Main Teri Heer – 8
Main Teri Heer – 8
निशि ने दरवाजा वंश के मुंह पर बंद कर दिया तो वंश के पीछे खड़े मुन्ना ने कहा,”लगता है वो तुम से कुछ ज्यादा ही खफा है , वैसे हम लोग यहाँ क्यों आये है ?”
“ऑफकोर्स उस छिपकली को मनाने , वरना के.डी. मुझे उस सीरीज में वापस कभी नहीं लेगा”,वंश ने रोआँसा होकर कहा
“और तुम्हे लगता है तुम इस तरह बदतमीजी से पेश आओगे तो वो तुम्हारी बात मान जायेगी,,,,,!!”,मुन्ना ने वंश की तरफ देखकर कहा
“उसे मैं मना लूंगा पहले वो दरवाजा तो खोले,,,,,,,!!”, कहकर वंश ने एक बार फिर से बेल बजा दी
बेल लगातार बजते देखकर नवीन ने कहा,”क्या हुआ निशि ? तुम दरवाजा क्यों नहीं खोल रही हो ?”
“अह्ह्ह्ह पापा वो दरवाजे पर कोई सेल्समेन है , फालतू में परेशान करेगा”,निशि ने झूठ कहा इतने में मेघना किचन से आयी और दरवाजा खोला तो देखा सामने वंश और एक नया लड़का खड़ा है। वंश को देखते ही मेघना खुश हो गयी और कहा,”अरे वंश ! तुम यहाँ ? बाहर क्यों खड़े हो अंदर आओ ना,,,,,,,,!!”
वंश मुन्ना के साथ अंदर आया तो निशि ने गुस्से से वंश को घुरा , वह कुछ कहती इस से पहले ही नवीन उठकर आया और कहा,”अरे वंश तुम,,,,,,,,,,,अब तुम्हारी तबियत कैसी है ?”
“मैं ठीक हूँ अंकल आप लोग कैसे है ? मैंने आपको और आंटी को बहुत मिस किया,,,,,,,,,,,,और आंटी के हाथो से बनी कॉफी को तो मैं रोज मिस करता हूँ।”,वंश ने कहा
“एक नंबर का झूंठा और चालबाज इंसान है ये,,,,,,,,,,, आई नो ऐसे ही मीठी मीठी बाते करके इसने मम्मी पापा को फंसाया है तभी तो पापा ने इसे कुछ नहीं कहा”,निशि ने मन ही मन खीजते हुए कहा
नवीन को मुन्ना की ओर देखते पाकर वंश ने कहा,”अंकल ये मुन्ना है , मेरा भाई , मुरारी चाचा का बेटा,,,,,,,,,,!!”
“नमस्ते,,,,,,!!”,मुन्ना ने हाथ जोड़कर मेघना और नवीन को नमस्ते करते हुए कहा
“नमस्ते बेटा , मुरारी जी तो मुंबई में एक बार मिले है हम , लेकिन तुम से पहली बार मिल रहे है। तुम दोनों खड़े क्यों हो आओ ना बैठो,,,,,!!”,नवीन वंश और मुन्ना को लेकर हॉल में पड़े सोफे की तरफ ले आया और उन्हें बैठने को कहा।
मेघना भी खाली पड़े सोफे पर आ बैठी , निशि को भला ये कहा मंजूर था कि वंश उसके ही घर में उसकी आँखों के सामने रहे।
कोचिंग जाने से नवीन उसे मना कर चुका था इसलिये वह ऊपर अपने कमरे में जाने लगी।
“निशि ! कहा जा रही हो ? वंश और मुन्ना आये है उनके लिये पानी ले आओ”,नवीन ने कहा
“माफ़ करना बातो बातो में मैं भूल गयी , मैं ले आती हूँ”,मेघना ने उठते हुए कहा लेकिन वंश ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें वापस बैठा लिया और कहा,”अरे आंटी आप बैठिये ना , निशि है ना वो ले आएगी,,,,,,,,,,,,,!!”
एक तो निशि वंश से पहले ही गुस्सा थी और ये हरकत करके वंश ने निशि के गुस्से को और बढ़ा दिया लेकिन अपने घरवालों के सामने वह कोई तमाशा करना नहीं चाहती थी इसलिए फीका सा मुस्कुराई और अपना बैग साइड में रखकर कहा,”हाँ बिल्कुल ! क्यों नहीं ?”
निशि किचन में आयी उसने ट्रे में पानी के दो गिलास रखे और ट्रे उठाकर जैसे ही जाने को हुई उसे कुछ याद आया और उसने ट्रे वापस प्लेटफॉर्म पर रख दिया। उसने पास पड़ा नमक का डिब्बा उठाया और एक चम्मच नमक भरकर गिलास में मिलाते हुए कहा,”मॉम डेड के सामने कुछ ज्यादा ही स्वीट बन रहे हो ना तुम , तो ये तुम्हारी स्वीटनेस कम करने के लिये,,,,,,,,,,,,,,,बड़े आये मुझे आर्डर देने वाले”
निशि ने ट्रे उठायी और किचन से बाहर चली आयी। वह वंश के सामने आयी और ट्रे उसकी तरफ बढ़ा दिया।
नमक वाला गिलास वंश की तरफ ही था और निशि को पूरा विश्वास था कि वंश वही गिलास उठाएगा।
निशि ने ट्रे जैसे ही वंश की तरफ बढ़ाया वंश ने निशि की आँखों में देखते हुए धीरे से कहा,”ऐसे काम करते हुए कितनी प्यारी लग रही हो तुम , बेटा ऐसे ही चुपचाप मेरी हर बात मानती रहोगी न तो खुश रहोगी,,,,,,,,,,,!!”
निशि मुस्कुराई और धीमी आवाज में कहा,”मैं और तुम्हारी बात मानूंगी ,, दिन में सपने देखना बंद करो तुम,,चिरकुट”
कहते हुए निशि ने अपना पैर जोर से वंश के पैर पर दे मारा।
“आह्ह,,,,,,,,,,,,!!”,वंश एकदम से चिल्लाया
“क्या हुआ वंश ? तुम चिल्लाये क्यों ?”,नवीन ने पूछा
“छिपकली अंकल,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने निशि को देखकर दाँत पीसते हुए कहा और पानी का गिलास उठा लिया।
निशि ने ध्यान नहीं दिया वंश ने नमक वाले गिलास की जगह दूसरा गिलास उठा लिया था। निशि ट्रे लेकर आगे बढ़ गयी और नमक वाला गिलास मुन्ना ने उठाया।
मुन्ना ने जैसे ही एक घूंठ पानी पीया , घूंठ उसके मुंह में ही रह गया। पानी नमक की वजह से बहुत ज्यादा कड़वा था। निशि भी वही बगल में पड़े सोफे पर आ बैठी।
बेचारा मुन्ना ना उस घूंठ को निगल पा रहा था ना ही उगल पा रहा था वह समझ गया ये सब निशि ने वंश के लिये किया है। जैसे तैसे उसने उस घूंठ को निगल लिया और पानी भरा गिलास वापस टेबल पर रखकर हल्का सा मुस्कुरा दिया।
वंश के हाथ में पानी का गिलास अभी तक था उसने उसे पीया नहीं था। निशि बस इस इंतजार में थी कि वंश वो पानी पिये , अगले ही पल वंश ने एक बड़ा सा घूंठ पानी का मुंह में भरा वह उसे निगल पाता इस से पहले ही उसके सामने बैठे नवीन ने सवाल किया,”वंश क्या निशि कल रात तुम्हारे साथ थी , तुम्हारे फ्लेट पर ?”
वंश को नवीन से इस सवाल की उम्मीद नहीं थी , उसके मुंह से पानी का फनवारा निकला और सामने बैठे नवीन पर जा गिरा। मुन्ना ने जब ये देखा तो काफी असहज हो गया उसे लगा उसके पानी में भी नमक है , इसलिए उसने वंश के हाथ से गिलास लेकर कहा,”वंश ये क्या कर रहे हो ?”
वंश खाँसने लगा तो मेघना ने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा,”वंश आराम से बेटा , नवीन क्या ये सवाल अभी पूछंना जरुरी था ?”
“मैं चेंज करके आता हूँ,,,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने उठते हुए कहा और वहा से चला गया
इंदौर , vki मॉल
पिछले 2 घंटे से शक्ति काशी को लेकर इस मॉल में घूम रहा था लेकिन काशी को अपने लिये कोई ड्रेस पसंद नहीं आ रहा था। घूमते घूमते दोपहर से शाम होने को आयी। थककर शक्ति काशी को सामने बने कॉफी शॉप में ले आया और उसे बैठाते हुए कहा,”तुम यहाँ बैठो हम तुम्हारे लिये कॉफी लेकर आते है।”
“शक्ति हमे भूख भी लगी है”,काशी ने कहा
“हम्म्म ठीक है,,,,,,,,,,,,!!”,कहकर शक्ति वहा से काउंटर की तरफ चला गया। उसने अपने और काशी के लिये 2 कोल्ड कॉफी और सेंडविच आर्डर किया और वही खड़े होकर इंतजार करने लगा। उसने पलटकर काशी को देखा जो कि थककर अपने बालो को बांध रही थी और ऐसा करते हुए वह बहुत ही प्यारी लग रही थी। शक्ति मुस्कुराते हुए एकटक काशी को देखने लगा। उसने अपने जेब से फोन निकाला और काशी की कुछ तस्वीरें क्लिक की और मुस्कुराकर फोन अपने जेब में रख लिया।
”सर योर आर्डर,,,,,,,,,,,!!”,लड़के ने कहा तो शक्ति की तंद्रा टूटी वह पलटा और ट्रे उठाकर कहा,” थैंक्यू,,,,,,,,!!!”
काशी को देखते हुए शक्ति उसकी तरफ बढ़ ही रहा था कि तभी सामने से आती लड़की जानबूझकर शक्ति से टकरा गयी और ट्रे में रखी एक कॉफी गिर गयी जिस से शक्ति की टीशर्ट भी ख़राब हो गयी।
“आई ऍम सो सॉरी , आई ऍम रियली सॉरी मैंने तुम्हे देखा नहीं था,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी,,,,,,,,,मैं , मैं तुम्हारे लिये दूसरी कॉफी खरीद देती हूँ ,, आई ऍम रियली सॉरी”,लड़की ने अपने हाथो से शक्ति की टीशर्ट पर गिरी कॉफी को हटाने की कोशिश करते हुए कहा
शक्ति पीछे हटा और कहा,”अहह इट्स ओके, आप जाईये”
“मैं आपके लिये दूसरी कॉफी खरीद दू ?”,लड़की ने पूछा
“नहीं थैंक्यू , इट्स ओके”,शक्ति ने कहा
“ओह्ह्ह सो स्वीट ऑफ़ यू , अगेन आई ऍम सॉरी”,लड़की ने जानबूझकर क्यूट बनने की कोशिश करते हुए कहा
“कोई बात नहीं , एक्सक्यूज मी प्लीज,,,,,,,,,!!”,कहकर शक्ति अपनी टेबल की तरफ बढ़ गया जहा काशी बैठी थी।
शक्ति ने कॉफी और सेंडविच काशी के सामने रखा और कहा,”काशी तुम यही रुको मैं अभी आया,,,,,,!!”
“तुम कहा जा रहे हो और ये तुम्हारी टीशर्ट पर क्या गिरा है ?”,काशी ने हैरानी से कहा
“वो एक लड़की सामने से आते हुए मुझसे टकरा गयी और कॉफी मेरी टीशर्ट पर आ गिरी , तुम बैठो मैं अभी इसे साफ करके आया,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए शक्ति वहा से चला गया
“लड़की , कॉफी , अह्ह्ह छोडो ये क्यों ना पहले ये सेंडविच खा लिया जाये वरना ये ठंडा हो जायेगा”,एक जानी पहचानी आवाज काशी के कानों में पड़ी
काशी ने गर्दन घुमाकर देखा तो पाया कि वो गौरी थी। गौरी को वहा देखते ही काशी का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा उसने चहकते हुए कहा,”अरे ! तुम यहाँ कब आयी ? और अच्छा हुआ तुम यहाँ आ गयी , हम कबसे अपने लिये कपडे देख रहे थे लेकिन हमे कुछ पसंद ही नहीं आया”
“कोई बात नहीं स्वीटी मैं आ गयी हूँ ना अब हम मिलकर देखेंगे लेकिन पहले ये खत्म करे , मुझे बहुत भूख लगी है।”,गौरी ने सेंडविच खाते हुए कहा
शक्ति से जो लड़की टकराई थी वो शक्ति को जाते हुए देखते रही तभी उसके पास एक लड़की आयी और कहा,”हार मान लो सोनाक्षी तुम बेट हार चुकी हो , उस लड़के ने तो तुम्हे भाव तक नहीं दिया”
“डोंट वरी बेबी मैंने कभी हारना नहीं सीखा है बेट के 2000 तैयार रखना”,कहते हुए लड़की भी बाथरूम की तरफ चली गयी और इस बार उस लड़की को बाथरूम की तरफ जाते गौरी ने देख लिया।
गौरी ने देखा वह लड़की जेंट्स बाथरूम में जा रही है तो उसने काशी से कहा,”काशी आजकल लड़किया कितनी मॉर्डन हो गयी है , डायरेक्ट जेंट्स वाशरूम यूज़ करने लगी है।”
“जेंट्स वाशरूम ? क्या तुम कुछ भी बोल रही हो ?”,काशी ने खाते हुए कहा
“अच्छा छोडो , शक्ति कहा है नजर नहीं आ रहा ?”,गौरी ने कहा
“शक्ति तो वाशरूम गया है , एक स्टुपिड लड़की ने उसकी टीशर्ट पर कॉफी गिरा दी,,,,,,,,!!”,काशी ने बेपरवाही से कहा
“इसका मतलब वो लड़की शक्ति से मिलने वाशरूम गयी,,,,,,,,,,,,उह्ह्ह्ह आजकल की लड़कियो को क्या हो गया है ? और एक तुम हो जो शक्ति को फ्री छोड़कर यहाँ बैठकर सेंडविच ठूस रही हो,,,,,,,,,!!”,गौरी ने काशी को बातो में उलझाते हुए कहा
काशी जिसे शक्ति पर पूरा भरोसा था उसने कहा,”तो जाने दो शक्ति उसे वहा भी भाव नहीं देगा , तुम मुन्ना भैया पर ध्यान दो”
गौरी मुस्कुराई और कहा,”वो इंसान मुझे भाव नहीं देता दूसरी लड़कियों को क्या भाव देगा , चलो अब शक्ति को बुलाऊ जल्दी फिर चलते है मुझे मान के लिये भी कुछ खरीदना है।”
गौरी की बात सुनकर काशी ने शक्ति का नंबर डॉयल किया लेकिन एक रिंग में ही शक्ति ने काशी का कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया जो कि काशी को अजीब लगा
“ये क्या बदतमीजी है”,वाशबेसिन के सामने खड़े शक्ति ने अपने बगल में खड़ी लड़की से कहा जिसने वाशबेसिन के पास पड़े शक्ति के फोन पर आने वाले कॉल को डिस्कनेक्ट कर दिया था
“जब एक हेंडसम लड़का और हॉट लड़की साथ हो तो इन अननेसेसरी कॉल्स का क्या काम ?”,लड़की ने शक्ति के गाल पर ऊँगली घूमाते हुए कहा
शक्ति ने लड़की का हाथ झटका और कहा,”बी इन योर लिमिट्स,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह कम ऑन हेंडसम , तुम्हे देखकर कोई भी लड़की अपनी लिमिट भूल जाये,,,,,,,,,!!”,लड़की ने शक्ति के गले में अपनी बाँहे डालकर झूलते हुए कहा
शक्ति कुछ कहता इस से पहले ही उसकी नजर दरवाजे पर खड़ी गौरी और काशी पर पड़ी।
शक्ति ने जल्दी से लड़की को खुद से दूर किया और काशी की तरफ आते हुए कहा,”काशी तुम जैसा सोच रही हो वैसा कुछ भी नहीं है , हम इसे,,,,,,,,,,,,!!”
“वो लड़की तुम्हारी बांहो में झूल रही है और तुम कह रहे हो ऐसा कुछ भी नहीं है,,,,,,,भाड़ में जाओ तुम”,काशी ने गुस्से से कहा और वहा से चली गयी
गौरी के हाथ में अभी भी सेंडविच था और वह जैसे ही खाने को हुई शक्ति ने कहा,”गौरी तुम समझाओ ना काशी को वो गलत समझ रही है।”
गौरी ने सेंडविच का बड़ा सा टुकड़ा खाया और लड़की की तरफ देखकर कहा,”शक्ति ! तुम्हारी पसंद को क्या हो गया है ? चक्कर चलाने के लिये तुम्हे यही मिली थी,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह शट अप गौरी,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए शक्ति काशी को मनाने उसके पीछे चला गया
लड़की गौरी के बगल से निकली और कहा,”ब्लडी बिच”
गौरी ने जैसे ही सुना उसका हाथ पकड़कर मोड़ते हुए कहा,”अंग्रेजी में गाली देकर खुद को कूल समझ रही हो , हिंदी में ऐसी गाली दूंगी कि कानो से खून बहेगा ,, तुम जैसी आमिर बाप की बिगड़ी हुई औलादो को बहुत अच्छे से जानती हूँ मैं,,,,,,,,,,,,चुपचाप सॉरी बोलो और निकलो”
“सॉरी माय फुट,,,,,,,,,तुम हो क्या मेरे सामने हाँ,,,,,,,,,,!!”,लड़की ने घमंड भरे स्वर में कहा तो गौरी ने उसके बाल पकड़कर उसका मुंह वाशबेसिन में टिकाते हुए कहा,”मैं क्या हूँ ये दिखाने पर मुझे मजबूर मत करो तुम,,,,,,,,,सॉरी बोलो और दफा हो यहाँ से,,,,,,,,,,,!!”
गौरी के हाथ की पकड़ इतनी मजबूत थी कि लड़की अपना सर उस से नहीं छुड़ा पायी और मिमियाते हुए कहा,”अच्छा ठीक है सॉरी,,,,,,,,!!”
गौरी ने लड़की को छोड़ा और वहा से चली गयी।
मुरारी मार्किट में पहुंचा उसने अनु से फोन करके शोरूम का पता पूछा और वहा चला आया। मन ही मन उलझन में भी था कि पता नहीं अब अनु सबके सामने क्या तमाशा करने वाली है ? अनु के साथ सारिका और आई को देखकर मुरारी को थोड़ी तसल्ली मिली की चलो उन दोनों के सामने अनु उसे अब ज्यादा कुछ नहीं कहेगी इसलिए वह दूर से ही बड़ी सी स्माइल देते हुए उन लोगो की तरफ आया लेकिन बेचारा मुरारी उसे ध्यान नहीं रहा ,
चलते चलते उसका पैर जमींन पर बिछे कालीन में उलझा और वह सीधा आकर आई से टकराया बस फिर क्या था आई ने ना मार्किट देखा ना मार्किट में मुरारी की इज्जत लगी सबके सामने उसे फटकारने,”एक काम करो मुरारिया सीधा स्वर्ग ही पहुंचाय दयो , अरे तुमरी आँखे है कि बटन तुमको सामने खड़ी इत्ती बड़ी औरत ना दिखाई देती है या हमरे नाम की सुपारी लेकर बैठे हो किसी से,,,,,,,,,,,,,,
बोलते काहे नाहीं जे मेंढक जैसी आँखों से हमको ना डराना मुरारी बिधायक होंगे तुम बनारस के हिया सरकार हमरी है,,,,,,,,,,हम बेचारी अनु बिटिया को गलत समझते रही पर हिया तो तुम्ही हो सारे फसाद की जड़,,,,,,,,,,,,अरे हम तुम से बात कर रहे है कानपूर में हड़ताल है का तुम्हारे,,,,,,,,,,,,,,?”
आई के आखरी शब्दो से मुरारी की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”अरे अरे आई माफ़ करना उँह ध्यान नहीं रहा,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ध्यान तो आजकल कही और है तुम्हारा , नई मिश्रा जी”,अनु ने ताना मारते हुए कहा
“अरे नहीं मिश्राइन हमरा ध्यान तो पिछले 27 साल से तुम्ही पर है,,,,,!!”,मुरारी ने बड़े ही प्यार से कहा जिसे सुनकर सारिका दूसरी तरफ देखने लगी
आई ने देखा तो कहा,”ओह्ह्ह बनारस के अस्सी घाट से निकले मजनू , जे नैन मटक्का ना घर जाकर,,,,,,,,,चलो घर चलो। लाज ना सरम बनने चले है 50 की उम्र मा साहरुक खान”
“घर तो तब जायेंगे जब मेरी बात पूरी होगी , आज दूध का दूध और पानी का पानी हो जाना चाहिए”,अनु ने अपने दोनों हाथो को बांधकर मुरारी को घूरते हुए कहा
“अनु ये क्या कर रही हो सब देख रहे है घर चलकर बात करते है न ?”,सारिका ने अनु को समझाते हुए कहा
“नहीं दी आज फैसला होकर रहेगा , या तो मिश्रा जी अपनी रंगबाजी छोड़ेंगे या बनारस ?”,अनु ने कहा
“अब का रायता फैला दिए हो मुरारी तुम ? मतलब बूढ़ा गए हो लेकिन रंगबाजी नाय छूट रही तुमसे,,,,,,,,,,बताओ अब का कांड किये हो ?”,आई भी बिना कुछ जाने अनु की साइड हो गयी
“अरे कोई कांड नहीं किये है हम , जे तुम्हरी बहु को ना शक करने की बीमारी हो चुकी है,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने झुंझलाते हुए कहा
“अच्छा तो अब तक कहा थे तुम ? विधायक ऑफिस से यहाँ तक पहुंचने में सिर्फ 1 घंटा लगता है बाकि के 30 मिनिट कहा थे तुम ?”,अनु ने गुस्से से घूरते हुए पूछा तो मुरारी खामोश अब कैसे बताता रास्ते में रुक गया था दोस्तों के साथ पान खाने
मुरारी कुछ कहता तभी पीछे से आवाज आयी,”हमारे साथ थे”
सब मुरारी के पीछे आते उस आदमी को देखने लगे
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