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Love You Zindagi – 27

Love You Zindagi – 27

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मिसेज शर्मा के फोन रखने के बाद मिस्टर शर्मा ने कहा,”क्या कहा सार्थक ने , कब तक आएंगे वो लोग ?”
“अभी तो वे लोग मनाली में है , सार्थक ने बताया वहा बहुत बर्फ पड़ रही है।”,मिसेज शर्मा ने कहा


“मैंने सार्थक से कहा भी था इस उन्हें किसी गर्म जगह पर जाना चाहिए था। अच्छे से घूम भी लेते और समय भी खराब नहीं होता ,, वैसे तुम कही जा रही हो क्या ?”,मिस्टर शर्मा ने मिसेज शर्मा को साड़ी का पल्लू जमाते देखकर पूछा।


“हाँ वो नीचे सोसायटी में आज सोसायटी लीडर के लिए मीटिंग रखी गयी है तो सब लेडीज उसमे आ रही है , मैंने भी इस बार अपना नाम दिया है तो मुझे भी बुलाया है। आपका खाना बनाकर मैंने डायनिंग पर रख दिया है आप खा लेना”,मिसेज शर्मा ने दरवाजे की तरफ जाते हुए कहा
“और तुम ?”,मिस्टर शर्मा ने पूछा
“अब सोसायटी की इतनी बड़ी मीटिंग है , वहा से बिना खाये थोड़ी आउंगी मैं”,कहते हुए मिसेज शर्मा वहा से चली गयी।  

सोसायटी के मीटिंग हॉल में सोसायटी लीडर के लिए मीटिंग रखी गयी थी जिसमे सोसायटी की सभी महिलाये और कुछ आदमी भी आये थे। कुमार नंदन अपनी पत्नी के साथ बैठे थे और साथ ही सोसायटी के दूसरे मालिक भी वहा मौजूद थे। मिसेज आहूजा , मिसेज यादव , मिसेज तिवारी सबसे आगे पड़ी कुर्सियों पर साथ साथ बैठी थी , वही उनके बगल वाली कुर्सियों पर कुछ और लोग बैठे थे। मिसेज गुप्ता की मिसेज आहूजा से बोलचाल बंद थी इसलिए वे भी आगे वाली लाइन में उनसे थोड़ी दूर जाकर बैठ गयी।

उन्होंने अपने बगल वालीं कुर्सी को खाली रखा शायद किसी का इंतजार कर रही थी।
कुछ देर बाद मिसेज शर्मा मीटिंग हॉल में आयी तो मिसेज गुप्ता ने चिल्लाकर कहा,”मिसेज शर्मा ! यहाँ आ जाईये,,,,,,,,,,!!”


मिसेज शर्मा उनकी तरफ बढ़ गयी और खाली पड़ी कुर्सी पर आ बैठी। कुछ ही दूर बैठी मिसेज आहूजा ने देखा तो मुंह बनाकर बगल में बैठी मिसेज तिवारी से कहा,”हुंह ! कल तक मेरे साथ बैठकर मिसेज शर्मा और उनकी बहू की बुराईया करती रहती थी और आज मिसेज शर्मा की खास बन रही है,,,,,,,,,,!!”
“मिसेज आहूजा ! आप क्यों मिसेज शर्मा से इतना ऑब्सेस्ड है ?”,मिसेज तिवारी ने आग में घी डालने का काम किया


“अरे इन लोगो से ऑब्सेस्ड हो मेरी जुत्ती , ये लोग है क्या मेरे सामने ? इन लोगो का कोई स्टेंडर्ड भी है और वो मिसेज शर्मा अपनी बहू के दम पर कितना उछलती रहती है , एक बार मैं इस सोसायटी की लीडर बन जाऊ उसके बाद उन सास बहु को धक्के मारकर यहाँ से निकालूंगी”,मिसेज आहूजा ने नफरत भरे स्वर में कहा
वे आगे कुछ बात कर पाती उस से पहले ही उनके कानों में कुमार नंदन की आवाज पड़ी जो स्टेज पर खड़े होकर माइक हाथो में लिए कुछ कह रहे थे। सभी ध्यान से उन्हें सुनने लगे।


“लेडीज एंड जेंटलमेंट ! आप सभी का इस मीटिंग में आने के लिए बहुत बहुत आभार ! जैसा की आप सभी जानते है आज की ये मीटिंग सोसायटी लीडर के लिए रखी गयी है। मुझे ये बताते हुए काफी ख़ुशी हो रही है कि वैसे तो लीडरशिप के लिए बहुत से नाम आये है और यहाँ स्टेज पर मौजूद सोसायटी के चेयरमेन और बाकि सब ने मिलकर उनमे से कुछ नामो को प्राथमिकता दी है तो मैं चाहूंगा कि मैं जिनका नाम लू वे अपनी अपनी जगह पर खड़े हो जाये,,,,,,,,,,,!!”


कुमार नंदन की बात सुनकर सब तालिया बजाने लगे। कुमार नंदन ने एक एक करके सभी नाम बोलने शुरू किये
मिसेज तिवारी , मिसेज बंसल , मिसेज वर्मा , मिसेज शर्मा,,,,,,,,,,,,,,,,!!
चार नाम लेने के बाद कुमार नंदन खामोश हो गए , अपना नाम ना पाकर मिसेज आहूजा का दिल धड़कने लगा। कुमार नंदन ने उस से वादा किया था कि वे उनका नाम लिस्ट में डाल देंगे लेकिन यहाँ तो सिर्फ चार नाम थे। मिसेज आहूजा का चेहरा उतर गया और वे जैसे ही उठकर वहा से जाने को हुई कुमार नंदन ने कहा,”एक नाम और है जो इस लिस्ट में सबसे ऊपर है और वो है मिसेज आहूजा”


मिसेज आहूजा का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर है ये सुनकर मिसेज आहूजा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। मीटिंग हॉल में मौजूद सभी लोग उनके लिए तालिया बजाने लगे। मिसेज आहूजा भी ख़ुशी ख़ुशी अपनी जगह पर खड़ी हो गयी।  

कुमार नंदन ने आगे कहा,”सोसायटी लीडर के लिए ये 5 नाम चुने गए है लेकिन लीडर इनमे से कोई एक बनेगा और इसके लिए आप पांचो को सबका विश्वास जितना होगा क्योकि आप में से कौन लीडर बनेगा ये तय करेंगे सोसायटी में रहने वाले आप लोग,,,,,,,,,,,,,,,तो आप पांचो को मेरी बहुत बहुत शुभकामनाये,,,,,,,,,!!”
हॉल एक बार फिर तालियों से गूंज उठा। मिसेज तिवारी , मिसेज बंसल के चेहरे पर परेशानी के भाव थे क्योकि उनका सोसायटी के लोगो में ज्यादा उठना बैठना नहीं था।

वही मिसेज वर्मा को भी उनकी हरकतों की वजह से लोग कम ही पसंद करते थे। अब बची मिसेज आहूजा और मिसेज शर्मा तो मिसेज आहूजा के सामने बोलने की कोई हिम्मत नहीं करता था और मिसेज शर्मा शीतल के आने के बाद से खुद किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी। कुल मिलाकर सभी को बहुत मेहनत करने की जरूरत थी।
मीटिंग खत्म होने के बाद सबने चाय नाश्ता किया और अपने अपने घर चले गए।

कुमार नंदन को अकेले देखकर मिसेज आहूजा उसके पास आयी और उसका हाथ पकड़कर उसे लिफ्ट की तरफ लाकर दांत पीसते हुए कहा,”ये सब क्या है कुमार जी , आपने कहा था आज की मीटिंग में आप मुझे सोसायटी की लीडर घोषित कर देंगे और आपने मेरे साथ 4 नाम और दे दिए ,, आप मेरे साथ ये कौनसा खेल खेल रहे हो ?”


“मिसेज आहूजा ! आप क्यों परेशान हो रही है , अरे सोसायटी इलेक्शन में आप ही जीतेंगी,,,,,,,,,,,,,अगर आज मीटिंग में अकेले आपका नाम जाता तो सबको शक हो जाता और आपके साथ साथ सब मुझे भी गलत समझते इसलिए मैंने आपके नाम के साथ 4 ऐसे नाम दिए जिनके जीतने के चांस बहुत कम है क्योकि उनके सामने आप खड़ी होगी , और सोसायटी के लोगो का विश्वास कैसे जितना है ये आप अच्छे से जानती है। सोसायटी के लोगो को पटाना आपके बांये हाथ का खेल है।”,कुमार नंदन ने कहा


“वो कैसे ?”,मिसेज आहूजा ने कहा
“अरे जैसे मुझे पटाया था कड़ाई पनीर खिलाकर,,,,,,,,,,,!!”,नंदन ने दाँत दिखाते हुए कहा
मिसेज आहूजा ने सुना तो हल्का सा मुक्का नंदन के सीने पर मारा और इतरा कर कहा,”क्या कुमार जी आप भी ना,,,,,,,,,,!!”


“अच्छा अब मैं चलता हूँ किसी ने मुझे यहाँ देख लिया तो दिक्कत हो जाएगी,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए कुमार नंदन वहा से निकल गया। मिसेज आहूजा खुश होकर जैसे ही जाने के लिए पलटी सीढ़ियों के पास खड़ी बिट्टू को देखकर उसके चेहरे से ख़ुशी एकदम से गायब हो गयी।  

बिट्टू ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप वहा से चली गयी क्योकि वह जानती थी उसके बोलने से कुछ नहीं बदलने वाला।

चित्रकूट , मोंटी का घर
“आज शाम 4 बजे की ट्रेन है , आने जाने और वहा 2 दिन तो लग ही जायेंगे इसलिए उस हिसाब से कपडे रख लेना,,,,,,,,,,,,!”,मिस्टर शर्मा ने मिसेज शर्मा से कहा  
“ठीक है , आपने समधी जी को हमारे जयपुर आने के बारे में बता दिया ना ,, कही हमारे अचानक जाने से उन्हें परेशानी हो,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने अपनी साड़ी बैग में रखते हुए कहा


“इसमें परेशानी की क्या बात है ? गलती बच्चे करते है और परेशान माँ बाप को होना पड़ता है। अगर हमारी औलाद और बहू ने ये सब नहीं किया होता तो आज क्या जरूरत थी हमे वहा जाने और परेशान होने की,,,,,,,,,,,इस उम्र में जहा पोते-पोतियो का मुंह देखना चाहिए यहाँ बच्चे शर्मिंदगी का मुंह दिखा रहे है,,,,,,,,,,,,!!”,मिस्टर शर्मा ने गुस्से से कहा


अपने कमरे में बैठा मोंटी सब सुन रहा था और ये सब सुनकर उसे बुरा भी लग रहा था। धीरे धीरे उसे समझ आ रहा था कि एक छोटी सी बात ने सबको कितना परेशान कर दिया है। उसने अपना फोन उठाया और रुचिका को मैसेज करना का सोचा लेकिन मैसेज टाइप करके वापस मिटाया और खुद में ही बड़बड़ाया,”नहीं अब ना कोई मैसेज ना कोई कॉल , सीधा फेस टू फेस रुचिका से बात करूंगा ताकि कोई ग़लतफ़हमी बीच में रहे ही ना,,,,,,,,,,,!!”


मोंटी फोन हाथ में पकडे अपने आप में ही खोया हुआ था कि मिस्टर शर्मा कमरे में आये और कहा,”यहाँ बैठे रहने से बहु घर वापस नहीं आएगी , उठो और अपने बैग में कपडे भरो ,, 4 बजे ट्रेन है और लेट नहीं होना है”
“जी जी पापा,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने हड़बड़ाकर कहा


“और जे फोन को आग लगा दो , सारे फसाद की जड़ जे फोन ही है,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मोंटी के पापा वहा से चले गए और उनकी बात को सही मानकर मोंटी ने भी अपना फोन फेंकने के लिए हवा में हाथ उठाया और अगले ही पल उसे कुछ याद आया और उसने हाथ नीचे करके फोन की स्क्रीन को अपने होंठो से छू लिया क्योकि आज भी मोंटी के फोन की स्क्रीन पर उसकी और रुचिका की शादी की तस्वीर का वॉलपेपर लगा था।

मोंटी ने अपना फोन साइड में रखा और अपना बैग ज़माने लगा,,,,,,,,,,,,,,एक ख़ुशी और हल्का सा डर उसके मन में उथल पुथल मचा रहा था लेकिन मोंटी जानता था इसके बाद सब ठीक हो जाएगा

चडीगढ़ , अवि का घर
सुबह से दोपहर हो गयी लेकिन चौधरी साहब घर नहीं आये ना अवि का कोई फोन आया।  निबी का रो रोकर बुरा हाल था उसकी तबियत बिगड़ने लगी तो सौंदर्या ने उसे खाना खिलाकर दवा देकर सुला दिया। शीतल निबी का ख्याल रखने के लिए वही रुक गयी और सार्थक चौधरी साहब से मिलने पुलिस स्टेशन चला गया। नैना के पास कोई नहीं था। उसकी रिपोर्ट्स और तबियत में सुधार देखकर विहान ने उसे प्राइवेट रूम में शिफ्ट कर दिया।

नैना को अजीब लगा कि उसके साथ हॉस्पिटल में कोई भी नहीं है , ना अवि , ना उसकी मॉम और ना शीतल सार्थक,,,,,,,,,,,,,,,उसने विहान से पूछा लेकिन विहान को इस बारे में कुछ नहीं पता था। नैना का फोन भी घर पर था उसके पास इंतजार करने के अलावा कोई दुसरा चारा नहीं था इसलिए वह बिस्तर पर लेटी रिमोट से टीवी के चैनल बदलने लगी। टीवी से बोर होकर नैना ने जैसे ही उसे बंद करना चाहा टीवी पर चल रही एक न्यूज पर उसका ध्यान गया।


नैना ने जैसे ही टीवी पर अनुराग के एक्सीडेंट में मरने की खबर सुनी उसका दिल धक् से रह गया। उसे अपनी आँखों पर विश्वास नही हुआ कि ऐसा भी कुछ हो सकता है ? नैना का हाथ काँपने लगा , उसकी आँखों के सामने बीती रात के नज़ारे आने लगे जब वह अनुराग को धमका रही थी और उस पर गुस्सा कर रही थी।

नैना को लगने लगा उसकी वजह से अनुराग के साथ ये हादसा हुआ है , धीरे धीरे वह खुद को अनुराग की मौत का जिम्मेदार मानने लगी। हमेशा हर हाल में मजबूत रहने वाली नैना फड़क कर रो पड़ी। नैना को रोते देखकर नर्स ने विहान से जल्दी आने को कहा।

विहान कमरे में आया उसने जब नैना को बच्चो की तरह रोते देखा तो उसके पास आया उसे चुप कराते हुए कहा,”रिलेक्स नैना ! अचानक से तुम्हे क्या हुआ अभी तुम बिल्कुल ठीक थी , शांत हो जाओ देखो मैं हूँ यहाँ”
नैना को इस वक्त कुछ समझ नहीं आ रहा था उसके जहन में अनुराग की मौत चल रही थी और आँखों के सामने अनुराग का चेहरा आ रहा था


नैना इस बात से इतना डर गयी कि विहान के सीने में सर छुपाकर रोने लगी और कहा,”मैंने उसे नहीं मारा है,,,,,,,,,,,,,मैंने उसे नहीं मारा”


विहान समझ नहीं पाया नैना ऐसा क्यों कह रही है ? उसे लगा शायद दवाओं के ओवरडोज की वजह नैना बहक रही है उसने इशारे से नर्स को इंजेक्शन देने का इशारा किया और नैना का सर सहलाते हुए कहा,”रिलेक्स नैना ! आई नो तुमने किसी को नहीं मारा तुमने शायद कोई बुरा सपना देखा है। जस्ट रिलेक्स , देखो मै यही हूँ तुम्हारे पास अवि भी थोडी देर में आता ही होगा,,,,,,,,,,,,!!”


कहते हुए उसने नैना के हाथ पर इंजेक्शन लगा दिया और कुछ देर बाद ही नैना शांत हो गयी। वह धीरे धीरे नींद के आगोश में जाने लगी और विहान ने उसे बिस्तर पर लेटा दिया। उसने नर्स से नैना का ध्यान रखने को कहा और वहा से जाने लगा। कमरे से बाहर जाते हुए उसकी नजर टीवी पर चल रही न्यूज पर पड़ी और वह धीरे से बड़बड़ाया,”अनुराग मित्तल”

विहान अपने केबिन में आया और अवि को फोन लगाया। एक रिंग के बाद ही अवि ने फोन उठा लिया।
“अवि ! इस वक्त तुम जहा भी हो तुरंत हॉस्पिटल पहुंचो,,,,,,!!”,विहान ने कहा
“क्या हुआ ? नैना ठीक है ना ?”,अवि ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“वो सब मैं तुम्हे फोन पर नहीं बता सकता , प्लीज”,विहान ने कहा


“ठीक है मैं आता हूँ,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और फोन काट दिया।
अवि चौधरी साहब के वकील के साथ पुलिस स्टेशन में था। विहान से बात करने के लिए वह बाहर ही रुक गया और वकील साहब जमानत के कागज लेकर अंदर चले गए। विहान से बात करके अवि अंदर आया तो देखा चौधरी साहब के साथ सार्थक भी वहा मौजूद है तो अवि को थोड़ी राहत महसूस हुई।

चौधरी साहब को जमानत मिल चुकी थी लेकिन उन्हें शहर से बाहर ना जाने की सलाह दी गयी। अवि , चौधरी साहब , वकील और सार्थक पुलिस स्टेशन से बाहर आये। अवि ने अपना वक्त बर्बाद ना करते हुए सार्थक से कहा,”सार्थक तुम डेड को लेकर घर जाओ मैं हॉस्पिटल जा रहा हूँ , नैना अकेली है।”
“मैं भी साथ चलता हूँ,,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने कहा


“नहीं डेड आप घर जाकर रेस्ट कीजिये , मॉम घर पर है और आपके लिए परेशान हो रही है।”,अवि ने अपने पापा से कहा
“ठीक है , मैं सौंदर्या के साथ शाम में हॉस्पिटल आता हूँ,,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने कहा तो अवि ने हामी में सर हिलाया और वहा से चला गया। वकील साहब को कोर्ट छोड़कर सार्थक चौधरी साहब के साथ घर निकल गया।

अवि हॉस्पिटल आकर विहान के चेंबर में आया और कहा,”क्या हुआ नैना को ?”
विहान ने देखा अवि लगभग हांफ रहा है तो उसने अवि को बैठने के लिए कहा और पानी का गिलास उसकी तरफ बढाकर कहा,”रिलेक्स पानी पीओ”


अवि कुर्सी पर बैठा और पानी पीकर कहा,”अब बताओ विहान तुमने मुझे इतनी जल्दी में क्यों बुलाया ?”
विहान ने कुछ देर ख़ामोशी से अवि को देखा और कहा,”नैना की रिपोर्ट्स ठीक है , उसे ICU से शिफ्ट कर दिया है लेकिन,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन क्या ?”,अवि ने घबराहटभरे स्वर में कहा
“ये अनुराग मित्तल कौन है ?”,विहान ने पूछा


विहान के मुंह से अनुराग का नाम सुनकर अवि को हैरानी हुई और उसने कहा,”तुम उसे कैसे जानते हो ?”
“मैं उसे नहीं जानता बल्कि मैंने तो ये नाम भी पहली बार ही सुना है लेकिन टीवी पर देखा आज सुबह एक एक्सीडेंट में उसकी मौत हो गयी ,, ये न्यूज देखकर नैना बहुत घबरा गयी थी और रोने लगी थी,,,,,,,,,,,,,,,,वो काफी डरी हुयी थी तो मैं बस ये जानना चाहता हूँ कि क्या नैना उसे जानती है या नैना का कोई पास्ट उस से जुड़ा है ?”,विहान ने गंभीरता से पूछा


अवि जिस बात को नैना से छुपाना चाहता था वही बात नैना के सामने आ चुकी थी और अवि ये सुनकर खामोश हो गया।

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