Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 20

Love You Zindagi - 20
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Love You Zindagi – 20

बारिश की वह रात उन तीनो लड़कियों की जिंदगी में एक कभी ना भूलने वाला पल लेकर आयी थी ! नैना का लॉकेट अवि की शर्ट के बटन में उलझा हुआ था नैना ने निकालने की कोशिश की जब नहीं निकला तो नैना ने जोर से खींचा लॉकेट का तो कुछ नहीं बिगड़ा लेकिन अवि के शर्ट का बटन टूट गया और नैना उस से कुछ दूर जा गिरी !
“ये क्या किया ये मेरी फेवरेट शर्ट थी , इसका बटन तोड़ दिया तुमने !”,अवि ने नीचे गिरा बटन उठाकर देखते हुए कहा
“मेरी कोई गलती नहीं है , मेरे लॉकेट में फंस गया था तो टूट गया ,, सॉरी !”,नैना ने उठकर खुद को झाड़ते हुए कहा
“इसने शर्ट का बटन तोड़ा है इसे लगाने को बोलूंगा तो ये लगा देगी , जब मेरे सामने खड़ी होकर ये शर्ट का बटन लगाएगी तो कितनी रोमांटिक फीलिंग आएगी मुझे , और हो सकता है इसे भी वो महसूस होने लगे जो मुझे होता है ,, अवि तू तो ग्रेट है यार !”,अवि ने मन ही मन सोचते हुए खुद से कहा और फिर उठकर नैना से कहा,”तुमने तोड़ा है तुम ही लगाओगी !”
“हैं ? मुझे ये सब लगना नहीं आता है”,नैना ने कहा
“तो मुझे भी कहा आता है ? मुझे नहीं पता तुम्हे लगना ही पडेगा !”,अवि ने झूठमूठ का नाराज होते हुए कहा
“अजीब लौंडा है , कतई लड़कियों वाली हरकत कर रहा है !”,नैना ने मन ही मन कहा और अवि की और मुड़कर बोली,”लिस्टन मुझे ये सब चोंचलेबाजी नहीं आती , मैं निचे जा रही देखने की मेरी रूममेट्स कहा रह गयी ? बाय !”
अवि कुछ बोलता इस से पहले ही नैना सीढ़ियों से होकर निचे चली आयी जैसे ही ग्राउंड फ्लोर पर पहुंची उसकी साँस चढ़ गयी निचे घुटनो तक पानी भरा हुआ था ! नैना को पानी से फोबिया था इतना सारा पानी देखते ही वह वापस जाने के लिए जैसे ही मुड़ी अपने पीछे खड़े अवि से टकरा गयी दोनों का बेलेंस बिगड़ा और दोनों पानी में आ गिरे ! नैना की आँखों के आगे तो जैसे अन्धेरा सा छा गया कुछ पल के लिए तो उसे समझ ही नहीं आया की वहा हो क्या रहा है ? घुटनो जितने पानी में भी वह डर की वजह से ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी ! अवि ने खुद को सम्हाला और देखा नैना डूब रही है वह नैना के पास आया और उसे उठाया नैना इतना डर गयी की अवि को सामने देखकर वह उसके गले आ लगी और कसकर उसे पकड़ लिया ! ठंडे पानी में भी अवि को करंट महसूस हो रहा था नैना के इतना नजदीक आने के बारे में तो उसने कभी सोचा भी नहीं था ! नैना ने उसे इतना कसकर पकड़ा हुआ था की अवि कुछ देर तो वही खड़ा रहा ,, नैना ने डर के मारे अपनी आँखे बंद कर ली अवि ने डरते हुए अपना नैना की कमर पर रखा उसका हाथ काँप रहा था , धीरे धीरे वह पानी से होते हुए सीढ़ियों की और आया ! बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी चारो और पानी ही पानी नजर आ रहा था , बाढ़ जैसे हालात हो चुके थे ! जैसे ही अवि सीढ़ियों के पास आया उसने महसूस किया नैना के हाथो की पकड़ अब ढीली हो चुकी है ! अवि ने जैसे ही उसे खुद से दूर किया देखा नैना बेहोश हो चुकी थी , ये देखकर अवि थोड़ा घबरा गया लेकिन ऐसे हालात में वह ना तो नैना को वहा छोड़ सकता था , ना डॉक्टर के पास लेकर जा सकता था ! अवि ने कुछ देर सोचा और फिर नैना को गोद में उठाकर ऊपर ले जाने लगा , पानी में भीगने की वजह से उसके कपडे उसके बदन से चिपक गए जो की देखने में अवि को असहज लग रहे थे उसने नजरे दूसरी और घुमा ली ! नैना के बालो और कपड़ो से गिरता पानी सीढ़ियों को भीगा रहा था ! अवि जैसे ही सेकेण्ड फ्लोर आया सार्थक की मम्मी दरवाजे पर ही मिल गयी और नैना को उस हालत में देखकर कहा,”अरे ! इसे क्या हुआ ?”
“कुछ नहीं आंटी वो पानी में गिरने की वजह से ये बेहोश हो गयी है !”,अवि ने बताया
“इसे जल्दी से ऊपर ले जाओ”,सार्थक की मम्मी ने कहा तो अवि नैना को लेकर आगे बढ़ गया ! अवि के जाने के तुरंत बाद बगल वाले फ्लेट से मिसेज शर्मा निकलकर आयी तो सार्थक की मम्मी ने उन्हें नैना के बारे में बताया ! सुनकर मिसेज शर्मा फुसफुसाते हुए कहने लगी,”मुझे पहले ही पता था ये नई लड़किया सही नहीं है , और ये नैना ये तो एक नंबर की घमंडी और मुंहफट लड़की है ! पानी में गिरने का तो बहना है जरूर कही से पार्टी करके आ रही होगी ,, शराब भी तो पीते है लेट नाईट पार्टियों में !”
“हां बहन जी ! मुझे तो सार्थक की चिंता हो रही है ,, फोन भी नहीं लग रहा है उसका , उस पर ये बारिश पता नहीं कब थमेगी !”,सार्थक की मम्मी ने चिंता जताते हुए कहा
“मुझे नहीं लगता आज ये रुकेगी , मैं तो जाती हूँ आप अपने बेटे पर नजर रखियेगा सूना है उसकी भी दोस्ती है इन लड़कियों से !”,इतना कहकर मिसेज शर्मा वहां से चली गयी लेकिन सार्थक की मम्मी को उनकी कही बात बुरी लगी , वे शीतल को पसंद करती थी और जानती थी वह बहुत ही सीधी और अच्छी लड़की है
सार्थक की मम्मी ने हाथ में पकड़े फोन से एक बार फिर सार्थक का नंबर मिलाया और अंदर चली गयी !
अवि नैना को लेकर ऊपर आया उसने दरवाजा खोला और उसे गोद में उठाये अपने फ्लैट में आ गया ! नैना को जमीन पर लेटा दिया और परेशान सा इधर उधर घूमते हुए सोचने लगा की क्या करे ? कुछ देर बाद उसे याद आया और उसने अपनी मम्मी को फोन लगा जो की एक डॉक्टर थी !
“हेलो मॉम ! मेरी बात ध्यान से सुनो !”,कहकर अवि ने सारी बातें अपनी माँ को बता दी बस ये नहीं बताया की डूबने वाली कोई लड़की है !
“ओह्ह ! शायद उसके फेफड़ो में पानी चला गया है और इस वजह से उसे साँस लेने में दिक्कत हो रही होगी ! एक काम करो सबसे पहले तो उसे जमीन पर सीधा लेटा दो अपने दोनों हाथो से उसके लेफ्ट साइड को पुश करो !”
“व्हाट ?”,अवि ने चौंककर कहा
“उसके सीने पर अपने हाथो से दबाव बनाओ , और हो सके तो उसे अपने मुंह से हवा दो !”,अवि की मॉम ने फोन पर कहा
“हम्म्म्म !”,अवि को अभी भी कुछ समझ नहीं आ रहा था उसे चुप देखकर उसकी मॉम ने कहा,”जल्दी करो अवि !”
“या मॉम !”,कहकर अवि ने फ़ोन साइड टेबल पर रखा और अपने दोनों हाथो से नैना बांयी तरफ पुश किया , दो चार बार ऐसा करने से ही नैना को एक तेज साँस आयी और फेफड़ो में फंसा पानी उसके मुंह से बाहर आया और वह खाँसने लगी ! अवि की जान में जान आयी उसने फोन उठाकर कहा,”मॉम मैं आपको थोड़ी देर में कॉल करता हूँ !”
अवि ने फोन रखा और नैना की और पलटकर कहा,”हे तुम , तुम ठीक हो ,, वो पानी में गिरने की वजह से तुम बेहोश हो गयी थी !
“मुझे पानी से फोबिया है !”,नैना ने खांसते हुए कहा
“तुम पूरी तरह भीग गयी हो मैं तुम्हारे लिए कुछ कपडे लेकर आता हूँ !”,कहते हुए अवि उठा और अपने कमरे में आकर नैना के लिए कपडे ढूंढने लगा कुछ नहीं मिला तो तौलिया अपनी एक टीशर्ट और पेंट लेकर वहा वापस आया और नैना को देकर कहा,”तुम जाकर कपडे बदल लो , गीले कपड़ो में रहोगी तो बीमार पड़ जाओगी , बाथरूम उस तरफ है !”
नैना को वहा थोड़ा अजीब लग रहा था पर इस वक्त उसके पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं था कपडे लेकर वह बाथरूम की और चली गयी ! अवि ने देखा वह भी भीगा हुआ है तो कपडे बदलने चला गया ! नैना ने अवि के कपडे पहने वो उसे लूज थे नैना उन्हें पहनकर बाहर आयी तो देखा अवि कपडे बदल चुका था ! उसने नैना को बैठे के लिए कहा और एक शॉल देकर कहा,”इसे ओढ़ लो ठंड नहीं लगेगी !”
“मैं ठीक हूँ !”,कहकर नैना ने वह शॉल साइड में रख दिया ! उसकी आँखों के सामने अभी भी पानी लहरा रहा था उसे अब रुचिका और शीतल की फ़िक्र होने लगी थी ! अवि ने कुछ देर नैना को अकेले छोड़ना सही समझा और खिड़की के पास आकर बारिश का नजारा लेने लगा !

शीतल और सार्थक एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे ! अचानक बिजली कड़की तो दोनों को वहा होने का अहसास हुआ , सार्थक पीछे हट गया और कहा,”बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है ऐसे में यहाँ से जाना सही नहीं होगा , हमे बारिश के रुकने का इंतजार करना चाहिए”
“हम्म्म !”,शीतल ने कहा और अंदर आकर बैठ गयी ! सार्थक भी उसके सामने पड़े सोफे पर बैठ गया ! बाहर बारिश के थपेड़ो का शोर था तो अंदर एक गहन ख़ामोशी जिसे तोड़ने की हिम्मत ना सार्थक में थी ना ही शीतल में दोनों एक दूसरे के सामने बैठे कभी कभी एक दूसरे को देख लेते और फिर बाहर की और देखने लगते ! ख़ामोशी अक्सर ऊबाने लगती है सोचकर सार्थक ने कहा,”दिल्ली में ऐसी बारिश अक्सर होती रहती है !”
“मैंने आज से पहले इतनी तेज बारिश नहीं देखी , रुचिका भी बाहर है और नैना पता नहीं अपार्टमेंट पहुंची होगी की नहीं ?”,शीतल ने अपनी दोनों दोस्तों के बारे में चिंता जताते हुए कहा
“डोंट वरी रुचिका बाहर अपने दोस्तों के साथ होगी , सेफ होगी और नैना उसे मेरे हिसाब से किसी सिक्योरिटी की जरूरत नहीं है ,, शी इज फेब !”,सार्थक ने कहा !
“क्या बात है नैना से बड़ा इम्प्रेस हो तुम ?”,शीतल ने सार्थक को छेड़ते हुए कहा
“झूठ नहीं बोलूंगा ! मैं उस से बहुत इम्प्रेस हूँ , मतलब क्या लड़की है वो ? एकदम अलग ,, अपनी बात को बिना किसी लाग् लपेट के साफ मुंह पर बोल देती है ,, लाइफ को लेकर उसका नजरिया हम सब से बहुत अलग है !”,सार्थक ने नैना की तारीफ करते हुए कहा
“हां वो सच में बहुत अलग है !”,कहते हुए शीतल थोड़ा सा उदास हो गयी उसे नैना को थप्पड़ मारने वाली बात याद जो आ गयी ! शीतल को चुप देखकर सार्थक ने मन ही मन सोचा,”शीतल से अवि के बारे में पूछना चाहिए या नहीं , पूछ लेता हूँ कम से कम पता तो चले शीतल इस बारे में क्या सोचती है ?” सार्थक ने अपना गला साफ किया और कहा,”तुमसे एक बात पूछ सकता हूँ !”
“हम्म्म पूछो !”,शीतल ने कहा
“तुम्हारे सामने वाले फ्लेट में जो अवि रहता है , वो कैसा लगता है तुम्हे ?”,सार्थक ने कहा
“कैसा लगता है मतलब ? अच्छा लड़का है पर मेरी उस से ज्यादा बात नहीं हुई !”,शीतल ने कहा
“ज्यादा बातें ना हो तो ही अच्छा है , सब इसे अच्छे लगते है एक मुझे छोड़कर !”,सार्थक ने मन ही मन कहा तो शीतल ने कहा,”क्या हुआ तुमने ऐसे क्यों पूछा ?”
“कु कुछ नहीं वो भी यहाँ आते रहते है लायब्रेरी इसलिए पूछा !”,सार्थक ने कहा
“वैसे मैंने उनको ज्यादा बाहर निकलते नहीं देखा , रुचिका बता रही थी की वो कोई ह्यूमन नेचर फोटोग्राफर है !”,शीतल ने बताया
“ओह्ह अच्छा , एक सवाल और पूछ सकता हूँ !”,सार्थक ने डरते डरते कहा
“हां पूछो !”,शीतल ने कहा वह सार्थक के साथ हमेशा सहज महसूस करती थी
“राज में तुमने ऐसा क्या देखा जो बाकि लड़को में नहीं है ?”,सार्थक ने कहा
शीतल कुछ देर खामोश रही और फिर कहने लगी,”उस से मैं कॉलेज के पहले साल में मिली थी , तब वह मुझे बहुत अच्छा लगा था , बाद में पता चला की वो कॉलेज का लीडर है तो मैंने उससे दूर रहना ही ठीक समझा ! लेकिन धीरे धीरे दोस्ती हुई और एक दिन उसने पुरे कॉलेज के सामने मुझे परपोज़ कर दिया , मैंने हां कह दिया ! उसके बाद से राज और मैं कॉलेज में साथ साथ रहने लगे ! राज के अलावा कोई मुझे आँख उठाकर भी देखता था तो वह उसकी बहुत बुरी हालत करता था ! उसके सामने हमेशा खामोश रहती थी मैं , कॉलेज के 3 साल खत्म हुए मैं एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने लगी ! राज मुझे लेकर बहुत पजेसिव है , कॉलेज खत्म होने के बाद उस से मिलना कम हो चुका था और इसी वजह से वह कुछ चिड़चिड़ा रहने लगा था , आये दिन झगडे होते थे वह मुझसे इतना प्यार करता है की छोड़ नहीं सकता और मैं भी !”
सार्थक ख़ामोशी से सब सुनता रहा शीतल के मुंह से बार बार राज का नाम सुनकर उसे अच्छा नहीं लगा तो उसने कहा,”तुम बैठो मैं मम्मी को फ़ोन करके आता हूँ , परेशान हो रही होंगी वो !” सार्थक उठकर चला गया !

बारिश से बचकर सचिन और रुचिका अंदर आये जहा सचिन ने दोनों के लिए टेबल बुक की थी ! दोनों एक दूसरे के आमने सामने बैठ गए और खाना आर्डर किया ! खाना आर्डर करने के बाद रुचिका ने सचिन का हाथ अपने हाथो में लिया और कहने लगी,”सचिन जबसे तुम मेरी लाइफ में आये हो सब सही हो रहा है , मैंने कभी सोचा नहीं था तुम्हारे जैसा लड़का मुझसे इतना प्यार करेगा ,, आई ऍम सो लकी सचिन !”
“मी टू !”,सचिन ने मुस्कुराते हुए कहा
“सचिन मैं सोच रही थी की क्यों ना मैं अपने पेरेंट्स से तुम्हे मिलाउ , अगले हफ्ते वो लोग यहाँ आ रहे है !”,रुचिका ने कहा
“क्या ? इतनी जल्दी , अभी तो ये सब शुरू हुआ है रुचिका इतनी भी जल्दी क्या है ?”,सचिन ने घबराकर कहा
“मैं चाहती हूँ की जल्द से जल्द हमारी शादी हो जाये और उसके बाद हम दोनों यहाँ अपने घर में साथ रहे !”,रुचिका ने कहा
“शादी ? रुचिका शादी की इतनी जल्दी क्या है ? आई मीन इतनी जल्दी”,सचिन के माथे से पसीने की बुँदे टपकने लगी !
“क्यों तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहते ?”,रुचिका ने सवाल किया
“ऑफकोर्स करना चाहता हूँ पर इतनी जल्दी , आई मीन अभी तो मैंने तुम्हे अपने पेरेंट्स से भी नहीं मिलाया है , शादी जितना बड़ा फैसला ऐसे अचानक नहीं कर सकता मैं”,सचिन ने अपनी मज़बूरी जताते हुए कहा
“क्या प्रॉब्लम है ? मिलवा दो अपने पेरेंट्स से तुम्हे पसंद हूँ तो उन्हें भी आ जाउंगी !”,रुचिका ने जिद ही पकड़ ली !
बात को बिगड़ते देखकर सचिन ने रुचिका का हाथ थामा और कहा,”रुचिका मैं भी चाहता हूँ की तुम मेरे पेरेंट्स से मिलो , वो तुम्हे जाने समझे उनके साथ तुम्हारा एक अच्छा बांड बन जाये उसके बाद मैं उन्हें हमारे बारे में बताना चाहता हूँ , तुम ही बताओ क्या मैं गलत चाहता हूँ ?”
“नहीं !”,रुचिका ने थोड़ा अपसेट होकर कहा तो सचिन ने उसके हाथ को सहलाते हुए कहा,”तुम्हे मुझ पर भरोसा तो है न ?”
“हम्म्म !”,रुचिका ने कहा तो सचिन ने उसके हाथ को चूमा और कहा,”आई लव यू और प्लीज अब मुस्कुरा दो !”
रुचिका मुस्कुरा उठी , आर्डर आया और दोनों एक दूसरे को अपने हाथो से खिलाते हुए डिनर का लुफ्त उठाने लगे ! बाहर गिरती बारिश उस पल को और रोमांटिक बना रही थी !!

नैना खामोशी से सोफे पर बैठी सोच में डूबी थी ! अवि अभी भी खिड़की के पास खड़ा बाहर बारिश में डुबे शहर को देख रहा था ! नैना ने फ्लेट में इधर उधर नजर दौड़ाई तो उसकी नजर अवि के बगल में टेबल पर रखे रेडिओ पर गयी वह उठकर टेबल के पास आयी और रेडियो को देखते हुए कहा,”तुम इस ज़माने में रेडियो सुनते हो ?”
“जमाना कोई भी रेडिओ तो रेडियो होता है , वैसे मुझे पुरानी चीजों का बहुत शौक है , कितने भी म्यूजिक सिस्टम लॉन्च हो रेडियो रेडियो ही रहता है !”,अवि ने कहा तो नैना ने मुंह बनाकर कहा,”ये बजता भी है या ऐसे ही शो ऑफ के लिए रखा है !”
“बिल्कुल बजता है”,कहकर अवि ने रेडिओ उठाया और ऑन करके वापस टेबल पर रख दिया ! नैना बिल्कुल उसकी बगल में आकर खड़ी हो गयी और बाहर बारिश को देखने लगी ! नैना का वहा खड़े होना उसे बहुत अच्छा लग रहा था एक पॉजिटिव फीलिंग आ रही थी ! रेडियो पर किसी गाने की प्यारी सी धुन बजने लगी की अचानक लाइट चली गयी अन्धेरा होने से नैना जैसे ही मुड़ी अवि से टकरा गयी और उसके बालो की एक लट अवि की घडी में उलझ गए ! बिजली की चमक से नैना का खूबसूरत चेहरा अवि को नजर आया , वह उसे देखता ही रह गया और एक पल को नैना भी उसकी आँखों में देखने लगी ! बारिश अभी भी जोर शोर से बरस रही थी और बिच बिच में चमकती बिजली में उनके चेहरे भी ,चमक उठते ,, नैना को देखते हुए अवि को लगा जैसे बस कुछ ही पल बाद वह उसके प्यार में गिर जाएगा , उसकी फीलिंग इतनी स्ट्रांग थी की रेडियो में बजते गाने से बिल्कुल मैच हो रही थी
“दिल मेरा पूछ रहा है , तुझसे !!
क्या प्यार करोगे ? मुझसे ,, हां हां हां मुझसे !!”

सार्थक ने अपनी मम्मी को फोन किया और आकर रिसेप्शन के पास खड़ा हो गया ! शीतल ने देखा तो वह भी वहा चली आयी और खड़ी हो गयी सार्थक ने उसे देखा तो वह मुस्कुरा उठी ! बस उसकी इसी मुस्कराहट पर तो सार्थक पहले ही अपना दिल हार चुका था ! सार्थक ने अपने फ़ोन में मौसम की न्यूज़ देखने के लिए नेट ऑन किया लेकिन नेट ना होने की वजह से वह नहीं चला !
“तुम्हारे फोन में FM होगा न वह चला लो , हो सकता है उसपे कोई न्यूज़ मिल जाये !”,शीतल ने कहा
“गुड़ आइडिआ !”,कहकर सार्थक ने अपने फोन का FM चालू किया कुछ देर की मेहनत के बाद वह चल गया और पता चला की आज देर रात तक बारिश होने के आसार है ! सार्थक ने उसे ऑन करके टेबल पर ही रख दिया ताकि जानकारी मिलती रहे ! शीतल और सार्थक दोनों ख़ामोशी से न्यूज सुन रहे थे की कुछ देर बाद लाइट चली गयी ! सार्थक ने फोन की बैटरी जलाई तो शीतल ने कहा,”मुझे लगता है बारिश की वजह से लाइट चली गयी है ! तुम्हे फोन की बैटरी बचानी होगी जिस से एमेर्जेंसी कॉल कर सके !”
“तो अब क्या करे ? यहाँ बहुत अँधेरा है”,सार्थक ने कहा
“तुम्हारे पास केंडल्स होंगे ?”,शीतल ने कहा
सार्थक को याद आया कुछ दिन पहले ही अमिता के बर्थडे पर यहाँ केक काटा गया था ! और बचे हुए केंडल्स उसने अपने ड्रावर में रखे थे ! सार्थक उठा और कहा,”शायद होंगे मैं लेकर आता हूँ !”
सार्थक केंडल्स ले आया और जलाने लगा तो शीतल ने कहा,”लाओ मुझे दो मैं जलाती हूँ !”
केंडल्स लेते हुए सहसा ही शीतल की उंगलिया सार्थक के हाथो को छू गयी ! एक खूबसूरत अहसास जो सिर्फ सार्थक महसूस कर सकता था ! उसने केंडल्स शीतल को दे दिए , शीतल ने उन्हें वही काउंटर पर रखा और जैसे ही जलाने के लिए माचिस जलाई उस पिली रौशनी में उसका चेहरा सोने सा चमक रहा था ! यह मुस्क़ुराते हुए एक के बाद एक केंडल जलाते जा रही थी !सार्थक की नजरे तो बस जैसे शीतल पर जम सी गयी ! FM पर गाना रुक रुक कर चल रहा था और फिर एकदम से चलने लगा !
“हंसती है , ऐसे तू हंसती है ,,, जैसे बहारो में खिलती कली !
लगती है , तू मुझको लगती है ,, थोड़ी थोड़ी मनचली !
पहले से मैं तुझपे मरता था , कहने से डरता था , ये दास्तान
आँखों में , रातो के ख्वाबो में , तू थी बसी ओह्ह जाने जा !”
शीतल को महसूस हुआ जैसे सार्थक उसे ही देख रहा है , उसने जैसे ही सार्थक की और देखा तो पाया वह उसे ही देख रहा है सार्थक को देखते हुए उसे ख्याल नहीं रहा और हाथ में पकड़ी जलती माचिस से शीतल की ऊँगली जल गयी ! जैसे ही उसके मुंह से आह निकली सार्थक जल्दी से उसके पास आया और उसकी ऊँगली को फूंक मारने लगा ! उस वक्त वह सिर्फ एक मासूम बच्चे जैसे नजर आ रहा था जैसे ही सार्थक ने शीतल की तरफ देखा शीतल ने अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ाया और जाने लगी ! FM पर बजती गाने की लाइन सार्थक की भावनाये व्यक्त कर रही थी !
“धड़कन पूछ रही है , तुझसे
क्या प्यार करोगे ? , मुझसे ! हां हां हां मुझसे !!

क्रमश

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