Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 15

Love You Zindagi – 15

Love You Zindagi - Season 2
Love You Zindagi – Season 2

मोंटी , रुचिका , शीतल और सार्थक अपना अपना बैग लिए एयरपोर्ट पहुंचे। शीतल और रुचिका नैना के बारे में बातें किये चली जा रही थी कि उन सबकी नजर कुछ ही दूर खड़ी नैना पर पड़ी। नैना बिल्कुल नहीं बदली थी वह आज भी वैसी ही थी , उसके कपडे , उसका रहन सहन , उसकी आदतें कुछ नहीं बदला था। नैना को देखते ही चारो के चेहरे पर स्माइल आ गयी। वे चारो नैना की तरफ जाते इस से पहले ही नैना अपने जूतो के शू-लेस में उलझ कर पीठ के बल गिर पड़ी। मोंटी ने अपनी दोस्त को गिरते देखा तो उठाने के बजाय अपने सर पर चपत मारी और घूम गया क्योकि वह नैना को सालो से जानता था और ये भी जानता था कि नैना मुसीबतो को हमेशा अपने साथ लेकर चलती है। शीतल , रुचिका , सार्थक भी वही खड़े नैना को देख रहे थे। वे तीनो नैना की तरफ जाते इस से पहले ही अवि आया और अपना हाथ नैना की तरफ बढाकर कहा,”तुम यहाँ नीचे क्या कर रही हो ?”
“वो मैं,,,,,,,,,,गिर गयी”,नैना ने अवि का हाथ थामकर मुश्किल से कहा क्योकि अभी भी उसके मुंह में ब्रेड भरा हुआ था। अवि ने उसे उठाया और देखा नैना के जूतो का लेस खुला है तो उसने नैना को खड़े रहने का इशारा किया और खुद नीचे बैठकर उसके जूते के लेस बांधने लगा
अवि को ऐसा करने में बिल्कुल भी झिझक और शर्म महसूस नहीं हुई ना ही उसका ईगो आड़े आया। वह बड़ी सहजता से लेस बांध रहा था और नैना वो खड़े खड़े अपना बचा हुआ बर्गर खत्म कर रही थी। अवि ने नैना के लेस बांधे और उठते हुए कहा,”तुम इतनी केयरलेस क्यों हो नैना ?”
“ताकि तुम मेरी केयर कर सको पडोसी”,नैना ने स्माइल करके कहा तो अवि की नजर उसके होंठ पर लगे चीज पर चली गयी। अवि ने अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाया और चीज को धीरे से हटाते हुए कहा,”वो तो मैं हमेशा करूंगा”
“अहंमम अहंमम”,रुचिका ने बाकि सबके साथ आकर कहा तो अवि और नैना ने हैरानी से अपने बगल में देखा। नैना की ख़ुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था उसने रुचिका को गले लगाया और कहा,”आह्ह्ह्ह मेरा पांडा”
“अवि भाई कैसे है ?”,सार्थक ने अवि की तरफ आकर कहा तो अवि ने उसे साइड हग किया और कहा,”मैं बढ़िया तुम बताओ ?”
“मैं भी बिल्कुल ठीक हूँ”,सार्थक ने कहा
रुचिका से मिलने के बाद नैना शीतल और सार्थक से मिली। रुचिका अवि से मिली , रुचिका की अवि से अच्छी बनती थी इसलिए रुचिका उसे थोड़ा साइड में लाकर उसके और नैना के बारे में पूछने लगी। शीतल सार्थक से मिलने के बाद नैना अपने जिगरी दोस्त मोंटी की तरफ बढ़ी और अपने दोनों हाथो को फैलाकर कहा,”मोंटी मेरे भाई,,,,,,,,!”
नैना ने कहते हुए जैसे ही मोंटी को गले लगाना चाहा मोंटी साइड से निकल गया और झूठ मुठ का नाराज होते हुए कहा,”पडोसी मिलते ही दोस्त को भूल गयी तू नैना,,,,,,,,,,,,,कितने फोन मेसेज किये तुझे लेकिन कोई जवाब नहीं,,,,,,,,,,,,तू तो बात ही मत कर मुझसे”
“अरे अरे मोंटी मेरी जान ऐसे नाराज नहीं होते तुझे तो पता ही है शादी के बाद लोगो की लाइफ कितनी चेंज हो जाती है और मेरी लाइफ के तो सीधे सीधे “L” लगे है ब्रो,,,,,,,,,,,,चल आजा ऐसे नाराज नहीं होते , वैसे भी बहुत टाइम हो गया तुझे अच्छे हग किये हुए”,कहते हुए नैना ने मोंटी को गले लगाया तो मोंटी ने सामने खड़े अवि की तरफ देखकर कहा,”वैसे इतना भी मत चिपक मुझसे तेरा पडोसी इधर ही देख रहा है”
“हाँ तो मैं डरती हूँ क्या उस से ? तू मेरा बेस्ट फ्रेंड है और पडोसी को इस बात से कोई दिक्क्त नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे वो बहुत अच्छा है”,नैना ने मोंटी से दूर होकर कहा
“हाँ देखा अभी मैंने थोड़ी देर पहले जिस तरह से वो तुम्हारे शू लेसेज बांध रहा था उस से पता चल रहा था बन्दा कितना प्यार करता है तुम से”,मोंटी ने बड़े प्यार से अवि की तरफ देखते हुए कहा जो की रुचिका से बात करने में बिजी था
“हाँ प्यार तो करता है लेकिन कभी कभी पता नहीं इसमें कोनसी आत्मा घुस जाती है या तो एकदम से बहुत अच्छा या फिर एकदम से खड़ूस,,,,,,,,,,,,,,तु बता तेरा क्या चल रहा है ?”,नैना ने पूछा
“मत पूछ यार मेरी लगी पड़ी है , बाद में बताऊंगा फुर्सत से एंड आई हॉप की तेरे पास उसका सोल्यूशन भी हो”,मोंटी ने आसभरे स्वर में कहा
“बिल्कुल मेरे पास हर प्रॉब्लम का सोल्यूशन है सिवाय खुद के,,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने कहा तो मोंटी ने हलके से उसके सर पर मारी और हँसते हुए कहा,”पागल लड़की,,,,,,,,,,,,,,,,हमेशा ऐसे ही खुश रहना बिंदास”
मोंटी नैना को साथ हसते मुस्कुराते देखकर अवि को थोड़ी थोड़ी जलन भी हो रही थी लेकिन अच्छी वाली। उसे बार बार उन दोनों की तरफ देखता पाकर रुचिका ने शरारत से पूछा,”क्या हुआ उन्हें साथ देखकर तुम्हे जलन हो रही है ?”
“नहीं बिल्कुल नहीं , मोंटी उसका बचपन का दोस्त है अगर वो उसके साथ हसती मुस्कुराती है तो मुझे अच्छा ही लगेगा”,अवि ने रुचिका से कहा
“वैसे मुझे तो उनकी दोस्ती से कोई प्रॉब्लम नहीं है , क्योकि नैना ने मुझे दुनिये के सबसे खूबसूरत इंसान से मिलवाया है मोंटी के रूप में,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए मैं तो उसकी थैंकफुल हूँ”,रुचिका ने खुश होकर कहा
“तुम्हारा मतलब बाकि सब लड़के खूसबूरत नहीं है ?”,अवि ने रुचिका को घूरते हुए कहा
“अरे तुम खूबसूरत तो हो ही माशाअल्लाह लेकिन तुम काफी हॉट भी हो,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने अवि के हाथो की बायसेप्स को दबाते हुए कहा जो कि इन दिनों जिम जाने से और बेहतर हो गए थे
नैना ने देखा तो उसे थोड़ी सी जलन हुई वह मोंटी को छोड़ रुचिका के पास आयी और दोनों के बीच आकर कहा,”अरे क्या सारी बातें यही करोगे चलो अनाउसमेंट हों चुकी है”
“देखा अवि जल रही है ये,,,,,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने नैना को छेड़ते हुए कहा
“ओह्ह हेलो मैं जलू वो भी तुम दोनों से,,,,,,,,,,,,,,,हहहह अच्छा मजाक है,,,,,,,,,,,अब चलो”,कहते हुए नैना ने रुचिका और शीतल का हाथ थामा और तीनो आगे बढ़ गयी। नैना को जाते देखकर अवि मुस्कुराने लगा उसे अच्छा लगता था जब नैना उस पर हक़ जताती थी। सार्थक भी सामान के साथ आगे बढ़ गया अवि मोंटी का इंतजार कर रहा था। मोंटी किसी जरुरी कॉल पर बीजी था। कुछ देर बाद उसने फोन जेब में रखा और अवि के पास आकर कहा,”हाय !!”
“हाय ! चले ?”,अवि ने पूछा
“हाँ”,कहकर मोंटी अपना बैग लिए अवि के साथ चल पड़ा। दोनों साथ साथ चल रहे थे लेकिन पहले बात की शुरुआत कौन करे ? ऐसा नहीं था कि शादी से पहले उन दोनों में बात नहीं हुई थी या वो लोग मिले नहीं थे बस इस बार काफी टाइम बाद मिल रहे थे इसलिए दोनों को ही पहले बात करना थोड़ा अजीब लग रहा था इन्फेक्ट एक नैना का बेस्ट फ्रेंड था तो दुसरा उसका पति,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
“सो कैसा चल रहा है ?”,मोंटी ने ही बात शुरू करते हुए पूछा
“क्या ?”,अवि ने हैरानी से मोंटी की तरफ देखकर पूछा
“तुम्हारे और नैना के बीच ?आई मीन कैसी चल रही है तुम्हारी मैरिड लाइफ ?”,मोंटी ने पूछा
“अच्छी चल रही है”,अवि ने कहा
“नैना का बिहेवियर ठीक है ना तुम्हारे साथ ? आई मीन जिस तरह से उसे मूड स्विग्स होते है वो कब किस रूप में आ जाये कोई कह नहीं सकता”,मोंटी ने हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा
“तुम उसके दोस्त हो न तुम्हे तो पता ही होगा,,,,,,,,,,वैसे नैना जितनी अच्छी दोस्त है उस से कई ज्यादा अच्छी वाइफ भी है। वो थोड़ी मूडी है लेकिन अच्छी है,,,,,,,,,,,,,,,,सच कहू तो बहुत अच्छी है।”,कहते हुए अवि के होंठ बरबस ही मुस्कुरा उठे। मोंटी ने देखा तो उसे ये जानकर अच्छा लगा कि अवि नैना को बहुत चाहता है।

सब फ्लाइट में चले आये और गोआ के लिए निकल गए। रात 11 बजे सभी गोआ पहुंचे। अवि मोंटी और सार्थक से ज्यादा ट्रेवल करता था इसलिए उसने पहले ही वहा एक बढ़िया रिसोर्ट बुक कर दिया जिस से सभी साथ टाइम स्पेंड कर सके। सभी काफी थक चुके थे इसलिए खाना खाकर सीधा अपने अपने कमरों में चले आये। अवि बाहर खड़ा फोन पर सौंदर्या को अपने पहुंचने के बारे में बता रहा था। कुछ देर बाद वह कमरे में आया तो देखा नैना ने उसका और अपना सूटकेस खोला हुआ है और सारे कपडे बाकि सब सामान के साथ बेड पर बिखरे पड़े है। अवि नैना की तरफ आया और कहा,”ये सब क्या है नैना तुमने ये कपडे क्यों फैलाये है ?”
“वो मेरा कुछ सामान नहीं मिल रहा , मैंने रखा था लेकिन पता नहीं कहा गया,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने बिना अवि की तरफ देखे अपना सामान ढूंढते हुए कहा
“तुम उसे सुबह भी ढूंढ सकती थी , ये सब हटाओ मुझे सोना है प्लीज”,अवि ने कहा
“अहा थोड़ी देर रुको न,,,,,,,,,,,,,,,तुम क्या इतनी दूर सोने के लिए आये हो ?”,नैना ने अवि की तरफ देखकर पूछा
“नहीं मेरी प्लानिंग तो कुछ और थी लेकिन तुम्हे देखकर मैं अपने सब प्लान भूल गया हूँ,,,,,,,,,,,,,,,अब हटो यहाँ से”,कहते हुए अवि ने नैना को साइड किया और बिस्तर पर लेट गया। नैना ने खीजते हुए अवि को देखा और एक बार फिर अपने काम में लग गयी।
मोंटी रुचिका शीतल सार्थक भी भी फ्रेश होने के बाद अपने अपने कमरों में सोने चले गए। अवि को नींद आ चुकी थी लेकिन नैना की आँखों से नींद कोसो दूर थी। वह कमरे से बाहर निकली और रिसोर्ट में घूमने लगी। अवि ने जो रिसोर्ट बुक किया था वो 4 कमरों का एक बढ़िया रिसोर्ट था जिसमे एक बढ़िया स्विमिंग पूल और लॉन भी था ये उसने इसलिए बुक किया ताकि वह और बाकि सब बिना किसी परेशानी के यहाँ साथ रह सके।
घूमते घूमते नैना स्विमिंग पूल की तरफ चली आयी उसे बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी और ना ही वो चीज मिल रही थी जो उसे चाहिए थी। वह पूल के पास आकर बैठ गयी , उसने शॉर्ट्स पहना था और कैप वाली टीशर्ट जो की शॉर्ट्स से भी लम्बी थी साथ ही उसकी आस्तीन भी नैना के हाथो से बाहर तक आ रही थी। उसने टीशर्ट का कैप सर पर ओढ़ रखा था। ये टीशर्ट अवि की ही थी लेकिन नैना को एक्स्ट्रा साइज कपडे पहनने का शौक था या यू कह लो आदत थी इसलिए उसने इसे पहन लिया।

चांदनी रात थी और ठंडी हवाएं चल रही थी ऐसे में नैना ने अपने पैरों को पानी के अंदर डाल लिया। उसे बड़ा अच्छा लग रहा था बैठे बैठे जब कुछ नहीं सुझा तो उसने अपने पास पड़े छोटे छोटे कंकड़ उठाये और उन्हें पानी में फेंकने लगी। ऐसा करते हुए वह बिल्कुल बच्चो की तरह खुश हो रही थी। उसे तो बैठे बिठाये खेल मिल गया। उसने पानी से पैर बाहर निकाले और वही स्विमिंग पूल के बगल में पेट के बल लेट गयी और अपना एक हाथ पानी में डालकर घूमाते हुए खुद से ही कहने लगी,”ये मेरी लाइफ अचानक से इतनी बोरिंग क्यों हो गयी है ? पहले सब कितना अच्छा था , 10-5 की नौकरी , 7-8 कप चाय , रिश्तेदारों के ताने और डेड का प्यार लेकिन अब लगता है जैसे लाइफ में कोई एक्साइटमेंट ही नहीं है। उठो , खाओ पीओ , दिनभर लोगो के सामने मुस्कुराते रहो चाहे आपका मन हो या न हो लेकिन ससुराल है मुस्कुराना तो पडेगा। शाम में फिर खाओ और सो जाओ,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाह ये भी कोई लाइफ है भला ? लाइफ तो वो होती है जिसमे थ्रिल हो , आक्साईटमेंट हो , साला कोई कांड हो लेकिन यहाँ तो मेरी ही लगी पड़ी है। वैसे ये गोआ आने का जिसका भी आईडीआ था बहुत ही बेकार आइडिआ था,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या है यहा ? चारो तरफ बस समंदर ही समंदर है,,,,,,,,,,,,,,,क्यों नैना क्यों ? आखिर क्यों तुमने शादी की ? तुम्हे पता है ये सारी मनहूसियत तुम्हारी जिंदगी में शादी के बाद ही आयी है कि अब तुम अपने मन का कुछ नहीं कर सकती हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
खुद से बातें करते करते नैना पलटी और पीठ के बल लेटकर आसमान में चमकते चाँद को देखने लगी और आगे कहने लगी,”
वैसे तुम अपनी जगह सही हो,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम क्या सब अपनी जगह सही है लेकिन इन सब में पडोसी का क्या कसूर ? उसने तो तुम से प्यार किया ना,,,,,,,,,,,,,,,आई नो वो वैसा वाला प्यार नहीं है जैसा डेड को मॉम से है लेकिन बन्दा जेनुअन तो है न नैना,,,,,,,,,,,,,,,वो तुम्हारा ख्याल रखता है , वो तुम्हारी परवाह भी करता है , तुम्हारे मूड स्विंग्स से लेकर तुम्हारी बदतमीजियां तक झेलता है बस तुम ही उसे समझ नहीं पा रही हो। मुझे नहीं लगता आज तक किसी भी लड़के ने मेरे लिए इतना एफर्ट किया हो,,,,,,,,,,,,लेकिन पडोसी , उसकी तो बात ही अलग है। वो बहुत अच्छा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए नैना फिर पेट के बल पलटी लेकिन गिरते गिरते बची और खुद को सम्हालकर कहा,”देखा जिस आदमी के नाम लेने से तुम गिर रही हो उसके साथ रहकर सम्हलना तुम्हारे लिए कितना मुश्किल होता होगा ना,,,,,,,,,,,,,,,आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू नैना आई नो यू आर सो स्मार्ट,,,,,,,,,,!!
कहते हुए वह एक बार फिर अपने हाथ को पानी में घुमाने लगी। कुछ देर खामोश रही और फिर कहने लगी,”रूचि और शीतल कुछ दिन यही है क्या मुझे उनसे इस बारे में बात करनी चाहिए ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लाईक मैं पडोसी को कैसे खुश रखू ? नहीं नहीं मुझे उन्हें इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए रूचि का पता है वो ज्यादा नहीं सोचेगी लेकिन शीतल कही इसे गलत वे में ना ले जाए,,,,,,,,,,,,,,,,,,फिर तो पडोसी के साथ साथ मुझे उसका भी लंबा चौड़ा लेक्चर सुनना पडेगा और ये मुझसे नहीं हो पायेगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आइडिआ ड्राप करते है , कुछ और सोचते है,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते कहते नैना एक बार फिर पीठ के बल लेट गयी और चाँद को देखने लगी।
आसमान को तकते हुए नैना नींद के आगोश में चली गयी उसका एक हाथ अभी भी पानी में था और दुसरा अपने पेट पर। चांदनी रात में उसकी गोरी टाँगे चमक रही थी। उसने टीशर्ट का कैप ओढ़ रहा था और बालों की कुछ लटे उसके चेहरे पर झूल रही थी। सोई हुई नैना बड़ी मासूम लग रही थी। अंदर कमरे में सो रहे अवि ने करवट बदली और जैसे ही अपना हाथ बिस्तर पर घुमाया उसने नैना को नरारद पाया। अवि ने आँखे मूँदे हुए एक दो बार और ऐसा किया लेकिन नैना वहा नहीं थी अवि उठा और देखा नैना ना बेड पर है ना ही कमरे में,,,,,,,,,,,,,,,,वह उठा और कमरे से बाहर आया। यहाँ वहा देखा नैना नहीं दिखाई दी। चांदनी रात में वह पूल साइड चला आया तो देखा नैना वहा सो रही है। अवि नैना के पास आया और घुटनो के बल उसके बगल में आ बैठा .वह एकटक नैना को देखता रहा उसे अहसास हुआ की नैना नींद में है। उसने नैना के हाथ को पानी से बाहर निकाला और खुद में ही बड़बड़ाया,”इतनी रात में ये लड़की यहाँ क्या कर रही होगी ये तो कल सुबह यही बताएगी फ़िलहाल मुझे इसे यहाँ से लेकर जाना चाहिए”
कहते हुए अवि ने नैना को अपनी गोद में उठाया और लेकर कमरे की तरफ चल पड़ा। चलते हुए उसका ध्यान नैना पर चला गया सोते हुए वह कितनी प्यारी लग रही थी। ना कोई गुस्सा ना कोई चिड़चिड़ाहट ना ही खुन्नस बस सिर्फ सिर्फ सुकून था उसके चेहरे पर,,,,,,,,,,,,,!!
अवि नैना को लेकर अंदर आया और उसे आहिस्ता से बिस्तर पर सुला दिया। नैना नींद में थी इसलिए पास पड़ी कंबल को खींचकर ओढ़ लिया और सो गयी। अवि भी आकर उसके बगल में लेट गया नैना ने करवट ली और उसका सर अवि के सीने से आ लगा। अवि अपने हाथ से धीरे धीरे नैना के सर को थपथपाने लगा और कुछ देर बाद नींद के आगोश में चला गया।
सुबह नैना उठी तो खुद को कमरे में पाकर थोड़ी हैरान हुई और बैठकर याद करने की कोशिश करने लगी कि वह अंदर कब आयी ? अवि ने अधखुली आँखों से नैना को देखा और कहा,”गुड मॉर्निंग”
“पता है पडोसी ऐसा तो मेरे साथ बचपन में होता था जब बहुत,,,,,,,,,,बहुत छोटी थी। मैं घर में कही भी सोउ अगले दिन अपने कमरे में होती थी,,,,,,,,,,,,,,,बाद में बड़े होने पर पता चला कि ऐसा इसलिए होता था क्योकि डेड मुझे मेरे कमरे में सुलाकर आते थे लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते नैना रुक गयी
“लेकिन क्या ?”,अवि ने उठकर बैठते हुए कहा
“लेकिन आज भी मेरे साथ वैसा ही हुआ , मैं कल रात बाहर थी पूल के पास फिर मैं यहाँ कैसे आयी ?”,नैना ने बच्चो की तरह हैरान होते हुए कहा
अवि बिस्तर से उठा और नैना की तरफ पीठ करके अंगड़ाई लेते हुए कहा,”तुम्हारे डेड के बाद भी इस दुनिया में एक इंसान ऐसा है जिसके लिए तुम अभी भी बच्ची हो”
नैना पहले तो नहीं समझी लेकिन अगले ही पल उसे समझ आया वह खुश होकर उठी और अवि की पीठ पर झूलकर उसके गाल पर किस करते हुए कहा,”मुझे पता है वो कौन है ?”
“कौन है ?”,नैना को अपनी पीठ पर लादे अवि ने आगे बढ़ते हुए पूछा
“मेरा पडोसी और कौन”,नैना ने खुश होकर कहा और एक बार फिर अवि के गाल को अपने होंठो से छू लिया। अवि मुस्कुरा उठा गोआ में उसकी सुबह बहुत खूबसूरत थी।

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संजना किरोड़ीवाल

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