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Love You Zindagi – 37

Love You Zindagi – 37

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

निबी की बातें सुनकर नैना का दिल टूट गया। उसे अहसास हुआ हॉस्पिटल में अनुराग को लेकर जो न्यूज उसने देखी थी वो सच थी , अनुराग मर चुका था। नैना पथराई आँखों से निबी को देखते रही। अवि ने जब निबी को नैना के लिए ऐसी बाते कहते सुना तो उसके पास आया और उसे रोकते हुए कहा,”निबी ! ये क्या कह रही हो , तुम होश में तो हो ?”


“मैं होश में हूँ भाई पर आप और मॉम शायद होश में नहीं है,,,,,,,,,,,आप दोनों देख ही नहीं पा रहे कि आपकी फेवरेट नैना ने मेरे साथ क्या किया है ? इसने अनुराग को मुझसे छीन लिया भाई ,,  इसकी वजह से आज वो हमारे बीच नहीं है,,,,,,,,,,,,,!!”,निबी ने रोते हुए कहा


“पागल मत बनो निबी,,,,,,,,,,अनुराग ने तुम्हे और हम सबको धोखा दिया था , उसके साथ जो हुआ वो बस एक हादसा था ,, नैना की इसमें कोई गलती नहीं है,,,,,,,,!”,अवि ने निबी को समझाते हुए कहा
आराधना और रुचिका हैरान रह गए जब उन्होंने सुना कि अनुराग अब इस दुनिया में नहीं रहा। आराधना निबी के पास आयी और कहा,”निबी बेटा ! तुम्हे जरूर कोई ग़लतफ़हमी हुई है हमारी नैना ऐसा कुछ नहीं कर सकती,,,,,,,,,तुम देख रही हो ना वो पहले से बीमार है उसके सामने ऐसी बातें मत करो बेटा”


निबी ने गुस्से से नैना को देखा और कहा,”बीमार , अरे उसे तो मर जाना चाहिए,,,,,,,,,,!!”
“निबी,,,,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने गुस्से से कहा और ये कहते हुए उनका हाथ हवा में उठ गया लेकिन वे निब्बी को मार नहीं पाए। अवि ने सुना तो अफसोस से अपना सर झटक लिया। नैना बुत बनी सब सुन रही थी। सौंदर्या ने सुना तो उन्होंने निबी का हाथ पकड़ा और कहा,”मेरे साथ चलो निबी , इस वक्त तुम्हे आराम की सख्त जरूरत है,,,,,,,,,,!!”


सौंदर्या निबी को जबरदस्ती वहा से ले गयी। चौधरी साहब नैना के पास आये और उसका सर सहलाकर वहा से चले गए। अवि ने देखा निबी की बातो से सबके चेहरे उतर गए है तो वह आराधना की तरफ आया और कहा,”निबी की बातो को दिल पर मत लीजियेगा , अभी वो होश में नहीं है अनुराग की मौत का उस पर गहरा असर हुआ है।”

आराधना ने सुना तो अवि की तरफ देखा और कहा,”नहीं बेटा ! आप क्यों माफ़ी मांग रहे है ? इन सब में आपकी कोई गलती नहीं है इस वक्त निबी पर जो गुजर रही है वो मैं समझ सकती हूँ,,,,,,,,,आप दिल छोटा मत कीजिये”
अवि ने हामी में सर हिलाया और नैना के सामने चला आया। नैना अब भी खामोश , आंसुओ से भरी आँखों से एकटक सामने देख रही थी। निबी ने जो कहा वो अब भी उसके जहन में चल रहा था नैना यकीन नहीं कर पा रही थी कि अनुराग अब इस दुनिया में नहीं रहा।

अवि ने नैना को खामोश देखा तो उसका सर अपने सीने से लगाकर उसे गले लगाते हुए कहा,”आर यू ओके नैना
नैना ने कुछ नहीं कहा बस उसकी आँखों से आँसू बहते रहे। अवि ने नैना का सर सहलाते हुए कहा,”निबी की बातो पर ध्यान मत देना उसने जो कुछ भी कहा वो सब , वो सब,,,,,,,,,,,,,,,!!”
अवि का मन इतना भारी हो चुका था कि वह खुद भी आगे कुछ बोल नहीं पाया लेकिन नैना ने उसकी बात पूरी करते हुए कहा,”वो सब सच है,,,,,,,,,,,,,अनुराग मेरी वजह से इस दुनिया में,,,,,,,,,,,,,,!!”


नैना आगे कहती इस से पहले अवि ने अपने दोनों हाथो से नैना के चेहरे को थामा और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”खबरदार जो तुमने दोबारा ऐसा कहा या कुछ भी ऐसा सोचा,,,,,,,,,,,,,ये सच नहीं है नैना,,,,,,,,!!!”
नैना की आँखों में फिर आँसू भर आये , मोंटी नैना को रोते हुए नहीं देख पाया उसने नैना का हाथ पकड़ा और उसे वहा से ले गया। अवि खामोश खड़ा मोंटी और नैना को जाते हुए देखता रहा। रुचिका , शीतल और सार्थक ने अवि को टूटा हुआ देखा तो उसके पास चले आये।

मोंटी नैना को लेकर घर से बाहर आया और कहा,”तुम रोना चाहती हो , रो लो”
नैना नम आँखों से मोंटी को देखने लगी तो मोंटी ने कहा,”मैं ये तो नहीं जानता नैना बीते दिनों में तुम्हारे साथ क्या हुआ है लेकिन इतना जरूर जानता हूँ कि इस वक्त एक तूफान चल रहा है तुम्हारे अंदर जिसका बाहर आना बहुत जरुरी है,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए रो लो नैना , अपने दर्द को बाहर निकालो और खुद को रिलेक्स करो , कम ऑन नैना,,,,,,,,,,,,,,,,!!”


नैना ने सुना तो एकदम से चिल्ला उठी और रोने लगी। घर में मौजूद लोगो ने जब नैना के चिल्लाने की आवाज सुनी तो सभी दौड़कर बाहर आये लेकिन मोंटी ने हाथ सामने करके उन्हें नैना के पास आने से रोक दिया।  

नैना रो रही थी और उसे इस हाल में देखकर सब दुखी थी। विपिन जी भी अचानक नैना की आवाज सुनकर नींद से जागे और भागकर नीचे आये उन्होंने देखा घर में कोई नहीं है तो भोला ने उन्हें सबके बाहर होने के बारे में बताया। विपिन जी बाहर आये उन्होंने जब नैना को ऐसे 
हाल में देखा तो दौड़कर उसके पास आये और उसे सम्हालते हुए कहा,”नैना , नैना क्या हुआ मेरे बच्चे , तुम तुम ऐसे रो क्यों रही हो ?”


नैना ने कोई जवाब नहीं दिया उलटा विपिन जी को वहा देखकर वह उनके सीने से आ लगी और फूट फूट कर रोने लगी। मोंटी ने देखा तो उनके पास आया और कहा,”अंकल , नैना को रोने दीजिये जब तक उसके अंदर भरा दर्द बाहर नहीं आएगा वो ऐसे ही परेशान रहेगी”
विपिन जी ने सुना तो गुस्से से मोंटी को देखा और कहा,”तुम लोगो का दिमाग खराब हो गया है , नैना बीमार है और ऐसे में तुम उसके साथ,,,,,,,,,!!


विपिन जी को गुस्से में देखकर मोंटी पीछे हट गया। अवि नैना के पास आया और उसे अपने साथ लेकर वहा से चला गया। विपिन जी बाहर ही रुककर मोंटी को समझाने लगे ताकि वह ऐसी कोई गलती दोबारा ना करे।

सब हॉल में इकट्ठा हो गए। सौंदर्या निबी को नींद की दवा देकर उसे कमरे में सुलाकर बाहर चली आयी। वे नैना के पास आयी और उसके हाथो को थामकर कहा,”नैना , आई ऍम सॉरी नैना ,, तुम पहले से इतनी तकलीफ में हो और निबी ने तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,उसने जो कुछ भी कहा उसे भूल जाओ बेटा,,,,,,,,,!!”
नैना ने सुना तो उसने सौंदर्या के हाथो को थामा और बुझे स्वर में कहा,”मॉम आप सॉरी मत कहिये , मुझे निबी की बात का बुरा नहीं लगा , आप प्लीज उदास मत होईये,,,,,,,,,,,,,सब ठीक हो जायेगा मॉम,, सब ठीक हो जायेगा”


सौंदर्या ने सुना तो उनकी आँखों से आँसू बहने लगे। आराधना ने देखा तो उनके पास आयी और उनके सम्हालकर कहा,”हिम्मत रखिये बहन जी,,,,,,,नैना हो या निबी दोनों हमारे ही बच्चे है,,,,,,,,,,आप चिंता मत कीजिये सब ठीक हो जाएगा”
चौधरी साहब ने नैना को अपने कमरे में जाकर आराम करने को कहा और खुद विपिन जी के साथ हॉल में आ बैठे।

नैना के साथ शीतल , सार्थक , मोंटी , रुचिका और अवि भी ऊपर चले आये। नैना बिस्तर पर आ बैठी और बाकी सब वहा रखे सोफे और कुर्सियों पर , अवि ख़ामोशी से अपने हाथो को बांधे दिवार से पीठ लगाए बुझी आँखों से नैना को देख रहा था। सब नैना का ध्यान बटाने के लिए इधर उधर की बातें कर रहे थे लेकिन नैना का ध्यान बस अवि पर था। उसने अवि को अपने पास आने का इशारा किया।


अवि नैना के सामने चला आए तो नैना ने उसे बैठने का इशारा किया। नैना के बगल में ना बैठकर अवि घुटनो के बल ठीक नैना के सामने बैठ गया।
नैना और अवि एक दूसरे को देखते रहे , नैना ने अवि की आँखों में देखा और कहा,”पडोसी ! क्या तुमने अपनी आँखे देखी ?”


अवि ने सुना तो धीरे से ना में गर्दन हिला दी। नैना ने मायूसी से अवि के चेहरे को देखा और कहा,”तुम पिछली तीन रातों से सोये नहीं हो ,, अपनी आँखों को देखो कितना थक चुकी है,,,,,,,,,,,तुम्हे जाकर थोड़ी देर के लिए सो जाना चाहिए”
“मैं ठीक हूँ नैना”,अवि ने बुझे स्वर में कहा
नैना जो अवि के सामने बहुत कम अपनी भावनाओ को व्यक्त किया करती थी , आज उसने अपने दोस्तों के सामने अवि के चेहरे को अपने हाथो में लिया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”मैं फिर भी चाहती हूँ तुम आराम करो,,,,,,,,,,,,क्योकि आने वाली रातों में तुम्हे मेरे लिए जागना होगा,,,,,,,,,,,,

मैं ठीक हु और मेरा ख्याल रखने के लिए ये सब है यहाँ लेकिन तुम्हारा ख्याल रखना मेरी रिस्पॉन्सिब्लिटी है इसलिए प्लीज सो जाओ,,,,,,,,,,मेरे लिए”
अवि ने सुना तो नम आँखों से नैना को देखने लगा , ऐसे वक्त में भी वह अवि के लिए परवाह जता रही थी। अवि ने हामी में सर हिला दिया। वह उठा और वहा से   चला गया। जब तक अवि आँखों से ओझल नहीं हो गया नैना दरवाजे की तरफ देखते रही। अवि के जाने के बाद नैना ने सामने बैठे अपने दोस्तों को देखा तो पाया कि मोंटी को छोड़कर बाकि सब देखकर मुस्कुरा रहे है।


नैना ने अपनी भँवे उचकाई तो रुचिका ने कहा,”अवि के प्यार ने तुम्हे सच में बदल दिया नैना , आज से पहले मैंने तुम्हारा ये रूप कभी नहीं देखा था,,,,,,,,,,,,,,अवि की परवाह करते हुए तुम कितनी प्यारी लग रही थी,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह तुम दोनों को किसी की नजर ना लगे,,,,,,,,,,,,!!”

“हाँ मैं बदल गयी हूँ रूचि और ये बदलाव अच्छा है,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा
शीतल मुस्कुराई और कहा,”देखा नैना ! मैं कहती थी ना जब तुम्हे अवि से प्यार होगा तो तुम खुद से ज्यादा उसकी परवाह करोगी,,,,,,,,,,,और आज हम सब ने ये देख भी लिया”
“ओह्ह्ह्ह तो नैना द सख्त बंदी का एक सॉफ्ट एंगल भी है,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने नैना को छेड़ते हुए कहा


नैना ने देखा मोंटी खामोश बैठा है तो उसने मोंटी से अपने पास आने का इशारा किया। मोंटी नैना के पास आया और कहा,”हाँ नैना !”
नैना ने धीरे से एक चाँटा मोंटी के गाल पर मारा , मोंटी बेचारा मायूसी से नैना को देखने लगा और कहा,”मुझे क्यों मारा ?”
“आईन्दा से पडोसी को मेरे पास आने से मत रोकना , उसे हक़ है हर हाल में मुझे सम्हालने का,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने मोंटी की तरफ देखकर कहा


मोंटी अपनी जगह पर आ बैठा और अपना गाल सहलाते हुए कहा,”समझ गया”
“क्या ?”,नैना ने पूछा
“यही कि तुम मिस्टर पडोसी के प्यार में डूब चुकी हो”,मोंटी ने मुंह बनाकर कहा
नैना ने देखा बेचारा मोंटी थप्पड़ खाकर अभी तक गाल सहला रहा था तो उसने प्यार से कहा,”ज्यादा जोर से लगी क्या ?”
मोंटी मुस्कुराया और ना में गर्दन हिला दी। सभी नैना के साथ बैठकर बाते करने लगे , बाते कम और नैना को हंसा ज्यादा रहे थे।  

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
कुकू की बर्थडे पार्टी खत्म हो चुकी थी और सब जा चुके थे। मिसेज आहूजा भी जरुरी सामान उठवाकर वहा से नीचे चली आयी। जैसे ही मिसेज आहूजा अंदर आयी बिट्टू ने गुस्से से कहा,”वो लड़का यहाँ क्यों आया था मम्मा ?”
“कौन लड़का ?”,मिसेज आहूजा ने अनजान बनते हुए कहा
“मासूम मत बनो शालू , मुझे बताओ वो लड़का कौन है और यहाँ क्यों आया था ? क्या वो तुम्हारा कोई रिश्तेदार था या तुम उसे जानती हो,,,,,,,,,,,,!!”,मिस्टर आहूजा ने कहा


मिसेज आहूजा को समझ नहीं आया कहे तो क्या कहे लेकिन मिस्टर आहूजा को गुस्से में देखकर उन्होंने मन ही मन एक झूठी कहानी बनायीं और कहा,”अच्छा वो ! वो तो मेरे दूर के भैया का बेटा था , दिल्ली में पढाई करता है तो आज पार्टी में मैंने ही उसे इन्वाइट कर दिया,,,,,,,!!”
“मम्मा झूठ बोल रही है पापा , ये वही लड़का था जिसके साथ मेरे फ्रेंड्स और मैंने मम्मा को कैफे में देखा था”,बिट्टू ने अपनी ही मम्मी की पोल खोलते हुए कहा।


बिट्टू की बात सुनकर मिसेज आहूजा घबरा गयी लेकिन अपनी घबराहट और डर को चेहरे पर आने नहीं दिया और कहा,”तुम फिर वही कैफे का राग अलापने लगी , कितनी बार कहा है तुम से कि पढाई में ध्यान दो,,,,,,,,,,,,आज तुम्हारा जन्मदिन है इसलिए मैं तुम्हे डाटना नहीं चाहती , अपने कमरे में जाओ”
“लेकिन पापा,,,,,,,,,,,,!!”,बिट्टू ने जैसे ही कहना चाहा , मिस्टर आहूजा उसकी तरफ पलटे और कहा,”बिट्टू तुम्हारी मम्मा ने कहा ना वो लड़का इनके भाई का लड़का है ,

उसके साथ अगर तुम्हारी मम्मा ने कॉफी पी भी ली तो इसमें कुछ गलत नहीं है। तुम अपने कमरे में जाओ और सो जाओ तुम्हे सुबह जल्दी कॉलेज भी जाना है”
अपने पापा को मम्मी की तरफ देखकर बिट्टू गुस्से में वहा से चली गयी और अपने कमरे में चली आयी। अब तो उसे उस लड़के से के साथ साथ अपनी मम्मी से भी नफरत होने लगी थी। वह बिस्तर पर आ गिरी और आँखे मूंद ली लेकिन जहन में वही ख्याल बार बार आ रहा था जब राज ने उस से हाथ मिलाया था।

बिट्टू के जाने के बाद मिस्टर आहूजा ने अपनी पत्नी से कहा,”देखो शालू ! मैं तुम पर शक नहीं कर रहा लेकिन तुम जानती हो हमारी बेटी अब जवान हो रही है ऐसे में अनजान लड़को का ऐसे घर के फंक्शन में आना अच्छा नहीं ,, वो लड़का बिट्टू से दूर ही रहे तो बेहतर होगा”
मिसेज आहूजा ने सुना तो अपने पति के थोड़ा करीब आयी और कहा,”आप भी ना , बिट्टू उसकी छोटी बहन जैसी है और वो रोज रोज यहाँ क्यों आएगा ? रात बहुत हो गयी है चलिए आप भी चलकर सो जाईये,,,,,,,,,,,,!!”


मिसेज आहूजा की बात पर विश्वास कर मिस्टर आहूजा सोने चले गए लेकिन वे नहीं जानते थे राज का आशीर्वाद अपार्टमेंट में आना कोई इत्तेफाक नहीं था,,,,,,,,,,,,,राज नाम की ये मुसीबत किसे नाच नचाने वाली थी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!

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संजना किरोड़ीवाल  

Love You Zindagi - 1 Season 3
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Love You Zindagi - Season 2
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उसके साथ अगर तुम्हारी मम्मा ने कॉफी पी भी ली तो इसमें कुछ गलत नहीं है। तुम अपने कमरे में जाओ और सो जाओ तुम्हे सुबह जल्दी कॉलेज भी जाना है”
अपने पापा को मम्मी की तरफ देखकर बिट्टू गुस्से में वहा से चली गयी और अपने कमरे में चली आयी। अब तो उसे उस लड़के से के साथ साथ अपनी मम्मी से भी नफरत होने लगी थी। वह बिस्तर पर आ गिरी और आँखे मूंद ली लेकिन जहन में वही ख्याल बार बार आ रहा था जब राज ने उस से हाथ मिलाया था।

बिट्टू के जाने के बाद मिस्टर आहूजा ने अपनी पत्नी से कहा,”देखो शालू ! मैं तुम पर शक नहीं कर रहा लेकिन तुम जानती हो हमारी बेटी अब जवान हो रही है ऐसे में अनजान लड़को का ऐसे घर के फंक्शन में आना अच्छा नहीं ,, वो लड़का बिट्टू से दूर ही रहे तो बेहतर होगा”
मिसेज आहूजा ने सुना तो अपने पति के थोड़ा करीब आयी और कहा,”आप भी ना , बिट्टू उसकी छोटी बहन जैसी है और वो रोज रोज यहाँ क्यों आएगा ? रात बहुत हो गयी है चलिए आप भी चलकर सो जाईये,,,,,,,,,,,,!!”

बिट्टू के जाने के बाद मिस्टर आहूजा ने अपनी पत्नी से कहा,”देखो शालू ! मैं तुम पर शक नहीं कर रहा लेकिन तुम जानती हो हमारी बेटी अब जवान हो रही है ऐसे में अनजान लड़को का ऐसे घर के फंक्शन में आना अच्छा नहीं ,, वो लड़का बिट्टू से दूर ही रहे तो बेहतर होगा”
मिसेज आहूजा ने सुना तो अपने पति के थोड़ा करीब आयी और कहा,”आप भी ना , बिट्टू उसकी छोटी बहन जैसी है और वो रोज रोज यहाँ क्यों आएगा ? रात बहुत हो गयी है चलिए आप भी चलकर सो जाईये,,,,,,,,,,,,!!”

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