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“मैं तेरी हीर” – 79

Main Teri Heer – 79

Main Teri Heer
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कॉलेज पार्टी में सभी लड़के लड़किया डांस कर रहे थे। मुन्ना से बात करने के बाद गौरी काफी ज्यादा खुश थी और अब तो उसके पास मुन्ना का नंबर भी था। गौरी भी सबके साथ इंजॉय कर रही थी। कुछ देर बाद एक बड़ी सी गाड़ी अंदर आयी। सभी उस गाड़ी को देखने लगे। कुछ देर बाद गाड़ी से दो हेंडसम लड़के उतरे जिन्होंने सेम थ्री पीस सूट पहन रखा था और काफी हेंडसम थे। लड़किया तो उन्हें देखते ही रह गयी। दोनों कॉलेज के डायरेक्टर के जुड़वा भतीजे थे। काशी को उनमे कोई इंट्रेस्ट नहीं था इसलिए वह बैठकर कुछ खाने लगी। गौरी को भी उनमे कोई खास दिलचस्पी नहीं थी इसलिए वह भी वहा से चली गयी। ऋतू प्रिया सब लड़कियों के साथ खड़ी पहले तो उन दोनों लड़को को देख रही थी उसके बाद दोनों भीड़ से निकलकर जूस वाले की तरफ चली आयी। दोनों ने एक एक ग्लास जूस लिया और पीने लगी।
“यार वो दोनों कितने क्यूट है”,प्रिया ने जूस पीते हुए कहा
“क्या फायदा उन्हें भी कॉलेज की सीनियर्स ही पसंद आएगी”,ऋतू ने मुंह बनाते हुए कहा
“हाँ हमारी किस्मत कितनी बेकार है”,प्रिया ने कहा और गिलास में पड़ी स्ट्रा को घुमाने लगी।
“2 ऑरेंज जूस प्लीज”,उन्ही हेंडसम लड़को में से एक लड़के ने प्रिया के बगल में आकर कहा। उसे अपने बगल में देखते ही प्रिया की आँखे चमक उठी। ऋतू भी उसके साथ आये दूसरे लड़के को देखने लगी। जैसे ही लड़के ने ऋतू की तरफ देखा ऋतू ने अपनी गर्दन घुमा ली। दोनों लड़के वही खड़े होकर जूस पीने लगे। ऋतू और प्रिया वहा से जाने को हुई तो दोनों लड़को ने एक साथ कहा,”केन वी डांस ?”
ऋतू और प्रिया ने सूना तो उन्हें अपने कानो पर यकींन नहीं हुआ। दोनों ने हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखा और हामी भर दी। चारो वहा से चले गए। गौरी लॉन में अकेले घूम रही थी , आज पहली बार किसी पार्टी में उसका मन नहीं लग रहा था। उसकी नजर अपने फोन पर गयी तो वह मुस्कुरा उठी और मुन्ना का नंबर डॉयल कर दिया।
रात के 11 बज रहे थे और इस वक्त मुन्ना सो रहा था। बिस्तर के बगल में रखी टेबल पर रखा फोन वाइब्रेट हुआ तो मुन्ना की नींद में खलल पड़ा। उसने अधखुली आँखों से फोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हम्म्म !”
“ह्म्मम्म्म्म क्या तुम सो रहे हो ?”,गौरी ने पूछा
“हाँ हम सो रहे थे”,मुन्ना ने अपनी आँखे मूँदे हुए धीमी आवाज में कहा
“इतनी जल्दी,,,,,,,,,,,,,, अभी तो सिर्फ 11 बजे है”,गौरी ने कहा
“हमे सुबह जल्दी उठना होता है”,मुन्ना ने कहा
“लेकिन अब तुम्हे देर से सोने की आदत डाल लेनी चाहिए”,गौरी ने बड़े प्यार से कहा
“ये पॉसिबल नहीं है , हमारे कुछ नियम है जो हम कभी नहीं बदलते”,मुन्ना नींद में बड़बड़ाया
“हम्म्म्म तुम कितने अजीब हो , एक लड़की अगर इस वक्त तुम्हे फोन करे तो तुम्हे उस से प्यारभरी बातें करनी चाहिए और तुम हो की नियम समझा रहे हो,,,,,,,,,,,,,वैसे मैं तुम्हे कब फोन करू ?”,गौरी ने कहा
“आप जब चाहे तब हमे फोन कर सकती है”,मुन्ना फिर नींद में बड़बड़ाया
“ठीक है फिर मैं तुम्हे कल फोन करती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,हेलो , हेलो , हैल्लो,,,,,,,,,,,,,,,,,लगता है सो गया,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मान तुम ऐसे क्यों हो ?”,गौरी ने निराश होकर फोन काटते हुए कहा। वह फोन अपने होंठो से लगाए सोच में डूबी थी की काशी ने आकर कहा,”गौरी घर चले क्या ? हमने नानू को जल्दी वापस आने का कहा था वो परेशान होंग
“हाँ चलते है मुझे भी यहाँ काफी बोरिंग लग रहा है , ऋतू प्रिया कहा है ?”,कहते हुए गौरी ने अपनी साइड में देखा ऋतू और प्रिया चली आ रही थी और दोनों पलटकर डायरेक्टर के भतीजो की तरफ हाथ हिला रही थी। दोनों काशी और गौरी के पास आयी और प्रिया ने कहा,”हे गौरी घर चले क्या ?”
“घर तो चलेंगे लेकिन तुम दोनों का क्या चल रहा है ?”,गौरी ने दोनों को घूरते हुए कहा
“क्या गौरी अब वो दोनों सामने से भाव दे रहे है हम क्या कर सकते है ? वैसे दोनों बड़े हेंडसम यार”,ऋतू ने कहा
“चलो अच्छा है तूम दोनों को कोई पसंद तो आया , चलो चलते है”,गौरी ने कहा और फिर चारो वहा से बाहर चली आयी। चारो हँसते मुस्कुराते गाडी की तरफ आ ही रही थी की काशी के कदम रुक गए। सड़क के उस पार शक्ति खड़ा था। शक्ति को देखते ही काशी का दिल धड़कने लगा।

एक बड़ी सी स्कार्पियो के बाहर शक्ति खड़ा था और काशी को ही देख रहा था। काशी को वही खड़े देखकर गौरी वापस आयी और कहा,”काशी क्या हुआ चल ना ?”
काशी को जैसे गौरी की बात सुनाई ही नहीं दी , सड़क के इस पार खड़ी वह बस शक्ति को देखे जा रही थी।
“आज इन कपड़ो में ये कितनी सुन्दर लग रही है,,,,,,,,,,,,,,, सुन्दर ये पहले भी लगती थी बस हमने ही इसे कभी ठीक से नहीं देखा”,उस पार खड़े शक्ति ने काशी को देखते हुए मन ही मन खुद से कहा
“काशी क्या हुआ,,,,,,,,,,,,तुम्हे चलना,,,,,,,,,,,,,,!”,गौरी ने इतना ही कहा की उसकी नजर सड़क के उस पार खड़े शक्ति पर चली गयी। गौरी ने शक्ति को इंदौर में देखा तो हैरान हुई लेकिन साथ ही खुश भी हो गयी क्योकि अब शक्ति और काशी के बीच की गलतफहमी दूर हो जाएगी। वह काशी की तरफ पलटी और कहा,”वो तो शक्ति है , तो क्या वो तुमसे मिलने आया है,,,,,,,,,,,,,,यही मौका है जो गिले-शिकवे है उन्हें दूर कर लो”
“घर चलते है गौरी”,कहकर काशी गाड़ी की तरफ बढ़ गयी।
गौरी को काशी की नाराजगी कुछ समझ नहीं आयी। वह काशी के पीछे चली आयी , काशी शक्ति से मिलना चाहती थी लेकिन अगले ही पल उसे मुन्ना से किया वादा याद आ गया। वह आकर गाड़ी में बैठ गयी , उसका दिल बहुत जोरो से धड़क रहा था। ऋतू प्रिया को नहीं पता था की शक्ति आया है वो दोनों तो बस के फोटोज शेयर करने बिजी थी। गौरी चाहती थी काशी एक बार शक्ति से बात करे लेकिन काशी ने ऐसा नहीं किया। गौरी ने काशी को देखा तो काशी की आँखों में आंसू भर आये। गौरी समझ गयी की काशी इस वक्त शक्ति से नहीं मिल पायेगी। गौरी ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ गयी।
शक्ति ने देखा तो वह भी अपनी गाड़ी में आ बैठा और गौरी की गाडी का पीछा करने लगा। गौरी की नजर साइड मिरर पर पड़ी तो उसने काशी से कहा,”वो तुम्हारा पीछा कर रहा है , तुम्हे एक बार उसकी बात सुन लेनी चाहिए”
“हमने मुन्ना भैया से वादा किया है की हम उस से नहीं मिलेंगे , तुम घर चलो”,काशी ने कहा
”हम्म्म्म”,कहकर गौरी ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी
कुछ दूर जाकर गौरी ने फिर साइड मिरर में देखा , शक्ति की गाडी अभी भी उनकी गाडी के पीछे थी।
“यार ये तो पीछे ही आ रहा है”,गौरी बड़बड़ाई
“गौरी गाडी सीधा तुम्हारे घर ले चलो , अगर हम घर गए और शक्ति वहा भी पहुँच गया तो पता नहीं नानू कैसे रिएक्ट करेंगे ?”,काशी ने परेशान होकर कहा
“ठीक है मेरे घर चलते है”,गौरी ने कहा
आधे घंटे बाद गाड़ी गौरी के सामने पहुंची। शक्ति भी उनके पीछे चला आया उसने अपनी गाड़ी सड़क के दूसरी तरफ लगा ली। गौरी के घर के बिल्कुल सामने
काशी , ऋतू प्रिया और गौरी गाडी से नीचे उतरी। उसने शक्ति को देखा तक नहीं और ऋतू प्रिया के साथ घर के अंदर चली गयी। गौरी को काशी का ये बर्ताव अच्छा नहीं लगा वह बाहर ही रुक गयी। कुछ देर बाद वह शक्ति के पास आयी और कहा,”तुम यहाँ क्यों आये हो ?”
“हमे काशी से बात करनी है पर शायद वो हमसे अभी भी नाराज है”,शक्ति ने उदास होकर कहा
“काशी तुमसे मिलना नहीं चाहती”,गौरी ने कहा
“जानते है , हमने उसके साथ जो किया उसके बाद तो कोई भी हम से मिलना नहीं चाहेगा”,शक्ति ने फीका सा मुस्कुरा कर कहा लेकिन उस मुस्कराहट के पीछे का दर्द गौरी देख पा रही थी। उसने धीरे से कहा,”तुम बुरे इंसान नहीं हो शक्ति”
शक्ति ने गौरी को देखा और कहा,”हम पर भरोसा करने के लिए तुम्हारा शुक्रिया”
“पता नहीं काशी तुम्हे क्यों नहीं समझ पा रही लेकिन सच तो ये है की वो तुम्हे वो बहुत पसंद करती है। उसने अपने भाई से वादा किया है की वो तुम से कभी नहीं मिलेगी। काशी बहुत अच्छी लड़की है शक्ति , उसकी जिंदगी में आने वाले तुम पहले लड़के हो ,, वो तुम्हे कभी नहीं भूल पायेगी”,गौरी कहते कहते जरा उदास हो गयी।
“हम जानते है वो बहुत अच्छी है , हालात ऐसे थे की ना चाहते हुए भी हमे उसका दिल तोड़ना पड़ा और बस उन्ही गलतियों के लिए हम काशी से माफ़ी मांगना चाहते है ,,आप बस उस से कहिये की एक बार आकर हम से बात करे”,शक्ति ने कहा
“ठीक है मैं कोशिश करती हूँ”,कहकर गौरी चली गयी और थोड़ी देर बाद वापस आकर कहा,”उसने कहा की वो तुमसे नहीं मिलेगी , वो चाहती है की तुम यहाँ से चले जाओ”
“आहहह कितनी जिद्दी है वो,,,,,,,,,,,, उस से कहना हम यही खड़े होकर उसका इंतजार करेंगे”,शक्ति ने कहा
“शक्ति काफी रात हो चुकी है तुम्हे इस वक्त यहाँ से जाना चाहिए , और ठंड भी काफी ज्यादा है। तुम उस से सुबह मिल लेना”,गौरी ने शक्ति की चिंता करते हुए कहा क्योकि शक्ति ने सिर्फ पेंट शर्ट पहन रखा था। उसका जैकेट गाडी में था।
“हमारी वजह से उसे बहुत तकलीफ हुई है उसकी माफ़ी के लिए अगर हमे रातभर यहाँ रुकना पड़े तो हम रुकेंगे,,,,,,,,,,,,,,,तुम अंदर जाओ , हम ठीक है”,शक्ति ने अपने दोनों हाथो को आपस में बाँध गाडी से पीठ लगाते हुए कहा।
गौरी ने कुछ नहीं कहा और चली गयी। अंदर आकर उसने देखा ऋतू और प्रिया सो चुकी थी और काशी बिस्तर के कोने पर बैठी किसी गहरी सोच गुम थी !!

गौरी काशी से कुछ कहकर उसे और परेशान करना नहीं चाहती थी वह कपडे बदलने चली गयी और वापस आयी तो देखा काशी खिड़की के पास खड़ी है। हालाँकि खिड़की बंद थी और जबकि उसके शीशे से बाहर वाला को आसानी से देखा जा सकता है। गौरी काशी के बगल में आ खड़ी हुई। गौरी ने देखा शक्ति अभी भी हाथ बांधे वही खड़ा है और खिड़की की तरफ ही देख रहा था। गौरी से रहा नहीं गया तो उसने काशी से कहा,”तुम दोनों एक-दूसरे को इतनी तकलीफ क्यों दे रहे हो काशी ? शक्ति इतनी दूर सिर्फ तुमसे बात करने आया है एटलीस्ट तुम्हे एक बार उसकी बात सुननी चाहिए थी”
“रात बहुत हो चुकी है चलो चलकर सो जाते है”,काशी ने गौरी की बात को नजरअंदाज करते हुए कहा
“काशी तुम ऐसी तो नहीं थी,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने उसके पीछे आते हुए कहा
“गौरी हम जानते है इस वक्त हमारा कुछ भी कहना तुम्हे गलत लगेगा। शक्ति को यहाँ देखकर हमे कितनी ख़ुशी हुई ये हम तुम्हे बता नहीं सकते , लेकिन हम नहीं चाहते हमारी वजह से फिर उस पर कोई मुसीबत आये,,,,,,,,,,,,,मुन्ना भैया शक्ति को बिल्कुल पसंद नहीं करते है गौरी और अगर उन्हें पता चला शक्ति यहाँ है तो बहुत बड़ी मुसीबत हो जाएगी। हम जानते है की अगर हम उसके सामने गए तो हम अपनी भावनाओ को रोक नहीं पाएंगे,,,,,,,,,,,,इसलिए प्लीज हमे फ़ोर्स मत करो।”,कहते हुए काशी की आँखों में आँसू भर आये
“मैं समझती हूँ काशी पर जैसे तुम्हे ग़लतफ़हमी है वैसे मुन्ना को भी तो हो सकती है , वो शक्ति के बारे में नहीं जानता इसलिए उस दिन,,,,,,,,,,,,,,,,शक्ति बुरा इंसान नहीं है काशी,,,,,,,,,,तुम तो जानती हो ना मैं किसी को लेकर इतनी जल्दी फैसला नहीं करती पर शक्ति के लिए मुझे कभी नेगेटिव फील नहीं आया , तुम्हे उसे एक मौका देना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,वो बाहर ठंड में सिर्फ तुमसे मिलने के लिए खड़ा है”,गौरी ने काशी को समझाने की एक आखरी कोशिश की
“वो चला जाएगा”,कहते हुए काशी बिस्तर की ओर चली गयी
“काशी,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने रोआँसा होकर कहा
“आकर सो जाओ गौरी हमने नानी माँ को फोन कर दिया है की हम सुबह घर जायेंगे”,कहकर काशी ने करवट बदल ली। गौरी भी उदास मन से आकर उसके बगल में लेट गयी। काशी की आँखों में भरे आँसू बह गये। इस वक्त उसे शक्ति के लिए बहुत बुरा लग रहा था लेकिन वह मुन्ना से किया वादा नहीं तोड़ पाई। देर रात गौरी और काशी को नींद आ गयी। शक्ति वही खड़ा काशी का इंतजार करता रहा लेकिन काशी नहीं आयी। ठंड में उसका चेहरा लाल पड़ चुका था , होंठ काँप रहे थे और मुंह से भाप निकल रही थी। सुबह 6 बजे काशी की आँख खुली वह जल्दी से उठी और खिड़की पर आकर देखा शक्ति अभी भी वही खड़ा था। ये देखकर काशी को बहुत दुःख हुआ उसे लगा अगर वह शक्ति से नहीं मिलेगी तो शक्ति यहाँ से चला जाएगा। काशी ने देखा आज मौसम भी बहुत खराब था और बारिश होने वाली थी। बेचारा शक्ति सारी रात ठंड में खड़ा रहा उस पर रही सही कसर आज के मौसम ने पूरी कर दी। कुछ देर बाद ही पानी बरसने लगा लेकिन शक्ति टस से मस नहीं हुआ और वहा खड़ा को खिड़की को देखता रहा। काशी शीशे के इस पार खड़ी शक्ति को देखते रही।
“अरे भाई यहाँ क्यों खड़े हो ? बीमार पड़ जाओगे ,, जाओ भाई घर जाओ”,गौरी के मोहल्ले में रहने वाले गुप्ता जी ने उधर से गुजरते हुए कहा
शक्ति ने कोई जवाब नहीं दिया बस खाली आँखों से खिड़की की तरफ देखने लगा। काशी ने देखा शक्ति तरह भीग चुका है , उसका दिल भर आया। गौरी उठ चुकी थी वह काशी के पास आयी और देखा शक्ति बारिश में भीग रहा है तो उसने शक्ति को देखते हुए कहा,”क्या अब भी तुम्हारे लिए तुम्हारे भाई से किया वादा इम्पोर्टेन्ट है या फिर उस इंसान की जिंदगी जो कल रात से सिर्फ तुम्हारे लिए यहाँ खड़ा है”
गौरी के शब्द काशी के मन में किसी फ़ांस की तरह जा चुभे उसने एक नजर गौरी को देखा और वहा से बाहर निकल गई। काशी भागते हुए नीचे आयी जिस वजह से उसका दुपट्टा घर की सीढ़ियों पर ही छूट गया। वह घर के बाहर आयी और दौड़ते हुए आकर शक्ति के सामने खड़ी हो गयी। शक्ति ने काशी को अपने सामने देखा तो मुस्कुरा उठा। काशी आँखों में आँसू लिए अपने सामने खड़े शक्ति को देखते रही। दोनों बारिश में भीगते रहे। शक्ति बस प्यार से काशी को देखता रहा। काशी को खुद पर गुस्सा आ रहा था उसकी वजह से शक्ति को पूरी रात ऐसे ठंड में बाहर खड़े रहना पड़ा। उसने शक्ति को देखा और कहने लगी
“क्या समझते हो तुम अपने आप को ? तुम्हारा जब मन करेगा हमसे प्यार करोगे और जब मन करेगा हमे जाने को कह दोगे। तुमने हमे खुद से दूर करने के लिए हमारे पापा को ही वजह बना दिया। जब हम बात करना चाहते थे तब तुम हमे साइड कर देते थे फिर आज क्यों हमारे बात ना करने से तुम्हे फर्क पड़ रहा है। हमने कभी कुछ नहीं माँगा तुमसे सिवाय प्यार के और अब जब हमे वो भी नहीं चाहिए तो तुम क्यों आये हो ? हम जितनी बार तुम्हे भुलाने की कोशिश कर रहे है तुम उतनी बार फिर हमारे सामने आ रहे हो,,,,,,,,,,,,,ऐसे तो हम नहीं भूल पाएंगे ना तुम्हे ! तुमने कहा तुम हमसे प्यार नहीं करते फिर क्यों आये हो यहाँ ? चले जाओ यहाँ से तुम्हे ऐसे देखकर हमे बहुत तकलीफ हो रही है , चले जाओ शक्ति”
काशी ये सब कहकर जैसे ही जाने के लिए पलटी शक्ति ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और सीने से लगा लिया। काशी कही जा ना पाए इसलिए शक्ति ने अपनी मजबूत बांहो से उसे कवर कर लिया। काशी कुछ कहती इस से पहले ही शक्ति ने अपने काँपते होंठो से कहा,”हम तुम्हे बहुत चाहते है काशी ,इस दुनिया में हमारे लिए अगर सबसे कीमती कुछ है तो वो तुम हो। हमने तुम्हारा दिल दुखाया हमे माफ़ कर दो”
शक्ति ने जैसे ही कहा की वह काशी को चाहता है सुनकर काशी की आँखों से आँसू बहने लगे। शक्ति के मुंह से ये बात सुनने के लिए उसने कितना इंतजार किया था। वह शक्ति के सीने से लगी भीगती रही। शक्ति ने महसूस किया की काशी रो रही है तो उसने काशी का सर सहलाते हुए कहा,”हमे माफ़ कर दो काशी , माफ़ कर दो”
शक्ति के मुंह से माफ़ी शब्द सुनकर काशी ने शक्ति को और कसकर गले लगा लिया। शक्ति को अहसास हो रहा था की उसने अनजाने में काशी का बहुत दिल दुखाया है। वह ख़ामोशी से काशी का सर सहलाता रहा। बारिश तेज हो चुकी थी और दोनों बुरी तरह पानी में भीग चुके थे। शक्ति को रातभर बाहर था और अब भीगने की वजह से उसे ठण्ड लगने लगी थी। उसने धीरे से कहा,”अगर ऐसे ही खड़े रहे तो हम दोनों बीमार पड़ जायेंगे”
काशी ने सूना तो वह शक्ति से दूर हुयी और उसका हाथ पकड़कर उसे गौरी के घर की तरफ ले जाते हुए कहा,”हमारे साथ आओ”

अपने कमरे की खिड़की के पास खड़ी गौरी ने काशी और शक्ति को साथ देखा तो मुस्कुरा उठी और अपने दोनों हाथो से दिल बनाते हुए खुद से कहा,”ओह्ह्ह दोनों साथ में कितने प्यारे लगते है”
काशी और शक्ति के जाने के बाद गौरी भी वहा से हटी और अपने बिस्तर की तरफ आते हुए कहा,”इनका मामला तो सेट हो गया , अब जरा मैं भी अपने शाय मेन को गुड मॉर्निंग विश कर दू”
गौरी ने अपना फोन उठाया और मुन्ना के लिए एक प्यारा सा गुड मॉर्निंग मैसेज लिखकर भेज दिया और फोन रखकर नीचे चली गयी ताकि उसकी मम्मी शक्ति को देखे इस से पहले ही वो बात सम्हाल ले।

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Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79 Main Teri Heer – 79

क्रमश – Main Teri Heer – 80

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