मैं तेरी हीर – 11
Main Teri Heer – 11
Main Teri Heer – 11
मुन्ना वंश को लेकर एयरपोर्ट पहुंचा। मुन्ना ने देखा आज वंश के चेहरे पर चमक रोजाना से कुछ ज्यादा थी और उसकी आँखों में एक अलग ही ख़ुशी नजर आ रही थी। मुन्ना ने गाड़ी से वंश के बैग्स उतारे और सबको एक साथ रखकर कहा,”इन्हे देखकर तो लग रहा है जैसे तूने पूरा कबर्ड ही इनमे भर लिया है। वैसे तू वापस बनारस तो आएगा न या वही बसने का इरादा है।”
“अरे बिल्कुल मुन्ना ! मैं जल्दी वापस आऊंगा और मुंबई में मैं सबसे ज्यादा तुझे ही मिस करने वाला हूँ।”,वंश ने अपने फोन का कैमेरा ऑन करके मुन्ना के साथ सेल्फी लेते हुए कहा।
“हम भी तुम्हे बहुत मिस करेंगे , और हाँ मुंबई जाकर किसी से झगड़ा नहीं करना , किसी अजनबी पर भरोसा नहीं करना और हाँ अपना ख्याल रखना।
टाइम से खाना और वक्त पर सोना , खूब मेहनत करना और अपने सब सपने पुरे करना , हम तुम्हे ऊपर बहुत ऊपर देखना चाहते है। जब सफल होकर तुम वापस बनारस आओगे तो सबसे ज्यादा ख़ुशी हमे होगी।”,मुन्ना ने वंश को गले लगाते हुए कहा
ये देखकर वंश थोड़ा इमोशनल भी हो गया , भाई होकर भी मुन्ना उसके बारे में कितना सोचता था।
वंश ने मुन्ना को और कसकर गले लगा लिया और कहा,”ओह्ह्ह मुन्ना तुम कितने इमोशनल हो , पता है इस वक्त तुम बिल्कुल माँ जैसे लग रहे हो और हां मैं ऊपर जाना चाहता हूँ बहुत ऊपर लेकिन तूम से ऊपर नहीं,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने सूना तो वंश से दूर हटा और हैरानी से कहा,”ये क्या बात हुई , भला हम से ऊपर क्यों नहीं ?”
“क्योकि तू मेरा बड़ा भाई है , हाँ 25 मिनिट ही सही लेकिन बड़े तो हो ना तो बड़ा भाई होने के नाते मैं तुम्हारे लिए इतना बलिदान तो कर ही सकता हूँ।”,वंश ने इतराते हुए कहा
“अगर ऐसा है तो फिर एक बार हमे “भैया” कहकर बुलाओ।”,मुन्ना ने खुश होकर कहा
“भ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट मैं क्यों तुम्हे भैया कहकर बुलाऊ , तुम इतने बड़े भी नहीं हो। जाओ मैं नहीं बुलाता ये भैया वैया,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने अपना सामान ट्रॉली पर रखते हुए कहा
मुन्ना ने सूना तो अगले ही पल उसका मुंह बन गया और उसने कहा,”तुम कितने भी बड़े हो जाओ रहोगे बच्चे ही , अब जाओ तुम्हारी फ्लाइट का वक्त हो गया है , मुंबई पहुंचकर फोन करना।”
वंश ने सुना तो मुस्कुराया और एक बार फिर मुन्ना को गले लगाकर जाते हुए कहा,”तुम भी अपना ख्याल रखना और हाँ बंगलौर जाने से पहले गौरी से जरूर मिलना !”
मुन्ना वंश को देखकर हाथ हिलाते रहा और कुछ देर बाद ही वंश अपने सामान के साथ मुन्ना की आँखों से ओझल हो गया।
वंश के जाने के बाद मुन्ना पार्किंग में खड़ी अपनी जीप के पास आया और अंदर आ बैठा उसने जीप स्टार्ट की लेकिन आगे नहीं बढ़ा पाया।
मुन्ना अपनी ही सोच में उलझकर रह गया। जीप में बैठा बैठा मुन्ना खुद में ही बड़बड़ाने लगा,”ये वंश को हमे भैया बुलाने में क्या दिक्कत है आखिर है तो हम उस से बड़े ही , अब 25 मिनिट ही क्यों न हो ? लेकिन बड़े तो है ना। खैर वो हमे भैया कहे या न कहे हम हमेशा उसे बड़े भाई की तरह ही सपोर्ट करेंगे।”
मुन्ना मुस्कुराया और फिर जीप आगे बढ़ा दी। आते टाइम मुन्ना वंश के साथ था इसलिए रास्ते का पता ही नहीं चला लेकिन जाते वक्त वह अकेला था और ये रास्ते उसे काटने को दौड़ रहे थे।
अपने इस अकेलेपन से बचने के लिए मुन्ना ने गौरी का नंबर डॉयल किया और कॉल को स्पीकर पर डाल दिया। कुछ देर रिंग जाने के बाद गौरी ने फोन उठाया और ऊंघते हुए कहा,”हेलो गुड मॉर्निंग।”
“हम्म्म गुड मॉर्निंग मिस गौरी , तुम अभी तक सो रही हो ?”,मुन्ना ने पूछा
“अहम्म्म्म अभी तो सिर्फ 9 बजे है और तुम इतनी जल्दी उठकर क्या करते हो ,, तुम्हे भी मेरी तरह देर तक सोना चाहिए सुबह की नींद कितनी अच्छी होती है।”,गौरी ने बिस्तर पर इधर उधर लौटते हुए कहा।
“शुक्रिया पर हम अब इतने पागल नहीं हुए है।”,मुन्ना ने गौरी की टांग खींचते हुए कहा
“हहहहह तो क्या मैं तुम्हे पागल लगती हूँ ?”,गौरी ने एकदम से उठकर बैठते हुए कहा
“हाँ थोड़ी सी,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने कहा
“जाओ मैं तुम से बात नहीं करती,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा और जैसे ही फोन काटने को हुई दूसरी तरफ से मुन्ना ने कहा,”अच्छा सुनो !”
“अब क्या है ?”,गौरी ने चिढ़ते हुए कहा
“हमने तुम्हे फोन किया क्योकि हमे तुम्हारी याद आ रही थी।”,मुन्ना ने बड़े ही प्यार से कहा
मुन्ना की बात सुनकर गौरी पिघल गयी लेकिन अगले ही पल कहा,”झूठ तुम्हे कोई याद वाद नहीं आ रही तुम अकेले होंगे और बोर हो रहे होंगे इसलिए तुमने मुझे फोन किया , लेकिन अब मैं तुम से गुस्सा हूँ,,,,,,,,,,,बाय।”
“गौरी , गौरी , अरे सुनो तो , हम बस , गौ,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना कहता ही रह गया और गौरी ने फोन काट दिया
मुन्ना मुस्कुराया और कहा,”ये लड़की भी ना इसे समझना मुश्किल है , हमारी पूरी बात भी नहीं सुनी और फोन काट दिया। क्या होगा तुम्हारा गौरी शर्मा,,,,,,?”
मुन्ना का कॉल कट कर गौरी ने फोन अपने होंठो से लगा लिया और बड़बड़ाने लगी,”अब पता चलेगा तुम्हे मानवेन्द्र मिश्रा कि नाराजगी किसे कहते है ? सुबह सुबह इस आदमी को मैं ही मिली बुद्दू बनाने के लिये,,,,,,,,देखना अभी कॉल आता होगा उसका और कैसे वो सॉरी सॉरी बोलता है , लेकिन आज मैं भी तुम्हे माफ़ नहीं करुँगी मान , बहुत सताते हो ना मुझे अब बताती हूँ तुम्हे गौरी शर्मा क्या चीज है ?”
उधर मुन्ना जीप चलाते हुए आगे बढ़ता रहा और इधर गौरी उसके फोन का इंतजार करते हुए कमरे में टहलती रही लेकिन ये क्या मुन्ना ने गौरी को वापस फोन ही नहीं किया। कमरे में टहलते हुए गौरी रुकी और फोन की स्क्रीन देखकर बड़बड़ाई,”हाह ये क्या ? वो मुझे वापस फोन क्यों नहीं कर रहा ? मुझे लगा वो फोन करेगा और सॉरी बोलेगा लेकिन ऐसा तो कुछ नहीं हुआ , उसकी तो मैं,,,,,,,,,,,,,!!
मुन्ना का फोन ना आने पर गौरी ने खुद से ही मुन्ना का नंबर डॉयल किया और कहा यहाँ वहा टहलने लगी
मुन्ना का फोन बजा स्क्रीन पर गौरी का नाम देखकर मुन्ना मुस्कुराया और फोन स्पीकर पर डाल दिया। मुन्ना कुछ कहता इस से पहले ही गौरी बिफर पड़ी और कहा,”तुमने मुझे वापस फोन क्यों नहीं किया ?”
“तुमने कहा तुम मुझसे नाराज हो ?”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“तो ?”,गौरी ने कहा
“तो क्या ?”,मुन्ना ने कहा
“तो तुम्हे मुझे वापस फोन करना चाहिए और मुझे मनाना चाहिए और क्या ?”,गौरी ने कहा
“ये सब हमे नहीं आता,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“अह्ह्ह तुम कितने अजीब हो मान मिश्रा , तुम्हारी फियोंसी तुम से नाराज है और तुम उसे मनाना भी नहीं चाहते , तुम इतने पत्थर दिल कैसे हो सकते हो ?”,गौरी ने गुस्से से कहा
“अच्छा ठीक है तुम ही बताओ हम क्या करे ?”,मुन्ना ने कहा
“अभी के अभी मुझे फोन करो और सॉरी कहो।”,कहकर गौरी ने फोन काट दिया
“ये लड़की सच में अजीब है,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने फोन की स्क्रीन देखकर कहा और फिर गौरी का नंबर डॉयल किया। एक रिंग के बाद ही गौरी ने फोन उठा लिया और बहुत ही सभ्यता से कहा,”हेलो !”
“आई ऍम सॉरी , हमे तुम से इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए थी हमे माफ़ कर दो।”,मुन्ना ने कहा
“अहम्म्म्म इटस ओके।”,गौरी ने बड़े ही प्यार से कहा जैसे कुछ हुआ ही ना हो
“अच्छा ये बताओ तुम इतनी देर तक क्यों सो रही थी ?”,मुन्ना ने बात बदलते हुए कहा
“क्योकि कल रात मैं देर से सोई थी।”,गौरी ने बाथरूम की तरफ जाते हुए कहा
“और देर तक जागने की वजह ?”,मुन्ना ने जीप का स्टेयरिंग घुमाते हुए पूछा
“एक्चुली मैं बैंक से रिलेटड स्टडी कर रही थी , हमारी सगाई के बाद मम्मा मुझे अपने ही बैंक में रिकमंड करना चाहती है।”,गौरी ने ब्रश पर टूथपेस्ट निकालते हुए कहा
“हम्म ये अच्छा है इस से तुम्हारा नॉलेज बढ़ेगा।”,मुन्ना ने कहा
“हाँ तुम इंदौर कब आ रहे हो ? काशी बता रही थी नानू का बिजनेस सम्हालने तुम इंदौर आ रहे हो। “,गौरी ने अपने दांतो की सफाई करते हुए कहा
“हम थोड़ा कन्फ्यूज है गौरी पापा चाहते है हम बंगलौर जाये उनके दोस्त के पास और नानाजी चाहते है हम इंदौर जाये तो हम समझ नहीं पा रहे है पापा को मना करे या नानाजी को,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“ओह्ह्ह मेरे हिसाब से तुम्हे अंकल को ही मना कर देना चाहिए वैसे भी वो बहुत अच्छे है तुम्हारी बात को कभी ना नहीं कहेंगे।”,गौरी ने कहा
गौरी के मुंह से अपने पापा के लिए अंकल सुनकर मुन्ना मुस्कुराया और कहा,”गौरी क्या शादी के बाद भी तुम पापा को अंकल बुलाने वाली हो ?”
“अह्ह्ह्ह मान मैं क्या कह रही थी तुम ना नानू को ना बोल दो और बंगलौर ही जाओ इस से अंकल खुश हो जायेंगे।”,गौरी ने एकदम से मुन्ना के सवाल को नजरअंदाज करके कहा
ना जाने क्यों गौरी पापा नाम सुनते ही एकदम से इमोशनल हो जाया करती थी। वह किसी और को अपने पापा की जगह कभी देना नहीं चाहती थी शायद इसलिए जब भी मुरारी को पापा बोलने की बात आती या तो गौरी गुस्सा हो जाती या बात ही बदल देती
मुन्ना गौरी से आगे बात कर पाता इस से पहले ही मुन्ना को एकदम से ब्रेक लगाना पड़ा और उसने कहा,”गौरी हम तुम्हे बाद में फोन करते है , अपना ख्याल रखना।”
“हाँ ठीक है बाय , लव यू,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा और फोन काट दिया लेकिन अगले ही पल फोन पर काशी का मैसेज आया जिसे देखकर गौरी ने कहा,”हे भगवान !
मैं तो भूल ही गयी शक्ति ने आज सबको अपने नए घर में नाश्ते के इन्वाइट किया था। ओह्ह्ह मुझे जल्दी निकलना होगा,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए गौरी ने अपना फोन बिस्तर पर फेंका और कपडे लेने कबर्ड की तरफ भागी।
मुंबई , नवीन का घर
निशि अपने कमरे में सो रही थी तभी डोर बेल बजी। डोरबेल से निशि की नींद टूटी और उसने तकिया अपने कानो पर रखकर डोरबेल को इग्नोर कर दिया। अगले ही पल डोरबेल फिर बजी और निशि को उठना पड़ा। निशि उठी और कमरे से बाहर आयी डोरबेल लगातार बजते ही जा रही थी और साथ ही निशि के कानो में भी चुभ रही थी।
“मम्मा , डेड , कहा है आप लोग ?”,सीढ़ियों से उतरते हुए निशि ने आवाज दी लेकिन ना नवीन वहा था ना ही मेघना।
निशि को हैरानी के साथ साथ चिढ भी हुई। वह नीचें आयी और दरवाजे की तरफ जाते हुए कहा,”ये कौन सरफिरा है जो बेल बजाये जा रहा है ?”
निशि ने गुस्से से दरवाजा खोला और जैसे ही सामने खड़े शख्स को देखा उसका गुस्सा सांतवे आसमान पर जा पहुंचा और उसने कहा,”तुम ?”
“हाय गुड मॉर्निंग,,,,,,,,,,!!”,सामने खड़े वंश ने मुस्कुराते हुए कहा
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,निशि ने गुस्से से कहा
“ऑफ़कोर्स तुम से मिलने आया हूँ,,,,,,,,!”,वंश ने अंदर आते हुए कहा और घर में किसी को ना देखकर निशि की तरफ पलटकर कहा,”अंकल आंटी कहा है ? कही नजर नहीं आ रहे , बाहर गए है क्या ?”
“वो कही भी गए हो तुम्हे क्या ? अपना सामान उठाओ और निकलो यहाँ से,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने वंश के सामने आकर गुस्से से कहा
“ए ए ए कूल डाउन तुम इतना गुस्से में क्यों हो ? एक सेकेण्ड गुस्सा तो मुझे होना चाहिए , तुम मुझे बिना बताये मुंबई चली आयी ,, क्या तुम मेरा इंतजार नहीं कर सकती थी ? हाँ बोलो,,,,,,!!”,वंश ने भी निशि के करीब आकर घूरते हुए कहा
“अच्छा इसमें भी मेरी गलती है , मैंने तुम्हे बताया था लेकिन तुम चिरकुट , तुम्हे अपनी नींद ज्यादा प्यारी है समझे तुम,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने भी लगभग वंश पर चढ़ते हुए कहा
“क्या ? क्या कहा तुमने मुझे ? चिकुट,,,,,,,,,,!!”,वंश ने गुस्से से पूछा
“हाँ चिरकुट,,,,!!”,निशि ने भी उसी अंदाज में कहा
“मैं क्या तुम्हे चिरकुट दिखता हूँ ?”,वंश ने पूछा
“हाहाहाहा दिखते क्या तुम चिरकुट हो , चिरकुट चिरकुट चिरकुट,,,,,,,,,,,,समझे।”,निशि ने वंश का मजाक उड़ाते हुए कहा
“देखो तुमने एक और बार मुझे चिरकुट कहा ना तो मैं तुम्हे,,,,,,,,,,,,,!”,वंश ने गुस्से से कहा
“क्या तुम्हे ? मेरे डेड के घर में खड़े होकर तुम मुझे धमकी दे रहे हो ?”,निशि ने कहा
“अगर मैं चिरकुट हूँ तो तुम भी छिपकली हो,,,,,,,,,,,,,हुंह दुम कटी छिपकली,,,,,,,,,,!!”,वंश ने भी निशि का मजाक उड़ाते हुए कहा
“तुमने मुझे छिपकली कहा तुम्हे तो मैं,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निशि नेइधर उधर देखा और टेबल पर रखा फ्लावर पॉट उठाकर वंश पर फेंक दिया। गनीमत था वंश नीचें झुक गया और पॉट जाकर सामने दिवार पर जा लगा।
“ए ये क्या कर रही हो ? पागल हो गयी हो क्या लग जाएगा,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने निशि को रोकने की कोशिश करते हुए कहा
निशि वंश को मारने आगे बढ़ी लेकिन उसका पैर फिसला और जैसे ही गिरने को हुई वंश उसे बचाने के लिये आगे बढ़ा लेकिन बेचारे वंश की बुरी किस्मत वह निशि को बचाता इस से पहले ही उसे लेकर सोफे पर आ गिरा।
निशि वंश की बांहो में थी और इस वक्त वंश की धड़कने सामान्य से तेज वह एकटक निशि की आँखों में देखे जा रहा। धीरे धीरे निशि का गुस्सा भी शांत हो गया और वह वंश की आँखों में देखने लगी। अगले ही पल वंश ने अपने होंठो से जैसे ही निशि के होंठो को छुआ निशि चिल्लाई,,,,,,,,,,,,,,!!”
“निशि , निशि क्या हुआ बेटा ? तुम चीखी क्यों ? तुमने कोई बुरा सपना देखा क्या ?”,मेघना ने सोफे पर लेटी निशि के पास आकर कहा।
निशि ने देखा वह सोफे पर है उसने घर में इधर उधर देखा मेघना के अलावा वहा कोई नहीं था। निशि ने देखा सामने दिवार पर लगी घडी में दोपहर के 2 बज रहे थे। अब तो निशि का सर चकराने लगा था कुछ देर पहले जो हुआ तब सुबह थी और अब एकदम से दोपहर,,,,,,,,,,,,,उसने घबराकर मेघना को देखा और कहा,”मम्मा घर पर कोई आया था क्या ?”
“नहीं घर पर तो कोई नहीं आया हाँ पड़ोस वाली आंटी जरूर आयी थी कुछ काम से लेकिन वो तो दरवाजे से ही वापस चली गयी। क्या हुआ बेटा तुमने कोई बुरा सपना देखा क्या ?”,मेघना ने निशि की चिंता करते हुए कहा
“अह्ह्ह हाँ शायद वो सपना ही था , एक बहुत बुरा सपना,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा वह अब भी वंश के बारे में सोच रही थी
“तुम उठो और मुँह धो लो मैं तुम्हारे लिए खाना लगा देती हूँ।”,कहते हुए मेघना किचन की तरफ चली गयी।
जो कुछ हुआ वो सपना ही था वंश नवीन के घर नहीं आया था। निशि उठी और वाशबेसिन की तरफ चली आयी। उसने अच्छे से अपना मुंह धोया और तोलिये से पोछते हुए हॉल में चली आयी। निशि अपना मुंह पोछ ही रही थी कि तभी डोरबेल बजी
“निशि जरा देखना दरवाजे पर कौन है ?”,किचन से मेघना ने आवाज दी
डोरबेल सुनकर निशि का दिल धड़कने लगा
धड़कते दिल के साथ निशि ने जैसे ही दरवाजा खोला सामने खड़े धोबी ने कहा,”दीदी कपडे दे दीजिये।”
“जी भैया,,,,,,,,,,,,,!!”,कहकर निशि जाने के लिये पलटी और एक गहरी साँस लेकर मन ही मन कहा,”शायद वो सपना ही था,,,,,,,,,,,!!!”
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संजना किरोड़ीवाल
Oo baba re… bechari Nishi…🤣😂
Ab sapna sach hone wala hai nishi
Vansh babu raste mein hai or kabhi bhi
Prakat ho sakte hai 😆
Yeh Gauri ka bachapne wali kafi mazedaar hoti hai…bechra Munna ka kya hoga ..lakin asal baat to yeh hai ki jab Munna ko Gauri k papa Wale puri baat pta chalegi to wo kaise react Karega….
Bechari nishi Sapna dekh rhi thi🥰🥰🥰🥰🥰🥰
Kitna pyaara sapna tha Nishi ka
Munna aur Gauri ki jodi ekdam mast aur kamal ki hai per lagta hai ab Vansh aur Nishi ki jodi bi zabardast hogi..aur Nishi ka sapna mast hai aur voh Vansh se gussa hai phir bi usse Vansh ke ane ka intazaar hai..nice part Maam♥♥