Sanjana Kirodiwal

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कितनी मोहब्बत है – 67

Kitni mohabbat hai – 67

“कितनी मोहब्बत है”

By Sanjana Kirodiwal

कितनी मोहब्बत है – अंत

अक्षत और मीरा की शादी हो चुकी थी और वो एक बहुत ही खूबसूरत रिश्ते में बंध चुके थे जिसे प्रेम की जीत कहा जाता है और वो है “शादी”
सब उनकी शादी से खुश थे , विदाई से पहले बाकि बाराती और रिश्तेदार जा चुके थे , बस घर के कुछ लोग बचे थे , विदाई जैसे भावुक माहौल को भी जीजू और अर्जुन की बातो ने खुशनुमा बना दिया और सभी खिलखिलाकर हंस पड़े , फूलो से सजी एक गाड़ी आकर घर के दरवाजे पर रुकी मीरा और अक्षत उसमे बैठे उनके साथ पीछे निधि और जीजू भी बैठ गए अर्जुन आगे बैठ गया ! बाकि घरवाले दूसरी गाड़ियों में बैठ गए ! कुछ देर बाद गाड़ी वहा से चल पड़ी ! मीरा ख़ामोशी से बैठी थी अक्षत ने देखा सभी बातो में लगे है तो उसने धीरे से अपना हाथ मीरा के हाथ पर रख दिया , मीरा ने जब अक्षत की अक्षत अनजान बनकर खिड़की से बाहर देखने लगा , मीरा मुस्कुरा दी क्योकि अक्षत अभी भी नहीं बदला था वह वैसा ही था !! गाड़ी सड़क पर दौड़ते जा रही थी कुछ देर बाद अर्जुन ने अक्षत से कहा,”आशु कल शाम मसूरी के लिए निकल जाओ तुम दोनों मैं टिकट्स का इंतजाम करवा देता हु “
“नहीं भाई !”,अक्षत ने कहा
“क्यों ? अच्छी जगह है यार , वहा नहीं जाना तो कही और ,, नई नई शादी हुई है तुम्हे जाना चाहिए ,, और मीरा के साथ भी थोड़ा वक्त बिताने को मिल जाएगा उसके बाद तो दोनों ही अपने अपने कामो में बिजी हो जाओगे !”,अर्जुन ने कहा
“हां साले साहब ठीक कह रहे है , मेरी मानो तो तुम लोग मनाली चले जाओ , बर्फ ही बर्फ है वहा”,जीजू ने कहा
“मुझसे ज्यादा तो आप एक्साइटेड लग रहे है जीजू”,अक्षत ने कहा तो मीरा हंस पड़ी और बेचारे जीजू झेंप गए उन्होंने अपनी झेंप मिटाने के लिए अर्जुन से कहा,”देख रहे हो साले साहब लौंडा पराया हो गया है !”
जीजू की बात से अक्षत भी हसने लगा और उन्हें हग करते हुए कहा,”अपना कहो चाहे पराया कहो रहोगे तो आप ही मेरे बेस्ट जीजू !”
“हां हां मक्खनबाजी नहीं , और ज्यादा चिपको मत पहले ही लोग मुझे आपकी सहेली समझने लगे है !”,जीजू ने इस बार अर्जुन को घूरते हुए कहा !
“अच्छा तो फिर कहा जाओगे तुम ही बता दो ?”,अर्जुन ने अक्षत से कहा
“बनारस !”,अक्षत ने एकदम से कहा
“बनारस ?”,अर्जुन चौंका
“साले साहब अभी तुम दोनों उम्र इतनी भी नहीं हुई है , बनारस जाना है”,जीजू ने मुंह बनाकर कहा
“वहा हर उम्र के लोगो के लिए कुछ न कुछ है जीजू , बच्चो के लिए भोलेनाथ है , जवानो के लिए प्यार है और आप बुजुर्गो के लिए मंदिर है !”,अक्षत ने कहा तो मीरा और अर्जुन फिर हसने लगे ! जीजू ने दोनों को घुरा और अर्जुन से कहा,”मैं नहीं जा रहा घर , साले साहब अब मेरे नहीं रहे”
“मैं तो सिर्फ मीरा का हु आप अपना देख लो !”कहते हुए अक्षत ने मीरा की और देखा तो बस उसकी आँखो में देखता रहा ! अर्जुन और जीजू दोनों को देख रहे थे अर्जुन ने झूठ मुठ का खांसने का नाटक किया तो अक्षत और मीरा इधर उधर देखने लगे !!
इन सब बातो के बिच निधि चुप थी उसने कुछ नहीं कहा ! गाड़ी घर के अंदर पहुंची मीरा और अक्षत के साथ अर्जुन जीजू निधि निचे उतरे और दरवाजे के सामने आये !
मीरा के स्वागत की बड़ी जोरो शोरो से तैयारी की गयी थी , घर के दरवाजे पर राधा , नीता , तनु और बाकि औरतो के साथ हाथ में आरती की थाली लिए दरवाजे पर खड़ी थी , मीरा को घूंघट में देखकर तनु ने कहा,”अरे मीरा हम लोगो से ये घूंघट क्यों ? हमने तो तुम्हे शुरू से देखा है !”
“दी ये हमारे घर की परम्परा है”,मीरा ने धीरे से कहा
“लेकिन हमारे अक्षत भैया तो बेचारे कबसे देखने को परेशान हो रहे है !”,नीता ने चुटकी लेते हुए कहा
अक्षत हसने लगा , घूंघट में वह भी मीरा का चेहरा ठीक से देख नहीं पा रहा था उसने नीता से कहा,”आप कहो तो अभी उठा देता हु !”
“बेशर्म लड़के शर्म नहीं आती”,तनु ने कहा
“शर्म कैसी ? मेरी बंदी है !”,अक्षत ने कहा
“बंदी नहीं बीवी , अब मीरा इस घर की छोटी बहु है !”,राधा ने अक्षत को तिलक करते हुए कहा , अक्षत को तिलक करने के बाद उन्होंने मीरा को तिलक किया , दोनों की आरती उतारी और मुंह मीठा कराया ! तनु ने हाथ में पकड़ा चावल का कलश निचे रखा और कहा,”मीरा अपने दाहिने पैर से कलश को छूकर इसमें भरे चावल निचे गिराओ !”
मीरा ने वैसा ही किया तो राधा ने कहा,”चलो अब दोनों अंदर आ जाओ !”
“अरे ऐसे कैसे राधा ? अभी दरवाजे की आखरी रस्म तो पूरी ही नहीं की , पहले दोनों पहेली बुझेंगे उसके बाद अंदर आएंगे , और दुल्हन को चलकर नहीं आना !”,पीछे खड़ी एक आंटी ने कहा
“तो फिर कैसे आना है ?”,जीजू ने कहा
“दूल्हे राजा गोद में उठाकर इन्हे अंदर लाएंगे !”,आंटी ने कहा
“अच्छा अच्छा पर ये सारी अच्छी रस्मे दुल्हन के लिए ही क्यों हम दूल्हे क्या आसमान से टपके है “,जीजू ने कहा
“जीजू अगर आपको तनु दीदी गोद में उठाती ना तो फिर वो खुद नहीं उठ पाती !”,पीछे खड़े अर्जुन ने कहा तो सभी हसने लगे , लेकिन जीजा कहा पीछे रहने वाले थे उन्होंने भी अर्जुन की हां में हां मिलाते हुए कहा,”हां और उसके बाद मेरा फिजिक्स ऐसा बिगड़ता कोई साइंस डिपार्टमेंट नहीं जोड़ पाता !”
इस बात पर तो मीरा भी मुस्कुरा उठी !
“चलो अक्षत से ही शुरू करते है , आशु सुना अपनी मीरा के लिए कुछ !”,तनु ने कहा
अक्षत ने अपना गला साफ करते हुए मीरा की और देखते हुए कहा,”हमारी जिंदगी में आपकी जरूरत है , कैसे कहे कितनी मोहब्बत है ?”
सभी ख़ुशी से ताली बजाने लगे
“अब अब अब मीरा की बारी !”अर्जुन ने खुश होकर कहा।
मीरा कुछ देर खामोश रही और फिर धीरे से कहने लगी,”जीजू के चहेते , सासु माँ के प्यारे ,, आज से आपके अक्षत जी हुए हमारे !”
“वाह वाह मजा आ गया , मीरा तो है ही टेलेंटेड”,जीजू ने कहा !
सबने मीरा के लिए भी तालिया बजाई और उसके बाद राधा ने कहा,”दोनों अंदर आ जाओ !”
अक्षत आने लगा तो जीजू ने रोकते हुए कहा,”अरे मीरा को गोद में कौन उठाएगा ?” अक्षत ने सबके सामने मीरा को गोद में उठाया , उसका चेहरा शर्म से लाल हो रहा था पहली बार उसे शर्म आ रही थी और मीरा अक्षत को देखकर मुस्कुरा रही थी ! अक्षत उसे अंदर लेकर आया दोनों ने सबसे पहले दादू और दादी के पैर छुए , दोनों ने उन्हें खूब आशीर्वाद दिया , साथ में मीरा को एक अच्छा तोहफा भी !! उसके बाद उन्होंने राधा और विजय के पैर छुए विजय ने मीरा को शगुन दिया और राधा ने अपने हाथ में पहना सोने का कंगन उसके हाथ में पहनाते हुए कहा,”ये मेरी सास से मुझे मिला था , इस घर की परम्परा है !”
मीरा मुस्कुरा दी और कहा,”हम हमेशा ख्याल रखेंगे !”
उनके बाद दोनों नीता और अर्जुन के प्यार छूने जैसे ही उनके पास आये , अर्जुन ने अक्षत को गले लगा लिया और नीता ने मीरा को और दोनों ने एक साथ कहा वेलकम इन द फॅमिली !”
उनके बाद दोनों तनु दी और जीजू के पैर छुए उन्होंने भी अक्षत और मीरा को खूब आशीर्वाद दिया और तोहफा भी !! सब वहा थे बस निधि कही नजर नहीं आ नहीं आ रही थी तो राधा ने कहा,”ये निधि कहा है ?”
“शायद ऊपर होगी मम्मी , मैं बुला लाती हु !”,नीता ने कहा
“उसे मैं बुला लुंगी , तुम अक्षत और मीरा को लेकर पूजा घर में चलो अभी कुछ रस्मे बाकि है !”,राधा ने कहा
सभी आगे की रस्म के लिए पूजा घर के सामने आ बैठे , नीता एक बड़े से बर्तन में दूध ले आयी जिसमे गुलाब की पंखुडिया और कुछ पिले फूल थे ! अक्षत ने देखा तो कहा,”भाभी ये किसलिए ?”
“अरे यही तो शादी की सबसे इंट्रस्टिंग रस्म है !”,जीजू ने अक्षत की तरफ से उठकर मीरा की साइड बैठते हुए कहा
“देवर जी इसमें एक अंगूठी है वो आपको और मीरा को ढूंढनी है जिसने पहले ढूंढ ली वो जीत जाएगा !”,नीता ने अक्षत की बगल में बैठते हुए कहा
ये सुनते ही दो टीम बन गयी एक जिसमे मीरा , जीजू , अर्जुन और तनु थे दूसरी में सिर्फ अक्षत और नीता ! अक्षत ने जीजू को मीरा की साइड देखकर कहा,”सही है पार्टी बदल ली !”
“बॉडी मीरा की तरफ है , बाकि दिल से तेरी तरफ ही हु , पुच्च (कंधे पर किस करते हुए कहा) तू खेल !”,जीजू ने कहा
नीता ने बर्तन में हाथ घुमाया और मीरा अक्षत से अंगूठी ढूंढने को कहा जैसे ही मीरा ने हाथ बर्तन में डाला पहली बार में ही अंगूठी उसके हाथ में आ गयी , लेकिन अक्षत को पता चल गया और उसने मीरा के हाथ को पकड़ लिया ! अक्षत के हाथ की पकड़ मजबूत थी इसलिए मीरा अपना हाथ छूटा नहीं पाई ! मीरा ने जीजू की तरफ देखा तो जीजू ने अक्षत के कान के पास आकर कहा,”ये इशिका यहाँ क्या कर रही है ?”
अक्षत ने पीछे देखा कोई नहीं था तब तक मीरा ने अपना हाथ छुड़ाकर अंगूठी सबके सामने कर दी !
पहली बार में अक्षत जीजू की वजह से हार गया , उसने जीजू को घुरा तो जीजू दूसरी और देखने लगे , दूसरी बार भी मीरा जीती तो नीता ने कहा,”ये आखरी मौका है देवर जी अगर इस बार मीरा जीत गयी तो फिर इसकी ही हुकूमत चलेगी !”
“डोंट वरी भाभी जीतेंगे तो हम ही !”,कहते हुए अक्षत ने नीता के अंगूठी डलते ही उसे पकड़ लिया मीरा हार गयी ! अक्षत ने वो अंगूठी मीरा की ऊँगली में पहनाई और ऐसे ही नोक झोंक चलती रही ! रस्मे ख़त्म होने के बाद अक्षत और मीरा ऊपर जाने लगे , जीजू नीता अर्जुन तनु और बाकि सब भी उनके साथ साथ ऊपर चले आये जैसे ही ऊपर आये सबकी आँखे खुली रह गयी , ऊपर अक्षत और मीरा के वेलकम की बहुत सुंदर तैयारी की गयी थी , ऊपर का पूरा पार्ट हार्ट शेप बैलून्स से सजा हुआ था , निचे फर्श पर फूलो का रास्ता बनाया हुआ था अक्षत तो बस सब देखे जा रहा था तभी साइड से निकलकर हनी और निधि आये और एक साथ कहा,”ग्रैंड वेलकम फॉर यू मीरा एंड अक्षत !”
मीरा को जब पता चला ये सब निधि ने किया है तो उसकी आँखों में आंसू आ गए उनसे आगे बढ़कर निधि को गले लगाते हुए कहा,”हमे लगे तुम हमसे अब भी नाराज हो , लेकिन तुमने हमारे लिए ये सब किया ! हम बहुत खुश है निधि !!!”
निधि की आँखों में भी आंसू झलक आये लेकिन उसने उन्हें साफ करते मुस्कुराते हुए कहा,”नाराज नहीं बल्कि बहुत खुश हु की मेरी बेस्ट फ्रेंड अब मेरी भाभी बन चुकी है और वो हमेशा मेरे साथ रहेंगी !”
मीरा ने ख़ुशी से उसके हाथो को थाम लिया और कहा,”हमे माफ़ कर दो निधि”
“माफ़ी तो मुझे मांगनी चाहिए मैंने तुम्हे गलत समझा , पर तुमने मुझसे किया अपना वादा निभाया अब एक वादा और निभाना की हमारी दोस्ती कभी ख़त्म ना हो !”,निधि ने कहा तो मीरा ने एक बार फिर उसे गले लगा लिया ! अक्षत को कुछ समझ नहीं आ रहा था पर हनी को वहा देखकर उसके पास आया और कहा,”क्यों बे साले ?”
“साला नहीं जीजा !”,हनी ने अकड़कर कहा !
अक्षत ने सूना तो हैरानी से जीजू की तरफ देखा तो जीजू ने कहा,”हम्म सही बोल रहा है !”
“मैं आपकी तरह स्लो नहीं हु मैंने अपने पापा से कहा और उन्होंने आपके पापा से , मेरा और निधि का लव क्लियर है ! बहुत जल्दी मैं भी आप लोगो में शामिल हो जाऊंगा !”,हनी ने कहा
“तुझे बड़ी जल्दी है शादी की !”,जीजू ने कहा तो हनी झेंप गया और दूसरी और देखने लगा !अक्षत उसकी मासूमियत पर मुस्कुराया और उसे गले लगाते हुए कहा,”वेलकम इन माय फॅमिली लेकिन अगर मेरी बहन को गलती से भी रुलाया न तो”
“ऐसे कौन वेलकम करता है ?”,हनी ने मासूमियत से कहा !
“भरत मिलान हो गया हो तो आगे बढे”,अर्जुन ने कहा तो सभी हंस पड़े और अक्षत के रूम की और बढे ! दरवाजे पर निधि खड़ी थी तो अक्षत ने कहा,”क्या ?”
“नेग दो फिर अंदर जाओ !”,निधि ने कहा
“जीजू 10 रूपये खुल्ले है क्या ? देकर साइड करो इसे !”,अक्षत ने कहा
“देखो ना भाई क्या बोल रहे है ?”,निधि ने चिढ़ते हुए कहा
मीरा ने अपने गले में पहनी सोने की चैन निकालकर निधि को पहनाते हुए कहा,”ये तुम्हारा नेग !”
वही जीजू ने अक्षत के पर्स से नोट निकालते हुए निधि को देकर कहा,”ये भाई की तरफ से”
निधि ने अक्षत को अंगूठा दिखा दिया और मीरा को लेकर अंदर चली गयी ! मीरा के पीछे पीछे ही तनु नीता और बाकि औरते चली आयी ! अक्षत जैसे ही जाने लगा अर्जुन ने रोक लिया और कहा,”तुम कहा ?”
“अंदर !”,अक्षत ने कहा
“औरतो के बिच जाओगे , शर्म नहीं है ,, चलो चलकर मर्दो में बैठो !”,जीजू ने कहा
बेचारा अक्षत उनके साथ वापस निचे चला आया , शादी की रस्मे निभाते निभाते थक चुका था निचे कुछ देर सबके बिच बैठा फिर सोने चला गया लेकिन जीजू और हनी ने उसे सोने नहीं दिया दिनभर उसे परेशान करते रहे ! शाम को विजय ने रिसेप्शन रखा था , अक्षत और बाकि लोग पहले ही लॉन में जमा हो गए अक्षत ने ब्लेक सूट पहना था वो बहुत डेशिंग लग रहा था , लेकिन बार बार उसकी नजरे मीरा को ही तलाश कर रही थी , कुछ देर बाद गोल्डन लहंगे और मेरून दुप्पटे में मीरा निधि तनु नीता के साथ आयी वो इतनी खूबसूरत लग रही थी की अक्षत उसे देखता ही रह गया और उसका मुंह खुला का खुला रह गया , जीजू उसके पास आये और उसका मुंह बंद करते हुए कहा,”मुंह तो बंद कर लो साले साहब , आपकी ही ही है !”
अक्षत झेप गया , कुछ देर बाद दोनों स्टेज पर थे , सभी उन्हें एक एक करके शादी की मुबारकबाद देने आये , मीरा के घरवाले भी आये उन्हें देखकर मीरा खुश हो गयी , सबने डांस किया , साथ में खाना खाया और बहुत मस्ती की ! देर रात तनु और नीता मीरा को सबके बिच से लेकर अक्षत के कमरे के बाहर ले आयी , नीता ने मुस्कुराते हुए कहा,”जाओ अपनी शादीशुदा जिंदगी की नयी शुरुआत करो !”
मीरा कमरे के अंदर आयी , पूरा कमरा फूलो से और उनकी खुशबु से भरा हुआ था मीरा आकर बैठ गयी ! अक्षत अभी भी सबके साथ निचे था , कुछ देर बाद जीजू के कहने पर वह ऊपर चला आया जैसे ही उसने कमरे का दरवाजा खोला , मीरा का दिल धड़क उठा , ऐसे तो उसने कई बार अक्षत को देखा था लेकिन आज उसकी पलके झुकी हुई थी , अक्षत आकर उसके सामने बैठा और कुछ देर बाद कहा,”मीरा !”
“हम्म्म !”,मीरा ने बिना उसके तरफ देखे कहा
“मेरी तरफ देखो ना !”,अक्षत ने कहा
“मीरा ने अपनी पलके उठाकर उसे देखा अक्षत कुछ देर उसकी और देखता रहा और फिर मीरा का हाथ अपने हाथो में लेकर कहा,”मुझे तुमसे कुछ कहना है !” मीरा का दिल अब भी बहुत तेज धड़क रहा था , उसने कहा,”हम्म्म कहिये !”
“कैसे कहु ? तुम तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना !”,अक्षत ने कहा
“नहीं कहिये “,मीरा ने कहा
“मुझे बहुत नींद आ रही है , तीन रातो से सोया नहीं हु और आज दिन में भी जीजू हनी ने मुझे सोने नहीं दिया !”,अक्षत ने जल्दी से कहा
मीरा मुस्कुराने लगी वह पीछे खिसकी उसने अपनी पीठ दिवार से लगायी और अक्षत को अपने पास आने का इशारा किया , अक्षत उसके पास आया तो मीरा ने अक्षत को अपनी गोद में सर रखने को कहा ! अक्षत ने अपना सर मीरा की गोद में रख लिया और लेट गया , मीरा उसके बालो को सहलाने लगी ! एक सुकून था दोनों के मन के एक दूसरे को पाकर ! ,, अक्षत को नींद आ गयी कुछ देर बाद मीरा भी गयी ! सुबह वह जल्दी ही उठ गयी , तैयार होकर निचे आयी , लेकिन राधा ने उसे आराम करने को कहा तो मीरा जीजू और तनु के पास आकर बैठ गयी सभी बाते करने लगे !! दिनभर मेहमानो से मिलना जुलना चलता रहा ऐसे में मीरा और अक्षत को एक दूसरे से बात करने का मौका ही नहीं मिला ,, शाम तक सभी मेहमान जा चुके थे , निधि ने मीरा और अक्षत का बैग पैक किया और फिर दोनों सबसे मिलकर घर से निकल गए , अक्षत ने अपनी गाड़ी से जाना ठीक समझा ,, दोनों इंदौर से बनारस के लिए निकले मीरा बहुत खुश थी , अक्षत के मन में उसने ईश्वर को लेकर एक विश्वास जगाया था , जैसे ही गाड़ी बनारस के करीब पहुंची मीरा ने कहा,”आपने यहाँ आने का मन क्यों बनाया ?”
“तुम्हे किसी से मिलवाना है !”,अक्षत ने गाड़ी चलाते हुए कहा
“किस से ?”,मीरा ने हैरानी से कहा
“है बहुत खास लोग !”,अक्षत ने कहा
“फिर तो हम जरूर मिलेंगे , वैसे भी ये हमारी पसंदीदा जगह है !”,मीरा ने अक्षत के कंधे पर सर रखते हुए कहा

गाड़ी इस बार बनारस में सीधा मुरारी के घर के सामने आकर रुकी , अक्षत और मीरा जैसे ही अंदर आये मुरारी का चेहरा अक्षत को देखकर ख़ुशी से खिल उठा , वह उन दोनों के पास आया और कहा,”अरे वाह वकील बाबू इतनी जल्दी लौट आये सब खैरियत तो है !”
“शादी कर ली है इसलिए आपसे सुखी जीवन की टिप्स लेने आया हु !”,अक्षत ने मुरारी को गले लगाते हुए कहा
“बहुत बहुत मुबारक हो”,मुरारी ने कहा
“ये मीरा है मेरी पत्नी !”,अक्षत ने मुरारी को मीरा का परिचय देते हुए कहा
“नमस्ते मीरा जी , कैसी है आप ? वकील साहब ने बड़ी तारीफ की है आपकी !”,मुरारी ने कहा
“नमस्ते , हम ठीक है आप कैसे है ?”,मीरा ने हाथ जोड़कर कहा
“अरे इह तो बिल्कुल हमारी सारिका भाभी जैसे बात करती है !”,मुरारी ने खुश होकर कहा !
वह उन्हें अंदर लेकर आया अनु से अपने बेटे से मिलवाया , जैसे ही मुन्ना ने अक्षत और मीरा को साथ देखा कह उठा,”इह पुराना पासवर्ड है का ?”
अक्षत निचे बैठा और उसके कान खींचते हुए कहा,”नहीं बेटा ये परमानेंट पासवर्ड है !”
मुरारी ने अपना सर पिट लिया , अनु मीरा को लेकर अंदर चली गयी और मुरारी अक्षत के साथ बैठकर बाते करने लगा , मुरारी से मिलने के बाद अक्षत और मीरा शिवम् सारिका से और उनके परिवार से भी मिले , सभी उन दोनों को वहा देखकर बहुत खुश हुए !! शाम को मुरारी अनु के साथ अक्षत और मीरा को लेकर घाट पर चला आया वहा की महा आरती देखी , अनु मीरा को लेकर निचे सीढ़ियों पर चली गयी , अक्षत और मुरारी वही खड़े थे तो मुरारी ने अक्षत से कहा,”वकील साहब , ये लड़किया न बहुत भोली होती है , हम उनको जरा सा प्यार दे तो इह हमको वापसी में दुगुना देती है ,, मीरा का हमेशा साथ निभाना और उसे कभी ठेस मत पहुंचाना , उह की आँखों में दिखता है उह बहुते चाहती है तुमको !”
अक्षत ने मुस्कुरा कर हामी भर दी ! अगले ही पल एक सजी धजी लड़की मुरारी के करीब से गुजरी , मुरारी की गर्दन भी लड़की के साथ साथ घूम गयी तो अक्षत ने कहा,”आप जानते है उन्हें ?”
“हमरी फेसबुक आई डी का पुराना पासवर्ड है !”,मुरारी ने अक्षत ने कहा
“अगर वो फेसबुक का पासवर्ड है तो फिर व्हाट्सप्प , इंस्टाग्राम , ट्वीटर , टिंडर , का भी पासवर्ड होगा , बोलो और कितने पासवर्ड है जो खुले घूम रहे है तुम्हारे !”,पीछे खड़ी अनु ने कहा
“अरे अरे अरे का बोले जा रही हो , हम तो बस मजाक कर रहे है !”,मुरारी ने कहा
“वही बोल रहे है जो देख रहे है मिश्रा जी आजकल मैगी छोड़कर चाउमीन जो दिल लगने लगा है आपका , घर पर मिलिए बताते है !”,अनु ने जाते हुए कहा
तो मुरारी ने हाथ पकड़कर रोक लिया और कहा,”अरे काहे बिगड़ रही हो मैगी तुमरे अलावा कभी किसी और को देखे है का उह तो सामने से गुजरी तो नजर पड़ गयी !”
अनु ने अपना हाथ झटका और जाते हुए कहा,”ये झूठी बाते ना अपनी जनता को सुनना विधायक जी , अनु नाम है हमारा खटिया खड़ी कर देंगे तुम्हारी !”
“साला लोगो के पांव पर कुल्हाड़ी गिरती है हम ससुरा कुल्हाड़ी पर पैर दे मारे है , अरे मैग्गी सुनो तो !”,कहते हुए मुरारी भी उसके पीछे गया लेकिन अगले ही पल अक्षत के पास लौट आया और कहा,”हम सोचे तुमसे तुमरा अतीत का कहानी सुनेंगे पर हिया तो हमरा वर्तमान दांव पर लगा है ,, बुरा मत मानियेगा मिलते है बाद !”
“अरे कोई बात नहीं वो जो आपकी “संजना किरोड़ीवाल” है न उन्होंने हमारी कहानी भी लिखी है “कितनी मोहब्बत है” वो पढ़ लीजियेगा !”,अक्षत ने मुस्कुराते हुए कहा
“फिर तो पहले उन्ही से निपटते है !”,मुरारी ने कहा
“उनसे क्यों ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“अरे सब उह का ही किया धारा है शिवम् भैया और आपकी किस्मत में सुकून लिखा और साला हमरी जिंदगी में इह बवाल लिख दिया , उह को तो हम छोड़ेंगे नहीं , पर पहले अपनी फूलनदेवी को मना ले वरना हमरी खटिया के साथ साथ वो ना जाने कितनो की खटिया खड़ी करेगी ! चलते है हर हर महादेव”,कहते हुए मुरारी वहा से चला गया !
मीरा अक्षत के पास आयी और कहा,”अक्षत जी ये “संजना किरोड़ीवाल” कौन है ?
अक्षत मुस्कुराया ओर मीरा के कंधो पर अपना हाथ रखकर सामने बहते पानी को देखते हुए कहा,”है एक पागल लड़की जो मोहब्बत को अपने शब्दों में समेटकर रखती है , और उन शब्दों को पढ़कर हर किसी के दिल से बस एक ही बात निकलती है – कितनी मोहब्बत है !!”
मीरा मुस्कुरा उठी और अपना सर अक्षत के कंधे से लगा लिया , दोनों एक दूसरे का हाथ थामे वहा खड़े बनारस के घाट की सुंदरता को महसूस करते रहे !!

समाप्त

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