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Love You जिंदगी – 91

Love You Zindagi – 91

Love You Zindagi
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अवि को किसी अनजान शख्स का फोन आया और जब उसने सूना की नैना का एक्सीडेंट हो गया है तो वह परेशान हो गया ! सौंदर्या ने देखा तो उसके पास आयी और कहा,”क्या बात है बेटा ? इतना परेशान क्यों हो ?”
“मॉम किसी का फोन आया था उसने बताया नैना का एक्सीडेंट हुआ है !”,अवि ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“व्हाट ? लेकिन नैना तो लखनऊ में है ना अपने घर ,,,,,,, और फोन किसका था ?”,सौंदर्या ने कहा


“कोई अनजान था मॉम ,, मैं रुचिका को फोन करके देखता हूँ”,कहकर अवि ने नीचे गिरा अपना फोन उठाया देखा उसकी स्क्रीन टूट चुकी है लेकिन फोन काम कर रहा था। अवि ने तुरंत रुचिका का नंबर डॉयल किया और फोन कान से लगाया फोन नॉट रिचेबल था।
“फोन नहीं लग रहा है मॉम !”,अवि ने कहा
“हां तो तुम रूचि को फोन क्यों कर रहे हो ? नैना को फोन करो ना”,सौंदर्या जी ने कहा
“उसके नंबर नहीं है मेरे पास”,अवि ने कहा


“कैसे लड़के हो तुम ? जिससे प्यार करते हो उसका नंबर तक नहीं है तुम्हारे पास”,सौंदर्या जी ने कहा
“मॉम ये सब बाते इम्पोर्टेन्ट नहीं है , मैं दिल्ली जा रहा हूँ”,अवि ने कहा
“इस वक्त , अवि आज तुम्हारे ऑफिस की ओपनिंग हुई है , शाम को तुम्हारे डेड ने पार्टी रखी है और तुम दिल्ली जा रहे हो”,सौंदर्या ने कहा


“मेरा जाना जरुरी है मॉम , पता नहीं नैना किस हाल में होगी !”,अवि की आँखों में नैना के लिए फ़िक्र साफ दिखाई दे रही थी सौंदर्या ने प्यार से उसका हाथ थामा और कहा,”बेटा वोकोई फेक कॉल भी हो सकता है , हो सकता है किसी ने तुम्हे परेशान करने के लिए ऐसा किया हो। घर में सब मेहमान आये हुए है ऐसे में तुम नहीं रहोगे तो अच्छा नहीं लगेगा !”


“और अगर वो कॉल सच हुआ तो , मॉम प्लीज मुझे जाने दीजिये मैं जानता हूँ आप यहाँ सब सम्हाल लेगी”,अवि ने सौंदर्या की आँखों में देखते हुए कहा तो सौंदर्या ने जाने की इजाजत दे दी। अवि तुरंत ऑफिस से निकल गया , लेकिन आज अवि की किस्मत ख़राब थी हड़ताल की वजह से सारी फ्लाइट बंद थी अवि वहा से बस स्टेण्ड चला आया और बस से दिल्ली के लिए निकल गया 5 घंटे का रास्ता जिसमे अवि सिर्फ नैना के बारे में सोचता रहा और परेशान होता रहा

उधर नैना रुचिका और शीतल काम करते करते थक गयी तो तीनो आकर बिस्तर पर गिर पड़ी। शाम को नैना उठी मुंह धोया , शाम हो चुकी थी उसने खिड़की के परदे साइड किये तो बहुत ही खूबसूरत शाम का नजारा देखने को मिला। दिल्ली आकर नैना की आधी से ज्यादा टेंशन खत्म हो चुकी थी। वह किचन एरिया में आयी देखा खाने को कुछ भी नहीं है ना ही दूध रखा है जिस से नैना चाय बना सके। वह वापस कमरे में चली आयी तब तक शीतल और रुचिका भी उठ चुकी थी। रुचिका ने उबासी लेते हुए कहा,”यार नैना भूख लगी है !”


“मुझे भी चलो न बाहर चलकर कुछ खाकर आते है !”,नैना ने कहा
“हम्म्म गुड़ आईडीआ वैसे भी कितने दिनों बाद दिल्ली आये है , बाहर चलते है !”,रुचिका ने उठते हुए कहा
कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर आयी , शीतल ने सूट पहना हुआ था , रुचिका ने वन पीस और नैना वही अपने पुराने लुक में कटी फ़टी जींस , लूज टीशर्ट बालो को समेटकर जुड़ा बनाया हुआ था और आँखों पर आज उसने ग्लासेस लगा रखे थे नजर वाले। उसे देखकर रुचिका ने कहा,”ए नैना ये चश्मा कब से लग गया तुझे ?”


“अरे वो पिछले कुछ दिनों से सर दर्द हो रहा था ना तो डेड ने लगाने को कहा बाहर जाते वक्त”,नैना ने कहा
“वैसे अच्छा लग रहा है !”,शीतल ने कहा और फिर तीनो फ्लेट से बाहर चली आयी अभी शाम के 6 ही बजे थे लेकिन हल्का अँधेरा हो चुका था। तीनो निचे आयी तो सीढ़ियों के पास सार्थक की मम्मी मिल गयी ! शीतल ने उन्हें नमस्ते किया तो जवाब में मिसेज शर्मा मुस्कुरा दी। नैना को अच्छा लगा की कही ना कही सार्थक की मम्मी शीतल को पसंद करती है।

तीनो वहा से चली गयी , चलते चलते सामने से अवि आता दिखा नैना ने चश्मा उतारा और अपनी आँखों को मसला , उसे लगा शायद हमेशा की तरह उसे आज भी अवि के वहा होने का वहम हो रहा है। उसने वापस देखा अवि सामने से चला आ रहा था। अवि को आते देखकर शीतल और रुचिका भी थोड़ी हैरान थी लेकिन खुश थी की नैना के साथ साथ अवि भी यहाँ चला आया है। नैना सपने और हकीकत से अभी झुंझ ही रही थी की अवि ने आकर कहा,”नैना तुम ठीक हो ? तुम्हे कुछ नहीं हुआ है ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,थेंक गॉड इसका मतलब वो
कॉल फेक था !”


“मुझे क्या हुआ है ? और तुम तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? आज तो तुम्हारे नए ऑफिस का ओपनिंग था ना”,नैना ने हैरानी से कहा
“मैं तुम्हारे लिए यहा आया हूँ किसी ने कहा की तुम्हारा एक्सी,,,,,,,,,,,,,,,खैर छोडो ओपनिंग इम्पोर्टेन्ट नहीं है ! तुम ठीक हो ना ?”,अवि ने पुछा


रुचिका और शीतल दोनों को अकेला छोड़कर साइड हो गयी , अवि नैना को देखे जा रहा था नैना ने कहा,”उस रात तुम चले क्यों गए ?”
“रुक कर क्या करता ? तुम्हे किसी और के साथ देखने से अच्छा था की मैं वहा से चला जाता सो मैं चला गया !”,अवि ने उदास होकर कहा
“ऐसा कुछ भी नहीं है पडोसी !”,नैना ने कहा

“तो कैसा है नैना ?”,अवि ने नैना के थोड़ा करीब आकर कहा तो नैना खामोश हो गयी उसे खामोश देखकर अवि कहने लगा,”बताओ ना नैना फिर कैसा है ? क्या रिश्ता है हमारे बीच ? क्यों तुम मुझे ऐसे देखती हो इतने प्यार से , क्यों तुम पूरा दिन हर वक्त जब भी मुझसे मिलती हो बात करती हो पडोसी कहकर बुलाती हो ? क्यों तुम्हे अब मुझ पर गुस्सा नहीं आता , यहाँ तक के मेरी बात मानने लगी हो ! ये सब क्या है नैना ? तुम कहती हो की तुम मुझसे प्यार नहीं करती हो फिर मेरी परवाह क्यों है तुम्हे ? क्यों तुम दिन में भी मेरे ख्वाब देखती रहती हो ?

तुम्हारे अलावा कोई और तुम्हारे डेड के करीब आये उन्हें डेड बुलाये तो तुम्हे बुरा लगता है लेकिन मेरा उनके करीब आना , उन्हें अपना दोस्त करना तुम्हे बुरा नहीं लगता। तुम बिना डरे बिना झिझके मुझे गले लगा सकती हो ,, उस शाम जब मैंने तुम्हे बिना पूछे गले लगाया तब भी तुमने कुछ नहीं कहा क्योकि तुम्हे मेरे साथ कोई अजनबी फीलिंग नहीं आयी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब प्यार ही तो है नैना !”


“ऐसा कुछ नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने बेचैनी से कहा
“अच्छा ऐसा कुछ भी नहीं है तो फिर वो क्या था ?”,अवि ने नैना को कंधे से पकड़कर उसकी आँखों में देखते हुए कहा
“वो क्या ?”,नैना ने झुंझलाकर कहा
“वो,,,,,,,,,,,,,,,,,,किस,,,,,,,,,,,,,,जो तुमने मुझे किया था , क्या था वो ?”,अवि ने कहा तो नैना ने अवि के हाथो को झटका और पलटकर कहा,”वो वो,,,,,,,,,वो हो गया ऐसे ही अचानक से”
“अच्छा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसे ही हो गया , मतलब बिना किसी फीलिंग के”,अवि ने उसके सामने आकर कहा


“हां हो गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,कोई फीलिंग नहीं थी बस कर दिया मैंने सो व्हाट ?”,नैना ने कहा
“मिस नैना तुम जैसी लड़किया ऐसे ही बिना फीलिंग के किसी को किस नहीं करती है समझी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब बाते बोलकर तुम खुद को बेवकूफ बना सकती हो मुझे नहीं। तुम जिसे अब तक छुपा रही थी वो सामने आ चुका है”,अवि ने गुस्से से कहा तो नैना खामोश हो गयी

अवि एक बार फिर उसके करीब आया और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहने लगा,”नैना प्लीज ! तुम्हे मेरे साथ नहीं रहना मत रहो पर कम से कम ये तो मत कहो ना की उस वक्त तुम्हारे दिल में कोई फीलिंग नहीं थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जानता हूँ तुम भी मुझसे प्यार करती हो पर शायद अपने डेड के फैसले की वजह से चुप हो या कहना नहीं चाहती ! नैना मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूँ कसम से ,, उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है इन कुछ दिनों में लेकिन तुम्हारे लिए मेरा प्यार झूठा नहीं है !”

अवि नैना से आगे कुछ कहता इस से पहले ही कही से मोंटी अचानक वहा आया और अवि को धक्का देकर कहा,”ए दूर रह इस से !”
अवि निचे जा गिरा नैना ने देखा तो उसे गुस्सा आया और उसने एक घूंसा खींचकर मोंटी को मारा और कहा,”धक्का क्यों मारा उसे ?”


बेचारा मोंटी हक्का बक्का नैना को देखता ही रह गया रुचिका और शीतल ने आकर उसे सम्हाला , नैना मोंटी को छोड़ अवि के पास आकर निचे बैठी और उसे उठाते हुए कहा,”पडोसी ठीक हो ना तुम ? तुम्हे लगी तो नहीं ना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मोंटी पागल है ऐसे कोई किसी को धक्का देता है क्या पागल साला !”
नैना को अपनी फ़िक्र करते देखकर अवि को अच्छा लगा तो उसने नैना का हाथ पकड़कर कहा,”नैंना नैना लिस्टन अभी ये जो तुम कर रही हो ना ये भी प्यार ही है।”


नैना ने कुछ नहीं कहा और अवि से अपना हाथ छुड़ाकर वहा से चली गयी। पीछे पीछे रुचिका मोंटी और शीतल भी चली गयी। अवि उठा और उन्हें जाते हुए देखता रहा। ऊपर आकर नैना परेशान सी बीन बैग पर आ बैठी अपने दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाया और होंठो से लगाकर सोच में डूब गयी।

रुचिका शीतल मोंटी आकर उसके सामने खड़े हो गए और मोंटी ने कहा,”नैना तुमने मुझे घुसा मारा वो भी उस लड़के के लिए , सीरियसली नैना कोई तो है तेरी जिंदगी में जो मुझसे भी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है ,,,, आज किसी लड़के के लिए तूने अपने बेस्ट फ्रेंड पर हाथ उठाया नैना मेरे बच्चे तुझे प्यार हो गया है !”
नैना ने सूना तो मोंटी को घूरते हुए कहा,”तू फिर पीट जाएगा मुझसे बता रही हूँ मैं !”


“जितना पीटना है पीट ले , गरिया ले लेकिन सच छूप नहीं सकता तेरी लाइफ में दो ही मर्द इम्पोर्टेन्ट थे पहले तेरे डेड दूसरा मैं लेकिन आज मुझे घुसा मारकर तूने साबित कर दिया की तेरे डेड के बाद अगर कोई इम्पोर्टेन्ट है तो वो है वो लड़का अवि , और इस बात का मुझे बिल्कुल दुःख नहीं है नैना की तूने मुझे मारा बल्कि मैं खुश हूँ की तुझे प्यार हो गया है ,,, वो नैना बजाज जो प्यार के नाम से ही दूर भागती थी उसे प्यार हो गया है !”,मोंटी ने खुश होकर कहा


“पांडा समझा यार इसे !”,नैना ने कहा
“सही तो कह रहा है तुम्हारे चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है नैना की तुम्हे अवि से प्यार हो गया है !”,रुचिका ने शांत स्वर में कहा
“यार शीतल तू तो समझा ना इन सबको !”,नैना ने रोआँसा होकर कहा
“समझने की जरूरत तुम्हे है नैना , ना तो तुम्हारा प्यार रुचिका की तरह फर्स्ट साइट लव है ना ही मेरी तरह पागलपन वाला प्यार है बल्कि पहले दिन से ही तुम्हारा और अवि का कनेक्शन है ,,,

आज तक तुमने कितने ही लड़को को फटकारा है लेकिन अवि को नहीं , कितने लोगो के सामने गाली गलोच किया लेकिन अवि को आज तक गाली नहीं दी , और तो और सबके सामने इतना बोलने वाली नैना अवि के सामने खामोश हो जाती है ,,,, तुम कहती रहती हो ना वो लड़का आँखों से जादू करता है ,, (मुस्कुरा उठती है ) उसकी आँखों का जादू तुम पर चल गया है नैना ,,, अब इस फीलिंग से भागना बंद करो और मान लो की तुम्हे प्यार हो चुका है वो भी सच्चा वाला !”,शीतल ने कहा


“नैना मेरे बच्चे देख वो लड़का वैसे मुझे पसंद नहीं है क्योकि पहली मीटिंग में ही हमारी छोटी सी झड़प हो गयी थी लेकिन उसकी आँखों में तेरे लिए प्यार देखा है मैंने ,, और आज तो वो प्यार तेरी आँखों में भी दिख गया ! अब मान भी ले यार की तू प्यार करने लगी है उस से”,मोंटी ने कहा तो नैना गुस्से और झंझ

लाहट के साथ उठी और कहा,”हां हो गया है प्यार तो क्या पैर पटक के नाचू ?”
नैना की पहली लाइन सुनते ही तीनो शांत हो गए मोंटी ने तो अपने हाथ बांधकर पीछे कर लिए रुचिका की नजर उसके हाथ की उंगलियो पर पड़ी तो देखा मोंटी 1,,,,,,,,,,,,,,,2,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,3 उंगलियो का साइन बना रहा था। मोंटी की भाषा में कहे तो 1 2 3 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बूम !!


नैना ने आगे बोलना शुरू किया,”नहीं करना चाहती थी किसी से प्यार नहीं पड़ना था मुझे रिश्तो में लेकिन मैं क्या करू यार वो इतना अच्छा है की कोई भी उस से प्यार करने पर मजबूर हो जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक लड़की जो उस से हमेशा चिढ़ती है उसकी बदतमीजियां बर्दास्त करता है वो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उसे बेहोशी की हालत में अपने फ्लेट में ले जाता है लेकिन इतना अच्छा है की उसे बुरी नियत से कभी छूता तक नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे पोर्ट्रेट बनाता है,,,,,,,,,,,,,उन्हें अपनी एग्जीबिशन में सजाता है,,,,,,,,,,,,,,

तीन लड़किया जो की आधी रात को घर से निकाली जाती है उन्हें अपने घर लाता है,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे गुस्से को बर्दास्त करता है,,,,,,,,,,,मेरी गन्दी जबान को बर्दास्त करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा बनाया मिर्च का खाना भी मुस्कुरा के खा लेता है,,,,,,,,,,,,,मेरे लिए गुंडों से लड़ता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरी मरहम पट्टी करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे लिए गाना गाता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,नूडल्स बनाता है,,,,,,,,,,,,,,,अपनी मॉम से मिलवाता है,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे घर छोड़ने आता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और भी ना जाने क्या क्या किया है उसने ,,,,

जब मेरे सब दोस्त छोड़कर चले गए तब भी वो मेरे साथ खड़ा था इस भरोसे के साथ की तुम सब वापस आओगी (आँखों में आंसू ले आती है) कैसे प्यार नहीं होगा उस से यार डेड उसे अपना दोस्त मानते है जो बातें मुझसे शेयर नहीं की वो उस से करते है ,, वो इतना अच्छा है की डेड का कोट साफ करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मॉम का पर्स पकड़कर खड़ा होता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,किसी अननोन आंटी को खाना खिलाता है,,,,,,,,,,,,,,,,,और सबसे बेस्ट पार्ट है की जब भी मैं उसके सामने लड़खड़ाई हूँ उसने आज तक कभी मुझे गिरने नहीं दिया हमेशा सम्हाल लेता है !

उसे गले लगाने के बाद मुझे उसके साथ हमेशा पॉजिटिव महसूस हुआ,,,,,,,,,,,,,,,उसका छूना मुझे कभी बुरा नहीं लगा क्योकि उसकी नजरो में मैंने हमेशा एक रिस्पेक्ट देखी !”
कहते कहते नैना रुक गयी एक लम्बी साँस ली और आगे कहने लगी पर इस बार तरिका एकदम से चेंज,”अब तुम ही बताओ मैं क्या करू ? हो गया प्यार उस से और एक तो पता नहीं मुझे ये दिन में सपने क्यों आने लगे है ? वो मेरे सामने नहीं होता है फिर भी लगता है जैसे वो है ,,,

साला उसके सामने जाते ही हार्टबीट 72 से सीधा 120 हो जाती है , कुछ बोला ही नहीं जाता ! और उसकी आँखे उसकी आँखों में देखने के बाद तो कोई बोल भी ना पाए,,,,,,,,,,,,,,,,,अब ऐसे इंसान से प्यार ना हो तो और क्या हो ?” कहकर नैना जैसे ही पलटी देखा दरवाजे पर अवि खड़ा था उसे देखकर नैना ने मोंटी से कहा,”देख अब भी मुझे ऐसा लग रहा है जैसे वो वहा खड़ा है लेकिन देखना थोड़ी देर में एकदम से गायब हो जाएगा

तुम लोगो को लग रहा होगा नैना पागल हो गयी है कुछ भी बोले जा रही है लेकिन सच में गाइज वो अभी भी मुझे दिख रहा है !”
“अवि वहा सच में है नैना !”,रुचिका ने कहा
“है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने कहा
“हमममम खुद जाकर देख लो !”,मोंटी ने वहा बीन बैग पर बैठते हुए कहा
नैना दरवाजे पर आयी और अवि को देखा अवि वहा सच में था नैना ने कहा,”तुम सच में यहाँ हो”
“हम्म्म्म !”,अवि ने धीरे से कहा


“मतलब मैं कोई सपना नहीं देख रही है न ?”,नैना को अभी भी यकींन नहीं हो रहा था। उसकी इस बात पर अवि ने धीरे से उसके गाल को अपनी उंगलिये से छू दिया तो नैना को यकीन हुआ की अवि वहा असल में खड़ा है उसने कहा,”मतलब अभी जो मैंने कहा वो सब तुमने सुन लिया ?’
“हम्म्म्म !”,अवि ने इस बार भी धीरे से कहा


“माँ की आँख,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लग गयी लंका !!”,नैना बुदबुदाई तो अवि ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी और खिंचा और गले लगाकर कहा,”आई लव यू टू !”
“लेकिन मैंने आई लव यू कब कहा पडोसी ?’,नैना ने धड़कते दिल के साथ कहा
“प्यार जताने के लिए हर बार आई लव यू कहना जरुरी नहीं होता है नैना !”,कहकर अवि ने उसे थोड़ा कसकर गले लगा लिया !! सामने खड़े शीतल मोंटी और रुचिका के होंठो पर मुस्कान तैर गयी !!

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क्रमश – Love You जिंदगी – 91

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