Main Teri Heer – 51
Main Teri Heer – 51
राजन के मुंह से “राज दुलारी” का नाम सुनकर सब हैरान थे और इस से भी बड़ी हैरानी की बात ये थी कि राजदुलारी भूषण की माँ थी। राजन के मुंह से अपनी पत्नी को पसंद करने की बात सुनकर भूषण के पिताजी गुस्से से भड़क उठे और वहा से चले गए।
“पिताजी , अरे पिताजी सुनिए तो,,,,,,,,!”,कहते हुये भूषण अपने पिताजी के पीछे गया लेकिन उसके पिताजी वहा से जा चुके थे। भूषण वापस प्रताप के पास आया और कहा,”ए चचा समझाओ ज़रा अपने लौंडे को जे का अंट शंट बके जा रहे है वो हमरी अम्मा के बारे में,,,,,,,,,,,!!”
“राजन भैया से सीधा हमरे लौंडे,,,,,,,,,,,,बहुते सही भूषणवा”,प्रताप ने भूषण पर तंज कसते हुए कहा
“अरे भाड़ में गया और इह जन्म मा राजन भैया की सादी हमरी बहिन से तो कबो ना करवाई है। अरे ! सादी की नहीं उनको डॉक्टर की जरूरत है”,कहते हुए भूषण वहा से चला गया
पिद्दी भर का लड़का प्रताप को इतना सब सुना कर चला गया ये जानकर प्रताप का गुस्सा भी उबल पड़ा। वह गुस्से में बड़बड़ाया,”साला ! जे रजनवा की शादी के चक्कर में पता नहीं का का देखना सुनना पड़ी है हमका,,,,,,,,,,,,,सही कहे भूषण भाड़ में जाए रजनवा की सादी मरने दो ससुरे को कंवारा,,,,,,,!!”
बड़बड़ाते हुए प्रताप वहा से चला गया।
निशि गौरी का सब सामान लेकर पार्लर पहुँच गयी। उसने देखा गौरी को पार्लर वाली तैयार कर रही थी वही काशी , अंजलि दोनों तैयार हो चुकी थी। अंजलि ने लाइट ग्रीन क्रॉप टॉप और उसके नीचे प्लाजो पहना था साथ ही उन दोनों को कवर करने के लिये ओपन जैकेट पहना था और इन कपड़ो में वह बहुत ही प्यारी लग रही थी। गौरी और कशी दोनों बेस्ट फ्रेंड थी इसलिए गौरी के कहने पर उसने आज सगाई में बहुत ही प्यारा सा लहंगा पहना था।
निशि जैसे ही अंदर आयी काशी ने कहा,”निशि ! गौरी का मेकअप बस होने ही वाला है तुम भी जल्दी से तैयार हो जाओ,,,,,,,,,,,,,,वैसे तुम आज क्या पहनने वाली हो ?”
” अह्ह्ह्ह मुझे कुछ ज्यादा आईडिया नहीं था आप सब ये सब पहनने वाली है इसलिए मैंने वन पीस गाउन रखा है। पर आप बहुत सुन्दर लग रही है।”,निशि ने उदासीन स्वर में कहा
“ये गाउन तुम पर अच्छा लगेगा , तुम इतना मत सोचो और फटाफट तैयार हो जाओ,,,,,,,,,,,,,वीना दी गौरी के बाद आप इनका भी मेकअप कर देना”,काशी ने प्यार से कहा
“एक मिनिट”,गौरी ने मेकअप आर्टिस्ट को रोकते हुए कहा
“निशि तुम रुको , तुम्हे क्या पहनना है ये आज मैं डिसाइड करुँगी , भूल गयी तुम मैंने तुम से क्या कहा था ? आज सगाई में कोई बहुत पछताने वाला है,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
निशि ने मुस्कुराते हुए हामी में गर्दन हिला दी और काशी से कहा,”जब तक इनका मेकअप होता है तब तक मै आपकी कुछ फोटोज क्लिक कर देती हूँ”
“अरे वाह ! थैंक्यू निशि”,काशी ने खुश होकर कहा और फिर अंजलि निशि के साथ मिलकर फोटो खिंचवाने लगी।
गौरी तैयार हो चुकी थी उसने अंजलि से साथ लाया बैग मंगवाया और पार्लर वाली को देकर कहा,”डिअर वीना ! ये निशि के कपडे है , आज दिखाओ तुम अपना असली टेलेंट”
“आर यू चैलेंजिंग मी ?”,वीना ने शरारत से मुस्कुराकर कहा
“नहीं मुझे तुम पर पूरा भरोसा है , आज की सगाई के लिये तुम निशि को तैयार करोगी ,, तब तक मैं कुछ खा लेती हूँ मुझे बहुत जोरो से भूख लगी है,,,,,,,,,,,!!”,
गौरी ने कहा
“तुम्हारे होंठो पर अभी अभी लिपस्टिक लगी है , खाओगी तो ये खराब हो जाएगी”,वीना ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
“वीना एक लिपस्टिक ही तो है फिर से लगा देना”,कहकर गौरी काशी और निशि के साथ सोफे की तरफ चली गयी।
नंदिता ने इंदौर का बहुत ही सुंदर और आलिशान गेस्ट हॉउस बुक किया। मुरारी सब लोगो के साथ गेस्ट हॉउस पहुंचा। नंदिता के परिवार के कुछ लोग मेन गेट पर स्वागत के लिये खड़े थे। सभी अंदर आये मुरारी जैसे ही नंदिता के सामने से गुजरा नंदिता ने हाथ जोड़कर कहा,”नमस्ते समधी जी”
“नमस्ते समधन जी”,मुरारी ने मुस्कुरा कर हाथ जोड़ते हुए कहा हालाँकि नंदिता उसके अतीत से अच्छी तरह से वाकिफ थी।
नंदिता के साथ में उसकी सहेली भी खड़ी थी। उसने मुरारी को देखा और पास खड़े लड़के के हाथ में पकड़ाई प्लेट से मिठाई का टुकड़ा उठाकर मुरारी की तरफ बढाकर कहा,”लीजिये मुंह मीठा कीजिये”
अब कोई महिला सामने से मुरारी को मीठा खिलाये और मुरारी मना कर दे ऐसा भला कैसे हो सकता है ? मुरारी ने भी मुस्कुराते हुए मिठाई खा ली लेकिन उसका स्वाद मीठा ना होकर नमकीन था पर मुरारी ने उस कड़वाहट को चेहरे पर आने नहीं दिया।
शिवम् ने देखा मुरारी एक ही जगह पर ठहर गया है तो उसके पास आया और धीरे से कहा,”मुरारी सगाई मुन्ना की है तुम्हारी नहीं , रंगबाजी करना बंद करो”
“अरे भैया हम तो बस नंदिता जी को नमस्ते कह रहे थे बस,,,,,,,!!”,मुरारी ने मुंह में भरी मिठाई को निगलते हुए कहा
“शिवम् जी आप सब अंदर चलिए सब बंदोबस्त अंदर ही है।”,नंदिता ने कहा तो शिवम् ने हामी में सर हिलाया और मुरारी को साथ लेकर वहा से चला गया
चलते चलते मुरारी ने पलटकर देखा नंदिता की सहेली मुस्कुराते हुए मुरारी को ही देख रही थी और जैसे ही उसने अपने बालों को कान के पीछे किया मुरारी फिसल गया। वह लड़खड़ाया लेकिन अगले ही पल सम्हल गया।
चलते चलते गाने की आवाज मुरारी के कानों में पड़ी और उसने पलटकर एक बार फिर नंदिता की सहेली को देखा और धीरे से बुदबुदाया
“जबा पे लागा लागा नमक इश्क़ का,,,,,,,,हाय रे तेरे इश्क़ का”
मुरारी के जाने के बाद नंदिता ने अपनी सहेली से कहा,”छाया क्या जरूरत थी तुम्हे उन्हें मिठाई खिलाने की ?”
“अरे नंदू वो मेहमान है हमारे,,,,,,तुम भी ना , कितने अच्छे तो है वो,,,,,,,,,!!”,छाया ने अभी भी उस तरफ झांकते हुए कहा और मिठाई का एक टुकड़ा उठाकर मुंह में रख लिया लेकिन जैसे ही उसने उसे खाया उसका मुंह बन गया और उसने साइड में थूकते हुए कहा,”थू थू ये कैसी मिठाई बनी है नंदू इसमें तो पूरा नमक भरा पड़ा है।”
“क्या नमक ?”,नंदिता ने कहा वह मिठाई चखती इस से पहले ही नंदिता के भाई की लड़की वहा आयी और लड़के के हाथ से प्लेट लेते हुए कहा,”अरे आप ये प्लेट क्यों ले आये ये मिठाई तो जीजाजी के भाईयो के लिये थी,,,,,,!!”
छाया ने सुना तो लड़की का कान पकड़कर हल्का सा मरोड़ते हुए कहा,”तो ये तुम लोगो की शरारत है , ये नमक वाली मिठाई मेहमानो को खिलाकर क्या मिलेगा तुम लोगो को ?”
लड़की ने अपना कान छुड़वाया और कहा,”आंटी आपकी शादी नहीं हुई है ना तो आपको ये समझ नहीं आयेगा,,,,,,,,,!!”
“अरे,,,,,,,,,!!”,छाया ने हैरानी से कहा तब तक लड़की वहा से चली गयी
छाया ने मायूसी से नंदिता की तरफ देखा तो नंदिता ने कहा,”अब तुम्हे शादी कर लेनी चाहिए,,,,,,,,,,,!!”
“अरे कोई ढंग का लड़का,,,,,,,,,,मेरा मतलब ढंग का आदमी मिले तब ना,,,,,,,,,,,खैर छोडो ये सब बातें मैं तो आज गौरी के लिये बहुत खुश हूँ आखिर उसे उसका मनपसंद लड़का जो मिलने वाला है। वैसे वो है कहा ?”,छाया ने अपने होंठो पर फिर से मुस्कान लाते हुए कहा
“वो पार्लर में है आती ही होगी,,,,,,!”,नंदिता ने कहा और फिर छाया के साथ मेहमानो को अटेंड करने में बिजी हो गयी।
आलिशान होटल के कमरे के बिस्तर पर लेटी उर्वशी ने खुद को सफ़ेद चद्दर से ढक रखा था। उसके बगल में लेटा विक्रम उसके बालों में अपनी उंगलिया घुमाते हुए उनसे खेल रहा था। उर्वशी का फोन बजा उसने जैसे ही फ़ोन उठाने के लिये हाथ बढ़ाया विक्रम ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचकर कहा,”प्यार के इन हसींन लम्हो में मैं किसी तरह का दखल नहीं चाहता,,,,,,,,,,!!”
“ये जरुरी भी हो सकता है,,,,,!!”,उर्वशी ने कहा
“मुझसे भी ज्यादा जरुरी ?”,विक्रम ने आँखों में बेचैनी के भाव लिये पूछा
उर्वशी ने उसकी आँखों में देखा और सर्द आवाज में कहा,”तुम से ज्यादा जरुरी तो ना कल कुछ था ना आज है,,,,,,,,,,!!”
उर्वशी के इतना कहने की देर थी कि विक्रम ने उसे अपनी बाँहो में भर लिया लेकिन अगले ही पल फोन फिर बजा और इस बार उर्वशी को अपना फोन देखना पड़ा। स्क्रीन पर आता नंबर देखकर उर्वशी के चेहरे के भाव बदल गए उसने एक झटके में विक्रम को खुद से दूर किया और चद्दर में खुद को लपेटे खिड़की के पास आकर फोन उठाया और कुछ बात करने के बाद पलटकर विक्रम की तरफ आयी।
वह झुकी और विक्रम के होंठो को अपने होंठो से छूकर दूर हटते हुए कहा,”मुझे जाना होगा”
“ऐसे अचानक ?”,विक्रम ने कहा
“हाँ मैं तुमसे कल मिलती हूँ,,,,,,,,,,,,,!!!”,कहते हुए उर्वशी ने अपने कपडे उठाये और बाथरूम की तरफ बढ़ गयी
कुछ देर बाद ही वह तैयार होकर आयी तब तक विक्रम भी वहा से जाने के लिये तैयार था। वह उर्वशी के पास आया और कहा,”क्या मैं तुम्हे कही छोड़ दू ?”
“नहीं मैं चली जाउंगी , तुम्हे अब निकलना चाहिए,,,,,,,,,,,,,!!”,उर्वशी ने कहा तो विक्रम ने एक बार फिर उसके होंठो को छूकर कहा,”आई लव यू,,,,,,,,,,!!
इतना कहकर विक्रम वहा से चला गया
उर्वशी भी शीशे के सामने आकर मेकअप करने लगी और मन ही मन खुद से कहा,”हुंह लव,,,,,,,,,,,,,,,,,,लव क्या होता है ये तुम जैसे मर्द क्या जानेंगे विक्रम जिन्होंने औरत के जिस्म से सिर्फ खेलना सीखा है , उसे सवारना नहीं,,,,,,,,,,,,,!!”
होटल से बाहर निकलकर विक्रम अपनी गाड़ी में आकर बैठा ही था कि तभी उसका फोन बजा स्क्रीन पर चौहान साहब का नाम देखकर विक्रम के चेहरे के भाव बदल गए और उसने फोन उठाकर जैसे ही कुछ कहना चाहा दूसरी तरफ से चौहान साहब की आवाज आयी,”क्या मैं जान सकता हूँ इस वक्त तुम कहा हो ?”
“मैं किसी जरुरी काम से बाहर हूँ”,विक्रम ने कहा
“क्या शालू जानती है वो जरुरी काम उर्वशी के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे समझ नहीं आता विक्रम आखिर ऐसा क्या है उस घटिया औरत में जिसके लिये तुम अपना सब कुछ भुलाये बैठे हो”,चौहान साहब ने गुस्से से दबी आवाज में कहा
विक्रम ने सुना तो हैरानी से उसकी आँखे फ़ैल गयी और उसने लड़खड़ाए स्वर में कहा,”आपको कैसे पता उर्वशी यहाँ है ?”
“मैंने भले इंदौर छोड़ दिया हो लेकिन यहाँ की हर गली से आज भी वाकिफ हूँ मैं,,,,,,,,,,,,,,उर्वशी के लिये तुम शालू को धोखा दे रहे हो , वो औरत किसी की सगी नहीं है , पैसे के लिये वो किसी के भी साथ जाने को तैयार हो सकती है ये मत भूलो तुम,,,,,,,,,,!!”,चौहान साहब ने कहा
विक्रम ने सुना तो मुस्कुराया और कहा,”आपको क्या लगता है मैं उर्वशी के के लिये शालू को धोखा दूंगा ? मैं उस से कोई प्यार नहीं करता मेरे लिये वो सिर्फ दिल बहलाने का जरिया है। जिस दिन मेरा काम खत्म हो जायेगा मैं उसे रास्ते से हटा दूंगा,,,,,,,,,,,!!”,विक्रम ने नफरत भरे स्वर में कहा
“वो तुम मुझ पर छोड़ दो और आज रात आकर मुझसे मिलो,,,,,,,,,जगह और समय मैं तुम्हे मैसेज कर दूंगा , मुझे कबीर को लेकर तुमसे कुछ जरुरी बात करनी है और वो मैं फोन पर नहीं कर सकता,,,,,,,,,,!!”,चौहान साहब ने गंभीरता से कहा
“ठीक है मैं मिलता हूँ , शालू को उर्वशी के बारे में कोई खबर ना हो,,,,,,,,,,,,मैं शालू से बहुत प्यार करता हूँ”,विक्रम ने भी गंभीरता से कहा
“ठीक है मैं रखता हूँ अभी मुझे किसी से मिलना है”,कहकर चौहान साहब ने फ़ोन काट दिया।
गौरी ने जैसे ही कान से फोन हटाया काशी ने कहा,”क्या गौरी आज के दिन भी तुम हमारे मुन्ना भैया से फोन पर बातें कर रही हो , अरे आज तो उनसे फेस टू फेस बात करने का दिन है”
गौरी काशी की तरफ पलटी और कहा,”मान से नहीं मैं अपनी किट्टो मौसी से बात कर रही थी , वो आ रही है आई ऍम सो एक्साइटेड,,,,,,,,,,,,,,,मैं कितने सालों बाद मिल रही हूँ उनसे”
गौरी की ख़ुशी देखकर काशी ने कहा,”फिर तो हम भी उनसे मिलना चाहेंगे,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मिलेंगे तब ना जब हम सब टाइम से गेस्ट हॉउस पहुंचेंगे,,,,,,,,,,,,,अनु मौसी के कितने कॉल आ चुके है सब तुम्हारा इंतजार कर रहे है चलो,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह्ह मैं तो भूल ही गयी , निशि , निशि कहा है ?”,गौरी ने हड़बड़ाते हुए कहा
“मैं तैयार हूँ”,निशि ने कहा तो गौरी , काशी और अंजलि ने आवाज वाली दिशा में देखा और तीनो निशि को देखते ही रह गयी। वाइन कलर की साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज में निशि बहुत ज्यादा प्यारी और हॉट लग रही थी।
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संजना किरोड़ीवाल
🤣🤣🤣 bechra Murari jab serious ratha hai to koi aur hee uske sath khel deta hai…btao nandita ji ki behan Chaya ji ne namak wali mithai kila dee Murari…khee finally Munna aur Guri ki sagai ho rhi hai…dekhna hai ki kon kis ko dekh kar fisalta hai… Vansh kya Nishi ko dekh kar usme koo jayega, Aur yeh Vikram to hadd se zyada kamina hai…aur Urvashi bhi…dono ek dusre k sath khela kar rhe hai…lakin khud ko smart samaj rhe hai…khar dekho kon hai Guri ki kitto Massi…