Main Teri Heer – 81
Main Teri Heer – 81

कबीर ने उस तरफ देखा और अगले ही पल बेहोशी की वजह से उसकी आँखे बंद हो गयी। शटर के पास खड़े आदमी को खामोश देखकर उन दोनों आदमियों में से एक ने कहा,”कौन है बे तू ?”
जिस आदमी ने शटर खोला था उसी ने शटर को वापस नीचे किया और दोनों आदमियों की तरफ आया। जैसे जैसे वह करीब आ रहा था उसका चेहरा कुछ कुछ दिखाई दे रहा था।
आदमी दोनों आदमियों के सामने आया और कहा,”हम कौन है जे जानने से पहिले इह जान लो के हम चीज का है ?”
आदमी कुछ समझते इस से पहले ही मुरारी ने उन्हें पीटना शुरू किया। मुरारी का इस जगह पर आना हैरानी भरा तो था ही लेकिन कबीर के लिए किसी चमकत्कार से कम नहीं था। उसने उन दोनों आदमियों को बुरी तरह से पीटा और कबीर के पास आकर उसे देखने लगा।
मुरारी ने कबीर का गाल थपथपाते हुए कहा,”ए बबुआ तुमहू ठीक हो ? कही निपट तो नहीं गया,,,,,,,,,,,!!”
मुरारी ने कबीर की नब्ज चेक करते हुए कहा और राहत भरे भाव उसके चेहरे पर आये। कबीर की नब्ज चल रही थी वह जिन्दा था बस बेहोश हुआ था।
शटर खुला और उसमे से 2-3 आदमी अंदर आये। उन्हें देखते ही मुरारी ने कहा,”का हो यादव ? तुमहू तो चौहान साहब के खासमखास थे साला तुमहू कब से उनका जूता छिलने लगे ?”
“मुझे भी यही लगता था विधायक जी लेकिन बेईमान आदमी सबसे पहले अपने ही खास को आम बनाता है। अगर मुझे पता होता चौहान इतना घटिया और धोखेबाज आदमी है तो मैं कभी उनके लिए काम नहीं करता,,,,,,,,,,,,,,कबीर को बचाकर आपने मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है।”,यादव जी ने कहा
यादव ने अपने साथ आये आदमियों से कबीर को हॉस्पिटल पहुँचाने को कहा और खुद मुरारी के पास चला आया।
“हमको एक ठो बात बताओ यादव जे मेटर का है ? और ससुरा चौहान काहे जे लौंडे के पीछे पड़ा है ?”,मुरारी ने कहा जिसे अब तक कुछ भी नहीं पता था
यादव जी ने मुरारी को चौहान साहब के गैर क़ानूनी कामो से लेकर उर्वशी के बनारस आने की असल वजह के बारे में मुरारी को बताया तो मुरारी को एक धक्का लगा।
वह अपना सर पकड़कर बैठ गया उसे यकीन ही नहीं हुआ कि जिस चौहान साहब को वह इतना अच्छा समझता था वह इतना बड़ा धोखेबाज हैं और उर्वशी के बारे में सुनकर तो मुरारी का दिल ही टूट गया क्योकि कही न कही थोड़ा अटेचमेंट तो उसे था ही उर्वशी से
मुरारी को सर पकडे देखकर यादव ने कहा,”मेरी आँखों के सामने इतना सब गलत हो रहा था लेकिन मैं चुप था क्योकि अब तक मैं चौहान के लिए काम कर रहा था लेकिन जब उसने कहा “उर्वशी को मरवा दो” तब मुझे ये अहसास हुआ कि वो कितना स्वार्थी इंसान है।
आज खुद को बचाने के लिए अगर वो उर्वशी को मरवा सकता है तो कल मुझे भी उसके लिए क़ुरबानी देनी पड़ सकती है और ये मैं हरगिज नहीं करूंगा,,,,,,,,,,,,,,उसके गुनाहो की सजा किसी बेकसूर को मिले ये मैं हरगिज नहीं होने दूंगा,,,,,,,,,,,,,!!”
“जे चौहान तो हमरी सोच से भी चार कदम आगे निकला,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने खोये हुए स्वर में कहा
“हाँ विधायक जी ! उर्वशी को भी उसी ने बनारस बुलाया था जिस से वह आपसे नजदीकियां बढ़ा सके और आपके घर में घुस सके,,,,,,,,,,,कुछ सबूत थे जो चौहान के खिलाफ है और उसी के लिए उसने ऐसा किया , ताकि अपने गलत कामो के लिए वह आपको जिम्मेदार ठहरा सके और उसमे आपको फंसा सके,,,,,,,,!!”,यादव जी ने कहा
मुरारी को धीरे धीरे अब सब समझ आ रहा था , उर्वशी का उस से बार बार मिलना , उस से दोस्ती बढ़ाना ये सब क्यों था मुरारी को अब पता चला ?
साथ ही उसे खुद के लिए बुरा भी लग रहा था लेकिन मुरारी को अब भी समझ नहीं आया कि उसके घर में चौहान के खिलाफ सबूत कैसे मिल सकते है ? चौहान तो कभी मुरारी के घर आया ही नहीं
मुरारी को सोच में डूबा देखकर यादव ने कहा,”मुझे अब निकलना होगा विधायक जी , अगर चौहान को पता चला मैं यहा हूँ तो फिर से वो कोई नयी चाल चलेगा लेकिन इस बार मैं उसे उसके इरादों में कामयाब होने नहीं दे सकता,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ठीक है ध्यान रखना और कुछो जरूरत हो तो हमे फोन करना,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा और यादव के साथ खुद भी वहा से निकल गया
दोनों गाड़िया रिसोर्ट पहुँच चुकी थी लेकिन पिछले एक घंटे से मुरारी नरारद था। रास्ते में ही मुरारी को एक जरुरी फोन आया और उसने वंश से सबको लेकर जाने को कहा और खुद बिना किसी को कुछ बताये वहा से चला गया।
“अनु , मुरारी को फोन करके पूछो कहा है वो ? बिना किसी को बताये ऐसे अचानक कहा चला गया वो ?”,शिवम् ने अनु से कहा
“जीजू मैंने उन्हें बहुत फोन किये लेकिन उनका फोन आउट ऑफ रीच जा रहा है,,,,,,,,,,,,,उन्हें किसी का फोन आया था और वो चले गए,,,,,,,,!!”,अनु ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“का बात है शिवा ? मुरारी कहा रह गया ?”,बाबा ने आकर शिवम् से पूछा तो शिवम् ने कहा,”रस्ते में है बाबा बस आता ही होगा , आईये हम सब चलकर बैठते है,,,,,,!!”
सभी चले गए बस अनु और वंश वहा खड़े थे। वंश ने अनु को परेशान देखकर कहा,”अनु मौसी आप चलकर सबको ज्वाइन कीजिये मैं मुरारी चाचा को देखकर आता हूँ।”
वंश के कहने पर अनु चली गयी। वंश ने मुरारी का नंबर डॉयल किया लेकिन नंबर आउट ऑफ रीच ही आ रहा था। मुरारी की किस्मत कहे या विडंबना जिस रिसोर्ट में शिवम् सबके साथ आया था वह JD मॉल से बस एक किलोमीटर की दूरी पर ही था। वंश रिसोर्ट के गेट की तरफ जाने लगा तो सामने से उसे मुरारी आता दिखाई दिया। वंश मुरारी के पास आया और कहा,”कहा चले गए थे आप और आपका फोन कहा है ? पता है सब आपको लेकर कितना परेशान हो रहे थे ,,,,,,,,,!!”
“वो हम किसी जरुरी काम से गए थे,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने वंश के साथ चलते हुए कहा
“कौनसा काम ?”,वंश ने तपाक से पूछा
मुरारी ने वंश को घूरकर देखा और कहा,”बेटा अभी तुमहू इतने बड़े नाही हुए कि तुम्हे हर बात बताये,,,,,,,,,आगे बढ़ो,,,,,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो झेंप गया और मुरारी के साथ चलते हुए कहा,”वैसे पापा बहुत भड़क रहे थे आपके नाम से और आज तो माँ भी कह रही थी कि आप थोड़े लापरवाह जो गए हो , रही सही कसर आई ने पूरी कर दी ये कहकर कि हो सकता है आप अपनी किसी पुरानी पासवर्ड से,,,,,,,,,,,,,,!!”
वंश ने इतना ही कहा कि मुरारी ने फिर उसे घुरा तो वंश ने चिढ़ते हुए कहा,”अरे तो मैं थोड़े कह रहा हूँ आई कह रही थी ,, फिर आई ने ऐसा कहा तो नानाजी ने भी सहमति जता दी , बस अनु मौसी ने ज्यादा कुछ नहीं कहा,,,,,,,,,,,,!!”
मुरारी ने सुना तो हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”जे तो हम जानते ही थे सब हमरे बारे में कुछ न कुछ बोलेंगे लेकिन हमरी मैगी हमरे बारे में कुछ नाही कहेगी,,,,,,,,,,!!”
लेकिन वंश ने मुरारी की इस मुस्कान को ज्यादा देर तक रहने नहीं दिया और कहा,”उन्होंने बस कहा कि आज या तो आप घर जायेंगे या आपकी लाश,,,,,,,,,!!”
“मतलब हमायी चिता सजा के आये हो तुमहू , उह भी पुरे बंदोबस्त के साथ,,,,,,,,तो फिर अकेले काहे आये 3 लौंडे और ले आते अपने साथ लगे हाथ कंधा भी दे देते हमका”,मुरारी ने भड़कते हुए कहा
वंश को बड़ा मजा आ रहा था उसने देखा वह और मुरारी बात करते हुए टेबल के पास पहुँच चुके है तो वह साइड में चला गया और मुरारी गुस्से में भुनभुनाते हुए आई की कुर्सी से जा टकराया।
“अरे अरे मुरारी , आई हमरी गोद में बैठ जाओ,,,,,,,,,,,,!!”,आई ने बड़े प्यार से कहा
मुरारी की तंद्रा टूटी तो उसने देखा वह सबके सामने खड़ा है , घबराहट में बेचारे ने हाथ जोड़कर सबसे कहा,”हर हर महादेव”
“हर हर महादेव मुरारी,,,,,आओ बैठो”,शिवम् ने बहुत ही शांत स्वर में कहा लेकिन मुरारी समझ गया शिवम् अभी जितना शांत दिख रहा है बाद में उतनी ही जोर से फटेगा भी,,,,,,,,,,,,,,!!
मुरारी चुपचाप शिवम् के बगल में आकर बैठ गया। वेटर ने सबके लिए खाना परोसा। आई ने देखा सब है लेकिन वंश नहीं तो उन्होंने कहा,”अरे जे वंश्वा कहा है ?”
“वो वहा अकेले बैठा है उसने कहा वो वहा बैठकर खायेगा”,अनु ने कहा
“लेकिन वो अकेला क्यों बैठा है ? उसे यहाँ सबके साथ बैठना चाहिए,,,,,,,,,,,,,!!”,अधिराज जी ने कहा
“आप सब बुड्ढ़ो के साथ बैठकर वो बेचारा करेगा भी क्या ?”,मुरारी धीरे से बड़बड़ाया
“16 के तो तुम भी नहीं रहे मुरारी,,,,,,,,,,,!!”,जवाब में शिवम् ने कहा तो मुरारी झेंप गया और दूसरी तरफ देखने लगा
“आज वो मुन्ना को बहुत मिस कर रहा है,,,,,,,,,,,मुन्ना यहाँ नहीं है ना इसलिए और फिर काशी और अंजलि भी तो नहीं है,,,,,,,वरना उसे इतना अकेला महसूस नहीं होता,,,,,,,,,आजकल की जेनेरेशन के बच्चो की यही तो प्रॉब्लम है पापा वो हर किसी के साथ वाइब करना पसंद ही नहीं करते”,अनु ने कहा
अधिराज जी ने सहमति में सर हिला दिया लेकिन सारिका वंश की माँ थी वह समझ गयी वंश क्यों उदास है ? जब से वंश इंदौर आया था सारिका ने उसे सबसे ज्यादा निशि के साथ वक्त बिताते देखा था और आज निशि मुंबई चली गयी तो वंश अकेला हो गया।
“सरु ! हमने वेटर से कह दिया है वो वंश के लिए वहा सर्व कर देगा आप लोग खाइये,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने सारिका को देखकर कहा
सभी हँसते बाते करते हुए खाना खाने लगे। मुरारी हैरान था कि किसी ने अभी तक उस से कुछ कहा क्यों नहीं ?
आई ने मुरारी को हैरान परेशान देखा तो कहा,”अच्छे से खाओ मुरारी , तुमहू उह कहावत तो सुने ही होगे कि बकरे को हलाल करने से पहिले खूब खिलाया पिलाया जाता है,,,,,,,,,,तुमहू भी खाओ”
निवाला मुरारी के हाथ में ही रह गया और उसे अपनी आँखों के सामने नजर आने लगी अपनी मौत , वह बकरे की तरह रस्सी से बंधा था और उसके बगल में तलवार हाथ में लिए खड़ा था शिवम्,,,,,,,,,,,,,,,मुरारी ने डरे हुए चेहरे के साथ जैसे ही शिवम् को देखा शिवम् ने कहा,”का हुआ खाओ,,,,,,,,,,,,!!”
मुरारी ने रोआँसा होकर आई को देखा तो आई ने मुरारी को देखकर एक बड़ी सी स्माइल दी लेकिन मुरारी उस स्माइल के पीछे का राज बखूबी जानता था।
साइड में बैठे वंश ने जेब से अपना फोन निकाला और देखा उस पर निशि का कोई मैसेज नहीं था। वेटर ने आकर वंश से खाना सर्व करने के लिए पूछा तो वंश ने कहा,”मुझे बस एक मोजितो चाहिए”
“ठीक है सर”,कहकर वेटर वहा से चला गया। वंश एक बार फिर अपना फोन देखने लगा और बड़बड़ाया,”मैंने उस छिपकली से कहा कि मैं उसे लाइक करता हूँ। क्या मैंने कुछ गलत बोला ? नहीं , तो फिर उसने अभी तक मुझे मैसेज क्यों नहीं किया ?
और तो और वो मेरे बिना इतने आराम से मुंबई कैसे जा सकती है ? क्या मुझे उसे मैसेज करना चाहिए ? अह्ह्ह्ह नहीं मैं सामने से मैसेज करूंगा तो चीप लगेगा लेकिन मैं इंतजार भी तो नहीं कर सकता ना,,,,,,,,,,,,,,,और ये क्या बात हुई जब उसका दिल करेगा तब वो मैसेज करेगी,,,,,,,,,,,,,उसे पता होना चाहिए यहाँ अकेले मैं कितना बोर हो रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,!!”
वंश ने एक एक गहरी साँस ली और खुद से कहा,”वंश गुप्ता , अपने मेल ईगो को रखो साइड में और निशि को मैसेज करो,,,,,,,,,,,अब जब तुमने उसे बोल ही दिया है कि तुम उसे पसंद करते हो तो तुम्हे उसके लिए एफर्ट्स करने होंगे,,,,,,,,,,,,लेकिन मैं उसे मैसेज नहीं करूंगा सीधा उसे कॉल ही करूंगा,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह मैं उसे विडिओ कॉल करूंगा , मुझे देखना है मेरे बिना वो कितना खुश है,,,,,,,,,,!!”
वंश ने निशि को विडिओ कॉल लगा दिया। वंश मुस्कुराते हुए निशि के कॉल रिसीव करने का इंतजार कर रहा था। जैसे जैसे रिंग जा रही थी उसका दिल धड़क रहा था। कुछ देर बाद ही कॉल रिसीव हुआ और वंश ने जैसे ही खुश होकर स्क्रीन देखा उसके हाथ से फोन गिरते गिरते बचा और उसने अपना फोन उल्टा करके टेबल पर रख दिया। वंश ने अपना हाथ अपने सीने पर रखा और अपनी बढ़ती धड़कनो को सामान्य करने की कोशिश करने लगा क्योकि स्क्रीन पर उसे निशि का चेहरा नहीं बल्कि नवीन चेहरा देखने को मिला था,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
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संजना किरोड़ीवाल


Yadav ji aur Murari….inke baare m to bilkul socha nhi tha ki yeh dono Kabir jo bachayenge…khar kabir to aaj bach gaya….lakin Murari ko Chauhan ji ki asliyat pta chal kar shok laga hai…jinko wo saaf aadmi matna tha…wo to ussi ko fasane ko nikle the….aur Urvashi wo bhi inn sab m shamil thi ..yeh Murari k liye jhatka hai…lakin Munna ne Murari ko bacha liya… Murari yaha to bach gaya, lakin usko Shivam aur Anu se kon bachayega
Wow ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Murari , tumne to kamal hi kr diya ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Aur bechara vansh sach me uske sath to bura hi hota hai ❤️🧡🧡🧡🧡🧡
Superb ❤️🧡🧡🧡🧡
Part ❤️🧡🧡🧡🧡🧡🧡
😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁