Main Teri Heer – 50
Main Teri Heer – 50
वंश निशि को लेकर उस जगह पहुंचा जहा से उसे गौरी का बताया सामान लेना था , निशि सब सामान लिया और उसके बाद वंश उसे पार्लर छोड़कर घर चला आया। इन सब में वंश इतना थक गया कि कमरे में आकर बिस्तर पर गिर गया। कुछ देर बाद ही उसकी आँख लग गयी और वह भूल गया कि उसे सगाई के लिये तैयार भी होना है।
मुन्ना घर आया तो अनु ने उसे तैयार होने को कहा ताकि सब साथ ही गेस्ट हॉउस जा सके। सेट की हुई दाढ़ी और बाल मुन्ना पर काफी जच रहे थे और आज उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी।
अनु मुन्ना को ढेर सारी नसीहते देने लगी तो सारिका ने कहा,”ये सब नसीहते बाद में देना , मुन्ना यहाँ बैठो और थोड़ा कुछ खा लो तुमने सुबह से कुछ खाया नहीं है।”
“आप ही खिला दीजिये दी , इसके बाद हमारा मुन्ना हमारे हाथो से थोड़े खाने वाला है इसके बाद इसे गौरी के हाथ से खाना है,,,,,,,,,,,,,क्यों मुन्ना”,अनु ने मुन्ना को छेड़ते हुए कहा
“माँ,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने शरमाते हुए कहा
“आओ बैठो हम अपने हाथ से खिला देते है,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने मुन्ना का हाथ पकड़कर उसे अपने सामने बैठाते हुए कहा
मुन्ना सारिका के सामने आ बैठा और सारिका उसे अपने हाथो से खिलाने लगी। अनु अपना मेकअप करने में बिजी थी। मुन्ना को खामोश देखकर सारिका ने कहा,”डर लग रहा है ?”
मुन्ना ने सारिका की तरफ देखा और धीरे से कहा,”हम्म्म !”
सारिका मुस्कुराई और कहने लगी,”इसे डर नहीं कहते , ये एक बहुत ही प्यारा सा अहसास है जो हर इंसान को अपनी जिंदगी में होता है ,, इसके बाद जिंदगी और खूबसूरत लगने लगती है स्पेशली तब जब हमसफ़र अपनी पसंद का हो,,,,,,,,,,,,,गौरी बहुत प्यारी लड़की है हमे विश्वास है वो तुम्हारे शांत जीवन में थोड़ी सी चहल पहल जरूर लाएगी”
“चहल पहल नहीं माँ , तूफान कहिये”,मुन्ना ने कहा
सारिका ने मुन्ना के गाल पर धीरे से चपत लगाकर कहा,”धत बदमाश,,,,,,,,,,खबरदार जो तुमने हमारी बहू के लिये ऐसा कुछ कहा”
“अच्छा आप ये हमे दीजिये हम खुद खा लेंगे , आप तैयार हो जाईये,,,,,,,,,,,,और वंश कहा है ? हमने आने के बाद एक बार भी उसे नहीं देखा”,मुन्ना ने सारिका के हाथ से प्लेट लेकर कहा
“वो शायद काशी के कमरे में सो रहा है,,,,,,,!”,सारिका ने जैसे ही कहा वंश ने कमरे में आते हुए कहा,”माँ ! मैं इतना भी आलसी नहीं हूँ कि बस सोते ही रहू”
वंश की आवाज सुनकर सारिका , अनु और मुन्ना ने एकसाथ दरवाजे की तरफ देखा। वाइन कलर का कुर्ता और उसके नीचे सफ़ेद पजामा पहने वंश बहुत ही प्यारा लग रहा था। उसने बालो को जेल से सेट किया हुआ था और बांये हाथ की कलाई पर बंधी महंगी घडी चमक रही थी जो उसे लास्ट बर्थडे पर सारिका से तोहफे में मिली थी। चेहरा रोजाना से ज्यादा चमक रहा था और होंठो पर हमेशा वाली प्यारी सी मुस्कान थी।
“उहलाललाला वंश यू लुकिंग डेम हॉट बेबी,,,,,,,,!!”,अनु ने कहा
वंश मुस्कुराते हुए अनु की तरफ आया और अपने फ़ोन का कैमेरा ऑन करते हुए कहा,”इस बात पर तो एक सेल्फी बनती है अनु मौसी,,,,,,!!”
अनु ने वंश के साथ सेल्फी खिंचवाई और सारिका से कहा,”दी मैं जरा बाहर देखकर आती हूँ सब तैयार हुए या नहीं,,,,,,,,,,,और आप भी जल्दी से तैयार हो जाईये”
वंश सारिका की तरफ आया और कहा,”माँ मुझे भी खिलाईये ना बहुत भूख लगी है।”
सारिका ने एक निवाला तोडा और वंश को खिलाते हुए कहा,”क्यों बेटा ? क्या तुमने खाना नहीं खाया ?”
“अरे माँ वो उस छिपकली के चक्कर में,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा मतलब मैं गौरी से मिलने गया था और वहा उसने मुझे 10 काम बता दिए बस उन्ही को करने के चक्कर में कुछ खाने को नहीं मिला”,वंश ने कहा
“वो अब तुम्हारी होने वाली भाभी है वंश तुम्हे गौरी को नाम से नहीं बुलाना चाहिए”,सारिका ने प्यार से कहा
“भाभी तो वो मेरी शाम में बनेगी माँ तब तक मैं उसे गौरी बोल सकता हूँ , क्यों मुन्ना ?”,वंश ने पूछा
“हम्म्म जरुर,,,,,,,,अच्छे लग रहे हो”,मुन्ना ने वंश के कुर्ते का कॉलर ठीक करते हुए कहा
“मैं तो ठीक हूँ पर तुमने ये क्या हाल बना रखा है , तुम्हारी सगाई है और तुम अभी तक तैयार नहीं हुए,,,,,,,,,,,,माँ आप उठिये और जाकर तैयार हो जाईये , मुन्ना को तैयार मैं करता हूँ,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने सारिका को कमरे से बाहर करते हुए कहा
सारिका के बाहर जाने के बाद वंश ने कमरे का दरवाजा बंद किया और जैसे ही मुन्ना की तरफ आया मुन्ना ने उस पर लात घुसे बरसाने लगा।
“ए मुन्ना ये क्या कर रहा है ? पागल हो गया है क्या ?”,वंश ने अपने बचाव में कहा लेकिन मुन्ना ने उसे दबोच लिया और बिस्तर पर गिराकर उसके ऊपर चढ़ते हुए कहा,”हम से पहले तुम गौरी से जाकर मिलोगे , उसे हग करोगे और तो और हमे जलाने के लिये उसे अपने हाथो से खाना भी खिलाओगे,,,,,,,,,तुम्हे तो हम”
“अरे मुन्ना मैं बस मजाक कर रहा था,,,,,,,,,वो मेरी भाभी है और भाभी माँ समान होती है”,मुन्ना के नीचे दबे वंश ने मिमियाते हुए कहा
मुन्ना को अहसास हुआ कि उसने कुछ ज्यादा ही ओवर रिएक्ट कर दिया तो वह साइड हटा और वंश के बगल में लेटते हुए कहा,”सॉरी,,,,,,,,,,,,,!!”
“इट्स ओके , गौरी के लिये इतना पजेसिव होते पहली बार देखा है तुम्हे,,,,,,,,,,!!!”,वंश ने भी मुन्ना के बगल में लेटे हुए कहा
“गौरी सिर्फ हमारी है , हम उसे किसी के साथ नहीं बाँट सकते,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे साथ भी नहीं,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने गंभीरता से कहा
वंश ने सुना तो मुस्कुराया और कहा,”गौरी हमेशा तुम्हारी ही रहेगी,,,,,,,,,,,मैं ये सब जानबूझकर कर रहा था ताकि गौरी को लेकर तुम्हारे दिल की भावनाये जान जान सकू”
“हमारी भावनाये तो तुम जान लोगे वंश लेकिन तुम्हारी भावनाओ का क्या ?”,मुन्ना ने फिर गंभीरता से कहा
“तुम किन भावनाओ की बात कर रहे हो ?”,वंश ने उठकर बैठते हुए कहा
“हम निशि के बारे में बात कर रहे है , देखो वंश हम जानते है तुम्हारे दिल में निशि को लेकर बहुत कुछ है बस तुम उसे खुलकर जाहिर नहीं कर पा रहे हो,,,,,,,,,,हमने तुम्हारी आँखों में उसके लिये प्रेम देखा है”,मुन्ना ने भी उठकर उसके बगल में बैठते हुए कहा
“ऐसा कुछ नहीं है मुन्ना , उसका और मेरा कोई मैच ही नहीं है,,,,,,,,,,,वैसे भी हम साथ होते है तो हमारे बीच सिर्फ झगडे होते है और वो , वो मुझे हमेशा गुस्सा दिलाती है”,वंश ने विचलित होकर कहा
“जरुरी नहीं है मोहब्बत हमेशा टकराने से ही हो कुछ मोहब्बत की शुरुआत लड़ाई झगड़ो से भी शुरू होती है और ज़रा सोचो जिस इंसान के सामने तुम अपना गुस्सा कंट्रोल नहीं कर पा रहे वो इंसान कितना प्योर होगा,,,,,,,,,,,,निशि अच्छी लड़की है और हमने देखा है वो तुम्हे बहुत पसंद भी करती है बस तुम्हारे समझने की देर है”,मुन्ना ने वंश को बातो में उलझाते हुए कहा
“फ़िलहाल तो तुम्हे तैयार होने की जरूरत है , वी आर गेटिंग लेट मुन्ना,,,,,,,,,,!!”,वंश ने उठते हुए कहा
मुन्ना समझ गया वंश उसकी बातो को नजरअंदाज कर रहा है लेकिन आज रात वंश मुन्ना के साथ ही था इसलिये सगाई के बाद उस से बात करने का सोचकर मुन्ना उठा और तैयार होने चला गया।
मुन्ना ने कपडे पहने और वंश के सामने आया तो वंश उसे देखता ही रह गया। मुन्ना सफ़ेद और लाइट पर्पल रंग के कपड़ो में बहुत ही प्यारा लग रहा था। उसने पारम्परिक पोशाक पहनी थी। वंश उसके पास आया और कहा,”आज तो गौरी मेरा मतलब भाभी के होश उड़ने वाले है,,,,,,,,,,,,,!!”
“ठीक नहीं लग रहा क्या ?”,मुन्ना ने अपने कपड़ो को देखते हुए कहा
“ठीक,,,,,,,,,,,,,,,बहुत ज्यादा अच्छे लग रहे हो मुन्ना , बैठो मैं तुम्हारा टच अप करता हूँ और हाँ आज याद से काला टीका जरूर लगा लेना क्योकि आज तो तुम्हे पक्का नजर लगने वाली है।”,वंश ने कहा
वंश की बाते सुनकर मुन्ना मुस्कुराने लगा , वंश उसे तैयार करने लगा।
दोपहर से शाम हो गयी लेकिन शक्ति को जॉर्डन नहीं मिला , शक्ति अभी भी उम्मीद में था कि जॉर्डन इस रास्ते से आएगा। वह अपनी गाडी के पास खड़ा था तभी उसका फोन बजा। शक्ति ने देखा फोन काशी का था। शक्ति ने फोन उठाया और कहा,”हाँ काशी”
“शक्ति कहा हो तुम ? हम सब गेस्ट हॉउस में है और बाकि सब मेहमान भी आ चुके है और मम्मी पापा कितनी बार तुम्हारे बारे में पूछ चुके है तुम कब आओगे ?”,काशी एक साँस में सब कह गयी
“काशी क्या हमारा आना जरुरी है ? हमारा मतलब हमारी हालत तुमने देखी है ऐसे आएंगे तो,,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति इतना ही कह पाया कि तभी उसके कानो में गौरी की आवाज पड़ी,”हेलो मिस्टर शक्ति ! एक दिन अगर आप अपनी ड्यूटी नहीं करेंगे तो इंदौर में भूचाल नहीं आ जायेगा,,,,,,,,,,,,,,आज मेरी सगाई है और तुम्हे आना ही है वरना मैं तुम से नाराज हो जाउंगी,,,,,,,,,!!”
“अरे गौरी हमारी बात,,,,,,,,,,,!”,शक्ति ने कहा लेकिन गौरी और काशी के सामने भला उसकी कहा चलने वाली थी
“शक्ति क्या तुम चाहते हो अब हम माँ या पापा से तुम्हे फ़ोन करवाए ? नहीं ना तो फिर आज तुम सगाई में आ रहे हो,,,,,,,,,,,,गेस्ट हॉउस का एड्रेस हम तुम्हे व्हाट्सप्प देंगे जल्दी आना”,काशी ने कहा और फ़ोन काट दिया
“काशी , काशी,,,,,,,,,,,,सुनो हम,,,,,,,,,,,,काट दिया”,शक्ति खुद में ही बड़बड़ाया तभी पास खड़े मोहसिन ने कहा,”बीविया कहा किसी की सुनती है सर ?”
“हम्म्म्म बात तो सही है , अच्छा अभी हम निकलते है कुछ जरूरत हो तो हमे फोन करना”,शक्ति ने कहा
मोहसिन ने शक्ति को सेल्यूट किया तो शक्ति मुस्कुराया और मोहसिन का हाथ नीचे करते हुए कहा,”मोहसिन हमे एक हफ्ते के लिये सस्पेंड किया गया है इसकी जरूरत नहीं है”
“सस्पेंड आप डिपार्मेंट से हुए है सर हमारे दिल से नहीं,,,,,,,,,,,,,,!!”,मोहसिन ने कहा तो शक्ति ख़ामोशी से उसे देखता रहा और फिर वहा से चला गया
शक्ति गाड़ी में आ बैठा और घर के लिये निकल गया क्योकि काशी और गौरी से भले वो ना डरता हो लेकिन शिवम से वह आज भी डरता था।
रास्ते में शक्ति ट्रेफिक में आकर रुका उसकी नजर बगल में खड़ी गाड़ी पर गयी तो उसकी आँखे हैरानी से फ़ैल गयी। गाड़ी में विक्रम अरोड़ा एक महिला के साथ बैठा था और वह महिला उसकी पत्नी तो बिल्कुल नहीं थी। महिला का हाथ अपने हाथ में थामे विक्रम बार बार उसके हाथ को चूम रहा था और महिला किसी बात पर खिलखिलाकर हंस रही थी। शक्ति को यही से विक्रम पर शक होने लगा। वह धर्म संकट में फंस गया , इस वक्त वह गौरी की सगाई में जाये या फिर विक्रम का पीछा करे ?
शक्ति कोई फैसला ले पाता इस से पहले ही हॉर्न की आवाजे उसके कानों में पड़ी। ट्रेफिक क्लियर हो चुका था और पीछे खड़ी गाड़िया शक्ति को आगे बढने को कह रही थी। शक्ति ने देखा विक्रम की गाडी भी दूसरे डायरेक्शन में बहुत आगे जा चुकी है उसने स्टेयरिंग पर हाथ मारा और फिर घर के लिये निकल गया
प्रताप भूषण से उसकी बहन और राजन की शादी की बात करके मुसीबत मोल ले चुका था क्योकि राजन इतना बुरा लड़का नहीं था जितना भूषण की संगत और आदतों में उसे बना दिया था। भूषण ने भी मोके का फायदा उठाया और अपने घरवालों को मनाकर उसी शाम अपनी बहन का रिश्ता लेकर राजन के घर आ धमका। प्रताप को भला और क्या चाहिए था ? काशी बनारस वापस आये और काशी के लिये राजन का प्यार फिर से ज़िंदा हो उस से पहले ही प्रताप राजन शादी कही और कर देना चाहता था ताकि सारा मामला ही सुलट जाये।
प्रताप ने ख़ुशी ख़ुशी भूषण और उसके पिताजी का स्वागत किया और बिरजू से सबके लिये चाय नाश्ता लगाने को कहा। भूषण और उसके पिताजी आँगन में आ बैठे , प्रताप उनसे बाते करने लगा। कुछ देर बाद राजन घूमते घामते बाहर से घर आया आँगन में भूषण और उसके साथ एक आदमी को देखकर राजन उलझन में पड़ गया और सीधा अपने पिताजी के पास चला आया।
“नमस्ते,,,,,,,,,!!”,राजन ने भूषण के पिताजी से कहा
“अरे नमस्ते का कर रहे हो पैर छुओ बिटवा , जे तुम्हरे होने वाले ससुर है,,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने खींसे निपोरते हुए कहा
राजन ने सुना तो गुस्से से कहा,”हमे कोई सादी नहीं करनी है पिताजी,,,,,,,,,,,,हम किसी और से प्रेम करते है।”
भूषण और उसके पिताजी ने जैसे ही सुना दोनों उठ खड़े हुए , प्रताप राजन के पास आया और कहा,”जे का बकवास है रजनवा ? और किस से प्रेम है तुमको ?”
राजन ने भूषण और उसके पिताजी को देखा और कहा,”उसका नाम राजदुलारी है”
कहकर राजन तो वहा से चला गया लेकिन भूषण के पिताजी आग बबूला हो गए , उन्हें गुस्से में देखकर प्रताप ने कहा,”आप काहे इतना गरमा रहे है ? अरे जवान लौंडा है ऐसे ही बोल दिया हम करते है उस से बात,,,,,,,,,,,,!!”
“अरे गुस्सा ना हो तो और का हो ?”,भूषण के पिताजी ने आग बबूला होते हुए कहा
“काहे ?”,प्रताप ने कहा
“राज दुलारी हमरी मेहरारू है,,,,,,,,,,,,,!!”,भूषण के पिताजी ने जैसे ही कहा प्रताप गश खाकर वही गिर पड़ा
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संजना किरोड़ीवाल
🤣🤣🤣🤣 Rajdulari pratap k pita ji patni yani bhushan ki maa se Rajan ko pyar ho gaya…kuch bhi bol diya Rajan ne apne pita k samne…khar esa lag raha hai ki Urvashi ka vikram se chakkar to nhi chal rha…lakin urvashi to shayad Guri ki Massi hai aur wo uski sagai k liye indor aai hai…ohhh yr bahot suspens hai… umeed hai ki aaj Munna ki sagai m thoda suspense khatam ho
Ab ye rajdulari ka kya chakkar h😂
Arey dada rajan ko bhushanwa ke mummy se pyar h😀😀😀😀😜😜😆😆😜😜😂😀😀🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Very 🤣🤣🤣😄😄😄😄