Haan Ye Mohabbat Hai – 89
Haan Ye Mohabbat Hai – 89
लिफाफा लेकर वह आदमी जैसे ही पलटा एकदम से कमरे की सभी लाइट्स जल उठी। आदमी की नजर सामने कुर्सी पर बैठे शख्स पर पड़ी तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया। सामने बैठा शख्स कोई और नहीं बल्कि,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इंस्पेक्टर कदम्ब थे।
कदम्ब कुर्सी से उठा और आदमी के सामने आकर कहा,”मुझे यकीन था तुम जरूर आओगे ,, आखिर तुम्हे सबूत जो चुराना था लेकिन तुम भूल गए कानून के लिये सबसे बड़ा सबूत तो तुम खुद हो।”
सामने खड़े शख्स ने सुना तो अपने हाथ में पकडे लिफाफे को देखने लगा।
कदम्ब ने देखा तो उसके हाथ से लिफाफा लेकर उसे खोलते हुए कहा,”अच्छा ये , ये खाली है , मछली पकड़ने के लिये जैसे जाल बिछाया जाता है वैसे ही असली गुनहगार को पकड़ने के लिये कभी कभी ऐसे छोटे मोटे सबूत बिछाने पड़ते है।”
आदमी ने देखा कि वह बुरी तरह से फंस चुका है उसने जैसे ही वहा से भागने की कोशिश की कदम्ब ने उसकी गर्दन पर एक हाथ मारा और आदमी बेहोश होकर नीचे जा गिरा।
कदम्ब नीचे बैठा और उसे देखते हुए कहा,”पुलिस को क्या तुम लोगो ने फालतू समझ रखा है,,,,,,,,,,,फ़िलहाल मस्त नींद लो कल सुबह तुम्हारी खातिरदारी करेंगे।”
कदम्ब ने उसे वहा रखी कुर्सी पर बैठाकर बांध दिया और कमरे का दरवाजा बंद कर बाहर निकल गए।
अगली सुबह सबकी जिंदगी में एक नया सवेरा लेकर आयी थी। आज छवि दीक्षित केस की आखरी सुनवाई थी छवि को उम्मीद थी कि उसे इंसाफ मिल जायेगा और असली गुनहगार सबके सामने होगा। विक्की को भी उम्मीद थी और वह चाहता था कि छवि को इंसाफ मिल जाये। चोपड़ा जी और सूर्या आखरी सुनवाई के बाद इस केस के बंद होने उम्मीद में थे। कोर्ट म इ मौजूद सभी वकीलो में आज की सुनवाई चर्चा का विषय बनी हुई थी कि जिस केस को अक्षत व्यास नहीं जीत सका उसे सूर्या कैसे जीतेगा ?
माहौल काफी गर्म था और हालात काफी नाजुक,,,,,,,,,,,,,,सूर्या चोपड़ा जी से हाथ मिला चुका था और उसे अब ये केस बंद करना था साथ जीतना भी था जिस से वह अक्षत के सामने खड़े होकर उसे दिखा सके कि इस कोर्ट का असली खिलाडी कौन है ? लेकिन अक्षत तो आज आया ही नहीं था।
छवि अपनी माँ माधवी और मामा के साथ कोर्ट चली आयी। सिंघानिया जी और विक्की भी कोर्ट चले आये। कुछ मिडिया वाले भी वहा मौजूद थे। आज कोर्ट में भीड़ रोजाना से ज्यादा थी। केस की सुनवाई शुरू होने वाली थी सभी कोर्ट रूम जाने लगे। आज पहली बार चोपड़ा जी और सूर्या साथ साथ हँसते हुए कोर्ट रूम जा रहे थे तभी सचिन माथुर साहब के साथ उनके बगल से गुजरा। सूर्या ने सचिन को देखा तो कहा,”अरे सचिन क्या बात है आज तुम्हारे वकील साहब कही नजर नहीं आ रहे ,, हार के डर से कही छुपकर बैठ गए है क्या ?”
सूर्या ने जैसे ही कहा माथुर साहब और सचिन को छोड़कर बाकि सब जोर जोर से हंसने लगे।
“बस करो सूर्या एक ही केस के लिये बेचारा अक्षत व्यास कितनी बार अपनी हार देखेगा,,,,,,,,,!!”, चोपड़ा जी ने कहा तो सभी फिर हंस पड़े
सचिन ने सुना तो उसे बहुत गुस्सा आया वह जैसे ही कुछ बोलने के लिए आगे बढ़ा माथुर साहब ने उसका हाथ पकड़कर ना में गर्दन हिला दी। माथुर साहब समझते थे इसलिए उन्होंने जवाब ना देकर वहा से जाना ठीक समझा,,,,,,,,,,,,,,!!”
“सर आपने मुझे रोका क्यों ? वो लोग अक्षत सर के बारे में कितना गलत बोल रहे थे सुना न आपने”,सचिन ने माथुर साहब के साथ चलते हुए कहा
माथुर साहब रुके और सचिन की तरफ देखकर कहा,”सचिन , कभी कभी ऐसे लोगो को जवाब देना जरुरी नहीं होता। आदमी को जब बिना मेहनत किये जीत हासिल होती है तब उसकी बुद्धि काम करना बंद कर देती है और वह खुद को सबसे ऊपर मानने लगता है। वैसे भी ये जीत इन्हे भीख में मिली है तो तुम्हे ऐसे लोगो की बातो पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। आओ चलते है।”
माथुर साहब की बात सुनकर सचिन ने आगे कुछ नहीं कहा और उनके साथ कोर्ट रूम चला आया। माथुर साहब ने जब चित्रा को वहा देखा तो कहा,”तुम्हे यहाँ देखकर अच्छा लगा”
“सोचा जाने से पहले छवि को इंसाफ मिलते देख लू”,चित्रा ने फीका सा मुस्कुरा कर कहा
“तुम कही जा रही हो ?”,सचिन ने चित्रा को देखकर धड़कते दिल के साथ पूछा
“हाँ मैं हमेशा हमेशा के लिये ये शहर छोड़कर जा रही हूँ।”,चित्रा ने बुझे स्वर में कहा और माथुर साहब के साथ आगे बढ़ गयी लेकिन सचिन वही खड़ा रह गया।
चित्रा की बात सुनकर सचिन का दिल टूट गया। चित्रा शायद ये बात नहीं जानती थी लेकिन सचिन चित्रा को बहुत पसंद करता था और दिल ही दिल में उसे चाहने भी लगा था लेकिन वह चित्रा से कभी अपने दिल की बात कह नहीं पाया।
चित्रा अक्षत को चाहती है ये जानते हुए भी सचिन ने हमेशा चित्रा का इंतजार किया लेकिन आज चित्रा ने ये शहर छोड़ने की बात करके उसका दिल तोड़ दिया।
सचिन वही पीछे भीड़ में खड़े हो गया चित्रा के सामने जाने की हिम्मत अब उसमे नहीं थी।
सभी लोग कोर्ट रूम आ चुके थे बस जज साहब का इंतजार था। आज कठघरे में कोई नहीं था। विक्की चोपड़ा जी वाली तरफ बैठा था और छवि सूर्या की तरफ। छवि ने जैसे ही विक्की की तरफ देखा पाया विक्की उसे ही देख रहा है ये देखकर छवि का दिल धड़क उठा। दोनों ख़ामोशी से एक दूसरे को देखते रहे तभी जज साहब की आवाज उनके कानों पड़ी उन्होंने अपना हथोड़ा टेबल पर मारते हुए कहा,”आर्डर आर्डर , आज की कार्यवाही शुरू की जाये”
कोर्ट रूम में शांति पसर गयी और सूर्या अपनी कुर्सी से उठकर आगे आया और कहा,”माय लार्ड आज की कार्यवाही शुरू करते हुए मैं सबसे पहले आपका शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जिन्होंने इस केस को 3 दिन की मोहलत और दी , उसके बाद मैं मेरे साथ वकील चोपड़ा जी को थैंक्स कहना चाहूंगा जिन्होंने गुनहगार तक पहुँचने में मेरी मदद की,,,,,,,,,,,,जज साहब जैसा कि विक्की सिंघानिया और रॉबिन के निर्दोष साबित होने के बाद इस केस में कोई जान नहीं बचती है लेकिन कानून का भी एक फर्ज है कि वो असली मुजरिम को ढूंढकर उसे सजा दे।
छानबीन के दौरान कुछ बातें मेरे सामने आयी है माय लार्ड जो मैं अदालत में सबके सामने रखना चाहूंगा।”
“इजाजत है।”,जज साहब ने कहा
“थैंक्यू माय लार्ड,,,,,,,,,,माय लार्ड जिस आदमी ने छवि का किडनेप किया था और उसे लेकर मिस्टर सिंघानिया के फार्म हॉउस पर गया था केस के बाद से ही अदालत उस पॉइंट को मिस कर रही है।
जी हाँ माय लार्ड जिस आदमी ने छवि का किडनेप किया वो आदमी भी तो रेपिस्ट हो सकता है।”
“हो सकता है के आधार पर ये अदालत किसी को मुजरिम नहीं मान सकती है , एडवोकेट सूर्या”,जज साहब ने कहा
“बिल्कुल माय लार्ड , इसलिए मैं छवि दीक्षित केस के मामले में शामिल डॉक्टर मेहता को यहाँ बुलाना चाहूंगा जिन्होंने रेपिस्ट की रिपोर्ट्स तैयार कर अदालत में पेश की थी,,,,,,,,!!”,सूर्या ने कहा
“इजाजत है,,,,,,,,,,!!”,जज साहब ने कहा
“थैंक्यू माय लार्ड,,,,,,,,!!”,सूर्या ने कहा
अगले ही पल डॉक्टर मेहता कटघरे में खड़े थे जिन्होंने छवि और रेपिस्ट जो की पहले विक्की सिंघानिया था कि रिपोर्ट्स तैयार करके दी थी। सूर्या उसके सामने आया और कहा,”डॉक्टर मेहता क्या आप अदालत को बताएँगे छवि दीक्षित के मेडिकल रिपोर्ट्स किसने तैयार किये थे ?”
“वो रिपोर्ट्स मैंने खुद तैयार किये थे,,,,,,!!”,डॉक्टर मेहता ने कहा
“उन रिपोर्ट्स में आपने विक्की सिंघानिया को निर्दोष दिखाया जो कि वो है , लेकिन आपने रॉबिन को उसमे दोषी क्यों दिखाया ? क्या आपने किसी के कहने पर रिपोर्ट्स बदले थे ?”,सूर्या ने कठोरता से कहा
डॉक्टर मेहता खामोश रहे उन्होंने कुछ नहीं कहा तो सूर्या ने थोड़ा और कठोर होकर कहा,”क्या आपने वो रिपोर्ट्स बदले थे मिस्टर मेहता ? आप जानते है कि अदालत में ये साबित हो चुका है कि विक्की सिंघानिया और रॉबिन दोनों ही बेकसूर है तो फिर आपने किसके कहने पर वो रिपोर्ट्स बदले ? जवाब दीजिये,,,!”
सूर्या की बात सुनकर डॉक्टर मेहता घबरा गए सच बोलने के अलावा उनके पास कोई दुसरा रास्ता नहीं था उन्होंने सूर्या की तरफ देखा और घबराये हुए स्वर में कहा,”मैं , मैं उसे नहीं जानता , उस दिन वो मेरे पास आया था उसने मुझे कुछ पैसे दिए और कहा कि रिपोर्ट में रॉबिन का नाम डाल दो ,, मैं उसके बाद उस से दोबारा कभी नहीं मिला,,,,,,,,,,,मैं उसे , मैं उसे नहीं जानता,,,,,,,,!!”
जज साहब ने जैसे ही सुना पैसे लेकर एक डॉक्टर ने रिपोर्ट बदल दी तो उन्होंने अफ़सोस में अपना सर हिलाया। सूर्या यही नहीं रुकने वाला था इसलिए गुस्से से कहा,”और उसके कहने पर तुमने रिपोर्ट चेंज कर दी , ये नहीं सोचा तुम्हारे लालच की वजह से एक आदमी को उम्र कैद की सजा हो
गयी , वो लड़की जो इंसाफ के लिये हर रोज अदालत के चक्कर काट रही है उसे अब तक इंसाफ नहीं मिला , तुमने सिर्फ रिपोर्ट ही नहीं बदली बल्कि एक रेपिस्ट को बचाया है। तुम जैसे डॉक्टर्स हमारे समाज के लिये श्राप है।”
“आई ऍम सॉरी,,,,,,,,,,!”,कहते हुए डॉक्टर मेहता ने गर्दन झुका ली
जज साहब ने अपनी फाइल में कुछ लिखा और कहा,”एडवोकेट सूर्या ! डॉक्टर मेहता ने रिपोर्ट में बदलाव किया ये बात अदालत मान भी लेती है तो इस से ये साबित कैसे हुआ कि छवि का रेप उसी किडनेपर ने किया है ?”
जज साहब के सवाल पर अदालत में फिर शांति पसर गयी सूर्या ने जितना आसान समझा था उतना आसान ये सब था नहीं। सूर्या कुछ जवाब देता इस से पहले चोपड़ा जी ने कहा,”माय लार्ड मैं अदालत में अपना पक्ष रखने की इजाजत चाहूंगा ?”
“इजाजत है,,,,,!!”,जज साहब ने कहा
चोपड़ा जी आगे आये और कहने लगे,”माय लार्ड अब तक की सुनवाई से बहुत सी चीजे पहले ही क्लियर हो चुकी है।
आपसी रंजिश के चलते विक्की सिंघानिया ने छवि का किडनेप करवाया , विक्की से मैंने इस केस को लेकर फिर से पूछताछ की और उस से यही निष्कर्ष निकलता है कि छवि का रेप उसी किडनेपर ने किया। उसने मोके का फायदा उठाया और अपने गलत इरादों को अंजाम दिया उसने छवि की जिंदगी तो बर्बाद की ही की साथ ही साथ गौतम सिंघानिया का नाम भी ख़राब किया। इस केस के चलते गौतम सिंघानिया को अब तक कारोबार में कितना नुकसान हो चूका है , साथ ही मानसिक कष्ट भी मिला है। उस किडनेपर के अलावा और कोई नहीं है जिसने ये किया है।”
चोपड़ा जी की बात सुनकर जज कुछ देर खामोश रहे और फिर कहा,”एडवोकेट चोपड़ा और एडवोकेट सूर्या आपका मानना है कि छवि दीक्षित केस में असली गुनहगार वह किडनेपर है तो अदालत चाहेगी कि आप उन्हें यहाँ पेश करे। जिस से अदालत गुनहगार को कड़ी से कड़ी सजा देकर अपना फैसला सूना सके और इस केस को बंद कर सके।”
जज साहब की बात सुनकर दोनों ने अफ़सोस वाले भावो के साथ जज साहब को देखा और फिर सूर्या ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा,”माय लार्ड ! मुजरिम को अपने किये की सजा पहले ही मिल चुकी है।”
“आप कहना क्या चाहते है मिस्टर सूर्या , ज़रा अपनी बात को स्पष्ट करे,,,,,,!!”,जज साहब ने कहा
“माय लार्ड जिस किडनेपर और रेपिस्ट की यहाँ बात की जा रही है दरअसल कुछ महीने पहले ही उसकी मौत हो चुकी है , उसने छवि के साथ जो किया उस पछतावे में आकर आकर उसने खुद को फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली माय लार्ड,,,,,,,,,,,,!”,सूर्या ने कहा
सूर्या की बात सुनकर अदालत में खुसर फुसर होने लगी। छवि भी हैरान थी लेकिन कही न कही उसे तसल्ली थी कि जिसने उसके साथ गलत किया उसे सजा मिल चुकी है।
“आर्डर आर्डर मिस्टर सूर्या क्या आपके पास इसका कोई सबूत है ?”,जज साहब ने कहा
“यस ! माय लार्ड,,,,,,,!!”,कहते हुए सूर्या ने अपनी टेबल पर रखी फाइल उठायी और जज साहब के असिस्टेंट की तरफ बढ़ा दी। उन्होंने फाइल जज साहब के सामने रख दी। जज साहब ने फाइल देखी और फिर सूर्या की तरफ देखा तो सूर्या ने कहा,”जज साहब जिस गाड़ी से छवि का किडनेप किया गया उस गाड़ी का नंबर और किडनेपर की डिटेल्स सब इस फाइल में है।
साथ ही किडनेपर का डेथ सर्टिफिकेट भी मौजूद है आई थिंक इतने सबूत काफी होंगे उसके खिलाफ,,,,,,,मैं अदालत को बताना चाहूंगा जज साहब कि इन तथ्यों और सबूतों के आधार पर “दिलीप चौरसिया” ने ही छवि का किडनेप किया और फिर उसका रेप कर उसे बुरी हालत में छोड़कर फरार हो गया। अदालत से उसे सजा नहीं मिल सकी लेकिन ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं,,,,,,,,
अदालत की सजा से तो वह बच गया लेकिन उपरवाले की अदालत में उसकी सजा पहले ही तय हो चुकी थी। मैं अदालत से ये दरख्वास्त करूंगा कि छवि दीक्षित केस को अब और ना खींचकर इसे बंद कर दिया जाये और छवि के बेहतर भविष्य के लिये हम सब से जो मदद होगी हम उसके लिये करेंगे। देट्स ऑल माय लार्ड,,!!
सूर्या ने हाथ बांधकर पीछे हटते हुए कहा। जज साहब ने अपनी फाइल में फैसला लिखा और कहा,”सारे सबूतों और गवाहों को मध्य नजर रखते हुए ये अदालत,,,,,,,,,,,,,,!
जज साहब इतना ही कह पाये कि तभी एक कड़कदार आवाज जज साहब के साथ साथ पुरे कोर्ट में गुंजी,”ऑब्जेक्शन माय लार्ड,,,,,,,,,,,!!”
सबने दरवाजे पर खड़े उस शख्स को देखा और अदालत में मौजूद आधे से ज्यादा लोगो के दिलो की धड़कने बढ़ गयी और जज साहब के होंठो पर मुस्कान तैर गयी
Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89 Haan Ye Mohabbat Hai – 89
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संजना किरोड़ीवाल
Esa lagta hai ki shayad Akshat inspector Kadam k sath kumar ko court m lekar aaya hai ya fir Inspector Kadam hee kumar ko lekar aaye hai…quki kumar ne hee Chavi ka rape kiya hai aur Vicky se badla lena chahata ho… shayad Vicky aur kumar step brothers to nhi hai…tukka
Areyy wahh grand entry my herooo….❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
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Are wah hmara sadu aa hi gya waqt pe ab to sbki chutti hi kr denge akshat ji wohooo😄❤❤
Very nice part