Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 29

Love You Zindagi – 29

Love You Zindagi - Season 2
Love You Zindagi – Season 2

अवि के गले लगे नैना को अभी कुछ सेकेंड्स ही हुए थे की उसके कानो में रुचिका की आवाज पड़ी। वहम समझकर नैना ने अपना सर झटका और आँखे मूँद ली लेकिन नैना उस पल को महसूस कर पाती इस से पहले ही रुचिका की आवाज फिर उसके कानो में पड़ी जिसे सुनकर नैना को लगा जैसे वह किसी से झगड़ा कर रही हो। नैना अवि से एकदम से दूर हटी तो अवि ने कहा,”क्या हुआ नैना ?”
“तुमने कुछ सूना पडोसी ?”,नैना ने एकदम सस्पेंस में भरकर कहा
“क्या ? यहाँ हमारे अलावा और कोई नहीं है नैना”,अवि ने इधर उधर देखकर कहा
“अरे ठीक से सुनो ना मैंने अभी अभी रुचिका की आवाज सुनी”,नैना ने हैरानी से कहा
“चंडीगढ़ जाकर सबसे पहले हम डॉक्टर के पास चलेंगे”,अवि ने कहा
“है डॉक्टर के पास क्यों ? तुम्हे कुछ हुआ है क्या ?”,नैना ने असमझ की स्तिथि में कहा
“मुझे कुछ नहीं हुआ है मैं बिल्कुल ठीक हूँ मुझे तुम्हारी आँखे और कान टेस्ट करवाने है”,अवि ने अपने दोनों हाथो को बांधकर सहजता से कहा
“पडोसी ये मजाक करने का टाइम नहीं है , मैं सीरियस हूँ यार”,नैना ने बच्चो की तरह मुंह बनाते हुए कहा
“तुम और सीरियस ये अच्छा मजाक है नैना जब से तुम गोआ आयी हो कभी तुम्हे निबी दिखाई देती है , कभी रुचिका की आवाज सुनाई देती है मुझे तो डर है कही तुम ये ना कह दो कि तुम भूतो और चुड़ैलों को भी देख सकती हो”,अवि ने कहा तो नैना उसे घूरने लगी
“अगर ये जोक था तो बहुत बुरा जोक था , मैं देखने जा रही हूँ रुचिका कहा है ?”,नैना ने जैसे ही जाना चाहा अवि ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और अपने सामने करके कहा,”आई ऍम सॉरी”
“पडोसी इतनी सी बात के लिए सॉरी की जरूरत नहीं है”,नैना ने धीमी आवाज में कहा
“मैंने सॉरी अभी के लिए नहीं बल्कि सुबह के लिए बोला है , मैंने तुम्हे और मोंटी को गलत समझा,,,,,,,,,,,,,,,,,
वो सार्थक की बातो ने मुझे परेशान कर दिया और फिर,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते कहते अवि रुक गया तो नैना ने उसकी आँखों में देखते हुए पूछा,”और फिर क्या ?”
“और फिर मैं तुम्हे नहीं देख सकता किसी लड़के के साथ,,,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने मचलते हुए कहा तो नैना मन ही मन मुस्कुरा उठी। अवि धीमी आवाज में आगे कहने लगा,”मुझे नहीं अच्छा लगता जब कोई तुम्हारे करीब आता है , मैं बस चाहता हूँ की तुम बस मुझे देखो , मेरे आस पास रहो , मेरे साथ रहो,,,,,,,,,,,,हमेशा”
नैना मुस्कुराई और कहा,”एक बात पुछ सकती हूँ ?”
“हम्म्म”,अवि ने नैना की तरफ देखकर कहा
“आदत हो गयी है ना मेरी ?”,नैना ने शरारत से कहा तो अवि का दिल धड़कने लगा वह एक पल को नैना की आँखों और मुस्कान में खो सा गया और जैसे ही कुछ कहने लगा रुचिका की आवाज उसके और नैना के कानों में पड़ी,”तुम एक नंबर के झूठे , धोखेबाज और बंडलबाज लड़के हो,,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हारा खून कर दूंगी”
अवि और नैना ने एक साथ आवाज वाली दिशा में देखा तो पाया मोंटी और रुचिका बुरी तरह से झगड़ रहे है और रुचिका के हाथ में जो आ रहा है वह मोंटी पर फेंक रही है और मोंटी बस उसे समझाने की कोशिश कर रहा है। नैना और अवि ने उन्हें देखा फिर एक दूसरे को देखा और एक साथ कहा,”ओह्ह्ह शिट अब ये दोनों शुरू हो गए”
अवि और नैना उन दोनों की तरफ आये अवि ने मोंटी को और नैना ने रुचिका को सम्हाला और दोनों को एक दूसरे से दूर किया। रुचिका इस वक्त गुस्से में थी इसलिए कुछ भी बोले जा रही थी वही मोंटी भी सफाई पर सफाई दिए जा रहा था लेकिन रुचिका कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। नैना ने देखा जब दोनों उसकी बात नहीं सुन रहे तो उसने चिल्लाकर तेज आवाज में कहा,”झगड़ना बंद करो गाईज”
नैना की आवाज सुनकर रुचिका को होश आया और वह चुप हो गयी लेकिन अभी भी उसके चेहरे पर गुस्से के भाव थे और वह मोंटी को खा जाने वाली नजरो से देख रही थी। नैना रुचिका के पास आयी और कहा,”दिमाग खराब हो गया है तुम दोनों का ऐसे कुत्तो की तरह झगड़ा क्यों कर रहे हो तुम दोनों ?
“ये बात अपने बेस्ट फ्रेंड से पूछो नैना कि आधी रात में ये उस तोतापरी के साथ क्या कर रहा था ?”,रुचिका ने मोंटी को घूरते हुए कहा
“तोतापरी ? अब ये कौन है ? मोंटी तूने कितने खाते खोल रखे है बे ? ये किस की बात कर रही है ?”,नैना मोंटी की तरफ आते हुए कहा
“नैना मैं समझाता हूँ रूचि को बस ग़लतफ़हमी हुई है यार,,,,,,,,,,,,,,,ये मेरी बात ही नहीं सुन रही है”,मोंटी ने मरे हुए स्वर में कहा
“तूने फिर कोई कांड किया,,,,,,,,,,बेटा तेरी शक्ल बता रही है पक्का तू कोई ना कोई गुल खिलाकर आया है इसलिए रूचि इतना भड़क रही है”,नैना ने मोंटी को घूरते हुए कहा
“क्या यार नैना कैसी बात कर रही है तू ? तुझे मेरे पे भरोसा नहीं है क्या ?”,मोंटी ने चिढ़ते हुए कहा
“भरोसा और तुम पर ? बेटा जी सुबह तुमने जो किया वो याद दिलाऊ बताऊ रूचि को सच्चाई,,,,,,,,,,,,अब मैं तेरे हलक में हाथ डालकर तुझसे बात निकलवाऊ इस से अच्छा है खुद ही उगल दे”,नैना ने मोंटी को धमकाते हुए कहा कहा
रुचिका ये सब सुनकर झुंझला गयी और नैना के पास आकर उसे अपनी तरफ करते हुए कहा,”ये क्या बताएगा नैना मैं बताती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,इस आदमी से शादी करके मैंने अपनी जिंदगी में बो ली है चरस,,,,,,,,,,,,इसका और अवि की दोस्त का अफेयर चल रहा है वो भी यहाँ गोआ में खुले आम और मैंने इन दोनों को रंगे हाथ पकड़ा है। मेरी जिंदगी बर्बाद हो गयी मैं इसके और मेरे घरवालों को क्या मुंह दिखाउंगी”
“मेरी दोस्त से ?”,अवि ने हैरानी से कहा
“हाँ वही जो सुबह तुम से मिलने रिसोर्ट आयी थी। अवि तुम इतने अच्छे लड़के हो फिर भी ऐसी लड़की तुम्हारी दोस्त है सोचकर ही,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम से भी कहूँगी दूर रहो उस माला से वरना मोंटी की तरह तुम्हारा भी मुंह काला,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहा
अवि खा जाने वाली नजरो से नैना को देखने लगा क्योकि ये सब झूठ नैना ने ही बोला था सुबह जबकि अवि तो माला को जानता तक नहीं था। अवि को अपनी ओर देखते पाकर नैना ने झेंपते हुए कहा,”कैसी बातें कर रही हो रुचिका पडोसी ऐसा नहीं है,,,,,,!
“अरे अवि ऐसा नहीं है लेकिन वो तो है ना वो कब इन लोगो को अपने जाल में फंसा ले कौन जानता है और फिर है तो ये दोनों भी मर्द ही ना,,,,,,,,,,,,,,,जैसे ये मोंटी फिसला है वैसे ही,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने फैसला कर लिया है नैना , मुझे इस आदमी के साथ अब एक मिनिट भी नहीं रहना,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे इस से डायवोर्स चाहिए बस,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने गुस्से से कहा
“रुचि रिलेक्स पहले तू बताएगी ऐसा क्या हुआ है जो तू इतना गुस्से में है ? देख अगर ये मोंटी गलत है ना तो फिर मैं भूल जाउंगी कि ये मेरा दोस्त है अगर चित्रकूट तक इसकी सुताई नहीं की ना तो मेरा नाम नैना बजाज नहीं,,,,,,,,,,,,,तू पहले बता हुआ क्या ?”,नैना ने रुचिका को शांत करते हुए कहा
“सुताई क्या इस गधे को तो नंगा करके बर्फ की सिल्ली पर लिटा दो तब अक्कल आएगी इसको,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना की बात सुनकर अवि ने मन ही मन कहा हालाँकि मोंटी से अवि अभी भी थोड़ा नाराज था।
“यार अवि भाई आप बोलो ना नैना को कुछ,,,,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने मिमियाते हुए कहा
“हाँ हाँ नैना मैं क्या कह रहा था कि माला मेरी दोस्त है लेकिन उसने मुझसे से कुछ नहीं कहा इस अफेयर के बारे में ? और फिर माला मोंटी की क्लाइंट है और ऐसे क्लाइंट के साथ अफेयर रखना,,,,,,,,,,,,,,सोचकर ही थोड़ा अजीब लग रहा है”,अवि ने मोंटी की मदद नहीं की उलटा आग में घी डालते हुए कहा तो मोंटी अवि को घूरने लगा और नैना के पास आकर कहा,”नैना तुम लोगो को गलत फहमी हुई है मेरा उसके साथ कोई अफेयर नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,यार तुम लोग मेरी बात का यकींन करो प्लीज”
“अगर नहीं है तो आधी रात में एक अनजान लड़की के साथ तू कर क्या रहा था ?”,नैना ने थोड़ा ऊँची आवाज में कहा तो मोंटी खामोश हो गया
“देखा कोई जवाब नहीं है इसके पास,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने रोआँसा होकर कहा
“देखा देखा चोर की दाढ़ी में तिनका,,,,,,,,,,,जवाब दो मोंटी बताओ सबको इस वक्त तुम मेरी दोस्त के साथ क्या कर रहे थे ?”,अवि ने फिर मोंटी को फंसाते हुए कहा तो मोंटी उतरा हुआ चेहरा लेकर अवि को देखने लगा और मन ही मन कहा,”शादी के बाद ये भी नैना जैसा हो गया है , आज तो तू गया मोंटी आज तुझे इन सब से कोई नहीं बचा सकता”
“अब बोलेगा कुछ या मुहूर्त निकलवाऊ तेरे लिए,,,,,,,,,,,,,,,,मैं एक काम करती हूँ शर्मा जी को कॉल लगाती हूँ और बताती हूँ उन्हें शादी के बाद उनके सुपुत्र क्या गुल खिला रहे है ?”,नैना ने अपना फोन निकालते हुए कहा। शर्मा जी के नाम से ही मोंटी की आँखे फ़ैल गयी क्योकि अगर ऐसी कोई बात चित्रकूट तक पहुंची तो शर्मा जी बोरिया बिस्तर बांधकर उसे सीधा घर बुला लेंगे और कुटाई होगी अलग से उसने नैना के हाथ से फोन लेकर कहा,”नैना,,,,,,,,,,,!!”
“मोंटी मेरा दिमाग खराब हो रहा है आखिर तू उस माला से मिलने क्यों गया था ?”,नैना ने एक बार फिर थोड़ा गुस्से में कहा
“क्योकि उसे मेरे साथ एक डील साइन करनी थी,,,,,,,,,,,,!!”,माला ने उन सब के पास आते हुए कहा
माला को वहा देखकर नैना की भँवे चढ़ गयी क्योकि नैना माला का सच जानती थी वही रुचिका उसे घूरने लगी और उसके पास आकर कहा,”कैसी डील ? और अगर कोई डील थी तो ये कौनसा वक्त है डील करने का ? तुम जैसी लड़कियो के डील का क्या मतलब होता है अच्छे से पता है मुझे,,,,,,,,,,,,,,,दुसरो के पति पर नजर रखती हो शर्म नहीं आती तुम्हे”
“माइंड योर लेंग्वेज , मुझे तुम्हारे पति में कोई इंट्रेस्ट नहीं है और जब से पता चला है कि वो शादीशुदा है तब से तो बिल्कुल भी नहीं। मोंटी ने कहा था कि वो बीकानेर वाली जॉब छोड़ना चाहता है। मुझे नया स्टाफ चाहिए था इसलिए मैंने मोंटी को ऑफर दिया बस इतनी सी बात के लिए तुम लोग इतना तमाशा क्यों कर रहे हो ?”,माला ने कहा
“जॉब ऑफर वो भी इस वक्त ?”,नैना ने माला की ओऱ देखकर कहा
“हाँ क्योकि दो घंटे बाद मेरी फ्लाइट है मोंटी फोन पर कुछ सुनने को तैयार नहीं था इसलिए मुझे यहाँ आना पड़ा लेकिन मुझे लगता है यहाँ आकर भी सब गड़बड़ हो गया है”,माला ने कहा
नैना ने देखा माला की बातो पर मोंटी के हाव भाव साथ नहीं दे रहे थे वह बस खुद को नार्मल दिखाने की कोशिश कर रहा था। रुचिका को माला की बात पर भरोसा नहीं हुआ तो उसने कहा,”तुम्हे लगता है तुम कुछ भी कहोगी और मैं मान लुंगी मैंने खुद सूना है तुमने उस से कहा कि वो तुम्हारे साथ चले”
“ओह्ह्ह रूचि तुम इतनी इनोसेंट क्यों हो ? मेरे साथ चले से मेरा मतलब था की मेरी कम्पनी में,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं पहली ऐसी वाइफ देख रही हूँ जिसे अपने हस्बेंड की तरक्की से प्रॉब्लम हो रही है”,माला ने इतराते हुए कहा
“तुम अपनी बकवास,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहते हुए जैसे ही माला की तरफ जाने की कोशिश की नैना ने उसे रोक लिया और कहा,”रूचि हो सकता है तुम्हे कोई गलत फहमी हुई हो। अभी रात बहुत हो चुकी है तुम और मोंटी अपने रूम में जाओ”
“लेकिन नैना,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहना चाहा तो नैना ने उसकी तरफ पलटकर कहा,”रूचि मैंने कहा ना अंदर जाओ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब तुम्हे अलग बोलू”
कहते हुए नैना ने मोंटी को घुरा तो मोंटी हड़बड़ाते हुए रुचिका के पास आया और कहा,”हाँ हाँ मैं जा ही रहा था,,,,,,,,,,,,,,चले माला,,,,,,,,,मेरा मतलब रूचि”
रुचिका एक बार को मोंटी को माफ़ कर भी देती लेकिन अपने लिए मोंटी के मुंह से माला नाम सुनकर रुचिका ने मुंह बनाया और वहा से चली गयी। मोंटी भी उसके पीछे चला गया। अवि नैना और माला तीनो वही रुक गए नैना बस ख़ामोशी से माला को देखे जा रही थी और माला नैना को। अवि मन ही मन बस दुआ कर रहा था कि नैना माला से ना भिड़े इसलिए उसके पास आकर कहा,”चले नैना ?”
“अवि तुम चलो मुझे माला से कुछ बात करनी है”,नैना ने बहुत ही शांत लहजे में कहा तो माला मुस्कुरा उठी
“ठीक है जल्दी आना”,अवि ने नैना की बाँह छूकर कहा और वहा से चला गया।
नैना और माला अब आमने सामने थी और दोनों ख़ामोशी से बस एक दूसरे को देखे जा रही थी। कुछ देर बाद नैना ने अपने हाथो को बांधा और माला की ओर देखकर कहा,”रूचि और मोंटी के बीच मिसअंडरस्टेंडिंग पैदा क्यों कर रही हो तुम ?”
“मुझे लगा था तुम भी रुचिका की तरह बेवकूफ हो लेकिन तुम तो स्मार्ट निकली कैसे एक बार में पता लगा लिया कि मैं क्या चाहती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,देट्स कूल”,माला ने नैना की ओर देखकर मुस्कुराते हुए कहा
“देखो बाबू ऐसा है तुम्हाये जैसे अपवाद ना बहुत देखे है हमने लखनऊ में इहलीये शक्ल देख के बता देते है कौन कितना पानी में है ? अब कान खोलकर सुनो मोंटी है हमारा जिगरी और रुचिका है हमायी बेस्ट फ्रेंड और इन दोनों के बीच अगर तुमने आने की कोशिश भी की तो तुम्हारा वो हाल करेंगे कि जिंदगी भर किसी से डील ना कर पाओगी। अभी प्यार से समझा रहे है बाद में माफ़ी मांगने का मौका भी नहीं देंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने माला के पास आते हुए कहा
“ऐसा है क्या नैना ? अब देखो बात ऐसी है कि मोंटी मेरे दिल को भा गया है और एक बार कोई चीज मुझे भा जाये तो उसे मैं हासिल करके ही दम लेती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,फिर चाहे वो कम्पनी की डील हो या तुम्हारा दोस्त,,,,,,,,,,,,,,,और ये जो धमकी तुमने अभी अभी मुझे दी है ना उस से तुम्हारे दोस्त डरते होंगे मैं नहीं इसलिए अपनी इस अकड़ को बचाकर रखो। हाँ वैसे तुम चाहो तो कोशिश कर सकती हो उन दोनों को साथ रखने की और मैं कोशिश करुँगी उन्हें अलग करने की देखते है किसकी किस्मत तेज है ?”,माला ने बेशर्मी से कहा
वही हुआ जिसका नैना को डर था माला यहाँ सिर्फ मोंटी के लिए आयी थी और मोंटी के लिए आकर्षण माला की आँखों में साफ नजर आ रहा था। नैना का दिमाग उलझने लगा था। नैना को उलझन में देखकर माला वहा से जाने लगी और जाते जाते कहा,”मुझसे हारने की तैयारी कर लो नैना क्योकि ये जिंदगी है और मैंने सूना है तुम्हारी जिंदगी से ज्यादा बनती नहीं है”
नैना ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से माला को जाते देखते रही जो की अभी कुछ देर पहले उसके पास से किसी तूफान की तरह निकली थी।

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