Main Teri Heer – 23
Main Teri Heer – 23
शक्ति के कहने पर पंकज ने मिस्टर अरोड़ा और उनकी पत्नी को कबीर से मिलने की इजाजत दे दी। कबीर की माँ रोते हुए अंदर चली गयी लेकिन अरोड़ा जी चलते चलते दरवाजे पर रुके और पंकज की तरफ देखकर कहा,”तुम और तुम्हारा वो DCP अब अपनी वर्दी उतरने का इंतजार करना,,,,,,,,,,!!”
पंकज ने कुछ नहीं कहा वह बस खमोशी से मन ही मन अरोड़ा जी के लिये अफ़सोस जता रहा था क्योकि अरोड़ा जी नहीं जानते थे शक्ति के रूप में उन्होंने किसे छेड़ा है ?
पंकज ने एक नजर अरोड़ा जी को देखा और वहा से चला गया आखिर उसे शक्ति का कहा काम भी तो करना था।
काशी तैयार होकर कमरे से बाहर आयी। उसने सफ़ेद और नारंगी रंग का चूड़ीदार सूट पहना था साथ में मैचिंग झुमके , गले में दुप्पटा , हाथ में घडी और दूसरे में ब्रासलेट , ललाट पर छोटी काली बिंदी और हलके रंग की लिपस्टिक , साथ ही आँखों में गहरा काजल जिस से काशी बहुत ही आकर्षक और खूबसूरत लग रही थी। काशी ने आकर अधिराज जी के पैरो को छूकर कहा,”हमे आशीर्वाद दीजिये नानू , आज अपने होटल मैनेजमेंट कोर्स के लिए कॉलेज में एडमिशन के लिये जा रहे है और इसके लिये आपका आशीर्वाद बहुत जरुरी है।”
“हमारा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है बेटा,,,,,,,,,,,लेकिन काशी तुम चाहो तो हम तुम्हे डायरेक्ट एडमिशन दिलवा सकते है कॉलेज का प्रोसेस काफी लंबा रहेगा,,,,,,,!!”,अधिराज जी ने कहा
“नानू आपने बचपन से हमे क्या सिखाया है कि मेहनत करके हासिल किया गया ज्ञान कभी आपको गिरने नहीं देता और अब आप ही अपनी बात भूल रहे है।
हम कॉलेज जायेंगे वहा से एंट्रेस एग्जाम के लिये फॉर्म भरेंगे , उसके बाद जब रिजल्ट आयेगा तब हम किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेंगे और खूब सारी मेहनत करके अपने सपने पुरे करेंगे,,,,,,,,,,हम खुद को वहा देखना चाहते है जहा एक वक्त पर हमारी माँ थी “सारिका शर्मा” , क्यों नानी माँ सही कहा ना हमने ?”,अधिराज जी से कहते कहते काशी पलटी और अम्बिका जी से कहा जो काशी के लिये नाश्ता लेकर आयी थी।
“बिल्कुल सही कहा काशी मुझे पूरा भरोसा है तुम अपनी माँ से भी ज्यादा नाम कमाओगी,,,,,,,,,आओ यहाँ बैठो और जाने से पहले नाश्ता करो”,अम्बिका जी ने प्लेट टेबल पर रखते हुए कहा
काशी ने आकर उनके पैर छूकर कहा,”वो तो हम कर ही लेंगे उस से पहले आशीर्वाद दीजिये,,,,,,,!!”
“मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है बच्चे,,,,,,,,,,,,अब बैठो , आप भी बैठिये मैं आपके लिये भी नाश्ता लगा देती हूँ”,अम्बिका ने कहा और कुर्सी खिसकाकर खुद भी बैठ गयी।
काशी ख़ुशी ख़ुशी अपना नाश्ता करने लगी। उसने शक्ति को मैसेज किया ताकि वह कॉलेज छोड़ने के बहाने काशी से मिल ले लेकिन शक्ति शायद सुबह सुबह बिजी था इसलिए उसने काशी का मैसेज तक नहीं देखा। काशी मायूस हो गयी और नाश्ता करने लगी। सभी नाश्ता कर ही रहे थे कि तभी घर के बाहर से हॉर्न की आवाजें आने लगी। अधिराज जी , अम्बिका और काशी तीनो एक दूसरे की तरफ देखने लगे। आवाजे वैसे ही आती रही तो अधिराज जी ने घर के नौकर को बाहर जाकर देखने को कहा।
नौकर दरवाजे तक गया लेकिन वह बाहर जाता इस से पहले ही गौरी उसे साइड करते हुए अंदर आयी और कहा,”काशी ! तुम पुरे 7 मिनिट लेट हो”
“तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”,काशी ने गौरी को वहा देखकर हैरानी से पूछा
“हे भगवान ! क्या लड़की हो तुम ? कल रात तुमने ही मुझसे कहा कि तुम्हे नॅशनल कॉलेज जाना है इसलिये मैं स्कूटी लेकर आयी हूँ और तुम पूछ रही हो मैं यहाँ क्या कर रही हूँ ? हाह ! क्या मजाक है ये ?”,गौरी ने हाथो को नचाते हुए कहा
काशी ने सुना तो उसे याद आया उसी ने तो गौरी से साथ चलने को कहा था उसने कहा,”ओह्ह्ह्ह हाँ सॉरी सॉरी सॉरी , वो हम भूल गए थे , बस दो मिनिट में चलते है ,, नानी माँ ने नाश्ता लगा दिया था इसलिये हम रुक गए,,,,,,,,,,,,,,!!”
“अरे गौरी तुम खड़ी क्यों हो आओ बैठो नाश्ता करो”,अम्बिका जी ने कहा
गौरी ने देखा नाश्ते में आलू के पराठे बने थे मुंह में पानी आया लेकिन गौरी को अपनी सगाई में पतला दिखना था इसलिये वह डाइट पर थी उसने मना करते हुए कहा,”नहीं नानी माँ ? मैं डाइट पर हूँ नहीं खा सकती,,,,,,,,!!”,गौरी ने पराठो पर नजरे गड़ाये हुए कहा
“एक पराठा खाने से तुम्हारा वजन अगर बढ़ता भी है तो हमारे मुन्ना को कोई शिकायत नहीं होगी,,,,,,,,,,,,,!!”,अधिराज जी ने नाश्ता करते हुए सहजता से कहा
“हाँ ? क्या सच में ?,,,,,,,,,!!”,गौरी ने हैरानी से कहा क्योकि पराठे देखकर उसकी भूख जो जाग गयी थी
अधिराज जी ने मुन्ना को फोन लगाया और स्पीकर पर डाल दिया एक दो रिंग जाने के बाद मुन्ना ने फोन उठाया और कहा,”चरण स्पर्श नानाजी , आपने सुबह सुबह फोन किया , सब ठीक है।”
मुन्ना की आवाज सुनकर गौरी तो गाल से हाथ लगाए वही कुर्सी पर आ बैठी , काशी उसे देखकर मुस्कुराते हुए नाश्ता कर रही थीं।
“आयुष्मान भवः , यहाँ सब ठीक है मुन्ना दरअसल आज नाश्ते में आलू के पराठे बने है और गौरी को लगता है अगर वो खायेगी तो उसका वजन बढ़ जायेगा,,,,,,,,,,,तुम्हे क्या लगता है मुन्ना ?”,अधिराज जी ने कहा
“गौरी को पराठे खाने चाहिए,,,,,,,,अगर दो चार किलो वजन बढ़ता भी है तो हमे कोई परेशानी नहीं है।”,मुन्ना ने कहा
“ठीक है,,,,,,,,,,,,,वैसे तुम सब कब आ रहे हो ?”,अधिराज जी ने पूछा
“पापा ने बताया कल सुबह सभी निकलेंगे”,मुन्ना ने कहा
“ठीक है जल्दी आओ तुम्हारे इंतजार में कोई दुबला हुआ जा रहा है,,,,,,,,,,,,,हमारा मतलब हुई जा रही है।”,अधिराज जी ने गौरी की तरफ देखकर कहा
मुन्ना ने सुना तो शरमाते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह ठीक है नानाजी हम रखते है।”
“ठीक है बेटा,,,,,,,,,!!”,अधिराज जी ने कहा और फोन काटकर गौरी की तरफ देखा तो गौरी के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गयी।
नाश्ता करने के बाद काशी और गौरी घर से बाहर चली आयी। चलते चलते काशी ने शक्ति को फ़ोन लगाया लेकिन शक्ति ने एक रिंग में ही फोन काट दिया। उदासी काशी के चेहरे पर फिर झिलमिलाने लगी। गौरी ने स्कूटी स्टार्ट की और देखा काशी खोयी हुई सी खड़ी है तो गौरी ने कहा,”अरे क्या हुआ ? बैठो ना”
“हाँ,,,,,!!”,काशी ने कहा और गौरी के पीछे आ बैठी। गौरी ने स्कूटी आगे बढ़ा दी।
रास्तेभर वही बोलती रही और काशी बस हाँ न में जवाब दे रही थी , स्कूटी के साइड मिरर में गौरी ने काशी के उदास चेहरे को देखा और मन ही मन खुद से कहा,”आज काशी इतना परेशान क्यों है ? कॉलेज के बाद बात करुँगी इस से,,,,,,,,,,,!!”
“मुन्ना किस से बात कर रहे हो ?”,वंश ने हाथ में पकड़ा वेज रॉल मुन्ना की तरफ बढाकर कहा जिसे वह एयरपोर्ट के बाहर बने शॉप से लेकर आया
“इंदौर से नानाजी का फोन था , पूछ रहे थे हम सब कब आ रहे है ?”,मुन्ना ने कहा
“नानू हम सबको मिस कर रहे होंगे,,,,,,,,,,,मैं के.डी. से बात करूंगा और एक वीक की छुट्टी लेकर पूरा एक वीक इंदौर में ही बिताऊंगा नानू नानी के साथ,,,,,,,,,,!”,वंश ने रेलिंग से पीठ लगाकर रॉल खाते हुए कहा
“हमे ऐसा क्यों लग रहा है वंश तुम अपने सपने को लेकर सीरियस नहीं हो ?”,मुन्ना ने एक टुकड़ा खाते हुए कहा
“किसने कहा मैं सीरियस नहीं हूँ ? के.डी. उस सीरीज में मेरे अपोसिट निशि को चाहता है और निशि को सीरीज के लिये मनाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। वो कभी तैयार नहीं होगी,,,,,,,,,,,,,मेरे साथ तो हरगिज नहीं,,,,,,इसलिए मैं के.डी. से कहने वाला हूँ कि मैं उसकी ये शर्त नहीं मान सकता,,,,,,,!!”,वंश ने कहा और निवाला खाया जिस से रॉल में भरा सॉस उसके होंठो पर लग गया।
मुन्ना वंश के सामने आया और अपने अंगूठे से हटाते हुए कहा,”तुम्हे अपने सपनो के मामले में इतना जिद्दी नहीं होना चाहिए,,,,,,,,,,,तुम निशि से प्यार से बात करके उसे मना भी तो सकते हो।”
वंश ने रोनी सी शक्ल बनाई और कहा,”मुन्ना मैं ये कर लेता लेकिन उस लड़की को देखते ही पता नहीं मुझे क्या हो जाता है ? मेरा उस से झगड़ा करने का मन करता है बस,,,,,,,,,,,,,बनारस में तो वो कितना प्यार दिखा रही थी मेरे लिये मुंबई आते ही पता नहीं उसे क्या हो गया है ? अब तो बात करती है तो जैसे काटने को दौड़ती है,,,,,,,,!!”
“तो तुमने इंजेक्शन लगवाए या नहीं ?”,एक जानी पहचानी आवाज वंश के कानो में पड़ी और खाना उसके गले में अटक गया। ये आवाज निशि की थी वंश जैसे ही पलटा निशि अपने हाथो को बांधे मुस्कुराते हुए उसे ही देख रही थी लेकिन ये मुस्कराहट प्यार वाली नहीं थी बल्कि रहस्यमयी थी।
निशि को मुस्कुराते देखकर वंश भी मुस्कुरा दिया। निशि सुबह सुबह मुन्ना के सामने वंश से झगड़ा करना नहीं चाहती थी इसलिये उसने वंश के हाथ से रॉल छीना और मुन्ना के पास आकर खाने लगी।
वंश भी मुन्ना के सामने निशि से कुछ कहना नहीं चाहता था इसलिये अपनी जबान को मीठा करने की नाकाम कोशिश करते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह तुम्हे शायद भूख लगी होगी , मुझसे ज्यादा तुम्हे इसकी जरूरत है,,,,,,,,,,,तुम खा लो”
“हम्म्म थैंक्यू !”,निशि ने कहा और खाने लगी
वंश निशि को घूरते हुए मन ही मन कहने लगा,”मेरा चैन कम पड़ गया था जो अब मेरा खाना भी छीनने लगी हो तुम,,,,,,,!!”
“मुन्ना भैया ! आप लोग बाहर क्यों खड़े है ?”,निशि ने खाकर हाथ पोछने के लिये इधर उधर देखा लेकिन इस जगह टिशू मिलना मुश्किल था तभी निशि की नजर वंश पर पड़ी तो वह फिर मुस्कुराई और अपने हाथो को वंश की टीशर्ट से पोंछ लिया। ये वंश की फेवरेट टीशर्ट थी लगा जैसे निशि ने उसकी जान ही निकाल ली हो लेकिन उसने अपने गुस्से को रोक लिया और जबरदस्ती मुस्कुरा दिया।
“हम बस तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे , तो तुम आ रही हो ना हमारी और गौरी की सगाई में ?”,मुन्ना ने पूछा
निशि ने एक नजर वंश को देखा और कहा,”मैं आना तो नहीं चाहती थी लेकिन आप बहुत स्वीट है मैं आपको ना नहीं बोल सकती,,,,,,,,,,,,मैं जरूर आउंगी”
“क्या बात है मुन्ना ने सिर्फ एक बार कहा और ये तुरंत मान गयी और मैं पिछले 3 दिन से बोल रहा हूँ तो ये भाव खा रही है,,,,,,,,,,,कितनी सेल्फिश है ये लड़की ?”,वंश ने मन ही मन कुढ़ते हुए कहा
मुन्ना ने देखा उसकी फ्लाइट का टाइम हो गया है तो उसने वंश की तरफ आकर उसके गले लगते हुए कहा,”हम चलते है अपना ख्याल रखना,,,,,,,,,,,,और हाँ तुम्हारे कमरे में तुम्हारे लिये एक तोहफा रखा है उसे देखना मत भूलना”
“मुन्ना तुम यहाँ आये इस से बड़ा तोहफा और कुछ नहीं हो सकता,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी मैंने तुम्हे बहुत परेशान किया”,वंश ने मुन्ना से दूर होकर कहा
“कोई बात नहीं तुम हमारे छोटे भाई हो , तुम हमे परेशान कर सकते हो,,,,,,,,,निशि अच्छी लड़की है उसे ज्यादा परेशान मत करना,,,,,,,,,,,,,,,सगाई में मिलते है।”,मुन्ना ने वंश का चेहरा अपने हाथो में थामकर कहा
निशि कुछ ही दूर खड़ी दोनों भाइयो का प्यार देख रही थी हालाँकि मुन्ना ने जो कहा वो निशि को सुनाई नहीं दिया।
मुन्ना निशि की तरफ आया और कहा,”तुम बहुत प्यारी लड़की हो निशि,,,,,,,,हमेशा ऐसे ही खुश रहना और मेरे भाई को ज्यादा तंग मत करना प्लीज,,,,,,,,,,वो बहुत मासूम है”
निशि मुस्कुराई और हामी में अपनी गर्दन हिला दी। मुन्ना ने निशि के सर को छुआ और दोनों को देखकर अपना हाथ हिलाते हुए वहा से चला गया।
मुन्ना के जाने से वंश थोड़ा उदास हो रहा था लेकिन जैसे ही मुन्ना उसकी आँखों से ओझल हुआ वंश निशि के पास आया और कहा,”मुन्ना तुम से क्या कह रहा था ?”
“वो हमारे बीच की बात है मैं तुम्हे क्यों बताऊ ?”,निशि ने कहा
“क्या मैं तुम्हारा कुछ नहीं लगता ?”,वंश ने निशि की आँखों में देखते हुए गुस्से से कहा
“तुम,,,,,,,,,,,तुम मेरे,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहना चाहा लेकिन वह कहती इस से पहले ही गाडी के हॉर्न से उन दोनों का ध्यान भटका और वंश ने पलटकर देखा गाड़ी वाला उन दोनों को साइड होने को बोल रहा था। वंश अपना गुस्सा निशि पर तो निकाल नहीं सकता था इसलिए गाडी वाले पर चिल्लाया,”अबे ! का हमरी छाती पर चढ़ाओगे ? साले इतनी जगह पड़ी है निकल जाओ साइड से पों पों पों पों लगा रखा है।”
“हो गया तुम्हारा ? अब चले ?”,निशि ने कहा
“वेट कैब बुक कर देता हूँ।”,वंश ने अपना फोन निकालते हुए कहा
निशि ने वंश के हाथ से फोन लेते हुए कहा,”अगर नवाबो की तरह हर जगह जाने के लिये कैब बुक करोगे तो मुंबई में ज्यादा दिन नहीं टिकोगे तुम,,,,,,,,,,,,,सारिका आंटी ने तुम्हे पैसे बचाना नहीं सिखाया,,,,,,,,100 मीटर आगे आगे से रिक्शा मिल जायेगा चलो उस से चलते है।”
“उस से क्या होगा ?”,वंश ने कहा
“तुम्हारे बहुत से रूपये बच जायेंगे,,,,,,,,,,.”,निशि ने कहा और वंश अपना सर झटक कर उसके साथ चल पड़ा
“अब तो बता दो मुन्ना ने तुम से क्या कहा था ?”,वंश ने निशि के साथ चलते हुए कहा
निशि रुकी और पलटकर वंश से कहा,”उन्होंने कहा मेरा भाई बहुत मासूम है उसे परेशान मत करना”
“ओह्ह्ह्ह मुन्ना कितना अच्छा है।”,वंश ने खुश होकर कहा
“लेकिन मैं अच्छी नहीं हूँ मैं तो तुम्हारा जीना हराम करने वाली हूँ”,निशि ने मुस्कुराते हुए कहा
“हाह ! तुम कितनी निर्दयी हो,,,,,,,,,,,,,हार्टलेस”,वंश ने मुंह बनाकर कहा तभी एक ऑटो वाला उन दोनों के पास आकर रुका। निशि वंश के साथ ऑटो में आ बैठी और चलने को कहा।
ऑटो में बैठे निशि की नजर वंश पर पड़ी उसने अब ध्यान दिया कि वंश एयरपोर्ट पर शॉर्ट्स में आया था। निशि ने वंश की जांघो को देखकर हैरानी से कहा,”ये क्या है ?”
“क्या ? क्या है ? मेरा पैर है और क्या ?”,वंश ने कहा
“तुम एयरपोर्ट शॉर्ट्स में चले आये , आह्ह तुम इतने अजीब क्यों हो ?”,निशि ने चिढ़ते हुए कहा
“इसमें अजीब क्या है ? मैं इसमें कम्फर्टेबल हूँ बाकि लोगो से मुझे क्या ?”,वंश ने बेपरवाही से कहा
“हां तुम्हे तो वैसे भी फर्क नहीं पड़ता,,,,,,,,केरी ऑन”,निशि ने कहा
वंश मुस्कुराया और कहा,”ए कही तुम इसलिए तो जेलेस नहीं हो ना कि मेरी टाँगे तुम्हारी टांगों से ज्यादा सेक्सी है।”
“मैं और तुमसे जलूँगी,,,,,,,,,,,,,शक्ल देखी है अपनी”,निशि ने कहा
“हाँ देखी है , बहुत सुन्दर है,,,,,,,,,,,,,तुम भी देखा करो,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“और मैं क्यों देखू ?”,निशि ने वंश की तरफ देखकर कहा
वंश ने देखा निशि उसके कुछ ज्यादा ही करीब है , उसकी आँखों में एक आकर्षण था और कपड़ो से आती भीनी खुशबू वंश को खामोश करने के लिये काफी थे। वंश निशि को देखते हुए मन ही मन कहने लगा,”ताकि तुम्हे मुझ से प्यार हो जाये और फिर तुम मेरी हर बात मानों बिना मुझसे बहस किये , जैसे माँ मेरे पापा की मान लिया करती है।”
वंश को खामोश देखकर निशि ने अपनी भँवे उचकाई लेकिन वंश कुछ कहता इस से पहले ऑटो वाले ने एकदम से ब्रेक लगाया और निशि वंश की बाँहो में आ गिरी और बेचारे वंश ने धड़कते दिल के साथ अपने हाथो को ऊपर उठा दिया।
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Continue With Main Teri Heer – 24
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संजना किरोड़ीवाल
Main Teri Heer 4- part 21 is not showing on web. Instead part 8 is visible there. Please upload once again part 21
Very good👍👍👍👍
Very good👍👍👍👍😁😊😊😊
Kashi Udaas hai Shakti se uska ph na utane se aur uska msg ka reply na dene se..aur voh kush bi hai ki voh apne sapna pura karne ke liye ab khatam age bada rahi hai…Munna ne Vansh aur Nishi dono ko ek dusra ka khayal rakhne ko kaha…Vansh aur Nishi dono ke man ek dusre ke liye feelings hai per dono hai ki jagadne se hi baz nahi ate…interesting part Maam♥♥♥♥♥
Vansh : Ghur kya Rahi ho pehle kabhi sexy legs nahi dekhe kya ?
Nishi : dekhe hai. Tere sexy nahi hai.🥱
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