Love You जिंदगी – 53
Love You Zindagi – 53
नैना ने अवि के लिए अपने हाथो से नाश्ता और कॉफी बनायीं लेकिन साथ ही अपना भांडा भी खुद ही फोड़ दिया। अवि ने सूना तो मुस्कुरा उठा और कहा,”अच्छा तो फिर जो बनाया है वो खिलाओगी नहीं”
“तुम बैठो ना मैं लेकर आती हूँ”,नैना ने किचन की ओर जाते हुए कहा
अवि सोफे पर आ बैठा। नैना उसके लिए कॉफी और नाश्ता ले आयी और अवि के सामने रखते हुए कहा,”आई हॉप तुम्हे पसंद आयेगा”
“तुमने इतने प्यार से बनाया है तो पसंद क्यों नहीं आएगा ? अहंमम ये काफी अच्छा बना है। धीरे धीरे तुम घर के काम में परफेक्ट होती जा रही हो नैना”,अवि ने एक निवाला खाते हुए कहा
“हम्म्म थैंक्यू अब बताओ बात क्या है ?”,नैना ने सोफे पर आलथी पालथी मारकर बैठते हुए कहा
“कौनसी बात ?”,अवि ने अनजान बनते हुए कहा और अपनी नजर कॉफी पर गड़ाए रखी
“अहा वही बात जिस से तुम इतना परेशान हो। मैंने तुम्हे ऐसे पहले कभी नहीं देखा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इतना परेशान और खामोश,,,,,,,,बताओ ना क्या हुआ ? क्या तुम अपनी नेक्स्ट एग्जीबिशन को लेकर टेंशन में हो ? तुम चाहो तो मेरी हेल्प ले सकते हो”,नैना एक साँस में सब कह गयी।
नैना के मुंह से एग्जीबिशन का नाम सुनकर अवि को अपनी असल परेशानी छुपाने का बहाना मिल गया और उसने नैना की ओर देखकर कहा,”हाँ वो कल मॉर्निंग में एग्जीबिशन है उसी को लेकर मैं थोड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बट डोंट वरी वो हो जाएगा”
“ओह्ह्ह मुझे लगा कोई और बात है। मुझे तुम पर पूरा भरोसा है पडोसी तुम कर लोगे”,नैना ने अपने हाथ से पंच बनाकर अवि की तरफ करके कहा तो बदले में अवि ने भी अपने हाथ का पंच धीरे से नैना के पंच से छू दिया।
वह चुपचाप नाश्ता कर रहा था और नैना वही सामने बैठकर निबी के बारे में सोच रही थी कि वह अवि को इस बारे में बताये या नहीं। नैना उसके बारे में सोच ही रही थी कि तभी निबेदिता वहा आयी और कहा,”भाई मुझे आपसे कुछ बात करनी है”
“बैठो ना , कॉफी लोगी ?”,अवि ने निबेदिता को बैठने का कहकर कॉफी ऑफर की। निबेदिता नैना के बगल में पड़े सोफे पर आ बैठी
“नहीं भाई थैंक्यू,,,,,,,,,,,!!”,निबेदिता ने कहा
“हाँ तो तुम कुछ कह रही थी”,अवि ने अपनी कॉफी पीते हुए कहा
निबेदिता ने एक नजर नैना को देखा दोनों की आँखे मिली तो नैना समझ गयी कि निबेदिता अवि से अपने बॉयफ्रेंड के बारे में बात करने आयी है। नैना ने कुछ नहीं कहा और सामने देखने लगी। निबेदिता ने हिम्मत की और कहा.”मैं किसी को पसंद करती हूँ भाई”
अवि ने सूना तो उसका हाथ एक पल को हवा में ही रुक गया। उसने निबेदिता की तरफ देखा और फिर नैना की तरफ लेकिन नैना ने यहाँ भी कोई प्रतिक्रया नहीं दी वह चाहती थी भाई बहन के मामले में वह बिल्कुल ना पड़े। अवि को अपनी ओर देखता पाकर निबेदिता आगे कहने लगी,”एनी बहुत अच्छा लड़का है भाई और मुझे बहुत पसंद भी करता है। हम पिछले कुछ महीनो से रिलेशनशिप में है। मैं आपको बताना चाहती थी लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं चाहती हूँ एक बार आप और मॉम-डेड उस से मिल ले। वो यही है चंडीगढ़ में,,,,,,,,,,,,,,स्पेशली आप सबसे मिलने आया है।”
अवि ने ख़ामोशी से निबेदिता की बात सुनी और कहा,”निबी मैं तुम्हारी पर्सनल लाइफ को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा लेकिन एक भाई होने के नाते जरूर जानना चाहूंगा आखिर वो कौन है ? तुम्हारे लायक है भी या नहीं ?”
“उसका नाम एनी है भाई और वो बैंगलोर में रहता है। उसके डेड का बिजनेस है और वो उसी में काम करता है। हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते है और शादी करना चाहते है”,निबेदिता ने एकदम से अपने मन की बात अवि के सामने रख दी
अवि ने खाली कप टेबल पर रखा और उठते हुए कहा,”तुम्हे उस से शादी करनी चाहिए या नहीं वो तो मैं उस से मिलने पर ही बता सकता हूँ”
“भाभी उसके बारे में जानती है”,निबेदिता ने भी उठते हुए एकदम से कहा
अवि ने हैरानी से नैना को देखा तो नैना ने उठते हुए कहा,”हां,,,,,,,,,,,,,,नहीं,,,,,,,,,,,,,,हाँ , मतलब मैंने बस उसकी तस्वीर देखी है। अच्छा दिखता है”
“अगर नैना को पसंद आ गया मतलब उस लड़के में कोई तो बात होगी,,,,,,,,,,,,,,,,मैं मॉम डेड से इस बारे में बात करूंगा एंड अगले संडे उसे घर बुलाते है”,अवि ने कहा
“थैंक्यू भाई , थैंक्यू सो मच”,निबेदिता ने अवि के गले लगते हुए कहा
“नैना का कोई भी फैसला गलत नहीं होता है निबी , ये बहुत समझदार है”,अवि ने निबी का सर सहलाते हुए नैना की तरफ देखकर कहा
नैना ने सूना तो उसका मन गुदगुदा उठा उसने अपनी दोनों हथेलियों को ठुड्डी से लगाया और अपनी आँखे मिचमिचाते हुए कहा,”हाँ क्या सच में ?”
“और थोड़ी पागल भी,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और वहा से चला गया।
नैना ने सूना तो अपना निचला होंठ बाहर निकाल लिया और निबेदिता मुस्कुरा उठी। वह नैना के पास चली आयी और कहा,”आप और भाई कितने स्वीट हो ना भाभी,,,,,,,,,,,,,,बस हमेशा ऐसे ही रहना प्यार से”
“हाँ लेकिन इस खड़ूस आदमी ने बिना किसी बहस के इतनी आसानी से तुम्हारी बात कैसे मान ली ?”,नैना अपनी ठुड्डी खुजाते हुए खुद में ही बड़बड़ाई निबेदिता ने देखा तो नैना की बांह थपथपाते हुए कहा,”ये अकेले में खुद से क्या बात कर रही हो आप ?”
“कुछ नहीं तुम जाकर अपने होने वाले पति को खुशखबरी दो,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जरा अपने वाले की खबर लेकर आती हूँ”,नैना ने सीढ़ियों की तरफ जाते हुए कहा
नैना ऊपर कमरे में आयी देखा अवि अपने लेपटॉप पर कुछ काम कर रहा था नैना उसके पास आयी और लेपटॉप बंद करते हुए कहा,”तुमने मुझे पागल क्यों कहा ?”
“तो क्या तुम नहीं हो ?”,अवि ने सामने से सवाल किया
“मिस्टर पडोसी मैं देख रही हूँ दिन-ब-दिन तुम्हारी बदतमीजियां बढ़ती जा रही है और तुम एक भोली भाली लड़की का फायदा उठा रहे हो”,नैना ने लगभग अवि के ऊपर हावी होते हुए कहा
अवि ने नैना की दोनों बाँहे पकड़ी और उसे साइड में धकेल कर कहा,”फ़िलहाल तो तुम मेरा फायदा उठा रही हो , मुझे काम करने दो डिस्टर्ब मत करो”
“तुम्हे लगता है मुझे तुम्हारा फायदा उठाने की जरूरत है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कम ऑन पडोसी ऐसी बच्चो जैसी बाते मेरे सामने मत किया करो”,नैना ने थोड़ा भाव खाते हुए कहा
“क्या तुम ये चाहती हो मैं तुम्हारे मुंह पर टेप लगा दू या फिर थोड़ी देर के लिए तुम्हे बाथरूम में बंद कर दू ?”,अवि ने नैना को घूरते हुए कहा
“नहीं तुम ऐसा क्यों करोगे ?”,नैना ने हैरानी से कहा
“अगर तुम ऐसा नहीं चाहती तो थोड़ी देर के लिए चुप रहो और मुझे अपना काम करने दो , तुम चाहो तो नीचे जाकर भोला को परेशान कर सकती हो। वो मैडम मैडम कहता तुम्हारे पीछे घूमेगा और तुम्हारी हर बात भी मानेगा”,अवि ने एक बार अपना लेपटॉप ऑन करते हुए कहा
नैना ने सूना तो मुंह बना लिया और चुपचाप वहा से जाने लगी। वह जान बूझकर अवि को परेशान कर रही थी ताकि थोड़ी देर के लिए ही सही अवि अपनी परेशानी भूल जाये। नैना जैसे ही दरवाजे की तरफ बढ़ी उसका फोन बजने लगा नैना वापस आयी फोन देखा रुचिका का था। अवि को डिस्टर्ब ना हो सोचकर नैना कमरे की बालकनी में चली आयी और फोन उठाकर चहकते हुए कहा,”हेलो मेरी पांडा कैसी हो ? ट्रिप से जाने के बाद तुमने एक बार भी फोन नहीं किया दोस्त को भूल गयी। तुझे पता है मॉम-डेड यहाँ आये थे चंडीगढ़ मैं तो शॉक्ड ही हो गयी थी उन्हें यहाँ देखकर,,,,,,,,,,,,,,,,और पता है ये सब किसने प्लान किया,,,,,,,,,,,,पडोसी ने ! ये बन्दा भी ना यार कभी कभी दिल जीत लेता है। अच्छा तू बता तू कैसी है ? तब से मैं ही बोले जा रही हूँ तू भी तो कुछ बोल,,,,,,,,,,,,,,,हेलो रूचि,,,,,,,,,,,,,,रूचि , अबे ! बोलो बे”
“नैना,,,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने रोते हुए कहा
“रूचि , रूचि क्या हुआ ? तू रो क्यों रही है ? क्या हुआ कुछ प्रॉब्लम है क्या ? रूचि बता ना क्या हुआ ? अच्छा तू है कहा ? और मोंटी , मोंटी कहा है ? तू रोना बंद कर यार और ये बता क्या हुआ ?”,नैना ने परेशानी भरे स्वर में कहा
बिस्तर पर बैठे अवि की नजर बालकनी में फोन पर बात करती नैना पर चली गयी उसे नैना की आवाज तो नहीं सुनाई दे रही थी पर उसके चेहरे के भाव दिखाई दे रहे थे जिन से साफ पता चल रहा था कि नैना परेशान है।
रुचिका ने रोते रोते नैना को सारी बात बता दी। नैना जैसे जैसे सुनते जा रही थी उसका दिमाग खराब हो रहा था साथ ही मोंटी और माला पर गुस्सा भी आ रहा था। रुचिका बस फोन पर रोये जा रही थी।
“रूचि रो मत उस मोंटी की ऐसी की तैसी वो ऐसा सोच भी कैसे सकता है ? और उस माला को तो मैं छोडूंगी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने उसके पर नहीं काटे तो मेरा नाम नैना बजाज नहीं। तू तू रो मत,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने गुस्से से कहा
“नैना प्लीज तू यहाँ आजा नैना , मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा है मैं अकेली हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,आई नीड योर हेल्प”,रुचिका ने फिर रोते हुए कहा
“रूचि तू टेंशन मत ले , मैं मैं आती हूँ ना वहा तू इस वक्त कहा है ?”,नैना ने घबराये हुए स्वर में कहा
“रेलवे स्टेशन,,,,,,,,,,,,!”रुचिका ने भर्राये गले से कहा
“देख रूचि तू कोई गलत कदम मत उठा लेना। तुझे भरोसा है ना मुझ पर , मैं सब ठीक कर दूंगी बस तू पहले घर जा प्लीज”,नैना ने रुचिका को समझाते हुए कहा
“नहीं नैना मैं उस घर में वापस नहीं जा सकती,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम आ जाओ”,रुचिका कहते हुए फिर रोने लगी
“ठीक है तुम तुम रोना बंद करो प्लीज,,,,,,,,,,,,,,मैं जल्द ही तुम्हारे पास आती हूँ। बस तुम अपना ख्याल रखना”,नैना ने रुचिका को दिलासा देते हुए कहा जबकि वह भी जानती थी कि वह इतनी जल्दी रुचिका के पास नहीं जा सकती।
“हम्म्म्म”,रुचिका ने कहा उस से अब ठीक से बोला भी नहीं जा रहा था रोने की वजह से उसका गला रुंधने जो लगा था।
नैना ने फोन काट दिया उसके चेहरे पर गुस्से और तकलीफ के भाव उभर आये। नैना को मोंटी से ऐसी उम्मीद तो बिल्कुल नहीं थी साथ ही उसे अब रुचिका की परवाह भी हो रही थी कही गुस्से में आकर उसने अपने साथ कुछ गलत कर लिया तो इन सबकी लाइफ ख़राब हो जाएगी सोचते हुए नैना जैसे ही पलटी कमरे से बालकनी में आने वाले दरवाजे पर खड़ा अवि मिल गया।
अवि को देखकर नैना ठिठकी लेकिन कहा कुछ नहीं। अवि ने नैना को परेशान देखा तो खुद ही पूछ लिया,”किसका फोन था ?”
“रूचि,,,,,,,,,,,रूचि का फोन था , फोन पर रो रही थी”,नैना ने बुझे स्वर में कहा
“रो रही थी ? आई मीन उसके और मोंटी के बीच सब ठीक है ना ?”,अवि ने कहा
“कुछ ठीक नहीं है पडोसी,,,,,,,,,,,,,,,,,इन सब की लाइफ में कुछ ठीक नहीं है”,नैना ने अवि के कंधे को थपथपाते हुए कहा और कमरे में चली आयी। नैना आकर बिस्तर पर बैठ गयी और अपना सर पकड़ लिया। रुचिका का रोना और उसका कहा एक एक शब्द नैना के दिमाग में चल रहा था। अवि नैना के पास आया और उसके सामने पड़े टेबल पर बैठते हुए कहा,”नैना तूम बताओगी मुझे क्या हुआ है ?”
“मुझे बीकानेर जाना है”,नैना ने एकदम से उठते हुए कहा और कबर्ड की तरफ चली गयी। उसने कबर्ड से कुछ कपडे निकाले और उन्हें बैग में भरते हुए खुद में ही बड़बड़ाने लगी,”सब मेरी गलती है , मुझे रुचिका को मोंटी से कभी मिलवाना ही नहीं चाहिए था। न वो उस से मिलती , ना उस से प्यार करती , ना उनकी शादी होती और ना ये सब होता,,,,,,,,,,,,,,,,बेशक मोंटी मेरा अच्छा दोस्त है लेकिन वो रुचिका को डिजर्व नहीं करता। ये सब होने के बाद तो बिल्कुल भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,उसने ठीक नहीं किया , उसने सिर्फ रुचिका का ही नहीं बल्कि मेरा भी भरोसा तोड़ा है। मुझे वहा जाना होगा , सब ठीक करना होगा , ये सब ये सब मेरी वजह से हो रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“नैना , नैना ,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने नैना के पास आकर कहा लेकिन नैना ने कोई जवाब नहीं दिया वह अपने आप में खोयी बस बैग में कपडे रखे जा रही थी। अवि ने देखा तो उसने नैना की बाँह पकड़कर उसे अपनी तरफ किया और थोड़ा ऊँचे स्वर में कहा,”नैना,,,,,,,,,,,,,!!”
अवि की आवाज से नैना की तंद्रा टूटी वह ख़ामोशी से उसे देखने लगी तो अवि ने उसके हाथ से बैग लेकर नीचे रखा और कबर्ड बंद करते हुए कहा,”ये तुम क्या कर रही हो ?”
“मुझे रूचि के पास जाना होगा अवि , इस वक्त वो बहुत अकेली है अगर उसने अपने साथ कुछ कर लिया तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उसने एक बार पहले भी अपने हाथ की नस,,,,,,,,,,,,,,,,तुम समझो मेरी बात को , मैं उसकी जिंदगी को खतरे में नहीं डाल सकती अवि , मुझे जाना होगा उसे मेरी जरूरत है”,नैना ने परेशानी भरे स्वर में कहा
अवि ने सूना तो मन ही मन खुद परेशान हो गया इस वक्त वह नैना को शहर से बाहर जाने नहीं दे सकता था। उसे नैना को लेकर डॉक्टर विहान के पास जाना था और उसका ट्रीटमेंट शुरू करना था और इस से पहले उसे नैना को उसकी बिमारी के बारे में भी बताना था।
“नैना तुम कही नहीं जाओगी , रुचिका अगर प्रॉब्लम में है तो उसकी परवाह मोंटी को होनी चाहिए तुम्हे नहीं”,अवि ने खुदगर्ज होते हुए कहा
“अबे यार पडोसी ! वो मोंटी ही तो सरे फसाद की जड़ है। उसी की वजह से रुचिका प्रॉब्लम में है वो घर छोड़कर चली गयी है , इस वक्त स्टेशन पर है और ना जाने क्या चल रहा होगा उसके दिमाग में,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या ऐसे वक्त में मुझे उसे अकेले छोड़ देना चाहिए ?”,नैना ने गुस्सा होकर कहा
“हाँ नैना लेकिन तुम कब तक और कितनी बार उन दोनों में पेचअप करवाने जाओगी ? उन्हें अपनी लाइफ में आयी प्रॉब्लम्स को खुद हेंडल करने दो ये उनकी लाइफ है”,अवि ने थोड़ा गुस्से से कहा
नैना ने सूना तो उसे थोड़ा हर्ट हुआ हमेशा उसे समझने वाला अवि आज पहली बार ऐसी बातें कर रहा था। उसकी आँखों में हल्की नमी तैर गयी उसने अवि को देखा और एक गहरी साँस लेकर कहा,”जिंदगी भी ना बड़ी कुत्ती चीज है पडोसी,,,,,,,,,,,,,,हर रोज इंसान को एक नया सवाल देती है और जब तक हम उस सवाल का जवाब ढूंढते है ये साली जिंदगी अपना सवाल बदल देती है।”
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क्रमश – Love You Zindagi – 54
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संजना किरोड़ीवाल
रूचिका ने सयापा कर दिया…नैना को बताकर उसकी लाइफ में…अब पता नहीं नैना क्या करेगी…क्योंकि अवि उसको बीकानेर नहीं जाने देगा…रूचिका क्या करेगी…आई थिंक अवि मोंटी से बात कर सालूयशन ढूंढना होगा ताकि नैना का इलाज शुरू हो और मोंटी-रूचिका का पैचअप हो जाए….
Ohh God ye log kb tk har baat k liye naina avi ko pareshan krte rhenge , chhote bacche nhi h jo apni problems khud solve nhi kr skte, kabhi Sheetal sarthak to kbhi ruchi Monti, plz writer sahiba naina avi ko in logo ki problems m mt daalo bechare in logo k chkkr m apni life ki band bja denge…
Yaar ye ruchika ko thoda to samajhna chahiye……. Use monti par bharosa karna chahiye…….
Naina avi ki bat manegi shayad nhi manegi
Avi ko sb bta dena chahiye Naina ko
Nice story
Very beautiful
Avi bhi apni jagah theek h woh abhi Naina ko kahin hi Jane nhi de skta
Behtrarin part….ye Mittal wahi h jo naina se shadi krna chahta tha or wo apna badla nibi k zariye le rha h.. avi naina ko akele nhi jane de sakta h or naina ko Ruchi hi dikh rhi h…