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Main Teri Heer – 32

Main Teri Heer – 32

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

शक्ति का घर , इंदौर
देर रात शक्ति घर आया। मेन गेट से अंदर आकर जैसे ही घर दरवाजा खोलने के लिये जेब से चाबी निकाली शक्ति का ध्यान गेट के बाहर रखे बैग पर गया। शक्ति ने बैग को उठाया उसमे टिफिन रखा था और साथ में एक कार्ड भी। शक्ति ने घर का दरवाजा खोला और बैग के साथ अंदर चला आया। उसने बैग टेबल पर रखा और घर की लाइट्स जला दी। शक्ति ने बैग में रखा कार्ड उठाया और पढ़ने लगा


“आज का खाना नानी माँ से सीखकर हमने खुद बनाया है , हम चाहते थे तुम घर आकर खाओ लेकिन हम नहीं चाहते थे हम तुम्हे फोन करे और तुम हम पर फिर से चिल्लाओ इसलिये डिब्बा पैक करके भेजा है। सब्जी और दाल में नमक कम है और क्यों है ये खुद पता लगा लेना”
काशी !!”
शक्ति ने पढ़ा तो मुस्कुरा उठा और कार्ड को अपने होंठो से छू लिया। उसने टिफिन बैंग से बाहर निकाला। खाने की खुशबू से ही शक्ति की भूख बढ़ गयी।

वह अपने कमरे में गया कपडे बदले और फ्रेश होकर आया। वह कुर्सी पर आ बैठा और टिफिन खोला। शक्ति एक एक करके डिब्बो से ढक्कन हटाने लगा। एक डिब्बे में दाल मखनी था , एक में मटर पनीर , एक डिब्बे में खीर थी और एक डिब्बे में चपाती जो कि गोल तो बिल्कुल नहीं थी लेकिन शक्ति ये सब देखकर खुश था। एक छोटे डिब्बे में सलाद और अचार भी रखा था। शक्ति ने एक निवाला तोड़ा और दाल के साथ खाया।

एक निवाला खाते ही शक्ति की आत्मा तृप्त हो गयी। कोई कह ही नहीं सकता था कि काशी ने ये खाना पहली बार बनाया था। शक्ति एक एक करके सभी डिब्बे खाली करते गया और सबसे आखिर में खायी उसने खीर जो कि सोने पर सुहागा थी। शक्ति का पेट भर गया लेकिन मन नहीं भरा,,,,,,,,,,!!

शक्ति खाना खाने में इतना खो गया कि वह काशी को खाने के लिये थैंक्यू बोलना भी भूल गया। थक हारकर बेचारी काशी ने ही उसे फोन किया और कहा,”कितनी सेल्फिश हो ना तुम शक्ति ? मैंने तुम्हारे लिये इतने प्यार से खाना बनाया और तुमने एक कॉल तो दूर एक थैंक्यू मैसेज तक नहीं भेजा,,,,,,,,!!”
“थैंक्यू नहीं , हम तुम्हे कुछ और कहना चाहते है,,,!!”,शक्ति ने बड़े प्यार से कहा
“क्या ?”,काशी ने पूछा


“हमेशा के लिये हमारे घर आ जाओ,,,,,,,,,,,,,हम चाहते है ऐसा खाना हमे रोज खाने को मिले”,शक्ति ने सुना
“क्या ? मतलब तुम सिर्फ हमारे हाथ से बने खाने के लिये हमसे शादी करना चाहते हो,,,,,,,,,,,,,,हाह तुम कितने बुरे हो”,काशी ने नाराज होते हुए कहा
“अरे सुनो काशी !”,शक्ति ने कहा
“क्या है ? हमे तुम से बात नहीं करनी,,,,,,,,,,,,एक तो तुम हम पर चिल्लाये और फिर हमने तुम्हारे लिये खाना बनाया तो उसके लिए भी तुमने कुछ नहीं कहा कि कैसा बना है ?”,काशी ने कहा


“हम तुम पर चिल्लाये इसके लिये हम तुम से माफ़ी चाहते है , हम थोड़ा परेशान थे बस इसलिये गुस्सा तुम पर निकल गया,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने प्यार से कहा
“पक्का ना ? और कोई बात तो नहीं है,,,,,,,,,,!!”,काशी ने पूछा
“और तो क्या बात होगी होगी ?”,शक्ति ने कहा
“वो प्रिया कह रही थी कि तुम दूसरी लड़कियों,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने अपने मन के शक को शक्ति के सामने एकदम से उजागर करते हुए कहा


“छी छी कैसी बाते कर रही हो तुम काशी ? क्या तुम्हे लगता है हम तुम्हारे अलावा किसी और लड़की के साथ,,,,,,,,,,,,तुमने ऐसा सोचा भी कैसे क्या हमारे प्यार में कोई कमी दिखी तुम्हे ?”,शक्ति ने पूछा
“हम नहीं वो प्रिया,,,,,,,,,,,!”,काशी ने मासूमियत से कहा
“उसे छोडो तुम बताओ काशी क्या तुम्हे हम में कोई बदलाव नजर आया ?”,शक्ति ने गंभीर होकर पूछा
“तुम बस पहले से थोड़ा ज्यादा बिजी हो गए हो इसके अलावा कुछ नहीं,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा


“इसका मतलब ये है काशी कि हमारे पास जिम्मेदारियां अब पहले से ज्यादा है , थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन धीरे धीरे सब समझ आ जायेगा बस जरूरत है तुम्हे हम पर भरोसा करने की,,,,,,,,,,,,तुम्हे लगता होगा हम तुम्हे अपने काम के बारे में ज्यादा नहीं बताते तो वो सिर्फ इसलिये क्योकि हम नहीं चाहते तुम परेशान हो और कुछ भी उलटा सीधा सोचो,,,,,,,,,,,तुम्हे अपनी पढाई पर ध्यान देना चाहिए हम हमेशा तुम्हारे साथ है , हमारी जिंदगी में आने वाली तुम पहली लड़की और आखरी लड़की हो,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने गंभीरता से कहा


काशी ने सुना तो उसे बुरा लगा , प्रिया ऋतू की बातो में आकर खामखा उसने शक्ति पर शक किया और उसे गलत समझ बैठी।  

 काशी को खामोश देखकर शक्ति आगे कहने लगा,”हम तुम्हारी उलझने समझ सकते है काशी और हम पूरी कोशिश करेंगे तुम्हे पूरा वक्त दे। हम तुम से बहुत प्यार करते है पर क्या करे पुलिसवाले है ना तो हमेशा से कठोर रहने की आदत रही है इसलिए अपना प्यार दिखा नहीं पाते वरना हमारे जैसा रोमांटिक लड़का तुम्हे पुरे बनारस में कही नहीं मिलेगा,,,,,,,,,!!”


शक्ति को अपनी तारीफ करते देखकर काशी ने कहा,”अच्छा ये कुछ ज्यादा हो रहा है DCP साहब,,,,,,,,,,,!!”
“ए काशी ! आइंदा से तुम हमे ये साहब कहकर नहीं बुलाओगी , तुम्हारे लिये हम सिर्फ शक्ति है,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“तो शादी के बाद भी क्या हम तुम्हे शक्ति ही कहकर बुलाये ?”,काशी ने कहा


“नहीं शादी के बाद तुम हमे एजी ओजी कहकर बुला सकती हो और शादी के एक साल बाद तुम हमे बिट्टू के पापा कहकर बुला सकती हो,,,,,,,,,,हम तो हमेशा तुम्हारी ही सुना करेंगे,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा तो काशी शरमा गयी और कहा,”बस करो शक्ति तुम बहुत आगे चले गए हो अभी हम यही है मुन्ना भैया और गौरी की सगाई मे,,,,,,,,,,!!”
शक्ति ने सुना तो हसने लगा।
“अच्छा तुम सगाई में आ रहे हो न ?”,काशी ने पूछा


“बिल्कुल और इस सगाई में तुम्हारे लिये एक सरप्राइज है,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“वो क्या है ?”,काशी ने आक्साईटेड होकर कहा
“सब्र रखो काशी हमने कहा सगाई में,,,,,,,,,,,अच्छा अभी रात बहुत हो चुकी है अब तुम सोने जाओ,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“हम्म्म गुड नाईट”,काशी ने कहा


“काशी,,,,,,,,!!”,शक्ति ने बड़े प्यार से काशी का नाम लेकर कहा
“हम्म्म!”,काशी ने कहा
“खाना बहुत अच्छा बना था , तुम्हारे हाथो में साक्षात् माँ अनपूर्णा का आशीर्वाद है,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने सहजता से कहा तो काशी मुस्कुरा उठी
“शादी के बाद हम तुम्हे रोज बनाकर खिलाएंगे,,,,,,,,,,,,,हमने नानी माँ और माँ से बहुत सारे रेसिपी सीखे है,,,,,,,,,!!”,काशी ने खुश होकर कहा


“शादी के बाद हम तुम्हारे हाथो से खाना पसंद करेंगे,,,,,,,,,,,खिलाओगी ना ?”,शक्ति ने कहा और ये पूछते हुए ना जाने क्यों उसकी आँखों में नमी तैर गयी
“हाँ,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“ठीक है अब तुम सोने जाओ हम सगाई में मिलते है,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा और फोन रख दिया
शक्ति से बात करके काशी का मन भी शांत हो गया। जो ग़लतफ़हमी शक्ति को लेकर उसके मन में थी वो शक्ति दूर कर चूका था। काशी ख़ुशी ख़ुशी सोने चली गयी।

काशी से बात करके शक्ति ने फोन रखा और महसूस किया कि उसकी आँखे नम थी। वह हॉल में दिवार पर लगी अपने माँ-पापा की तस्वीर के सामने चला आया और उन्हें देखते हुए कहने लगा,”काशी बहुत अच्छी लड़की है माँ , हम कोशिश करेंगे हम कभी उसका दिल ना दुखाये। वो बिल्कुल हमे आपकी तरह प्यार करती है जैसे बचपन में आप से गुस्से में बात करने के बाद भी आप हमे उतने ही प्यार से अपने हाथो से खाना खिलाया करती थी आज काशी ने भी वही किया।

काशी के रूप में हमे प्रेमिका का प्यार तो मिला ही लेकिन साथ ही माँ का ममत्व भी मिल रहा है। हम काशी के साथ बहुत खुश है माँ और उसे भी हर ख़ुशी देना चाहते है,,,,,,,,,,,,,,वैसे उसने हम से कहा कि खाने में नमक कम है और क्यों है ये हम खुद पता लगा ले,,,,,,,,इसका मतलब क्या था हम समझे नहीं,,,,,,,,,,,खैर छोड़िये आप दोनों का आशीर्वाद हमारे साथ साथ काशी पर भी बना रहे बस आपसे यही प्रार्थना है। रात बहुत हो चुकी है , हम सोने जा रहे है”

शक्ति अपने कमरे में आया और बिस्तर पर लेट गया। 
बिस्तर पर लेटा शक्ति अभी भी काशी के बारे में सोच रहा था लेकिन वह उसकी कही बात का मतलब नहीं समझ पाया। इतनी रात में किसे फ़ोन करे सोचकर शक्ति ने पंकज का नंबर डॉयल किया।
“जय हिन्द सर ! इतनी रात में फोन किया”,पंकज ने तुरंत शक्ति का फोन उठाकर कहा
“हमने तुम्हे डिस्टर्ब तो नहीं किया ?”,शक्ति ने पूछा


“नहीं सर मैं नाईट ड्यूटी में हूँ , जाग रहा हूँ”,पंकज ने कहा
 शक्ति ने कार्ड पर लिखी बात के बारे में पंकज से पूछा तो पंकज हंसने लगा और फिर कहा,”सर काम नमक खाने की सलाह उन्हें दी जाती है जिनका ब्लड प्रेशर हाई रहता है। आपको ये सलाह शायद काशी मैडम ने दी है”
शक्ति ने सुना तो हैरानी से कहा,”पंकज क्या तुम्हे भी लगता है हम ज्यादा गुस्सा करते है ?”
“बुरा मत मानियेगा सर लेकिन हाँ थोड़ा सा,,,,,,,,,!!”,पंकज ने डरते डरते कहा आखिर शक्ति था तो उसका सीनियर ही,,,,,,,!!”


“पंकज एक काम करो कल सुबह आकर मुझसे ऑफिस में मिलो,,,,,,,!!”,शक्ति ने थोड़ा कठोरता से कहा तो बेचारा पंकज घबरा गया और कहा,”अरे सर ! मैं तो बस मजाक कर रहा था,,,,,,,,,,!!”
“रिलेक्स हम भी मजाक कर रहे थे , गुड नाईट”,शक्ति ने मुस्कुरा कर कहा
“गुड नाईट सर , जय हिन्द”,कहकर पंकज ने फोन काट दिया


शक्ति ने फोन साइड में रखा और बिस्तर के पास लगी टेबल पर रखी अपनी और काशी की तस्वीर देखकर कहा,”अच्छा तो हम ज्यादा गुस्सा करने लगे है , ठीक है काशी मुन्ना की सगाई में दिखाते है तुम्हे अपना नया रूप,,,,,,,,,,,!!”
शक्ति ने घडी में वक्त देखा और सोने चला गया  

 गौरी का घर , इंदौर
“किट्टो मेरी बात सुनो परसो गौरी की सगाई है और तुम कह रही हो तुम परसो आओगी , ऐसा भी क्या जरुरी काम है तुम्हे जो तुम कल नहीं आ सकती ? अरे ! कल आ जाती तो सब तैयारियां देख लेती , सब से मिल लेती और फिर कल कितने काम है मैं अकेले कैसे सब सम्हालूँगी ? हाँ हाँ मम्मी आ रही है लेकिन गौरी की मौसी होने के नाते तुम्हारा भी तो कोई फर्ज बनता है।”,हॉल की बालकनी में घूमती नंदिता ने अपनी छोटी बहन किट्टो से कहा


दूसरी तरफ से किट्टो ने कुछ कहा और नंदिता ने कहा,”हाँ मैं समझती हूँ इसलिये तो सिर्फ सगाई के एक दिन पहले आने को कह रही हूँ फिर चाहे तुम सगाई की शाम ही वापस निकल जाना,,,,,,,,,,,हद है किट्टो क्या मैं जान सकती हूँ तुम कहा बिजी हो ?”
गौरी उस वक्त पानी लेने नीचे आयी थी उसने जब नंदिता को परेशान देखा तो बोतल से पानी पीते हुए बालकनी की तरफ आयी और इशारो में नंदिता से परेशानी का कारण पूछा तो नंदिता ने कहा,”तुम्हारी किट्टो मौसी ! कह रही है सगाई वाले दिन आएगी,,,,,,,,,,तुम बताओ गौरी क्या ये सही है ?”


नंदिता ने ये कहते हुए हाथ में पकड़ा फ़ोन गौरी की तरफ बढ़ा दिया। गौरी ने फोन अपने कान से लगाया और कहा,”बिल्कुल सही बात है हमारी किट्टो मौसी इतनी बिजी है सगाई वाले दिन भी आये तो क्या दिक्कत है ? क्यों मौसी ?”
गौरी की बात सुनकर नंदिता ने हैरानी से उसे देखा , कहा वह गौरी से किट्टो को समझाने के लिये कह रही थी और कहा गौरी ने उन्हें और चने के झाड़ पर चढ़ा दिया। गौरी को किट्टो से बात करते देखकर नंदिता समझ गयी कि दोनों अपनी मनमर्जी करेगी इसलिए बिना अपना वक्त बर्बाद किये नंदिता सोने चली गयी।


“अच्छा गौरी मेरे होने दामाद जी का नाम तो बता दो,,,,,,,!!”,दूसरी तरफ से एक प्यारी सी आवाज उभरी
“उनका नाम है,,,,,,,,,,,,मैं नहीं बता रही , आप सगाई में लेट आ रही है ना तो ये आपकी पनिशमेंट है कि मान का नाम आपको सगाई में ही पता चलेगा”,गौरी ने जल्दी जल्दी में नाम बताते हुए कहा
“माआआआन , नाइस नेम ,, जब नाम इतना प्यारा है तो दामाद जी खुद कितने प्यारे होंगे,,,,,,,!!”,दूसरी तरफ से फिर वही प्यारी सी आवाज उभरी


“क्या ? मैंने आपको नाम बता दिया क्या ? मान सही कहता है मैं सच में ढक्कन हूँ,,,,,,,,,,,बाय द वे आपको उस से मिलकर बहुत अच्छा लगेगा,,,,,,,,,,,,,,वो बहुत बहुत बहुत ज्यादा अच्छा है,,,,,,!!”,गौरी ने ख़ुशी से चहकते हुए
“फिर तो तुम्हारे मान से मुझे मिलना ही पडेगा आखिर ऐसा क्या है उसमे जिसने तुम्हे अपना दीवाना बना दिया ,, अब मैं रखती हूँ सगाई में मिलते है”,दूसरी तरफ से आवाज आयी


“ठीक है गुड नाईट और जल्दी आना,,,,,,,,,,,मुझे आपसे बहुत सारी बाते करनी है”,गौरी ने खुश होकर कहा
“ठीक है,,,,,,,,,,,!!”,कहकर किट्टो ने फोन काट दिया और गौरी अपना फोन अपने होंठो से लगाकर बड़बड़ाई,”माआआआन , अह्ह्ह्हह कितना प्यारा नाम है ,, रखा भी तो मैंने ही है ,, अपने बच्चो का नाम भी मैं ही रखूंगी वरना मान तो उनके नाम अपने जैसे रख देगा,,,,,,,गुड्डू , पिंकी , बबलू,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह मैं भी कितनी पागल हूँ अभी से बच्चो के बारे में सोच रही हूँ।”
 गौरी कुछ देर वहा रुकी और फिर सोने चली गयी

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