Sanjana Kirodiwal

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Love You ज़िन्दगी – 79

Love You Zindagi – 79

Love you Zindagi - 79
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नैना ने एक बार फिर अपने ही हाथो अपनी लंका खुद लगा ली। शीला नैना के दूर की मौसी थी और हमेशा किसी ना किसी वजह से नैना और उसके घरवालो को नीचा दिखाती रहती थी , इसलिए नैना की कभी उनसे बनी नहीं। आज भी वो अपने फायदे के लिए ही यहाँ आयी थी और नैना ने उन्हें सूना दिया। इसके चलते आराधना जी से नाराज हो गयी और विपिन जी भी थोड़े खफा थे। नैना रोनी सी सूरत बनाकर मोंटी के सामने खड़ी थी और मोंटी उसे देखकर हंस रहा था और फिर कहा,”बेटा तेरा कुछ नहीं हो सकता तू एंटीक पीस है”
“यार मेरा दिल अच्छा है पर कम्बख्त इस जुबान का मैं क्या करू ?”,नैना ने मोंटी के सामने बैठते हुए कहा
“जुबान खराब नहीं है तेरी जहर है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रिश्तेदारों के पीछे क्यों पड़ी रहती है तू ? अंकल ने वैसे सही कहा नहीं पसंद था तो मना कर देना था न आराम से”,मोंटी ने कहा
“मना कर देती लेकिन उस मोटी शीला मौसी को भी तो अहसास दिलाना था न की किसी की इंसल्ट करो तो कैसा लगता है ?”,नैना ने कहा
“वैसे जोड़ी अच्छी थी तुम दोनों की नैना वेड्स रमेस,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ही ही ही”,मोंटी हसने लगा
“शट अप मोंटी ! मैंने तेरी सेटिंग कराई वो भी अपनी इतनी क्यूट दोस्त से और तू मेरे लिए ऐसा लड़का पसंद कर रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सही है कोई मेरे बारे में अच्छा नहीं सोचता मैं लगती ही क्या हूँ किसी की ?”,नैना ने नौटंकी करते हुए कहा
“चल चल बस कर , मैं अब निकलता हूँ यार कल सुबह तक ऑफिस भी पहुंचना होगा मुझे और सुन सगाई में दो दिन पहले आ जाना मुझे क्या पहनना है तू ही तो सेलेक्ट करेगी ना”,मोंटी ने कहा
“हां बिल्कुल ! रूचि भी उधर ही है , मिल सकता है तू उस से”,नैना ने कहा
“हां मिल लूंगा ,, तू ड्रेस ले लेना सगाई के लिए पे मैं कर दूंगा और हां जींस विंस मत लियो कुछ ढंग का सगाई के लायक”,मोंटी ने कहा
“हम्म्म्म बेटा तू देखना सगाई तेरी होगी लेकिन चर्चे मेरे होंगे ,, अब निकल देर हो रही है”,नैना ने कहा
मोंटी अंदर गया विपिन जी और आराधना से मिलकर आया और फिर बाहर आकर गाड़ी से अपना बैग निकाला और जाने लगा तो नैना ने कहा,”मोंटी सुन !”
“हां !”,मोंटी ने रुककर कहा नैना उसके पास आयी उसे गले लगाया और कहा,”सिर्फ तू ही मुझे समझ सकता है यार ! रुचि को ये लव स्टोरी में बहुत विश्वास है लाइक राजकुमार जैसा लड़का जो उसे बहुत प्यार करे उसकी रिस्पेक्ट करे ऑल देट ,, तू उसका हमेशा ख्याल रखेगा ना ? मतलब उसे कभी किसी ये अहसास मत दिलाना लाइक वो मोटी है , उसके पास बहुत प्यारा दिल है।”
नैना की बात सुनकर मोंटी मुस्कुराया और नैना का चेहरा अपने दोनों हाथो में लेकर कहा,”नैना मेरे बच्चे तेरी दोस्त का ख्याल मैं खुद से भी ज्यादा रखूंगा , उसे कभी शिकायत का मौका नहीं दूंगा ! प्रॉमिस !”
“हम्म्म्म !”,नैना ने कहा तो मोंटी उसे बाय बोलकर वहा से चला गया।

नैना अंदर चली आयी देखा आराधना किचन में बर्तनो की सफाई करने में लगी है नैना ने उन्हें पीछे से हग करते हुए कहा,”सॉरी ना मम्मा , आपको तो पता है ना मुझे अभी शादी नहीं करनी है।”
“अच्छा तो कब करनी है ? तुम्हारे सारे कजिन्स की शादी हो रही है , तुम्हारे दोस्तों की भी शादी हो रही है बस एक तुम ही हो जो शादी के नाम से भागते रहती हो। तुम्हारे पापा और मेरा मन नहीं करता की तुम्हारी जिंदगी में कोई आये , जो तुम्हारा ख्याल रखे , तुम्हारी परवाह करे। मैं भी चाहती हूँ दामाद के रूप में मुझे बेटा मिले ,,, वैसे भी और कितने साल रहेंगे अब हम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते आराधना चुप हो गयी नैना को उनकी बाते सुनकर अच्छा नहीं लग रहा था। अनजाने में ही सही वह अपने पेरेंट्स का दिल दुखा रही थी उसने प्यार से आराधना के दोनों हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगी,”मम्मा आई नो मेरी शादी मेरे फ्यूचर को लेकर आपके और डेड के बहुत से सपने है ,,, लेकिन असल में मैं आप दोनों को छोड़कर जाना नहीं चाहती। ऐसा नहीं है की मुझे कोई पसंद नहीं आता या मैं शादी नहीं करना चाहती पर कोई ऐसा भी तो हो जो मुझे एक्सेप्ट कर सके , मेरे गुस्से को एक्सेप्ट कर सके ,,, आपको और डेड को अपना मान सके।”
“हां बातें बना लो तुम बस , अभी ये सब बोल रही हो बाद में फिर कोई न कोई नाटक करके लड़के को भगा दोगी”,आराधना ने कहा
“प्रॉमिस ऐसा दोबारा नहीं होगा पर प्लीज , ऐसे रमेस जैसे लड़के भी मत ढूंढो आप लोग”,नैना ने कहा तो आराधना हंस पड़ी और कहा,”हां मुझे भी थोड़ा अजीब लगा वह लड़का !”
“बस ये स्माइल चाहिए हमेशा आपके फेस पर ,,,,,,,,, अब मैं जाकर जरा मोगेम्बो को मना लू”,नैना ने किचन से जाते हुए कहा
नैना किचन से निकलकर विपिन जी के कमरे में आयी लेकिन विपिन जी वहा नहीं थे , नैना ने पीछे बरामदे में देखा वे वहा भी नहीं थे , बाहर देखा नहीं मिले तो नैना उन्हें ढूंढते हुए ऊपर छत पर चली आयी देखा विपिन जी दिवार के पास खड़े सामने दूर तक फैली हरियाली को देख रहे थे।

नैना उनके पास आकर खड़ी हो गयी और सामने देखते हुए कहा,”नाइस ना डेड”
“हम्म्म्म ! पता है नैना तुम बहुत छोटी थी जब हम लोग इस घर में आये थे। बचपन में तुम बाकि लड़कियों जैसी नहीं थी तुम्हे गुड्डे गुड़िया से खेलना पसंद नहीं था , तुमने शायद ही कभी मुझे किसी राजकुमार का सपना सुनाया हो लेकिन मैं एक बाप होने के नाते मैं हमेशा सोचता था की तुम्हारे लिए ऐसा लड़का लाऊंगा जो तुम्हे मुझसे भी ज्यादा प्यार करे , तुम्हारे स्वाभाव को समझे , तुम्हे सपोर्ट करे , तुम्हे बदले नहीं पर हां तुम्हारी अच्छाईयों को बाहर निकाले , पर लगता है अब जैसे ये सब सपना बनकर ही रह जाएगा !”,विपिन जी ने कहा
“हे डेड इतना सेंटी क्यों हो रहे हो ?”,नैना ने उन्हें अपनी और करके कहा
“तुम मुझसे कितना प्यार करती हो ?”,विपिन जी ने नैना की आँखों में देखते हुए कहा
“डेड ये भी कोई पूछने की बात है , इस दुनिया में सबसे ज्यादा अगर मुझे किसी से प्यार है तो वो आप है”,नैना ने कहा
“और अगर कोई मुझसे भी ज्यादा प्यार करने वाला तुम्हारी जिंदगी में आ गया तब ?”,विपिन जी ने कहा
“तब भी आप मेरी फर्स्ट चॉइस रहेंगे”,नैना ने कहा
“नैना मैं चाहता हूँ की तुम्हारी जिंदगी में भी एक ऐसा इंसान हो जो तुम्हे मुझसे भी ज्यादा प्यार करे”,विपिन जी ने कहा
“क्या डेड आप फिर शुरू हो गए ?”,नैना ने उदास होकर कहा
“नैना एक दिन तो बेटियों को शादी होकर अपने घर जाना होता ही है बेटा”,विपिन जी ने कहा
“किसने बनाया ये रूल ? जिसने भी बनाया है आई नो वो दुनिया का सबसे बुरा डेड होगा।”,नैना ने चिढ़ते हुए कहा
“नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खैर छोडो तुम्हे वैसे भी आजकल हमारी किसी बात से फर्क नहीं पड़ता”,कहकर विपिन जी जाने लगे तो नैना ने उन्हें रोककर कहा,”आप चाहते है मैं भी शादी कर लू ?”
“चाहता तो हूँ लेकिन मेरे चाहने से क्या होता है ?”,विपिन जी ने कहा
“ठीक है मैं तैयार हूँ लेकिन दो शर्त है मेरी”,नैना ने कहा
“और वो क्या है ?”,विपिन जी ने सहजता से पूछा
“पहली ये की रिश्ता लेकर कोई रिश्तेदार नहीं आएगा , दूसरी ये लड़का आपको पसंद होना चाहिए !”,नैना ने कहा
“ओके !”,विपिन जी मुस्कुरा दिए ! शाम होने लगी थी नैना नीचे चली आयी और उसके जाने के बाद विपिन जी ने खुद से मन ही मन कहा,”बेटा जी आप बेटी हो ना तो मैं तो फिर भी आपका बाप हूँ ,,,,,,,,,,,,,,,,,आखिर मना ही लिया ना शादी के लिए”

इंदौर – शीतल का घर
किचन में अपनी भाभी साक्षी का हाथ बटाते हुए शीतल ख्यालों में खोयी हुई थी। नल से पानी बहकर सिंक से बाहर गिर रहा था ये देखकर साक्षी ने कहा,”अरे शीतल ध्यान कहा है तुम्हारा ? पानी गिर रहा है फर्श पर !”
“सॉरी भाभी !”,शीतल ने जल्दी से नल बंद करते हुए कहा
“कोई बात नहीं मैं साफ कर देती हूँ , तुम्हारा मन शांत नहीं है तुम जाकर बाहर बैठो या टीवी देख लो”,साक्षी ने कहा
“नहीं भाभी ऐसा नहीं है ,, बस बीती बातो को याद करके मन परेशान है थोड़ा।”,शीतल ने कहा
“बीती बातो को याद करने से सिर्फ दिल दुखता है शीतल ,, इसलिए अपने गुजरे हुए कल को भूलकर आने वाले कल के बारे में सोचो !”,साक्षी ने कहा
“लेकिन नैना ऐसा नहीं कहती वो कहती है गुजरे हुए कल को भूलकर अपने आज को जीना सीखो , वरना कल (भविष्य) ये आज (वर्तमान) भी कल (भूतकाल) बन जाएगा”,शीतल ने होंठो पर मुस्कान लाते हुए कहा
“सही कहती है वो , उसकी बातो से तो लगता है की वो बड़ी जिंदादिल लड़की है”,साक्षी ने कहा
“हां भाभी ! आपको पता है वो दिनभर हँसते मुस्कुराते रहती है , चाय से तो उसे इतना प्यार है की आधी रात में भी पीला दो ना नहीं कहेगी लेकिन उसके साथ एक समस्या है ,, एक परेशानी से बाहर निकले तो दूसरी में फँस जाती है लेकिन दिल की बहुत अच्छी है ,,, दोस्तों के बारे में उतना कोई नहीं सोचता जितना वह सोचती है लेकिन,,,,,,,,,,,,!”,शीतल ने बात अधूरी छोड़ दी !
“लेकिन क्या ?”,साक्षी ने पूछा
“नैना को समझने में मुझसे एक बहुत बड़ी गलती हो गयी और राज का गुस्सा मैंने उस पर उतार दिया,,,,,,,,,,,,,,,पता नहीं वो कभी मुझे माफ़ करेगी भी या नहीं मैं उसकी दोस्ती खोना नहीं चाहती भाभी !
“ये तो तुमने गलत किया ना शीतल पर कोई नहीं दोस्तों से दूर जाने पर ही उनकी अहमियत का अहसास होता है। दीपावली के बाद जब वापस दिल्ली जाओ तब दिल से नैना से माफ़ी मांग लेना ,, उम्मीद है तुम्हे माफ़ कर देगी !”,साक्षी ने कहा
“हां भाभी माफ़ी तो उस से मांगनी ही है ! अच्छा मैं आती हूँ”,कहकर शीतल किचन से बाहर चली आयी , उसका भतीजा वही आँगन में बैठकर पढाई कर रहा था शीतल ने उसके सर पर हाथ घुमाया और दरवाजे के पास चली आयी। कितने दिनों बाद शीतल घर से बाहर आयी थी कुछ पोधो में पानी देकर वह जैसे ही जाने लगी किसी की आवाज उसके कानो में पड़ी “सार्थक , सार्थक यहाँ आओ ,, बदमाशी मत करो बेटा यहाँ आओ”
शीतल ने पलटकर देखा तो पड़ोस की ही आंटी अपने नाती को सार्थक सार्थक कहके बुला रही थी शीतल की आँखों के आगे एकदम से सार्थक के साथ बिताये सारे पल आ गए और वह मुस्कुरा उठी !

क्रमश – Love You ज़िन्दगी – 80

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संजना किरोड़ीवाल !

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