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Love You जिंदगी – 63

Love You Zindagi – 63

Love You Zindagi
Love You Zindagi

अवि के जाने के बाद नैना अंदर आयी शीतल ने उसे चाय का कप दिया और खुद उसके सामने बैठकर कहने लगी,”नैना आज तुम ऑफिस मत जाओ यही रेस्ट करो। तुम्हारे हिस्से का काम मैं कर दूंगी”
“अरे नहीं ! अनुराग सर को पता चला तो गुस्सा होंगे वो , वैसे भी मैं बिल्कुल ठीक हूँ चलती हु न ऑफिस”,नैना ने चाय पीते हुए कहा
“आर यू स्योर ?”,शीतल ने पूछा


“अरे बाबा हां वैसे भी यहाँ बोर हो जाना है मैंने , ऑफिस का काम भी तो खत्म करना है तभी तो लास्ट के दो दिन नवरात्री बिना किसी दिक्कत के इंजॉय कर पाएंगे”,नैना ने कहा।
“तुम्हे कबसे इन सब में इंट्रेस्ट होने लगा ? वैसे मैं देख रही हूँ आजकल तुम कुछ बदली बदली नजर आ रही हो”,शीतल ने कहा तो नैना ने उठते हुए कहा,”नैना कोई मौसम नहीं है मेरी जान जो बदलेगी , पर हां लोगो के मौसम जरूर बदल देती है।”


“सही कहता है अवि कुछ नहीं हो सकता तुम्हारा”,शीतल ने ताना मारते हुए कहा तो नैना उसके पास आयी और झुकते हुए कहा,”वो पडोसी , अरे वो बहुत चालू इंसान है। सीधा साधा बनता है लेकिन है नहीं देखा ना आज कैसे धुलाई की सबकी ,, लेकिन मजा आ गया यार उसे फाइट करते देखकर।”
“ओह्हो मिस नैना आप कबसे लौंडो की तारीफ करने लगी ?”,पीछे से रूचि ने आते हुए कहा।


“अब बन्दे ने काम ही ऐसा किया है , वैसे तूने सही कहा था रूचि वो इतना बुरा भी नहीं है”,कहकर नैना वहा से चली गयी
“इस लड़की को समझना ना बहुत मुश्किल है , पल में मक्खन पल में पत्थर”,शीतल ने कहा
“अरे ये नारियल की तरह है बाहर से सख्त अंदर से कोमल , बस अब इसके और अवि के बिच कोई प्रॉब्लम खड़ी ना हो।”, रुचिका ने फिंगर क्रॉस करके कहा

कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी। नैना खुश थी उसका मूड भी आज काफी अच्छा था ऑटो में बैठी वह कोई गाना गुनगुना रही थी। शीतल खुश थी क्योकि नवरात्री के बाद वह दिवाली पर अपने घर इंदौर जाने वाली थी ! रुचिका बस अपनी जिंदगी में चल रहे इस ब्रेक को समझने की कोशिश कर रही थी सचिन से ब्रेकअप के बाद रुचिका ने किसी और को अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया। मोंटी से एक अटेचमेंट थी लेकिन लखनऊ से आने के बाद उस से भी कभी बात नहीं हुई।

रुचिका बाहर से खुश थी लेकिन दिल में एक कसक थी। ऑटो ऑफिस के सामने आकर रुका तीनो निचे उतरी शीतल ने पैसे दिए और तीनो ऑफिस के अंदर चली आयी। आज ख़ुशी नहीं आयी थी बस तीनो लड़के ही आये थे ! नैना रुचिका और शीतल अपनी अपनी जगह बैठकर काम करने लगी। कुछ देर बाद वहा जय आया और एक इन्विटेशन नैना की और बढाकर कहा,”आज शाम मेरे घर में इंगेजमेंट की पार्टी है तुम सब भी उसमे इन्वाइटेड हो , अगर तुम सब आये तो मुझे अच्छा लगेगा।”


“किसी इंगेजमेंट है ?”,नैना ने इन्विटेशन कार्ड देखते हुए कहा
“मेरी !”,जय ने खुश होकर कहा
“फाइनली गधा घोड़ी चढ़ने वाला है”,नैना बड़बड़ायी
“क्या ? कुछ कहा तुमने ?”,जय ने कहा
“कॉन्ग्रैचुलेशन , हम लोग जरूर आएंगे”,नैना ने कार्ड को हाथ में हिलाते हुए कहा !

शीतल और रुचिका के साथ बाकि स्टाफ ने भी जय को बधाई दी। जय चला गया तो शीतल ने कहा,”तुमने शाम के फंक्शन में जाने की बात क्यों की ?”
“ऐसे ही मूड स्विंग के लिए , वैसे भी इतने दिनों से कितना झिले है हम लोग सोचा थोड़ा एन्जॉय करते है”,नैना ने अपना काम करते हुए कहा


केशव विशाल और अमित भी जय की सगाई में जाने का प्लान बना रहे थे , नैना ने शीतल और रुचिका को भी जाने के लिए तैयार कर लिया। दोपहर बाद नैना का चाय पीने का मन हुआ तो वह उठकर केंटीन चली आयी काउंटर पर आकर उसने चाय देने को कहा तो लड़का उसे देखने लगा। काफी देर तक ;लड़का उसे देखता रहा तो नैना ने कहा,”क्या है बे ? क्या देख रहा है ? लड़की नहीं देखी कभी !”
“लड़की तो देखी है पर आप सबसे अलग हो मैडम”,लड़के ने बड़े ही प्यार से कहा


“बेटा ऐसा थप्पड़ बजायेंगे ना कान के निचे सारे सूर ठीक लगेंगे तुम्हारे , चाय दो”,नैना ने घूरकर कहा
“जी दीदी !”,लड़के ने मुंह लटकाकर कहा और कप में चाय डालकर नैना को दे दी ! नैना ने चाय ली और बड़बड़ाते हुए चल दी,”लड़की देखते ही सबको बस आशिक़ी सूझती है , जितना ध्यान इन बातो में रहता है उतना अपने काम में लगाए तो अम्बानी ना बन जाये ये लेकिन नहीं इन्हे चाही बस खाली फोकट की बक#दी , वो करवा लो इनसे ,,,,

दिल तो करता है इनकी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!” तभी नैना सामने से आते किसी से टकराई और उसकी चाय छलक कर सामने वाले के कोट पर जा गिरी और नैना के मुंह से निकला,”अबे देख के काहे नहीं चल,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,चलते”
नैना ने जैसे ही सामने देखा सामने अनुराग खड़ा था नैना ने अपने ही बॉस पर चाय उड़ेल दी जानकर उसने कहा,”सो,,,,,,,,,सो,,,,,,,,,,,,सॉरी सर , सॉरी वो मैं मैं ही देख के नहीं चल रही थी।”

कहते हुए नैना वापस काउंटर के पास गयी और वहा से टिशू उठाकर ले आयी और अनुराग पर गिरी चाय को साफ करते हुए कहा,”सॉरी सर वो मैंने देखा नहीं था !” अनुराग तो बस नैना को देखे जा रहा था
“इट्स ओके !”,अनुराग ने नैना का हाथ पकड़कर रोकते हुए कहा
नैना ने कुछ नहीं कहा और टिशू डस्टबिन मे फेंककर कहा,”ओके आई थिंक मुझे जाना चाहिए”
“या !”,अनुराग ने साइड होकर कहा तो नैना वहा से चली गयी !


शाम को ऑफिस के बाद नैना , शीतल और रुचिका तैयार होकर जय की सगाई में पहुंचे। जय की सगाई एक मैरिज गार्डन में थी ऑफिस का आधे से ज्यादा स्टाफ वहा मौजूद था। नैना रुचिका शीतल भी एक टेबल के पास बैठकर सब देख रही थी। नैना ने वही हमेशा की अपनी जींस और टॉप पहना हुआ था , रुचिका ने वैन पीस और शीतल ने अपना सूट।

जय ने देखा तो उनके पास चला आया कुछ देर उनसे बात की और फिर उन्हें वहा कम्फर्टेबल होने को कहा ! जय के जाने के बाद नैना रुचिका और शीतल यहाँ वहा घूमने लगी कुछ देर बाद शीतल ने कहा,”यार सगाई का फंक्शन कब शुरू होगा ?”
“हम्म्म कोई ढंग का बन्दा भी नहीं है सब ऑफिस के ही लोग है”,रुचिका ने कहा
“यार ये खाना कब शुरू होगा ?”,नैना ने जैसे ही कहा शीतल और रुचिका ने हैरानी से उसकी और देखकर कहा,”तू यहाँ खाना खाने आयी है ?”


“तो तुझे क्या लगा मैं उसकी सगाई देखने आयी हूँ ? चलो यार देखते है कुछ खाने को है या नहीं”,नैना ने दोनों को खींचते हुए कहा
“यार ये लड़की सच में पागल है !”,रुचिका ने कहा
“हां हां मालूम है चल।”,नैना ने कहा और तीनो खाने के स्टॉल की और चले आये वहा अभी स्टार्टर शुरू हुआ था। नैना ने पीने के लिए ऑरेंज जूस लिया और पीते हुए वहा लॉन में घूमने लगी ! कुछ देर बाद रिंग सेरेमनी हुई तीनो सबके साथ खड़ी थी। कुछ देर बाद ही गेट के सामने आकर एक चमचमाती कार आकर रुकी।

नैना को छोड़कर बाकि सब लोगो की नजर उस और चली गयी। गाड़ी से ब्लैक सूट में अनुराग उतरा , आँखों पर चश्मा और हाथ में महंगी घडी ,अच्छे चमचमाते जूते , हाथ में फूलो का बुके लिए अनुराग अंदर आया। वहा खड़ी कुछ लड़किया तो बस उसे घूरे ही जा रही थी लेकिन अनुराग ने किसी पर ध्यान नहीं दिया और सीधा स्टेज स्टेज की और चला आया और बुके जय को देकर उसे कॉन्ग्रैचुलेशन कहा और निचे आ गया !

अनुराग वहा अपनी जान पहचान के कुछ लोगो से बात कर रहा था की रुचिका ने कहा,”यार अनुराग सर यहाँ हाऊ ?”
“जय का बॉस है बुलाया होगा उसने इतना क्या सोचना ?”,नैना ने कहा
“तुझे तो कुछ फर्क ही नहीं पड़ता , लेकिन क्या लग रहा है अपना बॉस यार”,रुचिका ने अपनी आँखे सेंकते हुए कहा


नैना ने मुंह बनाया और अपना फोन देखने लगी। कुछ देर बाद वहा सभी कपल्स डांस करने लगे नैना बस खाना स्टार्ट होने का इंतजार कर रही थी की तभी अनुराग उसके पास आया और अपना हाथ नैना की और बढाकर कहा,”नैना केन वी डांस ?”
नैना ने अनुराग की और देखा रुचिका को अच्छा नहीं लगा और शीतल ने इस बारे में कुछ नहीं कहा नैना को खामोश देखकर अनुराग ने फिर कहा,”तुम कही यहाँ भी तो ऑफिस वाला माहौल नहीं समझ रही हो ना , नैना वो प्रोफेशनल लाइफ है ये पर्सनल अगर तुम्हे अच्छा नहीं लगे तो इट्स ओके”


“स्योर !”,नैना ने कहा और अनुराग के साथ चली गयी
“यार ये अनुराग सर के साथ डांस क्यों करने चली गयी ?”,रुचिका ने खीजते हुए कहा
“क्यों तुम्हे बुरा लग रहा है ?”,शीतल ने पूछा
“ऑफकोर्स मुझे अवि के लिए बुरा लग रहा है , उस बेचारे की कहानी में कोई न कोई बिच में आ ही जाता है। काश वो यहाँ होता “,रुचिका ने कहा


“अब नैना के दिमाग में क्या चल रहा है ये तो नैना ही जानती है ना , आओ वहा बैठते है”,कहकर शीतल रुचिका को वहा लेकर चली गयी। अनुराग नैना को लेकर कपल्स के बिच आया और डांस करने लगा। पहले कुछ अजीब गाने चल रहे थे फिर किसी ने बहुत ही रोमांटिक सा गाना चला दिया ! नैना अनुराग के सामने थी और अनुराग लगातार बस उसकी आँखों में देखे जा रहा था। गाना बजने लगा – दिल मेरा पूछ रहा है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुझसे
क्या प्यार करोगे ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझसे
हां,,,,,,,,,,,,,हां,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां,,,,,,,,,,,,,,मुझसे !!


गाने के बोल जैसे ही नैना के कानो में पड़े उसकी आँखों से सामने अवि का चेहरा आ गया। अवि साथ जो उसके मोमेंट्स थे सब एक एक करके गाने के साथ साथ नैना की आँखों में घूमने लगे , सुबह अवि ने जब लड़के को थप्पड़ मारने से रोका वो पल , जब अवि ने उसके होंठो पर डेटोल लगाया वो पल , अवि से जितनी बार भी वो टकराई वो पल और सबसे खूबसूरत पल जब उस शाम वह उसके साथ थी और ये गाना रेडिओ पर चला था !

हर चीज को भूल जाने वाली नैना अवि के साथ बिताये एक भी पल को नहीं भूली थी। सामने उसके अनुराग था और नैना को दिखाई अवि दे रहा था उसका दिमाग घूमने लगा तो वह एकदम से अनुराग से दूर हुई और कहा,”सॉरी सर आई कांट !”
नैना वहा से चली गयी और अनुराग बस उसे जाते हुए देखता रहा !

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संजना किरोड़ीवाल

कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी। नैना खुश थी उसका मूड भी आज काफी अच्छा था ऑटो में बैठी वह कोई गाना गुनगुना रही थी। शीतल खुश थी क्योकि नवरात्री के बाद वह दिवाली पर अपने घर इंदौर जाने वाली थी ! रुचिका बस अपनी जिंदगी में चल रहे इस ब्रेक को समझने की कोशिश कर रही थी सचिन से ब्रेकअप के बाद रुचिका ने किसी और को अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया। मोंटी से एक अटेचमेंट थी लेकिन लखनऊ से आने के बाद उस से भी कभी बात नहीं हुई।

कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी। नैना खुश थी उसका मूड भी आज काफी अच्छा था ऑटो में बैठी वह कोई गाना गुनगुना रही थी। शीतल खुश थी क्योकि नवरात्री के बाद वह दिवाली पर अपने घर इंदौर जाने वाली थी ! रुचिका बस अपनी जिंदगी में चल रहे इस ब्रेक को समझने की कोशिश कर रही थी सचिन से ब्रेकअप के बाद रुचिका ने किसी और को अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया। मोंटी से एक अटेचमेंट थी लेकिन लखनऊ से आने के बाद उस से भी कभी बात नहीं हुई।

कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी। नैना खुश थी उसका मूड भी आज काफी अच्छा था ऑटो में बैठी वह कोई गाना गुनगुना रही थी। शीतल खुश थी क्योकि नवरात्री के बाद वह दिवाली पर अपने घर इंदौर जाने वाली थी ! रुचिका बस अपनी जिंदगी में चल रहे इस ब्रेक को समझने की कोशिश कर रही थी सचिन से ब्रेकअप के बाद रुचिका ने किसी और को अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया। मोंटी से एक अटेचमेंट थी लेकिन लखनऊ से आने के बाद उस से भी कभी बात नहीं हुई।

कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी। नैना खुश थी उसका मूड भी आज काफी अच्छा था ऑटो में बैठी वह कोई गाना गुनगुना रही थी। शीतल खुश थी क्योकि नवरात्री के बाद वह दिवाली पर अपने घर इंदौर जाने वाली थी ! रुचिका बस अपनी जिंदगी में चल रहे इस ब्रेक को समझने की कोशिश कर रही थी सचिन से ब्रेकअप के बाद रुचिका ने किसी और को अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया। मोंटी से एक अटेचमेंट थी लेकिन लखनऊ से आने के बाद उस से भी कभी बात नहीं हुई।

कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी। नैना खुश थी उसका मूड भी आज काफी अच्छा था ऑटो में बैठी वह कोई गाना गुनगुना रही थी। शीतल खुश थी क्योकि नवरात्री के बाद वह दिवाली पर अपने घर इंदौर जाने वाली थी ! रुचिका बस अपनी जिंदगी में चल रहे इस ब्रेक को समझने की कोशिश कर रही थी सचिन से ब्रेकअप के बाद रुचिका ने किसी और को अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया। मोंटी से एक अटेचमेंट थी लेकिन लखनऊ से आने के बाद उस से भी कभी बात नहीं हुई।

कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी। नैना खुश थी उसका मूड भी आज काफी अच्छा था ऑटो में बैठी वह कोई गाना गुनगुना रही थी। शीतल खुश थी क्योकि नवरात्री के बाद वह दिवाली पर अपने घर इंदौर जाने वाली थी ! रुचिका बस अपनी जिंदगी में चल रहे इस ब्रेक को समझने की कोशिश कर रही थी सचिन से ब्रेकअप के बाद रुचिका ने किसी और को अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया। मोंटी से एक अटेचमेंट थी लेकिन लखनऊ से आने के बाद उस से भी कभी बात नहीं हुई।

कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी। नैना खुश थी उसका मूड भी आज काफी अच्छा था ऑटो में बैठी वह कोई गाना गुनगुना रही थी। शीतल खुश थी क्योकि नवरात्री के बाद वह दिवाली पर अपने घर इंदौर जाने वाली थी ! रुचिका बस अपनी जिंदगी में चल रहे इस ब्रेक को समझने की कोशिश कर रही थी सचिन से ब्रेकअप के बाद रुचिका ने किसी और को अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया। मोंटी से एक अटेचमेंट थी लेकिन लखनऊ से आने के बाद उस से भी कभी बात नहीं हुई।

कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी। नैना खुश थी उसका मूड भी आज काफी अच्छा था ऑटो में बैठी वह कोई गाना गुनगुना रही थी। शीतल खुश थी क्योकि नवरात्री के बाद वह दिवाली पर अपने घर इंदौर जाने वाली थी ! रुचिका बस अपनी जिंदगी में चल रहे इस ब्रेक को समझने की कोशिश कर रही थी सचिन से ब्रेकअप के बाद रुचिका ने किसी और को अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया। मोंटी से एक अटेचमेंट थी लेकिन लखनऊ से आने के बाद उस से भी कभी बात नहीं हुई।

A Woman
A Woman by Sanjana Kirodiwal
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