Main Teri Heer – 30
Main Teri Heer – 30
मुन्ना सारिका को घर छोड़ने जा ही रहा था कि अनु ने उन दोनों को अपने घर बुला लिया। मुन्ना ने गाड़ी अपने घर जाने वाले रास्ते की तरफ मोड़ दी। कुछ देर बाद ही दोनों घर पहुंचे। मुन्ना सारिका के साथ जैसे ही अंदर आया हॉल में बैठी औरतो को देखकर एकदम से चिल्लाया। हॉल में अनु , आई , मुरारी की भुआ और अनु की सहेली मुँह पर फेसियल क्रीम लगाकर बैठी थी। मुन्ना के चीखने की वजह भी यही थी क्योंकि उसने अचानक से उन्हें इस हाल में देखा था।
मुन्ना की चीख सुनकर आई ने अपनी आँखों पर लगे खीरा को हटाया और कहा,”क्या हुआ ? क्या हुआ ?”
“तुम ठीक हो ?”,सारिका ने मुन्ना की बांह छूकर कहा
“हाँ बड़ी माँ हम ठीक है,,,,,,,,,,,,,लेकिन ये लोग ऐसे,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने आगे आते हुए कहा
“माँ ये सब क्या है ?”,मुन्ना ने अनु के पास आकर पूछा
अनु ने अपनी आँखों पर लगी ककड़ी को नहीं हटाया और सोफे पर लेटे लेटे कहा,”तुम्हारी सगाई है बेटा , तुम्हारी माँ का सगाई चमकना जरुरी है न”
सारिका ने सुना तो मुस्कुराई। वह आकर सोफे पर बैठ गयी तो आई ने कहा,”अरे मुन्ना ! तुम्हरी सगाई है तुमहू तो सगाई के चाव में ही चमकोगे , हमे भी तो हुआ इंदौर में अच्छा दिखना है तुम्हरे ससुराल वालो के सामने,,,,,,,,,,,,हमरी बात मानो तुमहू भी फसल करवा लो”
“अरे फसल तो इह का मुँह पर पहिले से है जे कहो कि मुन्ना फसल कटवाय ल्यो”,हॉल के दूसरी तरफ पड़े सोफे पर बैठे मुरारी ने कहा जिसकी पीठ मुन्ना की तरफ थी।
मुन्ना ने सुना तो मुरारी के पीछे आया और कहा,”पापा ! हम शेविंग नहीं करवाएंगे,,,,,,,,,,!!”
“हमरे हिया ऐसा नहीं होता है बेटा , सगाई में लड़के को चेहरा सफाचट करना ही पड़ता है,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“क्या ये जरूरी है पापा ?”,मुन्ना ने एक कोशिश करते हुए कहा लेकिन मुरारी ने ध्यान नहीं दिया।
मुन्ना घूमकर मुरारी के सामने आया तो देखकर दंग रह गया। आई और अनु ने तो सिर्फ मुँह पर क्रीम लगा रखा था लेकिन मुरारी के तो चेहरे , दोनों हाथो और दोनों पैरो तक पर क्रीम लगा था साथ ही आँखों पर रखे थे खीरा के टुकड़े,,,,,,,,,,,!!
मुन्ना आँखे फाड़े मुरारी को देखे जा रहा था और फिर एकदम से कहा,”ये क्या है ?”
“का ?”,मुरारी ने कहा
“ये सब क्या लगाया है आपने ?”,मुन्ना ने पूछा
“अरे तुम का चाहते हो तुम्हरी सगाई में सिर्फ तुम्हरी माँ सुन्दर लगे हम नहीं,,,,,,,,,,,शर्त लगाय ल्यो मुन्ना चमकेंगे तो हम ही,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने थोड़ा उनको आवाज में कहा ताकि अनु तक बात पहुँच जाये
अनु मुरारी की बात का जवाब देती इस से पहले आई ने कहा,”
कौआ कितना भी सज संवर ले मोर नहीं बनता है मुरारिया,,,,,,,,,!!”
आई की बातें मुरारी को तीर की तरह चुभती थी इसलिए उसने अपनी आँखों से ककड़ी हटाई , कुर्सी से उठा और आई की तरफ आकर कहा,”श्राद्धों में खाना खाने कौआ ही आता है मोर नहीं आई,,,,,,,,,,!!”
“ल्यो मतलब तुमहू मानते हो कि तुमहू कौआ हो ?”,आई ने भी मुरारी की तरफ देखकर कहा लेकिन जब मुरारी को ऊपर से नीचे तक क्रीम में पुता देखा तो घबरा कर कहा,”जे सब का है मुरारिया ?”
बेचारी अनु को अपनी आँखों से खीरा हटाना ही पड़ा और उसने भी जब मुरारी को देखा तो हैरानी से उसकी आँखे फ़ैल गयी। वही सारिका मुरारी को ऐसे देखकर हैरान भी थी और अपनी हंसी को रोकने की नाकाम कोशिश भी कर रही थी।
“मुरारी फेशियल सिर्फ फेस का होता है पूरी बॉडी का नहीं,,,,,,,,,!!”,अनु ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
“अरे तो हमरे मुंह के साथ साथ हमारे हाथ पैर भी चमके तो का दिक्कत है अनु,,,,,,,लग रहे है बिल्कुल साहरुख खान,,,,,,!!”,मुरारी ने आई के सामने इतराते हुए कहा
अब आई तो ठहरी आई , उनके मुंह से मुरारी के लिये तारीफ निकले ये भला कहा से मुमकिन था। उन्होंने तपाक से कहा,”शादी में पैसे मांगने वाले भांड लग रहे हो,,,,,,,,,!!”
आई का इतना कहना था कि सारिका हंस पड़ी मुरारी ने बेचारगी से सारिका को देखा तो सारिका ने उठते हुए कहा,”हम अभी आते है।”
पार्लर से आयी लड़किया भी आई की बात सुनकर दबी हंसी हसने लगी।
मुरारी ने खा जाने वाली नजरो से आई को देखा तो आई ने कहा,”अरे कोनो अकल वक्कल है कि नहीं तुमको,,,,,,,,,,,,,,बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम चले है 60 की उम्र मा साहरुक खान बनने,,,,,,,,,,,,!!”
“आई पता है बनारस में रहकर भी हमको कभी अपनी सास की कमी महसूस नहीं हुई,,,,,,,,,,जानती है काहे ?”,मुरारी ने बड़े प्यार से कहा
“काहे ?”,आई ने पूछा
“का है कि हमरी जिंदगी में तुम जो हमरी सास बनके बैठी हो,,,,,,,!!”,मुरारी ने मुंह बनाते हुए कहा और वहा से जाने लगा। जाते जाते मुरारी रुका वापस आया और हाथ में पकडे खीरा के टुकड़ो को आई की आँखों पर रखते हुए कहा,”ल्यो जे रख ल्यो आँखों पर नहीं तो माधुरी दीक्षिति कैसे दिखोगी मुन्ना की सगाई में ?”
मुरारी को किलसा कर आई को बड़ा मजा आता था। मुरारी भी अपने कमरे की ओर चला गया।
मुन्ना अपने कपडे और सामान लेकर अपने कमरे में आया उसने बैग रखा ही था कि तभी उसका फोन बजा। मुन्ना ने फोन देखा स्क्रीन पर गौरी का नाम देखकर मुन्ना के होंठो पर मुस्कान तैर गयी। मुन्ना ने फ़ोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हेलो !”
“क्या है मानवेन्द्र जी सगाई हुई नहीं और आप अभी से बिजी हो गए है , ये अच्छी बात नहीं है मिश्रा जी,,,,,,,,,!!”,गौरी ने बड़े प्यार से कहा
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुरा उठा और कहा,”अह्ह्ह्ह वो दिन कब आयेगा जब तुम हमेशा के लिये हमे आप कहकर बुलाओगी ?”
“तुम कहो तो अभी से बुलाना शुरू कर दे,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने चहकते हुए कहा
“नहीं हमे कोई जल्दी नहीं है , हम इंतजार करेंगे,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“तुम ये बताओ सुबह से कहा बिजी हो तुम ? तुम्हे पता है ना मुझे तुम से बात करना कितना अच्छा लगता है और तुम बिजी हो,,,,,,,!!”,गौरी ने कुनमुनाते हुए कहा
“बड़ी माँ के साथ थे , सगाई में पहनने के लिये कपडे लेने थे और,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना कहते कहते रुक गया
“और क्या ?”,गौरी ने कहा
“और , तुम्हारे लिये एक तोहफा हमारी तरफ से,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“हाह क्या सच में ?”,गौरी को जैसे विश्वास ही नहीं हुआ
“हाँ , हमे उम्मीद है तुम्हे पसंद आयेगा ?”,मुन्ना ने कहा
“बताओ ना क्या है ?”,गौरी ने मचलते हुए कहा
“अभी नहीं जब मिलेंगे तब,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने बैग में रखा तोहफा निकालकर देखते हुए कहा
“ओके , अच्छा तुमने सगाई में पहनने के लिये कपडे ले लिये , इसका मतलब तुम्हे मेरा आईडिया पसंद आया ,, मेरे लहंगे से मैचिंग का सूट वो भी बॉ के साथ,,,,,,,,,आई नो उसमे तुम बहुत सेक्सी लगोगे,,,,,,,,,!”,गौरी ने कहा
गौरी की बात सुनकर मुन्ना खामोश हो गया क्योकि उसने ऐसे कोई कपडे नहीं ख़रीदे थे और ना ही वह ऐसे कपडे पहनना चाहता था।
मुन्ना नए ज़माने का लड़का था लेकिन आज भी बनारस के पुराने रीती रिवाजो को मानता था। उसने सगाई में पहनने के लिये कपडे सारिका की पसंद से लिये थे और मुन्ना जानता था उन कपड़ो में वह सेक्सी लगे या न लगे लेकिन बनारसी जरूर लगेगा।
“हेलो , हेलो , मान ,, क्या हुआ कहा खो गए ? कही तुम अभी से तो खुद को मेरे साथ उन कपड़ो में इमेजिन नहीं करने लगे हो ?”,गौरी ने कहा
गौरी की आवाज सुनकर मुन्ना अपने ख्यालो से बाहर आया और कहा,”नहीं ऐसा नहीं है,,,,,,,,,,,,,,!!”
“तो क्या तुम बिना कपड़ो के,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने शरारत से कहा
बेचारा मुन्ना ऐसी बातो पर भला गौरी को क्या कहे ? बेचारा शर्म के मारे कुछ बोल ही नहीं पाया उसे खामोश देखकर गौरी ने कहा,”मजाक कर रही हूँ,,,,,,,,,तुम कब आओगे ? पता है मैं कब से पलकें बिछाये तुम्हारी राह देख रही हूँ,,,,,,,,,तुम्हे नही लगता अपने चाहने वाले को इस तरह से सताना अच्छी बात नही होती”
“लेकिन हमने अभी तुम्हे सताया ही कहा है ?”,मुन्ना ने थोड़ा रहस्य्मयी तरीके से कहा और इस बार खामोश होने की बारी गौरी की थी। गौरी को चुप देखकर मुन्ना हसने लगा और कहा,”मजाक कर रहे है।”
“हाह तुमने तो मुझे डरा ही दिया,,,,,,,,,,,अब बताओ कब आ रहे हो ? मुझे तुम्हे कसकर गले लगाने का बहुत मन हो रहा है,,,,,,,!!”,गौरी ने मचलते हुए कहा
“कल सुबह जल्दी निकलेंगे , परसो सुबह जल्दी पहुँच जायेंगे”,मुन्ना ने कहा
“लेकिन तुम लोग तो एक दिन पहले आने वाले थे,,,,,,,,,मुझे लगा हम साथ बैठकर मेहँदी लगवाएंगे”,गौरी ने कहा
“मेहँदी लड़किया लगवाती है हम क्यों लगवाएंगे ?”,मुन्ना ने कहा
“लड़के भी लगवाते है,,,,,,,,,,,और तुम भी लगवाओगे समझे,,,,,,,,,,,खैर छोडो ये सब,,,,,,,,अभी मुझे जाना होगा मुझे बहुत सारे काम है,,,,,,,,,बाय , आई लव यू,!!”,गौरी ने कहा
“गौरी,,,,,,,,!!”,गौरी को मायूस देखकर मुन्ना ने कहा
“हम्म्म्म,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“आई लव यू , अपनी मेहन्दी में हमारा नाम लिखवाना मत भूलना,,,,,,,,!”,मुन्ना ने कहा और फोन काट दिया
गौरी ने सुना तो फोन अपने होंठो से लगाकर मुस्कुरा दी,,,,,,,,,,,वह कितना भी कोशिश कर ले मुन्ना से नाराज हो ही नहीं पाती,,,,,,,,,,,उसने घडी में वक्त देखा और राहत की साँस ली , बस कुछ वक्त और उसके बाद मुन्ना उसकी आँखों के सामने होगा।
बनारस , प्रताप का घर
घर में रंग रोगन और कारपेंटर का काम जारी था जिस वजह से पूरा घर अस्त व्यस्त नजर आ रहा था। घर के आँगन में मचिया पर बैठा प्रताप किसी सोच में डूबा था तभी वहा से गुजरते कारपेंटर के लड़को के हाथ से डिब्बा छूटकर प्रताप के बिल्कुल पास आकर गिरा। प्रताप पहले से ही परेशान था ये हुआ तो लड़के पर भड़कते हुए कहा,”एक काम इह डिब्बा उठाओ और दे मारो हमरे कपार पर , साला काम ही निपटाय दयो हमरा,,,,,,!!”
“अरे भैया वो गलती से गिर गया हम उठा देते है ना,,,,,,,,!!”,कहते हुए लड़के ने जल्दी जल्दी डिब्बे को उठाया और वहा से चला गया।
बिरजू प्रताप के लिये चाय लेकर आया और चाय का कप उसकी तरफ बढाकर कहा,”का बात है मालिक बहुते परेसान दिख रहे है आप ?”
“का बताये बिरजू ? हमहू रजनवा के ब्याह का सपना देखे थे पर लगता है जे सपना हमरी अर्थी के साथ खत्म होगा,,,,,,,!१”,प्रताप ने चिंता भरे स्वर में कहा
“अरे जे का कह रहे है मालिक ? सुबह सुबह कहिये,,,,,,,,,,,सादी जैसी बात के साथ ऐसी अपशकुन वाली बातें काहे कर रहे है ?”,बिरजू ने कहा
“का बताये बिरजू ? रजनवा की सादी का जो सपना हमहू देखे रहे हमको लगता है उह सपना ही रह जाई है,,,,,,,,,!!”,प्रताप ने कहा
“कैसे ?”,बिरजू ने पूछा जो कि अब तक प्रताप के साथ खुल चूका था
प्रताप ने अपने जेब से फोटो निकाली जो उसे राजन की किताब में मिली थी। बिरजू तस्वीर को देखने लगा तो प्रताप ने कहा,”जे तस्वीर हमको रजनवा की किताब से मिली , हमको तो लगता है जे फोटू वाली लड़की वही है जिस से रजनवा पिरेम करता है और जे कि वजह से सादी से इंकार कर रहा है,,,,,,,!!”
बिरजू ने प्रताप की तरफ देखा और कहा,”मालिक आपको नहीं लगता जे बिटिया राजन बबुआ के हिसाब से बहुते छोटी रहेंगी,,,,,!!”
प्रताप ने सुना तो अपना सर पीट लिया और कहा,”अबे ! जे पुरानी तस्वीर है ,, रजनवा के स्कूल के बख्त की तो रजनवा के साथ साथ इह लड़की भी तो बढ़ी होगी कि इति ही रही है ?”
“अरे तो फिर इह मा टेंशन की का बात है ? राजन बबुआ को जे बिटिया पसंद है इस से तो आपका काम आसान हो गवा , आपको लड़की ढूंढने की भी जरूरत नहीं है,,,,,,,,,,,,,अब तो बस राजन बबुआ के हाथ पीले करके फेरे पड़वाय दयो उनके,,,,,,,,,,,का समझे ?”,बिरजू ने कुछ ज्यादा ही खुश होकर कहा
“बिरजुआ तुमको नहीं लगता तुमहू हमरे साथ कुछो जियादा ही फ्रेंक हो रहे हो ,, नहीं मतलब तुमको का लगता है हम लठ खाते है,,,,,,,,,,,,अरे तुमको याद नहीं है पुरे बनारस मा रजनवा बस एक ही लड़की को चाहता है और उह लड़की है शिवमवा की बिटिया काशी,,,,,,,,,,,,,कुछो समझ आ रहा है गोबर प्रशाद,,,,,,,,,,,,?”,प्रताप ने अपनी परेशानी का खुलासा करते हुए कहा
बिरजू ने सुना तो उसे बीती बातें याद आ गयी जब राजन काशी के घरवालों से कितनी बार पीटा था और आखरी बार तो ऐसा कि सीधा कोमा में चला गया। वो सब याद आते ही परेशानी के भाव बिरजू के चेहरे पर भी झलकने लगे और उसने कहा,”जे तो बहुते बड़ी दिक्कत है मालिक,,,,,,,,,,,और इह बार तो राजन बबुआ को ये भी नहीं मालूम कि काशी बिटिया के चक्कर में पहले कितना बर्बाद हुए है उह,,,,,,,,,,,,अब का होगा मालिक ?”
“होना का है फसल कटेगी हमाई,,,,,,,,,,राजन की सादी से अच्छा है रंडवे ही रहने दे उनको,,,,,,,!!”,कहते हुए प्रताप उठा और वहा से चला गया
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संजना किरोड़ीवाल
Murari ka yeah facial look dekh kar hassi agayi aur Ayi bi batao sunkar apne kamre me chala gaya…Gouri Munna ka besabri se intazaar kar rahi hai aur usse janna bi hai ki Munna ne uske liye kya tofa liya hai Munna ne Gaouri ke kapde se matching nahi liya balki usne Sarika ke pasand ke kapde hi liye…Pratap pareshan ho raha hai Ranjan ke baare ke soch kar kyu ki Ranjan kashi se pyaar karta hai aur kashi se uski shaadi kabhi nahi ho sakti aur aaj Ranjan ki halat bi uski kartooto ki wajahse hue hai…interesting part Maam♥♥♥♥♥♥♥
Mujhe aisa kyu lagta hai ki wo photo Kashi ki nahi kisi aur ki hai🤨🤨 (mai to chahti hu ki wo photo bijli ki ho😜)
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Very👍👍👍👍👍