“मैं तेरी हीर” – 30
Main Teri Heer – 30
Main Teri Heer – 30
अस्सी घाट के गलियारे में खड़ा शक्ति और काशी बारिश में भीग रहे थे। दोनों एक दूसरे की आँखों में इस कदर डूबे हुए थे की उन्हें होश ही नहीं रहा। काशी के सर से होकर आती पानी की बूंदे उसके सुर्ख होंठो पर ठहरती और फिर पानी में घुल जाती। शक्ति एकटक उसे देखे जा रहा था , जब बिजली कड़की तो उसे अहसास हुआ की वह काशी के करीब खड़ा है। शक्ति एकदम से पीछे हटा और फिर वहा से जाने लगा तो काशी ने उसके पीछे आते हुए कहा,”कम से कम अपना नाम तो बता दो ?”
शक्ति पलटा और कहा,”शक्ति”
“आपसे फिर मिलना हो तो कैसे मिले ? आपका कोई एड्रेस ?”,काशी ने फिर पूछा
“ये बनारस हमारा घर है और यहाँ के घाट है हमारा पता”,कहकर शक्ति वहा से चला गया। काशी मुस्कुरा उठी जिन अहसासो से वह गुजर रही थी उनसे अनजान नहीं थी उसके होंठ धीरे से बड़बड़ाये,”शक्ति”
चलते चलते शक्ति को लगा जैसे किसी ने उसे आवाज दी हो उसने पलटकर देखा काशी वही खड़े उसे देख रही थी। शक्ति का दिल फिर धड़का , उसने अपने गीले बालो में से हाथ घुमाया और तेज कदमो से वहा से चला गया।
उधर बारिश से बचने के लिए मुन्ना और पूजा अंदर चले आये। बिना मौसम की बरसात देखकर मुन्ना को भी अजीब लग रहा था लेकिन ये महादेव का शहर था और यहाँ सब मुमकिन था। मुन्ना और पूजा थोड़ा थोड़ा भीग
चुके थे। मुन्ना ने अपने जेब से रुमाल निकाली और अपना मुंह पोछने लगा , पास खड़ी पूजा प्यार से उसे देखते रही उसे लगा मुन्ना उसे भी अपना रुमाल देगा लेकिन मुन्ना तो मुन्ना ठहरा उसने अपना रुमाल वापस जेब में रखा और सामने से गुजरते रिक्शा को रोककर पूका से कहा,”लगता है मौसम खराब होने वाला है तुम घर चली जाओ”
बेचारी पूजा कहा वह इस रोमांटिक मौसम में मुन्ना के साथ चंद बातें करने का ख्वाब देख रही थी और मुन्ना ने उसे घर जाने को कह दिया। ऊपर से सीनियर था तो पूजा मना नहीं कर पाई। पूजा के जाने के बाद मुन्ना ने वंश को फोन लगाया,”कहा हो तुम तीनो ?”
“अरे यार मैं और अंजलि साथ है आगे वाले नुक्कड़ पर , और काशी ना दुपट्टा खरीदने गयी थी शायद बारिश की वजह से वही रुक गयी रुक मैं उसे फोन करता हूँ”,वंश ने कहते हुए मुन्ना का फोन काट दिया। उसने काशी को फोन मिलाने के लिए जैसे ही नंबर डॉयल किया उसकी नजर सामने बारिश में अपनी बाँहे फैलाये भीगती एक लड़की पर चली गयी। उस लड़की को देखते ही वंश को गौरी की याद आ गयी , पहली बार जब वह उस से मिला था तब उसने भी सफ़ेद रंग का सूट पहना था। वंश ने फोन अंजलि को थमा दिया और खुद सामने उस लड़की को देखते हुए उसकी तरफ चल पड़ा। अंजलि काशी को फोन लगाने लगी लेकिन नेटवर्क ना होने की वजह से फोन नहीं जा पाया। वंश उस लड़की की तरफ बढ़ता जा रहा था और अजीब बात ये थी की उस लड़की और वंश के अलावा बारिश में कोई भी नहीं भीग रहा था सब , टिन छपरा के निचे खड़े खुद को बारिश से बचा रहे थे।
अपने दुप्पटे को लहराते हुए वह लड़की बारिश में भीगती चली जा रही रही। वंश एकदम से आकर उसके सामने खड़ा हो गया और लहराते हुए उस लड़की का दुपट्टा वंश के चेहरे पर आ गिरा। वंश ने जैसे ही दुपट्टा हटाने के लिए हाथ अपने चेहरे की तरफ बढ़ाया लेकिन उसका हाथ अपने चेहरे से जा लगा , कोई दुपट्टा नहीं था न ही कोई लड़की थी। हैरानी से वंश ने इधर उधर देखा बस कुछ लोग थे जो वंश को देख रहे थे। उसने अपने दोनों हाथो को बालो में से घुमाते हुए आसमान की ओर देखा और आँखे मूँद ली। बारिश की वो ठंडी बुँदे उसके चेहरे को भीगा रही थी।
शक्ति जब आँखों से ओझल हो गया। काशी के होंठो पर मुस्कान तैर गयी जो की जाने का नाम नहीं ले रही थी। बारिश में भीगी काशी चमकदार आँखों से अस्सी घाट की खूबसूरती को निहार रही थी पास ही चाय की टपरी थी जहा रेडिओ पर कोई गाना बज रहा था और इस वक्त काशी के अहसासों को बयां कर रहा था।
“छन छन छनन छन छन छन , मन गाए क्यों
ओह्ह सन सन हवा सन सन लहराए क्यों”
गाने को सुन काशी अपने दुपट्टे को लहराते हुए बारिश में भीगने लगी और फिर गीले दुपटे को अपने चारो और लपेट लिया। काशी की आँखों के आगे शक्ति का चेहरा आने लगा वह मुस्कुरा कर जाने के लिए जैसे ही मुड़ी अपने पीछे खड़े राजन से जा टकराई , पिछले 5 मिनिट से राजन उसे देख रहा था जब काशी बेपरवाह सी बारिश में भीग रही थी। राजन खा जाने वाली नजरो से काशी के चेहरे को देखने लगा। राजन को वहा देखते ही काशी के चेहरे के भाव बदल गये , बारिश भी थोड़ी धीमी पड़ चुकी थी। काशी साइड से निकलने को हुई राजन उसके सामने आ गया और कुटिलता से मुस्कुराते हुए कहा,”घर जा रही हो , चलो हम छोड़ देते है”
“नो थैंक्यू”,कहकर काशी फिर साइड से जाने को हुई तो राजन बेशर्मो की तरह फिर उसके सामने आ गया और कहा,”सोचा था तुमसे कॉलेज इलेक्शन के बाद मिलेंगे लेकिन आज जब तुम्हे भीगते हुए देखा तो,,,,,,,,,,,,,,,उफ्फ्फ क्या लग रही थी तुम ? कसम से दिल आ गया है तुम पर ,, चलो हम छोड़ देते है इतनी बारिश में का अकेले जाओगी ?”
कहते हुए राजन ने काशी की नाजुक कलाई पकड़ ली। राजन के छूते ही काशी की भँवे तन गयी और चेहरे पर कठोरता उभर आयी उसने राजन की आँखों में देखते हुए कहा,”हमारा हाथ छोडो”
“अरे हम तो जिंदगीभर तुम्हारा हाथ थामने की सोच रहे है और तुम हो की छोड़ने की बातें कर रही हो”,राजन ने कुटिल मुस्कान के साथ कहा
“हमने कहा हमारा हाथ छोडो”,काशी ने एक एक शब्द पर जोर देते हुए कहा
“अरे इतना का भाव खा रही हो , बनारस की आधी लड़किया मरती है हम पर और हम है की तुम पे मर मिटे है। अब चलो”,राजन ने कहा
काशी ने आंव देखा न तांव खींचकर एक तमाचा राजन के गाल पर रसीद कर दिया। थप्पड़ की गूंज इतनी तेज थी की आस पास के लोगो का ध्यान भी उस तरफ चला गया। गुस्से से राजन तमतमा उठा , उसकी आँखे लाल हो गयी और चेहरे पर नफरत के भाव आ गए।
“आज के बाद दोबारा कभी हमारा रास्ता रोकने की कोशिश भी की तो वो हाल करेंगे तुम्हारा की हमे तो क्या बनारस की किसी भी लड़की को देखने से पहले 100 बार सोचोगे”,कहते हुए काशी जैसे ही जाने लगी राजन ने गुस्से से काशी का हाथ पकड़ा और उसकी पीठ से लगाते हुए नफरत और गुस्से से भरे भाव के साथ कहा,”राजन प्रताप सिंह नाम है हमारा , एक बार जो चीज हमे पसंद आ गयी उसे हम हासिल करके ही रहते है”
काशी राजन की पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन खुद को नहीं छुड़ा पाई , वही पास ही खड़े एक बुजुर्ग ने जब राजन को देखा तो आकर कहा,”ए राजनवा इह सब का है ? जे शिवम् भैया की बिटिया है छोडो इसे”
राजन ने जवाब ना देकर अपनी पेंट के पीछे रखी बंदूक निकाली और बुजुर्ग को दिखाते हुए कहा,”का चचा जिंदगी से प्यार नहीं है तुमको ?”
बुजुर्ग खामोश हो गया तो राजन ने बंदूक वापस रखी और काशी को अपने सामने करके कहा,”कान खोलकर सुन लो काशी गुप्ता हमारी नहीं तो किसी की नहीं होने देंगे तुमको”
कहते हुए राजन ने जैसे ही काशी को चूमने के लिए आगे बढ़ा एक जोरदार घुसा आकर उसके मुंह पर लगा। काशी ने देखा राजन को मारने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका भाई वंश है। काशी की आँखों में आंसू भर आये वंश ने काशी को अपने पीछे किया और राजन को घूरते हुए कहा,”काशी को छूने से पहले एक बार उसके बैकग्राउंड के बारे में जान लेता तो अच्छा होता राजन सिंह”
राजन के लड़को ने जैसे ही वंश को देखा चारो उसकी तरफ बढे तो राजन ने रुकने का इशारा किया और बेशर्मो की तरह मुस्कुराते हुए कहा,”अरे रुको होने वाला साला है अपना”
वंश ने सूना तो उसका खून खोल गया। उसने आगे बढकर राजन की कॉलर पकड़ ली और गुस्से से कहा,”मेरी बहन है वो समझा और ये मैं कभी बर्दास्त नहीं करूंगा राजन की तुझ जैसे घटिया आदमी की जुबान पर उसका नाम भी आये। दूर रह उस से”
“नहीं तो क्या ?”,राजन ने वंश के गुस्से को बढ़ाते हुए कहा , क्योकि आज जानता था वंश शार्ट टेम्पर है गुस्से में वह कोई ऐसी गलती जरूर करेगा जिस से वह खुद ही मुसीबत में फंस जाये। और वही हुआ वंश ने राजन के मुंह पर दो तीन घुसे और जड़ दिए वह आगे उसे मारता इस से पहले ही मुन्ना और अंजलि वहा पहुँच गए , मुन्ना ने आकर वंश को पीछे से पकड़ा और राजन से दूर किया
“मुन्ना छोड़ मुझे इसे जान से मार दूंगा मैं इसने मेरी बहन को छूने की कोशिश की इसकी हिम्मत कैसे हुई ? मैंने कहा ना छोड़ मुझे”,वंश ने मुन्ना की मजबूत पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए कहा
मुन्ना ठन्डे दिमाग वाला लड़का , उसने देखा आसपास बहुत सारे लोग है वह नहीं चाहता था की बात बढ़े इसलिए उसने राजन के आदमियों से राजन को वहा से लेकर जाने को कहा। राजन ने भी भीड़ देखकर वहा से निकलने में ही अपनी भलाई समझी और वहा से चला गया। वंश ने उसे जाते देखा तो मुन्ना से छूटकर गुस्से में जीप की तरफ चला आया , गुस्सा इतना था की वंश ने गाड़ी के बोनट पर एक घुसा दे मारा। अंजलि काशी का हाथ थामे हुए थी और दोनों शांत थी। मुन्ना वंश के पास आया और कहा,”निकल गया गुस्सा या अभी और बाकि है ?”
“तुम्हे बीच में नहीं आना चाहिए था मुन्ना , उसने काशी के साथ बदतमीजी की और ये मैं कभी बर्दास्त नहीं कर सकता की मेरी बहन को गन्दी नजर से भी देखे। उस राजन को मैं छोडूंगा नहीं”,वंश की आँखो में गुस्सा उबल रहा था
“गुस्सा हमे भी आता है वंश लेकिन इस तरह सबके बीच ये सब,,,,,,,,,,,वो तो चाहता ही है की तुम हाथ उठाओ। राजन के पापा और बड़े पापा की पहले से दुश्मनी है इसी बात का फायदा उठाकर तो राजन बार बार हमसे उलझता है। खैर छोडो ये सब बाते चलो घर चलते है”,मुन्ना ने वंश के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा तो वंश ने उसका हाथ झटक दिया और कहा,”तुम्हारी ये गांधीगिरी ना तुम्हे मुबारक मुन्ना”
कहकर वंश वहा से चला गया। मुन्ना समझ गया की इस वक्त वंश से कुछ भी कहना सही नहीं होगा इसलिए वह काशी के पास आया और कहा,”तुम ठीक हो ना काशी ?”
“हम ठीक है भैया लेकिन वंश भैया,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“चिंता मत करो , वो आ जाएगा चलो घर चलते है”,मुन्ना ने कहा
मुन्ना काशी और अंजलि को लेकर घर चला आया। मुन्ना ने जीप साइड में लगाईं और काशी अंजलि से अंदर जाकर कपडे बदलने को कहा। काशी और अंजलि अंदर चली आयी। बेचारी काशी जबसे बनारस आयी थी तबसे उसके साथ अच्छी और बुरी दोनों चीजे हो रही थी। अनु ने काशी और अंजलि को अपने कमरे में जाकर कपडे बदलने को कहा , साथ ही उन दोनों के लिए कपडे निकालकर भी रख दिए।
बाहर मुन्ना जीप के पास खड़ा घर के गार्डन एरिया में बैठे वंश को देख रहा था। गार्डन में पड़ी बेंच पर बैठा वंश खामोश नजरो से सामने घास को देख रहा था। मुन्ना कुछ देर उसे देखता रहा और फिर उसकी तरफ चला आया। बारिश रुक चुकी थी और माहौल में थोड़ी ठंड भी बढ़ चुकी थी। मुन्ना आकर वंश की बगल में बैठा और कहने लगा,”तुम गलत नहीं हो वंश तुमने जो किया वो बिल्कुल ठीक था , कोई हमारी बहन के लिए कुछ कहे और हम चुप रहे ये कभी नहीं हो सकता। इंदौर में काशी के दोस्त ने उसे छुआ तो हम दोनों ने उसे पीट दिया जानते हो क्यों ? क्योकि वो इंदौर था , और ये बनारस है यहाँ हमारे और तुम्हारे पापा की बहुत इज्जत है वंश। हमारा एक गलत कदम हमारे घरवालों की नजरो में हमे गिरा सकता है। तुम्हारा गुस्सा बहुत तेज है उस वक्त तुम्हे नहीं रोकते तो बहुत गलत हो जाता। वहा मौजूद लोग ये नहीं देखते की गलती किसकी है बस ये नजर आता की तुमने उसे पीटा,,,,,,,,,,,,,,अगर ये बात बड़े पापा तक जाती तो उन्हें अच्छा नहीं लगता वंश। बड़े पापा और प्रताप की दुश्मनी से तुम अनजान नहीं हो,,,,,,,,,,,,,,,,प्रताप की वजह से बड़े पापा पहले भी परेशान हो चुके है हम नहीं चाहते अब राजन तुम्हारी जिंदगी में कुछो गलत करे।।।
राजन ने जो किया उसकी सजा उसे काशी दे चुकी है और तुम भी,,,,,,,,,,,हमारी बहन इतनी भी कमजोर नहीं है वंश के राजन जैसे लोगो का सामना ना कर सके और फिर उसके भाई उसके साथ है।”
वंश ने ख़ामोशी से उसकी बात सुनी और कहा,”और क्या गारंटी है की राजन दोबारा ऐसा नहीं करेगा ?”
“गारंटी तो तुम्हारी भी नहीं है की तुम वो सब भूल जाओगे ,,!”,मुन्ना ने कहा तो वंश उसकी और देखने लगा और फिर कहा,”जो जैसा करेगा वैसा भरेगा ये जिंदगी का उसूल है। लेकिन मेरे उसूल थोड़े टेढ़े है जो जैसा करेगा वो ऐसा भरेगा की जिंदगीभर याद रखेगा”
कहते हुए वंश गुस्से से उठा और अंदर चला गया। मुन्ना ने एक गहरी साँस ली और उठकर वंश के पीछे चला आया।
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क्या वंश लेगा राजन से अपनी बहन की बेइज्जती का बदला , क्या मुन्ना रोक पायेगा वंश को ? क्या काशी को होने लगा है शक्ति से प्यार ? जानने के लिए सुनते/पढ़ते रहे “मैं तेरी हीर”
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – पार्ट 31
Read More – “मैं तेरी हीर” – 29
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संजना किरोड़ीवाल
शक्ति जब आँखों से ओझल हो गया। काशी के होंठो पर मुस्कान तैर गयी जो की जाने का नाम नहीं ले रही थी। बारिश में भीगी काशी चमकदार आँखों से अस्सी घाट की खूबसूरती को निहार रही थी पास ही चाय की टपरी थी जहा रेडिओ पर कोई गाना बज रहा था और इस वक्त काशी के अहसासों को बयां कर रहा था।
“छन छन छनन छन छन छन , मन गाए क्यों
ओह्ह सन सन हवा सन सन लहराए क्यों”
गाने को सुन काशी अपने दुपट्टे को लहराते हुए बारिश में भीगने लगी और फिर गीले दुपटे को अपने चारो और लपेट लिया। काशी की आँखों के आगे शक्ति का चेहरा आने लगा वह मुस्कुरा कर जाने के लिए जैसे ही मुड़ी अपने पीछे खड़े राजन से जा टकराई , पिछले 5 मिनिट से राजन उसे देख रहा था जब काशी बेपरवाह सी बारिश में भीग रही थी। राजन खा जाने वाली नजरो से काशी के चेहरे को देखने लगा। राजन को वहा देखते ही काशी के चेहरे के भाव बदल गये , बारिश भी थोड़ी धीमी पड़ चुकी थी। काशी साइड से निकलने को हुई राजन उसके सामने आ गया और कुटिलता से मुस्कुराते हुए कहा,”घर जा रही हो , चलो हम छोड़ देते है”
“नो थैंक्यू”,कहकर काशी फिर साइड से जाने को हुई तो राजन बेशर्मो की तरह फिर उसके सामने आ गया और कहा,”सोचा था तुमसे कॉलेज इलेक्शन के बाद मिलेंगे लेकिन आज जब तुम्हे भीगते हुए देखा तो,,,,,,,,,,,,,,,उफ्फ्फ क्या लग रही थी तुम ? कसम से दिल आ गया है तुम पर ,, चलो हम छोड़ देते है इतनी बारिश में का अकेले जाओगी ?”
कहते हुए राजन ने काशी की नाजुक कलाई पकड़ ली। राजन के छूते ही काशी की भँवे तन गयी और चेहरे पर कठोरता उभर आयी उसने राजन की आँखों में देखते हुए कहा,”हमारा हाथ छोडो”
“अरे हम तो जिंदगीभर तुम्हारा हाथ थामने की सोच रहे है और तुम हो की छोड़ने की बातें कर रही हो”,राजन ने कुटिल मुस्कान के साथ कहा
“हमने कहा हमारा हाथ छोडो”,काशी ने एक एक शब्द पर जोर देते हुए कहा
“अरे इतना का भाव खा रही हो , बनारस की आधी लड़किया मरती है हम पर और हम है की तुम पे मर मिटे है। अब चलो”,राजन ने कहा
काशी ने आंव देखा न तांव खींचकर एक तमाचा राजन के गाल पर रसीद कर दिया। थप्पड़ की गूंज इतनी तेज थी की आस पास के लोगो का ध्यान भी उस तरफ चला गया। गुस्से से राजन तमतमा उठा , उसकी आँखे लाल हो गयी और चेहरे पर नफरत के भाव आ गए।
“आज के बाद दोबारा कभी हमारा रास्ता रोकने की कोशिश भी की तो वो हाल करेंगे तुम्हारा की हमे तो क्या बनारस की किसी भी लड़की को देखने से पहले 100 बार सोचोगे”,कहते हुए काशी जैसे ही जाने लगी राजन ने गुस्से से काशी का हाथ पकड़ा और उसकी पीठ से लगाते हुए नफरत और गुस्से से भरे भाव के साथ कहा,”राजन प्रताप सिंह नाम है हमारा , एक बार जो चीज हमे पसंद आ गयी उसे हम हासिल करके ही रहते है”
काशी राजन की पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन खुद को नहीं छुड़ा पाई , वही पास ही खड़े एक बुजुर्ग ने जब राजन को देखा तो आकर कहा,”ए राजनवा इह सब का है ? जे शिवम् भैया की बिटिया है छोडो इसे”
राजन ने जवाब ना देकर अपनी पेंट के पीछे रखी बंदूक निकाली और बुजुर्ग को दिखाते हुए कहा,”का चचा जिंदगी से प्यार नहीं है तुमको ?”
बुजुर्ग खामोश हो गया तो राजन ने बंदूक वापस रखी और काशी को अपने सामने करके कहा,”कान खोलकर सुन लो काशी गुप्ता हमारी नहीं तो किसी की नहीं होने देंगे तुमको”
कहते हुए राजन ने जैसे ही काशी को चूमने के लिए आगे बढ़ा एक जोरदार घुसा आकर उसके मुंह पर लगा। काशी ने देखा राजन को मारने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका भाई वंश है। काशी की आँखों में आंसू भर आये वंश ने काशी को अपने पीछे किया और राजन को घूरते हुए कहा,”काशी को छूने से पहले एक बार उसके बैकग्राउंड के बारे में जान लेता तो अच्छा होता राजन सिंह”
राजन के लड़को ने जैसे ही वंश को देखा चारो उसकी तरफ बढे तो राजन ने रुकने का इशारा किया और बेशर्मो की तरह मुस्कुराते हुए कहा,”अरे रुको होने वाला साला है अपना”
वंश ने सूना तो उसका खून खोल गया। उसने आगे बढकर राजन की कॉलर पकड़ ली और गुस्से से कहा,”मेरी बहन है वो समझा और ये मैं कभी बर्दास्त नहीं करूंगा राजन की तुझ जैसे घटिया आदमी की जुबान पर उसका नाम भी आये। दूर रह उस से”
“नहीं तो क्या ?”,राजन ने वंश के गुस्से को बढ़ाते हुए कहा , क्योकि आज जानता था वंश शार्ट टेम्पर है गुस्से में वह कोई ऐसी गलती जरूर करेगा जिस से वह खुद ही मुसीबत में फंस जाये। और वही हुआ वंश ने राजन के मुंह पर दो तीन घुसे और जड़ दिए वह आगे उसे मारता इस से पहले ही मुन्ना और अंजलि वहा पहुँच गए , मुन्ना ने आकर वंश को पीछे से पकड़ा और राजन से दूर किया
“मुन्ना छोड़ मुझे इसे जान से मार दूंगा मैं इसने मेरी बहन को छूने की कोशिश की इसकी हिम्मत कैसे हुई ? मैंने कहा ना छोड़ मुझे”,वंश ने मुन्ना की मजबूत पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए कहा
मुन्ना ठन्डे दिमाग वाला लड़का , उसने देखा आसपास बहुत सारे लोग है वह नहीं चाहता था की बात बढ़े इसलिए उसने राजन के आदमियों से राजन को वहा से लेकर जाने को कहा। राजन ने भी भीड़ देखकर वहा से निकलने में ही अपनी भलाई समझी और वहा से चला गया। वंश ने उसे जाते देखा तो मुन्ना से छूटकर गुस्से में जीप की तरफ चला आया , गुस्सा इतना था की वंश ने गाड़ी के बोनट पर एक घुसा दे मारा। अंजलि काशी का हाथ थामे हुए थी और दोनों शांत थी। मुन्ना वंश के पास आया और कहा,”निकल गया गुस्सा या अभी और बाकि है ?”
“तुम्हे बीच में नहीं आना चाहिए था मुन्ना , उसने काशी के साथ बदतमीजी की और ये मैं कभी बर्दास्त नहीं कर सकता की मेरी बहन को गन्दी नजर से भी देखे। उस राजन को मैं छोडूंगा नहीं”,वंश की आँखो में गुस्सा उबल रहा था
“गुस्सा हमे भी आता है वंश लेकिन इस तरह सबके बीच ये सब,,,,,,,,,,,वो तो चाहता ही है की तुम हाथ उठाओ। राजन के पापा और बड़े पापा की पहले से दुश्मनी है इसी बात का फायदा उठाकर तो राजन बार बार हमसे उलझता है। खैर छोडो ये सब बाते चलो घर चलते है”,मुन्ना ने वंश के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा तो वंश ने उसका हाथ झटक दिया और कहा,”तुम्हारी ये गांधीगिरी ना तुम्हे मुबारक मुन्ना”
कहकर वंश वहा से चला गया। मुन्ना समझ गया की इस वक्त वंश से कुछ भी कहना सही नहीं होगा इसलिए वह काशी के पास आया और कहा,”तुम ठीक हो ना काशी ?”
“हम ठीक है भैया लेकिन वंश भैया,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“चिंता मत करो , वो आ जाएगा चलो घर चलते है”,मुन्ना ने कहा
मुन्ना काशी और अंजलि को लेकर घर चला आया। मुन्ना ने जीप साइड में लगाईं और काशी अंजलि से अंदर जाकर कपडे बदलने को कहा। काशी और अंजलि अंदर चली आयी। बेचारी काशी जबसे बनारस आयी थी तबसे उसके साथ अच्छी और बुरी दोनों चीजे हो रही थी। अनु ने काशी और अंजलि को अपने कमरे में जाकर कपडे बदलने को कहा , साथ ही उन दोनों के लिए कपडे निकालकर भी रख दिए।
बाहर मुन्ना जीप के पास खड़ा घर के गार्डन एरिया में बैठे वंश को देख रहा था। गार्डन में पड़ी बेंच पर बैठा वंश खामोश नजरो से सामने घास को देख रहा था। मुन्ना कुछ देर उसे देखता रहा और फिर उसकी तरफ चला आया। बारिश रुक चुकी थी और माहौल में थोड़ी ठंड भी बढ़ चुकी थी। मुन्ना आकर वंश की बगल में बैठा और कहने लगा,”तुम गलत नहीं हो वंश तुमने जो किया वो बिल्कुल ठीक था , कोई हमारी बहन के लिए कुछ कहे और हम चुप रहे ये कभी नहीं हो सकता। इंदौर में काशी के दोस्त ने उसे छुआ तो हम दोनों ने उसे पीट दिया जानते हो क्यों ? क्योकि वो इंदौर था , और ये बनारस है यहाँ हमारे और तुम्हारे पापा की बहुत इज्जत है वंश। हमारा एक गलत कदम हमारे घरवालों की नजरो में हमे गिरा सकता है। तुम्हारा गुस्सा बहुत तेज है उस वक्त तुम्हे नहीं रोकते तो बहुत गलत हो जाता। वहा मौजूद लोग ये नहीं देखते की गलती किसकी है बस ये नजर आता की तुमने उसे पीटा,,,,,,,,,,,,,,अगर ये बात बड़े पापा तक जाती तो उन्हें अच्छा नहीं लगता वंश। बड़े पापा और प्रताप की दुश्मनी से तुम अनजान नहीं हो,,,,,,,,,,,,,,,,प्रताप की वजह से बड़े पापा पहले भी परेशान हो चुके है हम नहीं चाहते अब राजन तुम्हारी जिंदगी में कुछो गलत करे।।।
राजन ने जो किया उसकी सजा उसे काशी दे चुकी है और तुम भी,,,,,,,,,,,हमारी बहन इतनी भी कमजोर नहीं है वंश के राजन जैसे लोगो का सामना ना कर सके और फिर उसके भाई उसके साथ है।”
वंश ने ख़ामोशी से उसकी बात सुनी और कहा,”और क्या गारंटी है की राजन दोबारा ऐसा नहीं करेगा ?”
“गारंटी तो तुम्हारी भी नहीं है की तुम वो सब भूल जाओगे ,,!”,मुन्ना ने कहा तो वंश उसकी और देखने लगा और फिर कहा,”जो जैसा करेगा वैसा भरेगा ये जिंदगी का उसूल है। लेकिन मेरे उसूल थोड़े टेढ़े है जो जैसा करेगा वो ऐसा भरेगा की जिंदगीभर याद रखेगा”
कहते हुए वंश गुस्से से उठा और अंदर चला गया। मुन्ना ने एक गहरी साँस ली और उठकर वंश के पीछे चला आया।
As always superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌👌👌
Bahut hi jabardast part
ये राजन तो कतई छिछोरपनती पर उतर आया है…मार खाने के बाद भी बद्तमीजी…हां वो लड़कों का ईगो जो हर्ट हो जाता है, जो लड़की चाटा मारें या उसका प्रपोजल से इंकार जो कर दें…अगर यहां शक्ति होता तो शायद वो राजन को सबक सिखाता…पर क्या पथा सब देखा हो…सबकुछ हो सकता है…सेड फील फार काशी…
Bhut hi interesting hoti ja rhi h story ek tarah jahanvanshm bhut hi gussa h wshi munna shaanti se soch samajhkr faisla leta h vansh n raajan ki pitaai kr di ab woh koi badi chaal chlega
Nice story
Very beautiful
Superb part 👌 👏 👍 😀
Very nice part 👌
Ye Rajan to sala apni kabar khud khod rha hh pr ye sb bhut risky hone wala h pta nhi ab kon kya krega…kher hum to sb pdh lenge🤣🤣 kya hoga kya nhi ye mam sochegii😝😝
Nice part
Rajan maar khayega ye to pakka tha but itni jaldi pitega ye nhi pata tha, ye baat khtm to nhi hone wali kundali marne agya h rajan kashi ki life me.
Munna ki ki nazar abhi vansh ke hath par nahi gayi or vansh me kab sudhar aayega
Jab apni bahen ki bat aayi to vansh ko bahut gussa aaya par jab khud ladkiyon ke sath flart karta hai to use kuchh bhi feel nahi hota
nice excellent superb part mam