Main Teri Heer – 89

Main Teri Heer – 89

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

मुन्ना ने डॉक्टर से बात की और उर्वशी के पार्थिव शरीर को लेकर बाहर एम्बुलेंस के पास चला आया। वार्ड बॉय ने उर्वशी की बॉडी को एम्बुलेंस में लेटा दिया। यादव और नीलिमा की आँखों में आँसू थे तो वही शिवम् का मन भारी था।

मुन्ना के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे उसके जहन में बस चल रहा था शक्ति का दिया धोखा , जो सच अब तक शक्ति ने मुन्ना से छुपाया वह मुन्ना को अब किसी धोखे से कम नहीं लग रहा था। मुन्ना ने यादव और नीलिमा से एम्बुलेंस में बैठने को कहा और शिवम् से अपने साथ चलने को,,,,,,,,,,,,!!


“मुन्ना ! तुम्हे नहीं लगता इस अंतिम समय में मुरारी को हमारे साथ होना चाहिए,,,,,,,,,?”,शिवम् ने मुन्ना के कंधे पर हाथ रखकर कहा
मुन्ना समझ गया शिवम् क्या कहना चाहता है ? उसने हामी में गर्दन हिलाई और शिवम् से बाकि सबके साथ चलने को कहकर खुद अपनी बाइक लेकर चला गया। मुन्ना जानता था मुरारी इस वक्त उसे कहा मिलेगा इसलिए बिना देर किये वह पुलिस स्टेशन निकल गया।

शक्ति मुरारी के साथ , विक्रम और DIG सर को लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचा जहा पहले से बड़े अफसरों की मीटिंग थी। शक्ति ने DIG से वादा किया था कि वह उसे इन सब से निकाल लेगा लेकिन पहली बार शक्ति ने बेईमान लोगो के साथ बेईमानी की और पुलिस स्टेशन आते ही सबसे पहले मीटिंग रूम में DIG सर को रिमांड पर लिया। सबको अपने खिलाफ देखकर DIG ने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया और फिर शक्ति के पास उसके खिलाफ सबूत भी थे।

विक्रम को रिमांड पर लेने की जरूरत महसूस नहीं हुई क्योकि सारे सबूत पहले से उसके खिलाफ थे उस पर आसिफ का क़त्ल करना और अपने ही बेटे को मारने की कोशिश करने के जुर्म में उस पर कई चार्जेज लगे। अब बारी थी मुरारी की , कॉन्स्टेबल जैसे ही मुरारी को लेकर मीटिंग रूम की तरफ जाने लगा शक्ति ने उसे रोका और जाने को कहा।

वह मुरारी के सामने आया और कहने लगा,”हम जानते है इस वक्त आप किसी भावना से गुजर रहे है , हम ये भी जानते है कि आप बेकसूर है और आपको इन सब में फंसाया गया है लेकिन कानून ऐसी बातो पर विश्वास नहीं करता। अंदर जो लोग बैठे है वो सब बड़े अफसर है और इस केस से जुड़े है , वे लोग बस आपसे कुछ सवाल जवाब करेंगे,,,,,,,,,,,,हमे माफ़ कर दीजिये हम आपके लिए कुछ नहीं कर पा रहे है।”

शक्ति का उतरा हुआ चेहरा देखकर मुरारी मुस्कुराया और शक्ति के कंधे पर हाथ रखकर कहा,”का शक्ति ? तुमहू इंस्पेक्टर होकर इमोशनल हो रहे हो,,,,,,,,,,,,,,पुलिस की नौकरी में जे इमोशनल शब्द जचता ही है। कानून सबके लिए बरोबर है फिर चाहे सामने तुम्हरा कौनो रिश्तेदार ही क्यों ना खड़ा हो ?

तुमने अपना फर्ज निभाया है शक्ति और जे बख्त हमरा तुम्हरा रिश्ता दामाद ससुर का नाही बल्कि पुलिस और मुजरिम का है तो इतना सब ना सोचो,,,,,,,,,,,,हमको गर्व है कि काशी ने जीवनसाथी के रूप में तुमको चुना,,,,,,,,,,अब हमहू अंदर जाए”
शक्ति ने सुना तो उसके चेहरे से परेशानी के कुछ भाव कम हुए और उसने कहा,”आईये मैं आपको लेकर चलता हूँ”


शक्ति पुरे सम्मान के साथ मुरारी को मीटिंग रूम में लेकर गया और वहा शुरू हुआ मुरारी से सवाल जवाब का सिलसिला जहा शक्ति ने पहली बार मुरारी को इतना विनम्र और शांत देखा।

“दी ये सब लोग कहा चले गए ?  ना जीजू कही नजर आ रहे है , ना मुरारी और तो और मुन्ना भी घर में नहीं है,,,,,,,,,,,,,,आज तो हम लोग बनारस जाने वाले थे फिर ये लोग सुबह सुबह कहा चले गए ?”,अनु ने सारिका से कहा
“शिवम् जी ने कहा वे किसी जरुरी काम से बाहर जा रहे है और मुरारी भैया भी उनके साथ ही गए है। मुन्ना हो सकता है गौरी से मिलने चला गया हो,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा जिसे खुद नहीं पता था ये तीनो कहा है


“गौरी से मिलने ? गौरी तो खुद यहाँ आ रही है,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने सामने दरवाजे से अंदर आती गौरी को देखते हुए कहा
सारिका ने गौरी को देखा तो उसके चेहरे पर चिंता के भाव उभर आये। वह अनु से आगे कुछ कहती इस से पहले गौरी उन दोनों की तरफ आयी और दोनों के पैर छुए।
गौरी को आशीर्वाद देकर सारिका ने प्यार से उसके गाल को छुआ और कहा,”मुन्ना भी तुम्हारे साथ आया है ?”


“नहीं मैं तो अकेले आयी हूँ,,,,,,,,,,,,वैसे मान है कहा मैंने उसे कितने फोन किये उसने मेरा फोन ही नहीं उठाया,,,,,,,,और वंश कहा है ?”,गौरी ने इधर उधर देखते हुए कहा
गौरी की बात सुनकर अनु और सारिका ने एक दूसरे को देखा तभी काशी अंजलि के साथ वहा आयी और कहा,”वंश भैया तो आज सुबह ही मुंबई के लिए निकल,,,,,,,,,,,,तुम सबको बाय बोलने आयी हो ?”


“हाँ , मम्मा और जय भी आ रहे है। मम्मा जाने से पहले सबसे मिलना चाहती है,,,,,!!”,गौरी ने ख़ुशी भरे स्वर ने कहा
“वो सबसे खुद मिल लेगी तुम मेरे साथ आओ,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए काशी गौरी को अपने साथ लेकर चली गयी। सारिका और अनु को अब बार फिर उन तीनो की परवाह होने लगी।

ट्रेन में अपनी सीट पर बैठा वंश फोन में गेम खेलने में बिजी था तभी उसके सामने वाली सीट पर आकर एक लड़की बैठ गयी और अपना सामान ज़माने लगी। वंश ने लड़की को देखा तक नहीं और अपना ध्यान बस फोन की स्क्रीन पर रखा। वंश को फोन में बिजी देखकर लड़की ने एक नजर उसे देखा और वापस अपना काम करने लगी। अपना सामान जमाने के कुछ देर बाद लड़की ने वंश से कहा,”एक्सक्यूज मी !”


वंश ने ध्यान नहीं दिया और गेम खेलता रहा लड़की ने दोबारा कहा,”एक्सक्यूज मी , हेलो मैं तुमसे बात कर रही हूँ ? हेलो,,,,,,!!”
उसने हेलो थोड़ा ज्यादा ही जोर से कहा तो वंश का ध्यान टुटा और उसने लड़की की तरफ देखकर कहा,”अह्ह्ह कौन मैं ?”
“हाँ ! वो पिलो पास करोगे प्लीज ?'”,लड़की ने कहा


वंश ने अपनी सीट पर पड़े तकियो में से एक उठाया और लड़की की तरफ बढ़ा दिया।
“थैंक,,,,,,,,,,,,,,,स”,लड़की ने कहा लेकिन वंश ने पूरा थैंक्स भी नहीं सुना और वापस अपना ध्यान फोन में लगा लिया। अगर पुराना वंश होता तो अब तक लड़की से फ्लर्ट कर चुका होता लेकिन निशि से मिलने के बाद वंश अब बदल चुका था। उसके आस पास कौन बैठा है उसे कोई मतलब नहीं था। आस पास होते शोर से बचने के लिए उसने कानों पर हेडफोन लगा लिया और फोन में बिजी हो गया।


वंश को ऐसे देखकर लड़की ने भी उसमे कोई दिलचस्पी नही दिखाई और अपने फोन में कोई सीरीज देखने लगी। वंश ट्रेन में था लेकिन निशि मुंबई पहुँच चुकी थी। ट्रेन के सफर में वह इतना थक चुकी थी कि घर आते ही सीधा अपने कमरे में आयी और बिस्तर पर गिर गयी। उसने वंश को बताया भी नहीं कि वह मुंबई पहुँच चुकी है।

मुन्ना पुलिस स्टेशन पहुंचा उसका अंदाजा सही था शक्ति मुरारी के साथ पुलिस स्टेशन में ही मौजूद था। मुन्ना अंदर आया और शक्ति के बारे में पूछा तो कॉन्स्टेबल ने उसे मीटिंग रूम के बारे में बताया। मुन्ना मीटिंग रूम की तरफ जाने लगा तो कॉन्स्टेबल ने उसे रोक लिया और मुन्ना से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा। अमूमन शांत रहने वाला मुन्ना आज थोड़ा परेशान था उसने गुस्से से कॉन्स्टेबल को साइड किया और मीटिंग रूम की तरफ जाने लगा तो दो चार कॉन्स्टेबल आये और मुन्ना को पकड़ लिया।

बाहर शोर सुनकर शक्ति बाहर आया उसने जब मुन्ना को वहा देखा तो उसे ज्यादा हैरानी नहीं हुई और उसने मुन्ना के पास आकर कॉन्स्टेबल्स से कहा,”छोडो इसे,,,,,,,,,,,!!”
कॉन्स्टेबल्स ने मुन्ना को छोड़ा और साइड हो गए। शक्ति मुन्ना के करीब आया और धीमे स्वर में कहा,”यहाँ तमाशा क्यों कर रहे हो मुन्ना ?”


मुन्ना ने सुना तो शक्ति के लिए उसका गुस्सा और बढ़ गया और उसने भी धीमे स्वर में कहा,”तमाशा तो तुमने बना रखा है शक्ति , हमारा , हमारे पापा का और इस रिश्ते का,,,,,,,,,,,,,,!!”
शक्ति को वहा सबके बीच मुन्ना से बात करना सही नहीं लगा उसने मुन्ना के कंधो पर अपना हाथ रखा और उसे लेकर बाहर जाते हुए कहा,”हमारे साथ आओ”

बाहर आकर मुन्ना ने अपने कंधो पर रखे शक्ति के हाथ को झटक दिया और उसकी तरफ देखकर गुस्से से कहा,”तुम इतने स्वार्थी कैसे हो सकते हो शक्ति ? ये सब करके तुम्हे क्या मिल जाएगा , ज्यादा से ज्यादा एक प्रमोशन,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन एक प्रमोशन के लिए तुम पापा के साथ ऐसा कैसे कर सकते हो ? तुम जानते हो उन्होंने कुछ नहीं किया है वो फसाये गए है। असली गुनहगार को पकड़ने के बजाय तुम उन्हें यहाँ ले आये,,,,,,,,,,,,,क्या तुम्हारा उन से कोई रिश्ता नहीं है ?”


शक्ति ने ख़ामोशी से मुन्ना की बात सुनी और धीमे स्वर में कहा,”मुन्ना ! हम जानते है जो हो रहा है वो तुम्हे अच्छा नहीं लग रहा लेकिन ये जरुरी है। विक्रम अरोड़ा , विराज चौहान और DIG सर तीनो मिले हुए है और उन लोगो ने अपने बयान में मुरारी चाचा का नाम लिया है,,,,,,,,,,,,,,हम ये नहीं कह रहे कि वो गलत है लेकिन खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए उन्हें भी तो अपनी सफाई में कुछ कहना पडेगा ना,,,,,,,,,,हमारा उनसे जो रिश्ता है वो अलग चीज है लेकिन उस से पहले हम पुलिसवाले है हमारी नजर में कानून सबके लिए बराबर है,,,,,,,,,,,,,,,!!”


मुन्ना ने सुना तो उसने गुस्से से शक्ति को देखा और कहा,”अगर ऐसा है तो फिर वो कानून तुम्हारे लिए क्यों नहीं बना ? क्या तुमने कानून के खिलाफ जाकर एक मुजरिम को अपने घर में कैद क्यों रखा ? उर्वशी इस केस में सबसे बड़ा गवाह थी उसे कानून के हवाले ना करके मोहसिन के घर में क्यों रखा ?”


मुन्ना की बात सुनकर शक्ति खामोश हो गया तो मुन्ना उसके थोड़ा करीब आया और कहा,”तुम्हारे इस स्वार्थ ने उर्वशी की जान ले ली शक्ति,,,,,,,,,और उसकी मौत के जिम्मेदार सिर्फ तुम हो,,,,,,,,,उर्वशी का अंतिम संस्कार बाकि है और हम पापा को लेने आये है,,,,,,,,,,,,,,और तुम हमे उन्हें ले जाने से नहीं रोक सकते”
कहकर मुन्ना वापस अंदर चला गया।

“मुन्ना , मुन्ना हमारी बात सुनो , मुन्ना”,शक्ति मुन्ना को आवाज देते हुए अंदर आया। मीटिंग रूम के दरवाजे के पास ही खिड़की थी। मुन्ना ने जैसे ही दरवाजे की तरफ अपना हाथ बढ़ाया उसकी नजर खिड़की पर पड़ी उसमे अदंर बैठे दिखाई दिए। मुन्ना के पैर दरवाजे के बाहर जम गए। उसकी आँखों में दर्द और चेहरे पर तकलीफ भाव तैरने लगे। मुन्ना ने देखा अंदर सबके बीच खड़ा मुरारी हाथ जोड़े कुछ कह रहा था और मुरारी के चेहरे पर कठोरता की जगह बेबसी और लाचारी के भाव थे।


अपने पापा को ऐसे देखकर मुन्ना का दिल कचोट गया। वो आदमी जिसके सामने बनारस के लोग हाथ जोड़कर खड़े रहते थे आज वह आदमी चंद लोगो के सामने हाथ जोड़कर खड़ा था। मुन्ना ने कभी जाहिर नहीं किया लेकिन वह परिवार में सबसे ज्यादा प्यार मुरारी से ही करता था हालाँकि मुरारी की राजनीती के चलते वह हमेशा उस से कटा कटा रहा। मुन्ना मुरारी को ऐसे नहीं देख पाया और पलट गया।

मुन्ना ने नम आँखों से सामने देखा तो शक्ति को पाया। मुन्ना की आँखों में नमी देखकर शक्ति को भी अच्छा नहीं लगा। उसने मुन्ना के कंधे पर हाथ रखकर कहा,”हम मुरारी चाचा को लेकर आते है,,,,,,,,,,,,,,!!”
शक्ति अंदर आया उसने अंदर कुछ देर सबसे बात की हालाँकि मुरारी इस केस में निर्दोष निकला लेकिन फिर भी उसे 24 घंटो से पहले ये शहर से बाहर नहीं जाने के ऑर्डर्स दिए गए और शक्ति से उसके सभी बयान नोट करने को कहा। शक्ति ने सभी बातो को ध्यान से सुना और फिर सभी अफसर लोग मीटिंग रूम से बाहर चले आये।

वे सब एक एक करके वहा से जाने लगे मुन्ना ने देखा उनमे से आधे लोग राजनीती से जुड़े लोग थे और कुछ पुलिस के बड़े अफसर,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक तरफ खड़ा मुन्ना बस ख़ामोशी से उन्हें देखता रहा कुछ देर बाद मुरारी शक्ति के साथ बाहर आया उसने जब मुन्ना को वहा देखा तो उसे थोड़ी हैरानी हुई और उसने कहा,”मुन्ना तुम हिया का कर रहे हो ?”
मुन्ना मुरारी के पास आया और कहा,”हम आपको लेने आये , बड़े पापा ने आपको बुलाया है”


“हाँ चलते है,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा वह मुन्ना के चेहरे की उदासी भांप गया
“मुरारी चाचा , जाने से पहले आपके कुछ बयान और डाक्यूमेंट्स पर साइन बाकि है,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन अभी आप मुन्ना के साथ जा सकते है , हमें यकीं है आप वापस आएंगे”,शक्ति ने कहा
मुन्ना ने एक नजर शक्ति को देखा और मुरारी को साथ लेकर वहा से चला गया।

मुन्ना ने बाइक स्टार्ट की और मुरारी उसके पीछे आ बैठा। बाइक चलाते हुए मुन्ना की आँखों के सामने बार बार बेबसी से हाथ जोड़ते मुरारी का हाथ आ रहा था , वह चाहकर भी इस ख्याल को अपने जहन से नहीं निकाल पा रहा था वही पीछे बैठा मुरारी जो सब हुआ उसके बारे में सोच रहा था। कहा वह ख़ुशी ख़ुशी आज सबके साथ बनारस जाने वाला था कहा ये सब हादसा हो गया।

मुन्ना मुरारी को लेकर शमसान आया जहा शिवम् , यादव और नीलिमा उर्वशी के पार्थिव शरीर के साथ मौजूद थे। मुरारी ने जब चिता पर लेटी उर्वशी के पार्थिव शरीर को देखा तो उसके कदम अपने आप भारी होने लगे उसकी चाल धीमी हो गयी और दिल धड़कने लगा। आँखों के सामने उर्वशी का चेहरा आने लगा और वे सभी पल एक एक करके चलने लगे जो उर्वशी के साथ बिताये थे। उर्वशी के लिए मुरारी के मन में कोई गलत भावना कभी नहीं रही लेकिन एक लगाव था जिसे मुरारी कभी खुद से दूर नहीं कर पाया।


वही मुन्ना के जहन में उर्वशी की कही बाते चल रही थी। उर्वशी मुन्ना को पसंद करती थी , उस से प्यार भी करती थी लेकिन मुन्ना ने कभी भी उर्वशी को गलत नजर से नहीं देखा। उसने उर्वशी की कई बार मदद भी की लेकिन बदले में कभी अपने मन में कोई भावना नहीं रखी। उसे पहली मुलाकात से ही उर्वशी थोड़ी अजीब लगी लेकिन आज जब उसका पार्थिव शरीर मुन्ना की आँखों के सामने था तो मुन्ना को उर्वशी के कोई भी अवगुण नजर नहीं आ रहे थे उसे बस नजर आ रही थी एक मासूम औरत जो इन सब भेडियो का शिकार हुई थी।

मुन्ना और मुरारी बाकि लोगो के पास पहुंचे। नीलिमा की आँखों से आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। उसने रोते हुए कहा,”आप क्यों चली गयी माँ ? मुझे अनाथ क्यों कर दिया ?”
नीलिमा के मुंह से निकला ये अनाथ शब्द ना जाने क्यों मुरारी को चुभा वह नीलिमा के पास आया और उसे चुप कराते हुए कहा,”तुमहू अनाथ नहीं हो बिटिया,,,,,,,,,,,हम सब है ना तुम्हरे लिए,,,,,,,,,,,!!”


“किसने कहा तुम अनाथ हो नीलिमा ? आज से तुम मेरे साथ रहोगी,,,,,,,,,,,!!”,शालू की आवाज सबके कानो में पड़ी।
नीलिमा के साथ साथ सबने पलटकर देखा तो पाया कबीर और नीलिमा उसी तरफ आ रहे थे। शालू को देखते ही नीलिमा उनके पास आयी और उनके सीने से लगकर फुट फुट कर रो पड़ी। शालू ने नीलिमा को सम्हाला।

उर्वशी के अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां हो चुकी थी। उर्वशी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि कबीर ने दी क्योकि शालू सबके सामने नीलिमा को बहू बनाने का फैसला कर चुकी थी। उर्वशी का पार्थिव शरीर जलने लगा और मुन्ना जलती हुई चिता को एकटक देखता रहा। कुछ घंटो बाद सभी वहा से लौट गए। नीलिमा को कबीर के साथ नयी जिंदगी शुरू करने का आशीर्वाद देकर उसे कबीर और शालू के साथ भेज दिया।


यादव ने फैसला किया की वह हमेशा के लिए राजनीती छोड़ देगा और वहा से चला गया। शिवम् ने मुरारी और मुन्ना से घर चलने को कहा तो मुरारी ने पुलिस स्टेशन जाने की बात बताई।

मुरारी के बुरे वक्त में शिवम् भला उसे अकेला कैसे छोड़ देता इसलिए वह भी मुरारी और मुन्ना के साथ पुलिस स्टेशन के लिए निकल गया

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संजना किरोड़ीवाल  

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4
A Woman
A Woman by Sanjana Kirodiwal

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