Love You जिंदगी – 8
Love You Zindagi – 8
सार्थक बालकनी से निकलकर अंदर हॉल में चला आया। शीतल उसके लिए चाय ले आयी और उसे देते हुए कहा,”अब तुम्हारा सर दर्द कैसा है ?”
“हम्म्म अभी थोड़ा ठीक है”,सार्थक ने कहा और चाय पीने लगा। शीतल वही हॉल में रखे कपडे तह करने लगी और फिर किचन की तरफ जाते हुए कहा,”आज तुम ऑफिस नहीं जाओगे ?”
“क्यों मेरा घर पर रुकना तुम्हे अच्छा नहीं लग रहा ?”,सार्थक ने शीतल की तरफ देखकर पूछा
सार्थक के शब्दों में शीतल को एक टोंट नजर आया लेकिन उसने नजरअंदाज करते हुए कहा,”तुमने ऐसा क्यों सोचा ? अगर तुम घर में रहोगे तो मुझे तुम्हारे साथ थोड़ा ज्यादा टाइम स्पेंड करने को मिल जाएगा”
“मैंने आज ऑफिस से हाफ डे लिया है तो दोपहर बाद जाऊंगा”,सार्थक ने कहा
“फिर तो आज मैं तुम्हारी पसंद का कुछ बना देती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे 11 बज गए,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए शीतल किचन से निकलकर तेजी से बालकनी की तरफ जाने लगी तो सार्थक ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”क्या हुआ इतनी जल्दी में कहा जा रही हो ?”
शीतल मुस्कुराई और कहा,”मेरे साथ आओ”
सार्थक शीतल के साथ बालकनी में चला आया शीतल ने बालकनी का पर्दा हटाया तो सार्थक की नजर एक बार फिर जनरल स्टोर की सीढ़ियों पर खड़े राज पर चली गयी और उसका मन खिन्न हो गया। वह मन ही मन उलझने लगा इतने में शीतल ने कहा,”सार्थक वो देखो”
सार्थक ने शीतल के हाथ की दिशा में देखा जनरल स्टोर के बिल्कुल पीछे स्कूल का एक बड़ा सा ग्राउंड था जिसके सामने वाले कॉरिडोर में कुछ लड़किया सफ़ेद सलवार सूट पहने कत्थक कर रही थी। उन्हें देखते हुए शीतल की आँखों में चमक थी और होंठो पर मुस्कराहट,,,,,,,,,,,,,,,,,वही मुस्कराहट जो कल सार्थक ने देखी थी। सार्थक वही खड़ा शीतल के साथ कुछ देर तक वो सब देखता रहा।
“वो लड़किया कत्थक करते हुए कितनी प्यारी लग रही है ना सार्थक,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बचपन में मैं भी कत्थक सीखना चाहती थी लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर इन्हे जब देखती हूँ तो बहुत अच्छा लगता है,,,,,,,,,,,,,,सार्थक,,,,,,,,,,,,,,,सार्थक”,शीतल ने सार्थक की तरफ पलटकर कहा जो की कही खोया हुआ था।
शीतल की आवाज से सार्थक की तंद्रा टूटी और उसने एकदम से कहा,”आई ऍम सॉरी”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम क्यों सॉरी बोल रहे हो ?”,शीतल ने हैरानी से कहा
सार्थक ने आगे बढ़कर शीतल को गले लगाया और उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा,”बस सॉरी”
“सार्थक तुम ठीक हो ना,,,,,,,,,,,,,,,शायद तुम ये सब देखकर इमोशनल हो रहे हो। अरे वो मेरा बचपन का सपना था अब नहीं,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा उसे लगा शायद कत्थक वाली बात सुनकर सार्थक अपसेट हो गया है।
सार्थक शीतल से दूर हटा और कहा,”तुम्हारा हर सपना पूरा करा मेरा फर्ज है शीतल,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम अगले हफ्ते से कत्थक सीखने जा सकती हो।”
शीतल ने जैसे ही सूना उसका चेहरा ख़ुशी से खिल उठा और उसने सार्थक के हाथो को थामकर कहा,”पता है सार्थक मैं हमेशा चाहती थी की मैं कत्थक करू,,,,,,,,,,,,,,,अब तुमने कहा है तो मैं जरूर सीखूंगी”
“अच्छा अब कुछ खिला दो बहुत भूख लगी है”,सार्थक ने बच्चो जैसा मुंह बनाकर कहा
“सॉरी मैं तो भूल ही गयी रुको मैं अभी तुम्हारे लिए कुछ बढ़िया सा बनाती हूँ”,कहते हुए शीतल वापस चली गयी। सार्थक कुछ देर के लिए वही रुक गया। कुछ देर पहले राज को देखकर उसके मन में शीतल के लिए जो ख्याल आया था वो अब जा चुका था। सार्थक को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि उसने शीतल पर शक किया लेकिन शीतल को इस बात का आभास नहीं हुआ। सार्थक ने देखा राज अब वहा नहीं था वह बालकनी से पीठ लगाकर खड़े हो गया और अपने हाथो को बांधकर मन ही मन खुद से कहने लगा,”शीतल बहुत सही लड़की है सार्थक , वो तुझसे बहुत प्यार करती है , बहुत भरोसा करती है तुम पर ,, तुम्हे राज को लेकर उस पर शक नहीं करना चाहिए। राज उसका पास्ट था और तुम उसका प्रेजेंट हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे ये बेफिजूल की बातें छोड़कर अपने और शीतल के रिश्ते को मजबूत बनाना चाहिए जिस से कोई राज तो क्या कोई तीसरा इंसान इसे ठेस ना पहुंचा सके। शीतल के माँ-बाप अब तुम ही हो तुम्हे उसका ख्याल रखना चाहिए , उसे खुश रखना चाहिए , उसके हर छोटे-बड़े सपने को पूरा करने की जिम्मेदारी तुम्हारी है। तुम्हे याद है तुमने शीतल के भाई के साथ साथ नैना से भी वादा किया था कि तुम उसकी दोस्त का हमेशा ख्याल रखोगे,,,,,,,,,,,,,शीतल का भाई तुम्हे माफ़ कर भी दे लेकिन नैना,,,,,,,,,,,,,,अगर उसे पता चला तुम शीतल को लेकर ये सब सोच रहे हो तो वो तो तुम्हारा खून ही कर देगी। नही,,,,,,,,,,,,नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा,,,,,,,,,,,,आज के बाद मैं शीतल पर कभी शक नहीं करूंगा,,,,,,,,,,,,,,,भगवान का शुक्र है वक्त पर मैं सम्हल गया।”
सार्थक को अपनी ही सोच पर शर्मिंदी होने लगी थी लेकिन वह खुश था की उसके और शीतल के बीच किसी तरह की दरार आने से पहले ही उसने खुद को सम्हाल लिया। उसने अपने हाथो को चेहरे पर घुमाया और अंदर चला आया। सार्थक किचन में आया और शीतल की हेल्प करने लगा। शीतल ने देखा तो कहा,”अरे अरे ये क्या कर रहे हो ? सार्थक छोडो ये सब मैं कर लुंगी”
“तो क्या हुआ ? शादी के बाद पति पत्नी दोनों का बराबर का हक़ होता है। मुझे तुम्हारी हेल्प करके अच्छा लगेगा,,,,,,,,,,,,,,,,चलो तुम अपना काम करो वैसे मैंने मम्मी की बहुत हेल्प की है किचन में,,,,,,,,,,,,,,,,,और फिर तुम तो मेरी वाइफ हो तुम्हारे लिए इतना तो कर ही सकता हूँ मैं”,सार्थक ने प्यार से कहा तो शीतल मुस्कुराते हुए उसके चेहरे की तरफ देखने लगी
शीतल को मुस्कुराते देखकर सार्थक ने कहा,”अब क्या हुआ तुम्हे ? ऐसे क्यों मुस्कुरा रही हो ?”
“आज मुझे तुम पर कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा है”,शीतल ने सार्थक की आँखों में झांकते हुए कहा
“अच्छा तो दिखा दो अपना प्यार,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने अपना गाल शीतल की तरफ करके कहा तो शीतल ने उसके गाल को साइड करके शरारत से कहा,”काम करो शरारत नहीं”
सार्थक ने सूना तो हसने लगा और फिर दोनों हँसते मुस्कुराते बातें करते किचन में काम करने लगे।
शीशे के सामने खड़ा मोंटी अपने बाल बना रहा था। सुबह के 7:30 बज रहे थे और रुचिका बिस्तर पर सो रही थी। खटपट होने से रुचिका की नींद टूटी उसने मोंटी की तरफ देखा और कहा,”गुड मॉर्निंग”
“गुड मॉर्निंग रूचि , मैं एयरपोर्ट जा रहा हूँ माला जी को लेने,,,,,,,,,,,,,तुम नाश्ता कर लेना और बैंक चली जाना। मेरे लिए नाश्ता मत बनाना मैं माला जी को होटल छोड़कर सीधा ऑफिस जाऊंगा इसलिए वही खा लूंगा”,मोंटी ने टाई पहनते हुए कहा
“हम्म्म ठीक है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे ये माला जी बड़ा अजीब नाम है , ऐसे लगता है जैसे 40-45 की कोई आंटी हो”,रुचिका ने आँखे मूँदे नींद में बड़बड़ाते हुए कहा तो मोंटी उसके पास आया उसके सर पर किस किया और कहा,”आई हॉप ऐसा ही हो , मैं चलता हूँ बाय”
“बाय,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहा और वापस सो गयी।
मोंटी फ्लेट से निकला ही था की बॉस का फोन आ गया। मोंटी ने फोन उठाकर कान से लगा लिया तो बॉस ने कहा,”हेलो मोंटी माला जी आधे घंटे में बस पहुँचने वाली है तुम एयरपोर्ट के लिए निकल गए ना ?”
“हाँ सर मैं निकल चुका हूँ एंड डोंट वरी मैं उन्हें होटल छोड़ दूंगा”,मोंटी ने खीजते हुए कहा लेकिन अपनी खीज को शब्दों में जाहिर होने नहीं दिया।
“गुड ध्यान रहे उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो,,,,,,,,,!”,बॉस ने कहा
“इतनी ही परवाह है तो खुद लेने चले जाओ ना”,मोंटी ने इस बार चिढ़ते हुए कहा
“मानव मैं तुम्हारा बॉस हूँ”,बॉस ने गुस्सा होते हुए कहा
“अरे नहीं नहीं सर मैंने आपसे नहीं कहा वो तो मैं दूधवाले भैया से कह रहा था। मैं फोन रखता हूँ”,मोंटी ने कहा और फोन काट दिया। वह लिफ्ट में आया और अपना फोन अपने सर पर दे मारा। लिफ्ट में खड़े लोगो ने मोंटी को देखा तो मोंटी झेंप गया और फोन जेब में रख लिया। वह मन ही मन खुद से कहने लगा,”बस एक बार मैं अपना नेक्स्ट इंटरव्यू क्लियर कर इसके बाद बॉस और उसकी नौकरी दोनों को लात मारने वाला हूँ,,,,,,,,,,,,,,कुत्ता बनाकर रख दिया है साला इस नौकरी ने मुझे,,,,,,,,,,,,,,,नैना सही कहती थी प्राइवेट नौकरी मतलब अपनी लंका लगवाना,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह नैना काश तुम यहाँ होती तो जरूर कोई आइडिआ दे देती लेकिन तुम तो आजकल मेरा फोन तक नहीं उठाती मिलो बताता हूँ तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,,उस अवि के प्यार में इतना पागल हो गयी हो कि अपने जिगरी दोस्त को भूल गयी,,,,,,,,,,,,,सेल्फिश लड़की,,,,,,,,,,,,,,पर तेरी बहुत याद आती है यार”
मोंटी ये सब सोच ही रहा था की लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर आकर रुकी और वह बाहर चला आया। वह जैसे ही पार्किंग में आया उसका फोन फिर बजा और इस बार भी फोन उसके बॉस का था। मोंटी ने एक गहरी साँस ली और फोन उठाकर बड़े ही आराम से कहा,”जी सर कहिये”
“मैं जानता हूँ तुम एयरपोर्ट अपनी वो खटारा बाइक लेकर जाने वाले हो,,,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए मैंने अपनी गाड़ी भेजी है दो मिनिट में तुम्हारे अपार्टमेंट के बाहर आ जाएगी वो लेकर जाना और माला जी को होटल तक छोड़कर आना,,,,,,,,,,,,समझे तुम”,बॉस ने कहा
“जी समझ गया,,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने कहा और फोन काट दिया क्योकि अपने बॉस को झेलना उसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा टॉर्चर था। मोंटी अपार्टमेंट से बाहर आया। कुछ देर बाद ही बॉस का ड्राइवर गाड़ी लेकर आ गया और मोंटी को गाड़ी की चाबी देकर वहा से चला गया। मोंटी गाड़ी में आ बैठा और स्टार्ट करके वहा से निकल गया। एयरपोर्ट पहुँचने में पुरे 20 मिनिट लगने थे इसलिए मोंटी आराम से गाड़ी चला रहा था। मोंटी ने देखा गाड़ी काफी कम्फर्टेबल और अच्छी थी उसे देखकर उसने फिर बड़बड़ाना शुरू कर दिया,”हम लोगो की दिन रात की मेहनत से ही बॉस ने ये गाडी ली है और हम लोग अभी तक बाइक पर अटके हुए है। देखना एक दिन इस से भी आलिशान गाड़ी लूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,एक नहीं 10 गाड़िया लूंगा और बॉस के घर के सामने लाइन लगा दूंगा उसे भी तो पता चले मोंटी शर्मा कौन है ? जब देखो तब मेरी बाइक को खटारा बोलता है इसकी गाड़ी में क्या हीरे जड़े है,,,,,,,,,,,,एक तो सुबह सुबह फोन करके मूड ऑफ कर दिया मेरा,,,,,,,,,,,,,,,पुरे ऑफिस में क्या मैं ही था उस माला जी को लाने वाला,,,,,,,,,,,,,,,नैना को फोन करता हूँ उस से बात करके थोड़ा तो मूड चेंज होगा”
मोंटी ने नैना का नंबर डायल किया और ब्लूटूथ लगा लिया। आज मोंटी की किस्मत अच्छी थी शायद इसलिए नैना ने दो रिंग के बाद ही फोन उठा लिया और कहा,”ओह्हो तुम ज़िंदा हो मुझे लगा अब तक मर गए होंगे”
“मरोगी तो तुम मेरे हाथ से , कोई फोन नहीं कोई मेसेज नहीं , शादी हो गयी तो दोस्तों को भूल गयी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब तो अवि चौधरी ही तुम्हारे लिए सब कुछ हो गए होंगे,,,,,,,,,,,,,,,तू इतना कैसे बदल सकती है नैना ?”,मोंटी का गुस्सा उसकी बातो से साफ झलक रहा था
“रिलेक्स ब्रो ! साँस ले ले मर जाएगा,,,,,,,,,,,,शादी करके मैंने कोई बड़ा तीर नहीं मारा है उलटा अपनी जिंदगी में चरस बो ली है,,,,,,,,,,,,,,,,,,पहले पडोसी आई मीन अवि कभी कभी मेरे सामने होता था अब तो हम एक ही घर एक ही कमरे में रहते है,,,,,,,,,,,,,,,,तु समझ सकता है ना,,,,,,,,,,,खैर मेरा छोड़ ये बता कैसा है ?”,किचन में खड़ी नैना ने अवि के लिए कॉफी बनाते हुए कहा
“ठीक नहीं हूँ यार तेरी भाषा में कहू तो “L” लगे पड़े है। जॉब , प्रमोशन , घर , मैरिड लाइफ सब एडजस्ट करते करते लगता है एक दिन मर ही जाऊंगा मैं,,,,,,,,,,,,,,,ऊपर से मेरा बॉस जब देखो तब मेरे पीछे लगा रहता है”,मोंटी ने हताश होकर कहा
“नहीं होती तो छोड़ दे जॉब , रूचि को साथ लेकर लखनऊ आ जा,,,,,,,,,,,,,,,,,शर्मा जी का खुद का काम है उसे सम्हाल,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा
“नहीं छोड़ सकता ना यार पहले अकेला था तो हर चीज अपने हिसाब से एडजस्ट कर लेता था लेकिन अब शादी हो चुकी है और रूचि की जिम्मेदारी भी मुझ पर है उसके बाद मम्मी पापा को भी देखना पड़ता है,,,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा
“हमारा लड़का इतना समझदार कब से हो गया ? अच्छा मेरी पांडा कैसी है ? आई नो तेरी तरह वो भी मुझसे बहुत नाराज होगी इन दिनों उस से और शीतल से भी बात नहीं हो पायी मेरी”,नैना ने कहा
“हाँ वो ठीक है मैंने और रूचि ने मिलकर एक प्लान बनाया है उसे लेकर वो खुद तुम्हे फोन करेगी। अच्छा तेरे से एक सवाल पुछु”,मोंटी ने कहा
“तू कब से परमिशन लेने लगा ? जैसे पहले पूछता था वैसे अब डायरेक्ट पूछ ना”,नैना ने कहा
“तू खुश है ना नैना ?”,मोंटी ने बड़े ही प्यार और परवाह जताते हुए पूछा जिसे सुनकर नैना एक पल को खामोश हो गयी और फिर कहा,”हाँ मैं खुश हूँ , बस थोड़ा टाइम लगेगा सब चीजों को एक्सेप्ट करने में लेकिन मैं कर लुंगी। अवि और उसकी फॅमिली बहुत अच्छी है और बहुत सपोर्टिव भी है। बस कभी कभी मॉम-डेड और तुम सबको बहुत मिस करती हूँ”
“हम्म्म समझ रहा हूँ शादी के बाद लड़की सुधर गयी है हमारी”,मोंटी ने शरारत से कहा
“समझदार तो बाबू बचपन से ही थे , वो तो बस हमे ही लोगो के साथ थोड़ा एडजस्ट करना नहीं आया। अच्छा तुम और रूचि चंडीगढ़ क्यों नहीं आ जाते मुझसे मिलने ?”,नैना ने कॉफी कप में छानते हुए कहा
“अभी तो नहीं नैना लेकिन हाँ कोशिश करूंगा वहा आने की बस मुझे देखकर तुम्हारा पडोसी जल ना जाये,,,,,,,,,,,,,,,,आफ्टर आल तू मेरी बेस्ट फ्रेंड है”,मोंटी ने कहा
“वो तो मैं हमेशा रहूंगी और अगर मेरी जगह किसी और को देने का सोचा भी तो मैं तेरा मुंह तोड़ दूंगी,,,,,,,,,,,,,अच्छा सुन मैं अवि के लिए कॉफी लेकर जा रही हूँ तुझसे बाद में बात करती हूँ,,,,,,,,,,!”,नैना ने कप उठाते हुए कहा
“क्या बात है पतिदेव के लिए कॉफी शोफी बनायीं जा रही है नॉट बेड नैना,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तो कभी एक ग्लास पानी तक नहीं पिलाया तुमने,,,,,,,,,,,,पिघल रही हो बेटा ?”,मोंटी ने नैना को छेड़ते हुए कहा
“मैं मुंह तोड़ दूंगी तेरा बकवास की तो,,,,,,,,,,!!”,नैना ने खीजते हुए कहा
“अच्छा ठीक है जा और थोड़ा प्यार से पेश आना,,,,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना बाय”,कहकर मोंटी ने फोन काट दिया। नैना से बात करके उसे अब थोड़ा अच्छा लग रहा था। उसने गाडी का म्यूजिक सिस्टम ऑन किया और मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गया।
मोंटी की बात सुनकर नैना ने फोन काटा और अपनी जींस के पीछे वाले पॉकेट में रख लिया। वह कॉफी लेकर किचन से बाहर चली आयी। अवि हॉल में ही था नैना कॉफी लेकर उसकी तरफ जाने लगी चलते चलते उसके कानो में सार्थक की कही बात गूंज उठी “क्या बात है पतिदेव के लिए कॉफी शोफी बनायीं जा रही है नॉट बेड नैना,,,,,,,,,,,,,,,,पिघल रही हो बेटा”
मोंटी की बात याद आते ही नैना की चाल अपने आप धीमी हो गयी। अवि के देखते हुए उसकी धड़कने बढ़ने लगी ये क्यों था नैना नहीं समझ पा रही थी पर वो महसूस कर रही थी कि वो सच में पिघलने लगी थी। चाय को हद से ज्यादा पसंद करने वाली नैना अवि के लिए कॉफी बनाने लगी थी। अवि की तरफ बढ़ते हुए नैना की नजरें अवि पर जम सी गयी। शादी के बाद अवि पहले से ज्यादा आकर्षक हो गया था। उसकी आँखे आज भी उतनी ही गहरी थी और उसके होंठ सुर्ख लाल , वह किसी फाइल को देखने में बिजी था और पेन उसके सुर्ख होंठो के बीच था। नैना खोयी हुई सी अवि के सामने आयी और कप टेबल पर रखते हुए कहा,”गुड मॉर्निंग , तुम आज जल्दी उठ गए”
अवि ने सूना लेकिन नजरे फाइल पर थी उसने नैना की बात का कोई जवाब नहीं दिया और होंठो के बीच फंसे पेन को निकालकर फाइल में रखकर फाइल बंद कर दी। नैना उसके जवाब के इंताजर में खड़ी है देखकर अवि ने फाइल साइड में रखी और उठकर जाने लगा तो नैना ने कहा,”तुम्हे कॉफी नहीं चाहिए , ये मैंने बनाई है तुम्हारे लिए,,,,,,,,,,!!”
“मुझे नहीं लगता तुम्हे मेरी फीलिंग्स की परवाह है,,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने नैना की तरफ देखकर बुझे स्वर में कहा और वहा से चला गया
“अवि,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा लेकिन तब तक अवि वहा से जा चुका था नैना का चेहरा मुरझा गया उसे बीती रात वाली घटना याद आ गयी। वह आकर सोफे पर बैठी और मन ही मन बड़बड़ाने लगी,”यार ये पडोसी तो कुछ ज्यादा ही भाव खा रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने जान बुझकर थोड़े किया था वो सब बस हो गया। उसे समझना चाहिए कि मुझे ये सब नहीं आता,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने उसके लिए कॉफी बनायीं लेकिन उसने हाथ तक नहीं लगाया,,,,,,,,,,,आहहह सब मेरी गलती है सख्त सख्त बोल के खुद को इतना सख्त बना लिया कि अब कुछ फील ही नहीं होता,,,,,,,,,,,,,,,अब मैं क्या करू कैसे मनाऊ उसे ?”
बड़बड़ाते हुए नैना ने सामने पड़ा कॉफी का कप उठाया और कॉफी पीने लगी पहली बार था जब नैना चाय छोड़ कॉफी पी रही थी। हॉल से गुजरते हुए सौंदर्या जी ने नैना को कॉफी पीते देखा तो मुस्कुरा उठी और मन ही मन कहा,”मुझे पता था नैना एक दिन तुम मेरे अवि की सारी आदतों को अपना लोगी,,,,,,,,,,,,,,,,,इस कॉफी की तरह”
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क्रमश – Love You Zindagi – 9
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संजना किरोड़ीवाल
Nice story
अब नैना बदलेगी…पर ज्यादा नहीं…
Yh Naina ab coffee pine lgi mazaa aa rha h
Bhut hi badiya part
Very beautiful
Beautiful part… sarthak k man se shaq hat gya.. lekin Raj koi na koi chaal chalega… Monti ki kismat shayad Maya badal de… padosi ruth gya h or naina uske gum m coffee pi gayi