Sanjana Kirodiwal

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हमारी अधूरी कहानी

Hamari Adhuri Kahani

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Hamari Adhuri Kahani by Sanjana Kirodiwal

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Hamari Adhuri Kahani

दीपावली की छुट्टियों में अभी वक्त था , पर घर जाने का मन नही था सोचा इस बार पूजा के साथ यही दिवाली मना लू , पूजा 2 साल से मेरी प्रेमिका थी जिसके बारे में मैंने घर पर अभी तक नहीं बताया था ,, मैं एक छोटे से गांव से था पढ़ाई पूरी करके यही शहर में नौकरी करने लगा ,

शहर में रहकर मेरे ख्यालात भी यही के जैसे मॉर्डन हो चुके थे लेकिन मेरे गांव में प्रेम विवाह पर अब भी मंजूरी नहीं थी !! मैं छुट्टियों में घर ना जाने का बहाना सोच ही रहा था की पिताजी का फोन आ गया

– हेलो ! कपिल ,, बेटा तुम्हारी दादी की तबियत बहुत ख़राब है , उनके पास वक्त बहुत कम है जितनी जल्दी हो सके गांव आ जाओ , अपने आखरी वक्त में वो तुमसे मिलना चाहती है .

जी पापा , मैं आ रहा हु – कहकर मैंने फोन काट दिया ,,

माँ के गुजर जाने के बाद दादी और पापा ने ही मुझे पाल पोस कर बड़ा किया और मेरी हर जिद पूरी की ,,

मैं कुछ दिन की छुट्टी लेकर गांव आ गया और यही से मेरी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया ,,

दादी बहुत बीमार थी , डॉक्टर्स जवाब दे चुके थे .. मैं घंटो दादी के पास बैठा रहा तभी दादी ने मेरा हाथ पकड़ कर धीमी आवाज में कहा

-” बेटा कपिल मैं जानती हु अब मैं ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं हु , मरने से पहले मेरी बस एक ही इच्छा है तेरी शादी देखु !! तू मेरी ये इच्छा पूरी करेगा न

“बस माँ इतनी सी बात, अगर तेरी यही इच्छा है तो मैं कल ही इसकी शादी कर देता हु …. – मेरे कुछ कहने से पहले ही[पिताजी बोल पड़े ..

और मैं चुपचाप खड़ा देखता रहा , मैं उनके सामने एक शब्द भी न बोल पाया .. अगले ही दिन कुछ मेहमानो और गांव वालो के सामने राधा से मेरी शादी कर दी गयी ,, मैंने उसे नजर उठा कर देखा तक नहीं .. सब खुश थे लेकिन मेरा दिल अंदर ही अंदर रो रहां था ,, दादी की इच्छा और पापा के गुस्से के सामने मैं कुछ बोल ही नहीं पाया !!

दो दीन बाद ही दादी हमे छोड़कर चली गयी .. पापा बहुत रोये मैंने उन्हें सम्हाला ,,

कुछ दिन वही रुकने के बाद मैंने पापा से वापस शहर जाने की बात कही तो उन्होंने राधा को भी साथ ले जाने की बात की //

राधा से मेरी शादी जरूर हुयी थी लेकिन मैंने उसे पत्नी का दर्जा नहीं दिया था , मैं उसे अपने साथ ले जाना नहीं चाहता था , अपने दोस्तों के सामने और खासकर पूजा के सामने तो बिलकुल नहीं !!

पर यहाँ भी पिताजी के सामने मेरी एक न चली और उसे अपने साथ शहर लेकर आना पड़ा .. किसी को मेरी शादी के बारे में पता ना चले इसलिए मैंने अपना घर और नौकरी दोनों बदल दी पर पूजा से मेरी मुलाकात रोज हो जाया करती थी कभी पार्क तो कभी किसी रेस्त्रो में ,,,

पूजा मुझसे प्यार तो करती थी लेकिन जब भी मैं शादी की बात करता वो चीड़ जाती और तुनक कर कहती – अभी मुझे जिंदगी जिनी है शादी नहीं करनी है ..

शादी को 1 महीना गुजर गया लेकिन मैं राधा को कभी पत्नी का दर्जा नहीं दे पाया …

वो सबसे अलग ही थी , ज्यादा नहीं बोलती थी जितना पूछो उतना ही जवाब देती थी ,, और पत्नियों की तरह मुझसे सवाल नहीं करती थी , एक ठहराव था उसमे ..

वो मुझसे पहले उठ जाती थी घर का सारा काम करती , खाना भी बहुत अच्छा बनाती थी ,, मैंने कभी उसे उसकी ख़ुशी के बारे में नहीं पूछा न ही उसने कभी कोई शिकायत की ,, शाम को अक्सर मैं जानबूझकर देर से आता , कभी कभी शराब पीकर आता ताकि वो मुझसे परेशान होकर चली जाये और मैं पूजा से शादी कर सकू !!

पर मेरी इन हरकतों का उस पर को असर नहीं होता था ,, जब तक मैं घर नहीं आता वो दरवाजे पर मेरे इन्तजार में खड़ी रहती थी ,, मेरा ख्याल रखती थी , जब मुझे बुखार या जरा सा जुखाम हो जाता वो बेचैन हो जाती थी ,, सारी रात वो मेरे पाव दबाती ,,

मुझे याद है मुझे कभी उसकी इतनी परवाह नहीं हुयी थी …

एक शाम जब पूजा ने फिल्म देखने से मना कर दिया तो मैं दोनों टिकटे घर ले आया ,, राधा को जब वो टिकट जेब में मिल तब उसने पहली बार मुझसे सवाल किया था

– ये क्या है ?

फिल्म के टिकट्स है

– मुझे भी फिल्म देखनी है !! – उसने हिचकिचाते हुए कहा ..

शादी के बाद उसने पहली बार मुझसे कुछ माँगा था , मैं मना नहीं कर पाया // दोनों फिल्म देखने पहुंचे ,, वो बहुत गौर से फिल्म देख रही थी और मैं उसे ,, एक कशिश थी उसके चेहरे में उस दिन पहली बार मैंने उसे इतनी करीब से देखा था !

फिल्म देखकर हम घर आ गए वो बहुत खुश थी उस दिन ,,

वक्त गुजर रहा था ,, इधर कुछ दिनों से पूजा के वयवहार में काफी बदलाव आ चुका था , वो मेरी शादी के बारे में नहीं जानती थी .. उसने अपना जॉब भी चेंज कर लिया .. मेरे बार बार कहने पर वो मुझसे मिलने आती और तुरंत चली भी जाती ,, उसका फ़ोन भी अब बिजी आने लगा ,,

पूछने पर हमेशा गोल गोल जवाब देती और एक दिन उसने कहा की उसे मुझसे कोइ रिश्ता नहीं रखना उसकी जिंदगी में कोई और लड़का अा गया है , वो कोई और नहीं उसके ही ऑफिस का उसका बॉस था ??

मेरे 2 साल के प्यार को वो ठोकर मारकर चली गयी , मेरा दिल टूट चूका था ,, उस रात मैं देर से घर पहुंचा , रोज की तरह राधा दरवाजे पर मेरा इंतजार कर रही थी , मेरे आते ही उसने खाना लगाया ,, लेकिन मैं बिना खाये ही अपने कमरे में चला गया ,, राधा मेरे पास आयी और पूछा की क्या हुआ ?

मैं राधा के गले लगकर बच्चो की तरह फुट फुट का रोने लगा ,, मैं राधा को नहीं बताना चाहता था , बस सारी रात उसकी गोद में सर रखकर सिसकता रहा ,, उसने मुझसे कुछ नहीं पूछा शायद वो समझ सकती थी उस वक्त मुझे .. सारी रात वो मेरा सर अपनी गोद में लिए बैठी रही .. मुझे कब नींद आयी पता नहीं चला ,, सुबह मैं बिना राधा को बताये ऑफिस के लिए निकल गया .

मेरे लिए पूजा को भूलना इतना आसान नहीं था , शाम को दोस्तों के साथ बैठकर खूब शराब पी और देर रात घर गया , हमेशा की तरह राधा दरवाजे पर खड़ी थी , लड़खड़ाते कदमो से मैं अंदर आया और सोफे पर जाकर पसर गया !!

राधा मेरे नजदीक आयी मुझे उठाया और सहारा देकर कमरे तक लेकर गयी , मुझे लिटाया और मेरे पेरो के पास जाकर मेरे जुते उतारने लगी , अधखुली आँखों से मैं देख रहा था , उसके चेहरे पर गुस्से का कोइ भाव नजर नही आ रहा था ,, निस्वार्थ होकर वो अपना पत्नी धर्म निभा रही थी ,, जूते निकालने के बाद वो मेरे पास आयी और मेरे सर के निचे तकिया लगाकर मुझे पास पड़ी चद्दर ओढ़ा कर जाने लगी ,

नशे में मैंने उसका हाथ पकड़ रोक लिया ,, वो रात शादी के बाद पहली रात थी जब मैंने उसे पति का प्यार दिया था ,, उसने भी अब तक का अपना सम्पूर्ण प्रेम मुझपर न्योछावर कर दिया

सारी रात वो मुझसे लिपटी रही , और मैं नशे में था ,, जो कुछ भी हुआ नशे में हुआ य मैं जानता था , पर उसका हक़ था मुझसे ये प्यार पाने का ….

अगले दिन देर से उठा सर भी दर्द से फटा जा रहा था ..

राधा चाय ले आयी और चाय मेरी तरफ बढ़ाते हुए कहा – आपसे कुछ मांगू तो देंगे ?

मैंने है में गर्दन हिला दी !! उसने बोलन शुरू किया

शादी होने के बाद से लेकर अब तक मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है , बस आप ये रोज रोज शराब मत पीया कीजिये ,, इस से आपकी सेहत पर बहुत बुरा असर होगा .. अगर आपको मेरी बात बुरी लगी हो तो मुझे माफ़ कर देना …

कहकर वो कमरे से बाहर चली गयी … पर मुझे सोचने पर मजबूर कर गयी , मैंने कभी उसके लिए नहीं सोचा और वो हमेशा मेरी परवाह करती थी ,, मैंने फैसला कर लिया की अब मैं कभी शराब नहीं पियूँगा .. उसकी कही बात मैंने इतनी जल्दी क्यों मान ली मैं खुद भी नहीं जानता था

कुछ दिन निकले एक दिन अचानक राधा की तबियत खराब हो गयी ,, सुबह से उसे उल्टिया हो रही थी , वो बहुत थकी हुई नजर आ रही थी , मैंने डॉक्टर को घर पर बुलाया , डॉक्टर ने उसे आराम करने को कहा और उसका यूरिन और ब्लड सेम्पल लेकर मुझसे कहा

– थकान और कमजोरी की वजह से सब हो रहा है ,, थोड़ा आराम करेंगी तो बिलकुल ठीक हो जाएगी .. बाकि मैंने दवाई लिख दी है समय समय पर देते रहिएगा !! शाम तक इनके टेस्ट की रिपोर्ट्स भी आ जाएगी तो वो आप मुझसे क्लिनिक से ले लेना ,, चलता हु !! – कहकर डॉक्टर चले गए !!

मैंने राधा के पास जाकर देखा , वो सो रही थी अब तक मैंने कभी उस पर धयान ही नहीं दिया वो पहले से बहुत कमजोर लग रही थी !!

मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली और घर पर ही रहा ,, दोपहर तक राधा की तबियत में थोड़ा सुधर हुआ मैं उसके पास ही था उसे दवाई दी तभी फोन बजने लगा

ऑफीस में एक जरुरी मीटिंग थी जिसमे मेरा जाना बहुत जरुरी था , मैंने मना कर दिया पर राधा के कहने पर मैं ऑफिस चला गया ,, पर हर वक्त मुझे राधा की फ़िक्र हो रही थी .. मैंने दो चार बार घर पर फ़ोन करके उसकी तबियत पूछी , आज से पहले मुझे कभी उसकी इतनी परवाह नहीं हुए थी !!!

मीटिंग में पता चला की 2 दिन के लिए मुझे शहर से बाहर जाना है ,, घर आकर जब राधा को बताया तो उसने ख़ुशी ख़ुशी मुझे जाने के लिए कह दिया .. पर मैं उसे छोड़ कर जाना नहीं चाहता था ,, उसे लेकर मैं बहुत कुछ महसूस करने लगा था .. जाने से पहले मैंने राधा से पुछा

– तुम्हारे लिए कुछ लाना है वहा से ?

हां , बस आप जल्दी आ जाना – उसने मुस्कुराते हुए कहा

मन किया जाने से पहले एक बार उसे कस के गले लगा लू .. पर तभी गाड़ी आ गयी और मैं चला गया ,, मीटिंग और काम में इतना बिजी था की राधा से बात ही नहीं हो पायी , मैं जल्दी से जल्दी उसके पास जाना चाहत था ,, उसे बताना चाहता था की मैं उस से कितना प्यार करता हु

काम ख़त्म होते ही मैं घर के लिए रवाना हुआ घर पहुंचने वाला था तभी डॉ का फोन आ गया और उसने मुझे तुरंत क्लिनिक आने को कहा

मैं तुरंत क्लिनिक पंहुचा तो डॉ ने मुस्कुराते हुए कहा

“मुबारक हो , आपकी पत्नी माँ बनने वाली है –

उस दिन मैं बहुत खुश था ,, बस जल्दी से जल्दी राधा के पास पहुंचना चाहता था .. घर पहुंचने पर मैंने देखा राधा चुपचाप सोफे पर बैठी थी , मैंने दौड़कर उसे गले लगा लिया

” मैंने तुम्हे बहुत याद किया राधा , बहुत कुछ है जो मैं तुम्हे बताना चाहता हु पर सबसे पहले मैं तुम्हे एक जरूरी बात बतानी है

मैं दुनिया का पहला सबसे खुशनसीब इंसान हु जिसे अपनी पत्नी को ये बात बताने का मौका मिला है ” — तुम माँ बनने वाली हो राधा —

मेरे इतना कहते ही उसका हाथ दूसरी तरफ लुढ़क गया और छोटी शीशी उसके हाथ से निकल कर दूर जा गिरी ..

मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैंने वो शीशी उठायी और देखा तो एक पल के लिए सांसे रुक गयी ,, उसमे जहर था ,, और राधा वो जहर पी चुकी थी

मैंने तुरंत राधा को सम्हाला वो मुझे छोड़ कर जा चुकी थी , हमेशा हमेशा के लिए और अपने पीछे सेकड़ो सवाल छोड़ गयी …

आँखे पत्थर हो चूकी थी .. मैं रोना चाहता था , चीखना चिल्लाना चाहता था पर सब जैसे जम चूका था अंदर ही अंदर !!

मैं सारी रात उसके पार्थिव शरीर को सीने से लगाए रहा !!

सुबह तक गांव से पिताजी आ चुके थे उनको देख्ते मैं दर्द से तड़प उठा , दर्द उसे खो देने का था पिताजी के गले लग घंटो रोता रहा मैं …

उसका दाह संस्कार होने के बाद पिताजी कुछ दिन मेरे पास ही रुके … उसके जाने के बाद मैं सो नहीं पाया ,, उसका होना मेरे लिए सब कुछ था मेरी आँखे बार बार उसी की तलाश करती थी !! वो अनगिनत सवाल मुझे सोने नहीं देते थे

मैंने पापा से उनके साथ गांव जाने की बात की , मेरी हालत देखते हुए पापा मान गए मैंने जरुरी सामान पैक किया और कपडे लेने के लिए अलमारी खोली

आमलारी में सामने मेरी डायरी और एक लेटर रखा हुआ था ,, मैंने कांपते हाथो से वो लेटर उठाया और पढ़ना शुरू किया

!!! प्रिय कपिल जी

जब आप ये लैटर पढ़ रहे होंगे मैं इस दुनिया से जा चुकी होउंगी !!

शादी के बाद मुझे कभी आपसे कोई शिकायत नहीं रही ,,मैं जानती थी की आप हमारी शादी से बिलकुल खुश नहीं है !! इसलिए मैंने कभी आपसे पति का हक़ नहीं माँगा , पर अपना पत्नी धर्म हमेशा निभाया ,, मैं एक गांव से आयी थी ,, यहाँ लाकर आपने मुझे कभी शिकायत मौका नहीं दिया !

आप बहुत अच्छे इंसान हो ,,पर क्या करती आपसे प्यार हो गया था मुझे , औरत हु कब तक रोक पाती आखिर खुद को !! मेरे बीमार होने पर जब आपको अपने लिए परेशान होते देखा तब ये अहसास हुआ की आप बहुत अच्छे इंसान है !!

आपको बहुत जल्द ये सब बताने वाली थी ,,

आपके शहर से बाहर जाने के बाद जब आप कमरे की सफाई कर रही थी तब मुझे आपकी ये डायरी मिली ,, आपकी इजाजत के बिना इसे पढ़ माफ़ी चाहती हु , पर अगर नहीं पढ़ती तो शायद कभी सच नहीं जान पाती !

आप पूजा से बहुत प्यार करते थे , उस से शादी करना चाहते थे … लेकिन मैं आपकी जिंदगी में आ गयी और आप दोनों को मेरी वजह से अलग होना पड़ा … मैंने बहुत सोचा और फिर समझ आया की अगर मैं ना रहु तो आप और पूजा एक हो सकते है !! इसलिए मैंने ख़ुशी ख़ुशी आपकी जिंदगी से जाने का फैसला कर लिया …

पति का सात जन्मो का प्यार आपने मुझे उस रात दे दिया … वो अहसास काफी था मेरे लिए

मुझे माफ़ का दीजियेगा !!

एक बात और कहना चाहते है आपसे – हम आपसे बहुत प्यार करते है अपना ख्याल रखियेगा बस एक इच्छा है हमारी , जब हम ना रहे तब हमारी याद में एक पेड़ गांव के घर के आँगन में लग देना ..

जब भी आपको अकेलापन महसूस हो , तो वहा चले आना !!!

” राधा !!

रो पड़ा था मैं उस खत को पढ़कर !! मेरी ख़ुशी के लिए वो इस हद तक चली जाएगी सोचा नहीं था !! खत को जेब में रखा और बैग उठाकर पिताजी के साथ गांव आ गया …. राधा की आखरी इच्छा पूरी की घर के पीछे आँगन में खुशबूदार पेड़ लगाया और उसे बड़ा किया … उसके जाने के बाद कभी शादी का सोचा भी नहीं क्युकी उसके हिस्से का प्यार अब किसी से बाटना नहीं चाहता था मैं !!

बस जीना चाहता था उसके अहसास के साथ !!

जब वो साथ थी तब प्यार नहीं था , अब जब प्यार है तो वो साथ नहीं है

सबकी तरह वो भी इस कहानी को अधूरा छोड़ कर चली गयी , पर मैं इसे पूरा करूंगा उसकी यादो के साथ … मेरे दिल से आवाज उठी है सच्चे प्यार का कभी अंत नहीं होता ,, और उसका प्यार सच्चा था ,, पाक और निस्वार्थ………..

और देखते ही देखते ना जाने कितने दिन , महीने ,साल गुजर गए !! बस नहीं गुजरा तो वो एक लम्हा जिसमे मैं अब भी जी रहा था ,, उसे भूल पाना मेरे लिए नामुमकिन था और मैं भूलना चाहता भी नहीं था !!

जब भी उसकी याद आती उसी पेड़ के निचे वक्त गुजार लेता था !! और वो फूल बरसा कर मेरा स्वागत करती !! हमेशा !

आज उसके जाने के 40 साल बाद भी उसकी यादे , उसका प्यार वैसे ही था जैसे हमेशा रहा पर हर रोज की तरह आज भी उसने फूलो से मेरा स्वागत नहीं किया ,, ,, वक्त के साथ अब वो पेड़ भी जर्जर हो चुका था ,, बस कुछ सुखी पत्तिया थी जो अभी भी टिकी हुयी थी वहा , वैसे ही जैसे मेरे जीवन के कुछ पल ,,, यु लगता था जैसे उसे मेरे साथ ही जाना है ,,

मैं अपना आखरी वक्त उसी के साथ बिताना चाहता था !!

“मैं वही लेट गया, और वो यादो की हवा बनकर मेरे पास बहने लगी ,, आँखे नम हो गयी ो डायरी के उस आखरी पन्ने पर बस इतना ही लिख पाया

“मौत भी कितनी अजीब है , मेरी जिंदगी लेकर चली गयी !!

मैं जा चूका था ,, इस दुनिया से उस दुनिया में जहा वो मेरा इंतजार कर रही थी ,, इतने सालो से और आज भी उसके चेहरे पर शिकायत के भाव नहीं थे !

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समाप्त

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