“मैं तेरी हीर” – 53
Main Teri Heer – 53
शिवम् और मुरारी एक बड़ी मुसीबत से बाहर निकल चुके थे। शिवम् नहीं चाहता था इन सब बातो का असर वंश और मुन्ना की पढाई और जीवन पर पड़े इसलिए उसने मुन्ना से कहा की वह इन सब बातो को भूलकर अपनी पढाई पर ध्यान दे। मुरारी ने जो रायता फैलाया था उसे समेटने के लिए वह पार्टी ऑफिस चला गया। शिवम् और मुरारी को फ़साने के चक्कर में किशोर खुद फंस गया जैसे ही वह थाने पहुंचा उसे डिपार्टमेंट से फोन आया और दो दिन के अंदर अंदर एक्सप्लेनेशन देने को कहा गया।
शिवम् भी घर चला आया। पिछले कुछ दिनों की भागदौड़ और टेंशन से शिवम् मानसिक तौर पर काफी थक चूका था। घर आकर वह सीधा अपने कमरे में चला आया। सारिका ने शिवम् को देखा तो उसके लिए एक कप चाय बनायीं और कमरे की ओर बढ़ गयी। सारिका ने चाय का कप शिवम् के सामने रखा और कहा,”क्या बात है
? आप कुछ परेशान नजर आ रहे है”
“सरु बैठो ना हमे तुमसे कुछ बात करनी है”,शिवम् ने सारिका का हाथ पकड़ कर उसे बैठाते हुए कहा
शिवम् की आँखों में परेशानी देखकर सारिका समझ गयी जरूर कुछ तो हुआ है। उसने शिवम् के हाथ पर अपना हाथ रखा और कहा,”हाँ शिवम् जी कहिये क्या बात है ?”
शिवम् कुछ देर सारिका को देखता रहा और फिर उसे सारी बातें बता दी। सारिका के चेहरे पर कभी डर तो कभी परेशानी के भाव आते रहे। अपनी बात खत्म करते हुए शिवम् ने कहा,”पर अब सब ठीक है हमने मुरारी से कहा है की उसने जो गलती की है उसमे सुधार करे साथ ही मुन्ना को भी इन सबसे दूर रहने को कहा है”
“लेकिन आपके उस शुगर फैक्ट्री वाले सपने का क्या शिवम् ? उसके लिए आपने बहुत मेहनत की है”,सारिका ने कहा
“सरु उसे हम कभी भी पूरा कर सकते है , फ़िलहाल के लिए जरुरी था हमारे परिवार का सुरक्षित होना , इस शहर का सुरक्षित होना,,,,,,,,,,,खैर ये सब छोडो बाबा कैसे है ?”,शिवम् ने पूछा
“बाबा की तबियत ठीक है”,सारिका ने कहा और फिर धीरे से बड़बड़ाई,”और ये खबर सुनकर तो उनकी सारी टेंशन ही दूर हो जाएगी”
“सरु वंश कहा है हमने कल से उसे देखा नहीं है ?”,शिवम् को अचानक वंश की याद आयी
“हम आपसे कुछ कहे तो आप यकीन करेंगे ?”,सारिका ने कहा
“क्यों नहीं करेंगे ? वंश ठीक तो है ना कही फिर से उसने कोई,,,,,,,,,,,,,!”,शिवम् कहते कहते रुक गया
“वो ठीक है लेकिन कल वो पूरा दिन बस अपने कमरे में बैठकर पढाई कर रहा था”,सारिका ने कहा
“ये तो अच्छी बात है ना सरु , एग्जामस आने वाले है ऐसे में पढाई करना उसके लिए जरुरी भी है। पूरा साल तो उसने वैसे भी घूमने और मस्ती करने में निकाल दिया”,शिवम् ने कहा
“हाँ , आप थोड़ा आराम कर लीजिये हम ज़रा आई का हाथ बटा देते है”,सारिका ने उठते हुए कहा
“सरु इतनी अच्छी खुशबु आ रही है , कुछ पक रहा है क्या ?”,शिवम् ने पूछा
सारिका मुस्कुराई और कहा,”इन दिनों काम और परेशानियों के चलते आप भूल गए की कल मकर सक्रांति है , हम और आई उसी की तैयारियां कर रहे है”,सारिका ने कहा
“ओह्ह्ह हम तो भूल ही गए थे , ठीक है आप जाओ हम ज़रा काशी से बात कर लेते है”,शिवम् ने कहा तो सारिका वहा से चली गयी।
शिवम् के कहने पर मुन्ना पहले कॉलेज गया वहा का जायजा लिया और फिर वापस घर चला आया। मुरारी दिनभर अपने पार्टी ऑफिस ही था दोपहर तक सभी लोग मुरारी की बातो से सहमत भी हो गए और हो भी क्यों ना इतने सालो में मुरारी ने कभी उन लोगो को शिकायत का मौका जो नहीं दिया। पार्टी कार्यकर्ताओ से बात करके मुरारी घर जाने को हुआ तो उसे याद आया की कल मकर सक्रांति है। उसने अपनी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओ को कल अपने घर पर इन्वाइट किया और घर चला आया। मुरारी के दिल से एक बड़ा बोझ उतर गया जैसे लेकिन अपने 17 लाख जाने का दुःख भी था।
शाम में मुन्ना वंश से मिलने शिवम् के घर चला आया। वंश अपने कमरे में नहीं था तो मुन्ना वापस नीचे चला आया। सामने से आती सारिका ने मुना को देखा तो वह उसके पास चली आयी और कहा,”मुन्ना”
“हाँ बड़ी माँ”,मुन्ना ने कहा
“थैंक्यू सो मच , इस परिवार के लिए तुमने जो कुछ भी किया वो हम कभी नहीं भूलेंगे बेटा”,सारिका ने प्यार से मुन्ना के हाथो को थामते हुए कहा
“बड़ी माँ आप शर्मिन्दा कर रही है , हमने ये सब अपने परिवार के लिए किया इसमें थैंक्यू कैसा ? हमने वही किया जो हमे ठीक लगा क्योकि हम जानते है की बड़े पापा और पापा दोनों गलत नहीं है”
“तुम नहीं जानते मुन्ना तुमने क्या किया है ? तुम्हे ये बहुत सामान्य लग रहा होगा पर नहीं ये बहुत खास है , हमने सबसे एक बात छुपाई थी मुन्ना बाबा को अटैक आने के पीछे की वजह कोई और नहीं बल्कि केसर ही था , उसने ही बाबा को डराया धमकाया की वह शिवम् से कहकर उस जमीन के कागज उसे दे दे। बाबा कई दिनों से परेशान थे लेकिन आज जब उन्हें ये सब पता चला तो वो खुश थे,,,,,,,,,,,,,,और इस ख़ुशी की वजह तुम हो मुन्ना इसलिए थैंक्यू”,सारिका ने कहा तो मुन्ना मुस्कुराने लगा और कहा,”बड़े माँ केसर हमारा टारगेट नहीं था उस दिन जब हम हॉस्पिटल आये थे तब हमने आपकी और बाबा की बात सुन ली थी , आपको परेशान नहीं करना चाहते थे इसलिए आपसे डायरेक्ट नहीं पूछा,,,,,,,,,,,,,,,,हम चाहेंगे आप ये सब भूल जाये”
“हम्म्म कुछ खाओगे तुम ?”,सारिका ने प्यार से मुन्ना का गाल छूकर कहा
“नहीं बड़ी माँ हम वंश को ढूंढ रहे है वो अपने कमरे में भी नहीं है”,मुन्ना ने कहा
“वो शायद ऊपर छत पर है तुम चलो हम दीना से कहकर तुम्हारे लिए कुछ भिजवाते है”,सारिका कहते हुए किचन की तरफ चली गयी।
मुन्ना ऊपर आया तो देखा वंश छत पर बैठा पतंगो में धागे बांध रहा है। मुन्ना उसके पास आया और कहा,”ये सब क्या कर रहा है तू ?”
“अरे मुन्ना तू आ गया , चल इधर आ और बता कल कौनसे मांझे से पतंग उड़ाए ?”,वंश ने कहा
“वो सब बाद में पहले तू ये बता की कल दिनभर तू कहा था ? और आज भी हम तुझसे मिलने आये है , ना तू कॉलेज आया ना घर हुआ क्या है ?”,मुन्ना ने पूछा
“मैं थोड़ा बिजी था”,वंश ने अपनी पतंगे जमाते हुए कहा
“अच्छा,,,,,,,,,,किस काम में बिजी था तू ? तू जानता भी है इन दो दिनों में क्या हुआ है ?”,मुन्ना ने कहा
“मुन्ना अगर ये बातें तेरे पॉलिटिक्स से रिलेट है तो मैं बिल्कुल सुनने के मूड में नहीं हूँ”,वंश ने कहा तो मुन्ना उसके पास आया। उसके हाथ से पतंगे ली और साइड में रखकर कहा,”तू मुझसे कुछ छुपा रहा है”
“पागल है क्या मैं तुझसे क्या छुपाऊंगा ?,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ भी,,,,,,,,,,,,,,,,,माँ ने तुझे बताया नहीं मैं कल पूरा दिन पढाई कर रहा था मैंने किसी के अकाउंट्स को नहीं छेड़ा,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते वंश ने अपनी जीभ अपने दांतो दबा ली। उसने खुद ही अपना भांडा फोड़ दिया। मुन्ना ने सूना तो समझ गया उसे जो शक था वह यकीन में बदल चुका था उसने अपने दोनों हाथो को आपस में बांधा और वंश से कहा,”तो अब खुद से बताओगे या हम उगलवाए”
वंश ने थोड़े आधे टेढ़े मुंह बनाये , कभी अपने होंठो को चबाया और फिर कहने लगा,”अब जब तुम जान ही चुके तो क्यों ना आराम से चाय पीते हुए बात की जाये”
मुन्ना ने पलटकर देखा दीना उनके लिए चाय लेकर आया था। मुन्ना और वंश छत की दिवार पर आकर बैठ गए। दोनों ने चाय का कप अपने हाथो में उठाया और पीने लगे। मुन्ना ने वंश की तरफ देखा तो वंश ने थोड़ा चिढ़ते हुए कहा,”बता रहा हूँ ना घूर क्यों रहे हो ?”
वो उस शाम तुम्हे याद होगा हम दोनों बाहर गए थे तब उस रिसोर्ट पर मैंने तुम्हे एक आदमी से बात करते देखा था हालाँकि मैं उसे जानता नहीं था लेकिन मैं तुम्हे ऐसे लोगो से बात करते पहली बार देख रहा था। मुझे थोड़ा अजीब लगा तो मैंने उस आदमी की फोटो अपने फ्रेंड्स ग्रुप में सेंड की तो पता चला वो तो बहुत बड़ा क्रिमिनल है,,,,,,,,,,,,,,लेकिन एक क्रिमिनल से तुम क्यों मिलोगे ये सोचकर मैं परेशान हो रहा था। मैं चाहता था हम देर रात तक बाहर रुके ताकि वापसी में मैं तेरे घर रुक जाऊ। मैंने तुझे घाट चलने को कहा क्योकि वह एक जगह है जहा जाने के लिए तू ख़ुशी ख़ुशी मान जाता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमने कुछ वक्त साथ बिताया और वही हुआ जो मैं चाहता था।
तू हमेशा अपने लेपटॉप से चिपका रहता है ऐसे में तेरे सामने उस पर कुछ काम करना मुश्किल था इसलिए जब तू सो गया तो मैं तेरा लेपटॉप लेकर बाहर हॉल में आ बैठा उसे खोलने पर जो सामने आया वो देखकर एक बार तो मेरा दिमाग भी ब्लॉक हो चुका था लेकिन मैं समझ गया की जरूर सब किसी ना किसी बड़ी मुसीबत में है इसलिए रात भर मैं सब चेक करता रहा। वो सारी इन्फॉर्मेशन मैंने अपने पेन ड्राइव में कॉपी करना चाहा लेकिन नहीं कर पाया इसलिए मजबूरन मुझे उसे चुराना पड़ा और मैं उसे घर ले आया।”
“तू मुझसे मांग भी सकता था पता है कितनी बड़ी प्रॉब्लम में फंस सकते थे पापा ?”,मुन्ना ने थोड़ा गुस्सा होते हुए कहा
“फंसे तो नहीं ना”,वंश ने कहा तो मुन्ना उसे देखने लगा। वंश ने मुन्ना से नजरे हटाई और सामने देखते हुए कहने लगा,”जब घर में बैठकर मैं वो सब देख रहा था तो मुरारी चाचा का अकाउंट मेरे सामने आया और मैंने उसे हैक कर लिया। उनके अकाउंट में जो पैसा था उस से वे जरूर फसेंगे सोचकर मैंने उन सभी पैसो को ट्रांसफर कर दिया”
“ये तो हम भी कर सकते थे वंश तुमने ये रिस्क क्यों लिया ? अगर तू इन सब में फंस जाता तो”,मुन्ना ने कहा
“मुन्ना तुम भले मुझसे 25 मिनिट बड़े हो लेकिन मुझमे ना तुमसे ज्यादा दिमाग है।
तुम मुरारी चाचा के अकाउंट से वो पैसा किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर देते फिर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,फिर बैंक वालो के साथ साथ इनकम टैक्स वालो को भी पता चल जाता क्योकि एक साथ इतनी बड़ी रकम किसी को भी ट्रांसफर नहीं की जाती है।”
वंश की बात सुनकर मुन्ना सोच में पड़ गया और फिर कहा,”तो तुमने क्या किया ?”
वंश मुस्कुराया और कहा,”मैंने उन सारे रुपयों को टुकड़ो में बाँटा और अपने कॉलेज ग्रुप के हर लड़के के अकाउंट में 5-5 लाख रूपये ट्रांसफर कर दिए। कुछ अपने फेसबुक फ्रेंड्स को , कुछ चैरिटी अकाउंट्स में तो कुछ बनारस में ही जरूरतमंद स्कूल को। इस से अगर कोई उन पैसो का रिकॉर्ड निकालना भी चाहे तो मुरारी चाचा को कोई प्रॉब्लम नहीं होगी क्योकि जिनको पैसा ट्रांसफर किया गया है उनका तुम्हारे पापा से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है तो सबको लगेगा की उन्होंने मदद की है”
मुन्ना ने सूना और वंश की तरफ देखने लगा,”और तूने इतना बड़ा रिस्क ले लिया ?”
“अरे क्यों नहीं लेंगे रिस्क ‘चाचा विधायक है हमारे’ अब ऐसे थोड़े ना उनकी इमेज खराब होने देंगे ,, वैसे भी हमे नहीं लगता मुरारी चाचा कभी ऐसा कुछ करेंगे”,वंश ने कहा
“थैंक्यू , तुम ने सही वक्त पर सही काम किया है”,मुन्ना ने एक ठंडी साँस लेकर कहा एक आखरी मुसीबत से वंश ने उसे बाहर जो निकाल दिया था।
“इतनी इज्जत,,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा लग रहा है थोड़ा और अच्छा बोल ना मेरे बारे में प्लीज प्लीज”,वंश ने बच्चो की तरह मचलते हुए कहा तो मुन्ना मुस्कुराने लगा और उसके कंधे पर हाथ रख उसे गले लगाते हुए कहा,”हमे पता नहीं था तू असल जिंदगी में भी इतना बड़ा एक्टर है”
दोनों हँसते मुस्कुराते बाते करने लगे। मुन्ना को न जाने क्यों शरारत सूझी वह वंश को गुदगुदी करने लगा और दोनों एक दूसरे को वही बैठे परेशान कर रहे थे हंस रहे थे मुस्कुरा रहे थे। सूरज अस्त होने लगा दोनों मुस्कुराते हुए उसे देखने लगे
अगली सुबह मुरारी के यहाँ पतंगबाजी का प्रोग्राम था सब कार्यकर्ता और उनके बच्चे वहा मौजूद थे। महिलाये एक तरफ अपना प्रोग्राम जमा रही थी। मुरारी ने शिवम् और बाकि घरवालों को भी आने को कहा सुबह 10 बजे के आस पास वे लोग भी आ गए। बाबा की तबियत ठीक थी इसलिए बाबा भी चले आये। मुन्ना ने काले रंग का कुर्ता और जींस पहन रखी थी तो वंश ने स्क्रेच्ड जींस और केप वाली सफ़ेद टीशर्ट और उस पर डेनिम जैकेट। वंश ने आँखों पर धुप वाला चस्मा लगा रखा था। उसने तो आते ही पतंग उड़ाना शुरू भी कर दिया। उसने मुन्ना को चेलेंज किया तो मुन्ना भी पतंग मांझा लेकर मैदान में उतर गया। उसकी चरखी सारिका ने आकर पकड़ ली तो वंश ने कहा,”माँ ये तो चीटिंग है मुन्ना की चरखी क्यों पकड़ी आपने ?”
“क्यो तुझे जलन हो रही है क्या ?”,मुन्ना ने अपनी पतंग आसमान में खुली छोड़ते हुए थोड़ी ऊँची आवाज में कहा
“हुँहहह मैं क्यों जलू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कोई इस चरखी को पकड़ेगा ?”,वंश ने भी ऊँची आवाज में कहा
पास ही कुछ लड़किया थी सभी चली आयी , वंश ने मुन्ना की ओर देखा और भँवे उचकाई तो मुन्ना हसने लगा और अपना ध्यान पतंग में लगा लिया। दोनों भाई में जबरदस्त कॉम्पिटिशन था मुरारी वंश की तरफ चला आया और उसको तरीके बताने लगा लेकिन मुरारी के तरीके से वंश की पतंग ही कट गयी। उसने खा जाने वाली नजरो से मुरारी को देखा तो मुरारी अनजान बनकर वहा से चला गया। मुन्ना वंश के पास आया और कहा,”बड़े भाई से पंगा नहीं लेते वंश”
“इस बार देखना किसकी पतंग कटती है , एक एक और हो जाये”,वंश ने दूसरी पतंग उठाते हुए कहा
मुन्ना ने देखा सामने से किशोर चला आ रहा है , कही फिर से कोई मुसीबत खड़ी ना कर दे सोचकर मुन्ना ने वंश से कहा,”तुम चलो हम आते है”
मुन्ना किशोर के पास चला आया और उसको बीच में ही रोक लिया और कहा,”आप यहाँ क्यों आये है ?”
“हमे विधायक जी से मिलना है”,किशोर ने कहा लेकिन आज उसकी आवाज में ना रौब था ना ही अकड़
“कल जो कुछ हुआ है उसके बाद हमे नहीं लगता पापा इस वक्त आपसे मिलेंगे। बिना किसी सबूत के आपने पापा का नाम उछालने की कोशिश की है वो इस वक्त बहुत नाराज है”,मुन्ना ने कहा।
“हम बहुत शर्मिन्दा है हमे ऐसा नहीं करना चाहिए था , कल के लिए हम विधायक जी से माफ़ी मांगने आये है”,किशोर ने कहा
किशोर माफ़ी रहा है ये बात मुन्ना को कुछ हजम नहीं हो रही थी इसलिए उसने कहा,”आप माफ़ी मांग रहे है,,,,,,,,,,,,,,,,,,यकीन नहीं होता”
“मुन्ना हमारी मज़बूरी समझो,,,,,,,कल जो हुआ उसके बाद ऊपर से प्रेशर आ रहा है,,,,,,,,,,,,एक हफ्ते में हमे सस्पेंड करने के आर्डर मिल चुके है अगर विधायक जी नए कमिशनर सर से बात करके हमारा सस्पेंशन आर्डर रुकवा दे तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हम कसम खाते है आज के बाद ईमानदारी से अपना काम करेंगे और विधायक जी और उनकी फॅमिली से दूर रहेंगे”,किशोर ने मिमियाते हुए कहा
“लेकिन ये हुआ कैसे ?”,मुन्ना ने पूछा
“सब हमारी ही गलती है एक भले इंसान ने हमे उन सब लोगो के खिलाफ सबूत दिए और हमने उसी को धोखा दे दिया। बाकि सबके साथ साथ उसने नए कमिशनर को हमारे खिलाफ भी सबूत दे दिए,,,,,,,,,,,,,,,हमसे गलती हो गयी लेकिन अब हम ये गलती सुधारना चाहते है। मुन्ना तुम उनके बेटे हो तुम भी जानते हो ऐसे मामलो में थोड़ी बहुत पॉलिटिक्स चलती है”,किशोर ने कहा
मुन्ना ने अपने कुर्ते की बाजु ऊपर चढ़ाते हुए कहा,”हमे राजनीती बिल्कुल पंसद नहीं है”
किशोर ने सूना तो उसकी नजर मुन्ना के हाथ पर चली गयी जिस पर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था “महादेव”
Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53 Main Teri Heer – 53
तो क्या उस रात किशोर को फाइल देने वाला मुन्ना ही था ? क्या मुरारी करेगा किशोर की मदद और रुकवाएगा उसका सस्पेंशन आर्डर ? मुरारी को वापस मिलेंगे उसके 17 लाख या वो भी हो गए डोनेट ? जानने के लिए सुनते रहे “मैं तेरी हीर”
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 54
Read More – “मैं तेरी हीर” – 52
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संजना किरोड़ीवाल
Very beautiful
Fas gaya Munna kurte k baju upar krke….Dekh liya na Kishor ne Mahadev ka tatoo Munna k hatha par…Ab karwa lo maffi…Kishor munna k piche na pad jaye bas ab
Lekn itni acchi baat munna ne shivam or murari ko q nahi batayi, vansh ko is kaam ka credit to milna chahiye.
मैम पंतगबाजी तो अच्छी चल रहीं थीं…पर ये बीच में किशोर कहां से मांझा खींचने आ गया…वैसै महादेव देखकर भले जान गया हो कि वो लड़का मुन्ना हैं…तो भी कुछ नहीं करेगा…लेकिन अपनी नौकरी बचाने की बात अब वो जरूर करेगा…अगले भाग का इंतजार रहेगा मैम😊 superb part👌👌👌👌👌
♥♥♥♥
Mam murari k account m last part m..12 lakh the ..aj 17 lakh😁thoda sa jhol ho gya ..pdai m numerical values yad ni rhti but story m murari k account m pase ki value bdia yad h hme😉..baki to maza agya…
❤️❤️❤️❤️ awesome
😯😯😯😯 dkhte h ab kishore kya krega maafi maang k chup baithega ya ab Munna k piche lgega
Superb amazing interesting ossom
Yh sb kaand vansh n hi kiya tha lekin munna n bhi bhut bdi galti kr di kishore ko pta chl gya ki us din file munna n hi di thi
Very nice part 👌
Awesome part Vansh na tho Kamal he Kar diye hai. Munna Ka br main nhi pata chal Kishore ko I hope aisa na hoo 🤔🤔🤔🤔♥️♥️
Nice story
मुन्ना ने जानबूझ कर ऐसा किया ताकि किशोर को बता सके कि वो ही था। और उसके खिलाफ सारे सबूत उसी ने सब को दिये है। और किशोर जो हेल्प लेने आया है वो कभी नही करेगा और ना ही मुरारी को करने देगा
Bagut hi Aacha part
Mja aa gya mam padh k, superb superb superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌