Love You जिंदगी – 52
Love You Zindagi – 52
मिसेज आहूजा सबके सामने शीतल को नीचा दिखाना चाहती थी लेकिन बदले में उन्हें मिला तो मिसेज शर्मा के हाथ का करारा थप्पड़,,,,,,,,,,,,,,,,शीतल ने जब देखा तो उसका दिल भर आया आज मिसेज शर्मा की आँखों में उसे अपने लिए प्यार और परवाह दोनों नजर आ रहे थे। सोसायटी की औरते जो कुछ देर पहले शीतल को लेकर उलटा सीधा बोल रही थी अब सब खामोश थी और साथ ही मिसेज आहूजा अपना हाथ गाल से लगाए खड़ी थी। मिसेज शर्मा बाकि औरतो की तरफ पलटी और कहने लगी,”कैसी लोग है आप सब ? क्या ये है आपका वीमेन क्लब ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसे मांगेगी आप लोग अपने राइट्स एक औरत को सबके सामने नीचा दिखाकर,,,,,,,,,,,,,,शर्म आनी चाहिए आप लोगो को सोसायटी की बहू के बारे में इस तरह बात करने में। कल को आप सबके घर भी कोई लड़की आएगी और हमारी अपनी बेटिया भी बहू बनकर किसी के घर जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,,,अगर उनके साथ ऐसा हो तो कैसा लगेगा हमे कभी सोचा है ? मिसेज आहूजा के नेचर से कौन वाकिफ नहीं है ? लोगो का घर तोड़ने में इन्होने कभी कोई कमी नहीं रखी है फिर भी मैंने हमेशा इनसे इज्जत से बात की लेकिन आज इन्होने सारी हदे पार कर दी,,,,,,,,,,,,,मुझे ऐसे किसी भी क्लब या ग्रुप का हिस्सा नहीं बनना जिसमे इनके जैसी सदस्य हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”
मिसेज शर्मा की बात सुनकर तो जैसे सबको सांप ही सूंघ गया। मिसेज आहूजा ने भी कुछ नहीं कहा और शर्म से सर झुका लिया। शीतल की आँखों में आँसू थे। मिसेज शर्मा उसके पास आयी और उसके आँसू पोछते हुए कहा,”तुम्हे ऐसे लोगो की बातो पर आँसू बहाने की जरूरत नहीं है शीतल,,,,,,,,,,,,,,,,चलो चलते है”
मिसेज शर्मा ने मिसेज आहूजा के हाथ से घुंघरू छीने और कहा,”आईन्दा से शीतल से दूर रहना मिसेज आहूजा”
मिसेज शर्मा ने शीतल का हाथ थामा और उसे वहा से लेकर चली गयी।
शीतल और मिसेज शर्मा अपने फ्लेट में आयी। नीचे जो हुआ उसके बारे में सोचकर मिसेज शर्मा को बहुत गुस्सा आ रहा था साथ ही उन्हें बुरा भी लग रहा था कि मिसेज आहूजा की बात मानकर उन्होंने शीतल को गलत समझा और सबके सामने उस से इस तरह बर्ताव किया। शीतल ने उस शाम जान बुझकर मिसेज आहूजा और गुप्ता के सामने डायमंड नेकलेस की बात की ताकि वे कोई उलटी सीधी हरकत करे और उनका असली चेहरा सबके सामने आ जाये।
मिसेज शर्मा और शीतल दोनों एक दूसरे की ओर पीठ किये खड़ी थी कुछ देर बाद दोनों एक साथ एक दूसरे की तरफ पलटी और कहा,”मुझे माफ़ कर दो बेटा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे माफ़ कर दीजिये माँ”
“नहीं शीतल तुम क्यों माफ़ी मांग रही हो ? इन सब में तुम्हारी कोई गलती नहीं है। मैंने तुम पर विश्वास ना करके गैरो पर किया माफ़ी तो मुझे मांगनी चाहिए। तुमने हमेशा मुझे अपनी माँ की तरह समझा और मैंने तुम्हारे साथ सास जैसा बर्ताव किया। मिसेज आहूजा इतना गिर सकती है मैंने कभी सोचा नहीं था। मुझे माफ़ कर दो बेटा,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे माफ़ कर दो”,मिसेज शर्मा ने शीतल के हाथो को थामकर भावुक होते हुए कहा
“नहीं माँ ये आप कैसी बातें कर रही है ? आप मुझसे माफ़ी मत मांगिये आपने कुछ गलत नहीं किया। आहूजा आंटी का असली चेहरा आज आपके सामने आ गया मेरे लिए इतना ही काफी है। आज आपने मेरे लिए जो स्टेण्ड लिया वो एक माँ ही कर सकती है। मुझे आप पर गर्व है माँ,,,,,,,,,,,,,,,,,आप बहुत अच्छी सास है”,शीतल ने भी भावुक होकर कहा तो मिसेज शर्मा ने उसे अपने गले लगा लिया और कहने लगी,”तुम बहुत समझदार हो शीतल मैंने तुम्हे समझने में भूल कर दी,,,,,,,,,,,,,,,,आज के बाद कैसी भी परिस्तिथिया हो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ”
“थैंक्यू माँ,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने अपने आँसू पोछते हुए कहा और मिसेज शर्मा से दूर हट गयी।
“लेकिन एक बात समझ नहीं आयी,,,,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने हैरानी से कहा
“क्या माँ ?”,शीतल ने पूछा
“ये घुंघरू जैसी मामूली चीज को तुम इतना छुपाकर क्यों ला रही थी ?”,मिसेज शर्मा ने अपनी जिज्ञासा शीतल के सामने जाहिर की
शीतल ने सूना तो थोड़ा उदास हो गयी और बुझे स्वर में कहने लगी,”जब से मैं इस अपार्टमेंट में रहने आयी थी तब से ही मैंने यहाँ के लोगो को हमेशा एक दूसरे को छोटी छोटी चीजों पर जज करते देखा है। कहने को इस अपार्टमेंट में इतने सारे लोग रहते है लेकिन कोई कोई भी दूसरे की ख़ुशी से खुश नहीं है। कपड़ो से लेकर सपनो तक सब जज किया जाता है इस अपार्टमेंट में,,,,,,,,,,,,,,,,,यहाँ रहने वाले लोगो की सोच और दिल इतना छोटा है कि वे ये सोच ही नहीं पाते कि उनकी इस जजमेंट से दुसरो की जिंदगी में कितना फर्क पड़ता है। आपने सही कहा ये घुंघरू बहुत मामूली है लेकिन ये घुंघरू मेरे सपने से जुड़े है और मैं नहीं चाहती थी कोई इन्हे देखकर मेरे सपनो को पुरे होने से पहले ही तोड़ दे”
“किसने कहा तुम्हारे सपने पुरे नहीं होंगे ? मैं भी इसी अपार्टमेंट का हिस्सा रही हूँ और जाने अनजाने मैंने भी अपने कितने ही सपनो और ख्वाहिशो को दबाया है लेकिन तुम ऐसा नहीं करोगी। तुम अपने सपने पुरे करोगी और अपनी जिंदगी को खुलकर जीओगी,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे
सपनो के बीच ये अपार्टमेंट और यहाँ के लोग तो बिल्कुल नहीं आएंगे”,मिसेज शर्मा ने विश्वास भरे स्वर में कहा
शीतल ने सूना तो ख़ुशी से फूली नहीं समाई और बैग से घुंघरू निकालकर एक जोड़ी मिसेज शर्मा की ओर बढाकर कहा,”तो फिर शुरू करे ?”
“मैं ? ना बाबा ना इस उम्र में मुझसे ये सब नहीं होगा”,मिसेज शर्मा ने झिझकते हुए कहा
“सपनो का उम्र से कोई लेना देना नहीं होता माँ और फिर कत्थक तो आपका भी सपना था ना फिर क्यों ना इस सपने को हम दोनों साथ साथ पूरा करे। आपको एक बार फिर से अपने सपने को जीने का मौका मिल जाएगा और मुझे एक गुरु”,कहते हुए शीतल घुटनो के बल नीचे बैठकर मिसेज शर्मा के पैरो में घुंघरू पहनाते हुए कहा
मिसेज शर्मा ने सूना तो उनकी आँखे नम हो गयी उन्होंने अपनी आँखों के किनारे साफ किये और कहा,”तुम जरूर पिछले जन्म में मेरी बेटी रही होगी”
“हाँ इसलिए इस जन्म में फिर आपके घर चली आयी आपकी बहू बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब शुरू करे ?”,शीतल ने बड़े प्यार से कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने साड़ी का पल्लू अपनी कमर में खोंसते हुए कहा और शीतल को कत्थक करके दिखाने लगी। शीतल बड़े प्यार से उन्हें देखने लगी और मन ही मन नैना को थैंक्स कहा क्योकि उसी ने उसे सिखाया था सिचुएशन को कैसे हेंडल किया जाता है। शीतल ने अपनी समझदारी और सूझ बुझ से अपने और मिसेज शर्मा के बीच के रिश्ते को खराब होने से बचा लिया था और ये करके उसे बहुत ख़ुशी थी।
चंडीगढ़ , अवि का ऑफिस
नैना के मॉम-डेड को एयरपोर्ट छोड़कर अवि सीधा अपने ऑफिस चला आया अगले ही दिन उसकी इम्पोर्टेन्ट एग्जीबिशन थी जिसके लिए वह पिछले कई महीनो से मेहनत कर रहा था। अवि ऑफिस में आया उसे देखते ही सब अपने अपने कामो में लग गए।
“मिस तन्वी नई एग्जीबिशन की फाइल मेरे केबिन में भेजो और मृणाल से कहो मुझसे आकर मिले”,अवि ने अपने केबिन की तरफ जाते हुए कहा
“ओके सर”,तन्वी ने कहा जो कि अवि की मैनेजर थी
अवि अपने केबिन में आया और काम में लग गया। वह अपने लेपटॉप के कीबोर्ड पर उंगलिया चला रहा था और एक इम्पोर्टेन्ट मेल टाइप कर रहा था कि अगले ही पल उसकी आँखों के सामने नैना का चेहरा आ गया और उसकी कही बातें उसके कानों में गूंजने लगी,”देखा मैंने कहा था मुझे कुछ नहीं हुआ है,,,,,,,,,,,,,,मिस्टर पडोसी मैं इतनी जल्दी तुम्हारा पीछा छोड़ने वाली नहीं हूँ अभी तो मुझे एक लम्बी जिंदगी जीनी है और तुम्हे बहुत बहुत बहुत तंग करना है”
नैना का ख्याल जहन में आते ही अवि की उंगलिया कीबोर्ड पर रुक गयी और उसने खुद से कहा,”मुझे इस वक्त नैना के पास होना चाहिए , वो बीमार है उसे मेरी किसी भी वक्त जरूरत पड़ सकती है,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे अभी जाना चाहिए”
अवि ने लेपटॉप बंद किया अपना जैकेट उठाया और जैसे ही जाने के लिए केबिन का दरवाजा खोला सामने उसका पार्टनर मृणाल खड़ा था। मृणाल ने हाथ में पकड़ी फाइल अवि की तरफ बढ़ाकर अंदर आते हुए कहा,”ये कल की एग्जीबिशन की फाइल है और तुम इतनी जल्दी में कहा जा रहे हो ? बैठो मुझे कल के बारे में तुम से कुछ जरुरी डिस्कस करना है वैसे भी तुम पुरे एक हफ्ते बाद ऑफिस आये हो ऐसे में तुम्हारे बिना ये सब सम्हालना कितना मुश्किल है तुम जानते हो ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे तुम वहा क्यों खड़े हो ? आओ ना बैठो”
अवि जाना चाहता था लेकिन मृणाल की वजह से उसे रुकना पड़ा और वह वापस चला आया। परेशानी और उदासी के भाव अभी भी उसके चेहरे पर थे। वह आकर कुर्सी पर बैठा तो मृणाल ने उसकी तरफ पानी का ग्लास बढाकर कहा,”क्या हुआ तुम इतना अपसेट क्यों हो ?”
“अह्ह्ह कुछ नहीं मैं ठीक हूँ तुम बताओ क्या बात करनी थी ?”,अवि ने पानी पीकर ग्लास टेबल पर रखते हुए कहा
मृणाल उसे एग्जीबिशन के बारे में बताने लगा जिसमे लोकेशन से लेकर बाकि सभी इम्पोर्टेन्ट चीजों का जिक्र था लेकिन अवि के दिमाग में तो बस
नैना और उसकी पॉजिटिव रिपोर्ट्स चल रहे थे।
“अवि ! अवि ! तुम सुन रहे हो ना ?”,मृणाल ने अवि को खोया देखकर उसके सामने हाथ हिलाते हुए कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,,,क्या हम इस एग्जीबिशन को डिले नहीं कर सकते ?”,अवि ने एकदम से कहा
“ये तुम क्या कह रहे हो ? ये अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है और स्पॉन्सर्स इस पर पैसा लगा चुके है डिले करने या पीछे हटने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम बताओ मुझे प्रॉब्लम क्या है ?”,मृणाल ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“नहीं कुछ नहीं,,,,,,,,,,,,,मैं तुम से कल मिलता हूँ”,अवि ने उठते हुए कहा
“अवि सब ठीक है न ?”,मृणाल ने पूछा
“हम्म्म्म,,,,,,,,,,!!”,अवि ने बुझे स्वर में कहा और वहा से चला गया
मृणाल उसे जाते देखता रहा और फिर खुद ही फाइल लेकर काम करने लगा।
निबेदिता खुश थी कि उसने नैना को एनी के बारे में बता दिया था और नैना ने उसे हरी झंडी भी दिखा दी थी बस अब एनी को बाकि घरवालों से मिलाना था। नैना अपने कमरे में सो रही थी बीते दो दिनों की भागदौड़ में वह काफी थक चुकी थी। सोते हुए नैना ने कोई बुरा सपना देखा और एकदम से नींद से जाग गयी। वह पसीने से तर बतर थी और बुरी तरह से हांफ रही थी। नैना ने अपना मुंह पोछा उसका गला सूखने लगा था साइड टेबल पर देखा पानी का बोतल खाली था। नैना ने अपने बालों को बांधा और बोतल लेकर नीचे चली आयी। नैना ने हॉल में लगी घडी में देखा शाम के 5 बज रहे थे। भोला हॉल में रखे फिश टेंक को साफ कर रहा था उसने नैना को देखा तो कहा,”नैना मैडम आपको कुछ चाहिए क्या ?”
“हाँ थोड़ा पानी , आप अपना काम करो मैं खुद ले लुंगी”,नैना ने किचन की तरफ जाते हुए कहा
नैना किचन में आयी उसने पानी पीया और फिर खाली बोतल को भरने लगी। पानी भरते हुए नैना को अवि का ख्याल आया सुबह के बाद से ही उसने अवि को देखा नहीं था। नैना बोतल लेकर हॉल में चली आयी और वहा रखे रिसीवर से अवि का नंबर डॉयल किया। एक दो रिंग जाने के बाद ही अवि ने फोन उठाया और कहा,”हेलो,,,,,,,,,,,,,,!!!”
“कहा हो तुम ?”,नैना ने सीधा सवाल किया
“ड्राइव कर रहा हूँ”,अवि ने कहा
“मॉम डेड चले गए क्या ?”,नैना ने पूछा
“हाँ उन्हें एयरपोर्ट छोड़कर मैं थोड़ी देर के लिए ऑफिस चला गया था। अभी घर ही आ रहा हूँ”,अवि ने कहा
“ठीक है”,नैना ने कहा और रिसीवर रख दिया
नैना ने बोतल उठायी और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी लेकिन पहली ही सीधी पर रुक गयी और सोचने लगी,”पडोसी कल से कुछ परेशान लग रहा है , मैं पूछूँगी तो कहेगा सब ठीक है नैना और खुद से कुछ बताएगा नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,ह्म्मम्म्म्म मॉम ने कहा था आदमी के दिल का रस्ता उसके पेट से होकर जाता है , क्यों ना आज मैं उसके लिए अपने हाथो से कुछ बनाऊ,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन क्या ? उम्म्म्म भोला भैया से पूछती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह नहीं तुम्हे खुद ही बनाना चाहिए नैना ऐसे तुम किचन का काम कैसे सिखोगी ?,,,,,,,,,,,,,,,,गुड़ गर्ल , पडोसी आज तो तुम्हारी किस्मत खुल गयी द ग्रेट नैना बजाज के हाथ से बना खाना खाने को मिलेगा तुम्हे”
नैना अपने आप में ही खुश होकर किचन में चली आयी। किचन में आकर उसने एप्रिन पहना और सोचने लगी। कुछ देर बाद नैना का दिमाग चला और वह अवि के लिए नाश्ता बनाने लगी। उसने कुछ सब्जिया काटी जैसे की प्याज , शिमला मिर्च , गाजर और हरी मिर्च,,,,,,,,,,,,,,,,सूजी और बेसन को मिक्स करके बेटर तैयार किया और वेज ऑमलेट बनाने लगी। वेजिटेबल और मसालों की खुशबु से किचन महकने लगा। नैना बड़े प्यार से अवि के लिए नाश्ता बना रही थी साथ ही उसने उसके लिए कॉफी भी तैयार कर दी।
बाहर गाड़ी की आवाज से नैना का ध्यान भटका उसने गैस बंद किया। एप्रिन उतारा और किचन से बाहर चली आयी। अवि घर आ चुका था उसने किचन की तरफ ध्यान नहीं दिया और सीधा सीढ़ियों की तरफ जाने लगा तो नैना ने आवाज दी,”अवि,,,,,,,,,,,!!”
अवि ने देखा नैना नीचे ही है तो वह उसके पास चला आया।
“तुम ठीक हो ना ?”अवि ने बेचैनी भरे स्वर में पूछा
“हाँ मैं ठीक हूँ , तुम यहाँ क्यों खड़े हो वहा चलकर बैठो ना मैंने तुम्हारे लिए कुछ बनाया है”,नैना ने अवि की बाँह पकड़कर उसे हॉल में लाते हुए कहा
“तुमने क्यों बनाया ? भोला से कह दिया होता”,अवि ने कहा
“अरे वो मॉम ने कहा था कि पति के दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है और तुम्हारे मुंह से बात उगलवाने के लिए इस से बढ़िया तरीका और क्या हो सकता है ?”,नैना ने जल्दबाजी में कहा और अगले ही पल अपनी आँखे मीचते हुए अपनी जीभ को अपने दांतों तले दबा लिया
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क्रमश – Love You Zindagi – 53
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संजना किरोड़ीवाल
Chalo ji saas aur bahu ki baat ban gai…But naina ka kya hoga…Jab unko apni bimari k baare m pta chalega….Bad for naina
Very beautiful
Naina ne to sb bol diya,iske pet mein kujh nhi pachta🤗🤗
Please dii naina ko kuch nhi hona bs woh thik ho jaye
Sheetal aur Mrs. Sharma ke bich ab sab thik h
Please di naina ko kuch nhi hona chahyie she is amazing😍😘😘 bs jldi se woh thik ho jaye😌
osm
Nice story
Naina bhi bilkul hi kamaal h
Superb part