“हाँ ये मोहब्बत है” – 26
Haan Ye Mohabbat Hai – 26
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Haan Ye Mohabbat Hai – 26
छवि ऑफिस से बाहर निकल आयी। उसके दिल की धड़कने बढ़ी हुई थी और गुस्से से आँखे लाल हो चुकी थी। वो समझ नहीं पा रही थी आखिर विक्की सिंघानिया क्यों उसके पीछे पड़ा है ? छवि हमेशा गर्व से अपना सर उठाकर जीती आयी है फिर आज कैसे वह विक्की जैसे लड़के के सामने झुक जाये। इस कम्पनी में नौकरी की एक उम्मीद थी वो भी विक्की की वजह से खत्म हो गयी। छवि को कुछ समझ नहीं आ रहा था परेशान सी वह सड़क किनारे आयी।
उसने घर जाने के लिए ऑटो रुकवाने की सोची और पर्स में पैसे चेक किये। उसके पास कुछ ही रूपये बचे थे और वह उन्हें खर्च नहीं करना चाहती थी उसने पैदल जाना सही समझा और सड़क किनारे चल पड़ी। चलते हुए छवि के मन में कई ख्याल आ जा रहे थे। घर के किराये का टेंशन , राशन का टेंशन , माँ की दवाईयों का टेंशन और इन सबके साथ ही नयी नौकरी की चिंता। छवि के चेहरे पर निराशा के भाव उभर आये ,
उसे हर तरफ से नाउम्मीद ही नजर आ रही थी। चलते हुए वह काफी दूर निकल आयी , चलते चलते उसके पैर भी काफी दर्द करने लगे थे। थककर छवि रुक गयी तभी एक गाडी तेजी से रस्ते पर भरे पानी के ऊपर से निकली और पानी के छींटे छवि पर आ गिरे। छवि के सारे कपडे खराब हो गए वह कुछ कहती इस से पहले ही गाडी कुछ आगे जाकर रुकी और वापस पीछे आयी। छवि अपने कपड़ो को साफ़ कर रही थी गाडी का शीशा नीचे हुआ और अंदर बैठे विक्की ने बड़े ही अफ़सोस के साथ कहा,”च्च्चच्च्च्च तुम्हारे तो सारे कपडे खराब हो गए”
छवि ने गुस्से से विक्की की तरफ देखा तो विक्की ने उसे घूरते हुए कहा,”ये तो सिर्फ शुरुआत है छवि दीक्षित आगे आगे देखो मैं तुम्हारा जीना कैसे हराम करता हूँ ?”
कहते हुए विक्की ने गाडी का शीशा ऊपर चढ़ाया और वहा से चला गया। छवि ने मन ही मन विक्की को सबक सिखाने का फैसला किया और दूसरी दिशा में बढ़ गयी। कुछ देर बाद छवि पुलिस स्टेशन में थी।
उसके सामने बैठे इंस्पेक्टर ने ख़ामोशी से उसकी बात सुनी और कहा,”मैडम आप जानती भी है आप किसके खिलाफ कंप्लेंट कर रही है। VS ग्रुप के MD के बेटे के खिलाफ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,देखिये मैडम गौतम सिंघानिया इस शहर के जाने माने बिजनेसमैन है , उन्हें बदनाम करने के लिए लोग अक्सर ऐसी झूठी कंप्लेंट करते रहते है। मेरी आपको एक सलाह है अपने घर जाईये , आप खामखा अपना और मेरा वक्त बर्बाद कर रही है”
“वो एक बड़ी हस्ती का बेटा है इसका मतलब ये नहीं है की वो सही है , वो बार बार मुझे परेशान करता है , मुझे धमकाता है क्या इतना काफी नहीं है उसके खिलाफ कम्प्लेंट लिखने के लिए”,छवि ने गुस्से से कहा
“देखिये मैडम अपने दिमाग को ना थोड़ा ठंडा रखिये , पुलिस को मत सिखाईये उसे किसके खिलाफ एक्शन लेना है और किसके नहीं ? क्या आपके पास किसी तरह का सबूत है की उसने आपको छेड़ा है , धमकाया है और अगर थोड़ी छेड़छाड़ कर भी दी तो कौनसी आफत आ गयी ? जवान हो खूबसूरत हो ऐसे में लड़के तो चांस मारेंगे ना। क्या उसने आपको कोई नुकसान पहुंचाया ?”,छवि की बात सुनकर इन्स्पेक्टर भड़क गया
“तो क्या आप मेरे रेप होने का इंतजार करेंगे और उसके बाद एक्शन लेंगे ?”,छवि ने भी टेबल पर हाथ मारकर गुस्से से कहा
“रेप हुआ तो नहीं है ना,,,,,,,,,,,,,,,अगर तुम्हारे पास सबूत है तो दो वरना यहाँ से जाओ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसी कंप्लेंट दिन में सेंकडो आती है अगर ऐसे हर कंप्लेंट पर एक्शन लेने लगे तो हो गया पुलिस का काम,,,,,,,,,,,,,अब जाओ यहाँ से”,इंस्पेक्टर ने छवि को झिड़कते हुए कहा तो उसकी आँखों में गुस्से और मायूसी के आँसू भर आये।
वह उठी और चुपचाप वहा से निकल गयी उसके जाते ही इस्पेक्टर ने फोन लगाया और कहा,”हेलो विक्की सर एक लड़की आयी थी आपके खिलाफ कंप्लेंट लेकर , बहुत गुस्से में थी कुछ हुआ है क्या ?”
“नहीं इंस्पेक्टर उसे बस विक्की सिंघानिया की ताकत का अहसास दिला रहा हूँ , उसे बिन पानी की मछली की तरह तड़पने दो। विक्की सिंघानिया से दुश्मनी करने का अंजाम क्या होता है उसे पता चलने दो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे पैसे शाम तक पहुँच जायेंगे”,कहकर विक्की ने फोन काट दिया
इंस्पेकटर ने खुश होकर फोन काट दिया और अपने काम में लग गया।
इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं थी की सिंघानिया जी का दबदबा बिजनेस वर्ल्ड से लेकर पुलिसवालो में भी था और उनके इस दबदबे का फायदा उठाया विक्की ने , सिंघानिया जी के पैसो और पॉवर का इस्तेमाल उसने हमेशा गलत कामो में ही किया और इस बात पर सिंघानिया जी ने भी कभी उसे रोका नहीं जिसका नतीजा था विक्की दिन ब दिन और बिगड़ता जा रहा था।
छवि अपने घर लौट आयी , आज छवि को नीचा दिखाकर विक्की बहुत खुश था वह अपने दोस्तों और कुमार के साथ बैठकर बार में शराब पी रहा था और पार्टी कर रहा था। उसी बार काउंटर पर बैठे उस काले कोट वाले आदमी की नजर उन सब पर थी। उसके कानो में विक्की और उसके दोस्तों की बातें पड़ रही थी।
विक्की ने शराब से भरा ग्लास उठाया और सबके साथ चियर्स करते हुए कहा,”उस छवि दीक्षित को घुटनो पर नहीं लेकर आया तो मेरा नाम विक्की सिंघानिया नहीं , मेरे बाप के मुंह पर रिजाइन लेटर मारा था उसने और मुझे सबके सामने थप्पड़ उस थप्पड़ का बदला मैं उस से जरूर लूंगा”
“यार विक्की तू इतना हेंडसम है तू चाहता तो उसे अपने प्यार के जाल में फंसाकर , उसके साथ कुछ दिन मौज-मस्ती करके उसे छोड़ भी सकता था फिर ये बदला किसलिए ?”,विक्की के दोस्त ने नशे की हालत में कहा
“प्यार का नाटक और उस से ? वो बहुत घमंडी लड़की है,,,,,,,,,,,,पहली बार जब मैंने उसे देखा तो वो मुझे अच्छी लगी लेकिन उसने,,,,,,,,,,,उसने हर बार मेरी इंसल्ट की,,,,,,,,,उसने कहा मैं एक अमीर बाप की बिगड़ी हुई औलाद हूँ”,विक्की ने नफरत भरे स्वर में कहा
“सही कहा उसने”,पास बैठे आदमी ने कहा तो सब उसकी तरफ देखने लगे। विक्की ने सूना तो कहा,”कौन है बे तू जो बिना माँगे एडवाइज दे रहा है ?”
आदमी उठा और विक्की के पास आकर अपना हाथ उसकी तरफ बढाकर कहा,”तुम मुझे अपना वेलविशर समझ सकते हो”
“तुमने ये क्यों कहा की उस लड़की ने सही कहा ?”,विक्की ने आदमी को घूरते हुए कहा
“विक्की सिंघानिया , गौतम सिंघानिया का इकलौता बेटा जिसकी जिंदगी में ऐशो आराम की कोई कमी नहीं है लेकिन वो एक मामूली सी लड़की के पीछे पड़ा है क्यो ?,,,,,,,,,,,,,,,,,क्योकि उस लड़की ने उसका ईगो हर्ट किया है”,आदमी ने अपनी ऊँगली को विक्की के सीने पर रखते हुए कहा
“ए तुम सब लोग जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,विक्की ने अपने दोस्तों से कहा तो सब वहा से चले गए। विक्की ने आदमी को बैठने का इशारा किया और खुद भी उसके बगल में पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए वेटर से कहा,”दो ड्रिंक प्लीज”
“थैंक्यू”,आदमी ने अपना ग्लास उठाते हुए कहा और विक्की के ग्लास से टकराकर कहा,”चियर्स”
विक्की एक साँस में अपनी ड्रिंक पी गया लेकिन आदमी धीरे धीरे पीने लगा। विक्की की आँखों से गुस्सा साफ झलक रहा था और कुछ देर बाद उसने कहा,”आज से पहले मेरे डेड ने कभी मुझ पर हाथ नहीं उठाया , लेकिन उस लड़की की वजह से उन्होंने मुझे थप्पड़ मारा और यही बात मैं भूल नहीं पा रहा हूँ। उस दो कोड़ी की लड़की को मैं उसकी औकात दिखाना चाहता हूँ , उसे घुटनो पर लाना चाहता हूँ , उसे माफ़ी मांगते हुए देखना चाहता हूँ , तब जाकर मुझे सुकून मिलेगा”
“इसमें मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ”,आदमी ने अपनी ड्रिंक का घूट भरते हुए कहा
“कैसे ? और तुम मेरी मदद क्यों करोगे ?”,विक्की ने हैरानी से कहा
“क्योकि मुझे यकीन है मेरी इस मदद के बदले तुम मेरी मदद करोगे”,आदमी ने यकिनभरे स्वर में कहा
“मैं तुम्हारी मदद क्यों करूंगा ?”,विक्की ने फिर हैरानी से पूछा
“क्योकि तुम्हे मेरी मदद की जरूरत है इसलिए”,कहते हुए आदमी ने अपना फोन विक्की के सामने कर दिया और विडिओ प्ले करने का इशारा किया। विक्की ने विडिओ प्ले किया जिसे देखकर उसकी आँखों की पुतलिया फ़ैल गयी। कुछ देर पहले उसने नशे में छवि को बर्बाद करने की जो बातें कही थी वो सब उस फोन में रिकॉर्ड थी। आदमी ने फोन उठाया और जेब में डाल लिया। विक्की ने गुस्से से उसका कॉलर पकड़ा और कहा,”तु मुझे ब्लेकमैल करेगा ?”
आदमी ने बड़ी ही सहजता से विक्की के हाथो को नीचे करते हुए कहा,”गुस्सा अकल का दुश्मन है , ये विडिओ मैंने तुम्हे ब्लैकमेल करने के लिए नहीं बल्कि अपनी सेफ्टी के लिए बनाया है ताकि तुम बाद में मेरी मदद करने से मुकर ना जाओ”
विक्की वापस अपनी कुर्सी पर बैठा और कहा,”मुझे क्या करना होगा ?”
आदमी हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”मुझे एक गाड़ी चाहिए जिसका रजिस्ट्रेशन किसी ऐसे इंसान के नाम पर हो जो इंदौर से ना हो। एक नया फोन और सिम कार्ड चाहिए , नंबर भी प्राइवेट चाहिए। 50 हजार रूपये और एक बिना लायसेंस की गन,,,,,,,,,,,,,,,,,जितनी जल्दी तुमने इन सब का इंतजाम किया उतनी जल्दी वो लड़की तुम्हारे सामने होगी”
आदमी की डिमांड सुनकर विक्की थोड़ा परेशानी में पड़ गया। उसे लगा ये आदमी उस से लाखो की डिमांड करेगा पर ऐसा नहीं हुआ , उलटा वह बहुत ही अजीबोगरीब चीजों की मांग कर रहा था। विक्की को सोच में डूबा देखकर आदमी ने ड्रिंक का आखरी घूंठ भरा और उठकर विक्की का कंधा थपथपाते हुए कहा,”मैं जानता हूँ तुम ये कर लोगो , तुम्हारे लिए ये इतना भी मुश्किल नहीं है”
आदमी जैसे ही वहा से जाने लगा विक्की ने पलटकर कहा,”मैं तुम्हे इन्फॉर्म कैसे करूंगा ?”
“तुम्हारे पास मेरा कार्ड है उस पर मेरा नंबर लिखा है”,कहकर आदमी वहा से चला गया।
विक्की भी कुछ देर बाद वहा से निकल गया। देर रात विक्की घर चला आया उसे नशे में देखकर सिंघानिया जी ने रॉबिन से कहा,”विक्की अब यहाँ नहीं रहेगा , इसके लंदन जाने की तैयारी करो”
“ओके सर”,रॉबिन ने कहा और वहा से चला गया। दिन ब दिन विक्की की आदतों से परेशान होकर सिंघानिया जी ने विक्की को घर से दूर भेजने का फैसला किया वे नहीं चाहते थे यहाँ रहकर वह अपनी जिंदगी और अपना फ्यूचर बर्बाद करे। सिंघानिया जी अपने कमरे में चले गए।
सुबह के नाश्ते के बाद दादू ने सभी को हॉल में जमा होने को कहा। सभी एक साथ हॉल में चले आये तो दादू ने कहा,”दो दिन बाद होली है लेकिन तुम सब अपने अपने कामो में इतना व्यस्त रहते हो कि तुम्हे याद भी नहीं”
“अरे पापा मुझे याद था बिल्कुल याद था , हर साल की तरह इस बार की होली भी याद्गार रहेगी”,विजय जी ने कहा हालाँकि उन्हें भी याद नहीं था दो दिन बाद होली है।
“हाँ पापा इस बार होली पर बड़ा फंक्शन रखते है , क्यों दादू ?”,अर्जुन ने कहा
“अरे वही तो मैं कहना चाह रहा हूँ , इस बार होली पर मैं अपने सारे दोस्तों को घर बुलाना चाहता हूँ”,दादू ने बच्चे की तरह मचलते हुए कहा तो सब हंस पड़े
“अच्छा अर्जुन इस बार होली की तैयारियां तुम और सोमित जी करेंगे,,,,,,,,,ठीक है ?”,विजय जी ने कहा
“हाँ हाँ मौसाजी हम कर लेंगे,,,,,,,,,,,,,!!”,जीजू ने अर्जुन की तरफ देखकर कहा तो अर्जुन समझ गया और हामी भर दी।
“बड़े दादू होली क्या होती है ?”,अमायरा ने दादू के पास आकर पूछा
“अमु होली पर ना सब एक दूसरे को रंग लगाते है , गुजिया खाते है और पानी वाले गुब्बारे भी फोड़ते है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,चीकू ने कहा
“सच में,,,,,,,,,!!”,अमायरा ने ख़ुशी से चहकते हुए पूछा
“हाँ हम बहुत मजे करेंगे है ना ?”,चीकू ने कहा तो अमायरा सबके बीच उछलने कूदने लगी। चीकू काव्या को स्कूल जाना था उनकी बस बाहर आ चुकी थी
इसलिए दोनों अपना बैग लिए चले गए। विजय जी भी सोमित जीजू के साथ ऑफिस के लिए निकल गए और उनके पीछे पीछे अर्जुन भी निकल गया। दादू सोफे पर बैठे अख़बार पढ़ने लगे और अमायरा उनके बगल में बैठी अपनी गुड़िया से खेलने लगी।
मीरा किचन में अक्षत के लिए चाय बनाने लगी और नीता तनु बाहर बैठकर मटर छीलते हुए होली की मिठाईयों में क्या क्या बनेगा इस पर डिस्कस करने लगी ? कुछ देर बाद अक्षत आया और डायनिंग टेबल के पास पड़ी कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए मीरा को आवाज लगाना चाहा लेकिन मीरा को सामने से आते देखकर उसने कुछ नहीं कहा।
“आपकी चाय”,मीरा ने अक्षत के सामने चाय का कप रखते हुए कहा
“थैंक्यू , अच्छा मीरा सुनो मैं आज नाश्ता नहीं करूँगा , मेरी क्लाइंट के साथ मीटिंग है और मुझे शहर से बाहर जाना है। मुझे आने में देर हो जाएगी”,अक्षत ने चाय का कप उठाते हुए कहा
“ठीक है”,मीरा ने कहा और वही बैठकर तनु नीता की हेल्प करने लगी। अक्षत ने चाय खत्म की और उठकर चला गया। उसने अपना बैग और कुछ फाइल्स रघु को देकर उन्हें गाडी में रखने को कहा और खुद अमायरा की तरफ चला आया।
“अमु विश मी लक आज मेरी क्लाइंट के साथ मीटिंग है”,अक्षत ने अमायरा के सामने घुटनो पर बैठकर कहा
“बेस्ट ऑफ़ लक पापा”,अमायरा ने अक्षत के गाल पर किस करते हुए कहा
अक्षत मुस्कुरा उठा उसने अमायरा के दोनों हाथो को अपने हाथो में लेकर चूमा और कहा,”थैंक्यू , मैं जल्दी वापस आऊंगा”
अक्षत वहा से चला गया। मीरा ने देखा अक्षत अपना फोन डायनिंग टेबल पर ही भूल गया है।
उसने फोन उठाया और जैसे ही जाने लगी अक्षत का फोन बजा। मीरा ने फोन उठाकर कान से लगाया तो दूसरी तरफ से किसी लड़की की प्यारी सी आवाज आयी,”सर आप आज की मीटिंग के लिए निकल गए क्या ?”
मीरा कुछ बोलती इस से पहले ही उसका फोन कट गया। मीरा अक्षत का फोन लेकर बाहर आयी वह अक्षत पर कभी शक नहीं करती थी पर आज पता नहीं क्यों उस लड़की की आवाज सुनकर मीरा को अजीब सा लग रहा था। उसने बाहर आकर देखा अक्षत अपनी गाडी के पास खड़ा है।
“आप अपना फोन अंदर ही भूल आये थे , ये लीजिये”,मीरा ने अक्षत की तरफ फोन बढाकर कहा
“थैंक्यू मीरा,,,,,,,,,,,,,,अच्छा सुनो”,अक्षत ने कहा तो मीरा अक्षत की तरफ देखने लगी। अक्षत मीरा के पास आया और उसका सर अपने होंठो से छूकर कहा,”अपना ख्याल रखना , मैं जल्दी वापस आऊंगा”
कुछ देर पहले मीरा के मन में अक्षत को लेकर जो ख्याल आया वो एकदम से गायब हो गया। वह मुस्कुराई और कहा,”आप भी अपना ख्याल रखियेगा और प्लीज वक्त से खाना खा लीजियेगा”
“हम्म्म्म , अब मैं निकलता हूँ , बाय”,कहकर अक्षत वहा से चला गया। मीरा उसे जाते हुए देखते रही और फिर अंदर चली आयी।
सिंघानिया जी के कहने पर विक्की को लंदन भेजने की तैयारी होने लगी लेकिन विक्की को इस बात का पता नहीं था। सिंघानिया जी उसे पहले इस बारे में बताना भी नहीं चाहते थे। होली होने की वजह से होली के दो दिन बाद की फ्लाइट टिकट्स बुक हुई।
अपने गुस्से और ईगो की वजह से विक्की उस आदमी के जाल में फंस चूका था। वह उसकी मदद के लिए तैयार हो गया। उसने अपने दूसरे शहर में रहने वाले कजिन से कहकर गाड़ी बुक करवाई , एक नया फोन और प्राइवेट नंबर का सिम खरीदा , सिंघानिया जी के नाम का इस्तेमाल करके उसने बिना लाइसेंस की गन का भी इंतजाम कर लिया जो की उसे होली वाले दिन बाद मिलने वाली थी।
छवि जहा एक तरफ विक्की के टॉर्चर से परेशान थी वही दूसरी तरफ उसे कही भी नौकरी नहीं मिल रही थी। परेशान छवि ने अपनी माँ के साथ ये शहर छोड़ने का मन बना लिया वह अपनी माँ के साथ अपने मामा के घर जाने का सोच रही थी लेकिन होली आने की वजह से उसने होली के बाद ही जाना सही समझा।
अक्षत दिनभर क्लाइंट के साथ रहा , चित्रा भी अक्षत के साथ थी हालाँकि अक्षत उसे अपने साथ लाना नहीं चाहता था लेकिन माथुर साहब ने चित्रा को पर्सनली भेजा था ताकि वह चीजों को अच्छे से समझ सके। ये एक बहुत बड़ा केस था जिसे माथुर साहब और अक्षत साथ साथ देख रहे थे। शाम में अक्षत चित्रा के साथ वापस इंदौर के लिए निकल गया। इंदौर पहुँचते पहुँचते रात हो चुकी थी।
इतनी रात में चित्रा को अकेले घर भेजना उसे सही नहीं लगा इसलिए अक्षत खुद ही उसे घर छोड़ने चला आया। रास्ते में अचानक तेज बारिश शुरू गयी बारिश का पानी इंजन में जाने की वजह से गाड़ी बंद हो गयी। अक्षत ने चित्रा को अंदर बैठने को कहा और खुद बाहर निकलकर गाड़ी चेक करने लगा। बारिश बहुत तेज थी अक्षत बुरी तरह से भीग गया चित्रा ने देखा तो गाड़ी से उतरकर कहा,”सर आप भीग चुके है , यही पास में मेरा घर है आप चाहे तो बारिश रुकने तक वहा चल सकते है”
अक्षत ने सूना तो एक नजर चित्रा की तरफ देखा और कुछ देर बाद कहा,”हम्म्म”
चित्रा अक्षत के साथ अपने घर चली आयी जो की पास में ही था। चित्रा का परिवार भोपाल में रहता था और चित्रा यहाँ अकेले रहती थी। बारिश में भीगते हुए दोनों घर में आये अक्षत अंदर ना जाकर कॉरिडोर में ही रूक गया। चित्रा ने देखा तो कहा,”सर अंदर आ जाईये”
“नहीं मैं यहाँ ठीक हूँ , तुम जाकर कपडे बदल लो भीग गयी हो”,अक्षत ने अपने शर्ट की बाजू मोड़ते हुए कहा। चित्रा अंदर चली गयी कुछ देर बाद वह कपडे बदलकर आयी उसने कुर्ता और प्लाजो पहन रखा था। उसके हाथ में एक सूखा तौलिया था जो उसने अक्षत की तरफ बढ़ा दिया।
“थैंक्यू”,अक्षत ने तौलिया लिया और अपने सर को पोछने लगा। चित्रा एकटक उसे देखने लगी , बारिश और तेज हो गयी , कॉरिडोर में लगे पीले बल्ब की रौशनी में अक्षत का सांवला रंग और भी आकर्षक नजर आ रहा था जिसमे चित्रा डूब सी गयी।
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क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 27
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संजना किरोड़ीवाल
Mam yeh part to bhaut he awesome tha 💖💖♥️♥️ par kya aap The broken heart story ko continue kar sakti hai hum sab ko janana hai ke aage jiya aur Ishan ke saath kya hota hai isliye please aap jaldi se jaldi the broken heart story ka next part upload kar dejiye 🙏🏻🙏🏻
Kya Chitra ko pta chalega Akshat k shadisuda,hone k bare m
Bhut hi interesting part tha ma’am
Very nice part 👌
Kya hoga jab pata chalega Akshat married h…
Singhania saheb ko nahi Malum unki bete ki wajase voh kitni badi muskil me padne wale, Vicky ke karan aaj Chavi bahut pareshan hai aur usne yeah city chodne ka faisla kiya, Lagta hai Chitra Akshat ki taraf attract ho rahi hai per usse nahi malum ki voh married hai…
Singhania ko waqt rehte apne bete p dhyan dena chahiye.. uski aisi harkat se kitni hi zindagi barbad ho sakti h… chitra ka dil tutne wala h jb pata chalega aksht married h
Vicky or chavi or ye kaale coat wala…shub.. ye sb akshat k dukh ka karan bnege 🥺🥺🥺