Love You जिंदगी – 93

Love You Zindagi – 93

Love You Zindagi
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रुचिका का आईडीया फ़ैल हो गया , बेचारा अवि जो केक नैना को खिलाने वाला था मायूस होकर खुद ही खाने लगा। नैना आकर बाकि सबके साथ बैठ गयी। अवि भी आकर उसकी बगल में बैठ गया ! सबने अपनी अपनी पसंद का खाना आर्डर किया और बातें करने लगे। सार्थक थोड़ा अपसेट था उसे चुप देखकर नैना ने कहा,”तुझे क्या हुआ ?”
“मुझे नहीं लगता डेड हमारे रिश्ते के लिए मानेंगे वो बहुत जिद्दी है !”,सार्थक ने कहा।
“किसने बोला नहीं मानेंगे ? नहीं माने ना तो उठवा लोगे उनको”,नैना ने कहा


“तुम गुंडी हो क्या जो उठवा लोगी ? हर प्रॉब्लम का कोई ना कोई हल होता है !”,अवि ने कहा
“टेढ़े लोगो को सीधे तरीके से मनाया नहीं जाता है पडोसी !”,नैना ने कहा
“शट-अप !”,अवि ने कहा तो नैना ने मुंह बना लिया अवि सार्थक की और पलटा और कहा,”तुम्हारे डेड को शीतल क्यों पसंद नहीं है ?”
“एक प्रॉब्लम तो हम दोनों की कास्ट है , दुसरा शीतल यहाँ की नहीं है और फॅमिली भी नहीं है इसलिए”,सार्थक ने धीरे से कहा


“देखो अगर दो लोगो के बिच अच्छी बॉन्डिंग हो , प्यार हो तो कास्ट मेटर नहीं करती है ,, दुसरा शीतल के पेरेंट्स नहीं है लेकिन भाई भाभी तो है ना वो अगर तुम्हारे डेड से मिले तो बात बन सकती है क्या ?”,अवि ने कहा
“हां शायद पर मुझे नहीं लगता वो इतनी जल्दी मानेंगे”,सार्थक ने कहा
“तो क्या उनके कहने से शीतल को छोड़ देगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने घूरते हुए पूछा
“पेरेंट्स के खिलाफ भी तो नहीं जा सकता ना नैना !”,सार्थक ने जैसे ही कहा

नैना गुस्से से बिफर पड़ी और कहा,”साले मुंह तोड़ दूंगी मैं तेरा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जब शादी नहीं कर सकते तो प्यार करना जरुरी है ,, तुमने तो लड़ने से पहले ही हार मान ली !”
“सार्थक वो तुम्हारे लिए अपना सब कुछ छोड़कर आयी है , उसकी भी तो फॅमिली है यार वो भी अपने घरवालों को समझाएगी ना”,रुचिका ने कहा
“मैं कोशिश तो कर रहा हूँ ना रूचि”,सार्थक ने कहा
“ए नैना तेरे पास वैसा कोई प्लान नहीं है जैसा मेरे और रूचि के लिए था”,मोंटी ने कहा


“मेरा प्लान चाहिए किसको ?”,नैना ने अवि की और देखते हुए कहा
“अच्छा मेरी माँ बताओ क्या प्लान है ?”,अवि ने नैना के सामने हाथ जोड़कर कहा नैना ने सबको अपना प्लान बताया अवि को छोड़कर बाकी सब एग्री थे। अवि ने जैसे ही सूना कहा,”तुम्हे लगता है ये आइडिआ काम करेगा ?”
“नैना का आइडिआ कभी फ्लॉप नहीं होता !”,नैना ने कॉन्फिडेंस से कहा
“हम्म्म ओके देन !”,अवि ने कहा
सार्थक को परेशान देखकर शीतल ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और उसे अहसास दिलाया की वह उसके साथ है !


खाना आया सभी खाना खाने लगे। खाना खाकर बिल अवि ने देना चाहा तो सार्थक और मोंटी रोक दिया और कहा,”अरे अवि सब मिलके दे देंगे ना”
“नहीं ये तुम सबको मेरी और से ट्रीट है !”,अवि ने बिल और अपना कार्ड वेटर की और बढ़ाते हुए कहा
“ओके , ठीक है ! वैसे भी नैना को प्यार हो गया है इस से बड़ी ख़ुशी की बात और क्या हो सकती है ?”,रुचिका ने नैना को छेड़ते हुए कहा
“तू मजे लेना बंद कर ठीक है !”,नैना ने कहा


“हम्म्म अभी तो शुरू हुआ है नैना , अभी तो तुम दोनों का रोमांस शुरू होगा , शादी होगी , बच्चे होंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका कहते ही जा रही थी की तभी नैना बीच में बोल पड़ी,”उसके बाद “L” लगेंगे !”
“ये जो तुम बार बार ये वर्ड बोलती हो इसका मतलब क्या है ?”,अवि ने नैना की और पलटकर पूछा
“L लगेंगे मतलब लंका लगेगी !”,नैना ने कहा
“फिर ठीक है वरना हमारे लिए तो ये गाली जैसा ही है “,अवि बड़बड़ाया
“क्या कुछ कहा तुमने ?”,नैना ने सवाल किया


“नहीं ! घर चले !”,अवि ने नैना की और देखते हुए कहा तो सभी उठे और रेस्त्रो से बाहर चले आये। रात के 11 बज रहे थे लेकिन अभी भी वहा काफी चहल पहल थी , मोंटी और सार्थक शीतल रुचिका के साथ बाइक पर निकल गए बचे नैना और अवि लेकिन अवि इस बार उस साइकिल से नहीं जाना चाहता था उसने नैना से कहा,”कैब बुक कर दू !”
“कैब क्यों साइकिल है ना अपने पास ?”,नैना ने कहा
“इस से तो हम लोग सुबह तक पहुंचेंगे !”,अवि ने कहा


“अरे इस बार कोई पंगा नहीं होगा पडोसी तुम चलो तो सही”,कहकर नैना आगे बढ़ गयी अवि भी उसके साथ साथ चल पड़ा जैसे ही दोनों पार्किंग के पास आये एक लड़की जान बूझकर अवि से टकरा गयी और फिर उसी पर भड़कते हुए कहा,”ए देखकर नहीं चल सकते ? अंधे हो क्या ?”
“सॉरी आई थिंक मैंने ध्यान नहीं दिया”,गलती ना होने के बाद भी अवि ने उस लड़की से सॉरी कहा

“हुंह चीप पीपल , सुन्दर लड़की देखी नहीं के जान बुझकर टकराते है और बाद में सॉरी बोलने का नाटक”,कहकर लड़की जैसे ही जाने लगी नैना ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और अपने सामने करके कहा,”ओह्ह हेलो पहली बात तो गलती तुम्हारी है , वो सॉरी बोल रहा है ये उसकी सिंसियरिटी है ! चीप किसको बोला बे तूने खुद को देखा सोयाबीन सी शक्ल लेकर उसपर ढाई किलो मेकअप थोप के ,, लौंडो को नेचुरल ब्यूटी बताकर चुना लगाने वाली छपरी मेरे बन्दे को चीप बोलती है। एक कंटाप दिया ना खींच के सारा पाउडर निकल जाएगा !”


“यू शट अप , तुम होती कौन हो मुझसे इस तरह बात करने वाली”,लड़की ने गुस्से से कहा
“अले ले ले ले ले दीदी को गुच्छा आ गया , ओह्ह मेला बच्चा ! रेस्पेक्ट अ मेन हर लड़का गलत नहीं होता है समझी ,, बड़ी आयी शट अप करने वाली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,चल निकल और दोबारा कही दिखी ना तो तेरा मुंह नोच लुंगी मैं”,नैना ने कहा तो लड़की बड़बड़ाते हुए वहा से चली गयी
“अब ये सब क्या था ? मैंने सॉरी बोलकर बात खत्म की थी ना फिर ये सब क्यों ?”,अवि ने शांत भाव से नैना से कहा


नैना अवि के थोड़ा पास आयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”देखो पडोसी ऐसा है , अगर कोई मेरा नहीं है ना तो वो चूल्हे में जाये मैं नहीं रोकती , लेकिन अगर कोई मेरा है तो उसके लिए लड़ने भिड़ने में मुझे कोई ऐतराज नहीं ,,, और फिर तुम तो मेरी पहली मोहब्बत हो तुम्हारे लिए लड़ना बनता है यार !”
नैना के इस अंदाज ने तो अवि का दिल ही जीत लिया था वह उसकी आँखों में देखता रहा और फिर कहा,”क्या लड़की हो ना तुम ? पल में गुस्सा पल में इतना प्यार , ये जिंदगी तो तुम्हे समझने में ही गुजर जाएगी !”


“ज्यादा समझने की कोशिश करोगे तो उलझ जाओगे ,, अब चले !”,नैना ने मुस्कुरा के कहा और वहा से साइकिल लेकर अवि के साथ कुछ दूर पैदल ही चल पड़ी। दोनों खामोश सड़क पर अपनी उस साइकिल के साथ चले जा रहे थे। कुछ दूर चलकर नैना ने कहा,”ये लो तुम चलाओ !”
“अच्छा एक बात बताओ , तुम्हारे लिए रोमांस का मतलब क्या है ?”,अवि ने साइकिल पर बैठते हुए कहा नैना ने जवाब नहीं दिया और आकर अवि के आगे साईकिळ पर बैठी जिस से वह अवि के कुछ ज्यादा ही करीब आ गयी

, उसने अपने दोनों हाथ अवि के हाथो के साथ स्टेयरिंग पर रख लिए अवि को उसके सवाल का जवाब मिल चुका था। मुस्कुराते हुए नैना को साथ लेकर आगे बढ़ गया , ख़ामोशी से दोनों चले जा रहे थे अवि कोई धुन गुनगुना रहा था तो नैना ने कहा,”तुम जोर से भी गा सकते हो यहाँ तुम्हे सुनने वाला मेरे आलावा कोई भी नहीं है !”
“तुम्हे पसंद नहीं आएगा”,अवि ने कहा
“तुम में मुझे बस एक ही चीज पसंद नहीं है !”,नैना ने कहा


“वो क्या है ?”,अवि ने सवाल किया
“पता नहीं जब पता चलेगा बता दूंगी !”,नैना ने कहा
“मतलब कुछ भी , अजीब लड़की हो ना तुम !”,अवि ने कहा।
“हम्म शायद , अच्छा ये सब छोडो तुम कुछ सुनाने वाले थे”,नैना ने कहा
“सच में तुम सुनना चाहती हो ?”,अवि ने कहा
“हां अब इतना भी भाव् मत खाओ !”,नैना ने कहा तो अवि जो धीरे धीरे गुनगुना रहा था उसे गाने लगा और नैना को सुनाने लगा


“कही से कही को भी आओ बेवजह चले , पूछे बिना किसी से हम मिले !
तुम हो मेरे लिए मेरे लिए हो तुम यू , खुद को मैं हार गया तुमको
तुमको मैं जीता हूँ !
तुम हो पास मेरे , साथ मेरे हो तुम यू
जितना महसूस करू तुमको उतना ही पा भी लू !”

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“ये मेरा फेवरेट है”,नैना ने सर्द आवाज में कहा तो अवि ने अपने हाथो की पकड़ नैना के हाथो पर थोड़ी टाइट हो गयी। दोनों बातें करते हुए अपनी मंजिल की और चले जा रहे थे। बाकि चारो कबका घर पहुँच चुके थे बस नैना और अवि ही नहीं पहुंचे सार्थक अपने घर चला गया शीतल अपने कमरे में सोने चली
गयी , मोंटी और रुचिका कॉफी पीते हुए बातें कर रहे थे। नैना की वजह से उन्हें भी एक अच्छा वक्त साथ बिताने को मिला था !

साइकिल पर बैठे हुए नैना ने अपने सर का पिछ्ला हिस्सा अवि के सीने से लगा दिया और खाली आँखों से सामने देखते रही। अवि के लिए वो पल बहुत खास था नैना की बातो से ज्यादा उसे नैना की ख़ामोशी पसंद थी ,, क्योकि जब नैना बात करती तो झगड़ा होना लाजमी था लेकिन जब खामोश रहती थी तो उस से ज्यादा खूबसूरत अवि को कोई नहीं दिखता था। बारिश की वजह से सड़के नम थी और ठंड भी बढ़ने लगी थी। हालाँकि नैना और अवि ने जैकेट पहने हुए थे लेकिन हाथ अब जमने लगे थे

नैना ने अपने दोनों हाथो को आपस में रगड़ा थोड़ी गर्माहट हुई तो पलटकर अपने हाथो को अवि के गाल पर लगा दिया। सुकूनभरा अहसास अवि ने महसूस किया लेकिन नैना की आँखों में देखते हुए अवि का बेलेंस बिगड़ा और दोनों साईकिल समेत नीचे जा गिरे ! गनीमत था किसी को चोट नहीं आयी नैना कपडे झाड़ते हुए उठी और कहा,”क्या पडोसी एक साईकिल नहीं सम्हाली जाती तुमसे !”
“तुम ये सब हरकते करोगी तो कोई खुद को कैसे सम्हाल पायेगा ?”,अवि ने साईकिल उठाते हुए कहा


“हम्म्म्म , सॉरी !”,नैना ने कहा तो अवि उसे लेकर वहा से निकल गया ! कुछ देर बाद दोनों अपार्टमेंट पहुंचे मेन गेट बंद हो चुका था। नैना ने गार्ड से कहकर गेट खुलवाया दोनों अंदर आये ! अपने फ्लेट के सामने आकर नैना ने अवि को गुड़ नाईट कहा और जाने लगी , अवि भी अपने फ्लेट की और बढ़ गया। नैना जाते जाते रुकी और पलटकर कहा,”पडोसी !
“हां !”,अवि पलटा तो नैना उसके पास आयी और कहा,”डेड हमारे रिश्ते को समझेंगे ना ?’
“हां जरूर समझेंगे”,अवि ने नैना को भरोसा दिलाते हुए कहा


“मैं उन्हें हर्ट नहीं करना चाहती पडोसी !”,नैना ने कहा
“नैना भरोसा रखो जब उन्हें सच पता चलेगा तो वो खुद हमारे प्यार को वैसे ही एक्सेप्ट कर लेंगे जैसे तुमने किया !”,अवि ने कहा
“हम्म्म्म !”,नैना ने कहा और जाने लगी तो अवि ने आवाज दी,”नैना !”
“हम्म्म !”,नैना ने पलटकर कहा


“तुम बहुत अच्छी हो !”,अवि ने कहा और मुस्कुरा दिया , उदासी से भरे नैना के चेहरे पर एक मुस्कुराहट तैर गयी और उसने आकर अवि को गले लगाते हुए कहा,”मैं शायद अच्छी ना भी हूँ पर तुम्हारे आँखे हमेशा मुझ में कुछ अच्छा देख लेती है !”
और उसके बाद दोनों एक बार फिर एक दूसरे की आँखों में खो गए !

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क्रमश – Love You Zindagi – 94

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संजना किरोड़ीवाल

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A Woman by Sanjana Kirodiwal

हुंह चीप पीपल , सुन्दर लड़की देखी नहीं के जान बुझकर टकराते है और बाद में सॉरी बोलने का नाटक”,कहकर लड़की जैसे ही जाने लगी नैना ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और अपने सामने करके कहा,”ओह्ह हेलो पहली बात तो गलती तुम्हारी है , वो सॉरी बोल रहा है ये उसकी सिंसियरिटी है ! चीप किसको बोला बे तूने खुद को देखा सोयाबीन सी शक्ल लेकर उसपर ढाई किलो मेकअप थोप के ,, लौंडो को नेचुरल ब्यूटी बताकर चुना लगाने वाली छपरी मेरे बन्दे को चीप बोलती है। एक कंटाप दिया ना खींच के सारा पाउडर निकल जाएगा !”

हुंह चीप पीपल , सुन्दर लड़की देखी नहीं के जान बुझकर टकराते है और बाद में सॉरी बोलने का नाटक”,कहकर लड़की जैसे ही जाने लगी नैना ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और अपने सामने करके कहा,”ओह्ह हेलो पहली बात तो गलती तुम्हारी है , वो सॉरी बोल रहा है ये उसकी सिंसियरिटी है ! चीप किसको बोला बे तूने खुद को देखा सोयाबीन सी शक्ल लेकर उसपर ढाई किलो मेकअप थोप के ,, लौंडो को नेचुरल ब्यूटी बताकर चुना लगाने वाली छपरी मेरे बन्दे को चीप बोलती है। एक कंटाप दिया ना खींच के सारा पाउडर निकल जाएगा !”

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