Love You जिंदगी – 43
Love You Zindagi – 43
मोंटी की बातो से रुचिका में थोड़ा कॉन्फिडेंस आया ! जो ड्रेस मोंटी ने उसके लिए सेलेक्ट किया वो बहुत अच्छा था रुचिका ने वह ड्रेस खरीद लिया ! मोंटी कुछ ही दूर खड़ा फोन पर किसी से बात कर रहा था और रुचिका की नजरे ना चाहते हुए भी बार बार उस पर चली जाती ! मोंटी की नजर रुचिका पर पड़ी तो वह मुस्कुरा दिया ! रुचिका मन ही मन खुद से कहने लगी,”कितना सही बोलता है ना ये , मैंने तो कभी खुद को इस नजरिये से देखा ही नहीं था पर इसने आज मुझे नयी रूचि से मिलाया है ! इसकी बातें इसकी सोच बाकि लड़को से कितनी अलग है ,, काश हर कोई ये समझ पाता की बॉडी फैट इज नथिंग , रियल ब्यूटी इज आवर थॉट्स !”
रुचिका मोंटी को देखते हुए खोई हुई थी की पीछे से नैना ने आकर कहा,”अरे पांडा कहा खोयी हो ? चलना नहीं है !”
“हां चलो !”,रुचिका ने ख़ुशी से पलटकर कहा ,, मोंटी ने बिल पे किया और चारो निचे चले आये ! अभी शोरूम में घूम ही रहे थे की सामने से आते लड़की लड़के से रुचिका टकरा गयीं उसने कहा,”सॉरी !”
दोनों आगे बढे और चलते हुए लड़के ने कहा,”मोटी कही की देख के नहीं चल सकती !”
नैना को उसकी ये बात सुन गयी वह पलटी और लड़के रोककर कहा,”क्या बोला बे ? मोटी बोला उसे ,,!!”
“अब मोटी को मोटी नहीं तो ओर क्या बोलू ? देख के क्यों नहीं चलती !”,लड़के ने नैना के सामने अकड़कर कहा
“तेरी ऐसी की तैसी साले रोंग साइड से तू खुद आ रहा , उसने तेरे को सॉरी भी बोला ,,, रिस्पेक्ट करना सिख समझा वरना एक दूंगी खिंच के बाबू शोना यही निकल जाएगा तेरा !”,नैना ने गुस्से से उबलते हुए कहा
नैना को गुस्सा करते देख मोंटी आया और उसको रोकते हुए कहा,”नैना चिल यार !”
“ब्रो समझा ले अपनी गर्लफ्रेंड को , लड़की है इसलिए कुछ नहीं बोला वरना”,लड़के ने कहा तो नैना उसकी और लपकी लेकिन मोंटी ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे रोकते हुए लड़के से कहा,”ओह्ह्ह भाई ये दोस्त है मेरी और तू जा यहाँ से !”
“हुँहहह पता नहीं कहा कहा से आ जाते है ?”,लड़के ने फिर कहा तो नैना ने मोंटी से कहा,”मैं इसका मुंह तोड़ दूंगी बता रही हूँ !”
बात बढ़ते देखकर रुचिका उसके सामने आयी और लड़के से कहा,”हां हूँ मैं मोटी लेकिन मुझे इस बात का ज़रा सा भी दुःख नहीं है क्योकि आज ही मैंने किसी से सीखा है , शरीर ख़राब हो तो उसको सुधारा जा सकता है लेकिन सोच खराब हो तो कुछ नहीं हो सकता ! मेरा सिर्फ शरीर मोटा है लेकिन तुम्हारी तो अक्ल भी मोटी है ,, टकराने पर मैंने सॉरी बोल दिया था लेकिन तुमने ये बोलकर अपना ही उल्लू सीधा किया ! थैंक्यू !”,कहकर रुचिका नैना का हाथ पकड़कर उसे वहा से ले गयी !! मोंटी ने लड़के को ऊँगली दिखाई और कहा,”आगे से किसी की बॉडी पर कमेंट मत करना !” शीतल और मोंटी भी वहा से चले गए !
“अगर पता होता तुम ऐसे हो तो मैं तुम्हारे साथ कभी नहीं आती !”,लड़के के साथ खड़ी लड़की ने कहा और वहा से चली गयी !
“बेबी बेबी सुनो तो सही !”,लड़का उसे मनाता हुआ उसके पीछे चला गया !
शोरूम से बाहर आकर नैना ने रुचिका से कहा,”रूचि क्या जरूरत थी उसे सॉरी बोलने की ? उसकी तो मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खुद तीली जैसा शरीर लेकर घूम रहा है दुसरो में कमिया निकालता है !”
रुचिका ने एक लम्बी साँस लेकर कहा,”फील गुड़ , नैना माय डार्लिंग कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहना , सो चिल वैसे भी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लोग मुझे मोटी बुलाये बिकॉज आई लव मायसेल्फ सो मच !”
रुचिका की बात नैना को हैरानी में डालने के लिए काफी थी लेकिन जब मोंटी ने सूना तो वह मुस्कुराये बिना रह ना सका और अपने अंगूठे से इशारा करके रुचिका को गुड़ का इशारा किया ! चारो वहा से निकलकर घूमते हुए आगे बढे ! नैना , रुचिका और शीतल ने कुछ और सामान खरीदा ! एक दुकान पर कुछ सामान खरीदते हुए रुचिका की नजर हाथ में पहनने वाले फ्रेंडशिप बेंड पर गयी रुचिका ने शीतल और नैना से छुपाकर वह खरीदा और अपने पर्स में रख लिया
मोंटी ने अभी तक अपने लिए कुछ भी नहीं खरीदा था ये देखकर नैना ने कहा,”ओह्ह कंजूस मक्खीचूस ले लो तुम भी कुछ ,, अरे मैं पे कर दूंगी !”
“क्या लू ?’,मोंटी ने कहा
“ले लो कुछ भी , वैसे भी तुम्हे जल्दी ही लड़की देखने जाना होगा तो उसी की तैयारी के लिए कोई अच्छा शर्ट !”,नैना ने कहा ,, नैना की ये बात ना जाने क्यों रुचिका को अच्छी नहीं लगी वह साइड में चली गयी !! अब तक जितना उसने मोंटी को जाना था उस हिसाब से मोंटी उसे अच्छा लगा था लेकिन नैना का बार बार उसकी शादी की बात करना रुचिका के मन में एक अजीब सी बेचैनी पैदा कर रहा था ! खैर नैना के कहने पर मोंटी ने चॉकलेटी रंग का चेक्स में खरीद ही लिया ! वहा से निकलकर सभी आगे चल पड़े कुछ दूर चलने के बाद मोंटी की नजर शर्मा जी की दुकान पर गयी ! हजरतगंज में शर्मा की चाय की दुकान बहुत फेमस थी ! उसे देखते ही मोंटी को अपने स्कूल कॉलेज के दिन याद आ गए ! उसने नैना से कहा,”चाय पीना छोड़ दिया ?’
“शर्मा जी वाली ?’,नैना ने ख़ुशी और आश्चर्य मिश्रित भाव के साथ कहा
“हां ! बीकानेर रहकर मैंने सबसे ज्यादा मिस इसे ही किया है अब चलो !”,कहते हुए मोंटी ने नैना का हाथ पकड़ा और दुकान की और बढ़ गया ! पीछे पीछे शीतल और रुचिका भी चली आयी ! मोंटी ने वहा खड़े आदमी से कहा,”शर्मा जी 5 स्पेशल मसाला चाय !”
“5 क्यों ?”,नैना ने कहा
“मैं दो पिऊंगा !”,मोंटी ने बच्चो की तरह कहा !
“ये शर्मा जी की और कितने टेलेंट देखने को मिलेंगे ?”,शीतल ने कहा तो मोंटी उसकी और पलटा और कहा,”शर्मा सरनेम वालो की बात ही कुछ और होती है , है ना रूचि ? आई मीन रुचिका !” कहते हुए उसने रुचिका को हाई फाइव दिया !
“अपनी तारीफ अपने मुंह सही है बेटा !”,नैना ने सामने पड़ी टेबल पर बैठते हुए कहा
“मैं सेल्फ डिपेंडेंट लड़का हूँ तारीफ के लिए किसी पर डिपेंड बिल्कुल नहीं रहता !”,मोंटी ने नैना के बगल में बैठते हुए कहा और सामने खड़ी रुचिका शीतल को भी वहा अपने सामने पड़ी बेंच पर बैठने का इशारा किया ! कुछ देर में चाय आ गयी सभी चाय की चुस्किया लेने लगे ! बिच बिच में रुचिका की नजर मोंटी पर चली जाती !! सभी चाय पि ही रहे थे की मोंटी का फोन बजा ! फोन विपिन जी का था और वे उन्हें घर आने को कह रहे थे !
चाय पिने के बाद मोंटी सबको लेकर गाड़ी के पास आया और जाकर ड्राइवर सीट पर बैठ गया ! इस बार आगे नैना बैठी रुचिका को पीछे आकर बैठना पड़ा ! मोंटी ने जैसे ही गाड़ी चलाने के लिए चाबी लगाई नैना ने कहा,”गाड़ी मैं चलाऊंगी !”
“पक्का ?”,नैना को ड्राइव आती थी लेकिन फिर भी मोंटी ने अपनी स्योरिटी के लिए पूछ लिया !
“अरे हां , डेड से पूछना कितना सही चलाती हूँ मैं , चल इधर आ अब !”,कहकर नैना ड्राइवर सीट पर आ गयी उसने अपना फोन म्यूजिक सिस्टम से कनेक्ट किया और गाना चलाकर गाड़ी स्टार्ट कर वहा से निकाल ली ! अच्छा जैसी नैना वैसे ही उसकी पसंद के गाने उसने जो गाना चलाया वो बजने लगा !
“Met In The Sun And Sand
The Sea In The Night
And I’m Feeling Alright
And I’m Feeling Alright”
शीतल और रुचिका ने एक दूसरे की और देखा और फिर नैना की और देखा गाना आगे बजने लगा
“क्यों लम्हे खराब करे , आ गलती बेहिसाब करे
दो पल की जो नींद उडी , तो पुरे सारे ख्वाब करे !
क्या करने है उमरो के वादे , ये जो रहते है रहने दे आधे
दो बार नहीं , इक बार सही इक रात की कर ले तू यारी
ये गाना नैना का पसंदीदा था और आगे की लाइन्स वो साथ साथ खुद भी गाने लगी – सुबहा तक मान के मेरी बात , तू ऐसे जोर से नाची आज,,,,,,,,,,,के घुँघरू टूट गए ! छोड़ के सारे शर्म और लाज मैं ऐसे जोर से नाची आज , के घुँघुरु टूट गए !!
मोंटी उसकी इन हरकतों पर बस मुस्कुरा रहा था ! पीछे बैठी शीतल और रुचिका भी नैना को खुश देखकर खुश थी ! शाम होने वाली थी और मौसम भी अच्छा था इसलिए रुचिका ने खिड़की का शीशा निचे कर लिया हवा , हवा से उसके बाल उड़कर उसके गालो को छू रहे थे ! रुचिका ने अपना सर खिड़की से लगा लिया उस वक्त उसकी आँखों में एक सुकून और चेहरे पर रंगत साफ दिखाई दे रही थी ! मोंटी की नजर जब रुचिका पर गई तो एक पल को वह उसे देखता ही रह गया ! उसका मासूम चेहरा मोंटी को अपनी और खींचते चले जा रहा था और गाने की चंद लाइन्स ने उस वक्त इस फीलिंग को और स्ट्रांग बना दिया !
“इश्क़ है आज बस , कल करना भी नहीं ! दिल में ठहरना तो है पर उतरना ही नहीं
मिटना भी है कुछ देर के लिए ,, सारी उम्र तुम पे मरना भी नहीं
क्या करने है उमरो के वादे , ये जो रहते है रहने दे आधे
दो बार नहीं , इक बार सही इक रात की कर ले तू यारी
सुबहा तक मान के मेरी बात , तू ऐसे जोर से नाची आज,,,,,,,,,,,
के घुँघरू टूट गए , के घुँघरू टूट गए !
छोड़ के सारे शर्म और लाज मैं ऐसे जोर से नाची आज ,
के घुँघुरु टूट गए !! , के घुँघरू टूट गए “
शीतल की नजर मोंटी पर पड़ी तो मोंटी सामने देखने लगा ! रुचिका खिड़की से सर लगाए लगाए ही सो गयी ! सभी घर पहुंचे विपिन और आराधना बरामदे में बैठकर उन्ही सबकी राह देख रहे थे !
शाम के 7 बज रहे थे ! चारो बैग्स अंदर चले आये और सोफे पर आकर बैठ गए ! आराधना सबके लिए पानी ले आयी और मोंटी से कहा,”बेटा ज्यादा परेशान तो नहीं किया ना इन लोगो ने ?”
“अरे नहीं आंटी इन्फेक्ट हमे बहुत मजा आया !”,मोंटी ने पानी पीकर कहा !
“तुम बताओ शीतल रुचिका कैसा लगा लखनऊ ?”,विपिन जी ने कहा
“बहुत अच्छा है अंकल !”,शीतल ने कहा
“और यहाँ के लोग ?”,इस बार आराधना ने पूछा तो मोंटी की नजर रुचिका पर चली गयी और जवाब भी रुचिका ने ही दिया,”काफी इंट्रेस्टिंग है आंटी !”
आराधना मुस्कुरा दी और कहा,”तुम सब बैठो बाते करो मैं सबके लिए चाय ले आती हूँ !”
“अरे नहीं आंटी अभी अभी हम सब लोग शर्मा जी के यहाँ से चाय पीकर आये है !”,मोंटी ने कहा
“तो क्या हुआ ? और पि लेंगे !”,नैना ने सोफे से उठकर निचे फर्श पर बैठते हुए कहा
“कितनी चाय पीती हो नैना ? काली हो जाओगी !”,मोंटी ने कहा
“ये भी एक अफवाह है , बाकि चाय से अच्छा भला दुनिया में क्या हो सकता है ?”,नैना कहते कहते फर्श पर ही लेट गयी और कहा,”तुम्हे क्या पता चाय के बारे में ?”
“अंकल आप इसे कुछ कहते क्यों नहीं ?”,मोंटी ने विपिन जी से कहा
“इकलौती बेटी है हमारी , कुछ दिन बाद ससुराल चली जाएगी तब कौन करने देगा इसे अपने मन की ? तब तक जीने दो इसे खुलकर !”,विपिन जी ने कहा
“कोई पागल ही होगा जो इस से शादी के लिए हां कहेगा !”,आराधना ने आते हुए कहा
“नहीं होगा तो उसे पागल ये कर देगी !”,मोंटी ने हँसते हुए कहा और आराधना को हाई फाइव दिया ! कुछ देर बाद चाय आयी और सभी पीने लगे ! शीतल उस घर में सबसे ज्यादा खुश थी पहली वजह थी की नैना की वजह से उसे माँ बाप का प्यार मिल रहा था और दूसरी वजह थी उसे नैना को और भी करीब से जानने का मौका मिल रहा था ! चाय पिने के बाद आराधना और शीतल बाहर बगीचे में चली गयी ! वहा पोधो को पानी देते हुए दोनों आपस में बाते करने लगी रुचिका को नींद आ रही थी इसलिए वह ऊपर जाकर सो गयी ! नैना और मोंटी बैठकर पीछे के बरामदे में बाते कम कर रहे थे और झगड़ ज्यादा रहे थे !! विपिन जी अपने कमरे में चले गए ! और बेचारा स्कूबी उबासियाँ ले रहा था !
बगीचे में पोधो को पानी देते हुए शीतल ने कहा,”आंटी आपसे एक बात पुछु !”
“हां बेटा पूछो ना !”,आराधना ने बड़े प्यार से कहा
“आंटी अंकल ने कहा की नैना आपकी इकलौती बेटी है , मेरा मतलब आपने दूसरा बच्चा क्यों नहीं किया ?”,शीतल ने पूछा तो आराधना के हाथ रुक गए उसने शीतल की और देखा उनकी आँखो में उस वक्त एकदम से दर्द उभर आया और वे कहने लगी,”नैना के पैदा होने के 2 साल बाद मुझे कुछ दिक्क़ते हुई और डॉ ने बताया की मैं दोबारा कभी माँ नहीं बन पाऊँगी ,, मैंने विपिन से बहुत बार कहा की दुसरा बच्चा गोद ले लेते है लेकिन उन्होंने कहा की अब नैना ही उनका सबकुछ है ! बस इसलिए नैना हमेशा से उनकी लाड़ली है ! कभी कभी उसके गुस्से से बस थोड़ा डर जाती हूँ आगे जाकर कैसे एडजस्ट करेगी वह नए लोगो में ?”
“डोंट वरी आंटी वो कर लगी , नैना बहुत अच्छी है और बहुत लकी भी है की उसे आप और अंकल मिले जो उसे इतना प्यार करते है !”,शीतल ने मुस्कुराकर कहा तो आराधना ने उसके गाल को हाथ लगाते हुए कहा,”तुम भी बहुत प्यारी हो बेटा , नैना इतनी जल्दी किसी से घुलती मिलती नहीं है लेकिन तुम्हारे और रूचि के बारे में वह हमेशा फोन पर बताती रहती है तुम लोगो की दोस्ती को किसी की नजर ना लगे !”
शीतल ने सूना तो कहा,”आंटी आपसे एक चीज मांगू !”
“हां !”,आराधना ने कहा
“मुझे आपके गले लगना है , लग सकती हूँ !”,शीतल ने कहा तो आराधना ने पानी का झर निचे रखा और आगे बढ़कर खुद ही शीतल को गले लगा लिया ! शीतल को वही सुकून मिला जो बचपन में अपनी माँ को गले लगाकर मिलता था ! उसने कहा,”थैंक्यू आंटी हमे इतना प्यार देने के लिए !”
“पगली माँ से भी कोई थैंक्यू बोलता है भला ! अब जाओ अंदर जाकर आराम करो ! मैं थोड़ी देर में आती हूँ !”,आराधना ने कहा
“हम्म्म!”,कहकर शीतल वहा से चली गयी ! अंदर आयी तो उसे स्कूबी के अलावा कोई दिखाई नहीं दिया ! वह पीछे बरामदे में आयी लेकिन दरवाजे पर ही रुक गयी ! उसने देखा मोंटी सीढ़ियों पर पैर पसारे बैठा है और नैना उसके पैर पर अपना सर रखे लेटकर उस से बातें कर रही है ! शीतल उन्हें वही छोड़कर ऊपर चली आयी उसे अभी भी लग रहा था की मोंटी और नैना के बिच कुछ है लेकिन दोनों ही नहीं जता रहे ! उस पर नैना के फोन में उस रात आया वो कॉल भी अभी तक शीतल के लिए उलझन ही बना हुआ था ! वह कमरे में चली आयी देखा रूचि सो रही थी ! शीतल वाशरूम की और बढ़ गयी !!
दिल्ली , शाम 6 बजे
लिफ्ट के सामने आकर अवि ने देखा लिफ्ट बिजी है तो वह सीढ़ियों से ही ऊपर चला आया ! चलते चलते कदम नैना के फ्लेट के सामने आकर रुक गए कुछ देर वह वही खड़ा उस बंद दरवाजे को देखता रहा और फिर अपने फ्लेट में चला आया ! अंदर आकर उसने अपना बैग रखा और फ्रेश होने चला गया ! नहाने के बाद वह खुद को काफी तरोताजा महसूस कर रहा था ! किचन में आकर उसने अपने लिए जूस बनाया और उसे लेकर बालकनी में चला आया वहा से निचे घूमते लोगो को देखता रहा और नैना के बारे में सोचता रहा ! नजर टेबल पर रखी डायरी पर गयी तो अवि ने उसमे लिखना शुरू किया ! कुछ लाइन्स लिखने के बाद उसने उन लाइन्स को गुनगुनाना शुरू कर दिया
ऐ मेरे हमनवां , कहुँ मैं तुझे क्या बता ,
हाँ मुझे , हां मुझे इश्क़ होने लगा !
चल पड़ा मेरी , बेख्याली का सफर
जब से तु मेरे नज़रों में आ गया !
ऐ मेरे हमनवां , कहुँ मैं तुझे क्या बता ,
हाँ है ये पहली दफा , धड़कनो का सिला
रोके से रुके ना चलता सा जाये , बस धड़कता ही जाये !
नाम तेरा ही लेती है , अब सदा !
दीवाने हम दीवाना और हमे ये बनाये
देती सुनाई मुझे अब बस तेरी सदा
ऐ मेरे हमनवां , कहुँ मैं तुझे क्या बता
ये बारिश , ये हसीन मौसम , ये सर्द हवाएँ ,
हर बूंद में शामिल है तेरी वफ़ा !
भीग जाऊ इसमें या रहने दूँ जरा
हाँ हुई है मोहब्बत , मुझको पहली दफा !
ऐ मेरे हमनवां , कहुँ मैं तुझे क्या बता ,
दर्द होता है अब तो , मुझको भी थोड़ा
हा है यह इश्क़ करने की , ये शुरुवाती सजा
उनकी हाँ भी है शामिल , उन्हें क्या पता ! अवि की आँखों के आगे एक बार फिर नैना का चेहरा आने लगा और वो उसमे डूबता चला गया !!
(ये गाना “शमा खान” द्वारा लिखा स्वरचित गाना है , जो की स्पेशली LOVE YOU जिंदगी के लिए लिखा गया है ,,)
क्रमश – love-you-zindagi-44
Follow Me On – facebook
संजना किरोड़ीवाल !!
Hame bhi bata dijye mam hm bhi koi song likhy Jo apki story me match kar sake
bilkul aap bhi is story se juda koi song likh sakte hai , jo ki aane wale parts me publish kiyaa jayegaa !
best of luck
Nice part
Nice 👌👌👌
So beautiful part😘😘😘
Bahut khub didu
Very nice part
Loved it… Wonderful …. Aur gana bahut hi feelings wala….👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Beautiful part amazing
Lovely part
👌👌👌👌👌👌💕💕💕💕💕awesome part and I love this song 💕💕💕
Beautiful part. True friendship ke bina zindgi adhoori si lagti . life me atleast ek esa freind hona hi chahiye jisse hum apne man ki har bat kah ske jo ek doosre ke liye kuchh bhi kar jaye . Ek bat or next me monty jab bikaner aaye to kahna humse bhi mile.😂😂😂😂
मैम गाना बहुत ही सुंदर था…चलो मोंटी के दिल में दस्तक तो दी रुचिका के अहससों ने…अवि बेचारा दिल का मारा कब होगा उसका नैना से मिलना फिर से😊 superb part👌👌👌👌
Awesome part maam mazaa aa gya nd gaana woh to bhut hi shaandaar tha
👌👌👌👌
⭐⭐🌟🌟🌟🌟🌟⭐⭐🎉🎉🎉🎉🎉🎉🤗🤗🤗🤗🤗😘😘😍😍😍😍😍
Bhaut Hi shnadaar khani hai mja aa gya sbki dosti me mithas or pyari nok jhok dekhkr..
Very nice 👌👌
Osam part
Amazing part superb mam
monti to dil jeet legya ruchi ka dil in dono ki jodi achi lagegi …pr sheetal glt soch rhi h unki friendship ke bre me …….avi to bechara bda miss kr rha h …nice part
Awesome part…
Nice part
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Maza a gaya aaj k part m
Maza a gaya aaj k part m
Thanks you Sanju for posting my songs… Keep writing, love your stories, n it’s appreciated how you manage all your work ,hobbies, n giving time to your friends n family also….
Wish you good luck for ur bright future Dada
Bahut beautiful song likha h #shamakhan
Aur Sanju ji part bhi bahut beautiful bilkul aapke dil ki tarah khubsurat..
Very beautiful
Nice part.. waiting next part
Superrb part or song bahut hi osm h