तो कहा होंगे ?”
वंश ने निशि का मैसेज देखा तो खुद पर ही शर्म आयी और उसने लिखा,”हां हां पता है , अच्छा ये बताओ तुम लोग क्या कर रहे हो ?”


“मम्मा और डेड सारिका आंटी के बनाये पराठे और पुलाव खा रहे है और मैं,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने लिखकर भेजा
“और तुम ? तुम नहीं खा रही ?”,वंश ने लिखा
“नहीं मेरा मन नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,एक्चुली मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा”,निशि ने लिखकर भेजा
“मुझे भी,,,,,,,!!”,वंश ने भेजा


“सब साथ में है पर खाली खाली सा लग रहा है”,निशि ने भेजा
“मुझे भी.,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने लिखकर भेजा
“तुम्हारी याद आ रही है,,,,,,,,,,!!”,निशि ने भेजा
इस बार वंश ने मैसेज देखा तो उसका दिल धड़क उठा और उसने लिखकर भेजा,”मुझे भी,,,,,,,,,,,!!”


अब दिल धड़कने की बारी निशि की थी उसने फोन साइड में रख दिया। दूसरी तरफ वंश मैसेज का इंतजार कर रहा था लेकिन जब निशि ने काफी देर तक कुछ नहीं भेजा तो वंश ने लिखकर भेजा,”ए छिपकली ! मैं तुम्हे बस इसलिए मिस कर रहा हूँ क्योकि यहाँ कोई है नहीं जिसे मैं परेशान कर सकू , तुम सपने देखने मत लग जाना,,,,,,,,,,,,!!”


अब वंश ऐसा कुछ कहे और निशि शांत बैठे ऐसा भला कैसे हो सकता है ? उसने जवाब में लिखकर भेजा,”हाँ तो मैं भी तुम्हे इसलिए मैसेज कर रही हूँ क्योकि अभी अभी ट्रेन जिस स्टेशन से गुजरी है उसका नाम “चिरकुट” था”
वंश ने निशि का जवाब देखा तो मुस्कुराने लगा और लिखकर भेजा,”वैसे ये चिरकुट और छिपकली की जोड़ी अच्छी है”


निशि ने मैसेज देखा और मुस्कुराकर सामने देखा तो पाया नवीन की आँखे चश्मे के अंदर से उसे ही झांक रही है। निशि की मुस्कुराहट तुरंत गायब हो गयी और  दूसरी तरफ देखने लगी।

वंश को मुस्कुराते देखकर मुरारी ने शिवम् से कहा,”भैया जे वंश को कुछो हुआ है का ?”
“काहे ?”,शिवम् ने खाना खाते हुए कहा
“अकेला बैठा फोन में देखकर मुस्कुरा रहा है , जैसे कौनो कटरीना कैफ निकल के बाहर आएगी,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा


“उसे छोडो और खाना खाओ उसके बाद हमे तुम से कुछ बात करनी है,,,,,,,,,,जरुरी बात,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने आखरी दो शब्द पर जोर देते हुए कहा
बेचारा मुरारी समझ गया कि अब थोड़ी देर बाद उसकी क्लास लगने वाली है।
खाना खाने के बाद अधिराज जी , बाबा , अम्बिका और आई चारो साथ में रिसोर्ट में टहलने निकल गए।  सारिका , अनु और राधिका गार्डन में बने सिटिंग एरिया में आ बैठे। शिवम् ने देखा वंश फोन पर किसी से बाते करते हुए वही पास में घूम रहा था।

 शिवम् मुरारी को लेकर साइड में आया और कहा,”क्या चल रहा है मुरारी ?”
“क्या चल रहा है भैया ? मुन्ना गौरी की सगाई हो चुकी है आप और हम ससुर बनने वाले है , जीवन में मंगल ही मंगल है”,मुरारी ने खुश होकर कहा
मुरारी की बात सुनकर शिवम् एकटक उसे घूरने लगा और कहा,”मुरारी हम इस बारे में नहीं पूछ रहे , हमे ये बताओ कि रिसोर्ट आने से पहले तुम कहा गए थे ?”


मुरारी ने सुना तो मन ही मन उलझन में पड़ गया ,, वह समझ नहीं पा रहा था कि शिवम् को सब बताये या नहीं,,,,,,,,,,,खुद से काफी देर तक उलझने के बाद मुरारी ने शिवम को सब बता दिया। शिवम् ने ध्यान से सब सुना और धीमी आवाज में लेकिन थोड़ा गुस्से से कहा,”हमने कहा था तुमसे मुरारी उस चौहान से दूर रहो लेकिन तुमने हमारी बात नहीं सुनी,,,,,,,,,,,,बिना सोचे समझे तुम किसी की भी मदद करने पहुँच जाते हो , तुम क्या मदर टेरेसा हो ? तुम जानते भी हो तुमने खुद को कितनी बड़ी मुसीबत में डाला है,,,,,,,,,,!!”


“भैया हम जानते है चौहान पर भरोसा करके हमहू गलती किये है पर जे सब मा उह लौंडे की का गलती है ? उह आज खामखा मारा जाता,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“तुम्हारा रिश्तेदार है वो ? मुरारी तुम समझते क्यों नहीं मुसीबत तुम्हारे पास नहीं आती है बल्कि तुम खुद मुसीबत के पास जाते हो,,,,,,,,,,,,,,जब तुम राजनीती छोड़ चुके हो तो बार बार इन चक्करो में क्यों पड़ जाते हो ? और उर्वशी वो औरत हमे पहले दिन से गड़बड़ लग रही थी लेकिन तुमहू ठहरे रंगबाज हरकतो से बाज थोड़े आओगे,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने मुरारी को लताड़ते हुए कहा


“आप ही बता दीजिये अब का करे हम ?”,मुरारी ने मिमियाते हुए कहा
“कुछो नहीं करना है तुमको चुपचाप अपना सामान लो और कल सुबह हमारे साथ बनारस चलो , वही चलकर तुम्हारी अकल ठिकाने लगाएंगे,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा और वहा से चला गया
बेचारा मुरारी उसका तो चेहरा ही उतर गया और वह बड़बड़ाया,”गजब जिंदगी है साला ससुर बनने वाले है फिर भी सबकी डाट सुन रहे है,,,,,,,,,,,,!!”

वंश फोन पर अपने किसी दोस्त से बात कर रहा था और कुछ देर बाद सारिका के पास चला आया। सारिका ने वंश को देखा , यहाँ आते समय वंश जितना उदास था , अब उतना ही खुश और फ्रेश नजर आ रहा था। सारिका को अपनी तरफ देखते पाकर वंश ने कहा,”माँ कल सुबह आप बनारस वापस जा रही है आपको नहीं लगता आपको पापा के साथ एक अच्छी वाक पर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,!!”


“गुड आइडिआ वंश , दी वो रहे जीजू जाईये जीजू के साथ थोड़ा वक्त बिताइए,,,,,,,,!!”,अनु ने कहा
सारिका उठी और शिवम् की तरफ चली गयी। वंश ने अनु की तरफ देखा और कहा,”और मौसीजी आप , आपको मुरारी चाचा पर गुस्सा नहीं आ रहा,,,,,,,,,,,,मैं अगर उनकी वाइफ होता ना तो अब तक उनके बाल नोच चुका होता,,,,,,,,,,,,,,,लगता है आपके अंदर की एंग्री वुमन अब ठंडी हो गयी”


वंश को आग लगानी थी और वह लगा चुका था। अनु जिस बात को भूल चुकी थी वंश ने उसे याद दिलाया और उसके गुस्से को भी बढ़ा दिया। अनु मुरारी की तरफ चली गयी।  

वंश ने देखा उसकी राधिका भुआ अब अकेली हो गयी है तो वंश कुर्सी पर आ बैठा। राधिका ने वंश को देखा और कहा,”ये तुमने अच्छा नहीं किया वंश , अनु भाभी पहले ही मुरारी भैया से गुस्सा है और तुमने उनका गुस्सा और बढ़ा दिया,,,,,,,,,,,!!”


“अरे आपके मुरारी भैया कम नहीं है ,  इस उम्र में रंगबाजी करेंगे तो यही होगा,,,,,,,,,,,,,,वैसे राधू भुआ आपको एक बात बताऊ मैंने माँ को पापा के साथ वाक पर भेजा क्योकि उनका प्यार बहुत शांत , सरल और सहज है लेकिन अनु मौसी और मुरारी चाचा के तो गुस्से में ही प्यार है ,, जब तक ये दोनों एक दूसरे से गुस्सा ना हो , जब तक एक रूठे दुसरा ना मनाये तब तक इनका प्यार कहा दिखता है,,,,,,,,,,,!!”


राधिका ने सुना तो मुस्कुराई और कहा,”क्या बात है वंश तुम कब से ऐसी बाते करने लगे ? ये प्यार मोहब्बत वाली हम्म्म्म मुन्ना की सगाई में तुम्हे भी कोई पसंद आ गयी क्या ? बताओ बताओ मुझसे छुपाओगे क्या ? मैं तुम्हारी भुआ बाद में दोस्त पहले हूँ चलो बताओ कौन है वो ?”
वंश ने सुना तो शरमा गया और कहा,”क्या भुआ आप भी , ऐसा कुछ नहीं है,,,,,,,,,,,,!!”


“अच्छा तो फिर अभी थोड़ी देर पहले अकेले में बैठे फोन में देखकर मुस्कुरा क्यों रहे थे ?”,राधिका ने कहा तो वंश ख़ामोशी से उसे देखने लगा और कुछ देर बाद कहा,”हाह कुछ भी मैं अपने लिए कॉफी लेने जा रहा हूँ आप लेंगी,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ बिल्कुल,,,,,,,,,!!”,राधिका ने कहा और अपने पति का नंबर डॉयल किया ताकि उनकी तबियत के बारे में पता कर सके।

शक्ति काशी और अंजलि के साथ डिनर पर जाने के लिए तैयार था उसने काशी और अंजलि से गाड़ी में बैठने को कहा और अपना फोन निकालकर मोहसिन का नंबर डॉयल किया लेकिन रिंग जाने के बाद भी मोहसिन ने फोन नहीं उठाया। कही व्यस्त होगा सोचकर शक्ति ने फोन जेब में रखा और गाड़ी में आ बैठा और काशी अंजलि के साथ वहा से निकल गया।

इत्तेफाक से शक्ति उसी रिसोर्ट में चला आया जिसमे DIG , चौहान और विक्रम आये हुए थे लेकिन वे लोग रिसोर्ट के मीटिंग रूम में थे और शक्ति उसी रिसोर्ट में ऊपर बने रेस्त्रो में आया था जहा का खाना काशी को बहुत पसंद था। शक्ति और शक्ति एक सोफे पर आ बैठे और अंजलि उनके सामने पड़े सोफे पर बैठ गयी। कुछ देर बाद काशी का फोन बजा उसने देखा फोन वंश का है तो उसने उठाया और कहा,”हाँ वंश भैया,,,,,,,,,,,,!!”
“तुम लोग घर कब तक आओगे ?”,वंश ने पूछा


काशी ने शक्ति की तरफ देखा तो शक्ति ने फोन देने का इशारा किया और फ़ोन कान से लगाकर कहा,”हम तुम्हे लोकेशन भेज रहे है , यहाँ आ जाओ,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म ठीक है,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा और फोन काट दिया हालाँकि शक्ति के साथ उसका रिलेशन इतना अच्छा तो नहीं था लेकिन यहाँ घरवालों के साथ रहकर वंश अब और बोर होना नहीं चाहता था। शक्ति ने वंश को लोकेशन भेजा और फिर अंजलि काशी के लिए जूस आर्डर कर दिया ताकि वंश के आने तक कुछ काम चल जाये।

अन्धेरा होना लगा था और मुन्ना को वापस लौटना था इसलिए दोनों गाड़ी के पास चले आये। आसमान में चाँद चमक रहा था और गाड़ी के बोनट के पास खड़े गौरी और मुन्ना उसे प्यारभरी नजरो से देख रहे थे। गौरी के बगल में खड़ा मुन्ना आज खुश था और उसका मन बहुत शांत था। गौरी ने मुन्ना की तरफ देखा और प्यार से कहा,”थैंक्यू मान मुझे इतना खूबसूरत वक्त देने के लिए”
“तुम्हारा थैंक्यू काफी सूखा सूखा है,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा


गौरी मुस्कुराई और मुन्ना के गाल को अपने होंठो से छूकर कहा,” थैंक्यू मेरे होने वाले पतिदेव”
मुन्ना मुस्कुराया और अपना दुसरा गाल आगे कर दिया। गौरी ने मुस्कुराते हुए दूसरे गाल पर भी किस कर दिया।  
मुन्ना ने गौरी की तरफ देखा आज गौरी मुन्ना के मन का हाल समझ गयी और शरमा कर जैसे ही जाने लगी मुन्ना ने उसकी कलाई पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया। मुन्ना के करीब आकर गौरी का दिल धड़कने लगा , मुन्ना क्या करने वाला है गौरी नहीं जानती थी लेकिन एक खूबसूरत अहसास उसके मन को छूकर गुजर रहा था।

मुन्ना ने गौरी की आँखों में बेचैनी और चेहरे पर रंगत देखी तो मन ही मन मुस्कुरा उठा उसने गौरी के चेहरे को अपने हाथो में लिया और जैसे ही गौरी के करीब आया गौरी ने शरमा कर अपनी आँखे मूंद ली
मुन्ना ने गौरी के ललाट को छुआ और कहा,”हम हमेशा तुम्हे ऐसे ही प्यार करेंगे गौरी,,,,,,,,,,,!!”
गौरी ने सुना तो मुन्ना के गले आ लगी , एक सुकूनभरा अहसास मुन्ना को हो रहा था,,,,,,,,,,,,,,,,!!

कुछ देर बाद दोनों गाड़ी में आ बैठे और वहा से निकल गए। घंटेभर बाद दोनों शहर के अंदर थे। रात हो चुकी थी गौरी के कहने पर मुन्ना उसे उसके पसंदीदा रेस्त्रो ले आया। गाड़ी पार्किंग में लगाकर दोनों ऊपर चले आये और यहाँ मिला उन्हें सरप्राइज काशी , शक्ति और अंजलि के रूप में,,,,,,,,,,!!
अंजलि ने जैसे ही मुन्ना और गौरी को वहा देखा खुश होकर कहा,”मुन्ना भैया और गौरी भाभी”


शक्ति और काशी ने पलटकर देखा , मुन्ना और गौरी को वहा देखकर दोनो खुश हो गए। शक्ति ने उन्हें साथ में बैठने को कहा और दोनों उनके साथ आकर बैठ गए। शक्ति ने गौरी और मुन्ना के लिए भी जूस आर्डर कर दिया।
“खाना आर्डर करे ?”,गौरी ने कहा
“बस वंश आ जाये,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“वाओ वंश भी आ रहा है , काशी ये तो फॅमिली डिनर हो गया,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने खुश होकर कहा


“एक फॅमिली डिनर ऑलरेडी चल रहा है मम्मी पापा का,,,,,,,,,,!!”,काशी ने हँसते हुए कहा
“क्या ? तो फिर हम लोग वहा क्यों नहीं गए ? सब साथ होते तो ज्यादा मजा आता,,,,,,,,!”,गौरी ने कहा
“गौरी वो सब अपने अपने पार्टनर के साथ है , उनके बीच हम लोग जाकर क्या करते ?”,काशी ने कहा
शक्ति और मुन्ना बस एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे क्योकि काशी और गौरी आपस में ही इतनी सारी बाते किये जा रही थी।


कुछ देर बाद वंश चला आया और सबके साथ आकर बैठ गया। जगह के हिसाब से वंश को शक्ति के बगल में बैठना पड़ा जो कि वह बिल्कुल भी नहीं चाहता था

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संजना किरोड़ीवाल 

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