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Love You Zindagi – 40

Love You Zindagi – 40

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
देर रात सार्थक शीतल के साथ अपार्टमेंट पहुंचा। उसने नैना के मम्मी पापा को भी घर चलने को कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया और बाद में आने का कहकर लखनऊ के लिए निकल गए। सार्थक शीतल के साथ अंदर आया और अपने फ्लेट की तरफ जाने लगा। बालकनी में खड़ी मिसेज आहूजा की नजर उन दोनों पर पड़ी तो वे बड़बड़ाई,”ये दोनों तोता मैना इतनी रात में कहा से आ रहे है ? सोसायटी में बहुत कुछ हो रहा है पता लगाना पडेगा,,,,,,,,,,,!!”


“यहाँ अकेले में खड़े किस से बातें कर रही हो ?”,मिस्टर आहूजा ने कहा तो मिसेज आहूजा पलटी और कहा,”किसी से भी नहीं , वो अंदर ज़रा घुटन हो रही थी तो सोचा बालकनी में आकर बाहर की हवा खा लू,,,,,,,,,!!”
मिस्टर आहूजा ने सुना तो अपना सर झटका और अंदर चले गए। मिसेज आहूजा वही खड़ी होकर अपने दिमाग में नयी खिचड़ी पकाने लगी।

सार्थक ने फ्लेट के सामने आकर बेल बजायी। कुछ देर बाद मिसेज शर्मा ने दरवाजा खोला। शीतल ने आगे बढ़कर उनके पैर छुए और कहा,”नमस्ते मम्मी ! कैसी है आप ?”
“नमस्ते ! ये कोई वक्त है आने का ? कब से मैं और तुम्हारे पापा इंतजार कर रहे है , चलो अंदर आओ”,मिसेज शर्मा ने थोड़ा उखड़े स्वर में कहा और दोनों को लेकर अंदर चली आयी। मिस्टर शर्मा जाग रहे थे और दोनों का इंतजार कर रहे थे। सार्थक और शीतल ने आकर उनके पैर छुए।

शीतल पानी लेने किचन की तरफ जाने लगी तो मिसेज शर्मा ने कहा,”तुम बैठो मैं ले आती हूँ , इतना लंबा सफर था दोनों थक गए हो,,,,,,,,,,खाना लगाती हूँ खाकर आराम करो”
शीतल ने सुना तो सार्थक की तरफ देखा , सार्थक ने अपनी पलकें झपका दी। शीतल सोफे पर आ बैठी।
“और बेटा ? कैसी रही तुम्हारी ट्रिप ?”,मिस्टर शर्मा ने सार्थक से पूछा
“अच्छी थी पापा , बस मौसम खराब होने की वजह से बाहर ज्यादा घूम नहीं पाए”,सार्थक ने कहा मजबूरन उसे झूठ बोलना पड़ा।


“चलो अच्छा है ! तुम्हारी मम्मी खामखा तुम दोनों को लेकर यहाँ परेशान हो रही थी,,,,,,,,,,!!”,मिस्टर शर्मा ने कहा
मिसेज शर्मा तब तक शीतल और सार्थक के लिए पानी ले आयी और खुद भी सोफे पर आ बैठी। मिसेज शर्मा की नाराजगी को शीतल महसूस कर पा रही थी।
“मम्मी ! सोसायटी लीडर के इल्केशन का क्या हुआ ? मैंने उसमे आपका नाम दिया था आपको सेलेक्ट किया या नहीं ?”,शीतल ने पूछा


“होना क्या है ? मेरे अलावा 3 और लोग है सोसायटी से जो लीडर बनना चाहती है और मिसेज शर्मा उन पर तो जैसे कोई भूत सवार हो गया है लीडर बनने का,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने कुढ़ते हुए कहा

“अरे मम्मी आप क्यों टेंशन ले रही है देखना आप ही जीतेंगी,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा
“तू तो चुप ही रह , शीतल को अपने साथ ले गया और यहाँ मैं अकेले घर सम्हालू या इलेक्शन,,,,,,,वो मिसेज आहूजा ने तो अपने वोट भी फिक्स कर लिए,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने चिढ़ते हुए कहा
“वो कैसे ?”,सार्थक ने पूछा


“अरे कैसे क्या ? बड़े बड़े वादे कर दिए सोसायटी के लोगो से और ऐसा करके सबके वोट ले लेंगी,,,,,,,,मेरी ही किस्मत खराब है , उस पर शीतल तुमने , तुमने इसमें मेरा नाम दे दिया अब तो सबके सामने मेरी बेइज्जती पक्का समझो,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने कहा
“आप ऐसा क्यों सोचती है मम्मी ? मिसेज आहूजा कितने भी बड़े वादे करे लेकिन मुझे पूरा यकींन है जीतेंगी आप ही,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने विश्वास से भरकर कहा
“वो कैसे ?”,मिसेज शर्मा ने पूछा


“वो सब आप मुझ पर छोड़ दो , अभी के लिए बस खाना दे दो बहुत भूख लगी है,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने मासूमियत से कहा तो मिसेज उठी और कहा,”जाओ जाकर दोनों हाथ मुंह धो लो मैं खाना लगाती हूँ,,,,,,,,,!!”
“कमाल है भगवान ! कुछ देर पहले तक ये अपनी बहू को कोस रही थी और अब उसी बहू के लिए खाना लगा रही है,,,,,,,,,,इन्हे समझना सच में मुश्किल है”,मिस्टर शर्मा ने ऊपर देखते हुए कहा और उठकर अपने कमरे में चले गए

सार्थक शीतल के साथ आकर खाना खाने बैठा। मिसेज शर्मा किचन में थी ये देखकर सार्थक ने धीमे स्वर में कहा,”तुमने मम्मी से कह तो दिया कि इलेक्शन वही जीतेंगी लेकिन कैसे ?”
“मिसेज आहूजा कैसी है ये पूरा अपार्टमेंट जानता है। सब उनके मुंह पर तो हाँ बोल रहे है लेकिन देखना उनमे से कोई भी उन्हें वोट नहीं देगा,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
“और अगर ऐसा नहीं हुआ तो ?”,सार्थक ने कहा


“मैं कल ही मम्मी के साथ सोसायटी के लोगो से मिलूंगी और पता करुँगी इस सोसायटी में उन्हें क्या क्या समस्याएं है और फिर मम्मी और मैं मिलकर सोसायटी के लोगो के साथ उन पर काम करेंगे इस से सोसायटी के लोगो के दिल में मम्मी के लिए विश्वास बढ़ेगा,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
सार्थक आगे कुछ पूछ पाता इस से पहले मिसेज शर्मा वहा आ गयी और दोनों खामोश हो गए।
मिसेज शर्मा ने दोनों को खाना परोसा और उनके साथ ही बैठ गयी और उनसे उनकी ट्रिप के बारे में पूछने लगी और बेचारा सार्थक झूठ पर झूठ बोलता रहा

बीकानेर , रेलवे स्टेशन
सुबह के 8 बज रहे थे , मोंटी और रुचिका ट्रेन से नीचे उतरे और स्टेशन से बाहर चले आये। मोंटी ने ऑटो वाले को रोका और एड्रेस बताकर चलने को कहा।   मोंटी के बगल में बैठी रुचिका नैना के बारे में सोच रही थी। मोंटी ने रुचिका को खोया देखा तो उसका हाथ अपने हाथ में लिया और होंठो से छूकर कहा,”डोंट वरी रूचि नैना को कुछ नहीं होगा वो ठीक हो जाएगी”


“वो इतना बीमार थी , उसने किसी से कुछ कहा क्यों नहीं ? न किसी को बताया,,,,,,,,,,,,मैं और शीतल तो उसकी दोस्त थी उसने हम दोनों से भी कुछ नहीं कहा,,,,,, मैंने हमेशा उसे हँसते मुस्कुराते देखा और आज उसे ऐसे हाल में देखकर मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा,,,,,,,!”,रुचिका ने मायूसी भरे स्वर में कहा
“मैं समझ सकता हूँ रूचि लेकिन हम सब खुद अपनी जिंदगी में इतना परेशान थे कि नैना हमारे सामने अपनी बीमारी का जिक्र कर ही नहीं पायी।

वो हमेशा से ही ऐसी है , सबको खुश रखेगी , सबका ख्याल रखेगी लेकिन अपने बारे में कभी नहीं सोचती,,,,,,,,,,,लेकिन उसके बारे में सोचने के लिए अब हम है,,,,,,,,,हम सब उसका ख्याल रखेंगे , बस एक बार वो ठीक हो जाये उसके बाद हम सब मिलकर उसे खूब डांट लगाएंगे,,,,,,,,,,,,,जैसे वो कहती है “लंका” उसकी लंका लगाएंगे,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा तो रुचिका फीका सा मुस्कुरा दी।

 कुछ देर बाद ऑटो रुका। मोंटी और रुचिका नीचे उतरे और अंदर चले आये। लिफ्ट के सामने आकर मोंटी रुक गया। कही से घूमते घामते मोंटी के बगल वाले फ्लेट में रहने वाली अंजलि भाभी वहा आ पहुंची , उन्होंने जब मोंटी और रुचिका को साथ देखा तो कहा,”अरे रूचिका तुम कब आयी ? मैंने तो सुना था तुम अपने पापा के घर चली गयी हो,,,,,,,तुम दोनों के बीच सब ठीक तो है ना,,,,,,,,,,,,?”


रुचिका को अंजलि भाभी शुरू से ही पसंद नहीं थी उसने उन्हें घूरकर देखा और कहा,”क्यों भाभी शादी के बाद अपने पापा के घर जाना गलत है क्या ?”
“अरे नहीं नहीं गलत नहीं है मैंने तो बस ऐसे ही पूछ लिया वो क्या है ना तुम्हारे जाने के बाद भैया काफी उदास लग रहे थे”,अंजलि भाभी ने झेंपते हुए कहा
रुचिका उन्हें जवाब देती इस से पहले लिफ्ट के दरवाजे खुले और मोंटी रुचिका का हाथ थामकर अंदर चला गया। अंजलि भाभी लिफ्ट में जाती इस से पहले मोंटी ने अपने फ्लोर का बटन दबाया और दरवाजा बंद हो गया।

असल में मोंटी नहीं चाहता था अंजलि भाभी लिफ्ट में साथ आये और रुचिका से उलटे सीधे सवाल पूछकर परेशान करे। फ्लेट में आकर मोंटी नहाने चला गया क्योकि उसे इंटरव्यू के लिए जाना था वही रुचिका ने देखा घर काफी गंदा पड़ा है तो उसने कपडे बदले और घर की सफाई में जुट गयी। सफाई करते हुए रुचिका ने देखा मोंटी नहा चुका है तो उनसे झाड़ू छोड़ा और किचन की तरफ आयी।
एक हफ्ते बाद दोनों घर आये थे तो घर में ना दूध था ना फल सब्जिया , रुचिका ने कबर्ड खोलकर देखा तो उसे नूडल्स दिखे। उसने मोंटी के लिए कुछ इंस्टेंट नूडल्स उबाल दिए ताकि मोंटी को भूखे ना जाना पड़े।

उसने फ्रीज में रखे जूस के डिब्बे से मोंटी के लिए एक गिलास जूस भी निकाल दिया और डायनिंग टेबल पर रख दिया। आज से पहले रुचिका ने मोंटी की इतनी परवाह नहीं जताई थी लेकिन इस झगडे के बाद रुचिका के दिल में मोंटी के लिए भावनाये पहले से मजबूत हो चुकी थी।
मोंटी तैयार होकर हाथ में अपने डॉक्युमेंट्स की फाइल लेकर बाहर आया तो रुचिका ने कहा,”मोंटी , जाने से पहले कुछ खा लो ,, घर में ज्यादा कुछ था नहीं तो मै बस यही बना पायी”
मोंटी ने सुना तो उसे हैरानी हुई और साथ ही ख़ुशी भी कि रुचिका को उसकी परवाह थी।

वह डायनिंग पर आ बैठा और ख़ुशी ख़ुशी नूडल्स खाने लगा। उसने सब खत्म किया और हाथ पर बंधी घडी में समय देखकर उठते हुए कहा,”मुझे निकलना चाहिए,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना”
कहकर मोंटी वहा से चला गया और रुचिका एक बार फिर घर की साफ सफाई में लग गयी।
लिफ्ट से नीचे जाते हुए मोंटी को याद आया कि उसने रुचिका से तो खाने का पूछा ही नहीं। घर में खाने का सामान भी नहीं है रुचिका अपने लिए क्या बनाएगी ? सोचकर मोंटी लिफ्ट से बाहर आया उसने सबसे पहले रुचिका के लिए खाना आर्डर किया और फिर अपनी बाइक लेकर वहा से निकल गया।

मोंटी अवि के बताये एड्रेस पर पहुंचा। मोंटी ने देखा उसके अलावा भी वहा काफी लोग इंटरव्यू के लिए आये हुए है। वह सोफे पर आकर बैठा और अपनी बारी का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद ऑफिस बॉय ने आकर मोंटी से कहा,”मिस्टर मानव मिश्रा आपको अंदर बुलाया है,,,,,,,,!!”
मोंटी ने सुना और उठकर लड़के के पीछे चल दिया। वह अंदर आया , मैनेजर ने उसे बैठने को कहा और मोंटी से कुछ सवाल जवाब किये।

मोंटी का कॉन्फिडेंस और उसका एक्सपीरियंस देखकर मैनेजर उस से अच्छा खासा इम्प्रेस हुआ और कहा,”आप इस पोस्ट के लिए अप्लाई कर सकते है लेकिन मिस्टर मानव हमारी कंपनी के कुछ रूल्स और रेगुलेशन है जो हर इम्प्लॉय को फॉलो करने होते है।”
मोंटी ने हामी में गर्दन हिला दी तो मैनेजर उसे कम्पनी के बारे में बताने लगा जिसे सुनकर मोंटी को समझते देर नहीं लगी कि ये लोग एम्प्लॉय के नाम पर बस लोगो से मजदूरी करवाना चाहते है,,,,,,,,,,,,!!”


“तो आप कल से ज्वाइन कर सकते है,,,,,,,,,,,,,,,कोन्ग्रेचुलेशन”,मैनेजर ने कहा
मोंटी उठा और मैनेजर के सामने पड़ी अपनी फाइल उठाकर कहा,”यू टू सर लेकिन मैं आपकी कम्पनी में गधा मजदूरी नहीं कर सकता,,,,,,,,,,,,,,मेरी अपनी भी एक जिंदगी है जिसे मैं 60 हजार की नौकरी के लिए बर्बाद नहीं कर सकता,,,,,,,,,,,,,आपको मुझसे बेहतर इम्प्लॉय मिल जायेंगे,,,,,,,,,इसलिए ये जॉब किसी और को दे दीजिये,,,,,,,,,,,,,,,,!!”


“ये क्या बकवास है ? तुम इतनी अच्छी नौकरी के लिए ना बोल रहे हो,,,,,,,,,,,,,,,तुम जानते भी हो 2 साल में ये कम्पनी तुम्हे कहा से कहा पहुंचा सकती है,,,,,,,,,,,,!!”,मैनेजर ने भड़कते हुए कहा
“हां सर जानता हूँ , आज मैं इंसान हूँ लेकिन 2 साल में ये कम्पनी मेरे गले में अपना आई डी कार्ड डालकर मुझे कुत्ता बना देगी,,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा
“ऐसा ऐटिटूड रखोगे तो तुम्हे कही नौकरी नहीं मिलेगी,,,,,,,,,,,,,,,,,किसी रोड साइड खड़े होकर वड़ा पाव बेचना पडेगा”,मैनेजर ने कहा


मोंटी ने सुना और मुस्कुराया,”गुड आईडिया,,,,,,,,मैं चलता हु , जल्दी ही आपको वड़ा पाव् खाने के लिए इन्वाइट करूंगा”
मैनेजर ने सुना और सोच में पड़ गया , मोंटी ने जो कहा उसे समझ नहीं आया और मोंटी वहा से चला गया
कपंनी से बाहर आकर मोंटी ने गले में बंधी अपनी टाई को लूज किया और खुद में बड़बड़ाया,”हाह ! बहुत हो गयी दुसरो की गुलामी अब और नहीं,,,,,,,,,,,,सॉरी अवि लेकिन ऐसी जगह काम मैं नहीं कर पाऊंगा,,,,,,,,,,,,!!”


मोंटी उसी कम्पनी के बाहर खड़े ठेले वाले के पास आया और कहा,”भैया ! एक प्लेट वड़ा पाव लगना ज़रा”
लड़के ने गर्मागर्म वडा पाव प्लेट में लगाकर मोंटी की तरफ बढ़ा दिया मोंटी ने एक निवाला खाया और मन ही मन कहा,”लगता है बीकानेर वालो को टेस्ट की समझ नहीं है,,,,,,,,,,,अब मैं इन्हे बताऊंगा असली टेस्ट क्या होता है ?” 

चंडीगढ़ , अवि का घर
“नैना , नैना उठो सुबह हो गयी है”,बिस्तर पर नैना के बगल में लेटे अवि ने धीरे से कहा
नैना गहरी नींद में सो रही थी उस पर उसका सर अवि की बांह पर था जो कि सुन्न हो चुकी थी। अवि ने एक बार फिर नैना को उठाने की कोशिश की लेकिन नैना ने पास पड़ा तकिया उठाया और अपने सर पर रखकर करवट बदल कर सो गयी। करवट बदलने से अवि ने अपना हाथ निकाला और नैना को उठाते हुए कहा,”नैना , नैना उठो हमे विहान के पास जाना है,,,,,,,,,,,,आज तुम्हारे ट्रीटमेंट का पहला दिन है,,,,,,,,,प्लीज उठ जाओ”


नैना नींद में कुनमुनाई और कहा,”क्या है पडोसी ? सोने दो ना , हम विहान से मिलने कल चले जायेंगे,,,,,,,,,,,,,!!”
अवि समझ गया नैना ऐसे नहीं उठने वाली। वह बिस्तर से नीचे आया , पहले अंगड़ाई ली और फिर नैना की साइड आकर उसे गोद में उठाते हुए कहा,”हम विहान से मिलने नहीं बल्कि तुम्हारे ट्रीटमेंट के लिए जा रहे है,,,,,,,,,,,,!!”
अवि के ऐसा करने से नैना की नींद में खलल पड़ा वह उठ चुकी थी लेकिन उसकी आँखे अभी भी बंद थी।

अवि उसे गोद में उठाये बाथरूम में आया और वाशबेसिन के सामने अपने बगल में खड़ा कर दिया। नैना अधखुली आँखे से सब देख रही थी और मन ही मन अवि को कोस भी रही थी। अवि ने नैना का ब्रश उठाया उस पर पेस्ट निकाला और नैना के हाथ में देकर कहा,”ब्रश करो मैं अभी आया,,,,,,,,,,,!!”


अवि बाथरूम से बाहर चला गया कुछ देर बाद वह नैना के कपडे लेकर आया उसने देखा नैना के मुंह में ब्रश है और वह खड़े खड़े ही सो रही है। अवि ने आकर धीरे से नैना के सर पर एक चपत लगाई तो नैना ने जल्दी से आँखे खोली और ब्रश करने लगी। नैना ने मुंह धोया और फ्रेश होने के बाद अपने कपडे लेकर नहाने चली गयी।

नैना नहायी तब तक अवि मृणाल को आखरी रिपोर्ट भेज चुका था। वह सारी रात बस लेपटॉप पर काम कर रहा था और सोया नहीं था इसलिए बैठे बैठे उसकी आँखे मूंदने लगी। नैना नहा चुकी थी। वह बाथरूम से बाहर आयी। उसने लाइट कलर का लूज कॉर्ड सेट पहना था। वह शीशे की तरफ जाने लगी लेकिन जैसे ही नजर अवि पर पड़ी उसके कदम उस तरफ बढ़ गए। कुछ देर पहले अवि ने नैना के साथ जो किया था वह नैना ने अवि के साथ दोहराया। उसने अवि के सर पर पीछे से एक चपत लगाई तो अवि जागा।

उसने हड़बड़ाकर अपने बगल में खड़ी नैना को देखा और उठते हुए कहा,”ओह्ह्ह सॉरी ! मैं बस दो मिनिट में नहाकर आया,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म ठीक है ! मैं तुम्हे नीचे मिलूंगी”,नैना ने कहा और शीशे के सामने आकर तैयार होने लगी।
चेहरा पहले से मुरझाया हुआ था नैना ने बस होंठो पर लिप बाम लगाया , अपने बालों को समेटकर उनमे रबर डाला और अपना फोन लेकर नीचे चली आयी। हॉल में बने मंदिर में सौंदर्या सुबह की पूजा कर रही थी उन्होंने नैना को आते देखा और कहा,”अरे नैना ! सही वक्त पर आयी हो बेटा , आओ और पूजा करो आज तुम्हारे लिए बहुत बड़ा दिन है , भगवान का आशीर्वाद ले लो ये सब ठीक करेंगे”


नैना जो कि ज्यादा पूजा पाठ नहीं करती थी,,,,,,,,,,,,सौंदर्या के कहने पर उनकी तरफ चली आयी। सौंदर्या ने पूजा की थाली नैना के हाथो में थमा दी। नैना मंदिर के सामने आयी और पूजा करने लगी। निबी भी वहा चली आयी , नैना को देखते ही उसके चेहरे पर गुस्से के भाव तैरने लगे। पूजा कर नैना सौंदर्या की तरफ पलटी तो सौंदर्या ने आरती ली और माथे से लगा ली ,

निबी को वहा देखकर नैना मुस्कुराते हुए उसकी तरफ आयी और जैसे ही आरती के लिए थाली को निबी की तरफ बढ़ाया निबी ने थाली को जोर से मारकर हवा में उछाल दिया और कहा,”अपनी लम्बी उम्र के लिए भगवान से दुआ मांग रही हो नैना , भगवान् करे तुम हॉस्पिटल से वापस घर आओ ही ना,,,,,,,,,,,,,!!”
नैना ने सुना तो उसकी आँख से बहकर आँसू की बूंद नीचे जा गिरी और सौंदर्या फ़टी आँखों से निबी को देखते रही,,,,,,,,,,,,,,!

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संजना किरोड़ीवाल

Love You Zindagi - 1 Season 3
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Love You Zindagi
Love You Zindagi by Sanjana Kirodiwal

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