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Love You जिंदगी – 83

Love You Zindagi – 83

Love you Zindagi - 83
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शीतल को वहा देखकर नैना और रुचिका की ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। शीतल नैना के सामने आकर रुक गयी और प्यार से उसकी और देखने लगी नैना भी उसे ही देख रही थी तो शीतल ने माइक साइड में किसी को पकड़ाकर नैना से कहने लगी,”तुम सही थी नैना मैं सच में गधी थी जो तुम्हारी बातो को समझ नहीं पायी। छोड़ दिया मैंने उस राज को , तुम्हारी भाषा में कहू तो मोहब्बत और महबूब दोनों को लात मार दी। मुझे नहीं चाहिए ऐसा प्यार जो मुझसे मुझे ही छीन ले ,,,,, सॉरी नैना माफ़ कर दे ना यार”
नैना ने आगे बढ़कर शीतल को गले लगाया और कहा,”बस कर पगली रुलायेगी क्या ?”
शीतल की आँखों में भी आंसू भर आये उसके मन पर शर्मिंदगी का जो बोझ था नैना को गले लगाते ही दूर हो गया ! नैना शीतल की लेकर मोंटी और रुचिका के पास आयी , रुचिका ने भी शीतल को गले लगा लिया और उसके बाद रुचिका और मोंटी ने एक दूसरे को रिंग पहनाई ,, दूर खड़े सार्थक की नजरे शीतल पर और अवि की नैना पर थी। दोनों बस उन्हें देखे जा रहे थे
“भाई क्या आप भी वही सोच रहे हो जो मैं सोच रहा हूँ”,सार्थक ने सामने देखते हुए कहा
“मैं उस लड़के की जगह खुद को देख रहा हूँ और रूचि की जगह नैना को”,अवि ने भी सामने देखते हुए कहा
“मेरा भी कुछ ऐसा ही सीन है”,सार्थक ने कहा तो अवि उसकी और पलटा और कहा,”तो भाई जाकर उसे बोल , आज मौका है तेरे पास कह दे उसे अपने दिल की बात और मना ले उसे ,, ताकि शीतल तेरे साथ बिजी हो जाये और मेरे वाली मुझपर थोड़ा ध्यान दे”
“भाई यहाँ मौजूद सारी लड़किया एक तरफ और आपकी नैना एक तरफ”,सार्थक ने मुस्कुरा कर कहा
“अब क्या यही खड़ा रहेगा जा ना जाकर बात कर शीतल से”,अवि ने सार्थक को धकेलते हुए कहा और खुद कुछ खाने के लिए काउंटर की और चला आया। उसने एक वेज रॉल लिया। जैसे ही अवि ने खाने के लिए मुंह खोला देखा की पास खड़ी लड़की मुस्कुराते हुए उसे ही देख रही थी। अवि भी मुस्कुरा दिया और वहा से चला गया !
सार्थक शीतल के पास आया और कहा,”हाय !”
सार्थक को वहा देखकर शीतल खुश हो गयी लेकिन उस ख़ुशी को चेहरे पर नहीं आने दिया और नॉर्मली कहा,”हाय !”
“मैंने सोचा नहीं था तुम आओगी ,,,,,,,, मतलब इतना लेट ?”,सार्थक ने कहा
“हम्म्म्म भैया से झगड़ कर आना पड़ा , वो आने नहीं दे रहे थे कुछ परेशानिया थी सो लेकिन भाभी ने कहा की जाओ ,,,,,,,,,,,, वैसे भी आज नहीं आती तो रुचिका और नैना से शायद कभी माफ़ी नहीं माँग पाती !”,शीतल ने कहा
“सही किया ! वैसे भी तुम तीनो साथ में ही अच्छी लगती हो”,सार्थक ने कहा
“तुम अकेले आये हो ?”,शीतल ने पूछा
“हां दिल्ली से तो अकेला ही आया हूँ , वैसे अवि भाई भी आये है वो यही कही होंगे”,सार्थक ने अवि को इधर उधर देखते हुए कहा
”वो नैना के लिए आया है।”,शीतल ने कहा
“हां ! वैसे भी यहाँ हर कोई किसी ना किसी के लिए आया है”,सार्थक ने शीतल की आँखो में झांकते हुए कहा तो शीतल एकटक उसे देखने लगी। दोनों आमने सामने खड़े एक दूसरे को देखे जा रहे थे की नैना आयी और शीतल का हाथ पकड़कर उसे ले जाते हुए कहा,”चल ना रूचि और मोंटी डांस कर रहे है ! सार्थक तू भी आजा”


नैना और शीतल के पीछे पीछे सार्थक भी चला आया ! आधे मेहमान खाने पीने में बिजी थे बाकि कुछ बातो में तो कुछ डांस फ्लोर के पास खड़े थे नैना ने गाना लगवाया तो मोंटी रूचि का हाथ पकड़कर उसे स्टेज पर ले आया गाना बजने लगा और दोनों डांस करने लगे – तुझमे रब दिखता है यारा मैं क्या करू !
नैना तो हूटिंग करने लगी और बाकि सब भी दोनों के लिए तालियां बजाने लगे। उधर अवि का बुरा हाल था जिस लड़की को देखकर अवि ने स्माइल की थी वो उसके पीछे ही पड़ गयी थी जैसे तैसे अवि बस उस से दूर जाने की कोशिश कर रहा था।
रुचिका और मोंटी के बाद कुछ लोगो ने और डांस किया। सार्थक को डांस नहीं आता था इसलिए वह साइड में खड़ा बस देख रहा था। नैना ने देखा वहा सब है बस अवि नहीं है वह भीड़ से निकलकर इधर उधर उसे ढूंढने लगी। एक जगह अवि उसे मिल ही गया नैना ने उसका हाथ पकड़ा और कहा,”ओह्ह्ह मिस्टर पडोसी यहाँ क्या कर रहे हो तुम ? चलो वहा कितना मजा आ रहा है सब के बीच”
नैना का हाथ पकड़ना अवि को बहुत अच्छा लग रहा था वह उसके साथ चल पड़ा और कहा,”वैसे तुम्हारे हाथ में मेरा हाथ कितना अच्छा लगता है ना”
नैना ने सूना तो अगले ही पल अवि का हाथ छोड़ दिया और उसकी और पलटकर कहा,”बचपन से ऐसे हो ?”
“हम्म्म !”,अवि ने भी प्यार से कहा
“उधर सब डांस कर रहे है , सोचा तुम्हे भी एक मौका दे देते है अपना टेलेंट दिखाने का”,नैना ने बात बदलते हुए कहा
अवि ने जैसे ही डांस का सुना वहा से खिसकते हुए कहा,”मैं डांस वांस नहीं करने वाला हूँ इतने लोगो के बिच”
नैना ने पीछे से उसकी कॉलर पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”तुम्हारे चाहने से कुछ नहीं होता मेरी शर्त लगी है वहा 2000 की समझे , चलो चुपचाप !”
अवि की बातो को अनसुना कर नैना उसे खींचते हुए डांस फ्लोर पर ले आयी और कहा,”हेलो हेलो हेलो लिस्टन पीपल्स,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अभी आपके सामने तड़कता भड़कता परफॉर्मेंस देंगे हमारे मिस्टर अवि चौधरी !”
ऐसा बोलकर नैना ने अवि को फंसा दिया रुचिका तो खुश हो गयी लेकिन मोंटी ने मुंह बना लिया क्योकि उसके पहले अवि से हल्की झड़प हो चुकी थी। नैना तो अवि के पीछे ही पड़ गयी थी अवि जो की अपनी उम्र के हिसाब से मैच्योर था उस बच्ची बनी नैना को उस वक्त कैसे समझाता ? नैना ने गाना चलाने का इशारा किया और खुद जैसे ही जाने लगी अवि ने उसका हाथ पकड़ उसे जाने से रोक लिया अब इसे अवि की अच्छी किस्मत कहे या नैना की जिंदगी की भसड़ गाना अवि के लिए बेस्ट था जैसे ही गाना शुरू हुआ अवि ने नैना को अपनी और खींचा और अपना दुसरा हाथ नैना की कमर से लगा लिया। नैना ने अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की तो अवि ने उसे और कसकर पकड़ लिया। नैना ने आँखों ही आँखों में इशारा भी किया लेकिन अवि ने इग्नोर कर दिया ,,, यहाँ नैना को पहली बार शेर पर सवा शेर मिला था , बेचारी ना अवि से अपना हाथ छुड़ा पा रही थी ना ही वहा खड़े रह पा रही थी ,,,,,,,,, गाना बजने लगा और साथ ही अवि ने नैना के साथ डांस करना शुरू कर दिया
“मंगा यही दुवावा मैं,,,,,,,,,,,,,,,,चन्ना तू मैनु मिल जा
तेनु ना बोल पांवा मैं,,,,,,,,,,,,,तू आपे ही समझ जा
सामने बैठ जा तकदा जाऊ,,,,,,,,,अखिंयों में तेरी गुम हो जाऊ
मुझे ढूंढे ना फिर कोई !!
मंगा यही दुवावा मैं चन्ना तू मैनु मिल जा,,,,,,,,,,,,,,,,,हम्म हम्म्म हम्मह
अवि ने नैना को साथ लेकर अच्छा डांस किया सभी उनके लिए तालियां बजा रहे थे बस मोंटी को अंदर से खुनस पैदा हो रही थी नैना को अवि के साथ देखकर। गाना जैसे ही बंद हुआ अवि ने नैना को साइड किया और वहा से चला गया। नैना तो खोई हुई सी वही खड़ी रह गयी शीतल और रुचिका ने उसे हग करते हुए कहा,”वाओ यार कितना रोमांटिक लग रहा था सब ! कमाल कर दिया तुम दोनों ने तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आग लगा दी !”


“मैं अभी आयी !”,कहकर नैना वहा से चली गयी और अवि को ढूंढने लगी लेकिन अवि कही नजर नहीं आ रहा था 10 मिनिट बाद नैना की नजर अवि पर गयी वह विपिन जी साथ खड़ा था नैना वहा चली आयी देखा तो पाया की अवि रुमाल से विपिन जी के कोट पर गिरी ग्रेवी साफ़ कर रहा है। नैना खामोश सी अवि को देखने लगी उसे समझ नहीं आ रहा था की वह उसके डेड के साथ कर क्या रहा है लेकिन पहली बार उसे बुरा नहीं लग रहा था और वह प्यार से उसे देखे जा रही थी।
“सर हो गया !”,अवि ने विपिन जी से कहा
“थैंक्यू बेटा ! मेरी गलती की वजह से गीर गया था खामखा तुम्हे परेशान किया ,, तुमने कुछ खाया,,,,,,,,,,,,,ए नैना जाओ अवि को कुछ खिलाओ !”,विपिन जी ने कहा
“मैं खिलाऊ ?”,नैना ने पूछा
“हां जाओ ! मैं जरा समधियो से मिलकर आता हूँ”,कहकर विपिन जी चले गए तो नैना ने अवि की और देखकर कहा,”हम्म्म चलो !”
अवि नैना के साथ चल पड़ा उसने देखा इतनी सर्दी है लेकिन नैना झीनी सी साड़ी में थी तो अवि ने कहा,”तुम लड़कियों को सर्दी नहीं लगती क्या ?”
“लगती है , लेकिन बात जब फैशन की हो तो गायब हो जाती है !”,नैना ने कहा
“हम्म्म अजीब लॉजिक है , कैसा लगा मेरा डांस ?”,अवि ने सवाल किया
“बकवास !”,नैना ने कहा
“थैंक्यू !”,अवि ने कहा
बाते करते हुए बाते क्या बहस करते हुए दोनों खाने के पास पहुंचे नैना ने प्लेट उठाकर अवि को दे दी और कहा,”जो खाना है ले सकते हो !”
“तुम नहीं खाओगी ?”,अवि ने सवाल किया
“हम्म्म अभी भूख नहीं है !”,नैना ने कहा
“तो फिर मुझे भी नहीं खाना , मुझसे वैसे भी अकेले खाया नहीं जाता”,अवि ने प्लेट वापस रख दी ! तभी एक आंटी जो की थोड़ी बुजुर्ग थी उनके बीच से निकली और कहा,”अरे बेटा तुमको भूख नहीं तो तुम मत खाओ मुझे तो खाने दो !”
अवि ने देखा वे काफी बुजुर्ग थी और उनके साथ कोई था भी नहीं उसने उन्हें रोका और कहा,”आंटी आप वहा बैठिये मैं आपके लिए खाना ले आता हूँ बताईये क्या खाएंगी आप ?”
“4 गुलाब जामुन , 2 काजू कतली , एक चम्मच पुलाव , गाजर का हलवा तो होगा ही वो भी ले आना , नमकीन इस उम्र में खायी नहीं जाएँगी , हां मटर पनीर जरूर ले आना और वो उधर मिस्क वेज है थोड़ा वो भी , दाल फ़्राय और नान रहने देना रोटी ले आना , दही भल्ले भी होंगे एक प्लेट वो भी ,,,,, साथ में पानी का ग्लास ,,,,, उधर पनीर चिली है थोड़ा वो और बाकि बाद में बताउंगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जा जल्दी लेकर आ !”,आंटी ने कहा तो नैना का मुंह खुला का खुला रह गया और अवि ने मुस्कुरा कर हामी भर दी आंटी जाकर टेबल के पास बैठ गयी तो नैना ने अवि से कहा,”अबे ! इतना कौन खाता है ?”


“शट अप किसी के बारे में ऐसे बात नहीं करते ,,,,,,,,,,,,जाकर उनके लिए पनीर चिल्ली लेकर आओ तब तक मैं बाकि खाना लेकर आया !”,कहकर अवि चला गया !
नैना हैरान सी आगे बढ़ गयी आंटी ने जो जो बताया था अवि थोड़ा थोड़ा सब ले आया और आंटी के सामने लाकर रखा तो आंटी मुस्कुरा दी ! नैना भी पनीर लेकर आयी और आंटी के सामने रखकर कहा,”और कुछ चाहिए ?
“हां खाने के बाद गर्मागर्म चाय ले आना , अभी जाओ यहाँ से दोनों मेरे सर पर क्यों खड़े हो ?”,आंटी ने कहा
“हैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना के मुंह से निकला तो अवि उसे लेकर वहा से साइड आ गया
“कैसे अजीब लोग आये है इस सगाई मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए नैना अवि को छोड़कर चली गयी ! अवि उसे जाते हुए देख ही रहा था की तभी वही पहले वाली लड़की वहा आयी और अवि से कहा,”सुनिए ना आप मुझे देखकर मुस्कुराये क्यों थे ? अरे कहा जा रहे है जवाब तो दीजिये”
अवि वहा से नो दो ग्यारह हो गया वो लड़की एक नयी समस्या थी जिस से अवि भागता फिर रहा था। रुचिका और मोंटी का फोटोशूट चल रहा था शीतल और सार्थक वही मेहमानो के बीच घूमते हुए एक दूसरे से बाते कर रहे थे बची नैना तो वो अपने चाय के जुगाड़ में लगी थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,उस लड़की से बचने के लिए अवि हॉल के पीछे चला आया और खुद से कहा,”हम्म ये जगह ठीक है थोड़ी देर यही रुक जाता हूँ !”
अवि वही पास पड़ी एक बेंच पर आ बैठा अगले ही पल उसके कानो में आवाज पड़ी,”अरे अवि बेटा !”
अवि ने देखा कुछ ही दूर साइड में खड़ी आराधना उसे बुला रही थी अवि उठकर उनके पास चला आया और कहा,”जी आंटी !”
“बेटा मुझे वाशरूम जाना है , थोड़ी देर के लिए मेरा ये बैग और शॉल पकड़ोगे ?”,आराधना ने कहा
“हां आंटी दे दीजिये !”,अवि ने कहा
आराधना ने अपना शॉल और बैग अवि को पकड़ा दिया और कहा,”बस दो मिनिट में आयी”
आराधना जी का जाना हुआ और दूसरी तरफ से नैना का आना हुआ वह भी शायद वाशरूम ढूंढते हुए उधर आयी थी लेकिन अवि को वहा देखकर वह उसके पास आयी और अपने दोनों हाथो को उचकाकर इशारो में पूछा,”अब ये क्या है ?”
“अरे वो तुम्हारी मॉम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने इतना ही कहा की नैना बोल पड़ी,”तुमने क्या सारी मॉम्स का ठेका ले रखा है ? कभी कभी तो मुझे तुमसे जलन होती है की तुम इतने अच्छे क्यों हो ?”
“सच में ?”,अवि ने बड़ी मासूमियत से कहा
नैना उसके थोड़ा करीब आयी और कहा,”हां सब मिलके तुम्हारा फायदा उठाते है , अपना काम निकालने के लिए”
“अरे बेटा थैंक्यू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,वाशरूम से आते हुए आराधना ने कहा
“इट्स ओके आंटी !”,अवि ने उनका सामान उन्हें देकर कहा तो आराधना ने प्यार से अवि का गाल थपथपाया और जाने लगी जैसे ही नजर नैना पर पड़ी उन्होंने रूककर कहा,”नैना तुम यहाँ क्या कर रही हो ? चलो वहा रूचि अकेले है”
अवि नैना से कुछ और बात कर पाता इस से पहले ही आराधना जी उसे वहा से ले गयी। नैना ने पलटकर अवि को देखा तो अवि हल्का सा मुस्कुरा दिया और फिर खुद भी वहा से चला गया

सार्थक और शीतल को घूमते हुए भूख लगने लगी तो सार्थक दो अलग प्लेटो में खाना ले आया। शीतल ने देखा तो कहा,”सार्थक एक प्लेट वापस कर दो”
“लेकिन तुम भी तो खाओगी ना ?”,सार्थक ने कहा
“क्या हम एक प्लेट से खा सकते है ?”,शीतल ने पूछा
“हां !”,सार्थक ने कहा और एक प्लेट वापस रखकर शीतल के साथ टेबल पर आ बैठा। दोनों के पास बात करने को कुछ नहीं था बस ख़ामोशी से खाना खा रहे थे। सार्थक की नजर शीतल पर चली जाती तो शीतल अपनी नजरे घुमा लेती दोनों के मन में बहुत सी बाते थी लेकिन शुरुआत कौन करे ? इसी उलझन में दोनों चुपचाप खाना खाते रहे ! उधर नैना रुचिका के साथ थी और फिर वहा से निकलकर सार्थक शीतल की और जाने लगी तो बीच में एक मोटी सी महिला आयी और कहा,”अरे ! तुम वही हो ना रुचिका की दोस्त दिल्ली वाली”
“मैं लखनऊ से हूँ आंटी दिल्ली से नहीं हूँ”,कहकर नैना ने निकलना चाहा लेकिन आंटी कहा उसे जाने देने वाली थी उन्होंने कहा,”बेटा शादी वादी हो गई तुम्हारी ?”
“जी नहीं आंटी !”,नैना ने फिर जाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही इस बार तो आंटी ने उसका हाथ ही पकड़ लिया और कहने लगी,”अरे वाह वाह फिर तो बहुत सही है , दरअसल मैं भी अपने बेटे के लिए बिल्कुल तुम्हारे जैसी लड़की ही ढूंढ रही थी सुन्दर और सुशील ,,,, नोएडा में रहता है मेरा बेटा यहाँ सगाई में भी आया है तुम कहो तो अभी मिलवा देती हु”
“आंटी मुझे थोड़ा काम है”,कहकर नैना ने अपना हाथ छुड़ाया और वहा से आगे बढ़ गयी लेकिन ये आंटी तो अब नैना के पीछे पड़ चुकी थी नैना जहा जहा जाती
वह उसे मिल जाती। बेचारी नैना उस से बचते बचाते एक दिवार के पीछे आ खड़ी हुई और चैन की साँस ली। उसी दिवार के पीछे नैना की बगल में अवि खड़ा था हां हां उसी लड़की से बचने के लिए जैसे ही दोनों एक दूसरे की और पलटे दोनों के सर टकरा गए। नैना एक तो पहले से परेशान थी ऊपर से सर में लगी तो उसने गुस्से से जोर से कहा,”अबे कौन चू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”
वह आगे बोलती इस से पहले ही अवि ने अपने हाथ से उसका मुंह बंद किया और नैना की पीठ दिवार से जा लगी , उसने अपने होंठो पर ऊँगली रखकर नैना को चुप रहने का इशारा किया। अवि को वहा देखकर नैना ने उसका अपने मुंह से हटाकर कहा,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“वही सवाल मैं पूछना चाहता हूँ की तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”,अवि ने शांत लहजे में कहा
“अरे यार वो कोई आंटी है पीछे ही पड़ गयी है मेरे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उनसे बचने के लिए मैं यहाँ चली आई लेकिन तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,नैना ने अपना सर सहलाते हुए कहा
“वही सेम प्रॉब्लम”,अवि ने कहा
“तुम्हारे पीछे भी आंटी पड़ी है ?”,नैना ने कहा
“नहीं किसी आंटी की बेटी”,कहकर अवि नैना के बगल में खड़ा हो गया नैना ने थोड़ी सी गर्दन साइड में निकालकर देखा तभी उसकी आँख में कुछ कचरा चला गया और उसने आँख दबाते हुए कहा,”आउच !”
“क्या हुआ ?”,अवि ने पूछा
“आँख में कुछ चला गया !”,नैना ने मचलते हुए कहा
“दिखाओ !”,अवि ने कहा और नैना के सामने आकर उस से आँख खोलने को कहा , वह नैना के थोड़ा करीब आया और उसकी आँख में फूंक मारने लगा हल्का सा कोई कचरा था वो निकल गया। नैना अपलक अवि को देखे जा रही थी। उसकी सांसो से आती महक नैना को खुद में उतरते महसूस हो रही थी। अवि ने इशारो में पूछा तो नैना ने ना में अपनी गर्दन हिला दी !

क्रमश – Love You Zindagi – 84

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