Love You जिंदगी – 27
Love You Zindagi – 27
नैना एमेर्जेंसी से बाहर आयी और आकर बेंच पर बैठ गयी ! शीतल और सार्थक भी बेंच पर आ बैठे तीनो के बिच ख़ामोशी थी ! शीतल के साथ सार्थक को देखकर नैना को अच्छा लगा लेकिन इस वक्त वह शीतल से कोई बात नहीं करना चाहती थी ! सार्थक ने देखा रात के 9 बज रहे है वह चुपचाप उठा और बाहर निकल गया कुछ देर बाद आया तो उसके हाथ में खाने का सामान था उसने वह शीतल की और बढ़ा दिया और नैना को खिलाने का इशारा कर दिया !! शीतल ने डिब्बा खोला और नैना की और बढ़ा दिया ! भूख तो नैना को लगी थी वह कुछ देर डिब्बे को देखती रही और फिर शीतल के हाथ से डिब्बा लेकर खुद खाने लगी ! शीतल मुस्कुरा दी बचे दूसरे डिब्बे में से उसने खुद खाया और सार्थक को खिलाया ! खाने के बाद नैना वहा से उठकर बाहर चली गयी ! शीतल और सार्थक अकेले ही बैठे थे की शीतल के गले में खाना अटक गया और वह खांसने लगी ! सार्थक ने पास पड़ी पानी की बोतल शीतल को दी और उसकी पीठ थपथपाने लगा ! शीतल ने पानी पीया तो उसे थोड़ा आराम मिला !
“तुम ठीक हो ?”,सार्थक ने पूछा
“हां , नैना कहा है ?”,शीतल ने इधर उधर देखते हुए कहा
“वो बाहर गयी है !”,सार्थक ने कहा
“बाहर क्या कर रही है ? मैं उसे अंदर बुला लाती हूँ ,, ठण्ड भी है थोड़ी आज बीमार पड़ जाएगी वो”,शीतल ने उठते हुए कहा तो सार्थक ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”तुम्हारे और रुचिका की वजह से वो हर्ट है , उसे कुछ देर अकेला छोड़ दो ! मुझे यकीन है वो सुबह तक नार्मल हो जाएगी”
सार्थक की बात सुनकर शीतल को थोड़ी हैरानी हुई उसने कहा,”तुम्हे नैना के बारे ये सब कैसे पता ?”
“मेरी कभी उस से ज्यादा बातें नहीं हुई है , पर जितनी भी हुई उन सब बातो में मैंने हमेशा तुम्हारे और रुचिका के लिए परवाह देखी है , उसका तरिका गलत हो सकता है लेकिन इरादे नहीं ! जिंदगी को जिस नजर से वो देखती है हमारे पास वो नजर शायद है ही नहीं ! उसका साफ बोलना भले सुनने वाले को कभी कभी बुरा लगे लेकिन कई बार वो सही होता है !”
शीतल ख़ामोशी से सार्थक की बातें सुन रही थी ! सार्थक ने वैसे ही उसका हाथ पकड़ा हुआ था , सार्थक के मुंह से नैना की तारीफ सुनकर शीतल को खुद पर ही शर्म आ रही थी ! एक वक्त था जब नैना की पर्सनालिटी और हाजिरजवाबी को शीतल पसंद करती थी फिर आज ऐसा क्या होगा गया की वह और रूचि नैना से बात करने में भी कतराने लगे थे ! शीतल के चेहरे पर उदासी छा गयी सही कहा था नैना ने आज जो कुछ हो रहा था वह उन्ही लोगो की लापरवाही का नतीजा था ! सार्थक ने शीतल को खोये हुए देखा तो उसका हाथ छोड़ दिया और कहा,”इस वक्त नैना से किसी भी बारे में बात करना तुम तीनो के बिच की दूरियों को बढ़ा देगा ! बेहतर होगा रुचिका के ठीक हो जाने के बाद तुम दोनों से बात करो और अपने बिच की गलतफहमियां दूर कर लो !”
शीतल को अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह वापस सार्थक की बगल में बैठ गयी ! नैना बाहर घूमते हुए रुचिका के ठीक हो जाने की दुआ कर रही थी ! दिल्ली आये अभी उसे एक महीना भी नहीं हुआ था और इतनी सारी परेशानिया एक साथ आ चुकी थी ! नैना वही बाहर बेंच पर आ बैठी दिमाग शून्य में अटक गया ! जब पहली बार वह रुचिका से मिली थी तब हंसती मुस्कुराती रुचिका उसे बहुत अच्छी लगी थी लेकिन आज उसे यहाँ देखकर नैना काफी उदास थी ! उसने जेब से फोन निकाला और अपने पापा को फोन लगाया , कुछ देर रिंग बजने के बाद उधर से नैना के पापा विपिन जी ने फोन उठाया और कहा – हां बेटा जी
नैना – हाय डेड
विपिन जी – इतना सेड हाय , सब ठीक है ना बेटा जी ?
नैना – नहीं डेड , मैंने बताया था ना रुचिका मेरी रूम मेट ,, वह अभी हॉस्पिटल में है
विपिन जी – हॉस्पिटल ? क्या हुआ उसे वो ठीक तो है ना बेटा ? (घबरा जाते है)
नैना – हां डेड ठीक है वो बस ऐसे ही थोड़ा सा चक्कर आ गया था उसे (नैना ने असल बात छुपाते हुए कहा क्योकि वह नहीं चाहती थी किसी की भी नजर में गलत इमेज बने )
विपिन जी – तुम कहो तो मैं सुमि जी से बात कर लेता हूँ , वो वहा आ जाएगी !
नैना – डेड रिश्तेदार है वो
विपिन जी – तो क्या हुआ ?
नैना – इन रिश्तेदारों ने कब किसका भला किया है ? साले सब के सब हरा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!
विपिन जी – बेटाजी आप फिर मेरे रिश्तेदारों को गाली दे रहे हो (नैना की बात बिच में ही काटकर कहते है)
नैना – सॉरी डेड , वो गलती से ,,, खैर आप कैसे है ?
विपिन जी – अच्छा नहीं हूँ तुम्हारी बहुत याद आती है मुझे और आराधना को , ऐसा कब तक चलेगा बेटा जी और तुम्हे तो जॉब करने की भी जरूरत नहीं है ,, इकलौती बेटी हो हमारी लेकिन हमसे दूर हो
नैना – सॉरी डेड मैं भी आप दोनों को बहुत मिस करती हूँ ,, लेकिन अभी नहीं आ सकती बहुत सी परेशानिया है उन्हें सॉल्व करना है यहाँ
विपिन जी – कैसी परेशानिया बेटा जी ?
नैना – अरे डेड ! ऐसे ही नार्मल ,, आपकी नैना चुटकियो में सॉल्व कर देगी
विपिन जी – बेटा जी कुछ गड़बड़ तो नहीं कर रही हो ना तुम ? देखो दिल्ली एक बड़ा शहर है वहा किसी से बेवजह मत उलझना !
नैना – सामने वाले को नुकसान है डेड मुझे नहीं ,, अच्छा मैंने आपको ये बताने के लिए फोन किया था दो हफ्ते बाद मैं लखनऊ आ रही हूँ अपनी दोस्तों के साथ , आपको परेशानी तो नहीं होगी ना ?
विपिन जी – कैसी बात करती हो बेटा जी ? मैं तो बहुत खुश हूँ मैं कल ही आराधना से कहकर तुम्हारी पसंद के नारियल के लड्डू बनवा देता हूँ !
नैना – अरे मम्मा को परेशान मत कीजिये आप , मैं वहा आकर बनवा लुंगी ! अच्छा डेड
विपिन जी – हां बेटा जी कहो
नैना – आई मिस यू (आँखे भर आती है)
विपिन जी – मिस यू टू बेटा जी
नैना – हम्म्म्म ! (गला रुंध गया कुछ बोला नहीं गया)
विपिन जी – क्या बेटा जी ? रुला दिया आपने ,, फोन रखो और हां अपना ख्याल रखना !
नैना – आप भी !!
नैना ने फोन काट दिया और वही बैठी रही ! उसने अपने दोनों हाथो की कोहनियाँ अपने घुटनो पर रखी और उंगलिया आपस में फसाकर मुंह से लगा ली ! नैना का मन अब शांत था ! कुछ देर बाद सार्थक आया और आकर उसकी बगल में बैठते हुए कहा,”अरे आज तुम्हारे आस पास इतना सन्नाटा कैसे ?”
नैना फीका सा मुस्कुराई और कहा,”किस्मत का थप्पड़ जब गाल पड़ता है ना बाबू तो अच्छे अच्छे खामोश हो जाते है !”
“नैना अब भूल जाओ ना वो सब , रुचिका ठीक है इस से ज्यादा अच्छी खबर और क्या हो सकती है ?”,सार्थक ने कहा
“वो बात नहीं है उसने ऐसा किया क्यों ये नहीं समझ आ रहा है ? वो इतनी भी वीक नहीं है यार की सुसाइड करने का सोचे”,नैना ने सोचते हुए कहा
“तुम परेशान मत हो नैना , उसने ऐसा क्यों किया वो खुद तुम्हे बता देगी !”,सार्थक ने कहा
“तुम घर नहीं गए ?”,नैना ने सार्थक की और देखकर कहा
“नहीं माँ से बात हो गयी है , उन्हें बोल दिया दोस्त के घर हूँ ,, तुम और शीतल यहाँ अकेले हो इसलिए मैं भी रुक गया !”,सार्थक ने कहा
“हम्म्म्म थैंक्स !”,नैना ने कहा
“थैंक्स की जरूरत नहीं है तुमने भी मुझपर भरोसा दिखाया था ना अब मेरी बारी है !”,सार्थक ने कहा
नैना ने आगे कुछ नहीं कहा बस वहा बैठी रही उसे खामोश देखकर सार्थक की भी हिम्मत नहीं हुई आगे बात करने की ! कुछ देर बाद दोनों उठकर अंदर चले गए ! अंदर आने पर देखा शीतल को वही बेंच पर ही नींद आ गयी है ! नैना ने अपना जैकेट निकाला और उसे ओढ़ा दिया ! सार्थक और नैना सामने पड़ी दूसरी बेंच पर आ बैठे कुछ देर बाद नैना को नींद आ गयी और उसका सर सार्थक के कंधे से जा लगा लेकिन सार्थक को उस वक्त नैना ने सिर्फ एक मासूम और शांत चेहरा नजर आ रहा था ! उसने भी आँखे मूंदकर अपना सर पीछे दिवार से लगा लिया ! सुबह नैना की आँख खुली वह उठकर नल के पास आयी मुंह धोया पानी पीया और हॉस्पिटल के सामने बनी चाय की दुकान से चाय लेकर पिने लगी ! चाय पीकर वह वापस आयी तब तक शीतल और सार्थक भी जाग चुके थे ! कुछ देर बाद डॉक्टर ने आकर बताया की रुचिका अब पूरी तरह ठीक है वे लोग उस से जाकर मिल सकते है ! नैना और शीतल खुश होकर अंदर गयी रुचिका सो रही थी ! उसकी बांयी और दूसरे बेड पर शुभ सो रहा था जिसके हाथ पर नीडल लगी थी ! सार्थक आकर उसके पैरो के पास बैठ गया ! रुचिका के दांयी तरफ पड़ा बेड खाली था नैना उस पर आकर लेट गयी उसकी नजर पास ही पॉलीथिन में रखे सेबों पर गयी नैना ने उसमे से एक उठा लिया और आधी लेटकर खाने लगी ! शीतल और सार्थक कभी एक दूसरे को तो कभी नैना को देख रहे थे ! कुछ देर बाद डॉक्टर आया रुचिका का चेकअप किया तो रुचिका की नींद टूटी और उसे होश आ गया ! उसने डॉक्टर को अपने सामने देखा तो धीरे से कहा,”मुझे किसने बचाया डॉक्टर क्या मैं ज़िंदा हूँ ?”
“नहीं बेटा जन्नत में हो !”,नैना ने सेब खाते हुए कहा ! रुचिका के कानो में नैना की आवाज पड़ी तो उसने हैरानी से अपनी बगल में बेड पर लेटी नैना को देखा !
“अगर ये लोग आपको सही वक्त पर यहाँ नहीं लाती तो आपकी जान भी जा सकती थी ! आपको ब्लड चढ़ाया गया है इसलिए शाम तक यही रुकना होगा उसके बाद आपको डिस्चार्ज कर देंगे”,डॉक्टर ने रुचिका की फाइल में दवाईया लिखते हुए कहा और फिर वहा से चला गया
रुचिका ने जब सूना की नैना उसे यहाँ लेकर आयी है और ब्लड भी दिया है तो नैना का अपने लिए प्यार देखकर उसकी आँखे भर आयी और उसने नैना की और देखकर कहा,”तुमने मुझे ब्लड दिया ?”
“हट बे पांडा , इतना भी प्यार नहीं है तुझसे की मैं अपना खून वेस्ट करू !”,नैना ने बेपरवाही से कहा
“फिर किसने ?”,रुचिका ने पूछा तो नैना ने साइड में देखने का इशारा किया , रुचिका ने अपनी दूसरी और देखा तो शुभ को लेटा पाया ! उसके हाथ में लगी नीडल देखकर रुचिका समझ गयी ब्लड डोनेट उसने किया है ! रुचिका ने वापस नैना की और देखा तो नैना हसने लगी और हँसते हुए बैठकर कहा,”इसको बड़ा प्यार आता था मुझपे माँ कसम आज के बाद मेरे आस पास नहीं फटकेगा !”
नैना की बात सुनकर सार्थक शीतल और रुचिका तीनो हंस पड़े ! शीतल रुचिका के पास आयी और उसका हाथ थामकर कहा,”सॉरी मुझे तुम्हे अकेले छोड़कर नहीं जाना चाहिए था !” रुचिका ने आँखों में आये आंसुओ को पोछते हुए कहा,”मेरी गलती है तुम लोगो की कोई गलती नहीं है , मैं बेवकूफ हूँ जो मैंने ऐसा किया !”
“हां पांडा , क्या कहती थी तू प्यार में जिंदगी जन्नत बन जाती है ,, मैं नहीं आती तो पहुंच जाना था तुमने भी जन्नत !”,नैना ने सेब खाते हुए कहा तो रुचिका ने उसे पास आने का इशारा किया ! नैना उठाकर रुचिका के पास आयी तो रुचिका ने धीरे से कहा,”सॉरी यार माफ़ कर दे”
नैना मुस्कुराई और रुचिका को गले लगा लिया ! रुचिका ने अपना हाथ आगे किया तो पहले शीतल और फिर नैना ने उसके हाथ पर हाथ रख दिया सार्थक उन तीनो को देख रहा था नैना ने देखा तो कहा,”तू भी आजा !”
सार्थक ने भी आकर अपना हाथ उन सबके हाथो पर रख दिया ! तीनो लड़कियों की दोस्ती फिर से हो चुकी थी साथ में सार्थक भी उस दोस्ती में शामिल हो चुका था ! चारो में हाथ ख़ुशी से ऊपर उछाला तो पास लेटे शुभ की नींद खुल गयी और उसने उठकर बैठते हुए कहा,”मैं कहा हूँ ?”
“ससुराल में हो बेटा”,नैना ने उसकी और आते हुए कहा ! नैना को सामने देखकर शुभ घबराकर कोने में दुबक गया और हाथ जोड़ते हुए कहा,”ए मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूँ मेरा पीछा छोड़ दो , मुझे घर जाने दो !”
“अरे शुभू ऐसे डरते नहीं”,नैना ने बड़े प्यार से कहा
“अरे आज के बाद मैं तुम्हे परेशान नहीं करूंगा , तुम मेरी बाइक भी रख लेना ,, तुम पर लाइन भी नहीं मारूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दीदी,,,,,,,,,,,,आज से दीदी बुलाऊंगा तम्हे !”,शुभ ने गिड़गिड़ाते हुए कहा
“क्या शुभू बेबी ?”,नैना ने उसे छेड़ते हुए कहा
“अरे भाड़ में गया ये बेबू बुबु मुझे नहीं बनना बेबी , सार्थक मुझे यहाँ से लेजा मेरे भाई ,, आज इसने मेरा खून डोनेट किया है कल को ये मेरी किडनी भी डोनेट करवा देगी !”,शुभ ने कहा तो सार्थक को भी हंसी आने लगी वह शुभ को वहा से अपने साथ लेकर चला गया ! नैना जोर जोर से हंसने लगी तो शीतल ने कहा,”तुम्हे बेचारे को इतना भी नहीं डराना चाहिए था !”
“मेरी गलती नहीं है मेरी शक्ल ही ऐसी है , मेरी प्यारी बातें भी लौंडो को धमकाना लगता है”,नैना ने हँसते हुए कहा और वही पास पड़े बेड पर लेट गयी !!
शाम को रुचिका को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया ! नैना ने सारा बिल पे किया और रुचिका शीतल के साथ हॉस्पिटल से बाहर चली आयी चलते चलते रुचिका लड़खड़ाई तो नैना ने उसका हाथ पकड़कर थाम लिया ! रुचिका ने नैना की और देखा तो नैना ने कहा,”प्यार लात मारकर जा सकता है पर मैं तो दोस्त हूँ गिरने थोड़ी दे सकती हूँ !”
रुचिका को उस दिन वाली बात याद आ गयी जब नैना ने कहा था,”प्यार में जब लात पड़े तो चली आना मैं वही मिलूंगी !” रुचिका मुस्कुरा दी और नैना के गले लगकर कहा,”ये लात पड़नी भी जरुरी थी नैना वरना दोस्तों की अहमियत समझ कैसे आती ?”
शीतल ने कैब बुक कर दी थी कुछ ही देर बाद वो आ गयी नैना आगे बैठी शीतल और रुचिका पीछे बैठ गयी ! नैना ने उसे अपार्टमेंट चलने को कहा , शाम का वक्त था और मौसम भी काफी खुशनुमा था नैना खिड़की पर अपनी ठोड़ी टिकाये बाहर का नजारा देख रही थी ! पिछले कितने दिनों से वह घुटन में जी रही थी अब खुली हवा में साँस लेकर उसे अच्छा लग रहा था ! अभी कुछ ही वक्त गुजरा था नैना ठीक से उन नजारो को अपनी आँखों में कैद कर ही रही थी की कैब ड्राइवर ने म्यूजिक ऑन कर दिया – दिल कहता है चल उनसे मिल , रुकते है कदम रुक जाते है !
गाना जैसे ही नैना के कानो में पड़ा वह पलटी उसने ड्राइवर को पहले तो घुरा और फिर म्यूजिक की आवाज बढाकर मुस्कुराते हुए खुद भी साथ में गाने लगी,”दिल कहता है चल उनसे मिल , उठते है कदम रुक जाते है !
रुचिका और शीतल को नैना का ये बदलाव समझ नहीं आया वे दोनों कभी एक दूसरे को देखती तो कभी नैना को
क्रमश :- love-you-zindagi-28
previous part :- love-you-zindagi-26
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संजना किरोड़ीवाल !!
Kaafi dino bad part m sab khush the…bas ab ruchi naina ko bta de ki sachin ne use kya kuch kha ..by God naina ne uski watt lga deni h
Lovely part
Ab tak ka best part naina ne to hsa hsa ke rula diya .dosti esi hi hoti he . outstanding, awesome part
Osm 👌👌
Bahut hi beautiful part tha
Awesome Part⭐⭐⭐⭐⭐👌👌👌👌👌
lovely part
nice part
मैम बहुत दिनों बाद हैप्पी वाला भाग आया हैं….नैना शीतल रुचिका के साथ सार्थक की भी दोस्ती हो गई ये अच्छा हुआ…अब तो सचिन और निरंजन सर की सच्चाई सबके सामने लानी हैं और ये चारों मिलकर जरूर ये काम करेंगे😊 awesome part👌👌👌👌
Naina is in love…
Woww aaj ka part to bhut happy happy tha mja aa gya padhkr Phir s in tino ki dosti ho gyi aur sarthak bhi ab inki team m shamil ho gya bs ab ruchi sachin ki baat naina ko bta de Phir to naina use bina pani k hi Aise dhoyegi ki Kbhi bhul nhi pyega
gud
😆😆😆😆😆
😂😂😂😂awesome Neena… bichyara shubh 😂😂mja aa gya aaj to ab Neena Sachin ko achha sa sabk sikhade our shittl Raj ko 💞💞💞💞👌👌👌👌👍👍👍👍
Very beautiful
Hamesa ki jaise perfect just ek jhagh spelling mistake ha
Kahani ko badavb likh sakte ho …….choti si full with suspence
Aj ke bad shubh naina ke pass bhi nhi aayega🤣🤣🤣🤣🤣
Interesting part
Ab dosti or pakki ho jayegi inki
Awesome part 👌👌 ab tak ka best part
Bhut hi acha part tha ab shayad yh sb milkr sachin ki sachai sbke samne lekar ayenge
Kahin hote hote naina madam ko bhi to nahi ho gaya 😂😂 chalo yaar doston ke bich ka darrar khtm hua ab thora shital ji par dhyan diya jai 👍👍👍👍👍⭐⭐⭐⭐⭐
👌👌👌👌
Awesome part kafi dino baad teeno ki bonding dikhi hai bas ek baar ruchika naina ko bta d3 sachin ne kya kaha usse naina ka roudra roop dekhega sachin
Superb part
aj ka part kafi sukhd tha mja aa gya shubh to sb didi hi bolega nd sachin ke to l lgne wale hai bechare ki nokri bhi jayegi or chokri bhi
chlo acha h teeno ko dosti phr se ho gyi bdia h pr yh naina ko ese.gaane.psnd aagye kahi avi lie feeling to nhi yh
Shatprtishat sukhad part….
Amazing part…akhir laut k buddhu ghar ko aaye…ab to bss dhamake ka intjaar hai…naina or avi ki love story bhi to dekhni hai jo ki hat ke hogi…😃😃😃😃😃
Naina ki to bat naina jane re
Ohh shubh to bhai ban baitha.. sahi h jb tk laat na pade (thokar na lage) tb tk unki value nhi hoti jo apke apne h..
Aj Bahut Khusi Hui Ruchika V acchi ho gayi or ruchika,naina aaur shital m dosti v ho gayi acchi si…
Awsm👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
Owsm part
मेरी ज़िन्दगी सँवारी मुझको गले लगा के
बैठा दिया फ़लक पे मुझे ख़ाक से उठा के
मेरी ज़िन्दगी सँवारी मुझको गले लगा के
बैठा दिया फ़लक पे मुझे ख़ाक से उठा के
यारा, तेरी यारी को मैंने तो ख़ुदा माना
याद करेगी दुनिया तेरा-मेरा अफ़साना
for you SanJana