Love You जिंदगी 45
Love You Zindagi – 45

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मिसेज शर्मा ने सबके सामने शीतल को थप्पड़ मारा , वह फटी आँखों से मिसेज शर्मा को देखने लगी। शीतल अपनी सफाई में मिसेज शर्मा से कुछ कह ही नहीं पायी। वही जब मिसेज आहूजा और राज की नजर एक दूसरे से मिली तो दोनों मुस्कुरा उठे। बिट्टू को परेशान करना तो एक बहाना था असल में राज और मिसेज आहूजा का असली मकसद शीतल को सबके सामने बेइज्जत करना था जिस से मिसेज शर्मा का ध्यान सोसायटी इलेक्शन से हट जाये और मिसेज आहूजा आसानी से इसे जीत सके।
शीतल को खामोश देखकर आहूजा ने कहा,”क्या जमाना आ गया है ? अब सोसायटी में ऐसे लोग लीडर बनेंगे। खुद के घर के मेटर तो सॉल्व ही नहीं हो रहे और
सोसायटी के मेटर सॉल्व करने चले है। अरे ऐसे लोगो को सोसायटी लीडर बनाना जिनकी बहू खुलेआम अपने आशिक़ से मिल रही है और तो और दूसरे घरो की बहू बेटियो को बिगाड़ रही है वो सोसायटी का क्या ही भला करेंगी ?”
“हाँ हाँ मिसेज आहूजा आप सही कह रही है,,,,,,,,,!!”,पास खड़ी एक महिला ने कहा जिनकी मिसेज आहूजा से अच्छी बनती थी।
“अरे क्या सही कह रही है ? अगर सोसायटी वालो को इस लड़के से इतनी ही दिक्कत है तो फिर कल रात ये मिसेज आहूजा की पार्टी में क्या कर रहा था ?”,मिसेज गुप्ता ने आगे आकर कहा
मिसेज आहूजा ने मिसेज गुप्ता को घूरते हुए कहा,”मुझे क्या पता था राज मेरे हस्बेंड के दूर के रिश्तेदार का बेटा है,,,,,,,,,और आप मिसेज गुप्ता आप ऐसा इसलिए कह रही है क्योकि कल की पार्टी से मैंने आपको घर जो भेज दिया था,,,,,,,,,,,,,कही उसी का बदला तो नहीं ले रही है आप ?”
मिसेज आहूजा की बात सुनकर आस पास खड़े लोग हसने लगे। मिसेज शर्मा अब और बेइज्जती नहीं सह सकती थी इसलिए वहा से चली गयी।
“तुम सब यहाँ खड़े होकर क्या तमाशा देख रहे हो,,,,,,,,,,, अपने अपने घर जाओ,,,,,,,,,ये मिसेज शर्मा और उनकी बहू का रोज का है।”,मिसेज आहूजा ने कहा
उनके जाने के बाद शीतल गुस्से से राज की तरफ पलटी और कहा,”ये सब करके क्या मिला तुम्हे ? तुम क्यों मेरा बसा-बसाया घर उजाड़ने पर तुले हो ?”
राज मुस्कुराते हुए शीतल के पास आया और कहा,”बदला शीतल मिश्रा , बदला , जिस सोसायटी के सामने तुमने मुझे बेइज्जत किया उसी सोसायटी के सामने मैं तुमसे बदला लूंगा,,,,,,,,,,,,मुझे छोड़कर तुमने उस सार्थक को चुना लेकिन मैं तुम्हे जिंदगीभर ये अहसास दिलाता रहूंगा कि मुझे छोड़कर तुमने अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारी है।”
“तुम इतना कैसे गिर सकते हो राज ? , ये मिसेज आहूजा जो अपनी बेटी और पति की सगी नहीं है तुम इनका साथ दे रहे हो , इन पर भरोसा कर रहे हो , तो याद रखो एक दिन तुम बहुत पछताओगे,,,,,,,,,,बहुत पछताओगे तुम”,शीतल ने गुस्से से कहा और ये कहते हुए उसकी आँखों में आँसू भर आये और वह वहा से चली गयी।
ये सब देखकर बिट्टू को बहुत दुःख हो रहा था लेकिन वह शीतल के लिए कुछ नहीं कर पा रही थी , बहुत हिम्मत करके वह मिसेज आहूजा के पास आयी और कहा,”मम्मा , मम्मा आप शीतल भाभी के साथ ऐसा क्यों कर रही है ? ये अच्छा इंसान नहीं है मम्मा मैं जानती हूँ ,, उस दिन गरबा नाईट में मैंने खुद देखा था इसने कैसे सबके सामने शीतल भाभी के लिए गंदे शब्द कहे थे,,,,,,,,,,,,,इस पर भरोसा मत कीजिये मम्मा , यहाँ से चलिए प्लीज”
बिट्टू को अपने खिलाफ बोलते देखकर राज को गुस्सा आ गया उसने बिट्टू के बालो को पकड़कर गुस्से से उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”जितनी छोटी मैं तुझे समझ रहा था उतनी छोटी तू है नहीं , तू तो तेरी उम्र से भी बड़ी बातें कर रही है,,,,,,,,,!!”
“राज ये क्या कर रहे हो तुम ? छोडो इसे,,,,,,,,,बिट्टू तुम जाओ यहाँ से,,,,,,,,,!!”,बिट्टू को राज से दूर करके मिसेज आहूजा ने कहा और फिर उसे ऊपर भेज दिया।
वे राज की तरफ पलटी और कहा,”अपनी हदें मत भूलो राज , बिट्टू सिर्फ हमारे प्लान का हिस्सा थी उसे बीच में मत लाओ,,,,,,,,तुम्हे इस अपरमेन्ट में एंट्री चाहिए थी वो मैं दिला चुकी हूँ अब जाओ यहाँ से,,,,,,,,!!”
राज ने मिसेज आहूजा को घूरते हुए देखा और कहा,”एंट्री दिलाकर कोई अहसान नहीं किया है तुमने , सोसायटी इलेक्शन जीतना था इसलिए तुमने शीतल के सहारे मिसेज शर्मा को बदनाम करने का सोचकर मेरी मदद ली,,,,,,,,,,,,,,
अरे अहसान तो मैंने किया है शुक्र मनाओ तुम्हारे पति और सोसायटी वालो को तुम्हारे और कुमार नंदन के बारे में नहीं पता वरना तुम कही की नहीं रहोगी,,,,,,,,,,,!!”
“कु कु कुमार के बारे में तुम क्या जानते हो ? मेरे और उसके बीच कुछ नहीं है,,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज आहूजा ने घबरा कर कहा
“मै बहुत अच्छे से जानता हूँ कुमार नंदन से सोसायटी इलेक्शन की टिकट लेने के लिए तुमने कितने पापड़ बेले है,,,,,,,,,,तुम चाहो तो मैं सोसायटी में ये बात बता सकता हूँ,,,,,,,,,,,!!”,राज ने मिसेज आहूजा के करीब आकर कहा तो सच सामने आने के डर से मिसेज आहूजा सहम गयी।
मिसेज आहूजा को धमकाकर राज वहा से चला गया। मिसेज आहूजा ने माथे पर आये पसीने को पोछा और इधर उधर देखा कही ये सब बातें किसी और ने तो नहीं सुन ली , किसी को वहा ना पाकर मिसेज आहूजा ने राहत की साँस ली और वहा से चली गयी। लिफ्ट की दिवार के पास खड़ी मिसेज शर्मा हाथ में अपना मोबाइल थामे बाहर आयी और कहा,”तो ये है आपका असली चेहरा मिसेज आहूजा”
सोसायटी वालो के जाने के बाद शीतल , राज और मिसेज आहूजा के बीच जो बातें हुयी उन्हें मिसेज शर्मा ने अपने फोन में कैद कर लिया और वहा से चली गयी।
चंडीगढ़ , अवि का घर
पहली कीमोथेरपी के बाद अवि नैना को घर ले आया। नैना काफी कमजोर महसूस कर रही थी। अवि उसे सहारा देकर अंदर ले आया। सौंदर्या ने नैना को ऐसे हाल में देखा तो उन्हें बहुत दुःख हुआ लेकिन ये सब भी नैना को ठीक करने के लिए ही था। उन्होंने अवि से नैना को अपने कमरे में ले जाने को कहा ताकि नैना बिना किसी परेशानी के वहा आराम कर सके।
अवि नैना को ऊपर कमरे में ले आया , सौंदर्या और चौधरी साहब भी वही चले आये और नैना के पास बैठकर उसका हाल चाल लेने लगे। नैना का जी घबरा रहा था उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे वह उलटी कर देगी।
“मॉम मैं कुछ देर सोना चाहती हूँ,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा
“हाँ बेटा जरूर , लेकिन सोने से पहले अगर तुम थोड़ा कुछ खा लेती तो,,,,,,,,,,,मैं भोला के साथ तुम्हारे लिए कुछ भिजवा दू , विहान ने तुम्हारा डाइट चार्ट मुझे भेजा है,,,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने नैना की परवाह जताते हुए कहा
“क्या उस डाइट चार्ट में चाय भी शामिल है मॉम ?”,नैना ने पूछा
“नहीं तुम्हे कैफीन और चाय देने के लिए बिल्कुल मना किया है , ये सब से तुम्हे एसिडिटी हो सकती है और ये इस समय तुम्हारी बॉडी के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या से पहले अवि ने कहा तो नैना ने उसे देखकर कहा,”क्या उसने तुम्हे भी डाइट चार्ट भेजा है ?”
“हम्म्म,,,,,,!!”,अवि ने कहा तो नैना मन ही मन बड़बड़ाई,”उस विहान की तो मैं,,,,,,,,,,,,एक बार मैं ठीक हो जाऊ उसके बाद उसी के क्लिनिक के सामने चाय का ठेला लगाकर उसी के मरीजों को नहीं पिलाया तो मेरा नाम भी नैना बजाज नहीं,,,,,,,,,,उसे डॉक्टर बनाया किसने है ?
चाय के लिए कौन मना करता है ? पक्का उसकी डिग्री फर्जी है या तो उसने कही से चुराई है,,,,,,,डॉक्टर बना बैठा है अरे उसे इतना भी नही पता चाय कोई कैफीन नहीं बल्कि मुझ जैसे लोगो के लिए एक दवा की तरह है,,,,,,,,,,लेकिन वो और उसका ये अमीर दोस्त अवि चौधरी , इन्हे पता नहीं मेरी चाय से क्या दुश्मनी है ?”
नैना को सोचते देखकर सौंदर्या ने कहा,”तुम ठीक हो ? मैं भोला के साथ तुम्हारे लिए हेल्थी जूस भिजवाती हूँ वो पीकर सो जाना , फिर जब उठो तो खाना खाकर अपनी दवा ले लेना,,,,,,,,,,,!!”
नैना के पास हाँ बोलने के अलावा कोई दुसरा चारा नहीं था इसलिए उसने अपनी सर हिला दिया और सौंदर्या चौधरी साहब के साथ वहा से चली गयी। उनके जाते ही नैना गुस्से से उठी और अवि से कहा,”तुम दोनों माँ बेटा मेरी चाय के पीछे क्यों पड़े हो,,,,,,,,,,,,आह्ह्ह्ह”
नैना ने कहते हुए अपना हाथ उठाया तो ड्रिप लगाने और ट्रीटमेन्ट के दौरान प्रिक करने की वजह से हाथ में तेज दर्द हुआ।
अवि नैना के पास आया और धीरे से उसका हाथ नीचे करके कहा,”आराम से नैना , अभी अभी तुम हॉस्पिटल से आयी हो तुम्हे आराम करना चाहिए,,,,,,,,,,ये सब मैं तुम्हारे ठीक होने के लिए ही कर रहा हूँ वरना मुझे तुम्हारी चाय से क्या प्रॉब्लम हो सकती है,,,,,,,,,,अभी तुम्हारी बॉडी को इतना स्ट्रेस मत दो , यहाँ बैठो और शांत”
नैना बैठी और अवि को घूरने लगी तो अवि ने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और कहा,”रिलेक्स , मेरे साथ लम्बी सांसे लो,,,,,,,,,,कम ऑन”
नैना ने अवि के साथ कुछ गहरी सांसे ली , उसका गुस्सा कुछ शांत हुआ और वह काफी रिलेक्स महसुस कर रही थी।
“बेटर ?”,अवि ने पूछा
“हम्म्म्म,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा
भोला जूस ले आया साथ में अवि के लिए ब्लेक कॉफी जो सौंदर्या ने भिजवायी थी। अवि ने नैना को जूस पिलाया और फिर उसे सुलाकर वह अपनी कॉफी लिए स्टडी एरिया में चला आया। मृणाल ने उसे जो काम भेजा था वह उसे ख़त्म करना था।
मोंटी कार्ट के पास बैठकर अपना बनाया वड़ा पाव खा ही रहा था कि तभी वहा स्कूल के कुछ लड़के आये। मोंटी ने अपना खाना रखा और कार्ट के पास आया।
“भैया एक वड़ा पाव कितने का है ?”,लड़को में से एक लड़के ने पूछा
“40 रूपये,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा तो तीनो लड़के आपस में बाते करने लगे और फिर एक लड़के ने कहा,”भैया हमारे पास सिर्फ 50 रूपये ही है और हमे,,,,,,,!!”
लड़के को झिझकते देखकर मोंटी ने मुस्कुरा कर कहा,”लाओ दो,,,,,,,,,,!!”
लड़के ने ख़ुशी ख़ुशी 50 रूपये का नोट मोंटी को दे दिया और खड़े होकर इंतजार करने लगे। मोंटी ने तीनो के लिए गरमागर्म वड़ा पाव तैयार किया और उन्हें दे दिया। मोंटी का इतना बड़ा दिल देखकर तीनो लड़के हैरान थे लेकिन कहा कुछ नहीं और अपनी अपनी प्लेट उठाकर मोंटी के पास ही चले आये जहा मोंटी अपना खाना खा रहा था।
“वाओ भैया ! आज से पहले मैंने इतना टेस्टी वडा पाव नहीं खाया , ये बहुत अच्छा बना है”,लड़के ने खाते हुए कहा
“हाँ भैया मैं तो कल भी खाने आऊंगा,,,,,,,,,,!!”,दूसरे लड़के ने कहा तो मोंटी ने उसकी तरफ देखा और लड़के ने आगे कहा,”लेकिन कल मैं पुरे पैसे लेकर आऊंगा , 40 राइट ?”
मोंटी ने सुना तो हसने लगा और लड़का भी हंस पड़ा। सुबह से मोंटी अपना नया काम ना चलने की वजह से उदास था लेकिन इन लड़को से मिलने के बाद उसे अब अच्छा लग रहा था। लड़को से अपने वड़ा पाव की तारीफ सुनकर मोंटी को एक अलग ही ख़ुशी का अहसास हो रहा था।
लड़को ने खाया और मोंटी से दोबारा आने का वादा कर वहा से चले गए। मोंटी ने हाथ धोये और अपनी कार्ट के पास आया और देखा काफी वड़े और चटनी अब भी बच रहे थे। मोंटी सोच में पड़ गया कि वह इन सब का क्या करे ? कुछ देर सोचने के बाद मोंटी की नजर सामने खड़े कुछ इ-रिक्शा वालो पर पड़ी जो अपनी दिहाड़ी के इंतजार में वहा बैठे थे। मोंटी मुस्कुराया उनसे कुछ वड़ा पाव तैयार किये और उन्हें लेकर रिक्शा वालो के पास आया , आज काम का पहला दिन था इसलिए उसने सबको चखने को कहा और अपना रिव्यु देने को कहा
सभी बहुत खुश हुए और सबने मोंटी की खूब तारीफ भी की। मोंटी के ऑफिस का लंच टाइम हो चुका था इसलिये वह कार्ट की तरफ चला आया। उसने सोचा कोई आये ना आये लेकिन उसके ऑफिस वाले दोस्त तो उसके पास जरूर आएंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ऑफिस में जो लोग मोंटी को जानते थे वो सब कार्ट के सामने ही बने आलिशान रेस्त्रो की तरफ बढ़ गए। मोंटी का पुराना ऑफिस का दोस्त जब उसके बगल से गुजरा तो मोंटी ने कहा,”हे मोहित मैंने नया काम शुरू किया है , मैं तुम्हारे लिए कुछ बना दू ?”
मोहित पलटा और कहा झिझकते हुए,”यार मानव , आई नो तू मेरा दोस्त है पर मैं अब उस कम्पनी में जूनियर मैनेजर हूँ , इतनी बड़ी कम्पनी का मैनेजर ऐसे सड़क पर वड़ा पाव खायेगा तो उसकी इमेज की तो धज्जिया उड़ जाएगी ना,,,,,,,,,,वैसे भी बॉस ने आज ऑफिस मीटिंग के साथ वहा सामने लंच रखा है तो मुझे वहा जाना है,,,,,,,,लेकिन तुम्हे नए काम के लिए कोन्ग्रेचुलेश , पर इसे सक्सेज करने के लिए तुम्हे तुम्हारे जैसे लोगो की ही जरूरत पड़ेगी,,,,,,,,,, आई हॉप यू अंडरस्टेंड माय पॉइंट”
“हाँ बिल्कुल,,,,,,,,,जाओ अपना लंच इंजॉय करो”,मोंटी ने फीका सा मुस्कुरा कर कहा
मोहित वहा से चला गया। उसके जाने के बाद मोंटी खुद में ही बड़बड़ाया,”हाह ! जूनियर मैनेजर , छोटे छोटे काम के लिए मुझ पर डिपेंड रहता था , सबको पता है बॉस के तलवे चाटकर बना है मैनेजर,,,,,,,,,लेकिन मैं अपनी मेहनत से आगे बढूंगा किसी की गुलामी करके नहीं,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन मेरी गुलामी तो तुम्हे करनी पड़ेगी,,,,,,,,,,!!”,रुचिका की आवाज एकदम से मोंटी के कानो में पड़ी तो मोंटी की तंद्रा टूटी और उसने अपने सामने खड़ी रुचिका को देखा जो अपनी कुछ दोस्तो के साथ वहा खड़ी थी।
“अरे तुम यहाँ ! तुम तो आज अपने ऑफिस,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा
“मेरा ऑफिस यहाँ से 1 किलोमीटर दूर ही है और फिर लंच टाइम था तो सोचा क्यों ना आज कुछ अच्छा खाया जाये ? मेरे और मेरी फ्रेंड्स के लिए एक एक प्लेट वड़ा पाव”,रुचिका ने खुश होकर कहा
“जी मैडम,,,,,,,!!”,मोंटी ने मुस्कुरा कर कहा और अपना काम करने लगा
“ए रुचिका ! तुम एक वड़ा पाव वाले से इतना फ्रेंक क्यों हो रही हो ?”,रुचिका की एक दोस्त ने फुसफुसाकर कहा
“वो छोड़ ये देख वो कितना हेंडसम होकर वड़ा पाव बेच रहा है,,,,,,,,,,,यार बीकानेर में कब से ये होने लगा ?”,दूसरी दोस्त ने मोंटी को देखकर आँखे सेकते हुए कहा
रुचिका ने दोनों की बात सुनी और कहा,”गाइज ये मेरे हस्बेंड है , मानव मिश्रा”
“व्हाट ?”,दोनों लड़कियों के साथ पीछे अपने फोन में बिजी लड़की ने एक साथ कहा , और तीसरी वाली का व्हाट तो कुछ ज्यादा ही तेज था।
तीसरी लड़की जो थोड़ी स्टाइलिश और कुछ ज्यादा ही मॉर्डन थी वह रुचिका के पास आयी और कहा,”रूचि व्हाट इज दिस डार्लिंग ? तुमने कहा था हम लंच करने कोई अच्छी जगह जा रहे है , ये है वो अच्छी जगह ये वड़ा पाव का कार्ट,,,,,,,,,,,ईयू मैं यहाँ नहीं खा सकती,,,,,,,,,,,और क्या कहा तुमने ये तुम्हारा हस्बेंड है,,,,,,,,,डार्लिंग तुमने कहा था तुम्हारा पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसने नया बिजनेस शुरू किया है,,,,,,,,,,,,!!”
“यही तो है नया बिजनेस,,,,,,,,,,,,एक्चुली मोंटी आई मीन मानव , अपना खुद का कोई स्टार्ट अप करना चाहता था , एंड मैं तुम लोगो को यहाँ इसलिए लेकर आयी क्योकि इसके हाथ से बना वड़ा पाव खाकर तुम महंगे रेस्टोरेंट का खाना भी भूल जाओगी,,,,,,!!”,रुचिका ने ख़ुशी से कहा
मोंटी ने देखा रुचिका अपनी दोस्तों को बहुत प्रॉडली ये सब बता रही थी।
“ओह्ह्ह प्लीज रुचिका तुमने ये कैसे सोच लिया हम लोग यहाँ खाएंगे,,,,,,,,,,,,,मैं तो यहाँ नहीं खा सकती , ये कितना चीप है”,मॉर्डन लड़की ने एक बार फिर इतराते हुए कहा
रुचिका ने सुना तो उसे बहुत बुरा लगा उसने अपने पर्स से 50 रूपये का एक नोट निकाला और लड़की की तरफ बढाकर कहा,”ये पकड़ो पैसे और वो वहा सामने ऑटो खड़ा है तुम वापस जा सकती हो,,,,,,,,,,,,!!”
“व्हाट ?”,लड़की ने हैरानी से कहा उसे रुचिका के ऐसे रिएक्शन की उम्मीद नहीं थी। रुचिका बाकि दोनों की तरफ पलटी तब तक मोंटी उन सबके लिए प्लेट लगा चुका था। रुचिका ने दोनों को देखा और कहा,” अगर तुम दोनों को भी यहाँ खाने में दिक्कत है उसे ज्वाइन कर सकती हो,,,,,,,,,,,!!”
एक ने तो मुंह बनाते हुए सच में पहली लड़की को ज्वाइन कर भी लिया लेकिन दूसरी वाली ने गरमा गर्म वडा पाव के साथ देखा तो उसके मुंह में पानी आ गया और उसने कहा,”अह्ह्ह मैं खा लुंगी मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है,,,,,,,,,,,थैंक्स मानव”
“योर वेलकम”,मोंटी ने मुस्कुरा कर कहा।
दोनों लड़किया गुस्से में पैर पटकते हुए वहा से चली गयी लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह महंगे रेस्त्रो में खाना खा सके ,,
दोनों को भूख भी लगी थी इसलिए दोनों वापस चली आयी और रुचिका के बगल में खड़े होकर खाने लगी। रुचिका ने देखा और मुस्कुरा दी,,,,,,,,,,,,मोंटी प्यार से रुचिका को देखने लगा तो रुचिका ने उसे इशारे में बताया कि उसका बनाया वड़ा पाव अच्छा बना है।
रुचिका का ऐसा सपोर्ट देखकर मोंटी का अपने काम को लेकर विश्वास और कॉन्फिडेंस बढ़ गया।
Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45
Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45Love You Zindagi – 45
- Continue With Love You Zindagi – 46
- Visit https://sanjanakirodiwal.com
- Follow Me On https://www.instagram.com/sanjanakirodiwal/
संजना किरोड़ीवाल


Wha….agar ese wife ho to koi bhi husband kuch kaam krne m sharm mahsoos nhi hogi . Aur aaj to Ruchika ne Monti ko sabke samne apna husband btaya hai.. well done Ruchika… mujhe to aaj yeh bhi laga ki kahin Nibi Naina k liye koi problem create na kar de…but aaj wo nazar nhi aai…khar Avi aur Soundrya ji Naina k sath hai to Naina jaldi thik ho jaayegi…lakin aaj ka ek aur best part tha aur wo tha Mrs. Sharma ka apne pho m Mrs Ahuja aur Raj ki sari baate qaid Krna…ab dekhte hai ki Mrs Ahuja kaise election jeetitti hai