Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

“हाँ ये मोहब्बत है” – 31

Haan Ye Mohabbat Hai – 31

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

Haan Ye Mohabbat Hai – 31

कोर्ट ने विक्की की बेल नामंजूर कर दी और उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया। कदम्ब ने छवि के बयानों के आधार पर जब तहकीकात की तो बहुत सी चीजे सामने आयी छवि का VS कम्पनी में नौकरी करना , अचानक से नौकरी छोड़ देना। इंपेक्टर कदम्ब ने सिंघानिया जी के फार्म हॉउस पर भी तहकीकात की जिस से उन्हें छवि और विक्की के वहा मौजूद होने के सबूत भी मिले। पुलिस ने उस फार्म हॉउस को सील कर दिया। विक्की के खिलाफ रेप केस बन चुका था।
सिंघानिया जी के वकील ने उन्हें सुझाव दिया जिसके चलते सिंघानिया जी ने अपने मैनेजर के साथ छवि से मिलने हॉस्पिटल पहुंचे। छवि के साथ जो हुआ उसके बाद से लोग सिंघानिया जी और विक्की पर भड़के हुए थे। छवि की माँ ने सिंघानिया जी को छवि से मिलने से मना कर दिया तो सिंघानिया जी ने कहा,”मैं आपका दुःख समझ सकता हूँ , विक्की से जो गलती हुई है उसके लिए मैं आपसे और छवि से माफ़ी चाहता हूँ। मुझे छवि से मिलने दीजिये अगर वो चाहे तो मेरे बेटे को बचा सकती है। आपको पैसा चाहिए तो मैं वो आपको दूंगा , हॉस्पिटल और छवि के इलाज का सारा खर्चा मैं खुद उठाऊंगा बस छवि से कहिये की वो अपना बयान वापस ले ले”
“कैसे इंसान हो तुम ? मेरी बेटी के साथ जो हुआ उसके लिए तुम पैसो से उसका मुंह बंद करना चाहते हो। तुम्हारे बेटे ने जो किया है उसकी कोई माफ़ी नहीं है। उसकी वजह से आज मेरी बेटी जिंदगी और मौत से झुंझ रही है और तुम चाहते हो मैं पीछे हट जाऊ,,,,,,,,,,,,,,,,,,बिल्कुल नहीं मैं उसे सजा दिलवाकर रहूंगी। उसे माफ़ी नहीं उसे फांसी होनी चाहिए समझे तूम,,,,,,,,,,,,!!”,माधवी जी ने चिल्लाकर कहा तो आसपास के लोग उन्हें देखने लगे।
“सर चलिए यहाँ से , मीडिआ वाले यही है खामखा बात बिगड़ जाएगी”,सिंघानिया जी के मैनेजर ने धीमी आवाज में कहा तो सिंघानिया जी माधवी को घूरते हुए वहा से जाने लगे। उन्हें जाते देखकर माधवी जी ने कहा,”मैं अपनी बेटी के गुनाहगारो को सजा दिलवाकर रहूंगी”
माधवी जी रोने लगी तो कमल ने उन्हें सम्हाला। सिंघानिया जी गुस्से में हॉस्पिटल से बाहर चले आये। रात हो चुकी थी उन्हें विक्की का ख्याल आया तो मन बैचैन हो गया। वे गाडी में आ बैठे और ड्राइवर से घर चलने को कहा। उन्होंने अपने सारे पहचान वालो को फोन किया , विक्की के लिए मदद मांगी लेकिन ये बात मिडिया से लेकर पुरे इंदौर में फ़ैल चुकी थी और कोई भी सिंघानिया का साथ देकर खुद को इस मामले में फ़साना नहीं चाहता था।

देखते ही देखते दो दिन निकल गए लेकिन सिंघानिया जी विक्की को बाहर नहीं निकाल पाए
अखबारों की सुर्खियों में विक्की का नाम था लेकिन विक्की अभी भी एक ही बात पर टिका था की उसने ये सब नहीं किया। अगले दिन विक्की की कोर्ट में पेशी थी और उस से पहले इंपेक्टर कदम्ब विक्की से पूछताछ करना चाहते थे। उन्होंने कॉन्स्टेबल से विक्की को इन्वेस्टिगेशन रूम में लाने को कहा। कुछ देर बाद विक्की को इन्वेस्टिगेशन रूम में छोड़कर कॉन्सटेबल वहा से चला गया। विक्की ख़ामोशी से कुर्सी पर बैठा था 2 दिन में ही उसके चेहरे की रंगत चली गयी। इंस्पेक्टर कदम्ब इन्वेस्टिगेशन रूम में आया और विक्की के सामने पड़ी कुर्सी खिसकाकर बैठ गया। विक्की ने कदम्ब को देखा और कहा,”मैंने कुछ नहीं किया है इंस्पेक्टर तुम लोग समझते क्यों नहीं ? मुझे यहाँ से बाहर निकालो मैंने कुछ नहीं किया है”
“हर अपराधी यही कहता है की उसने कुछ नहीं किया है। तुम जानते भी हो तुमने बेरहमी से एक लड़की का रेप किया और उसे मरने के लिए छोड़ दिया। अपनी मौज मस्ती के लिए तुमने एक लड़की की जिंदगी खराब कर दी जानते हो तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब मैं जो पुछु उसका सही सही जवाब देना”,इंस्पेक्टर कदम्ब ने कहा
विक्की ने सूना तो कदम्ब को घूरने लगा। कदम्ब ने विक्की की तरफ देखा और बहुत ही शांत स्वर में पूछा,”छवि दीक्षित को कैसे जानते हो ?”
“वो मेरे डेड की कम्पनी में एक एम्प्लॉय थी”,विक्की ने भी शांति से जवाब दिया
“क्या तुम्हारा उस से कोई रिश्ता था , जैसे की दोस्ती या उस से भी आगे ?”,इंपेक्टर कदम्ब ने फिर पूछा
“नहीं , छवि और मेरी कभी नहीं बनती थी , मैं उसे बिल्कुल पसंद नहीं करता था”,कहते हुए विक्की के चेहरे के भाव कठोर हो गए
“तुम्हारे ऑफिस के एक एम्प्लॉय ने बताया की उसने तुम्हे सबके सामने थप्पड़ भी मारा था , क्या ये सच है ?”,कदम्ब ने अगला सवाल पूछा
“हाँ”,विक्की ने अपने दाँत भींचते हुए कहा
“क्यों ? ऐसा क्या हुआ था ?”,कदम्ब ने पूछा तो विक्की उसे घूरने लगा
विक्की को खामोश देखकर कदम्ब ने गुस्से से कहना शुरू किया,”ऑफिस में तुमने छवि के साथ बदतमीजी की , उसने तुम्हे थप्पड़ मारा और तुम्हारा ईगो हर्ट हो गया। उस से बदला लेने के लिए तुमने उसे अगवा किया और फिर उसका रेप कर दिया”
“मैंने उसका रेप नहीं किया है”,विक्की ने टेबल पर जोर से हाथ मारते हुए कहा तो कदम्ब ने उसकी आँखों में आँखे डाली और गुस्से से कहा,”तुम्हारे कहने से ये साबित नहीं होगा , छवि ने खुद ये बयान दिया है , उसे अगवा करने के बाद तुम उसे अपने फार्म हॉउस पर लेकर गए ,, तुम्हारे फोन की लोकेशन ने सब बता दिया है बेहतरी इसी में है की तुम अपना गुनाह कबूल कर लो”
“इंस्पेकटर मेरी बात का यकीन करो मैं अपने फार्म हॉउस पर छवि के साथ था लेकिन मैंने उसका रेप नहीं किया है”,विक्की ने गुस्से में आकर ये बात मान ली की वह फार्म हॉउस पर छवि के साथ था। कदम्ब ने सूना तो मुस्कुराया और विक्की के बाल पकड़कर उसकी गर्दन उठाते हुए कहा,”तुम जैसे लोगो से सच कैसे उगलवाना है ये मैं अच्छी तरह जानता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,कल कोर्ट में तुम्हारी पहली पेशी है अगर तुम अपना गुनाह कबूल लेते हो तो हो सकता है तुम पर रहम खाकर तुम्हारी सजा कुछ कम कर दे लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो यहाँ तुम्हारा जीना हराम मैं कर दूंगा”
विक्की मन ही मन पछताने लगा की आखिर उसने गुस्से में ऐसी बात क्यों कही ? उसने अपना सर पकड़ लिया और कुछ देर बाद उसे वापस सलाखों के पीछे डाल दिया।

चोपड़ा जी विक्की के वकील थे और इस केस को वही लड़ने वाले थे। चोपड़ा जी ने अपनी सारी तैयारी कर ली थी उन्हें किसी भी हाल में विक्की को बेगुनाह साबित करके उसे जेल से बाहर निकालना था। चोपड़ा जी सिंघानिया जी से मिलने उनके घर आये और उन्हें सब बताया तो सिंघानिया जी ने कहा,”उस लड़की छवि ने अपना बयान वापस लेने से इंकार कर दिया है चोपड़ा , क्या तुम विक्की को बेगुनाह साबित कर पाओगे ?”
“डोंट वरी सिंघानिया जी मैं पूरी कोशिश करूंगा , अगर ये केस लंबा चलता भी है तो मैं कोशिश करूंगा बेल पर विक्की को बाहर निकाल सकू”,चोपड़ा जी ने कहा
“कुछ भी करो चोपड़ा मुझे कल शाम मेरा बेटा घर चाहिए , जो करना है करो , वकील , जज , मजिस्ट्रेट जिसे खरीदना है खरीदो लेकिन विक्की कल शाम तक घर आ जाना चाहिए”,सिंघानिया जी ने उठते हुए कहा

अगली सुबह 12 बजे विक्की की कोर्ट में पेशी थी और छवि रेप केस की कोर्ट में पहली सुनवाई थी। मिडिया कोर्ट के बाहर ही जमा थी उन्हें अंदर आने की परमिशन नहीं दी गयी। महिला संगठन मोर्चा वाले और दूसरे लोग भी जो छवि के सपोर्ट में थे कोर्ट के बाहर जमा थे। वकीलों में भी आज बहस का माहौल था की कौन सही है और कौन गलत ? अक्षत तय समय पर कोर्ट पहुचा। कोर्ट पहुँचने पर उसे पता चला की छवि का केस लड़ने के लिए जो वकील था वे “मणिशंकर वर्मा” है। अक्षत ने फाइल्स और बैग सचिन को दिया और खुद कोर्टरूम की तरफ चला आया। आज की सुनवाई में कुछ चुनिंदा लोगो को ही परमिशन थी। विक्की कटघरे में खड़ा था और चोपड़ा जी कटघरे से कुछ दूर बने अपने डेस्क पर अपने असिस्टेंट के साथ बैठे हुए थे। उनके पीछे पड़ी कुर्सियों पर सिंघानिया जी और उनके मैनेजर बैठे थे । उनके बगल वाले डेस्क पर “मणिशंकर वर्मा” अपने असिस्टेंट के साथ बैठे थे। विक्टिम हॉस्पिटल में एडमिट थी और कोर्ट आने की स्तिथि में नहीं थी इसलिए माधवी जी और कमल के साथ छवि की दोस्त भी पीछे कुर्सियों पर बैठे थे। उनसे पीछे कुर्सियों पर कुछ लोग बैठे थे और कुछ लॉयर भी शामिल थे। अक्षत भी वही बगल में पड़ी कुर्सी पर बैठा था। जब उसने कटघरे में खड़े विक्की को देखा तो एकदम से उसका माथा ठनका और उसने मन ही मन खुद से कहा,”ये तो वही लड़का है जिसने उस रात मुझसे बदतिमीजी की थी”
“क्या चल रहा है ? जज साहब नहीं आये क्या ?”,अखिल ने आकर अक्षत के बगल में बैठते हुए पूछा
“नहीं आने वाले है”,अक्षत ने कहा
कुछ देर बाद जज साहब आये। सभी उनके सम्मान में खड़े हो गए। जज साहब ने अपना हथोड़ा टेबल पर ठकठकाया और बैठने संकेत दिया। जज साहब के बैठने के बाद सभी बैठ गए। दोनों वकील अपनी अपनी जगह खड़े हुए तो जज साहब ने कहा,”आज की कार्यवाही शुरू की जाये”
मणिशंकर कटघरे में खड़े विक्की के सामने आये और जज साहब की तरफ मुखातिब होकर कहने लगे,”माय लार्ड ये है विक्की सिंघानिया VS कम्पनी के MD गौतम सिंघानिया के बेटे , छवि दीक्षित जिनकी उम्र 24 वर्ष है वे VS कम्पनी में एक इम्प्लॉय के तौर पर काम करती थी। कम्पनी में किसी तरह का वाद-विवाद होने के कारण छवि दीक्षित ने वो नौकरी छोड़ दी लेकिन विक्की सिंघानिया उसके बाद भी उनका पीछा करते रहे और उन्हें परेशान करते रहे। जब छवि ने इन्हे नजरअंदाज करना चाहा तो विक्की सिंघानिया ने पहले तो उन्हें अगवा किया , उन्हें अपने फार्म हॉउस लेकर गए और फिर उनका रेप करके उन्हें अधनग्न हालत में हाई वे के पास फेंक दिया। माय लार्ड मेरी आपसे यही दरख्वास्त है की विक्की सिंघानिया को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये और मेरी क्लाइंट छवि दीक्षित के साथ पूरा न्याय किया जाये,,,,,,,,,,,,,,,देट्स आल माय लार्ड”
कहकर मणिशंकर साइड हो गए। जज साहब ने उनके कहे अनुसार अपने सामने पड़ी फाइल में कुछ लिखा और फिर सामने खड़े चोपड़ा जी से कहा,”आप विक्की सिंघानिया के बचाव में कुछ कहना चाहेंगे ?”
“जी माय लार्ड , मेरे साथ मुवक्किल ने बड़ी ही आसानी से कटघरे में खड़े मेरे क्लाइंट मिस्टर विक्की सिंघानिया को दोषी करार दे दिया। माय लार्ड मैं बताना चाहूंगा की घटना के समय विक्की सिंघानिया उस जगह मौजूद थे ही नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,विक्की सिंघानिया होली की शाम फार्म हॉउस गए जरूर थे लेकिन उसी शाम वापस लौट भी आये। ये अपने दोस्त के घर किसी पार्टी में मौजूद थे जिसका सबूत तस्वीरों के रूम में मैं आपके सामने पेश कर चुका हूँ। विक्की सिंघानिया एक बहुत ही शरीफ और नेक इंसान है। छवि दीक्षित से मुझे पूरी हमदर्दी है लेकिन महज उनके दिए बयान के आधार पर ये साबित नहीं हो जाता है की विक्की सिंघानिया ने उनका रेप किया है”
“ये झूठ है , इसी ने मेरी बेटी के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,माधवी जी से रहा नहीं गया तो वे बोल पड़ी
“आर्डर आर्डर,,,,,,,,,,,,आपको अपनी बात रखने का मौका दिया जायेगा”,जज साहब ने अपना हथोड़ा टेबल पर मारते हुए कहा
कमल ने माधवी को वापस बैठाया और शांत रखने को कहा।
“प्रोसीड,,,,,,,,!!”,जज साहब ने चोपड़ा जी से कहा
“थेंक्यू मायलॉर्ड , माय लार्ड छवि के दिए बयान पुरे होशो हवास में नहीं थे। उनकी हालत इतनी क्रिटिकल है की वो ठीक से बात भी नहीं कर सकती फिर बयान नोट करना ये बात कुछ हजम नहीं हुई सर,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं इन्स्पेक्टर कदम्ब को कठघरे में बुलाने की इजाजत चाहूंगा माय लार्ड ?”,चोपड़ा जी ने कहा
“इजाजत है”,जज साहब ने कहा तो चोपड़ा जी ने इंस्पेकटर कदम्ब को कटघरे में आने को कहा और उनके सामने चले आये
“इंस्पेक्टर कदम्ब क्या छवि दीक्षित का बयान आपने लिया था ?”,चोपड़ा जी ने पूछा
“जी हाँ , इस केस की इन्वेस्टिगेशन से लेकर बयान तक सब मैंने ही नोट किया है”,कदम्ब ने कहा
“जब आप बयान ले रहे थे उस वक्त वहा कौन कौन मौजूद था ? क्या वहा विक्टिम के घरवाले थे या फिर हॉस्पिटल स्टाफ ?”,चोपड़ा जी ने पूछा
“नहीं वहा सिर्फ पेशेंट थी , मैं और मेरे साथी कॉन्स्टेबल मौजूद थे जिन्होंने बयान नोट किया था”,कदम्ब ने कहा
“पॉइंट टू बी नोटेड माय लार्ड , विक्टिम के बयांन सिर्फ इंस्पेक्टर कदम्ब के सामने हुए और उनके आधार पर मेरे क्लाइंट को गिरफ्तार कर लिया , अगर आपकी इजाजत हो तो मैं कोर्ट को एक विडिओ क्लिप दिखाना चाहता हूँ”,चोपड़ा जी ने कहा
“इजाजत है”,जज साहब ने कहा।
“थैंक्यू माय लार्ड”,कहकर चोपड़ा जी ने एक पेन ड्राइव वहा लगे टीवी में लगाई जिसमे हॉस्पिटल के बेड पर लेती छवि का एक विडिओ था। उस विडिओ में साफ नजर आ रहा था की छवि होश में नहीं है ना ही बोल पाने की कंडीशन में है। वह एक ही सवाल के दो अलग अलग जवाब दे रही थी। चोपड़ा जी ने विडिओ पोज किया और कहने लगे,”माय लार्ड ये उसी दिन का विडिओ है जिस दिन इन्स्पेक्टर कदम्ब ने विक्टिम का बयान लिया था। आप देख सकते है विक्टिम को बिल्कुल होश नहीं है , वह डॉक्टर का सवाल तक नहीं समझ पा रही है ऐसे में वह अपना बयान कैसे दे सकती है ?”
“ऑब्जेक्शन माय लार्ड”,मणिशंकर ने बीच में कहा
“ऑब्जेक्शन ओवररुड”,जज साहब ने कहा तो मणिशंकर को रुकना पड़ा
“थैंक्यू माय लार्ड , मैं बस यही कहना चाहता हूँ माय लार्ड के मेरे क्लाइंट मिस्टर विक्की सिंघानिया बेकसूर है। उनकी अच्छी पोजीशन और नाम का फायदा उठाकर उन्हें फंसाया जा रहा है। कोर्ट से मेरी दरख्वास्त है की मेरे क्लाइंट को रिहा किया जाये,,,,,,,,देट्स ऑल माय लार्ड”,कहकर चोपड़ा जी पीछे हट गए
“मिस्टर मणिशंकर आपको कुछ कहना है ?”,जज साहब ने पूछा
“यस माय लार्ड मैं कोर्ट से कुछ दिन की मोहलत चाहता हूँ जिस से इस केस की इन्वेस्टिगेशन की जा सके। विक्टिम अभी हॉस्पिटल में है और वो कोर्ट आने की हालत ने नहीं है विक्टिम के बयान इस केस के लिए महत्वपूर्ण है इसलिए एकतरफा फैसला ना करके मुझे और मेरे क्लाइंट को थोड़ा वक्त दिया जाए ताकि विक्की सिंघानिया के खिलाफ पुख्ता सबूत लाया जा सके,,,,,,,,,,,,,,,,देट्स ऑल माय लार्ड”,मणिशंकर कहा
उनकी बात सुनकर अक्षत को ना जाने क्यों बुरा लगा और वह उठकर कोर्ट से बाहर निकल गया। अखिल ने उसे रोकना चाहा लेकिन तब तक अक्षत जा चुका था। माधवी जी ने जब सूना की छवि के लिए केस लड़ने वाले वकील ने समय की मोहलत मांगी है तो उनका दिल टूट गया। छवि का गुनहगार उनके सामने खड़ा था लेकिन वे कुछ नहीं कर पा रही थी। उनकी आँखों से आँसू बहने लगे। जज साहब ने दोनों वकीलों की बात सुनी और अपना फैसला सुनाते हुए कहा,”छवि दीक्षित के दिए गए बयानों के आधार पर ये अदालत में साबित नहीं हुआ है की छवि दीक्षित के साथ जो हुआ वो विक्की सिंघानिया ने किया है। अभिवक्ता के पास विक्की सिंघानिया के खिलाफ पुख्ता सबूत ना होने के कारण लिहाजा ये अदालत छवि दीक्षित के पूरी तरह ठीक होने और फिर से बयान होने तक इस केस को यही रोकती है साथ ही ये अदालत इंस्पेक्टर कदम्ब को इस केस को फिर से इन्वेस्टीगेट करने के आर्डर देती है। कोर्ट विक्की सिंघानिया को पूरी तरह से निर्दोष ना मानकर अगली सुनवाई तक बेल पर रिहाई की मंजूरी देता है”
जज साहब का फैसला सुनकर सिंघानिया जी और उनके मैनेजर का चेहरा खिल उठा। माधवी जी की आँखों में आँसू भर आये , मणिशंकर हताश सा उनके पास आया और वहा से चला गया। विक्की कटघरे से बाहर आया। इंस्पेक्टर कदम्ब भी वहा से चला गया। सिंघानिया जी विक्की को साथ लेकर अपने मैनेजर के साथ कोर्ट रूम से बाहर निकल गए। चोपड़ा जी ने सभी फॉर्मेलिटीज पूरी की और कुछ घंटो बाद विक्की को बेल पर घर जाने की मंजूरी मिल गयी। खाली कोर्ट रूम की कुर्सी पर बैठी माधवी जी ने आँसुओ से भरी आँखों से सामने टेबल के बगल में खड़ी कानून की देवी की मूर्ति को देखा जिसकी आँखों पर काली पट्टी बंधी थी।  

क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 32

Previous Part – haan-ye-mohabbat-hai-30

Follow Me On – instagram / facebook

संजना किरोड़ीवाल  

7 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!