Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

Love You जिंदगी – 17

Love you Zindagi
love-you-zindagi-17

Love You Zindagi – 17

ऑफिस की घडी में 10 बज चुके थे रुचिका की नजर घडी पर तो उसे घर जाने की याद आयी , उसने सारी फाइल्स समेटी और कम्प्यूटर के शट डाउन होने का इंतजार करने लगी ! उसे भरोसा था की सचिन हमेशा की तरह बाहर उसका इंतजार कर रहा होगा , तभी मैनेजर निरंजन उसके केबिन में आया और अंदर आते हुए कहा,”अरे रुचिका तुम आज ओवरटाइम कर रही हो ?”
“हां सर वो थोड़ा सा काम बाकि था तो सोचा खत्म कर लू !”,रुचिका ने कहा
“गुड़ गुड़ , तुम बहुत मेहनती लड़की हो रुचिका”,कहते हुए मैनेजर ने अपना दाहिना हाथ उसके कंधे पर रख दिया ! जैसे ही मैनेजर ने उसे छुआ रुचिका को एक अजीब सी फीलिंग का अहसास हुआ रुचिका ने कंधे को साइड करते हुए कहा,”मैं चलती हु सर !”
“अरे इतनी भी क्या जल्दी है रुचिका ? मैं भी घर ही जा रहा हु चलो मैं तुम्हे छोड़ देता हु !”,मैनेजर ने उसका रास्ता रोकते हुए कहा
“नहीं सर मैं चली जाउंगी !”,रुचिका ने कहा
“अकेले कैसे जाओगी इतनी रात में ? चलो मैं छोड़ देता हु”,कहते हुए मैनेजर ने उसका हाथ पकड़ा और उसे ले जाने लगा तो रुचिका ने हाथ छुड़ाकर कहा,”सर सचिन आ रहा है मुझे लेने , वो मुझे ड्राप कर देगा”
“सचिन वो फायनेंस डिपार्टमेंट वाला ?”,मैनेजर ने सोचते हुए कहा
“हां सर !”,रुचिका ने कहा
“तुम दोनों के बिच कुछ चल रहा है क्या ? डोंट माइंड जस्ट आस्किंग ,,!”,मैनेजर ने कहा
“सर वी आर गुड़ फ्रेंड्स सर !”,रुचिका ने नजरे चुराते हुए कहा
“ओहके ओके ! लेकिन कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो तुम मुझे कह सकती हो !”,मैनेजर ने एक बार फिर अपना हाथ रुचिका के कंधे पर रखकर उसका कंधा हल्के से दबा दिया ! रुचिका अब तो अंदर ही अंदर डरने लगी थी वह जल्दी से जल्दी वहा से निकलना चाहती थी ! मैनेजर के इरादे उसे ठीक नहीं लग रहे थे ! उसने अपना बैग सम्हाला और तेजी से वहा से निकल गयी ! मैनेजर के होंठो पर बेशर्मी की मुस्कान तैर गयी ! रुचिका तेज कदमो से चलकर ऑफिस से बाहर आयी उसके माथे पर पसीने की बुँदे तैर गयी ! वह हांफ रही थी उसने सचिन को फोन लगाया लेकिन उसका फोन बंद आ रहा था ! रुचिका को लगा आज सचिन फिर उसे परेशान कर रहा है उसने दोबारा फोन किया लेकिन उसका फोन इस बार भी बंद ही मिला ! रुचिका ने इधर उधर देखा दूर दूर तक उसे कोई दिखाई नहीं दे रहा था ! वह सड़क पार कर सामने बने ऑटो स्टेण्ड चली आयी , 10.30 हो चुके थे लेकिन अभी तक कोई ऑटो नहीं मिला , कुछ देर बाद बाइक पर दो लड़के आयी रुचिका को वहा अकेले देखकर दोनों बाइक से इधर उधर चक्कर काटने लगे ! रुचिका अब और भी ज्यादा घबरा गयी उसने जल्दी जल्दी में सचिन को फिर फोन लगाया इस बार रिंग गयी लेकिन सचिन ने फोन उठाने के बजाये एक रिंग में फोन काट दिया ! रुचिका के हाथ पैर कांपने लगे ! लड़को ने बाइक लाकर उसके सामने खड़ी कर दी और रुचिका को देखकर कमेंट्स करने लगे ! रुचिका ने उन्हें इग्नोर करना ठीक समझा रुचिका को खामोश देखकर एक लड़का बाइक से उतरा और उसकी और बढ़ा रुचिका के कदम डर के मारे पीछे जाने लगे ! तभी अचानक दूसरी बाइक आकर वहा रुकी
वो कोई और नहीं अवि था जो अपने लेट नाईट शूटिंग से लौट रहा था उसने वहा रुचिका को देखा तो मामला समझ गया और कहा,”ए रुचिका फोन क्यों नहीं उठा रही हो ?”
अवि को वहा देखकर रुचिका की जान में जान आयी दोनों लड़के थोड़ा सा घबरा गए लेकिन एक ने हिम्मत करके अवि से कहा,”कौन है तू ?”
“मैं तो उसका पति हु तुम दोनों कौन हो बे सालों ?”,अवि ने टीशर्ट की बाजु चढ़ाते हुए कहा ।
अवि के मसल्स देख कर दोनों लड़के डर गए और जो रुचिका के पास खड़ा था आकर जल्दी से बाइक पर बैठा और अवि से कहा,”सॉरी जिजाजी !”
लड़के ने बाइक स्टार्ट की और दोनों वहा से चले गए ! अवि उन्हें जाते हुए देखता रहा और फिर रुचिका के पास आकर कहा,”तुम इतनी रात में यहाँ क्या कर रही हो ?
“ऑफिस ! थैंक्यू आप नहीं आते तो वो लड़के !”,कहते कहते रुचिका रुक गयी उसके चेहरे से अभी भी डर झलक रहा था !
“इट्स ओके , लेकिन इतनी रात में अकेले मत घुमा करो ! अगर मैं नहीं आता तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम में फंस जाती तुम !”,अवि ने कहा
“सॉरी !”,रुचिका ने मासूमियत से कहा
“कोई बात नहीं आगे से ध्यान रखना और हां अपने बैग में ब्लेक पेपर और स्प्रे रखा करो काम आएगा , घर जा रही हो ?”,अवि ने पूछा
“हां लेकिन कोई ऑटो वाला ही नहीं मिल रहा”,रुचिका ने इतनी मासूमियत से कहा की अवि मुस्कुरा उठा और कहा,”कोई प्रॉब्लम ना हो तो मेरे साथ चल सकती हो , मैं घर ही जा रहा हु !”
“हम्म्म , थैंक्यू !”,रुचिका ने कहा
“तुम थैंक्यू बहुत बोलती हो , अब चले !”,कहकर अवि वापस अपनी बाइक की और बढ़ गया रुचिका आकर उसके पीछे बैठ गयी ! अवि ने बाइक स्टार्ट की और घर की बढ़ा दी ! रास्तेभर दोनों खामोश रहे किसी ने कुछ नहीं कहा रुचिका का दिल अभी भी धक् धक् कर रहा था ये सोचकर की अगर अवि सही वक्त पर नहीं आता तो उसका क्या होता ? खैर कुछ ही देर में दोनों अपार्टमेंट पहुंचे लिफ्ट काम कर रही थी दोनों लिफ्ट से तीसरे माले पर आये रुचिका को उसके फ्लेट के दरवाजे पर छोड़कर जाने लगा तो रुचिका ने कहा,”अवि !”
“हां !”,उसने पलटकर कहा
“थैंक्यू सो मच”,रुचिका ने कहा
“अरे बस करो यार मुझे शर्म आ रही है , और हां वो पति वाली बात भूल जाना उनको भगाने के लिए कही थी !”,अवि ने मुस्कुराते हुए कहा
“हां मुझे पता है , आपको नैना पसंद है !”,रुचिका भी मुस्कुरा दी
अवि ने सूना तो उसकी आँखों में एक चमक उभर आयी और उसने मुस्कुराते हुए कहा,”गुड़ नाईट !”
“गुड़ नाईट !”,कहकर रुचिका पलटी और बेल बजा दी शीतल ने दरवाजा खोला और कहा,”इतनी देर कहा लगा दी ?”
शीतल पहले से इतना परेशान थी रुचिका उसे और परेशान करना नहीं चाहती थी इसलिए बहाना बना दिया दोनों अंदर आयी ! चलते चलते रुचिका सोफे पर नैना को सोते देख रुक गयी और मन ही मन कहा,”देखा कितने आराम से सो रही है , लेकिन जल्दी ही तुम्हारी जिंदगी में भी तूफान आने वाला है !”
रुचिका फ्रेश होकर आयी तब तक शीतल ने उसके लिए खाना लगा दिया ! खाना खाने के बाद रुचिका उठकर बालकनी में चली आयी और सचिन को फोन लगाया लेकिन सचिन का फोन बंद था ! रुचिका बेमन से सोने चली आयी ! शीतल भी सोने चली गयी ना राज का फोन आया ना ही राज ने शीतल के मेसेज का जवाब दिया ! शीतल उसके फोन का इंतजार करते करते सो गयी ! अगली सुबह शीतल उठी और नहाकर मंदिर जाने के लिए निकल गयी ! पिछले दो दिन से उसका मन बहुत दुखी था मंदिर जाकर वह कुछ देर अकेले में बिताना चाहती थी ! मंदिर आयी तो देखा वहा सुबह सुबह काफी भीड़ थी , शीतल भगवान के सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गयी और मन ही मन प्रार्थना करने लगी,”हे ईश्वर मेरी जिंदगी में सब सही चल रहा था , फिर ये फिर अचानक इतनी उलझने क्यों ? गुस्से में मैंने नैना पर हाथ उठा दिया , अपने साथ साथ मैं ना जाने क्यों बाकि लोगो को भी परेशान कर रही हु ! मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है अब आप ही मुझे सही रास्ता दिखाओ !”
कहकर शीतल जैसे ही अपनी आँखे खोलकर जाने के लिए मुड़ी अपनी बगल में खड़े सार्थक से जा टकराई ! शीतल की नजरे उस से जा मिली और इस बार शीतल अपनी नजरे उस से नहीं चुरा पाई , मंदिर के प्रांगण में एक दूसरे के सामने खड़े दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे ! शीतल को अहसास हुआ तो वह वहा से जाने के लिए आगे बढ़ गयी ! सार्थक वही मंदिर में खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा ! शीतल चले जा रही थी उसके कानो में अपनी ही प्रार्थना के आखरी शब्द गूंज रहे थे “अब आप ही मुझे सही रास्ता दिखाओ !” शीतल के लिए वह सही रास्ता सार्थक था या नहीं ये तो ऊपरवाला ही जानता था पर सुबह सुबह सार्थक को यहाँ देखकर शीतल का मन जरूर बैचैन हो गया ! चलते चलते उसने पलटकर देखा सार्थक अब भी वही खड़ा उसे देख रहा था ! शीतल दौड़ते हुए वापस अपार्टमेंट की और चली गयी ! लिफ्ट बंद थी इसलिए सीढ़ियों से भागते हुए वह ऊपर आयी ! उसकी सांसे बहुत तेज थी दरवाजे के पास पीठ टिकाकर उसने आँखे मूंद ली , सार्थक का चेहरा वह अपने दिमाग से हटा देना चाहती थी ! अभी वह वहा खड़े सुस्ता ही रही थी की एक जानी पहचानी आवाज उसके कानो पड़ी,”इस तरह मुझसे भागने से तुम सच्चाई को झुठला नहीं सकती शीतल !”
शीतल ने अपनी आँखे खोली सामने सार्थक खड़ा था , वह ख़ामोशी से खड़े होकर सार्थक को देखते रही उसकी आँखों से बेबसी ओर लाचारी टपक रही थी ! सार्थक उस से दूर खड़ा रहा और कहा,”अब तक तुमने हमेशा अपने दिल की बात सुनी है एक बार अपने दिमाग की बात सुनकर देखो शीतल हो सकता है इस बार तुम सही फैसला कर पाओ !”
शीतल ने कोई जवाब नहीं दिया और जाने लगी तो सार्थक ने कहा,”मैं जिंदगीभर तुम्हारा इंतजार करूंगा , मेरा प्यार ख़त्म होने के बजाय तुम्हारे लिए और बढ़ता जाएगा !”
“तुम सिर्फ अपना वक्त बर्बाद कर रहे हो”,शीतल ने बिना पलटे हुए कहा
“तुम जो अपनी जिंदगी बर्बाद कर रही हो , अपनी खुशिया , अपने सपने बर्बाद कर रही हो उसके सामने ये वक्त कुछ भी नहीं है ! जो झूठ का पर्दा तुम्हारी आँखों पर पड़ा है उसके सामने तुम्हे मेरी फीलिंग्स नजर नहीं आएगी , तुम जाओ !”,कहकर सार्थक वहा से चला गया क्योकि वह शीतल को और ज्यादा हर्ट नहीं करना चाहता था !
शीतल अंदर आई तो देखा नैना किचन में नाश्ता बनाने में लगी हुई थी ! नैना ने तीनो के लिए नाश्ते में वेज रॉल बनाये , रुचिका और शीतल के लिए नाश्ता रखकर वह अपना नाश्ता लेकर सोफे पर आ बैठी ! किसी प्रोजेक्ट की फाइल पढ़ते हुए वह नाश्ता करने लगी प्लेट में एक रोल बचा तो नैना ने उसे एक हाथ में उठाया , दूसरे हाथ में फाइल बैग लिया और साथ ही हाथ में पकड़ा फोन जींस के पीछे वाली पॉकेट में डाल लिया ! उसे आज ही एक प्रोजेक्ट सबमिट करना था और वो कम्प्लीट नहीं था ! नैना जल्दी जल्दी में एक घंटे पहले ही ऑफिस के लिए निकल गयी ! दोनों हाथ उसके पैक थे लिफ्ट के सामने आकर उसने जैसे ही बटन दबाया और अंदर आयी , पीछे से अवि भी उसके साथ लिफ्ट में घुस गया ! नैना को उसे से कोई खास फर्क नहीं पड़ा उसने अवि से कहा,”ग्राउंड फ्लोर”
अवि ने बटन दबाया और चुपचाप नैना से कुछ दूरी बनाकर खड़ा हो गया ! नैना ने एक टुकड़ा रॉल खाया ही था की उसका फोन बजने लगा लेकिन नैना के तो दोनों हाथ बिजी थे फोन कैसे उठाती ? उसकी नजर अवि की और गयी तो उसने कहा,”सुनो ,मेरी पॉकेट से फोन निकालो !”
“मैं निकालू ?”,अवि ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा !
“तीसरा कोई दिख रहा है यहाँ ? नहीं ना तो निकालो”,नैना ने पलटते हुए कहा
अवि ने जब देखा नैना का फोन उसकी जींस के पीछे वाली पॉकेट में है तो उसे फिर झिझक हुई फोन निकालते हुए उसके हाथ काँप रहे थे ! उसने फोन निकाला तो नैना ने उठाकर कान से लगाने को कहा ! अवि ने फोन उठाया और नैना के कान से लगा दिया ऐसा करते हुए वह उसके थोड़ा करीब भी आ गया ! नैना खाते हुए बात करने लगी ! उस वक्त वह अवि को बहुत अच्छी लग रही थी वह बस उसे देखे जा रहा था ! अवि को अपनी और घूरते पाकर नैना को लगा वह उस से वेज रोल चाहता है उसने वह अवि को थमा दिया और फोन उसके हाथ से लेकर बात करते हुए लिफ्ट से बाहर निकल गयी ! नैना का जूठा वेज रोल अवि के हाथ में था वह लिफ्ट में ही खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा , गार्ड ने देखा तो उसके पास आया और कहा,”सर लिफ्ट में नाश्ता करने लगे क्या आप ?”
अवि ने एक टुकड़ा खुद खाया और दूसरा गार्ड को खिलाकर मुस्कुराता हुआ वहा से चला गया ! पार्किंग से अपनी बाइक निकालकर अवि गेट से बाहर आया उसने देखा नैना ऑटो वाले का इंतजार कर रही है तो अवि उसके सामने आया और बाइक रोककर कहा,”तुम कही जा रही हो ?”
“हम्म्म्म !”,नैना ने कहा
“केन आई ड्राप यू ?”,अवि ने डरते डरते कहा
नैना ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया और वहा से चली गयी ! बेचारा अवि बाइक स्टार्ट कर वहा से चला गया ! कुछ देर बाद ऑटो मिला तो नैना ऑफिस के लिए निकल गयी ! ऑफिस में आज वह सबसे पहले आयी थी उसके आने के आधे घंटे बाद ही कुछ स्टाफ भी आ गए ! सचिन भी आज जल्दी आया था नैना ने थोड़ी देर काम किया लेकिन आँखों में प्रॉब्लम होने लगी तो वह मुंह धोने वाशरूम की और चली आयी लेकिन यहाँ तो नैना को हैरान करने वाला एक नजारा देखने को मिला सचिन और ऑफिस की एक लड़की वहा काफी क्लोज खड़े थे ! सचिन को किसी और लड़की के साथ देखकर नैना को गुस्सा तो बहुत आया की अभी जाकर उसका मुंह तोड़ दे लेकिन रुचिका के बारे में सोचकर उसने ऐसा कुछ नहीं किया ! नैना को वहा देखकर सचिन झेंप गया और चुपचाप वहा से चला गया ! नैना ने मुंह धोया और बाहर आयी केबिन में आकर वह काम में अपना ध्यान लगाने लगी लेकिन बार बार सचिन की वो हरकत उसे याद आती जा रही थी ! दिमाग गर्म होने लगा तो नैना केंटीन में चली आयी उसने वेटर से एक कप चाय देने को कहा और वही खाली पड़ी कुर्सी पर आकर बैठ गयी ! चाय पिने के बाद नैन कुछ देर वही बैठी और फिर चपरासी ने आकर बताया की मैनेजर ने उसे बुलाया है ! नैना वहा से उठकर चली गयी !!

क्रमश :- love-you-zindagi-18

Previous Part :- love-you-zindagi-16

Follow Me On :- facebook

संजना किरोड़ीवाल !

28 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!