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Main Teri Heer – 71

Main Teri Heer – 71

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

शक्ति एक बड़ी मुसीबत में फंस चुका था , साथ ही जिस आदमी को उसने कैद किया था वह भी वहा से गायब था पर आखिर ये आदमी था कौन जिसे शक्ति ने अपने घर में बंद कर रखा था। जिस आदमी ने शक्ति की गर्दन दबोच रखी थी उसने शक्ति का सर दिवार पर दे मारा , एक तेज दर्द के साथ शक्ति वही गिरकर बेहोश हो गया। आदमी शक्ति के कमरे में आया और छानबीन करने लगा। उसकी नजर शक्ति के लेपटॉप पर पड़ी तो वह उसके सामने आकर बैठा और उसे देखने लगा लेकिन शक्ति का लेपटॉप पासवर्ड प्रोटेक्ट होने की वजह से वह उसे खोल नहीं पाया।

आदमी की नजर लेपटॉप में लगे पेन ड्राइव पर पड़ी तो उसने उसे निकाला और अपने होंठो से छूकर जेब में रख लिया। वह उठा और तेजी से कमरे से बाहर निकल गया। चलते चलते उसने किचन के दरवाजे के पास छुपे आदमी की कॉलर पकड़ी और उसे अपने साथ लेकर चल पड़ा। ये वही आदमी था जिसे शक्ति ने अपने कमरे के स्टोर रूम में बंद कर रखा था। दोनों शक्ति के घर से बाहर आये। आदमी ने दूसरे आदमी को अपने सामने किया और गुस्से से कहा,”तुम उसके हाथ कैसे लगे ?”


“उसने मुझे माल के साथ पकड़ लिया , पुलिस स्टेशन ले जाते वक्त उसने एक्सीडेंट का झूठा नाटक किया और मुझे अपने घर ले आया,,,,,,,,,,,,,बाहर उसने ये बात फैला दी कि मैं भाग गया हूँ और मेरे खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करवा दिया। मुझे बचा लीजिये सर , वो मुझे मार देगा,,,,,,,,,,,!!”,आदमी ने रोते गिड़गिड़ाते हुए कहा जिसे सुनकर सामने खड़े आदमी की आँखे सिकुड़ गयी


“तुमने उसे कुछ बताया तो नहीं,,,,,,,,,!!”,आदमी ने कड़कदार स्वर में पूछा
“नहीं ,नहीं सर , मैंने उसे कुछ नहीं बताया , उसने इतना मारा उसके बाद भी मैंने अपना मुंह तक नहीं खोला है उसके सामने,,,,,,,,!!”,आदमी ने कहा
“लेकिन आगे खोल सकते हो,,,,,,,,!!”,आदमी ने उस डरे हुए आदमी के करीब आते हुए कहा


“मैं कुछ समझा,,,,,,,!!”,आदमी ने इतना ही कहा कि सामने खड़े दूसरे आदमी ने अपने हाथ में पकडे छोटे चाकू से एक झटके में उसका गाला रौंध दिया और खून का फनवारा छूट गया। आगे के शब्द आदमी के मुंह में ही रह गए और वह निढाल होकर जमीन पर गिर गया। सामने खड़े आदमी ने अपने चेहरे पर लगे खून के छींटे पोछे और तेज कदमो से वहा से निकल गया।
ये दोपहर का समय था लेकिन उस आदमी को ये दरिंदगी करते हुए किसी ने नहीं देखा था।

नीलिमा के जाने के बाद कबीर अपने घर चला आया। विक्रम घर में नहीं था कबीर के जहन में इस वक्त कई ख्याल एक साथ चल रहे थे जो कुछ हो रहा था वो सब कबीर के लिए अब एक पहेली बन चूका था। कबीर अपनी माँ से मिला खाना खाया और अपने कमरे में आकर एक बार फिर नीलिमा के भेजे उस विडिओ को देखने लगा जिसमे सिल्वर ब्रासलेट पहना एक हाथ उसकी ड्रिंक में कुछ मिला रहा था। इसके अलावा कबीर के पास और कोई सबूत नहीं था जिस से वह उस आदमी तक पहुँच पाए।

कबीर एक शरीफ और बहुत ही होनहार लड़का था जो विक्रम का की दूसरी पत्नी का बेटा था। विक्रम ने कबीर की माँ से दूसरी शादी की थी। कबीर ने फोन साइड में रख दिया और अपने दिमाग पर जोर डालने लगा।
“सब सही है लेकिन ‘चौहान साहब” इंदौर क्यों आये है जबकि मैंने उन्हें पहले ही मना कर दिया था कि मुझे इलेक्शन और पॉलिटिक्स जैसी चीजों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है।  उस रात जब मैं पार्टी में था तब आखरी बार मैंने उनसे ही बात की थी और तब वो पापा को लेकर बहुत गुस्से में भी थे ,

तो क्या मुझे उन पर,,,,,,,,,,,,,,,नहीं वो ऐसा नहीं करेंगे , वो माँ को बहन मानते है वो मेरे साथ ऐसा कभी नहीं करेंगे , अगर वो नहीं है तो फिर कौन हो सकता है ? जॉर्डन,,,,,,,,,,,,,,,,,उस रात आखरी बार मैं जॉर्डन से मिला था और उसके बाद एक बार भी जॉर्डन ने मुझे फ़ोन नहीं किया ना ही वो मुझसे मिलने आया,,,,,,,,,,,लेकिन जॉर्डन तो सबसे लास्ट में पार्टी में आया था और मुझसे पहले ही घर निकल गया और ये विडिओ भी उसके आने के पहले का है,,,,,,,,,,,,,वो ऐसा क्यों करेगा ? आखिर वो कौन है जो मुझे अपना दुश्मन समझता है,,,,,,,,,,,,,?”


कबीर के पास सवाल तो बहुत थे लेकिन जवाब नहीं वह बिस्तर पर लेट गया और इन सब घटनाओ के बारे में शुरू से सोचने लगा शायद उसे कोई हिंट मिल जाये

अधिराज जी और बाकि सभी लोग घूमघामकर घर आये। वैसे भी मेहमानो में बस आई बाबा , नवीन मेघना , राधिका और उनके पति थे बाकि सब तो कबका बनारस लौट चुके थे। फूफा कोई परेशानी खड़ी ना करे सोचकर मुरारी ने उन्हें भी भुआ के साथ घर भेज दिया और बनारस में मिलने को कहा। अधिराज जी के घर में खाने का अच्छा इंतजाम था सभी बैठकर खाना खाने लगे। नवीन ने देखा निशि कही नजर नहीं आ रही तो उन्होंने निशि का नंबर डॉयल किया।

अब इसे वंश की किस्मत कहे या बदकिस्मती , वंश बालकनी की तरफ आया वहा निशि का फोन बजते देखकर वंश ने इधर उधर देखा लेकिन निशि उसे कही नजर नहीं आयी तो वंश ने फोन उठाया और कहा,”हेलो !”
निशि के फोन से मर्दाना आवाज सुनकर नवीन ने अपना फोन देखा , उसे लगा कही गलती से उसने गलत नंबर तो नहीं डॉयल कर दिया लेकिन नंबर सही था उन्होंने फोन कान से लगाया और कहा,”हेलो !”
“हेलो !”,वंश ने कहा


“तुम ? तुम कौन बोल रहे हो ? और मेरी बेटी का फोन तुम्हारे पास कैसे आया ? मेरी बेटी कहा है , कही तुमने , कही तुमने उसका किडनेप तो नहीं कर लिया ? तुम बताओ मुझे बोल कौन रहे हो ?”,नवीन ने बौखलाते हुए कहा
नवीन की आवाज सुनकर वंश पहचान गया और कहा,”हेलो ! अरे अंकल रिलेक्स मैं वंश बोल रहा हूँ,,,,,,,,,,,!!”
नवीन को ये दुसरा झटका लगा उसने हैरानी से कहा,”तुम ! तुम निशि के साथ क्या कर रहे हो ?”


“घर घर खेल रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,आप भी ना अंकल मैं क्या करूंगा उसके साथ , हम सब यहाँ गौरी के घर आये हुए है,,,,,,,,,,,निशि का फोन यहाँ चार्ज में रखा था इसलिए मैंने उठा लिया,,,,,,,,,,,और आपको क्या मैं किडनेपर लगता हूँ ?”,वंश ने चिढ़ते हुए कहा    
नवीन ने सुना तो उसने राहत की साँस ली और बड़बड़ाया,”तुम तो किडनेपर से भी ज्यादा खतरनाक हो,,,,,,,,,,,!!”
 वंश ने नवीन की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और सामने से गुजरती निशि से कहा,”ए छिपकली !  तुम्हारे डेड का कॉल है,,,,,,,,,!!”


नवीन को परेशान देखकर मेघना उसके पास चली आयी और सर उचकाया , नवीन के कानो में वंश के कहे शब्द पड़े तो उसने मेघना से कहा,”वो हमारी बेटी को छिपकली कैसे बोल सकता है ?”
“तुम किसकी बात कर रहे हो ?”,मेघना ने पूछा तो नवीन ने उसे हाथ से रुकने का इशारा किया और फोन कान से लगाकर कहा,”तुम उसे ऐसे नहीं बुला सकते वो मेरी बेटी है समझे,,,,,,,,,,,,!!”


“डेड ! मैं हूँ निशि , क्या हुआ है आपको आप इतना गुस्से में क्यों है ?”,निशि ने कहा क्योकि वंश नवीन की बात सुनने से पहले ही निशि को उसका फोन देकर वहा से जा चुका था।
“निशि , ओह्ह्ह हाँ तुम , तुम वहा क्या कर रही हो ? मैंने तुम से कहा था ना आज शाम हम मुंबई वापस जा रहे है।”,नवीन ने कहा
“डेड आप सब लोग मुझे घर पर अकेला छोड़कर चले गए तो मैं और क्या करती ? नंदिता आंटी ने आज हम सबके लिए दोपहर का खाना यही रखा है , खाने के बाद हम सब घर ही आ रहे है।”,निशि ने कहा


“हम्म्म ठीक है , और सुनो ! उस वंश से दूर रहो तुम,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने आखरी शब्द थोड़ा गंभीरता से कहे
“ठीक है डेड,,,,,,,,,,,मैं रखती हूँ”,कहकर निशि ने फोन काट दिया
निशि ने फोन काटा और बड़बड़ाई,”पता नहीं डेड को क्या हुआ है ? वो वंश को लेकर पहले ऐसे बिल्कुल नहीं थे,,,,,,,,!!”
काशी ने निशि को आवाज दी तो निशि वहा से चली गयी।

निशि को वंश से दूर रहने का कहकर नवीन ने फोन काट दिया और सामने देखा तो पाया मेघना हैरान परेशान सी उसे ही देख रही है तो नवीन ने कहा,”क्या हुआ तुम मुझे ऐसे क्यों देख रही हो ?”
“नवीन तुम्हे क्या हुआ है ? और तुमने निशि को वंश से दूर रहने को क्यों कहा ? मैं देख रही हूँ नवीन वंश को लेकर आजकल तुम कुछ अजीब हो गए,,,,,,,,,,!!”,मेघना ने इतना ही कहा नवीन ने देखा घर में मौजूद कुछ लोग उसे और मेघना को ही देख रहे है तो उसने मेघना का हाथ पकड़ा और उसे साथ ले जाते हुए कहा,”मेरे साथ आओ,,,,,,,,,,,,,!!”


नवीन मेघना को लेकर पीछे बरामदे में चला आया तो मेघना ने कहा,”हम्म्म ! अब बताओ नवीन ये सब क्या हो रहा है आखिर तुम वंश के साथ इतना बुरा पेश क्यों आ रहे हो ? वो बच्चा कितना प्यारा है और तुम जब देखो तब उसे चिढ़ते रहते हो,,,,,,,,,,,,,क्या वो तुम्हे पसंद नहीं है ?”
“ऐसी बात नहीं है मेघना वो मुझे पसंद है और मैं उस से ऐसे बात करना नहीं चाहता लेकिन मैं मजबूर हूँ,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने परेशानी भरे स्वर में कहा


“मजबूर हो लेकिन क्यों ?”,मेघना ने कहा
“क्योकि मैं नहीं चाहता वंश और निशि के बीच नजदीकियां बढे और उन्हें एक दूसरे से प्यार हो,,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने अपने मन का डर मेघना के सामने उगल दिया। मेघना ने सुना तो खुश भी हुई और हैरान भी और कहा,”लेकिन इसमें बुराई क्या है नवीन ? मुझे तो वंश बहुत पसंद है और शायद तुम्हे भी,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह मेघना तुम समझ नहीं रही हो , ऐसा नहीं हो सकता,,,,,,,,,!!”,नवीन ने वही बरामदे में चक्कर लगाते हुए कहा


“क्यों नहीं हो सकता क्या दिक्कत है ? हमने शादी एक दूसरे की पसंद से की है और निशि को भी अपना लाइफ पार्टनर चुनने की फ्रीडम है,,,,,,,,,,,और मुझे तो वंश में कोई कमी नजर नहीं आती,,,,,,,,,,मुझे वंश निशि के लिए पसंद है , बहुत पसंद है।”,मेघना ने ख़ुशी से भरकर कहा
“मैं तुम्हे कैसे समझाऊ मेघना ये पॉसिबल नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,उफ़ तुम नहीं समझोगी”,नवीन ने हताश होकर कहा
“पर क्यों ?”,मेघना ने कहा


“क्योकि वंश सारिका मेम का बेटा है , सारिका मेम मेरी मालकिन रह चुकी है , उनके बेटे की शादी एक नौकर की बेटी से कैसे हो सकती है ?”,नवीन ने थककर मेघना के सामने अपने मन का बोझ हल्का करते हुए कहा
मेघना ने सुना तो कुछ देर के लिए खामोश हो गयी और फिर कहा,”नवीन तुम सारिका जी के लिए काम करते थे पर आज तुम एक अच्छी कम्पनी के मालिक हो और फिर वंश और निशि अगर एक दूसरे को पसंद करते होंगे तो इसमें हर्ज ही क्या है ?”


“मेघना रिश्ता हमेशा बराबर की औकात वालो के बीच होता है और मेरी औकात इतनी नहीं है कि मैं अपनी बेटी का रिश्ता सारिका मेम के घर में करू , वो हमेशा मेरे लिए मालकिन ही रहेंगी”,नवीन ने मायूस होकर कहा
मेघना ने सुना तो उसका मन भी उदास हो गया और उसने धीरे से कहा,”और अगर निशि कहे कि वह वंश को पसंद करती है तो , तब तुम क्या करोगे ?”


नवीन ने मेघना को देखा और बिना कुछ कहे जाने लगा तो मेघना ने कहा,”नवीन तुम बच्चो को तो रोक लोगे पर उस हवा को कैसे रोकोगे जिसमे इश्क़ बहता है”
नवीन ने एक ठंडी आह भरी और वहा से चला गया  

कुछ घंटो बाद शक्ति को होश आया। उसने अपने आप को सम्हाला , ललाट पर लगी चोट से बहा खून अब सुख चुका था। शक्ति उठा और कमरे में आया उसने देखा जिस आदमी को उसने कैद कर रखा था वह अब वहा नहीं था। हार और बेबसी के भाव शक्ति की आँखों में दिखाई देने लगे। शक्ति ने देखा कमरे में सामान यहाँ वहा बिखरा है। शक्ति समझ गया किसी ने उसके कमरे की छानबीन की है शक्ति ने कमरे में रखे सभी सामान को देखा , टेबल के ड्रॉवर खोलकर देखे सब सामान अपनी जगह था।

शक्ति कमरे से जाने को हुआ तो उसकी नजर लेपटॉप पर गयी। लेपटॉप में लगा पेनड्राइव गायब था। शक्ति और परेशान हो गया उसके पास ये आखरी सबूत था जिस से वह उस गिरोह तक पहुँच सकता था लेकिन अब वो भी गायब था। ये वही सबूत था जो मुन्ना ने उसे दिया था। शक्ति खुद को सम्हलते हुए जल्दी जल्दी पुरे घर में छानबीन करने लगा लेकिन उसे कोई नहीं मिला। घर से बाहर आकर देखा तो पाया घर का CCTV कैमेरा टुटा पड़ा था। कुछ तो गड़बड़ थी। शक्ति घर के लॉन एरिया की तरफ आया।

धुप की वजह से वह मुश्किल से अपनी आँखे खोल पा रहा था। चलते चलते शक्ति किसी चीज में उलझा और नीचे गिर पड़ा। शक्ति ने खुद को सम्हाला और जैसे ही उठा उसकी नजर लॉन में पड़ी लाश पर गयी। शक्ति का दिल धड़कने लगा। उसने लाश को पलटकर देखा तो एकदम से पीछे जा गिरा वो लाश उसी आदमी की थी जिसे शक्ति ने अपने घर में कैद कर रखा था


“आशिफ , आशिफ , उठो , उठो आशिफ,,,,,,,,,,,ये सब कैसे हुआ ? किसने किया ये ?”,शक्ति ने हड़बड़ाकर कहा लेकिन आशिफ नहीं उठा वह बहुत पहले ही मर चुका था और उसे मारने वाला कौन था ये बात शक्ति नहीं जानता था।


शक्ति ने आशिफ की नब्ज चेक की तो पाया कि वह मर चूका है,,,,,,,,,,,,,,,,शक्ति अपना दुसरा सबूत भी खो चुका था,,,,,,,,,,,,,,,!!

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संजना किरोड़ीवाल

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