Haan Ye Mohabbat Hai – 90
Haan Ye Mohabbat Hai – 90
जज साहब अपना फैसला सुनाने ही वाले थे कि उस से पहले ही एक जानी पहचानी आवाज सबके कानों में पड़ी। सबने दरवाजे की तरफ देखा तो आधे से ज्यादा लोगो के दिलो की धड़कने बढ़ गयी और कुछ चेहरों पर मुस्कान तैर गयी। दरवाजे पर खड़ा वह शख्स अंदर आया। वो शख्स कोई और नहीं बल्कि “एडवोकेट अक्षत व्यास” था।
अक्षत को वहा देखकर माथुर साहब और सचिन का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा तो चित्रा अक्षत को यहाँ देखकर हैरान थी क्योकि शुरू से ही अक्षत ही इस केस को नजरअंदाज कर रहा था और आज अचानक वह यहाँ था।
अक्षत आगे आया उसके हाथ में कुछ फाइल्स थी उसने चलते हुए सचिन की तरफ देखा तो सचिन ने अक्षत से वो फाइल्स ली और उसके पीछे चलने लगा। अक्षत जज साहब के सामने आकर खड़ा हुआ और अपने हाथो को बांधकर सर झुकाते हुए कहा,”अदालत की सुनवाई में रुकावट डालने के लिये मैं आपसे और इस अदालत से माफ़ी चाहता हूँ।”
कहकर अक्षत साइड हो गया।
जज साहब हल्का सा मुस्कुराये और कहने लगे,”छवि दीक्षित केस में पहली बार हुए फैसले के बाद ही अदालत को ये महसूस हुआ कि केस की छानबीन निष्पक्ष ना होकर सिर्फ गुनहगार बचाने के लिये हुई और कही न कही अदालत ने अपना फैसला सुनाने में जल्दबाजी की और छवि दीक्षित के साथ अन्याय किया।
एडवोकेट अक्षत व्यास पहले छवि के वकील रह चुके है और अदालत की आखरी सुनवाई में इन्हे खामोश रहने के लिये मजबूर किया गया लिहाजा ये अदालत एडवोकेट अक्षत व्यास को आज इस अदालत में अपना पक्ष रखने का एक और मौका देती है। मुझे यकीन है आप अदालत का समय बर्बाद नहीं करेंगे,,,,,,,,,!!”
“थैंक्यू माय लार्ड”,अक्षत ने एक बार फिर हाथ बांधे सर झुकाकर कहा
जज साहब ने अक्षत को एक मौका दिया है ये सुनकर चोपड़ा जी और सूर्या के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये। वे दोनों अपनी अपनी कुर्सियों पर आ बैठे।
अक्षत ने एक नजर वहा मौजूद सब लोगो को देखा और बोलना शुरू किया,”सबसे पहले तो मैं जज साहब और अदालत में मौजूद सभी लोगो को ये बताना चाहूंगा कि छवि दीक्षित केस की आखरी सुनवाई में मेरे खामोश रहने की वजह थी कि “विक्की सिंघानिया” बेकसूर था। मैं जानता था उसने छवि दीक्षित का रेप नहीं किया”
अक्षत ने जैसे ही कहा सभी हैरान रह गए और आपस ने खुसर पुसर करने लगे। छवि ने जैसे ही सुना उसने विक्की की तरफ देखा। अक्षत के मुंह से खुद के लिये निर्दोष शब्द सुनकर विक्की ने अपनी आँखे मुंदी और सर सर पीछे सीट के हत्थे से लगा लिया। छवि ने देखा तो उसे समझ आया कि अब तक इस झूठे इल्जाम की वजह से विक्की किन हालातों से गुजरा है।
उसकी आँखों में नमी तैरने लगी उसने अक्षत की तरफ देखा तो अक्षत ने छवि को देखकर अपनी पलकें झपकाकर अपनी बात पर सहमति जताई। छवि ने एक ठंडी आह भरी और अक्षत के आगे बोलने का इंतजार करने लगी।
“आर्डर , आर्डर,,,,!!”,अदालत में फैली अशांति को देखकर जज साहब ने अपना हथौड़ा टेबल पर मारते हुए कहा
सभी शांत हो गए तो अक्षत ने आगे बोलना शुरू किया,”विक्की सिंघानिया निर्दोष है ये बात मैं जानता था लेकिन उस वक्त अदालत में पेश करने के लिये मेरे पास कोई सबूत नहीं था। हालात और परिस्ठिया ऐसी थी कि ना चाहते हुए भी मुझे वो केस हारना पड़ा क्योकि मैं किसी निर्दोष को सजा होते नहीं देख सकता,,,,,,,,,,,,,,विक्की ने छवि के साथ जो किया उसके लिये कानून उसे सजा पहले ही सुना चुका था।
इस केस के बाद बार काउन्सिल ने 6 महीने के लिये मेरा लायसेंस केंसल कर दिया , 6 महीने की विक्की को सजा हुई थी और इतना वक्त मेरे लिए काफी था। मैं सीधा पॉइंट पर आना चाहूंगा माय लार्ड ,, मेरे दोनों सीनियर वकील ने अदालत में ये साबित कर दिया कि “दिलीप चौरसिया” जिसकी गाडी से छवि का किडनेप हुआ था उसी ने छवि का रेप किया और फिर शर्मिन्दा होकर खुद को फांसी लगा ली। मैं अदालत से उनकी पत्नी को कठघरे में बुलाने की इजाजत चाहूंगा माय लार्ड ?”
“इजाजत है,,!!”,जज साहब ने कहा
अक्षत ने वही भीड़ में सबसे पीछे वाली बेंच पर बैठी “दिलीप चौरसिया” की पत्नी को आगे आने के लिये कहा। वे आकर कठघरे में खड़ी हो गयी और जज साहब को नमस्ते कर अक्षत की तरफ देखने लगी। अक्षत उनकी तरफ आया और कहा,”मैं आपसे ये नहीं पूछूंगा दिलीप ने ऐसा क्यों किया ? मैं जानना चाहता हूँ आपके घर के हालात कैसे है ?”
अक्षत का सवाल सुनकर सूर्या अपनी जगह उठा और कहा,”ऑब्जेक्शन माय लार्ड ! इस केस का फैसला सुनाने में अदालत पहले ही देर कर चुकी है अब ऐसे बेतुके सवाल करके इस केस को खींचने से क्या फायदा ?”
सूर्या का यू बीच में टोकना अक्षत को अच्छा नहीं लगा उसने गुस्से से थोड़ा ऊँची आवाज में कहा,”जब तक मैं बोल रहा हूँ कोई बीच में नहीं बोलेगा,,,,,,,,बहुत ऑब्जेक्शन हो चुके इस सुनवाई में अब एक और ओब्जेक्शन आया तो इस केस से पहले मैं उनका कच्चा-चिटठा यहाँ खोलकर रख दूंगा।”
अक्षत की बात सुनकर सूर्या थोड़ा सहम गया। पास बैठे चोपड़ा जी ने हाथ पकड़कर उसे वापस बैठाया और कहा,”कुछ मत बोलो सूर्या,,,,,,,!!”
जज साहब ने अक्षत को गुस्से में देखा तो थोड़ी देर के लिये खामोश हो गए क्योकि अक्षत के गुस्से से वाकिफ तो वे भी थे और ये भी जानते थे कि इस पुरे कोर्ट अक्षत व्यास ही है जो बिना डरे सबके सामने अपनी बात रखता है।
जज साहब ने एक नजर सूर्या को देखा और कहा,”ऑब्जेक्शन ओवर रूड,,,,,,,,,,,एडवोकेट सूर्या सुनवाई के बाद आपको आपकी बात रखने का पूरा मौका दिया जायेगा तब तक के शांत बैठे।”
“मैं माफ़ी चाहता हूँ माय लार्ड”,सूर्या ने उठकर कहा और वापस बैठ गया
अक्षत ने एक बार अपना सवाल दोहराया तो दिलीप चौरसिया की पत्नी कहने लगी,”हमारे घर के हालात अच्छे नहीं है जज साहब , मेरे पति मजदूरी करते थे और मैं लोगो के घर खाना बनाने का काम किया करती हूँ। यही करके हम अपने बच्चो को पाल रहे थे। दो वक्त का खाना भी मुश्किल से खा पाते थे हम लोग उस पर बच्चो को पढ़ाना-लिखाना , वो कुछ दिनों से काफी परेशान थे बाद में पता चला उनके नाम पर किसी ने 12 लाख की गाड़ी निकलवाई है।
इतने पैसे हम लोगो ने कभी अपनी जिंदगी में नहीं देखे जज साहब ,, गाड़ी तो दूर की बात है हमारे घर में एक स्कूटर तक नहीं है। उन्होंने शहर जाकर पता चला कि वो गाड़ी जब्त हो चुकी है पुलिस उन्हें ढूंढ रही थी। उन्हें रोज कोई फोन करता था बदनामी और झूठे इल्जाम के डर से उन्होंने खुदखुशी कर ली जज साहब,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए महिला रो पड़ी। जज साहब ने सुना तो काफी हैरान हुए क्योकि सूर्या और चोपड़ा जी ने उन्हें अलग ही कहानी सुनाई थी। उन्होंने महिला का बयान फाइल में लिखा और अक्षत की तरफ देखा।
“आप जा सकती है।”,अक्षत ने महिला से कहा और जज साहब की तरफ देखकर आगे कहने लगा,”माय लार्ड ! जैसा की इन्होने कहा इनके घर के हालात अच्छे नहीं थे ऐसे में 12 लाख की गाड़ी खरीदना और उस से छवि को किडनेप करके उसका रेप करना ये बातें आपस में कनेक्ट नहीं होती है माय लार्ड ,, मैं अदालत को बताना चाहूंगा , दिलीप चौरसिया की मौत के बाद जब मैंने उसकी छानबीन की तो सामने आया कि इस घटना से कुछ महीने पहले दिलीप चौरसिया VS Group कम्पनी के पार्किंग एरिया में एक गार्ड की नौकरी करता था लेकिन किसी वजह से उसे वहा से निकाल दिया गया और उसके बाद अपना घर चलाने के लिये दिलीप मजदूरी करने लगा।
बड़ी कम्पनियो में गवर्मेंट टेक्स और बाकी चीजों से बचने के लिये अपने एम्प्लॉय के नाम जमीन , घर और गाड़ी लेना आम बात है। दिलीप चौरसिया के नाम पर भी गाडी ली गयी जिसके बारे में उसे पता तक नहीं था। किडनेपर को विक्की सिंघानिया ने वही गाड़ी अलॉट करवाई क्योकि विक्की किसी दिलीप चौरसिया को नहीं जानता था और उसे लगा इस से वह कभी पकड़ा नहीं जायेगा। ये गाडी की डिटेल्स है सर जो मैंने गाड़ी के शोरूम से मंगवाई है।”
अक्षत ने कुछ पेपर्स जज साहब की तरफ बढ़ा दिए। जज साहब ने पेपर्स देखे और अपनी फाइल में कुछ लिखा।
अक्षत ने आगे बोलना शुरू किया,”अब शक एक बार फिर विक्की सिंघानिया पर आता है लेकिन जैसा कि मैं अदालत को पहले ही ये बता चुका हूँ कि विक्की सिंघानिया निर्दोष है। किडनेपर बड़ा शातिर है सर उसने अपनी साजिश को अंजाम देने के लिये विक्की सिंघानिया को सिर्फ एक मोहरा बनाया , वो जानता था कि उसे जो चाहिए वो उसे विक्की आसानी से दे सकता है। उसका मकसद छवि का रेप करना नहीं बल्कि कुछ और था।”
“एडवोकेट व्यास आप कहना चाहते है कि किडनेपर ने छवि का रेप नहीं किया ?”,जज साहब ने सवाल किया
“जी हाँ माय लार्ड ! छवि का किडनेप करने वाला और छवि का रेप करने वाला,,,,,,,,,,,,,,,ये दो अलग इंसान है जज साहब एक नहीं”,अक्षत ने गंभीरता से कहा
अक्षत की बात सुनकर जज साहब का सर चकराने लगा , ये केस तो पहले से भी ज्यादा उलझ चुका था। अदालत में मौजूद लोग भी अक्षत की बात सुनकर हैरान परेशान थे। ये केस अब और दिलचस्प होता जा रहा था।
सूर्या और चोपड़ा जी के गले सूखने लगे तो वही सिंघानिया जी भी टेंशन में आ गए।
“आर्डर , आर्डर,,,,,,,,!!”,जज साहब ने अपना हथोड़ा टेबल पर मारते हुए कहा सभी शांत हो गए और अक्षत के आगे बोलने का इंतजार करने लगे।
अक्षत ने जज साहब की तरफ देखा और कहने लगा,”दरअसल इस केस को जान बूझकर इतना उलझा दिया गया ताकि हम असली गुनहगार तक कभी पहुँच ही ना पाये। आपसी रंजिश के चलते विक्की ने छवि का किडनेप किया और इसके लिए इसके लिए उसने किसी अनजान की मदद ली जिसका फायदा उठाया उस इंसान ने जिसने छवि का रेप किया था। उसे पता था अगर वो ऐसा करता है तो सबसे पहला शक जायेगा विक्की पर और अगर विक्की बच भी जाता है तो किडनेपर तो है ही और फिर हमारे साथी वकील भी जो एक मरे हुए इंसान को किडनेपर बताकर उसे फिर मार सकते है।”
कहते हुए अक्षत ने अपने सीनियर चोपड़ा जी और सूर्या को देखा तो दोनों के सर शर्म से झुक गए।
“क्या आप किडनेपर और उस आदमी को अदालत में पेश कर सकते है जिसने छवि दीक्षित के साथ गलत किया ?”,जज साहब पूछा
“बिल्कुल माय लार्ड लेकिन उस से पहले मैं अदालत को कुछ बताना चाहूंगा,,,,,,,,,,,जिस शख्स ने छवि दीक्षित का किडनेप किया वो कुछ महीनो पहले ही मर चुका है। इस केस को इन्वेस्टीगेट करते हुए मेरा उस आदमी से सामना हुआ था लेकिन मैं उसे पकड़ पाता इस से पहले ही उसने ट्रेन के सामने आकर अपनी जान दे दी।
रेलवे पुलिस प्रशासन ने इसकी पुष्टि भी की है और ये रहे उस से जुड़े सबूत,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अक्षत ने कुछ पेपर्स जज साहब के सामने रख दिये। जज साहब ने उन्हें देखा और यकीन भी कर लिया।
अक्षत ने आगे कहना जारी रखा,”किडनेपर ने जो किया उसकी सजा उसे मिल गयी लेकिन यहाँ असली गुनह्गार किडनेपर नहीं बल्कि कोई और है जिसने ये पूरा जाल बिछाया और सबको उसमे उलझाए रखा। एक आम आदमी की तरह वो पिछले 8 महीनो से हम सब के बीच रह कर अपनी जिंदगी जी रहा है।
मुझे लगता था रेपिस्ट छवि को जानता है और उसे नुकसान पहुँचाने , उस से बदला लेने और शायद उसे बर्बाद करने के लिये ऐसा किया है लेकिन मैं गलत था। रेपिस्ट बर्बाद तो करना चाहता था लेकिन छवि को नहीं,,,,,,,,,,,,,,बल्कि गौतम सिंघानिया को”
कोर्ट में जमा लोग एक बार फिर हैरान थे , गौतम सिंघानिया का नाम इस केस में पहली बार आया था। उन्होंने सुना तो हैरानी से अक्षत को देखने लगे।
चोपड़ा जी और सूर्या भी आपस में इस बात पर चर्चा करने लगे और जज साहब को अब इस केस में और ज्यादा दिलचस्पी होने लगी। माथुर साहब ने सुना तो मुस्कुराये और चित्रा से कहा,”इसलिए मैं इस लड़के को इतना पसंद करता हूँ क्योकि इसकी सोच वहा से शुरू होती है जहा बाकि वकील सोचना छोड़ देते है।”
चित्रा तो अभी तक सदमे में ही थी जिस अक्षत से वह बार बार छवि के केस की सुनवाई में आने को कहा करती थी तब अक्षत एक बार भी नहीं आया और आज आया तो सीधा केस लड़ने,,,,,,,,,,,,,,,
अक्षत से पूछने के लिये चित्रा के पास कई सवाल थे और वह बस इंतजार कर रही थी इस अदालत के खत्म होने का,,,,,,,!! सचिन गर्व से अक्षत के लिये खड़ा था जैसे ही सूर्या और चोपड़ा जी ने उसे देखा तो सचिन ने उन्हें देखा और एक स्माइल दी जो कि उन दोनों को शर्मिंदा करने के लिये काफी थी,,,,,,,,,,,,,,,!!”
अक्षत के मुंह से गौतम सिंघानिया का नाम सुनकर जज साहब ने कहा,”एडवोकेट अक्षत क्या आप रेपिस्ट को अदालत में पेश कर सकते है ?”
“बिल्कुल माय लार्ड,,,,,,,,,,,,इसलिए तो मैं यहाँ आया हूँ । रेपिस्ट यही मौजूद है”,अक्षत ने जैसे ही मुस्कुराते हुए कहा सब इधर उधर देखने लगे। हर कोई एक दूसरे को शक की नजरो से देख रहा था। अक्षत पलटा और ऊँची आवाज में कहा,”इंस्पेकटर कदम्ब,,,,,,,,,!!”
इंस्पेक्टर कदम्ब का नाम सुनकर सभी शांत हो गए और सबकी गर्दने एक बार फिर अदालत के दरवाजे की तरफ घूम गयी। अगले ही पल इंस्पेकटर कदम्ब एक लड़के को हथकड़ी पहनाये अपने साथ लेकर अदालत में दाखिल हुए। इंस्पेकटर कदम्ब के साथ खड़े शख्स पर जब वहा मौजूद लोगो की नजर पड़ी तो सब हैरान थे क्योकि इस केस में एक नया ही चेहरा सबको देखने को मिला था। अदालत में जहा सब उसे देखकर हैरान थे वही उसे देखकर सबसे बड़ा धक्का विक्की को लगा,,,,,,,,,,,,,,,!!”
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संजना किरोड़ीवाल
To kumar finally court m aa gaya ek aaropi k roop m…hamare Hero Akshat ne pura khel hee khatam kar diya Chopra aur Surya ka…btao mare huye insaan ko rapest bta rhe yeh dono….dikkat hai inn dono par…hum samaj aa ki kumar ne esa kyu kiya…apni maa ka badla lene k liye… shayad…khar Chavi ko insaf ko Akshat ne diya diya ..lakin amayra ko insaaf nhi mila abhi tak 😢
Har ek part mai naya twist aur yeh twist next part mai aata aur uske baad ek aur twist sach mai yeh case bahut interesting hota ja rha hai chavi ka rape aur amayra ka katil kaum ho sakta hai kahi gautam ya koi aur bahut jyda twisted chal rhi hai kahani aage ke parts ke liye bahut excited hai
Kumar 😡😡😡
Very nice part
Aur ab khulasa hoga ki akhir chhavi ka rape kiya kisne hai and vote goes to KUMAR jo ki vikki ka dost and singhania ji ka illegitimate son hai
I hope mera andesha sahi nikle
But you are a good writer I read 1st story of yours was PAAKIZAH and i liked it so much
All the very best for your future
Lagta hai Chavi ke saath jisne galath kiya voh Kumar hi hai aur usne aisa kyu kiya yeah toh wahi batayega…per Finally Akshat ne hi Chavi ko insaf dilaya aur Surya ko ab ehsaas hogaya hoga ki Akshat sach me best hai aur Judge saheb bi kush hai ki yeah case Akshat ne solve kiya yeah jankar..Madhur saheb aur Sachin kush hai aur Chitra toh bahut jyada kyuki voh shuru se yahi chahati thi ki Akshat hi yeah case lade….interesting part Maam♥♥♥♥♥♥♥
Arey wahh Mera hero ne kamaal kardiya….I love You advocate saheb….❤️❤️❤️
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❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Very👍👍👍👍 good👍👍👍👍👍